खेल
नई दिल्ली, 24 जनवरी। बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली टीम इंडिया (Team India) पूरी दुनिया में वाहवाही बटोर रही है. 21 साल के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल (Shubman Gill) ने भारत की इस जीत में बड़ा योगदान दिया. एडिलेड में मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सीरीज के पहले मैच में टीम इंडिया की दूसरी पारी महज 36 रन ही सिमट गई थी, जिसके बाद मेलबर्न में गिल को डेब्यू करने का मौका मिला. इस सलामी बल्लेबाज ने दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों की गेंदों पर शानदार शॉट लगाए. ब्रिस्बेन टेस्ट में उन्होंने 91 रन की पारी खेली और चेतेश्वर पुजारा के साथ 114 रन की साझेदारी की. गिल ने छह पारियों में दो अर्धशतक लगाए. उन्होंने 427 गेंदों का सामना किया और तीन टेस्ट में 259 रन बनाए.
सिर्फ चेतेश्वर पुजारा 928 और अजिंक्य रहाणे 562 की ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने उनसे ज्यादा गेंदों का सामना किया. हिंदुस्तान टाइम्स के साथ खास बातचीत में गिल ने कहा कि यह शानदार दौरा था, जिस तरह से टीम ने वापसी की और सीरीज पर कब्जा किया, यह शानदार था. ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने वाली टीम का हिस्सा होने में गर्व है. गिल ने कहा कि डेब्यू के दौरान मैंने खुद से कहा था कि टेस्ट क्रिकेट में स्वागत है.
ब्रिस्बेन में जीत के लिए उतरे थे
गिल ने बताया कि एडिलेड में करारी शिकस्त मिलने के बाद मैंने स्थानीय अखबारों की हेडलाइन देखी थी, जिसके बाद मैंने टीम मैनेजमेंट को कहा कि मैं बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेलना चाहूंगा. इसीलिए मैं चुनौती के लिए तैयार था. मैंने कोई दबाव नहीं लिया और सिर्फ अपना नेचुरल खेल खेला. आर अश्विन, जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी के चोटिल होने के बाद ब्रिस्बेन में टीम के जीत के विश्वास पर गिल ने कहा कि टीम का लक्ष्य जीत था.
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पहली पारी में जिस तरह से वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर खेले, वह अद्भुत था. दूसरी पारी में हमें अच्छी शुरुआत मिली. चेतेश्वर पुजारा ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, वो काफी प्रेरणादायक रही. इसके बाद ऋषभ पंत ने शानदार क्रिकेट खेला. ड्रेसिंग रूम से हम सभी उनका उत्साह बढ़ा रहे थे. वह मेरे हीरो हैं. 89 रन की पारी के लिए उनको सलाम है.