राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने पांच महीने के निलंबन के बाद सोमवार को अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं, जिसपर सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन ने यात्रियों को कम से कम सामान और धातु की वस्तुओं को ले जाने की अपील की। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) प्रमुख ने यह अपील चेकिंग प्वाइंट पर भीड़ से बचने के लिए स्पीड बैगेज स्क्रीनिंग और फ्रिस्किंग के लिए की।
सीआईएसएफ के महानिदेशक ने दिल्ली मेट्रो स्टेशनों का दौरा करने के बाद कहा कि डीएमआरसी ने सुबह 7 बजे से येलो लाइन पर अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं।
उन्होंने कोरोनावायरस की चुनौती को व्यवस्थित करने के लिए सीआईएसएफ के नजरिए से की गई स्थिति और व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी मद्देनजर सभी प्रकार की अतिरिक्त सुरक्षात्मक कदमों का पालन किया जा रहा है।
रंजन ने सुधीर कुमार सक्सेना एडीजी (हेडक्वाटर), दयाल गंगवार इंस्पेक्टर जनरल (एनसीआर), जितेंदर राणा डीआईजी (डीएमआरसी) समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय सचिवालय से चढ़कर राजीव चौक से लेकर जोरबाग तक मेट्रो का दौरा किया।
इस दौरे के दौरान रंजन ने सीआईएसएफ कर्मियों से मुलाकात की और उन्हें नए सरकारी दिशानिर्देशों के बारे में अवगत कराया, इस दौरान उन्होंने मेट्रो यात्रियों से भी बातचीत की।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रवादी जनता पार्टी (राजपा) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कोरोनावायरस महामारी और बाढ़ की गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को बिहार चुनाव टालने का निर्देश देने की मांग की गई है।
पार्टी ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से मांग की है कि वह चुनाव आयोग को बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल मार्च में कराए जाने का निर्देश दें। बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर से नवंबर के बीच होने की संभावना है।
दलील में कहा गया है, "भारत के लोगों की सुरक्षा के लिए बेहतर होगा कि मार्च, 2021 के महीने में किसी समय चुनाव आयोजित किया जाए, जब राज्य में स्थिति कुछ सामान्य हो जाए, ताकि नागरिकों को महामारी या बाढ़ से कोई खतरा न हो और वह इसमें भाग ले सकें और अपना वोट सुरक्षित रूप से दे सकें।"
याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान में दुनिया के अधिकांश देश कोविड-19 महामारी से पीड़ित हैं और भारत इसका लगभग केंद्र बन गया है।
याचिका में कहा गया है, "भारत एक विकासशील देश है और इसकी एक विशाल आबादी है। संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों जैसे विकसित देशों की तुलना में हमारे देश की विशाल आबादी और चिकित्सा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, फैसला लिया जाए, क्योंकि हर तरह से संभावना है कि यह महामारी आगे और बढ़ेगी। भारत के लोगों का जीवन अभी खतरे में है।"
राज्य में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए दलील में कहा गया है कि लाखों लोग बेघर हो गए हैं और उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। इसलिए, इन असाधारण परिस्थितियों में सरकार को वोट डालने के लिए लोगों पर किसी तरह का भार नहीं डालना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा है कि ऐसे समय में जब महामारी अपने चरम पर है और राज्य में बाढ़ के कारण लोगों की स्थिति दयनीय है, तो इस समय चुनाव कराने से बचना चाहिए।
राजपा अध्यक्ष और अधिवक्ता बिनय कुमार दास के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव स्थगित करने के बारे में निर्वाचन आयोग को 30 जून को एक प्रतिवेदन दिया गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर। प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एफएफजे) ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर पंजाब में 13 सितंबर को 'रेल रोको' आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब में कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस को सतर्क कर दिया है।
सोमवार की सुबह गोयल को भेजे एक ईमेल पत्र में, अमेरिका आधारित एसएफजे के अटॉर्नी और जनरल काउंसलर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने रेलमंत्री को 13 सितंबर को पंजाब में किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सभी ट्रेनों को रद्द करने की चेतावनी दी है।
एसएफजे ने पत्र में दावा किया है कि किसानों की ओर से इस संबंध में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिलने वाली है, जिसके तहत वह 'चेन पुलिंग' और पंजाब भर में ट्रेन की पटरियों पर 'धरना' (विरोध प्रदर्शन) के माध्यम से 'रेल रोको' अभियान में शामिल होंगे।
इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को पंजाब में किसान आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के प्रति उदासीनता और आपराधिक लापरवाही का दोषी ठहराया गया है। इसके साथ ही पत्र में उल्लेख किया गया है कि एसएफजे ने किसानों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए 13 सितंबर को 'रेल रोको' आंदोलन करने की योजना बनाई है।
पत्र में कहा गया है, "हम सावधान करते हुए लिख रहे हैं कि किसानों की आत्महत्या पर जनता की भावनाएं आहत हो रही हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 13 सितंबर को पंजाब में सभी मार्गो पर रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया जाना चाहिए।"
रेलमंत्री को लिखे गए पत्र ने संकेत दिया गया है कि अगर 13 सितंबर को निर्धारित समय पर पंजाब में ट्रेनों को चलाया जाता है तो यह सरकार की ओर से सार्वजनिक आक्रोश का अनादर होगा।
पत्र में कहा गया है, "सबसे अधिक शिक्षित, योग्य और परिष्कृत व्यक्ति होने के नाते, जो वास्तव में मोदी के मंत्रिमंडल में एक दुर्लभ व्यक्ति हैं, हम उनसे पूरी उम्मीद करते हैं कि हमारी भावना को बेहतर तरीके से समझेंगे और आप पंजाब में ट्रेनों को रद्द करवा देंगे।"
रेलमंत्री के साथ ही यह पत्र रेल राज्यमंत्री सुरेश चनबसप्पा, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी, मंडल रेल प्रबंधक, फिरोजपुर राजेश अग्रवाल और रेलवे पुलिस, पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) संजीव कालरा को भी मेल किया गया है।
खालिस्तान समर्थक संगठन लंबे समय से भारत में कानून-व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। इस संगठन ने अपने हालिया प्रयास में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 125,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी।
भारत की ओर से रेफरेंडम 2020 के तहत मतदाता पंजीकरण वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के बाद अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर मतदाता पंजीकरण ऐप लॉन्च किया था।
प्रतिबंधित संगठन ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह के 25वें शहादत दिवस (अलगाववादी दिलावर को शहीद मानते हैं) के उपलक्ष्य में गूगल ऐप वॉयस पंजाब 2020 लॉन्च किया था।
कांग्रेस नेता बेअंत सिंह वर्ष 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे। 31 अगस्त, 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था। इस आतंकी हमले में उनके साथ 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी। इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी।
