राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मौजूदगी में सोमवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित राज्यपालों की कांफ्रेंस में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल और प्रभाव कम से कम होना चाहिए। उन्होंने केंद्र, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी जिम्मेदारियों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं। लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षा नीति से जितना शिक्षक, अभिभावक जुड़ेंगे, छात्र जुड़ेंगे, उतना ही उसकी प्रासंगिकता और व्यापकता, दोनों ही बढ़ती है। देश के लाखों लोगों ने, शहर में रहने वाले, गांव में रहने वाले, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने, इसके लिए अपना फीडबैक दिया था, अपने सुझाव दिए थे। दो लाख से अधिक लोगों के सुझाव लेकर शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार हुआ था। इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वागत हो रहा है। इसकी स्वीकार्यता देखने को मिली है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)| कोरोना संक्रमण की वजह से 22 मार्च को बंद हुई दिल्ली मेट्रो 169 दिन के बाद आखिरकार लोगों के लिए शुरू हो गई। इसकी शुरुआत करने को लेकर मेट्रो की तरफ से पहले ही पूरी तैयारियां कर ली गई थी। सप्ताह के पहले दिन, सोमवार को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सुबह से ही लोगों में मेट्रो से अपने दफ्तर जाने को लेकर उत्साह देखा गया। सभी यात्रियों ने मुंह पर मास्क लगाए और उचित दूरी के साथ अपना सफर शुरू किया। हालांकि यात्रियों को मेट्रो में नियमों का पालन करने को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं, यदि कोई यात्री ऐसा नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीएमआरसी की तरफ से पहले ही साफ निर्देश दिए गए हैं कि अगर यात्री किसी स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं तो उन स्टेशनों पर भी मेट्रो नहीं रोकी जाएगी।
दिल्ली निवासी नवन सोडी ने आईएएनएस को बताया, "अभी तो यहां प्रोटोकॉल के मुताबिक ठीक है, अंदर जाकर पता चलेगा, अपने भी सुरक्षा का ध्यान रखना है। सब कुछ खुल चुका है। हम अपनी सुरक्षा के साथ कैसे चलते है, यह हम पर भी निर्भर करता है।"
रुक्सार अहमद ने आईएएनएस को बताया, "बसें चल चुकीं है। यात्री सुरक्षित रहेंगे या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि डीएमआरसी कैसे इसका ध्यान रखता है।"
सोमवार को सबसे पहली मेट्रो येलो लाइन (समयपुर बादली-हुड्डा सिटी सेंटर) पर चलनी शुरू हुई और 12 सितंबर तक मेट्रो की सभी लाइनों पर परिचालन होने लगेगा। पहले चरण में दिल्ली मेट्रो दो पालियों में सुबह 7 से 11 बजे तक और दोपहर बाद 4 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी।
दूसरे फेज में ट्रेनें सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच और शाम 4 बजे से रात 10 बजे के बीच उपलब्ध रहेंगी। 12 सितंबर से मेट्रो की सर्विस सामान्य रूप से शुरू हो जाएगी।
यात्रियों की मेट्रो में सफर करने से पहले स्टेशन की एंट्री पॉइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग की गई, वहीं लोगों ने सैनिटाइजेशन मशीन से हाथों को सैनिटाइज भी किया।
जिन यात्रियों में कोविड के लक्षण दिखाई देंगे, उन्हें मेट्रो में यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेट्रो के स्टेशन में दाखिल होते ही आपके बैग को भी सैनिटाइज करने का इंतजाम किया गया है। यात्रियों को एक-दूसरे से हमेशा 1 मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी। फ्रिस्किंग पॉइंट्स, कस्टमर केयर, एएफसी गेट्स समेत सभी जगहों पर निशान बनाए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
मेट्रो परिसर को एक निर्धारित समय सीमा पर सैनिटाइज किया जाता रहेगा और अधिकतर उन चीजों को किया जाएगा जो कि इंसानों के सबसे ज्यादा संपर्क में आएगी। जैसे लिफ्ट, एस्केलेटर की हैंड रेट्स, एएफसी गेट्स के टच पॉइंट्स हों या कस्टमर हैंडलिंग पाइंट्स।
मेट्रो के अंदर नियमित रूप से अनाउसमेंट होती रहेगी जिससे कि यात्री सफर करते वक्त नियमों का पालन कर सके।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तानी आईएसआई ने अब यह प्रमाणित कर दिया है कि सैयद सलाहुद्दीन, आमीर, हिजबुल मुजाहिदीन एजेंसी के लिए काम करते हैं! आमीर का उच्चारण अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है, लेकिन इसका मतलब अरब, अफगानिस्तान, पश्चिमी अफ्रिका, और भरतीय उपमहाद्वीप के देशों में राजा, तानाशाह, सैन्य प्रमुख या वरिष्ठ पद के लिए होता है। विकीपीडिया के अनुसार, इस शब्द का मतलब जनरल, कमांडर, लीडर आदि होता है।5555555
पाकिस्तान भले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने आतंकी संबंधों को छुपाने की कोशिश करे, भारत अब स्पष्ट सबूत के साथ पाकिस्तान का पर्दाफाश कर सकता है। इससे पाकिस्तान के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में खुद को बचाना आसान नहीं होगा। एफएटीएफ की समीक्षा बैठक अगले माह प्रस्तावित है।
आईएसआई की ओर से जारी दस्तावेज के अनुसार, "यह प्रमाणित किया जाता है कि सैयद मुहम्मद युसूफ शाह, आमीर हिजबुल मुजाहिदीन आईएसआई(आईएसआई इस्लामाबाद) के साथ काम करते हैं।"
पाकिस्तानी दस्तावेज भारतीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसी के हाथ लगे हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद सलाहुदीन आईएसआई का 'बोना फाइड' अधिकारी है।
पाकिस्तान द्वारा उसनी धरती से आतंकवाद का संचालन करने और आतंकवाद को समर्थन देने की बात भूल जाइए, यहां तो पाकिस्तान दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक को सत्यापित वाहन पास और उच्च सुरक्षा मुहैया करा रहा है।
व्यक्ति की जो भी पहचान हो, यहां आईएसआई एक दस्तावेज जारी करता है जिसमें वह आमीर हिज्ब उल मुजाहिदीन का नाम लेता है, जो आईएसआई के लिए काम करता है।
दस्तावेज इस्लामाबाद में डाइरेक्टरेट ऑफ इंटिलिजेंस के डाइरेक्टर ऑफिस कमांडिंग वजाहत अली खान द्वारा 20 सितंबर 2019 को जारी किया गया है और यह 31 दिसंबर 2020 तक वैध है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं दिल्ली में बार, पब और क्लबों को नौ सितंबर से खुलने की इजाजत मिल गई है। हालांकि बार या पब की क्षमता के 50 फीसदी लोगों को ही बैठने की इजाजत होगी। जिसके लिए बार और क्लबों में खास बदलाव किए जा रहे हैं। हालांकि बार में पहले गेस्ट को शराब के साथ दिए जाने वाला चखना बाउल में दिया जाता था ,वहीं अब कोरोना संक्रमण की वजह से अब एक सील पैक बॉटल में दिया जाएगा, जिसे गेस्ट खुद खोलेगा।
