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डीआरएस होता तो पहले ही 10 विकेट ले लेता-कुंबले
01-Aug-2020 5:06 PM
डीआरएस होता तो पहले ही 10 विकेट ले लेता-कुंबले

नई दिल्ली, 1 अगस्त (नवभारत टाईम्स)। टीम इंडिया के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने दिल्ली में पाकिस्तान के खिलाफ पारी में दस विकेट लेकर कीर्तिमान स्थापित किया था। हालांकि कुंबले का मानना है कि अगर उनके दौर में डीआरएस होता तो वह उस मैच में पहले ही यह करिश्मा कर चुके होते। 

कुंबले ने रविचंद्रन अश्विन के साथ एक यूट्यूब चैनल पर बातचीत में यह बात कही। इस वीडियो में कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ पारी में 10 विकेट के अलावा अपने अन्य क्रिकेट अनुभवों को साझा किया। 

अश्विन ने कुंबले से उस अनुभव के बारे में पूछा जब वह 9 विकेट ले चुके थे। और लोग उन्हें 10 विकेट दिलवाने की कोशिश कर रहे थे। जवागल श्रीनाथ लगातार ऑफ स्टंप के बाहर गेंद फेंक रहे थे। उन्होंने तो सदागोपन रमेश को कैच न लेने तक को कहा था। 

इस पर पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह पारी के सभी 10 विकेट हासिल कर लेंगे। वह तो बस करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते थे। 

कुंबले ने बताया, जब मैंने छह विकेट ले लिए थे तब टी ब्रेक हुआ। तो जब मैं वापस आया तो थका हुआ था। चूंकि मैंने लंच से टी तक उस स्पेल में लगातार बोलिंग की थी। तब टी पर मुझे अहसास हुआ कि मैं अपने पूर्व प्रदर्शन को सुधार सकता हूं। मैंने कभी सभी 10 विकेट लेने के बारे में नहीं सोचा था। अनिल कुंबले ने याद किया कि उन्होंने 8वां और 9वां विकेट ओवर की आखिरी दो गेंदों पर लिया था। 
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि आप मैच में यह सोचकर जाते हो कि सभी 10 विकेट आप ही लोगे। हालांकि आप तैयारी उसी तरह करते हो यानी मैं नंबर 1 से 11 तक के बल्लेबाजों को कैसे बोलिंग करूंगा? यह आपके दिमाग में होता है। तो 8वां और 9वां विकेट उस ओवर की पांचवीं और छठी गेंद पर हुआ।
कुंबले ने दर्शकों का धन्यवाद अदा करते हुए कहा, जब मैं नौ विकेट लेकर थर्ड मैन पर फील्डिंग करने गया तो दर्शकों की ओर से मुझे शुभकामनाएं मिलने लगीं। लोग कह रहे थे चिंता मत करो आपको सभी 10 विकेट मिलेंगे।
कुंबले ने कहा कि उनका प्लान था कि वसीम अकरम को एक रन देकर बल्लेबाजी से दूर करें और 11वें नंबर के बल्लेबाज वकार यूनिस को गेंदबाजी करें। इसके लिए उन्होंने मिड-ऑन, मिड-ऑफ को पीछे भी कर दिया था लेकिन दो गेंद बाद ही वह समझ गए कि अकरम सिंगल नहीं लेंगे। इसके बाद कुंबले ने अपनी रणनीति बदली और बाएं हाथ के अकरम को शॉर्ट लेग पर वसीम अकरम के हाथों कैच आउट करवाया। 
अश्विन ने कुंबले को याद दिलाया कि जब उन्होंने आखिरी विकेट लिया तो वह पीछे की ओर दौड़े थे, उस समय ऐसा लगा था कि वह अंपायर जयप्रकाश को गोद में उठा लेंगे। हालांकि कुंबले ने इससे इनकार किया। 
उन्होंने कहा, यह काफी हैरानी की बात है। मुझे लगता है कि हर कोई इस इवेंट का हिस्सा होना चाहता था। हो सकता है कि जय भी यही सोच रहे हों कि यह उनके लिए भी खास लम्हा था। मैं जानता हूं कि इस पर खूब चर्चा हुई कि जय भी बैंगलोर से हैं। लेकिन आखिर वह अंपायर हैं... मुझे लगता है कि यह बकवास है कि जब आप विकेट का श्रेय अंपायरों या अंपायर के पक्षपात को देने लगते हो। 
अश्विन ने कहा कि किसी भी फैसले पर कोई डाउट नहीं था। अगर तब डीआरएस होता तो यह साबित हो जाता। इस पर कुंबले ने कहा, अगर तब डीआरएस होता तो शायद वह पहले ही अपने 10 विकेट पूरे कर चुके होते।
कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में दिल्ली में हुए टेस्ट मैच की दूसरी पारी में सभी 10 विकेट लिए थे। पाकिस्तान के सामने 420 रन का लक्ष्य था। कुंबले ने 74 रन देकर 10 विकेट लिए थे और पाकिस्तान 207 रन पर ऑल आउट हो गई थी। भारत ने मैच 212 रन से जीता था।  (नवभारत टाईम्स)

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