एमएचए द्वारा प्रतिबंधित एसएफजे ने रेफरेंडम 2020 की तरफदारी करने के लिए जुलाई 2019 में चार जुलाई से पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर को अलग-अलग पोट्र्रेट के माध्यम से रेफरेंडम 2020 के लिए अपना ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण शुरू करने के लिए चुना था, लेकिन कथित तौर पर यह समर्थन एकत्र नहीं कर सका।
न्यूयॉर्क में रहने वाला एसएफजे का मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू अपने अलगाववादी मंसूबों को सफल बनाने के लिए आए दिन कोई न कोई रास्ता निकालने की जुगत में रहता है।
समूह ने इससे पहले कनाडाई पोर्टल को खालिस्तान की मांग के लिए दिल्ली में लांच करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय कानून प्रवर्तक एजेंसियों की कार्रवाई से संगठन इसमें सफल नहीं हो पाया था। संगठन पंजाब में सिखों के लिए अपनी अलग स्वतंत्र भूमि चाहता है।
इससे पहले, चार जुलाई को भी पंजाब में संगठन की इस तरह की गतिविधि को एजेंसियों ने विफल कर दिया था।
लगातार विफलता मिलने के बाद, एसएफजे ने लोगों के समर्थन के लिए 26 जुलाई को खालिस्तान रेफरेंडम के लिए मतदान पंजीकरण कराने की घोषणा की थी। गृह मंत्रालय ने जुलाई में इस संगठन को रेफरेंडम-2020 की अनुशंसा करने से प्रतिबंधित कर दिया था।(IANS)
लेह, 7 सितंबर। वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पार्टी की पहली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के सूबेदार नीमा तेंजिन की अंत्येष्टि में भाग लिया, लेकिन उन्होंने बाद में उस ट्वीट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने शहीद जवान को बहादुर बताते हुए उनकी सराहना की थी। डिलीट किए जा चुके अपने ट्वीट में, उन्होंने 'भारत-चीन' सीमा के बजाय 'भारत-तिब्बत' सीमा लिखा था। दरअसल, चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है।
शहीद की अंत्येष्टि में उनकी उपस्थिति को चीन के लिए एक मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है। सूबेदार तेंजिन पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर एक अभियान के दौरान शहीद हो गए थे और सोमवार को लेह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। तेंजिन खुद तिब्बती थे। यहां तक कि, उनकी अंतिम यात्रा के दौरान 'भारत माता की जय', 'जय तिब्बत' और 'विकास रेजिमेंट जिंदाबाद' के नारे लग रह थे और तिब्बती झंडे लहरा रहे थे। माधव ने शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हालांकि, संबंधित ट्वीट को उन्होंने नया पोस्ट किए बिना हटा दिया। माधव ने ट्वीट किया था, "एसएफएफ जवान नीमा तेंजिन के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, एक तिब्बती, जिन्होंने लद्दाख में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए जीवन बलिदान कर दिया। ऐसे बहादुर सैनिकों के बलिदानों को भारत-तिब्बत सीमा पर शांति लाने दें। यह सभी शहीदों को असल श्रद्धांजलि होगी।" उन्होंने अंत्येष्टि में खुद के भाग लेने की 4 तस्वीरें भी पोस्ट की थीं।
हालांकि, इस तरह के मजबूत शब्दों में किए गए ट्वीट और उससे भी अधिक प्रभावशाली हावभाव व संकेत देने के बाद, ट्वीट को डिलीट करने के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया है।
तेंजिन पिछले सप्ताह पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी घुसपैठ को विफल करने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान लैंडमाइन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे। अभियान के दौरान, एक अन्य जवान 24 वर्षीय तेंजिन लोडेन, उसी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसका इलाज लद्दाख के सैन्य अस्पताल में चल रहा है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब चार महीनों से गतिरोध है।(IANS)
नई दिल्ली, 7 सितम्बर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर सोमवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सम्मेलन हुआ। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के गवर्नर, उपराज्यपाल और शिक्षामंत्री शामिल हुए। इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर गंभीर सवाल उठाए। मनीष सिसोदिया ने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसे लागू करने की योजना का अभाव है। इस नीति को लागू करने पर अच्छी तरह चिंतन करके ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए, ताकि यह महज एक अच्छे विचार तक सीमित न रह जाए। इसमें जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की बात कही गई है। ऐसा पहले भी कहा जाता रहा है। अब इस पर कानून बनाना चाहिए ताकि इसे लागू करना सबकी बाध्यता हो।"
सिसोदिया ने कहा, "आजादी के 73 साल बाद भी हम लॉर्ड मैकाले का नाम लेकर अपनी सरकारों की कमियां छुपाते हैं। वर्ष 1968 और 1986 में नई शिक्षा नीति बनाई गई। उन नीतियों का कार्यान्वयन नहीं करने की नाकामियों को छुपाने के लिए मैकाले को बहाना बनाया जाता है। आजादी के इतने साल बाद तक हमें अपनी शिक्षा नीति लागू करने से मैकाले ने नहीं रोका है। हम संकल्प लें कि अपनी कमियों को छुपाने के लिए मैकाले का नाम अब कोई नहीं लेगा।"
सिसोदिया ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वोकेशनल शिक्षा की बात कही गई है। अभी लगभग 80 फीसदी डिग्रीधारी युवाओं को रोजगार के योग्य नहीं समझा जाता है। हमें सोचना होगा कि 20 साल की पढ़ाई के बाद भी हमारे बच्चे अगर रोजगार नहीं पा सके तो कमी कहां रह गई। बैचलर इन वोकेशनल की डिग्री को दोयम दर्जे पर रखा जाना उचित नहीं। अन्य विषयों के स्नातक की तरह इसे भी समान समझा जाये, तभी वोकेशनल कोर्सेस का लाभ मिलेगा।"(IANS)
भोपाल, 7 सितम्बर। मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस सिर्फ एक चेहरे को आगे रखने वाली है, और चुनाव की पूरी कमान उसी के हाथ में रहेगी और वह हैं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ।
मध्यप्रदेश में दशकों से कांग्रेस और गुटबाजी एक-दूसरे का पर्याय रहे हैं। कांग्रेस का मुकाबला विरोधी दल भाजपा से तो रहा ही है, साथ ही पार्टी के भीतर अपने ही लोगों से जूझना पड़ा है। जब भी राज्य में चुनाव हुए हैं, गुटबाजी चरम पर रही है। कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपे जाने के बाद से गुटबाजी पर काफी हद तक विराम लगा है और अगर सीधे तौर पर विधानसभा के चुनाव पर गौर करें तो साफ होता है कि तब दो गुट नजर आते थे, कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का। सिंधिया और उनके समर्थक पार्टी छोड़ कर भाजपा में जा चुके हैं। लिहाजा अब सिर्फ कमलनाथ का प्रभाव ही पार्टी में रह गया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने उपचुनाव की पूरी जवाबदारी और जिम्मेदारी कमल नाथ को सौंप दी है। उम्मीदवारों के चयन से लेकर रणनीति बनाने का काम उन्हीं के सुपुर्द है। यही कारण है कि कमल नाथ अपने स्तर पर सर्वे करा रहे हैं। इतना ही नहीं सभी उम्मीदवार भी उन्हीं की मर्जी से तय किए जाएंगे, पार्टी हाईकमान ने जो प्रभारी भेजे हैं, वह भी कमलनाथ की सहमति से ही राज्य में आए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि "पिछला विधानसभा चुनाव भी कमल नाथ के नेतृत्व में लड़ा गया था। पार्टी ने जीत भी दर्ज की थी। अब उप-चुनाव में पार्टी उन्हंी का चेहरा और उनकी सरकार के पंद्रह माह के कामकाज को जनता के बीच लेकर जाने वाली है। कांग्रेस कमल नाथ के नाम और काम पर ही जनता से वोट मांगेगी।"
