मनोरंजन
मुंबई, 12 अक्टूबर | बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु ने अपने नए सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लोगों को खुद से प्यार करने का आग्रह किया। अभिनेत्री बिपाशा बसु ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह सफेद क्रॉप टॉप और सफेद लेसी शॉट्स में बेहद बोल्ड नजर आ रही हैं।
उन्होंने अपने तस्वीर को कैप्शन देते हुए लिखा, "खुद से पूरी तरह से, ईमानदारी से, डीपली, फेथफुली प्यार करो।"
अभिनेत्री ने हाल ही में पिछले साल की दुर्गा पूजा आयोजन की तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह अपने पति करण ग्रोवर और अपने रिश्तेदारों के साथ दिखाई दे रही हैं।(आईएएनएस)
मुंबई, 11 अक्टूबर | बॉलीवुड अभिनेत्री मलाइका अरोरा ने हालिया पोस्ट के जरिए अपने फैंस को हेयर फॉल से जुड़ी हुई समस्या से निदान पाने के लिए टिप्स साझा किया। अभिनेत्री अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर प्याज के गुणों के बारे में बताया।
उन्होंने लिखा, "मलाइका स्ट्रीक और टिप। हम हमेशा अपने जीवन में बाल झरने जैसी समस्या से जूझते रहते हैं। कभी-कभी यह हमारा लिए रोजाना की मुसिबतों की तरह लगने लगता है। पर हमें डरने की कोई जरुरत नहीं है, हमें इसे अपने हिसाब से निपटना चाहिए। जैसा की हम अपने डाइट का ख्याल रखते हैं ठीक उसी तरह एक साधारण सा टिप्स है, जो बालों को झरने से रोकेगा।"
उन्होंने कहा, "एक फ्रेश प्याज लें, और उसे जूस बना लें। जूस बनाने के बाद इसे अपने बालों पर लगाएं उसके बाद इसे शैंपू से धुल लें। भरोसा करिए कुछ हफ्तों में इसका असर आपको दिखने लगेगा।"
--आईएएनएस
मुंबई, 11 अक्टूबर | बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत अपने आगामी फिल्म 'थलाइवी' की शूटिंग का एक और शेड्यूल पूरा कर लिया है। अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा किया, जिसमें वह तमलिनाडू की पूर्व सीएम जयललिता के रुप में दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने ट्वीट में कहा, "जया मां के आशीर्वाद से थलाइवी का एक और शेड्यूल पूरा हो गया है। कोरोना काल में काफी कुछ बदल गया है। लेकिन एक्शन और कट के बीच कुछ भी नहीं बदलता है। पूरी टीम का शुक्रिया।"
फिल्म 'थलाइवी' तमलिनाडू की पूर्व सीएम जयललिता की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में रोल करने के लिए कंगना ने लगभग 20 किलो तक अपना वजन बढ़ाया है।
फिल्म तमिल, तेलुगू और हिंदी भाषा में रिलीज किया जाएगा।
--आईएएनएस
मुंबई, 10 अक्टूबर सोनी म्यूजिक इंडिया ने सुपरहिट गाना ‘गेंदा फूल’ का बंगाली वर्जन किया रिलीज कर दिया है।
आइकॉनिक रैपर बादशाह का चार्टबस्टर गाना ‘गेंदा फूल’ जिसमें अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडीज नजर आयी थीं काफी सफल रहा था। यह पार्टी सांग लोगों के पसंदीदा सॉन्ग्स में से है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सोनी म्यूज़िक इंडिया ने इसका बंगाली वर्जन रिलीज किया, जिसका नाम है गेंदा फूल तबला फॉल्क मिक्स, जिसे तबला वादक बिक्रम घोष ने क्लासिकल टच दिया है।
गाने की रचना और कल्पना उस्ताद बिक्रम घोष ने की है। निर्देशक अरिंदम सील ने बादशाह के ओरिजनल सांग वीडियो की बिट्स को बरकार रखते हुए इस म्यूजिक वीडियो को निर्देशित किया है। बोरोलोकेर बिटिलो के ओरिजनल गीतकार (ओरिजनल गेंदा फूल की हुक लाइन), रतन कहर ने सिंगर इमान चक्रवर्ती के साथ मिलकर इस गाने के कुछ हिस्से गाए हैं। इस गाने के म्यूज़िक वीडियो में बिक्रम घोष, रतन कहर, इमान चक्रवर्ती, देवलीना कुमार, बादशाह और जैकलीन फर्नांडीज नज़र आयेंगी।