दिल्ली में 9 सितंबर से होटल, रेस्तरां, बार और क्लब खोल दिए जाएंगे। हालांकि इन्हें 30 सितंबर तक के लिए ट्रायल के आधार पर खोला जाएगा और फैसले की समीक्षा की जाएगी। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो इस फैसले को आगे के लिए लागू किया जा सकता है। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ केन्द्र की गाइडलाइंस का पूरा पालन करना होगा।
दिल्ली ताज होटल के फूड एन्ड बेवरेजेस के हेड हर्षल भवसार ने आईएएनएस को बताया, "50 फीसदी गेस्ट को ही बैठने की इजाजत होगी, वहीं बार में खड़े होकर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी, हमने बार काउंटर के सामने से बैठने की व्यवस्था हटा दी है। अब गेस्ट सिर्फ बार में लगी कुर्सियों पर ही शराब पी सकेंगे।" उन्होंने बताया, "बार में एंट्री करने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी, वहीं सेनिटाइजेशन मशीन भी लगाई गई है। तापमान सामान्य होने पर ही बार के अंदर आने की इजाजत होगी।"
उन्होंने आगे बताया, "बार में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा दी गई। वहीं गेस्ट बार कोड स्कैन करके आर्डर दे सकते हैं। गेस्ट जिस ग्लास को इस्तेमाल करेंगे उसे हम और उसे कायदे से सैनिटाइज करेंगे।" हालांकि गेस्ट के बैग्स को डिस्इफेक्ट भी किया जाएगा, साथ ही गेस्ट बिना छुए तापमान भी नाप सकेंगे, जिसके लिए जगह जगह पर मशीन लगाई गई है। बार मे सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर सीटों में उचित दूरी बनाई गई है।
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने इस संबंध में एसओपी भी जारी की है। जिसके मुताबिक, बार और पब में स्टाफ के सिर्फ उन लोगों को ही काम करने की इजाजत होगी, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं होंगे। इसके साथ ही बार और पब में कुल कैपिसिटी के 50 फीसदी लोगों को ही बैठने की इजाजत होगी। हालांकि कंटेनमेंट जोन में आने वाले बार, पब और क्लबों को फिलहाल खोलने की इजाजत नहीं दी गई है।(navjivan)
दमोह, 6 सितंबर। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने यहां रविवार को कहा कि आगामी संसद सत्र में सांसदों को अपनी, परिवार और कर्मचारियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पेश करने पर ही सदन में प्रवेश मिलेगा। अपने संसदीय क्षेत्र दमोह में कार्यकर्ताओं की वर्चुअल बैठक के बाद रविवार को पटेल ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि कुछ दिनों बाद शुरू होने वाले संसद के सत्र में देशभर के सांसदों को अपनी, अपने परिवार व कार्यालय कर्मचारियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पेश करनी होगी, उसके बाद ही उन्हें संसद में प्रवेश मिलेगा। साथ ही संसद के सभी लोगों का जब तक कोरोना टेस्ट नहीं होगा, तब तक वे संसद परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते।
पटेल का मानना है कि दुविधा के कारण लोग अपना कोरोना टेस्ट नहीं करा रहे हैं, जिससे उन्हें मुक्त होना चाहिए। वे लोग जो जानकारी रखते हैं या जिनमें जानकारी का अभाव है, वैसे तो पिछले पांच माह में जागरण हुआ है, उसमें वह यह नहीं कह सकता कि जानकारी की कमी है। परिवार का एक सदस्य संक्रमित निकलता है तो परिवार के बाकी लोगों को भी जांच करानी होती है। सांसदों के लिए भी यह व्यवस्था है, तो यह नियम सभी पर लागू होगा, इसलिए भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री पटेल के मुताबिक, अपने संसदीय क्षेत्र के मुख्यालय दमोह को एक बार फिर से विधिवत सेनिटाइज करने की जरूरत है और मुहिम भी शुरू होगी। इसके लिए कार्यकर्ता घर-घर संपर्क करेंगे, यह सिर्फ प्रशासन का काम नहीं है।(IANS)
नई दिल्ली, 6 सितंबर। कोरोना काल में आमलोगों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है। बरसात के मौसम में हरी सब्जियों की महंगाई तो हर साल रहती है, लेकिन इस साल आलू का दाम भी लगातार आसमान छू रहा है। आलू का भाव 50 रुपये किलो के पार चला गया है। प्याज और टमाटर के दाम में भी लगातार इजाफा हो रहा है। एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में शनिवार को आलू का थोक भाव 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो था। बीते दो महीने में आलू के थोक दाम में 50 से 150 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। प्याज का थोक भाव आजादपुर मंडी में 10 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो और टमाटर का 13 रुपये से 52 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया। थोक कारोबारियों ने बताया कि आवक कम होने की वजह से आलू, प्याज, टमाटर व अन्य सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है।
बीते तीन महीने में तमाम हरी सब्जियों की कीमतें दोगुनी-तिगुनी तक बढ़ गई, जिससे आम लोगों के लिए सब्जी खाना मुश्किल हो गया है। ग्रेटर नोएडा निवासी व आईटी प्रोफेशनल सुरभि ने बताया कि पहले जितनी सब्जियां 100 से 200 रुपये में आती थीं, उतनी के लिए अब 300 से 400 रुपये खर्च करना पड़ता है।
सब्जी विक्रेता अखिलेश कुमार ने बताया कि दाम बढ़ने से लोगों ने सब्जी खरीदना कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो उपभोक्ता पहले दो किलो सब्जी खरीदते थे, वे अब सिर्फ एक किलो ही खरीद रहे हैं।
उपभोक्ता नीरज ने कहा कि हरी सब्जियां महंगी होने पर गरीब-अमीर सबके लिए आलू एक बड़ा सहारा होता था, लेकिन अब तो आलू का भाव भी आसमान चढ़ गया है, जिस कारण आमजनों के लिए सब्जी खाना मुहाल हो गया है।
आलू के दाम में हो रही बढ़ोतरी से सरकार भी चिंतित है। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बीते सप्ताह मंत्रिसमूह की बैठक में भी आलू की महंगाई को लेकर चर्चा हुई।
बता दें कि कोरोना काल में मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों के हित में तीन महत्वपूर्ण कानूनी सुधारों को अमलीजामा पहनाया, जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन भी शामिल है। इस संशोधन के जरिए आलू, प्याज, दलहन, तिलहन व खाद्य तेल को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से हटा दिया है।