राजनीतिक के जानकार संतोष गौतम का कहना है कि "विधानसभा के उप-चुनाव रोचक होने वाले हैं। कांग्रेस के पास सिर्फ कमल नाथ ही ऐसा चेहरा है जो जनता में नकारात्मक छवि नहीं बनाता। पार्टी अगर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आगे करती है, तो भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का आसान अवसर देगी। ऐसी स्थितियां न बनें इसके लिए जरुरी है कि कमल नाथ को आगे किया जाए, लिहाजा कांग्रेस एक सोची समझी रणनीति के तहत कमल नाथ को आगे कर रही है। कमल नाथ पंद्रह माह राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं, पार्टी में गुटबाजी को पनपने नहीं दिया। पार्टी को लगता है कि कमल नाथ ही ज्यादा लाभदायक हैं।
पार्टी की चुनावी गतिविधियों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि सारे फैसले कमल नाथ ही ले रहे हैं। पार्टी के नेताओं की बैठक में उनके अलावा कोई दूसरा बड़ा नेता नहीं होता, वहीं कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षक के अलावा प्रभारियों से सीधे संवाद कमल नाथ ही कर रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस के उप-चुनाव की सारी बागडोर कमल नाथ के ही हाथ में है।(IANS)
शिमला, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत जब भी अपने गृहराज्य हिमाचल में होंगी तो राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी। कंगना का घर मनाली में है। इससे पहले, कंगना को शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ हुए हालिया विवाद के बाद गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को 'वाई'श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री ने कंगना को सुरक्षा प्रदान करने के लिए गृह मंत्रालय का भी आभार व्यक्त किया। साथ ही कंगना ने भी इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।
ठाकुर ने कहा कि कंगना अभी मनाली में हैं और राज्य सरकार की तरफ से एक सहायक कमांडेंट की देखरेख में सीआरपीएफ के कमांडो उनकी सुरक्षा के लिए मनाली पहुंचने होने वाले हैं।
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच हुई जुबानी जंग के बाद कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि पार्टी, अभिनेत्री के किसी बात से असहमत होने के अधिकार का सम्मान करती है, लेकिन इसने उनके मुंबई-पीओके टिप्पणी की आलोचना की। कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगी है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मोदी जी और भाजपा के विपरीत, मैं अपने सबसे बड़ी आलोचक के अधिकार का बचाव करूंगा, जो कि कांग्रेस और महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगियों, शिवसेना और राकांपा का सिद्धांत है।"
कांग्रेस नेता ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से करने के लिए कंगना की आलोचना की और कहा कि यह 'राजनीति से प्रेरित' है।
सुरजेवाला ने कहा, "एक खास फिल्म अभिनेत्री के मोदी जी और भाजपा के एजेंडे पर चलने के बावजूद उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी।"
लेकिन, कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत की आर्थिक राजधानी को पीओके कहना "बचकाना, गलत और राजनीतिक रूप से अवसरवादी और निंदनीय है।" पार्टी ने कहा कि उसने इस तरह के आरोपों और राजनीति से प्रेरित बयानों को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस ने कोरोनोवायरस संकट, देश में बेरोजगारी और बिहार और अन्य स्थानों पर बाढ़ जैसी खबरों को तरजीह नहीं देने पर मीडिया की भी आलोचना की।
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| कोरोना संक्रमण की वजह से 22 मार्च को बंद हुई दिल्ली मेट्रो 169 दिन बाद आखिरकार लोगों के लिए शुरू हुई। सुबह 7 बजे से 11 बजे तक के पहले सफर में दिल्ली मेट्रो में 7500 यात्रियों ने सफर किया। हालांकि डीएमआरसी ने अपने पहले दिन की शुरूआत के लिए काफी तैयारियां की थीं। सोमवार को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सुबह से ही लोगों का दफ्तर आना-जाना बना रहा। सभी यात्री सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करते हुए नजर आए। डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया, "169 दिनों के बाद शुरू हुई मेट्रो में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक 7500 यात्रियों ने सफर किया। वहीं सभी यात्रियों की तरफ से डीएमआरसी को पूरा सहयोग दिया गया।"
उन्होंने बताया, "शाम 4 बजे से 8 बजे तक यात्रियों के लिए डीएमआरसी हर संभव प्रयास करेगा, कि सभी सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें।"
पहले चरण में दिल्ली मेट्रो दो पालियों में सुबह 7 से 11 बजे तक और दोपहर बाद 4 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी।
दूसरे फेज में ट्रेनें सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच और शाम 4 बजे से रात 10 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगी। 12 सितंबर से मेट्रो की सर्विस सामान्य रूप से शुरू हो जाएगी।
वहीं, दिल्ली और नोएडा के बीच ब्लू लाइन 9 सितंबर से चलेगी। इसके अलावा मजेंटा लाइन पर लोग 11 सितंबर से सफर कर सकेंगे।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)| अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल के एक सहयोगी के कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए जाने के बाद वे सेल्फ-आइसोलेशन में चले गए हैं। यह जानकारी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दी गई। विभिन्न न्यायालयों में चल रहे रिक्तियों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एल. नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ को यह जानकारी दी गई।
इसके चलते अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने मामले में कुछ समय के लिए स्थगन की मांग की। उन्होंने कहा कि चूंकि अटॉर्नी जनरल आइसोलेशन में हैं और वही केंद्र की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इसके बाद पीठ ने राजू के अनुरोध पर मामले की सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख दी है।
सूत्रों ने बताया कि एजी कार्यालय के कुछ अन्य लोग भी आइसोलेशन में चले गए हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्युनल और आर्म्ड फोर्स टा्रइब्यूनल समेत विभिन्न न्यायालयों में रिक्तियों को भरने की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)| एक सप्ताह पहले वित्तवर्ष 2020-21 की तिमाही अप्रैल-जून के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट की खबर सामने आने के बाद रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जाने माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा है कि जीडीपी में नकारात्मक बढ़ोतरी हर किसी के लिए खतरे की घंटी की तरह है। हालिया परिदृश्य में सरकारी राहत या समर्थन के महत्व को लेकर उन्होंने इसे 'अल्प' माना।
लिंकडिन पर प्रकाशित नोट में उन्होंने यह भी कहा कि यदि अनौपचारिक क्षेत्रों के नुकसान को ध्यान में रखा जाए तो क्वार्टर-1 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत गिरावट और भी बुरा होगा।
राजन ने कहा, "वित्तवर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के लिए हाल ही में जारी त्रैमासिक जीडीपी विकास के आंकड़े को लेकर हम सभी को चिंतित होना चाहिए। भारत में 23.9 प्रतिशत गिरावट (और संभवत: तब और बुरा होगा, यदि हम अनौपचारिक क्षेत्र में क्षति का अनुमान लगाते हैं) की तुलना इटली में 12.4 फीसदी और संयुक्त राज्य अमेरिका में 9.5 फीसदी की गिरावट के साथ की गई है, हालांकि ये दोनों सर्वाधिक कोविड प्रभावित हैं।"
इनकी तुलना में भारत और भी ज्यादा खराब स्थिति में है।