बिक्रम घोष ने कहा,“मैं यह जानने के लिए उत्साहित हूं कि लोग तबला मिश्रण के साथ गाने को कैसे देखते हैं। हमने इसमें अलग अलग एलीमेंट्स जोड़े हैं जैसे कि ईडीएम के साथ तबला रैप जुगलबंदी। लोक संगीत, हिंदुस्तानी ताल शैली और रैप काफी अनोखा फ्यूजन बनाते हैं। एक संगीतकार के रूप में मैं हमेशा कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करता हूं। मुझे उम्मीद है कि श्रोता ये गाना सुनकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे।”
निर्देशक अरिंदम सील का मानना है कि उस्ताद बिक्रम घोष के साथ काम करने का अनुभव बहुत ही अद्भुत था। इस रोचक परिकलन के साथ गेंदा फूल की कल्पना क्या कभी किसने की होगी। इस गाने से दर्शकों और श्रोताओं का मनोरंजन करना ही हमारा अहम उद्देश्य है।
वार्ता
मुंबई, 11 अक्टूबर। मशहूर पाश्र्वगायिका पलक मुच्छल ने लॉकडाउन के दौरान खाली समय का उपयोग ऑनाइन परफॉर्म कर किया। साथ ही उन्होंने घर पर रहकर एक म्यूजिक वीडियो की शूटिंग भी की। गायिका ने इस दौरान अपने परिवार के साथ वक्त भी बिताया। आईएएनएस संग बात करते हुए पलक ने कहा, "लॉकडाउन के दौरान मैंने घर पर कई सारे गाने रिकॉर्ड किए। एक ऐसी असमंजस वाली स्थिति में घर में एक स्टूडियो का होना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है और इस दौरान यही हमारे सबसे ज्यादा काम आई। लॉकडाउन के दौरान मैंने पहले की अपेक्षा सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए।"
उन्होंने आगे कहा, "लाइव कॉन्सर्ट हो नहीं रहे हैं, लेकिन हम वर्चुअल ढंग से कुछ बेहतरीन लाइव कॉन्सर्ट किए हैं। यह एक अलग तरह का अनुभव रहा है। मेरे रिकॉडिर्ंग मेरे स्टूडियो से होते रहे हैं। मैंने वर्चुअली एक रिएलिटी शो को भी जज किया है और घर पर एक म्यूजिक वीडियो की शूटिंग भी की है।"
पलक ने हाल ही में अपने गीत 'सईयां' को लॉन्च किया है। इस गीत के बारे में वह कहती हैं, "'सईयां' एक बेहद खास गाना है क्योंकि प्राथमिक तौर पर इसे मेरे भाई पलाश द्वारा कम्पोज किया गया है, तो एक ही स्टूडियो में उसके साथ रहना और एक कम्पोजर के तौर पर उससे डायरेक्शन का मिलना, यह मेरे लिए एक भावुक कर देने वाली प्रक्रिया रही है। 'सईयां' अंतर-शैली गीत है। यह एक क्लासिकल रॉक गाना है और इस तरह के किसी गीत को कम्पोज करने में संगीत के क्षेत्र में गहरी समझ रखने और संवेदनशील रहने की आवश्यकता होती है।"
-आईएएनएस
सिमरन सेठी
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर| लोकप्रिय शो 'मिजार्पुर' के दूसरे सीजन के शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा इसे बॉयकट किए जाने की मांग उठाई जा रही है।
अभी कुछ दिनों पहले ट्रेलर के जारी होने के बाद से ही ट्विटर पर हैशटैगबॉयकटमिजार्पुर2 ट्रेंड पर है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता दिव्येंदु ने कहा है कि शो में शामिल कलाकारों, टीम और इसके प्रशंसकों को ऐसे ट्रेंड्स के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
दिव्येंदु ने आईएएनएस को बताया, "मुझे इसकी ज्यादा फिक्र नहीं है। उन्हें नहीं पता कि वे खुद कितनी बड़ी मुसीबत में हैं क्योंकि 'मिजार्पुर' के चाहनेवाले कई हैं। इन्हें अपनी ये बेवकूफाना हरकतें बंद करनी चाहिए। ऐसे हैशटैग्स का इस्तेमाल करना बेवकूफी है। हम सभी जानते हैं कि लोगों को मिजार्पुर कितना पसंद है। पैसे देकर कराए जा रहे ये ट्रेंड्स बेबुनियाद हैं। मुझे इनके लिए दुख हो रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "बाहर निकल के मत बोल देना लोगों के सामने, बहुत पड़ेगी तुमको।"
दिव्येंदु शो में मुन्ना त्रिपाठी नामक शख्स का किरदार निभा रहे हैं।
--आईएएनएस