आजादपुर मंडी कृषि उपज विपणन समिति के पूर्व चेयरमैन राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के कारण आलू की फसल लगने और तैयार होने में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में इजाफा हो रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में आलू के स्टॉक में कमी नहीं है, लेकिन बरसात के कारण अगली फसल में विलंब होने के अंदेशे से कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण प्याज की तैयार फसल खराब होने से प्याज के दाम में भी तेजी आई है।
दिल्ली-एनसीआर में रविवार को सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रतिकिलो) :
आलू 40-50, फूलगोभी-150, बंदगोभी-50, टमाटर 70-80, प्याज 30-40, लौकी/घीया-40, भिंडी-60, खीरा-40, कद्दू-40, बैंगन-60, शिमला मिर्च-80, पालक-80, कच्चा पपीता-40, कच्चा केला-50, सहजन यानी ड्रमस्टिक-200, तोरई-40, करेला-60, परवल 80-100, लोबिया-60, अरबी-40,अदरख-200, लहसन-200।
जून में सब्जियों के खुदरा दाम (रुपये प्रति किलो) :
आलू 20-25, गोभी 30-40, टमाटर 20-30, प्याज 20-25, लौकी/घीया-20, भिंडी-20, खीरा-20, कद्दू 10-15, बैंगन-20, शिमला मिर्च-60, तोरई-20, करेला 15-20।(IANS)
गुवाहाटी, 6 सितंबर। असम में एक सरकारी डॉक्टर और उसकी पत्नी को पुलिस ने नगांव से गिरफ्तार कर लिया। सरकारी डॉक्टर ने अपने नाबालिग घरेलू नौकर पर गर्म पानी फेंक दिया था और वह अपनी पत्नी के साथ फरार हो गया था। डिब्रूगढ़ जिला पुलिस अधिकारी ने कहा कि डिब्रूगढ़ स्थित असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर सिद्धि प्रसाद देउरी और मोरान कॉलेज की प्रिंसिपल मिताली कंवर को शनिवार को पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी में कार से यात्रा करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया।
29 अगस्त को घटना सामने आने के बाद से दंपति फरार था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "देउरी ने 27 अगस्त को एक 12 वर्षीय बच्चे पर खौलता हुआ पानी डाल दिया था। घटना के समय बच्चा अपने घर पर सो रहा था। देउरी की पत्नी ने इसे देखने के बाद भी कुछ नहीं किया और घायल बच्चे को इलाज के लिए डॉक्टर के पास नहीं ले गई।"
डिब्रूगढ़ पुलिस ने ट्वीट कर कहा, "घर में काम कर रहे एक बच्चे के साथ अमानवीय व्यवहार के बारे में 31 अगस्त को दर्ज एफआईआर के आधार पर, आरोपी सिद्धि प्रसाद देउरी और उसकी पत्नी मिताली कंवर को गिरफ्तार कर लिया गया। दंपति फरार हो गए थे, लेकिन नगांव पुलिस की मदद से दोनों को पकड़ लिया गया।"
यह मामला तब प्रकाश में आया था, जब जिला बाल कल्याण समिति (डीसीडब्ल्यूसी) ने 29 अगस्त को बच्चे को एक वीडियो क्लिप देखने के बाद उसे बचाया। डीसीडब्ल्यूसी ने पहले पुलिस को इसकी सूचना दी और बच्चे को अपनी निगरानी में ले लिया।(IANS)
भुवनेश्वर, 6 सितंबर। अपने अनिवार्य ड्यूटी की जिम्मेदारियों से एक कदम आगे बढ़ते हुए, भारतीय सीमा की रक्षा करने वाले प्रहरी बीएसएफ ने ओडिशा में नक्सल प्रभावित मलकानगिरि जिले में एक बीमार महिला की मदद की। बीएसएफ ने बीमार महिला को एंबुलेंस और अन्य जरूरी सेवाएं मुहैया कराई, ताकि वह 75 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सके।
शनिवार को सुबह 11 बजे थे, जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को कंपनी ऑपरेशन बेस (सीओबी) डाइक-3 डैम में तैनात किया गया था, तभी उन्हें एक बीमार महिला को बेहोश हालत में एक मोटरबोट से लाए जाने की सूचना मिली। डाइक-3 बालीमेला में जलाशय बनाने के लिए एक निर्माण परियोजना है।
सीओबी डाइक-3 में तैनात 144 बटालियन के तैनात कर्मियों ने डाइक-3 डैम के फैरी प्वाइंट के पास एक मोटरबोट को आते देखा। बोट में जोडामबो क्षेत्र के दंडार बेड़ा की निवासी पूर्णिमा हनतल को जब बीएसएफ कर्मियों ने देखा तो वह अचेत अवस्था में थीं। बीमार महिला के साथ आंगनवाड़ी की आशा कार्यकर्ता तुला खिल्लो और उसकी एक संबंधी सवार थी।
बीएसएफ के पीआरओ कृष्णा राव ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बीएएसफ के जवानों ने तत्काल ऐंबुलेंस सहायता के लिए आपातकालीन कॉल किया और रोगी को मलकानगिरि में 11.40 बजे पूर्वाह्न् पहुंचा दिया गया। डाइक-3 डैम से अस्पताल से करीब 75 किलोमीटर दूर है।
बीएसएफ टीम ने महिला को मच्छरदानी, बेडशीट, तौलिया दिया। महिला के परिवार के सदस्य और आशा कार्यकर्ता के पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए बीएसएफ ने इस बाबत उनकी मदद की। अन्य बीएसएफ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि महिला ने दो दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया था और उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थी।
डाइक-3 परियोजना की वजह से महिला का गांव मुख्यभूमि से कटा हुआ है और लोग शहर जाने के लिए मोटरबोट या फिर निर्माणाधीन पुल का प्रयोग करते हैं।
यह क्षेत्र आंध्रप्रदेश की सीमा से लगता है और यह नक्सल प्रभावित इलाका है।(IANS)
इंडियन रेल्वे, 6 सितंबर। कोरोना वायरस संकट के बीच देश धीरे धीरे अनलॉक हो रहा है. सरकार ने देश में अनलॉक 4.0 को लागू किया और अब भारतीय रेलवे ने भी एक बड़ा फैसला लिया है. रेलवे ने शुक्रवार को घोषणा की कि 12 सितंबर से देश में 80 नई स्पेशल ट्रेन शुरू की जाएंगी. कोरोना काल में रेलवे के इस फैसले से लोगों को काफी राहत मिली है. रेलवे पहले से ही कुल 230 ट्रेंन संचालित कर रहा है और अब इसमें 80 और ट्रेने शामिल हो जाएंगीं.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने इसका ऐलान किया और साथ ही बताया कि इन 80 ट्रेनों के माध्यम से जो लोग यात्रा करना चाहते हैं वो 10 सितंबर से अपना रिजर्वेशन करा सकते हैं. यादव ने कहा कि एग्जाम के समय अगर कोई राज्य ट्रेन चलाने के लिए कहेगा तो वहां के लिए स्पेशल ट्रेन की भी व्यवस्था की जाएगी.
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से सभी प्रकार के ट्रेनों की आवाजाही को बंद कर दिया था. इसके बाद प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. रेलवे बोर्ड के सीईओ ने कहा कि इंडियन रेलवे स्पेशल ट्रेन की डिमांड का निरीक्षण करेगी अगर कही वेटिंग लिस्ट लंबी होगी तो वहां के लिए क्लोन ट्रेन चलाई जाएगी.