राजन ने कहा कि चूंकि कोरोनावायरस महामारी अभी भी भारत में फैला हुआ है, इसलिए सोच-समझ कर किए गए खर्च, खास तौर पर रेस्तरां और उससे जुड़े रोजगार, जहां संक्रमण के फैलने का ज्यादा खतरा है, वे वायरस के रहने तक निचले पायदान पर ही रहेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि इस परिदृश्य में सरकारी राहत और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने कहा कि हालांकि हालिया परिदृश्य में खासकर, गरीब परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न और छोटे और मध्यम (एसएमई) फर्मों को ऋण देने के लिए बैंकों को क्रेडिट गारंटी के रूप में सरकार की पहल या समर्थन बहुत ही कम है।
पूर्व गवर्नर ने कहा, "आज और अधिक समर्थन करने की सरकार की अनिच्छा आंशिक प्रतीत हो रही है, क्योंकि वह संभावित भविष्य के लिए संसाधनों का संरक्षण करना चाहती है। यह रणनीति खुद को पीछे करने वाली है।"
उनके अनुसार, ऐसे समय में जब सरकार को अधिक खर्च करने और अधिक कार्रवाई करने के लिए संसाधनों का विस्तार करना चाहिए, तब भारत सरकार प्रारंभिक विस्फोट के बाद पीछे हटती प्रतीत हो रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की फर्मो को अपने भुगतान जल्दी से पूरे कर देने चाहिए, ताकि लिक्विडिटी निगमों तक पहुंच सके।
इसके अलावा, एक निश्चित आकार से नीचे की छोटी फर्मो को कॉर्पोरेट आय और पिछले साल या उसके कुछ हिस्से का भुगतान किए गए जीएसटी कर के आधार पर छूट दी जा सकती है।
राजन ने कहा, "यह उनकी ईमानदारी के लिए पुरस्कार के तौर पर हार्ड-टू-मैनिपुलेट मीट्रिक के आधार पर छोटी, व्यवहार्य फर्मो की मदद करने के उद्देश्य की तरह होगा।"
राजन के अनुसार, निजी क्षेत्र से भी मदद के लिए आग्रह किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "एमेजॉन, रिलायंस, और वॉलमार्ट जैसे कैश-रिच प्लेटफॉर्म छोटे आपूर्तिकर्ताओं को अपने पैरों पर वापस खड़ा करने में मदद कर सकते हैं, यहां तक कि उनमें से कुछ को फंडिंग भी कर सकते हैं। सभी बड़ी फर्मों को अपने प्राप्य को जल्दी से क्लियर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"
मनोज पाठक
पटना, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने मतदाताओं में अपनी पैठ बनाने को लेकर मुद्दों की तलाश शुरू कर दी है। चुनाव के पहले ही राजनीतिक दलों के पैंतरों से इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि इस चुनाव में सुशांत की मौत का मामला चुनावी मैदान में राजनीतिक दलों का 'हथियार' बनेगा।
दीगर बात है कि सभी राजनीतिक दल इसे हालांकि चुनावी या राजनीतिक मुद्दा मानने से इनकार कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा बजाप्ता स्टिकर और पोस्टर वितरित कर सुशांत के लिए न्याय की मांग की जा रही है।
सुशांत की तस्वीर वाले स्टिकर में 'जस्टिस फ ॉर सुशांत' लिखा हुआ है तथा 'ना भूले हैं, ना भूलने देंगें' लिखा हुआ है। इस स्टिकर में भाजपा का चुनाव चिह्न भी अंकित है।
भाजपा कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ हालांकि मानता है कि सुशांत उनके लिए राजनीतिक मामला ना कभी था और और ना ही आज है। अभिनेता की मौत के बाद से न्याय की मांग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है।
प्रकोष्ठ के संयोजक वरूण कुमार सिंह कहते हैं, "25,000 कार स्टिकर छपवाए गए हैं और जुलाई से इसे कई जिलों में वितरित किया जा रहा है। इसके अलावे मास्क भी वितरित किए गए हैं। जून, जुलाई से ही यह अभियान चल रहा है।"
उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा कहना ही गलत है। उन्होंने कहा कि यह मात्र संयोग है कि विधानसभा चुनाव होने वाला है। उन्होंने कहा कि हम लोग प्रारंभ से ही सुशांत के लिए न्याय की मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सांसद रामृकपाल यादव ने सुशांत की मौत के बाद उनके पटना स्थित आवास जाकर उनके पिता से मुलाकात की थी।
हैदराबाद, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| तेलंगाना में कोरोनावायरस मरीजों की रिकवरी रेट संक्रमितों की संख्या से अब ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को ये जानकारी दी। पिछले 24 घंटों में राज्य में 2,711 मरीज ठीक हो कर घर जा चुके हैं, वहीं नए संक्रमितों की संख्या 1,802 है। राज्य में अब तक कुल 1,42,771 लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं।
पिछले 24 घंटों में 9 और लोग इस बीमारी से जान गंवा बैठे जिसके बाद कुल मौतों की संख्या राज्य में 895 हो गई है।
तेलंगाना में 31,635 एक्टिव मामले हैं जिनमें से 24,596 होम क्वारंटीन में हैं और बाकी अस्पतालों में।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में मृत्यु दर 0.62 फीसदी है, जो कि राष्ट्रीय औसत 1.70 से काफी कम है। मरने वालों में 53. 87 फीसदी लोग दूसरी बीमारियों के शिकार थे।
तेलंगाना में रिकवरी रेट 77.2 फीसदी है, जबकि ये आंकड़ा राष्ट्रीय स्तर पर 77.29 फीसदी है।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग ने 36,593 नमूनों की जांच की। बताया जा रहा है कि कम जांच होने से कम मामले सामने आ रहे हैं।
विवेक त्रिपाठी
वाराणसी, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को रोकने के लिए प्रसिद्ध 7 ब्लैक बेल्ट इन ताइक्वांडो-रचना राजेन्द्र चौरसिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया के साथ मिलकर एक वुमेन सेफ्टी हैंड ग्रेनेड तैयार किया है, जिससे महिलाओं की किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा हो सकेगी। इसके फूटते ही आपातकालीन नम्बरों पर सूचना पहुंचेगी।
रचना राजेन्द्र चौरसिया ने आईएएनएस को बताया कि यह वुमेन सेफ्टी ग्रेनेड महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी है।
रचना ने कहा, "ग्रेनेड में सिम कार्ड का ऑब्शन दिया गया है, जिसमें 5 से 7 नम्बर तक संरक्षित किये जा सकते हैं। इसमें घर के सदस्यों के अलावा आपातकालीन नम्बर होंगे। इसमें एक ऑन-आफ ट्रिगर लगा है, जिसे दबाते और फेंकते ही इन नम्बरों पर लोकेशन चला जाएगा और जिससे वह लोग लोकेशन पर पहुंच कर महिला की सुरक्षा कर सकेंगे। यह पूरा वायरलेस टेक्नॉलॉजी पर बना है। इसका आकार छोटा होने के कारण इसे पर्स या जेब में रखा जा सकता है। इसमें डिस्टेंस सेंसर का प्रयोग किया गया है। महिलाओं के पर्स या मोबाइल छिनने जैसी घटनाएं होंगी तो यह एक्टिव होकर काम करने लगेगा। डिस्टेंस ब्रेक होने पर भी यह कार्य करेगा। 1 से 2 मीटर इलाके पर बटन दबाते काम करने लगेगा।"
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इसमें मौजूद ट्रिगर दबाने से फायरिंग की आवाज भी होगी। रचना ने कहा, "तेज आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी जा सकेगी। दरअसल, फायरिंग से घटनास्थल तक हर किसी का ध्यान जाता है और लोग मुसीबत में फंसी महिला या युवती तक आसानी से पहुंच सकते हैं। वहीं, इस अनोखे ग्रेनेड का प्रयोग करते ही घटनास्थल का लोकेशन 112 नंबर पुलिस के साथ ही परिवार के रजिस्टर्ड सदस्य को लाइव हो जाएगा। इसके साथ ही इमरजेंसी में नंबर भी ऑटोमेटिक कॉल होने लगेगी।"
अशोका इंस्टीट्यूट के रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेल के इंचार्ज श्याम चौरसिया ने बताया कि इसे महिलाओं संग छेड़खानी व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयोग के तौर पर तैयार किया गया है।
श्याम ने कहा, "इस ग्रेनेड को बनाने में 650 रुपए का मामूली खर्च आया है। इसका वजन करीब 50 ग्राम है। घंटेभर तक इसे चार्ज करने पर लगभग सप्ताहभर तक काम करता है। यह पूरी तरह मेक इन इंडिया प्रोडक्ट है। इसमें एक भी बाहरी समान नहीं प्रयोग किया गया। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है।"
बीएचयू इनोवेशन सेंटर के कोआर्डिनेटर डॉ. मनीष अरोरा ने बताया कि," यह महिला सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा इनोवेशन है। अभी इसका प्रोटोटाइप बना है। इसमें आरएफ और सेंसर बेस तकनीक है। यह कमांड सेंटर पर वर्क करेगा। इससे हेल्पलाइन नम्बरों पर मदद मिल सकेगी। यह सराहनीय प्रयास है। इसे इंडस्ट्री तक ले जाने की जरूरत है। इसका पेंटेंट अनिवार्य है।"