मुंबई, 11 अक्टूबर | ध्वनि भानुशाली और निखिल डिसूजा के गाए हुए गीत 'वास्ते' ने यूट्यूब पर सौ करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है। गाने के कम्पोजर तनिष्क बागची गाने को दिए लोगों के प्यार से अभिभूत हैं। ध्वनि ने रविवार को इंस्टाग्राम पर इस खुशखबरी को साझा किया है। ध्वनि ने गाने को सफल बनाने के लिए दर्शकों व श्रोताओं का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने एक वीडियो साझा कर इसके कैप्शन में लिखा है, "'वास्ते' ने मेरी जिंदगी बदल दी। सभी को शुक्रिया। हैशटैगवास्ते हैशटैगवनबिलियन।"
अपनी खुशी को जाहिर करते हुए तनिष्क कहते हैं, "मुझे जितना भी प्यार मिला है, उसके लिए मैं बहुत विनम्र हूं। वास्ते की मेरे दिल में एक खास जगह है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने एक ऐसा गाना बनाया है, जो देश के युवाओं के दिलों में गूंजे, लेकिन जिस तरह से इसने रिकॉर्ड तोड़ा है, वह अभिभूत कर देने वाला है।"
इससे पहले, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फोनेटोग्राफिक इंडस्ट्री (आईएफपीआई) द्वारा इस रोमांटिक गाने को साल 2019 का सर्वश्रेष्ठ गाना करार दिया गया। आईएफपीआई एक संगठन है, जो दुनिया भर में रिकॉर्डेड म्यूजिक इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करता है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| पैरालम्पिक खेलों में इस बार पैराबैडमिंटन को पहली बार शामिल किया जाना था जिसके लिए मानसी जोशी काफी मेहनत कर रही थीं, लेकिन टोक्यो में होने वाले पैरालम्पिक खेल कोविड के कारण एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए। वैसे यह खेल इसी साल 25 अगस्त से छह सितंबर-2020 के बीच खेले जाने थे लेकिन इनका आयोजन अगले साल 25 अगस्त से पांच सितंबर-2021 के बीच होगा।
मानसी ने कहा, "यह साल किसी के भी आसान नहीं रहा है। मैं पैरालम्पिक खेलों को बड़े उत्साह के साथ इंतजार कर रही थी, लेकिन इन्हें स्थगित कर दिया गया।"
मानसी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में मुंबई में नया कृत्रिम पैर लगवाया है और अगले साल होने वाले पैरालम्पिक खेलों तक वह इसके साथ अच्छे से रम जाएंगी।
उन्होंने कहा, "इस बदलाव के साथ सामंजस्य बिठाने में थोड़ा मुश्किल होगा, आपको काफी बारीकियां सीखनी होती हैं। लेकिन मैं विपत्ति को मौके में बदलने में विश्वास रखती हूं। मैं कड़ी मेहनत करना शुरू करूंगी और अगले साल अपने शीर्ष खेल तक पहुंच जाऊंगी।"
मानसी ने 2011 में एक हादसे में अपना पैर गंवा दिया था। उन्होंने पिछले साल स्विट्जरलैंड के बासेल में विश्व चैम्पियनशिप पर कब्जा जमाया था, हालांकि उनका इवेंट एसएल3 एकल पैरालम्पिक में नहीं हैं। वह महिला युगल और मिश्रित युगल के जरिए ही क्वालीफाई कर सकती हैं।
वह भारत की पहली पैरा खिलाड़ी बनी हैं जिन्हें बार्बी ने उनके जैसी ही एक गुडिया बना कर दी है। बार्बी के साथ अपने जुड़ाव पर मानसी ने कहा, "बार्बी रोल मॉडल के तौर पर पहचाना जाना और मेरे जैसी ओओएके डॉल मॉडल पाना मेरे लिए सम्मान की बात है। बचपन में बार्बी से लेकर अब मेरे जैसी बार्बी गुड़िया हासिल करने का सफल शानदार रहा है।"
उन्होंने कहा, "इसकी शुरुआत से जो भी महिलाएं इस मुहिम का हिस्सा रही हैं उन्होंने लिंगभेग को चुनौती दी है और लड़कियों को वो बनने के लिए प्रेरित किया है जो वो बनना चाहती हैं। इस लीग का हिस्सा बनने पर मुझे गर्व है।"
सुगंधा रावल
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन रविवार को अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। हालांकि इससे कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक बहुभाषी परियोजना में काम करने के लिए हामी भरी है, जिसमें तेलुगू सुपरस्टार प्रभास के अलावा अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी हैं। बिग बी की झोली में इस वक्त कई सारी फिल्में हैं और साथ ही वह मशहूर क्वीज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) की भी मेजबानी कर रहे हैं।