यादव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत दिल्ली सरकार और रेलवे, पटरियों के किनारे से कचरा हटाने के लिए संयुक्त रूप से तुरंत कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा बुलेट ट्रेन परियोजना में अच्छी प्रगति हुई है. कोविड-19 से कुछ निविदा और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर असर पड़ा है.(INDIA.COM)
नई दिल्ली, 6 सितंबर। नेशनल प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की शिकायत के बाद ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबेर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और रायपुर पुलिस ने आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 6 अगस्त को जुबेर का एक ट्विटर यूजर के साथ ऑनलाइन बहस हुई थी। इसके बाद जुबेर ने एक नाबालिग लड़की की तस्वीर उस ट्विटर यूजर के साथ साझा की थी। उस तस्वीर में नाबालिग लड़की का चेहरा धुंधला किया हुआ था। बहस के दौरान जुबेर ने ट्वीट किया, "क्या तुम्हारी बेटी इस बारे में जानती है कि तुम्हारा काम लोगों को ऑनलाइन गाली देना है? मैं तुम्हें सलाह देता हूं कि तुम अपना प्रोफाइल पिक चेंज कर लो।"
जुबेर को इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया में काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। बच्ची की तस्वीर का उपयोग करने को लेकर जुबेर की खूब किरकिरी हुई। इसी पोस्ट को लेकर ट्विटर यूजर्स राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली पुलिस और एनसीपीसीआर को टैग करने लगे।
7 अगस्त को जुबेर ने ट्विटर यूजर के साथ बहस का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें यूजर के ट्विटर हैंडल पर गंदी गालियां दी गई थीं।
8 अगस्त को नेशनल कमीशन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया, "कमीशन ने ट्विटर पर एक बच्ची को धमकी देने के मामले का संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया और संबंधित विधि एजेंसियों को ठोस कदम उठाने के लिए पत्र भेजा है।"
गत शनिवार को कानूनगो ने बताया कि जुबेर के खिलाफ एक नाबालिग लड़की को धमकी देने के अरोप में केस दर्ज कर लिया गया है। एनसीपीसीआर ने ट्विटर इंडिया को इस बारे में जवाब देने के लिए 10 दिन का वक्त दिया है।(IANS)
नई दिल्ली, 6 सितंबर। केंद्र सरकार यह प्रस्ताव लेकर आई है कि लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए एयरलाइनों द्वारा 15 दिनों के भीतर पूरी राशि वापस दी जानी चाहिए, और यदि कोई एयरलाइन वित्तीय संकट में है और ऐसा करने में असमर्थ है तो उसे 31 मार्च, 2021 तक यात्रियों की पसंद की यात्रा क्रेडिट शेल प्रदान किया जाना चाहिए। घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय और विदेशी एयरलाइनों में लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए पूर्ण राशि वापस करने का प्रस्ताव दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में नागर विमानन के निदेशक ओ.के. गुप्ता ने कहा, घरेलू एयरलाइनों के लिए यदि टिकटों को सीधे एयरलाइन या एक एजेंट के माध्यम से पहले लॉकडाउन अवधि 25 मार्च-14 अप्रैल के दौरान 25 मार्च-3 मई के बीच पहली और दूसरी लॉकडाउन अवधि में यात्रा करने के लिए बुक किया गया था, तो ऐसे सभी मामलों में, एयरलाइंस द्वारा तुरंत पूरा रिफंड दिया जाएगा।
हलफनामे में कहा गया है, "अन्य सभी मामलों के लिए एयरलाइंस 15 दिनों के भीतर यात्री को एकत्रित राशि वापस करने के लिए सभी प्रयास करेगी। यदि वित्तीय संकट के कारण एयरलाइंस ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे एकत्र किए गए किराये की राशि के बराबर यात्री को क्रेडिट शेल प्रदान करेंगे। यह क्रेडिट शेल उस यात्री के नाम से जारी किया जाएगा, जिसने टिकट बुक किया है। यात्री अपनी पसंद के किसी भी मार्ग पर 31 मार्च, 2021 तक क्रेडिट शेल का इस्तेमाल करने में सक्षम होगा।"
केंद्र ने कहा कि क्रेडिट शेल के उपभोग में देरी होने पर यात्री को क्षतिपूर्ति देने के लिए इंसेन्टिव मैकेनिज्म होगा, जैसे 30 जून, 2020 तक टिकट रद्द होने की तारीख से, क्रेडिट शेल के मूल्य (पहले ली गई टिकट के मूल्य) में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
हलफनामे में आगे कहा गया है, "इसके बाद, क्रेडिट शेल के मूल्य को मार्च 2021 तक प्रति माह अंकित मूल्य के 0.75 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। क्रेडिट शेल ट्रांसफर भी किया जा सकेगा। यात्री क्रेडिट शेल किसी भी व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकता है, और एयरलाइंस इस तरह के ट्रांसफर का सम्मान करेगी। एयरलाइंस इस तरह के ट्रांसफर की सुविधा के लिए एक मैकेनिज्म तैयार करेगी। वहीं मार्च 2021 के अंत तक एयरलाइन क्रेडिट शेल धारक को नकद वापस कर देगी।"
केंद्र ने कहा कि यह समाधान व्यावहारिक है, क्योंकि यह यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइंस के हितों को संतुलित करता है। उन्होंने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इसके कार्यान्वयन के लिए एक उपयुक्त आदेश पारित करने का आग्रह भी किया।
याचिकाकर्ता प्रवासी लीगल सेल का प्रतिनिधित्व करते हुए एडवोकेट जोस अब्राहम ने कहा, "याचिकाकर्ता सभी टिकटों (घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय और विदेशी कैरियर्स) के लिए पूर्ण वापसी का निर्देश देने वाली केंद्र सरकार की पहल का खुशी से स्वागत करता है। सरकार का दृष्टिकोण बहुत संतुलित है, क्योंकि क्रेडिट शेल का समय भी 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया है। यात्री टिकट बुकिंग के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और क्रेडिट शेल न लेने पर मामूली ब्याज के साथ पूरा रिफंड मिलेगा और यह वास्तव में एक स्वागत योग्य कदम है।"(IANS)
नई दिल्ली, 6 सितम्बर। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने रविवार को सरकार को नसीहत दी है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाए जिससे कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सके। बता दें कि देश की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में माइनस 24 प्रतिशत तक गिर गई है।
कई सारे ट्वीट के जरिए चिदम्बरम ने कहा, अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मांग बढ़ाना जरूरी है। 50 फीसदी गरीब परिवारों को कैश ट्रांसफर करना जरूरी है। इतना ही नहीं, मुफ्त अनाज बांटने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि गोदामों में पड़े अनाज का उपयोग भुगतान करने में भी किया जा सकता है। लोक निर्माण कार्य पर इस तरह से खर्च करने पर बैंक की वित्तीय स्थिति सुधरेगी और वो ज्यादा से ज्यादा कर्ज दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से जीवित करने के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी। सरकार को इसके लिए कर्ज लेना पड़ेगा।(IANS)
भोपाल, 6 सितंबर। मध्य प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने एक बार फि र दोहराया है कि उनके विभाग का लक्ष्य बच्चों को कुपोषित होने से बचाना है। इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों से अंडा और फ ल बांटे जाएंगे। अंडे का विकल्प रहेगा। पिछले दिनों आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा बांटे जाने की बात कहे जाने के बाद से महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी विवादों में है। वे रविवार को भाजपा दफ्तर में आयोजित बैठक में हिस्सा लेने पहुंची। इस मौके पर उनसे आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा बांटे जाने की योजना पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनका विभाग बच्चों से कुपोषण को खत्म करने प्के लिए प्रतिबद्घ है। अंडे बांटे जाएंगे। यह सभी के लिए नहीं होगे, बल्कि अनुसूचित जाति और जनजाति के वर्ग में अंडे का सेवन किया जाता है, इसलिए इस वर्ग के बच्चों को अंडे बांटे जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जो बच्चा अंडा लेगा उसे अंडा दिया जाएगा और बाकी बच्चों केा फ ल में सेवफ ल व केला आदि दिया जाएगा। सबसे ज्यादा कुपोषण अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों में हेाता है। इसलिए इन बच्चों को अंडा दिया जाएगा।