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सोमवार को झारखंड प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कार्यकतार्ओं को पार्टी के लक्ष्यों और सिद्धांतों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, हम राजनीति में कोई सत्ता हासिल करने के लिए नहीं आए हैं। हम भारत की तस्वीर और तकदीर बदलने आए हैं। जेपी नड्डा ने कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए कहा, हम कार्यकर्ता कुर्सी पर बैठने के लिए नहीं हैं, हम बदलाव के दूत हैं। नड्डा ने राष्ट्रीय मुख्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधन में कहा, कार्यकर्ता वैक्यूम में काम नहीं करता, वो दिशा और ²ष्टि लेकर काम करता है। ये दिशा और ²ष्टि क्या हो, ये हमें पता होना चाहिए। केंद्र सरकार की सभी नीतियों के बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने सोरेन सरकार में झारखंड की कानून व्यवस्था चरमराने का आरोप लगाया। कहा, आज झारखंड में नक्सलवाद और उग्रवाद फिर से दनदना रहा है। ये कमजोर सरकार और तुष्टिकरण की निशानी है।
कोरोना संकट काल में झारखंड के भाजपा कार्यकतार्ओं के सेवा कार्यों की उन्होंने सराहना की और कहा कि झारखंड में भाजपा ने करीब 12.74 लाख फूड पैकेट, 27 लाख राशन किट बांटे हैं, 42,000 लोगों ने मिलकर पीएम केयर्स में योगदान किया है। करीब 21 लाख फेस कवर और करीब 9 लाख सैनेटाइजर बांटे हैं।
नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड को मुख्यधारा में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सारी योजनाएं यहां लागू की हैं। प्रदेश के लिए एम्स दिया गया है। एम्स तैयार होने के बाद प्रदेश के किसी व्यक्ति को दिल्ली इलाज के लिए नहीं आना होगा, उसे वहीं बेहतर इलाज उपलब्ध होगा।
नड्डा ने वोकल फॉर लोकल के फामूर्ले पर आगे बढ़ने पर जोर दिया और कहा कि चाहे वो झारखंड में हमारी कलाकारी हो, या सांस्कृतिक विरासत के रूप में मिली कोई कला हो, उसे हमें आगे बढ़ाना है।
कोरोना काल में मोदी सरकार के कार्यों की चर्चा करते हुए जे.पी. नड्डा ने कहा, हमारे यहां एक भी वेंटिलेटर नहीं बनता था, अब हमारे पास 3 लाख वेंटिलेटर भारत में बन चुके हैं। अब हमारे देश मे 4.50 लाख पीपीई किट रोजाना बन रहे हैं, जो हम दूसरे देशों को भी भेज रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में विकसित देश भी खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रंट से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी और देश के करोड़ों लोगों की जान बचाई। जान है तो जहान है, को अपनाते हुए प्रधानमंत्री ने समय रहते देश में लॉकडाउन लगाया।
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 21 वीं सदी में एक नॉलेज इकोनॉमी बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि 21वीं सदी में भी भारत को हम एक नॉलेज इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। नई शिक्षा नीति ने प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए और सामान्य से सामान्य परिवारों के युवाओं के लिए भी अच्छे इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट्स के कैंपस भारत में स्थापित करने का रास्ता खोला है। प्रधानमंत्री ने राज्यपालों और कुलपतियों से अपने राज्यों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अधिक से अधिक वर्चुअल कांफ्रेंस कर नई शिक्षा नीति पर चर्चा करने का सुझाव दिया। ताकि लोग इस नीति को अच्छे से समझ सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राज्यपालों और कुलपतियों के वर्चुअल कांफ्रेंस में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पूरा खाका समझाया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति, पढ़ने के बजाय सीखने पर फोकस करती है और पाठ्यक्रम से और आगे बढ़कर आलोचनात्मक सोच पर जोर देती है। इस पॉलिसी में प्रक्रिया से ज्यादा जुनून, व्यावहारिकता और प्रदर्शन पर बल दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति को देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करने वाला बताया। उन्होंने कहा, आज दुनिया तेजी से बदलते जॉब्स, नेचर ऑफ वर्क को लेकर चर्चा कर रही है। ये पॉलिसी देश के युवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के मुताबिक नॉलेज और स्किल्स, दोनों मोचरें पर तैयार करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में आधारभूत सीख और भाषा पर भी फोकस है। इसमें सीखने के परिणाम और टीचर्स ट्रेनिंग पर भी फोकस है। इसमें पहुंच और मूल्यांकन को लेकर भी व्यापक सुधार किए गए हैं। इसमें हर विद्यार्थी को सशक्त करने का रास्ता दिखाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने को लेकर उठते सवालों का समाधान करते हुए कहा कि जब किसी भी सिस्टम में इतने व्यापक बदलाव होते हैं, तो कुछ शंकाएं-आशंकाएं स्वाभाविक ही हैं। माता-पिता को लगता होगा कि अगर इतनी आजादी बच्चों को मिलेगी, अगर स्ट्रीम खत्म हो जाएंगी तो आगे कॉलेज में उनको दाखिला कैसे मिलेगा, करियर का क्या होगा? प्रोफेसर्स, टीचर्स के मन में सवाल होंगे कि वो खुद को इस बदलाव के लिए तैयार कैसे कर पाएंगे? इस प्रकार का पाठयक्रम कैसे मैनेज हो पाएगा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप सभी के पास भी अनेक सवाल होंगे, जिन पर आप चर्चा भी कर रहे हैं। ये सभी सवाल महत्वपूर्ण हैं, हर सवाल के समाधान के लिए सब मिलकर काम कर रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से भी लगातार संवाद जारी है। राज्यों में हर स्टेकहोल्डर की पूरी बात,हर राय को खुले मन से सुना जा रहा है। आखिर हम सभी को मिलकर ही तो तमाम शंकाओं और आशंकाओं का समाधान करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है। ये देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है। उन्होंने कहा कि कोई भी सिस्टम, उतना ही प्रभावी और समावेशी हो सकता है, जितना बेहतर उसका गवर्नेंस मॉडल होता है। यही सोच शिक्षा से जुड़ी गवर्नेंस को लेकर भी ये पॉलिसी रिफ्लेक्ट करती है।
पटना, 7 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपनी पहली वर्चुअल रैली को संबोधित कर पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरूआत की। पार्टी के अपने डिजिटल प्लेटफ ॉर्म से वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल कब तक चलेगा कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान एक-एक चीज पर काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इस काल में लोगों को रोगजार उपलब्ध कराने का काम भी किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जो लेाग कुछ नहीं जानते वे कुछ भी बोल देते हैं, लेकिन उन्हें जानना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमलोग काम करते हैं, प्रचार नहीं करते हैं। जिन्हें कुछ जानकारी नहीं, वे कुछ भी बोलते रहते हैं।"
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 14 करोड़ 71 लाख से ज्यादा मानव दिवस का सृजन किया गया है।
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि आज भले ही कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है, लेकिन कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इस कारण लोगों को भयभीत नहीं सचेत रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि आज एक दिन में 1़50 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आपदा राहत के लिए कई काम हो रहे हैं, लेकिन पहले क्या होता था? कुछ मिलता था क्या?