बिग बी की प्रतिष्ठा साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। उम्र बढ़ने के साथ ही साथ उनमें जोश व उत्साह का संचार भी दोगुना होता जा रहा है।
आइए एक नजर डालते हैं उन फिल्मों की ओर, जिनमें आने वाले समय में हमें बिग बी की जादूगरी देखने को मिलेगी :
ब्रह्मास्त्र
यह एक सुपरहीरो एंडवेचर्स फिल्म हैं। अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के अलावा आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, नागार्जुन और मौनी रॉय जैसे कलाकार हैं। यह परियोजना तीन भागों में आएगी और यह इसका पहला भाग होगा।
चेहरे
रूमी जाफरी द्वारा निर्देशित इस रहस्यमयी थ्रिलर में अमिताभ के अलावा इमरान हाशमी, रिया चक्रवर्ती, क्रिस्टन डिसूजा और अन्नू कपूर भी हैं।
झुंड
सैराट के निर्देशक नागराज मंजुले द्वारा निर्देशित 'झुंड' कथित तौर पर विजय बारसे के जीवन पर आधारित है, जो स्लम सॉकर के संस्थापक हैं। बिग बी फिल्म में एक प्रोफेसर की भूमिका में हैं, जो फुटबॉल की एक टीम बनाने के लिए सड़क पर रह रहे बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं।
उयन्र्ता मणिथन
अमिताभ बच्चन इस फिल्म के साथ तमिल में अपना डेब्यू करने जा रहे हैं, जिसमें अभिनेता-निर्देशक एसजे सूर्या भी हैं। यह एक द्विभाषी फिल्म है।
दीपिका पादुकोण और प्रभास के साथ एक शीर्षकहीन फिल्म
दीपिका पादुकोण और तेलुगु सुपरस्टार प्रभास के साथ बिग बी बड़े पर्दे के लिए एक बहुभाषी मेगा प्रोडक्शन में काम करने के लिए तैयार हैं। साल 2022 में इस फिल्म के रिलीज होने की उम्मीद जताई जा रही है।
आखें 2
साल 2002 में इसी नाम से आई थ्रिलर फिल्म का यह सीक्वेल है। इसका निर्देशन अनीस बज्मी करेंगे।
कोलकाता, 11 अक्टूबर | दक्षिण कोलकाता के बालीगंज फाड़ी के पास बॉन्डेल गेट इलाके में स्थित महानायक अमिताभ बच्चन के मंदिर में रविवार को 11 अक्टूबर के दिन वह रौनक देखने को नहीं मिल रही है, जो हर बार यहां देखने को मिलती है। कोरोनावायरस महामारी के चलते भक्त अपने प्रिय अभिनेता के जन्मदिन को धूमधाम से भले ही नहीं मना पा रहे हैं, लेकिन उनमें जोश-उत्साह की कोई कमी नहीं है।
बॉलीवुड अभिनेता आज अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं, ऐसे में मंदिर के संस्थापकों ने एक वर्चुअल मीट का आयोजन किया है, जिसमें बिग बी द्वारा अपने इन्हीं चाहनेवालों के साथ मुखातिब होने की योजना है। अपने प्रशंसकों के इस श्रेणी को बिग बी ने एक्सटेंडेड फैमिली का नाम दिया है।
बिग बी के नाम से बने इस मंदिर में होम यज्ञ, पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। भोग प्रसाद का वितरण किया जाता है और केक भी काटे जाते हैं। साल 2011 में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ था, तब से यह रिवाज बरकरार है।
हालांकि, इस बार कोविड-19 के चलते स्थिति कुछ अलग है। संयमित तरीके से चीजों का पालन किया जाएगा। अभिनेता के जन्मदिन के सेलिब्रेशन में केवल मंदिर के मुख्य सदस्य ही भाग लेंगे और इस बार बाहर के किसी को भी मंदिर में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यह व्यवस्था अपनाई गई है।
मंदिर के संस्थापक संजय पाटोदिया ने आईएएनएस को बताया, "हम उनके जन्मदिन पर एक वर्चुअल मीटिंग का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें सर खुद भी शामिल होने वाले हैं। हमने उन्हें आमंत्रित किया था और उन्होंने इसके जवाब में कहा था कि वह कुछ समय के लिए इसमें भाग लेंगे। दुनिया भर से उनके एक्सटेंडेड फैमिली के साथ दोपहर के बारह बजे से दो बजे तक के बीच में यह मीटिंग रखी गई है। हम फिल्म निर्माता शूजीत सरकार, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव और गायक सुदेश भोंसले को भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "इस बार गुरू (अमिताभ को प्यार व इज्जत से उनके प्रशंसक इसी नाम से बुलाते हैं) का जन्मदिन खास है क्योंकि उन्होंने कोरोनावायरस से जंग लड़ी है और इसे मात दी है। उन्होंने साबित किया है कि वह असल में एक वीर है।"