अभी तक मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा नहीं दिया जाता था। पिछली कमल नाथ सरकार में भी इसकी बात उठी थी लेकिन उस समय भाजपा ने इसका विरोध किया था।(IANS)
नई दिल्ली, 6 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70 वें जन्मदिन पर भारतीय जनता पार्टी पूरे एक सप्ताह तक सेवा कार्यों का संचालन करेगी। सभी प्रदेशों में लगातार बैठकें कर आयोजन की रूपरेखा तय हो रही है। नेशनल सेक्रेटरी सुनील देवधर ने रविवार को कुछ प्रदेशों के कार्यक्रम संयोजकों के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर सेवा कार्यों के संचालन के लिए खास निर्देश दिए। पार्टी की ओर से तैयार योजना के मुताबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 17 सितंबर को 70वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में पूरे एक सप्ताह तक विभिन्न तरह के सेवा कार्य चलेंगे। 14 सितंबर से लेकर 20 सिंतबर तक सेवा कार्यों का सिलसिला चलेगा। चूंकि इस बार कोरोना की गंभीर चुनौती है तो पार्टी ने कोविड संक्रमितों को प्लाज्मा की व्यवस्था के लिए रक्तदान शिविरों के आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश, जिला और मंडल स्तर पर सेवा कार्य होंगे। प्रधानमंत्री मोदी का 70 वां जन्मदिन होने पर हर मंडल में कम से कम 70 जरूरतमंदों की सेवा करने का निर्देश है। दिव्यांगों के लिए भी शिविर आयोजित कर उन्हें जरूरी उपकरण दिए जाएंगे।
भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी सुनील देवधर ने समीक्षा बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को सेवा सप्ताह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। पूरी गंभीरता से सेवा कार्यों का आयोजन करना है। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकतार्ओं को हर स्तर पर जरूरतमंदों की मदद के निर्देश दिए। वहीं कोरोना की चुनौती के कारण सेवा कार्यों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखने का भी निर्देश दिया। इस बैठक में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता व अन्य मौजूद रहे।(IANS)
देहरादून, 6 सितंबर। आखिरकार एक महिला के आरोपों से घिरे द्वाराहाट से भाजपा विधायक महेश नेगी और उनकी पत्नी रीता नेगी के खिलाफ अदालत के आदेश के बाद रविवार सुबह नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इसकी पुष्टि थाने के इंस्पेक्टर राकेश गुसाईं ने की है।
उन्होंने बताया कि विधायक पर दुष्कर्म करने और उनकी पत्नी पर जान से मारने की धमकी देने और मामले को दबाने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि एसीजेएम पंचम की कोर्ट ने शनिवार को विधायक पर दुष्कर्म और रीता नेगी पर अनैतिक कार्य करते हुए मामले को दबाने के आरोप में फौरन मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। महिला के वकील एसपी सिंह के मुताबिक पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की थी। इस वजह से कोर्ट में 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। शनिवार को प्रार्थना पत्र को एसीजेएम पंचम ने स्वीकार किया। अदालत ने थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस को जल्द विवेचना शुरू करने को भी कहा है।
उधर, पिछले महीने विधायक की पत्नी ने महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें महिला पर आरोप लगाया गया है कि वह विधायक से संबंध होने की बात करके उनसे पांच करोड़ रुपये मांग रही है। महिला ने अपनी बच्ची को भी विधायक की ही बताया था। इसके उलट इस महिला की मांग है कि उसकी बच्ची का डीएनए विधायक से मैच कराया जाए। इस मसले पर राज्य महिला आयोग और बाल आयोग ने भी पुलिस से जवाब मांगा था। कुछ दिन पहले नैनीताल हाईकोर्ट महिला की गिरफ्तारी पर रोक लगा चुकी है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में महिला ने विधायक महेश नेगी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप लगाया कि विधायक ने उसका दो वर्ष तक शारीरिक शोषण किया। दावा किया कि उसकी बेटी के पिता विधायक महेश नेगी ही हैं। महिला ने कहा कि वह बेटी और विधायक का डीएनए टेस्ट कराना चाहती है। वहीं विधायक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। विधायक का कहना है कि वे किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं।1.47 मिनट का यह वीडियो शुक्रवार दोपहर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें महिला ने अपने ऊपर लगे रंगदारी मांगने के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। वीडियो में उसने बताया कि उसने ऐसी कोई मांग विधायक के परिवार से नहीं की है। पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है।(NEWSPOINT24.COM)
इमरान कुरैशी
बेंगलुरु (कर्नाटक) से, 6 सितंबर। संविधान के ‘मूल संरचना सिद्धांत’ को निर्धारित करने वाले ऐतिहासिक फ़ैसले के प्रमुख याचिकाकर्ता रहे केशवानंद भारती का निधन हो गया है। वे 79 वर्ष के थे। उन्होंने रविवार सुबह केरल के उत्तरी जि़ले कासरगोड में स्थित इडनीर के अपने आश्रम में अंतिम साँस ली।
केशवानंद भारती इडनीर मठ के प्रमुख थे। मठ के वकील आई वी भट ने बीबीसी को बताया, अगले हफ़्ते भारती की हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी होनी थी, लेकिन रविवार सुबह अचानक उनकी मृत्यु हो गई।
केशवानंद भारती का नाम भारत के इतिहास में दर्ज रहेगा। 47 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने केशवानंद भारती बनाम स्टेट ऑफ़ केरल मामले में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया था जिसके अनुसार संविधान की प्रस्तावना के मूल ढांचे को बदला नहीं जा सकता। इस फ़ैसले के कारण उन्हें संविधान का रक्षक भी कहा जाता था। हालांकि जिस मामले के लिए उन्होंने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था, उसका विषय अलग था।
मिसाल बना ये मामला
दरअसल, केरल में इडनीर नाम का एक हिन्दू मठ है। केशवानंद भारती इसी मठ के प्रमुख थे। इडनीर मठ केरल सरकार के भूमि-सुधार क़ानूनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट गया था।
दरअसल इस क़ानून के तहत मठ की 400 एकड़ में से 300 एकड़ ज़मीन पट्टे पर खेती करने वाले लोगों को दे दी गई थी। उन्होंने 29वें संविधान संशोधन को भी चुनौती दी थी जिसमें संविधान की नौवीं अनुसूची में केरल भूमि सुधार अधिनियम, 1963 शामिल था। इसकी वजह से इस क़ानून को चुनौती नहीं दी जा सकती थी क्योंकि इससे संवैधानिक अधिकारों का हनन होता।
भट कहते हैं कि भूमि सुधार क़ानून के ज़रिए धार्मिक संस्थानों के (संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत दिये गए) अधिकार छीन लिए गए थे। लेकिन स्वामीजी, जिन्हें केरल का शंकराचार्य भी कहा जाता है, वे संवैधानिक अधिकारों के मसले को क़ानूनी चुनौती देने वाला चेहरा बने। हालांकि उस मामले में कुछ और भी याचिकाकर्ता थे।
इस मामले के ज़रिए 1973 में सुप्रीम कोर्ट के सामने ये सवाल आया कि क्या संसद को यह अधिकार है कि वो संविधान की मूल प्रस्तावना को बदल सके?