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रत्येक परिवारों को ग्रैच्यूटस रिलीफ के रूप में 6000 राशि दी जा रही है। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि सरकारी खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है।
इससे पहले उन्होंने जदयू के डिजिटल प्लेटफोर्म पर लाने वाले लोगों को धन्यवाद दिया।
भुवनेश्वर, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| ओडिशा में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 3,861 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1,27,832 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को ये जानकारी दी। राज्य में एक दिन में 10 नई मौतों के बाद कोविड-19 से कुल मौतों की संख्या 556 हो गई है।
राज्य में 30,919 एक्टिव मामले हैं, जबकि इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या बढ़ कर 96,364 हो गई है।
गंजम में तीन मौतें दर्ज हुई हैं जबकि बालासोर, खोरधा, कटक, कटक, कालाहांडी, कोरापुट, रायगादा जिलों में एक-एक मौत दर्ज की गई है।
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा खोरधा में 767 नए मामले दर्ज किए गए, उसके बाद कटक (386) और जाजपुर (285) में।
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों के प्रमुख संस्थानों के साथ 10 नए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। जेजीएलएस ने आठ देशों-आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कोलंबिया, डोमिनिकन रिपब्लिक, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, नेपाल और अमेरिका के 10 प्रमुख संस्थानों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित किया है।
इन अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी को लॉ स्कूल के कोविड-19 शैक्षणिक कार्य योजना के हिस्से के रूप में किया गया है।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक वाइस चांसलर और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के डीन ने सी. राजकुमार ने बताया, "इन साझेदारियों के पीछे की वजह जेजीएलएस के छात्रों को हमारे पार्टनर संस्थानों के साथ अंतर्राष्ट्रीय कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करना है।"
उन्होंने कहा कि जेजीयू और जेजीएलएस द्वारा लाए गए संस्थागत अवसरों के परिणामस्वरूप हमारे छात्रों के लिए एक्सचेंज प्रोग्राम, इमर्सन प्रोग्राम, डुअल डिग्री प्रोग्राम और विदेश में शॉर्ट-टर्म स्टडी प्रोग्राम होते हैं।
जेजीएलएस के नए पार्टनर संस्थानों की सूची में यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी लॉ स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी, (ऑस्ट्रेलिया), लंदन कॉलेज ऑफ लीगल स्टडीज (साउथ) (यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से संबंद्ध केंद्र), स्कूल ऑफ लॉ (बांग्लादेश), यूनिवर्सिदाद देल रोसेरियो (कोलंबिया), फैकलताद दे सिएनसियास जुरिडिकस वाई पोलितिकास, यूनिवर्सिदादाइबेरोमेरिकाना (यूएनआईबीई), डोमिनिकन रिपब्लिक, स्कूल ऑफ लॉ एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, नारक्सोज यूनिवर्सिटी, कजाकिस्तान, फैकल्टी ऑफ लॉ एंड सोशल साइंसेज, सुलेमान डेमिरल यूनिवर्सिटी, कजाकिस्तान, डिपार्टमेंट ऑफ यूनिवर्सिटी लॉ, फैकल्टी ऑफ इकनॉमिक्स एंड एडमिनिस्ट्रेटिव साइंसेज, अला-टू इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, किर्गिस्तान, काठमांडू स्कूल ऑफ लॉ (पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से संबद्ध), नेपाल, एलिजाबेथ हॉब स्कूल ऑफ लॉ, पेस यूनिवर्सिटी, अमेरिका और बीस्ली स्कूल ऑफ लॉ, टेम्पल यूनिवर्सिटी, अमेरिका हैं।
इन नए सहयोगों में से कई जेजीयू और साझीदार संस्थानों में छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के लिए यूनिवर्सिटी के व्यापक अवसर प्रदान करते हैं।
जेजीएलएस के एक्जिक्यूटिव डीन श्रीजीत एसजी ने कहा कि हमें खुशी है कि महामारी हमारे छात्रों को इंटनेशनलाइजेशन अवसर से वंचित नहीं करेगी।
इमरान कुरैशी
बेंगलुरु से, 7 अगस्त। बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल ने दावा किया है कि उन्हें एक महिला में कोरोना वायरस के दोबारा संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला मिला है। इस निजी अस्पताल का दावा है कि 27 साल की यह महिला जुलाई महीने में कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उस दौरान उन्हें कोई भी दूसरी बीमारी नहीं थी। टेस्ट पॉजि़टिव आने के बाद उनका इलाज हुआ और कुछ समय बाद जब दोबारा टेस्ट कराने पर उनका रिज़ल्ट नेगेटिव आया तो उन्हें छुट्टी दे दी गई। अब पूरे एक महीने बाद, 24 अगस्त को दोबारा उनमें कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण जैसे शरीर में दर्द, बुखार और खांसी की शिकायत हो गई।
फोर्टिस अस्पताल के संक्रामक रोग विभाग में सलाहकार डॉ. प्रतीक पाटिल ने बीबीसी हिंदी से कहा, हमने पहले उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट और उसके बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट किया। दोनों ही टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजि़टिव आयी है। उनका एंटबॉडी टेस्ट (कोविड इम्युनोग्लोब्युलिन जी) भी नेगेटिव आया है। इसके बाद ही हमें संदेह हुआ कि वो फिर से संक्रमित हो गई।
डॉ. पाटिल ने कहा, ये कोरोना से दोबारा संक्रमित होने का बेंगलुरु का यह पहला मामला हो सकता है, शायद उनके शरीर में संक्रमण के बाद भी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई हो। उन्होंने बताया कि मरीज को 10 से 12 दिनों तक अस्पताल में रखने के बाद छुट्टी दे दी गई है और वो दूसरे संक्रमण से भी उबर चुकी हैं।
डॉ. पाटिल बताते हैं, आदर्श स्थिति यह होती कि हम एक आनुवांशिक विश्लेषण करते जिसमें हम यह पता करने की कोशिश करते कि यह दोनों वायरस एक-दूसरे से कितने अलग-अलग हैं। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि हमारे पास उनके पहले टेस्ट का सैंपल नहीं है क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं कि किसी सैंपल को बहुत लंबे समय तक सुरक्षित रखा जाए। तो ऐसे में एक संभावना इस बात की है कि यह एक संक्रमण है। उनके शरीर में एंटीबॉडी बने ही नहीं और हमें यह भी पता नहीं है कि कितने प्रतिशत मरीज़ों में एंटीबॉडी बनी और कितने वक्त तक वो बनी रहती है।
डॉ. पाटिल के मुताबिक, इस मामले से लोगों को ये संदेश मिलता है कि अगर वो एक बार संक्रमण से उबर गए हैं तो उन्हें बहुत खुश होकर लापरवाह नहीं हो जाना चाहिए और मास्क का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करना चाहिए और समय-समय पर अपने हाथों को साफ़ करते रहना चाहिए। एक बात और जिस पर विचार किये जाने की ज़रूरत है वो यह कि जिनोमिक सिक्वेंसिंग के लिए लंबे समय तक पॉजि़टिव मामलों के सैंपल को संग्रहित करना है।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि कुछ अध्ययन में स्पष्ट तौर पर पाया गया है कि बहुत से ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें मरीज के दो टेस्ट निगेटिव आने के बाद भी तीसरा टेस्ट जब कराया गया तो वो पॉजिटिव आया, कभी कभी तो इन मामलों में कोई नए लक्षण भी नहीं थे।