वह आगे कहते हैं, "इस बार कोविड-19 के चलते हम लोगों को नहीं बुला रहे हैं। मंदिर को सजाया जाएगा और 15-20 करोड़ सदस्यों के सामने केक कटिंग होगी। हर बार की तरह हम उन्हें भोग अर्पित करेंगे, सबसे पहले उनके माता-पिता की पूजा होगी और उनकी आराधना की जाएगी। इसके बाद अमिताभ चालीसा का पाठ किया जाएगा, इसके बाद हम बर्थडे केक काटेंगे।"
इस साल, मंदिर के सदस्य बच्चन के नाम पर एक 1000 मास्क, 1000 सैनिटाइजर की बोतलें और 200 लोगों को सूखा राशन वितरित कर रहे हैं।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर . दो बार नेशनल अवॉर्ड विजेता, पद्मश्री से सम्मानित और हिंदी फिल्म उद्योग में 26 वर्षों के अनुभव प्राप्त कर चुके प्रशंसित अभिनेता मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया कि उन्हें अभी भी खुद पर संदेह होता है।
मनोज ने आईएएनएस से कहा, "खुद पर संदेह हमेशा रहता है। अभिनय एक बहुत ही मुश्किल कला है। यह एक ऐसा शिल्प है जो आपको कभी भी सहज होने या अपने बारे में आश्वस्त महसूस नहीं करने देता। यह कुछ ऐसा है, जिसे आप हर रोज सीख रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "आप इसमें कुछ गलत नहीं कर सकते। यह सीखने की एक सतत प्रक्रिया है। आत्म-संदेह एक ऐसी चीज है, जिससे हर अभिनेता हर रोज गुजरता है। मैं भी बाकियों से अलग नहीं हूं।"
मनोज वर्तमान में अपने रैप नंबर 'बंबई में का बा' के लिए प्रशंसा पा रहे हैं। इस रैप में देश में प्रवासी श्रमिकों की दुविधा को उजागर किया गया है और 9 सितंबर को रिलीज होने के बाद से इसे बहुत सराहा जा रहा है।
वहीं फिल्मों की बात करें तो वह अब दिलजीत दोसांझ और फातिमा सना शेख के साथ अभिषेक शर्मा की 'सूरज पे मंगल भारी' में दिखाई देंगे।(आईएएनएस)
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| अभिनेता करण वाही एक नए शो बिग बज में बिग बॉस 14 के खास सीक्रेट साझा करेंगे। करण ने कहा, "भारत के सबसे बड़े रियलिटी शो मे से एक 'बिग बॉस' से मनोरंजन प्लेटफॉर्म 'बिग बज' के जरिए जुड़ना बहुत खुशी की बात है। यह एक ऐसा मनोरंजक शो है, जो हर उम्र के लोगों को पसंद आता है। हम नए शो के जरिए प्रशंसकों को 'बिग बॉस' के घर के करीब लाएंगे और प्रतिभागियों के साथ इंट्रैक्ट करने का मौका देंगे। मैं बिग बॉस से बाहर होने प्रतिभागियों से बातचीत करूंगा। मुझे उम्मीद है कि मैं उनके जरिए इस सीजन के बड़े सीक्रेट्स के बारे में पता लगाऊंगा।"
'बिग बज' में करण बिग बॉस के घर से बेदखल हुए प्रतिभागियों के साथ बातचीत करेंगे और शो के प्रशंसकों से भी बातें करेंगे। यह शो 19 अक्टूबर से वूट पर स्ट्रीम होगा।
--आईएएनएस
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| मशहूर गायक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अनूप जलोटा का कहना है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है, जबकि यह राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। उन्हें लगता है कि यह मामला लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और लोगों को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। जलोटा ने आईएएनएस से कहा, "सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती के मामले को एक राष्ट्रीय मुद्दे के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि यह राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। यह एक अभिनेता और उनकी प्रेमिका के बारे में है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, जिसे इतनी प्राथमिकता से उठाया जाए या इसे लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया जाए। यह लोगों की भावना से जुड़ा मामला है।"