मठ का नहीं, लोगों का फायदा हुआ
इस मामले में भारती को व्यक्तिगत राहत तो नहीं मिली लेकिन केशवानंद भारती बनाम स्टेट ऑफ़ केरल मामले की वजह से एक महत्वपूर्ण संवैधानिक सिद्धांत का निर्माण हुआ जिसने संसद की संशोधन करने की शक्ति को सीमित कर दिया।
इस मामले की सुनवाई 68 दिनों तक चली थी और मुख्य न्यायाधीश एस एम सिकरी की अध्यक्षता वाली 13 जजों की बेंच ने यह ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाया था। हालांकि, जजों की राय इस पर बँटी हुई थी, मगर 13 जजों की बेंच में से सात जजों ने बहुमत से फ़ैसला दिया गया कि संसद की शक्ति संविधान संशोधन करने की तो है लेकिन संविधान की प्रस्तावना के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता और कोई भी संशोधन प्रस्तावना की भावना के खिलाफ नहीं हो सकता।
यह मामला इसलिए भी ऐतिहासिक रहा क्योंकि इसने संविधान को सर्वोपरि माना।
न्यायिक समीक्षा, पंथनिरपेक्षता, स्वतंत्र चुनाव व्यवस्था और लोकतंत्र को संविधान का मूल ढांचा कहा गया और साफ़ किया गया कि संसद की शक्तियां संविधान के मूल ढांचे को बिगाड़ नहीं सकतीं, संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा है और पूरा संविधान इसी पर आधारित है।
मठ के वकील भट कहते हैं कि केशवानंद भारती मामले को मिली प्रसिद्धि के बावजूद मठ को इससे फ़ायदा नहीं हुआ, बल्कि भारत के लोगों को इसका फ़ायदा हुआ।
विदेशी अदालतों ने भी ली प्रेरणा
केशवानंद भारती बनाम स्टेट ऑफ़ केरल मामले के ऐतिहासिक फ़ैसले से कई विदेशी संवैधानिक अदालतों ने भी प्रेरणा ली। कई विदेशी अदालतों ने इस ऐतिहासिक फ़ैसले का हवाला दिया।
लाइव लॉ के मुताबिक़, केशवानंद के फ़ैसले के 16 साल बाद, बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने भी अनवर हुसैन चौधरी बनाम बांग्लादेश में मूल सरंचना सिद्धांत को मान्यता दी थी।
वहीं बेरी एम बोवेन बनाम अटॉर्नी जनरल ऑफ़ बेलीज के मामले में, बेलीज कोर्ट ने मूल संरचना सिद्धांत को अपनाने के लिए केशवानंद केस और आईआर कोएल्हो केस पर भरोसा किया।
केशवानंद केस ने अफ्रीकी महाद्वीप का भी ध्यान आकर्षित किया। केन्या, अफ्रीकी देश युगांडा, अफ्रीकी द्वीप- सेशेल्स के मामलों में भी केशवानंद मामले के ऐतिहासिक फ़ैसले का जि़क्र कर भरोसा जताया गया।
इतना ऐतिहासिक क्यों था फ़ैसला
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े कहते हैं कि मूल रूप से केशवानंद भारती मामले ने सुनिश्चित किया कि न्यायिक समीक्षा की जा सकती है सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने बीबीसी हिंदी से कहा, मूल रूप से केशवानंद भारती मामले ने सुनिश्चित किया कि न्यायिक समीक्षा की जा सकती है। बुनियादी संरचना लक्ष्मण रेखा है, जिससे आगे सरकार संविधान को संशोधित नहीं कर सकती।
एक अन्य सुप्रीम कोर्ट वकील कलीस्वरन राज ने कहा, हमारे संविधान में निषेधात्मक धारा को छोडक़र सबकुछ है। जैसे कि जर्मन संविधान में ‘एटर्निटी क्लॉज’ जिसके तहत आप संविधान की बुनियादी संरचना को नहीं बदल सकते हैं। यह धारा उस कमी को भर देती है।
राज साथ ही कहते हैं, ‘इस मामले का निर्णय वास्तव में, भारत में न्यायिक सक्रियता का पहला उदाहरण है जो हमने जस्टिस वीआर कृष्णा अय्यर और जस्टिस पीएन भगवती के योगदान से पहले नहीं देखा है। इस मामले की वजह से संविधान का संश्लेषण कर एक क़ानून बना। इस फ़ैसले में आपको बहुत सारी रचनात्मकता मिलेगी।’
वहीं हेगड़े कहते हैं, ‘उस दिन (24 अप्रैल 1973) दो चीजों ने भारत में दो चीज़ें हुईं। एक केशवानंद भारती फ़ैसला और दूसरा सचिन तेंदुलकर का जन्म हुआ।’ (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कारण 1,065 लोगों की मौत हुई है और 90,632 नए मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद देश में कुल मामलों की संख्या 41,13,811 और मौतों की संख्या 70,626 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को ये जानकारी दी। कुल मामलों में से 8,62,320 सक्रिय मामले हैं। वहीं 31,80,865 लोग अब तक इससे उबर चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रिकवरी दर 77.32 फीसदी और मृत्यु दर 1.72 हो गई है।
देश में सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में 26,276 मौतों सहित कुल 8,83,862 मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और बिहार हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने शनिवार को एक ही दिन में रिकॉर्ड 10,92,654 परीक्षण किए। इसके बाद अब तक परीक्षण किए गए नमूनों की कुल संख्या 4,88,31,145 हो गई है।
वैश्विक स्तर पर भारत अभी भी कोविड -19 संक्रमण के मामलों में तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। पहले स्थान पर 62,45,112 मामलों के साथ अमेरिका पहले और 41,23,000 के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है। भारत अब ब्राजील को पीछे छोड़ने में कुछ ही दूर है।
अब तक दुनिया भर में कुल 2,68,37,146 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 8,79,307 लोग इसकी वजह से मारे गए हैं। अब तक सबसे अधिक मौतें क्रमश: अमेरिका, ब्राजील और भारत में हुईं हैं।
बागपत (उप्र), 6 सितंबर (आईएएनएस)| बागपत के एक निजी स्कूल के कक्षा 10 के छात्रों के लिए बायोलॉजी क्लास व्हाट्सएप ग्रुप अश्लील सामग्री से भरा पाया गया है। पुलिस ने कहा कि चैट ग्रुप बनाने वाले व्यक्ति ने पहचान का पता चलने से बचने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय नंबर का इस्तेमाल किया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, "लेकिन यह किसी अंदर के व्यक्ति का काम प्रतीत होता है, क्योंकि उनके पास स्कूल के बायोलॉजी शिक्षक की तस्वीर थी, जिसका उपयोग उन्होंने अपने डीपी में किया था, साथ ही साथ सभी का फोन नंबर भी उसके पास था।"
जांच उप्र पुलिस की साइबर सेल को सौंप दी गई है।
बड़ौत के अधिकारी आलोक सिंह ने कहा, "कुछ अश्लील तस्वीरें और वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट किए गए थे जिनका नाम 'बायोलॉजी ग्रुप क्लास 10' है। ग्रुप के डिस्प्ले तस्वीर में बायोलॉजी शिक्षक की तस्वीर लगी है, हालांकि उन्हें इस बारे में पता नहीं है। जांच का आदेश दिया गया है और इसे साइबर अपराध टीम द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।"