पिछले सप्ताह मुंबई में भी एक डॉक्टर के पहली बार संक्रमण से उबरने के दो महीने बाद दोबारा संक्रमित होने का मामला सामने आया था। (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 7 सितंबर। हिन्दुस्तान में कोरोना का हाल देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के प्रदर्शन पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज एक बयान में कहा-24 मार्च, 2020 को मोदीजी ने कहा था, ‘महाभारत का युद्ध 18 दिन चला था। कोरोना से युद्ध जीतने में 21 दिन लगेंगे।’ 166 दिन बाद भी समूचे देश में ‘कोरोना महामारी की महाभारत’ छिड़ी है, लोग मर रहे हैं, पर मोदीजी मोर को दाना खिला रहे हैं। कोरोना से युद्ध तो जारी है, पर सेनापति नदारद हैं। कोरोना से लड़ाई में मोदी सरकार पूरी तरह निकम्मी व नाकारा साबित हुई है। महामारी की विभीषिका में भाजपा ने देश के लोगों को अपने हाल पर बेहाल छोड़ दिया है।
उन्होंने आगे कहा- भारत आज दुनिया की ‘कोरोना कैपिटल’ बन गया है। आज समूचे देश में कोरोना महामारी के संक्रमण में भारत दुनिया में अब दूसरे स्थान पर है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना संक्रमण के 90,633 केस आए हैं। अमेरिका व ब्राजील में इसके आधे केस भी नहीं व दुनिया के और देशों में 24 घंटे में दस हजार से ज्यादा केस नहीं।
सुरजेवाला ने एक बयान में कहा-कोरोना से जुड़े छ: महत्वपूर्ण तथ्य जानिए-
- प्रतिदिन कुल कोरोना संक्रमण में दुनिया में भारत पहले नंबर पर (90,802 संक्रमण)।
- प्रतिदिन कोरोना मृत्यु दर में दुनिया में भारत पहले नंबर पर (1,016 मृत्यु प्रतिदिन)।
- कोरोना संक्रमण डबल होने की दर में दुनिया में भारत पहले नंबर पर (29 दिन में डबल)।
- कुल कोरोना संक्रमित मामलों में दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर (42,04,614 संक्रमण)।
- सक्रिय कोरोना संक्रमण मामलों में दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर (8,82,542 संक्रमण)।
- कोरोना से हुई कुल मौतों में दुनिया में भारत तीसरे नंबर पर (71,642 मृत्यु)
- देश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण का सच जानिए-
- 0 से 1 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा= 110 दिन में।
- 1 लाख से 10 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा=59 दिन में।
- 10 लाख से 20 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा=21 दिन में।
- 20 लाख से 30 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा=16 दिन में।
- - 30 लाख से 40 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा=13 दिन में।
यानि मात्र 29 दिन में भारत में कोरोना संक्रमण डबल हुआ-20 लाख से बढक़र 40 लाख।
उन्होंने कहा-विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण और भी खतरनाक है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार यही रही तो-
- 30 नवंबर तक कुल कोरोना संक्रमण के मामले 1 करोड़ हो सकते हैं।
- 30 दिसंबर तक कोरोना संक्रमण के मामले बढक़र 1.40 करोड़ हो सकते हैं।
- कोरोना होने वाली मौतों की संख्या 1,75,000 तक बढऩे की आशंका व खतरा है।
- ‘घोर नाकामी व निकम्मेपन’ को बयां करती ‘कोरोना क्रोनोलॉजी’
- कांग्रेस पार्टी व श्री राहुल गांधी ने 12 फरवरी, 2020 से लगातार (12 फरवरी, 3 मार्च, 5 मार्च, 26 अप्रैल इत्यादि) कोरोना महामारी के संकट बारे बताया तथा सरकार को चेताया, पर मोदी सरकार ने हर बार हमारी चेतावनी का मजाक उड़ाया। आठ बिंदुओं की क्रोनोलॉजी देखिए-
- 12 फरवरी, 2020 = मोदी सरकार ने कहा कि ‘कोरोना चिंता का विषय नहीं’। श्री राहुल गांधी की 12 फरवरी की चेतावनी को सिरे से नकारा।
- 24 फरवरी, 2020=1 लाख लोगों की भीड़ जमा कर अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप का आयोजन।
- 2-5 मार्च, 2020=कोरोना बारे 5 मार्च को श्री राहुल गांधी द्वारा दी गई चेतावनी को फिर खारिज करते हुए स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि ‘चिंता की कोई जरूरत नहीं’।
- 24 मार्च, 2020=सुबह खरीद फरोख्त से कांग्रेस की मध्यप्रदेश की सरकार गिराई। रात 12 बजे से एकदम देश में लंबा लॉकडाऊन लगाया।
- 25 अप्रैल, 2020=नीति आयोग के सदस्य व कोरोना मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष, वी.के पॉल ने रिपोर्ट दे कहा कि 15 मई, 2020 के बाद नए कोरोना संक्रमण केस नहीं आएंगे।
- 4 मई, 2020=स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता व संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने ऑफिशियल प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना की कर्व अब फ्लैट यानि शिथिल हो गई है। अब बढ़ोत्तरी नहीं।
- 27 जून, 2020=मोदीजी ने राष्ट्र को संदेश में कहा कि भारत में बढ़ते कोरोना संकट की जो आशंका जताई थी, वह सही नहीं। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति दूसरे देशों से कहीं बेहतर है।
- 6 सितंबर, 2020=भारत कुल कोरोना संक्रमण में दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुँचा। प्रतिदिन कोरोना संक्रमण व कोरोना से होने वाली मौतों में दुनिया में भारत पहले नंबर पर पहुंचा।
मोदीजी के फेल नेतृत्व, विफल लॉकडाऊन (देशबंदी) तथा बदइंतजामी की ‘तुगलकी’ दास्तान
कांग्रेस ने कहा- बगैर सोचे, बगैर समझे, बगैर विचार-विमर्श के मात्र तीन घंटे के नोटिस पर किए गए मोदीजी के 24 मार्च, 2020 के लॉकडाऊन से न तो कोरोना महामारी रुकी, बल्कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था व लोगों की रोजगार-रोटी की कमर पूरी तरह से तोड़ दी। देश के इतिहास में नेतृत्व की विफलता का यह सबसे बड़ा तुगलकी उदाहरण गिना जाएगा।
भोपाल, 7 सितंबर (आईएएनएस)| पिता बेटे का सपना पूरा करना चाहता है और उसे सेना में भेजने के लिए हर समस्या का सामना करने को तैयार है तभी तो आगरा से भोपाल तक परीक्षा दिलाने के लिए उसने आठ बसें बदली, मगर परीक्षा देने का मौका हाथ से नहीं जाने दिया। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा (यूपीएससी) द्वारा आयोजित नेशनल डिफेंस एकेडमी और नेवल एकेडमी के लिए रविवार को परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए केंद्रों तक पहुंचना परीक्षार्थियों के लिए बड़ी चुनौती था, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सुचारु रूप से नहीं चल रही है। आगरा के मनोज कुमार को बेटे गोविंद को परीक्षा दिलाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
आगरा से भोपाल की दूरी लगभग साढ़े पांच सौ किलो मीटर की है। बस से लगभग 10 घंटे लगते है, जबकि ट्रेन से महज छह घंटों में यह रास्ता तय हो सकता है। मनोज कुमार जब बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए भोपाल के लिए निकले, तो ट्रेन नहीं मिली और उन्हें बस का साधन मिला। मनोज बताते हैं कि वे आगरा से भेापाल तक आठ बसें बदलते हुए पहुंचे। उन्हें सुकून इस बात का है कि बेटे को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने में सफल रहे।
ज्ञात हो कि एनडीए की परीक्षा रविवार को हुई है। इस परीक्षा के लिए मनोज के बेटे गोविंद ने भोपाल सेंटर चुना था। यहां तक आना समस्या था, मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
