राष्ट्रीय

किसानों का दिल्ली कूचः 'जहां रोका जाएगा, वहीं बैठकर विरोध प्रदर्शन करेंगे किसान'
25-Nov-2020 1:56 PM
किसानों का दिल्ली कूचः 'जहां रोका जाएगा, वहीं बैठकर विरोध प्रदर्शन करेंगे किसान'

ANI

प्रवीण शर्मा

खेती से जुड़े केंद्र सरकार के तीन क़ानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान 26-27 नवंबर को 'दिल्ली चलो' के आह्वान के साथ राजधानी में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं.

ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) ने बताया है कि 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन का योजना के मुताबिक जारी रहेगा और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.

इन संगठनों के मुताबिक, जहां भी किसानों को दिल्ली में जाने से रोका जाएगा, किसान वहीं पर बैठकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे.

ANI

योगेंद्र यादव की पार्टी 'स्वराज इंडिया' के किसान संगठन 'जय किसान आंदोलन' के हरियाणा कार्यकारिणी के सदस्य राजीव गोदारा ने बीबीसी हिंदी को बताया कि हरियाणा पुलिस दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों को गिरफ्तार कर रही है.

गोदारा कहते हैं, "हरियाणा पुलिस ने एक एडवाइज़री जारी कर दी है कि हरियाणा से आगे किसानों को नहीं जाने देंगे. किसान संगठनों ने तय किया है कि दिल्ली जा रहे किसानों को जहां रोक दिया जाएगा वे वहीं बैठ जाएंगे."

ANI

गोदारा कहते हैं कि तकरीबन डेढ़ से दो लाख किसान तो अकेले पंजाब से ही दिल्ली पहुंच रहे हैं, इसके अलावा हरियाणा, यूपी और दूसरी जगहों से भी बड़ी तादाद में किसान दिल्ली कूच करेंगे.

सितंबर में केंद्र सरकार के लाए गए तीन किसान क़ानूनों का इन्हें पेश किए जाने के बाद से ही देशभर में किसान संगठनों की ओर से विरोध किया गया है. इसके अलावा, विपक्षी पार्टियों ने भी इन कानूनों को लेकर कड़ा एतराज जताया है.

भारतीय किसान यूनियन लखोवाल ग्रुप के पंजाब के राज्य सचिव गुरविंदर सिंह कूमकलां का कहना है कि पंजाब के हर ज़िले से करीब 150-200 ट्रॉलियों में किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे.

गुरविंदर सिंह ने बीबीसी को बताया, "पंजाब के कई जिलों से तो किसान आज ही दिल्ली के लिए चल दिए हैं. अगर हरियाणा दिल्ली बोर्डर या कहीं दूसरी जगह किसानों को रोका जाएगा तो किसान वहीं पर विरोध प्रदर्शन करेंगे."

गुरविंदर सिंह कहते हैं कि दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की तरफ से अभी तक दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन की इजाज़त नहीं मिली है.

ANI

हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का संगठन भारतीय किसान संघ इस आंदोलन में शामिल नहीं है.

भारतीय किसान संघ के हरियाणा राज्य के महामंत्री वीरेंद्र सिंह बड़खालसा ने बीबीसी हिंदी को बताया, "भारतीय किसान संघ को इस 'दिल्ली चलो' कार्यक्रम की न कोई सूचना है, न ही हम इसमें शामिल हैं."

हालांकि, उन्होंने कहा, "हम किसान बिलों पर अपनी मांगों को लेकर कायम हैं."

वीरेंद्र सिंह बड़खालसा कहते हैं, "ऐसी खबरें आ रही हैं कि हरियाणा में किसान नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है."

पंजाब और हरियाणा में इन कानूनों के विरोध में किसानों का जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है.

पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के केंद्र के किसान कानूनों को खारिज करने और अपने कानून पास किए जाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन रुके नहीं हैं. किसानों के पटरियों को रोकने के चलते पंजाब में रेल सेवाएं ठप्प पड़ी हैं.

केंद्र के इन कानूनों में बदलाव की किसान संगठनों की मांग को अभी तक न माने जाने के चलते एआईकेएससीसी ने 26-27 नवंबर को दिल्ली चलो का ऐलान कर दिया है.

एआईकेएससीसी ने अपने बयान में कहा है कि किसान विरोधी और जन विरोधी कानूनों को वापस लिए जाने के लिए किसानों की सामूहिक प्रतिबद्धता के चलते केंद्र सरकार में खलबली है और दिल्ली पुलिस जैसी केंद्र सरकार की एजेंसियां किसानों के इस शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन के कार्यक्रम को दबाने की कोशिशों में लगी हुई हैं.

खबरों के मुताबिक, बड़ी तादाद में बसों, ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों से किसान पंजाब और दूसरी जगहों से दिल्ली की ओर कूच करने वाले हैं.

किसान संगठनों ने यह भी आरोप लगाया है कि दिल्ली के लिए रवाना की गई राशन से लदी 40 ट्राॉलियों को हरियाणा सरकार ने दिल्ली सीमा पर ही रोक लिया है.

किसान संगठनों का कहना है कि हरियाणा में खासतौर पर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे किसान नेताओं को पुलिस रात में गिरफ्तार कर रही है और किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने की कोशिश कर रही है. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news