भजन सम्राट के रूप में लोकप्रिय जलोटा ने 2004 में भाजपा की सदस्यता ली थी। उन्होंने कहा, "वह (सुशांत सिंह राजपूत) वास्तव में एक अच्छे अभिनेता थे। मैं उनके काम की तारीफ करता हूं, मैं उनसे मिला हूं लेकिन उनकी मौत को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिया जाना चाहिए।"
जलोटा 'बिग बॉस 12' की अपनी हाउसमेट जसलीन मठारू के साथ फिल्म 'वो मेरी स्टूडेंट है' में नजर आएंगे। इसी हफ्ते जलोटा की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वे शादी का जोड़ा पहने थे। इससे कयास लगने लगे थे कि क्या उन दोनों की शादी होने वाली है या हो गई है। बाद में पता चला कि ये उनकी फिल्म के प्रचार के लिए एक पब्लिसिटी स्टंट था।
--आईएएनएस
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने प्रशंसकों को अपने काम का ब्योरा देकर व्यस्तता से अवगत कराया। अभिनेता ने अपने इंस्टग्राम पर रिकॉर्डिग स्टूडियो से एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह माइक के सामने बैठकर स्क्रीन की तरफ देख रहे हैं। तस्वीर में वह ट्रैक सूट और फेस मास्क पहने नजर आ रहे हैं।
उन्होंने इसे कैप्शन देते हुए लिखा, "केबीसी के लिए 9 बजे सुबह से लेकर 9 बजे रात तक काम किया और अब उसके बाद मैं रिकॉर्डिग कर रहा हूं।"
महानायक एक बहुभाषी अनटाइटल्ड फिल्म में दीपिका व प्रभास के साथ नजर आने वाले हैं। यह फिल्म 2022 में रिलीज होगी।
अमिताभ बच्चन आगामी फिल्म 'झुंड' , 'चेहरे' और 'ब्रह्मास्त्र' में नजर आने वाले हैं।
--आईएएनएस
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऐसा लगता है कि कंगना रनौत ने दीपिका पादुकोण पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया है। यदि आप कंगना का नया ट्वीट देखें तो ऐसा ही लगता है। इसमें उन्होंने अपनी 2019 में रिलीज हुई फिल्म 'जजमेंटल है क्या' पर हुए विवाद को लेकर कटाक्ष किया है। कंगना ने शनिवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर एक ट्वीट किया। इसमें फिल्म की एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए उन्होंने लिखा, "हमने मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता लाने के लिए जो फिल्म बनाई थी, उसे डिप्रेशन की दुकान चलाने वालों ने अदालत में खींचा था। मीडिया प्रतिबंध के बाद इस फिल्म का नाम बदला गया, लेकिन यह एक अच्छी फिल्म है, आज इसे देखें।"
'जजमेंटल है क्या' फिल्म का नाम पहले 'मेंटल है क्या' था, लेकिन फिल्म के मूल शीर्षक को कई लोगों ने असंवेदनशील कहा था, जिसके कारण निर्माताओं ने इसका नाम बदल दिया था। इस फिल्म में राजकुमार राव भी थे।
दीपिका का 'द लिव लव लाफ फाउंडेशन' उन संगठनों में शामिल था, जिन्होंने 'मेंटल है क्या' के शीर्षक और पोस्टर की निंदा की थी।
'जजमेंटल है क्या' रिलीज होने पर बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने में नाकाम रही थी। यह फिल्म कंगना द्वारा अभिनीत बॉबी के किरदार की कहानी का बताती है जिसका जीवन वास्तविकता और भ्रम के बीच झूलता रहता है।
--आईएएनएस
-भारत डोगरा