स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा, "हमें शिकायत मिली थी। व्हाट्सएप अकाउंट फर्जी था, और एक विदेशी नंबर के साथ बनाया गया था। हमने पुलिस को सूचित कर दिया है।"
कुछ अभिभावकों द्वारा साझा किए गए चैट स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है कि नंबर का उपयोग करने वाले व्यक्ति ने बच्चों से कुछ चित्र भी मांगे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि वह किस तरह की तस्वीरें मांग रहा था।
संदीप पौराणिक
भोपाल 6 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया को भाजपा पर सियासी हमले करने का बड़ा हथियार बनाया है। कांग्रेस हर रोज तरह-तरह के वीडियो जारी कर भाजपा और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर हमले बोल रही है।
राज्य में संभवत नवंबर में उप चुनाव हो सकते हैं। इस बात के चुनाव आयोग ने संकेत भी दिए हैं। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज करने की रणनीति बनाई है। कोरोना के कारण कांग्रेस जनसभाएं ज्यादा नहीं कर पा रहे हैं, लिहाजा सोशल मीडिया को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की रणनीति पर अमल तेज कर दिया है।
कांग्रेस की आईटी सेल द्वारा हर रोज एक से दो वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किए जा रहे हैं। इन वीडियो में भाजपा नेताओं के बयानों को आधार बनाया जा रहा है , नीतियों को लेकर हमले बोले जा रहे हैं, इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थामने वाले नेताओं को गद्दार प्रचारित किया जा रहा है।
कांग्रेस के सोशल मीडिया के अभियान के सवाल पर प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि जब अपनी बात पहुॅचाने का उचित माध्यम ही न बचा हो तो सोशल मीडिया ही एक मात्र सहारा बचता है और कांग्रेस उसी का उपयोग कर रही है। जनता तक अपनी बात पहुंचाना है, इसके लिए कांग्रेस सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म का सहारा ले रही है।
वहीं, दल बदलकर भाजपा दामन थामने वाले और शिवराज सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया कांग्रेस के हमलों का तल्ख अंदाज में जवाब देते हैं और कहते हैं कि वे गददार नहीं खुददार हैं। अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरे और सरकार गिरा दी, हमने अपने लिए नहीं किया, हम तो पहले भी मंत्री थे, जो किया वह सब जनता के लिए है। मुख्यमंत्री मिलते भी नहीं थे, जनता के खिलाफ अन्याय हो रहा था, इसलिए हमने यह फैसला लिया।
राजनीतिक विष्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस आमजन के बीच यह बात स्थापित करने में लगी है कि जिन लोगों ने कांग्रेस छोड़ी है और भाजपा की सरकार बनवाई है, उन्हेाने वोट का सौदा किया है। कांग्रेस को लगता है कि सोशल मीडिया के जरिए जनता के बीच भाजपा और उम्मीदवारों के खिलाफ माहौल बनाया जा सकता है और उसी क्रम में यह कोशिशें चल रही है। अभी भाजपा की सक्रियता बाकी है, भाजपा जब सक्रिय होगी तब कांग्रेस का अभियान कैसा रहेगा, यह समय पर पता चलेगा।
भुवनेश्वर, 6 सितंबर (आईएएनएस)। ओडिशा में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 3,810 नए मामले सामने आए हैं, जो कि एक दिन में दर्ज होने वाली अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को दी।
ओडिशा में इसी अवधि में कोविड-19 से आठ और मौतों की सूचना मिली है। इस संख्या के बाद संक्रमण से हुई मृत्यु 546 हो गई है। गंजम जिले में चार, खोरधा, कोरापुट, रायगढ़ और सुंदरगढ़ में एक-एक मौतें दर्ज की गई हैं।
दर्ज किए गए नए मामलों में से 2,286 क्वारंटीन सेंटर में पाए गए, जबकि 1,524 स्थानीय संपर्क के मामले थे।
खोरधा जिले में सबसे अधिक नए मामले (797), उसके बाद बरगढ़ (396), कटक (322), जजपुर (252), और झारसुगुड़ा (192) दर्ज हुए हैं।
राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 29,658 हो गई। इस बीमारी से अब तक 93,774 लोगों की मौत हो चुकी है।
भरत उपाध्याय
नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| विशेषज्ञों ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मी, उनमें भी विशेष तौर पर अपनी जान जोखिम में डालकर नमूने लेने वाले लोगों को पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क के अलावा अन्य सावधानियों को अच्छी तरह से बरतें। क्योंकि नमूनों के संग्रह और परिवहन में शामिल लोग और उपकरण संक्रमण के स्रोत के रूप में कार्य कर सकते हैं।
लिहाजा इन लोगों द्वारा पीपीई किट का उचित उपयोग अति-आवश्यक है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एसोसिएट प्रोफेसर हर्षल आर. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, "देश में तेजी से सैंपल कलेक्शन सेंटर बढ़ रहे हैं, ऐसे में इन सेंटर्स के जरिए भी कोविड के प्रसार को रोकने के लिए इनके कचरे का उचित निपटान बहुत महत्वपूर्ण है।"
साल्वे ने कहा, "सबसे मुश्किल चीज वो है, जब आप वायरस को हैंडल कर रहे होते हैं। यानि कि नमूने एकत्र करते हैं और उन्हें ट्रांसपोर्ट करके ले जाते हैं।"
वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम का लीक-प्रूफ होना बहुत जरूरी है। वरना इससे कहीं से भी वायरस का रिसाव स्वास्थ्य परीक्षण करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डाल सकता है।
हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देकर कहा था कि 87 हजार स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 573 अपनी जान गंवा चुके हैं।
शनिवार को ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोविड -19 के लिए ऑन-डिमांड परीक्षण की अनुमति दी है। साथ ही राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक इसे सुविधा को लागू करने की भी अनुमति दी है।
एसएआर सैल्यूलैब्स प्रायवेट लिमिटेड के सीईओर अनिल होता ने कहा, "नमूनों को इकट्ठा करने और घटिया क्वालिटी वाले वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम उत्पादों का उपयोग हेल्थ केयर वर्कर्स को जोखिम में डालता है।"
नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष एस.पी. बयोत्रा ने आईएएनएस को बताया, "स्वास्थ्य कर्मियों के बीच संक्रमण को कम करने के लिए कोरोनोवायरस नमूनों को संभालने को भी बराबर महत्व दिया जाना चाहिए। क्योंकि वे इनके सीधे संपर्क में आते हैं।"
बता दें कि रविवार की सुबह तक भारत में 24 घंटे में 90,632 मामले दर्ज हुए जिससे कुल संख्या 41 लाख से अधिक हो गई है।
नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उसने उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा के मामले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की हिरासत रिमांड बढ़ाने की मांग की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने ईडी की रिमांड अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है और अब 7 सितंबर को इस पर फैसला होने की संभावना है।
ईडी ने ताहिर हुसैन की और नौ दिनों की हिरासत की मांग की है।
ईडी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुसैन को पेश किया और कहा कि कई औपचारिकताओं और हुसैन के मेडिकल परीक्षण के कारण 29 अगस्त के बजाय 31 अगस्त को उसे उनकी कस्टडी मिली।
इस बीच, हुसैन की ओर से पेश वकील केके मनन ने इस संबंध में विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए ईडी की रिमांड अर्जी का कड़ा विरोध किया।
ईडी की ओर से पेश वकीलों अमित महाजन और नवीन कुमार मट्टा ने कहा कि हुसैन ने कई कंपनियों के खातों से धोखाधड़ी कर पैसे ट्रांसफर करके आपराधिक साजिश किया है।
ईडी ने अपनी दलील में कहा, "जो पैसा मिला है वह आपराधिक तरीके से अर्जित है। जो तब विभिन्न अन्य अपराधों को करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। हमें उनसे और भी कई दस्तावेजों आदि के साथ पूछताछ के लिए उनकी रिमांड की जरूरत है।"
ईडी ने अपनी याचिका में कहा कि व्हाट्सएप चैट, फर्जी चालान और कई आपराधिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
इससे पहले अगस्त में, पूर्वी एमसीडी ने हुसैन को पार्षद पद से बर्खास्त कर दिया था।
अयोध्या, 6 सितंबर (आईएएनएस)| अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का निर्माण पितृपक्ष की समाप्ति यानी 17 सितंबर के बाद शुरू होगा। पितृपक्ष के दौरान हिंदू अपने पूर्वजों के प्रति आभार जताते हैं और इस दौरान कोई भी पवित्र कार्य नहीं किया जाता।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि देश की अग्रणी निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए तैयार है, जो राम जन्मभूमि परिसर में 12,879 वर्ग मीटर के क्षेत्र में होगा।
कंपनी बिना किसी शुल्क के यह निर्माण कार्य कर रही है। मंदिर की आधारशिला के लिए धरातल से करीब 100 फीट नीचे 1200 खंभे स्थापित किए जाएंगे।
इन पिलरों का निर्माण पत्थरों से होगा और इसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा। फिर दोबारा, इन पिलरों पर अन्य स्तर की आधारशिला रखी जाएगी।
निर्माण कंपनी ने मुंबई से मशीनों को मंगवाया है और हैदराबाद से मशीनों को मंगाने की प्रक्रिया में है।
ट्रस्ट की ओर से मंदिर के अधाराशिला निर्माण के लिए करबी 100 मजदूरों को लगाया जाएगा।
बीते सप्ताह, अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने राम मंदिर और पूरे राम जन्मभूमि परिसर का नक्शा पास किया था।
प्रस्तावित राम मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा।
ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर की आधारशिला आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर बनाई जाएगी, ताकि इसे 1500 वर्षो तक और इसकी संरचना को 1000 वर्ष तक संरक्षित किया जा सके।
नई दिल्ली, 6 सितंबर। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने रोज के बयान की आज की कड़ी में मोदी सरकार पर फिर हमले किए हैं। उन्होंने कहा- जीएसटी यूपीए का आईडिया था। एक टैक्स, कम से कम टैक्स, साधारण और सरल टैक्स। एनडीए का जीएसटी बिल्कुल अलग है। चार अलग-अलग टैक्स 28 फीसदी तक टैक्स और बड़ा कॉन्प्लिकेटेड, समझने को बहुत मुश्किल टैक्स।
राहुल ने कहा- जो स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसेस हैं वे इस टैक्स को भर ही नहीं सकते। पर जो बड़ी कंपनियां हैं वो इसको आसानी से भर सकती 5-10-15 अकाउंटेंट्स लगा सकते हैं। यह चार अलग-अलग रेट क्यों है? यह चार अलग-अलग रेट इसलिए है क्योंकि सरकार चाहती है कि जिसकी पहुंच हो, जीएसटी को आसानी से बदल पाए और जिसकी पहुंचना हो वो जीएसटी के बारे में कुछ ना कर पाए।
उन्होंने आगे कहा- पहुंच किसकी है हिंदुस्तान के सबसे बड़े 15-20 उद्योगपतियों की पहुंच है। तो जो भी टैक्स का कानून वह बदलना चाहते हैं इस जीएसटी रेजीम में बदल सकते हैं। और एनडीए के जीएसटी का नतीजा क्या है? आज हिंदुस्तान की सरकार स्टेटस को जीएसटी का पैसा ही नहीं दे पार ही।
राहुल ने कहा- प्रदेश एंप्लॉयस को, टीचर्स को पैसा नहीं दे पा रहे, तो जीएसटी बिल्कुल फेल है, मगर यह सिर्फ फेल नहीं है यह एक आक्रमण है गरीबों पर, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस पर। जीएसटी टैक्स की व्यवस्था नहीं है। जीएसटी हिंदुस्तान के गरीबों पर आक्रमण है।
उन्होंने कहा- छोटे दुकानदार, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसवालों पर, किसान और मजदूरों पर आक्रमण है। हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा और मिलकर एक-साथ इस के खिलाफ हम सबको खड़ा होना पड़ेगा।
बीते 24 घंटों में भारत में कोरोना के 90 हज़ार से ज़्यादा मामले आए हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड है. इस दौरान 1,065 लोगों की मौत भी हुई और कुल मौतों का आँकड़ा 70 हज़ार के पार हो गया.
एक दिन में 70 हज़ार कोविड-19 मरीज़ हुए ठीक
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पांच सितंबर को कोरोना वायरस से जूझ रहे 70,072 लोग स्वस्थ हुए हैं. यह एक दिन में कोविड-19 के मरीज़ों के ठीक होने का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इस तरह से देश का रिकवरी रेट 77.23 प्रतिशत हो गया है.
आईसीएमआर का कहना है कि पांच सितंबर तक भारत में कोरोना वायरस के लिए 4,88,31,145 सैंपल जांचे जा चुके हैं. इनमें से 10,92,654 नमूनों की जांच शनिवार को हुई.