मुरादाबाद, 7 सितंबर (आईएएनएस)। कोविड-19 से संक्रमित एक हेड कांस्टेबल ने कथित तौर पर र्तीथकर महावीर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर (टीएमयू) की पांचवीं मंजिल की खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली। यह घटना रविवार की है और यह सीसीटीवी में कैद हो गई है।
हेड कांस्टेबल मुरादाबाद एसएसपी कार्यालय के एक शिकायत प्रकोष्ठ में तैनात थे। वीडियो फुटेज में कांस्टेबल को बाहर कूदने से पहले खिड़की पर लटकते देखा जा सकता है।
पुलिस के अनुसार, कांस्टेबल में पिछले महीने कोविड जैसे लक्षण नजर आए थे। कोविड रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद उन्हें 4 सितंबर को टीएमयू के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि वह बहुत तनाव में थे और यहां तक कि अस्पताल के कर्मचारियों के साथ भी उनकी बहस हुई थी।
मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी ने कहा, "प्रथम ²ष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है लेकिन हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।"
पुलिसकर्मी बदायूं का मूल निवासी था, लेकिन मुरादाबाद के हनुमान नगर का रहने वाला था। उनका परिवार बरेली के सुभाष नगर इलाके में रहता है।
इससे पहले भी दो मरीज कोविड पॉजीटिव आने के बाद इसी तरह से आत्महत्या कर चुके हैं। इसमें एक महिला भी शामिल है।
एसएसपी ने कहा, "यह चिंताजनक है कि टीएमयू से कोविड-19 पॉजीटिव रोगियों के आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। हम सीसीटीवी फुटेज को स्कैन कर रहे हैं। इस मामले की अलग से मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।"
विश्वविद्यालय को भविष्य में अपराध की रोकथाम और उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 149 के तहत नोटिस भेजा गया है।
वहीं मुरादाबाद में कोविड -19 केयर सेंटर के नोडल अधिकारी, डॉ. वी.के. सिंह ने कहा, "4 सितंबर को यहां कोविड सेंटर में भर्ती हुए हेड कांस्टेबल तनाव से पीड़ित थे। उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों के साथ हाथापाई और बहस भी की थी और डॉक्टरों ने उनकी काउंसिलिंग भी की थी। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे बेहतरीन प्रयासों के बावजूद अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया।"
सिंह ने कहा, "एहतियात के तौर पर अब मरीजों की बेहतर सुरक्षा के लिए खिड़कियों में लोहे की ग्रिल होगी। अब तक बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर और अमरोहा जिलों के 2,600 से अधिक कोविड पॉजीटिव रोगियों का टीएमयू के एल -3 कोविड सेंटर में इलाज किया गया है। इनमें से, 2,200 से अधिक रोगियों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।"
दिल्ली, 7 सितंबर। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को गृह मंत्रालय की तरफ से वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से कंगना को धमकी मिल रही है, लिहाजा गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। बता दें कि पिछले करीब एक हफ्ते से कंगना और शिवसेना के सांसद संजय राउत के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। कंगना रनौत ने हाल ही में शिवसेना नेता संजय राउत पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ने उन्हें मुंबई वापस ना आने की धमकी दी है। इसे लेकर एक्ट्रेस ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। कंगना इन दिनों अपने घर हिमाचल प्रदेश में है और वो 9 सितंबर को मुंबई जा सकती हैं।
वाई श्रेणी की सुरक्षा
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार की अनुशंसा पर केन्द्र सरकार ने थ्रेट परसेप्शन के आधार पर ये फैसला लिया है। वाई श्रेणी सुरक्षा व्यवस्था के तहत कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो कमांडो तैनात होता है। ये सुरक्षाकर्मी चौबीस घंटे साथ रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा का ये जिम्मा सीआरपीएफ संभाल सकती है।
हिमाचल प्रदेश की तरफ से भी सुरक्षा
रविवार को कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश की सरकार ने भी सुरक्षा देने का फैसला किया था। कंगना ने कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश की सरकार से अपने लिए सुरक्षा की मांग की थी। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने रविवार को बताया कि कि कंगना के पिता ने इस बारे में राज्य के डीजीपी को पत्र लिखा था। उन्होंने ये भी कहा कि कंगना की बहन का भी उनके पास फोन आया था।
कंगना को संजय राउत ने दी भद्दी गालियां
पिछले कुछ दिनों से कंगना और संजय राउत के बीच जुबानी जंग चल रही है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना ने ड्रग्स माफिया के खिलाफ कई बेबाक बयान दिए हैं। इसके अलावा पिछले दिनों उन्होंने मुंबई को असुरक्षित बताते हुए पीओके करार दिया था। इसके बाद संजय राउत ने उन्हें कथित तौर पर मुंबई न आने की धमकी दी थी। बाद में संजय राउत ‘गाली-गलौज’ पर उतर आए और उन्होंने कंगना को खुलेआम भद्दी गालियां दी थी।
भुवनेश्वर, 7 सितंबर (आईएएनएस)। ओडिया फिल्म अभिनेता और बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद अनुभव मोहंती ने इस साल जुलाई में दिल्ली के एक कोर्ट में अभिनेत्री व पत्नी वर्षा प्रियदर्शनी के खिलाफ तलाक की याचिका दायर की है। हालांकि यह मामला रविवार को सामने आया।
गौरतलब है कि अनुभव और वर्षा के बीच कलह की जानकारी कटक में अभिनेत्री द्वारा एक स्थानीय कोर्ट में 7 सितंबर को अपने पति व अभिनेता के खिलाफ घरेलू हिंसा की याचिका दायर कराने के बाद सामने आई।
वहीं अनुभव ने प्रेस को दिए अपने बयान में कहा है, "मैंने वर्षा से गहराई से प्यार किया है और उससे शादी की है। मैं सफल महिला के तौर पर वर्षा का बहुत सम्मान करता हूं। मेरी शादी लंबे समय से खराब स्थिति से गुजर रही है। मैंने अपने स्तर पर तर्क करने, समझाने, समझने और सुधारने की पूरी कोशिश की है। दुर्भाग्य से चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं हुईं।"
उन्होंने आगे कहा, "इसलिए सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग हो जाना ही सबसे अच्छा तरीका है। मैंने और मेरे परिवार ने ईमानदारी से आपसी सहमति से अलग होने को लेकर पूरी कोशिश की, क्योंकि हम एक-दूसरे की सामाजिक छवि और प्रतिष्ठा के बारे में चिंतित थे।"
दोनों ने साल 2014 में फरवरी में शादी की थी।
अपनी याचिका में अनुभव ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी यौन संबंधों और स्वाभाविक दांपत्य जीवन की अनुमति नहीं दे रही थी और वर्षा के साथ शारीरिक अंतरंगता स्थापित करने के गंभीर प्रयासों के बाद उन्हें निराशा मिली।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्षा साल 2016 से उन पर सह-कलाकारों के साथ अफेयर्स का झूठा आरोप लगा रही थीं।
वहीं दूसरी ओर वर्षा ने अपनी याचिका में अनुभव पर मां बनने के अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया है।
अभिनेत्री ने आरोप लगाया कि अनुभव आदतन शराबी है और उसके कई अफेयर्स हैं।