सिनेमा के इतिहास में यह एक महत्त्वपूर्ण द्वंद्व रहा है कि इस अति सशक्त माध्यम का उपयोग सस्ते और सतही मनोरंजन द्वारा धन अर्जन के लिए होगा या इसका उपयोग गहरी मानवीय संवेदनाओं के संप्रेषण के साथ एक बेहतर दुनिया बनाने के सबसे व्यापक और सार्थक उद्देश्य के लिए भी हो सकता है। चूंकि पहला रास्ता ही अधिक सरल-सुलभ है, अतः अधिकांश प्रयास उससे आगे जाने का विशेष प्रयास भी नहीं करते हैं। विश्व में बनने वाली अधिकांश फिल्में इसी श्रेणी की हैं। इस कारण सिनेमा की मुख्यधारा की एक छवि बनती है जो दूसरी श्रेणी के फिल्मकारों का कार्य अधिक कठिन बना देती है। इसके बावजूद सिनेमा के इतिहास के अनेक फिल्मकारों ने सिनेमा के सार्थक उपयोग के लिए, एक बेहतर दुनिया के निर्माण में इस सार्थक माध्यम के उपयोग के लिए कठिन परिस्थितियों में अथक प्रयास किए हैं। हिंदी सिनेमा के ऐसे फिल्मकारों में गुरुदत्त का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। केवल 39 वर्ष की अल्पायु के बावजूद उनकी उपलब्धियां यादगार रहीं।
बहुत कम आयु में ही गुरुदत्त बाजी, आर-पार, जाल, मिस्टर और मिसेज फिफ्टी और सीआईडी जैसी सफल फिल्मों के निर्देशन, निर्माण, अभिनय जैसे महत्त्वपूर्ण पक्षों से जुड़े रहने के कारण एक सफल फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता (नायक) की ख्याति अर्जित कर चुके थे। यह फिल्में सफल होने के साथ-साथ साधारण मनोरंजक फिल्मों से कुछ आगे जाती थीं, कुछ महत्त्वपूर्ण मुद्दे भी उठा रही थीं, पर कुल मिलाकर उनका दायरा हिन्दी फिल्मों की सामान्य परिधि के भीतर ही था।
युवावस्था में मिली इस सफलता का एक परिणाम यह हो सकता था कि व्यक्ति अहंकारी हो जाता या इस सफलता को एक फार्मूले में बदल कर इसी राह पर और वाहवाही, प्रसिद्धि और धन बटोरने का प्रयास करता। पर गुरुदत्त ने इस आरंभिक सफलता का उपयोग ऐसी नींव बनाने के लिए किया जिसके आधार पर वे बेहतर दुनिया के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली कुछ अमूल्य फिल्में बनाएं।
इस बहुत सार्थक प्रयास का सफर प्यासा फिल्म (1957) के निर्माण से आरंभ हुआ और गुरुदत्त की अगली फिल्म कागज के फूल (1959) में जारी रहा। इन दोनों फिल्मों में एक सी गहरी तड़प, व्याकुलता है जो इन्हें अन्य फिल्मों से अलग पहचान देती है। इसके बाद भी गुरुदत्त बैनर की फिल्में ‘साहब बीबी गुलाम’, ‘चैदहवीं का चांद’ और ‘बहारें फिर भी आएंगी’ (इस अंतिम फिल्म को गुरुदत्त के बाद उनके भाई आत्माराम ने पूरा किया) जैसी श्रेष्ठ फिल्में थीं पर प्यासा और कागज के फूल का एक अलग ही स्थान है और गुरुदत्त के सिनेमा की मूल पहचान इन दो फिल्मों से है। इन दो फिल्मों में गुरुदत्त निर्माता, निर्देशक और नायक तीनों रूप में उपस्थित हैं और यह स्पष्ट है कि अपनी पूरी प्रतिभा और प्रयत्न वे इन फिल्मों में अर्पित कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कोई अन्य फिल्म निर्देशित नहीं की।
इन फिल्मों के लिए गुरुदत्त ने अपने-अपने क्षेत्र की अद्वितीय प्रतिभाओं का संयोजन किया है, ऐसी प्रतिभाएं जो गुरुदत्त की तड़प को समझ सकती हैं, उसमें बखूबी सहयोग कर सकती हैं। गीतकार/कवि के रूप में बहुत महत्त्वपूर्ण देन साहिर लुधियानवी (प्यासा) और कैफी आजमी (कागज के फूल) की है, तो अमर संगीतकार के रूप में सचिन देव बर्मन दोनों फिल्मों में मौजूद है। दोनों फिल्मों में मोहम्मद रफी और गीतादत्त ने अपने ही नहीं, हिन्दी सिनेमा के कुछ श्रेष्ठतम कालजयी गीत गाए हैं। रफी साहब की विविधता विख्यात है। पर इन दो फिल्मों के तीन गीत ऐसे हैं जिनकी कोई मिसाल ही नहीं है, जो उनकी महान प्रतिभा के मानदंड से भी एक अलग ही अद्वितीय श्रेणी के गीत हैं। छायाकार के रूप में मौजूद थे मूर्ति साहब जो खूब समझते थे कि गुरुदत्त जो दिखाना चाहते हैं उसे सेलुलायड पर कैसे उतारना है। नायिका के रूप में दोनों फिल्मों में मौजूद थीं वहीदा रहमान जिन्होंने स्वयं फिल्म और हकीकत दोनों में कहा था कि उनकी उस समय तक छिपी विलक्षण प्रतिभा का भरोसा उतना उन्हें स्वयं नहीं था जितना गुरुदत्त को था। बिम्बों या प्रतीकों का बहुत कलात्मक उपयोग इन फिल्मों में है, चाहे वह ट्रेन के इधर-उधर या लिफ्ट के ऊपर नीचे जाने का दृश्य हो, स्टूडियो के कृत्रिम प्रकाश का या भंवरे और फूल का।
माला सिन्हा की भूमिका तो ‘प्यासा’ में चिर-स्मरणीय है इसके अतिरिक्त जानी वाकर हों या टुनटुन या रहमान, नायक और नायिका के अतिरिक्त अन्य चरित्रों का जैसा स्मरणीय उपयोग ‘प्यासा’ में हुआ, वह ‘कागज के फूल’ में दोहराया न जा सका। इसी तरह जहां ‘प्यासा’ के सभी गीत महान है, वहां ‘कागज के फूल’ के केवल दो गीत चिरस्मरणीय हैं। संपादन के स्तर पर भी ‘प्यासा’ अधिक चुस्त है, जबकि कागज के फूल की निर्माण प्रक्रिया में कहीं-कहीं थकान नजर आती है।
इन कमियों के बावजूद ‘कागज के फूल’ हिंदी की सिनेमा की एक महान उपलब्धि है जबकि ‘प्यासा’ का तो यह स्थान है कि महानतम् हिंदी फिल्म के किसी भी चुनाव में उसे ध्यान में रखे बिना चुनाव प्रक्रिया पूरी हो नहीं सकती है। इन फिल्मों ने पांच गीत ऐसे दिए हैं जिन्हें हिंदी सिनेमा के महानतम् गीतों की सूची से बाहर करना असंभव है।
यह पांच गीत हैं- ‘ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है’, ‘जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहा हैं’, ‘आज सजन कोई’ (प्यासा), ‘बिछुड़े सभी बारी-बारी’ और ‘वक्त ने किया’ (कागज के फूल)। यदि हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ गीत का चुनाव कभी करना पड़ ही जाए तो इस चुनाव-प्रक्रिया में ‘ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है’ को रखना ही पड़ेगा।
शाश्वत प्रश्नों की खोज
मानव-जीवन की सार्थकता कहां है, किस तरह जीने में है, किन जीवन-मूल्यों में है, यह मनुष्य के इतिहास के शाश्वत सवाल रहे हैं। बेहतर दुनिया तभी बन सकती है यदि इन सवालों पर सही और व्यापक समझ बने। इन सवालों का एक सतही पक्ष यह है कि सभी मनुष्य अपने-अपने ढंग से उपलब्धि भरा जीवन चाहते हैं, बुलंदी चाहते हैं, पर इनमें से बहुत से लोगों की उपलब्धियों की तलाश महज उनकी निजी और स्वार्थी तलाश ही रह जाती है। पर इन सभी व्यक्तियों की स्वार्थी, संकीर्ण उपलब्धि की भागदौड़ से उन्हें पैसा शोहरत आदि जितना भी मिले, इससे बेहतर दुनिया बनने की कोई राह नहीं बनती है अपितु यह संकीर्ण उपलब्धियों की होड़ प्रायः दूसरों के हक छीनकर या दूसरों के दुख बढ़ाकर ही जीती जाती है।
अतः यह बहुत जरूरी है कि न्याय और समता, खुशियों और समृद्धि को सबसे बांटने, सबको उचित अवसर देने, दूसरों के हक को कभी न छीनने, अपने साथ दूसरों को सही अर्थ में खुशी देने, गहरे संतोष और न्याय-आधारित अमन-शान्ति के जो शाश्वत मानवीय मूल्य हैं उन्हें प्रतिष्ठित किया जाए और इसके लिए यह भी उतना ही जरूरी है कि अन्याय, स्वार्थ, दूसरों के हक और अवसर छीनने, लूट-शोषण, विलासिता-विषमता पर आधारित जो व्यवस्था है उससे लड़ा जाए, इसके खोखलेपन और क्रूरता को लोगों के सामने बेपर्दा किया जाए। तभी जनसाधारण सही और गलत, न्याय -अन्याय, में भेद स्पष्ट कर एक बेहतर दुनिया की ओर बढ़ सकेंगे और अपने जीवन को भी इस बदलाव के अनुकूल बना सकेंगे। इस प्रयास का एक जरूरी हिस्सा है कि अन्याय, झूठ, पाखंड, शोषण पर आधारित झूठी उपलब्धियों को बेनकाब किया जाए और एक ऐसा सामाजिक माहौल बनाया जाए जिससे इन मिथ्या उपलब्धियों की चमक-दमक से लोग बच सकें, इससे ऊपर उठ सकें और इस झूठ और अन्याय पर आधारित चमक-दमक से अलग सच्चाई, न्याय, खुशियों को बांटने, सादगी, स्वार्थों से ऊपर उठ सुख-दुख बांटने, निस्वार्थ गहरे संबंधों, रिश्तों की जो दुनिया है उसे अपना सकें।
झूठी उपलब्धियों को नकारने, बेनकाब करने, उनका खोखलापन सिद्ध करने का कार्य प्यासा फिल्म बहुत खूबी से करती है। इसके स्थान पर जो सही आदर्शों पर खड़ी दुनिया है, वह अभी बननी है, उसके लिए गहरे प्यार वाले, संकीर्ण स्वार्थों से दूर रहने वाले हमसफर चाहिए। ऐसे हमसफर के साथ तलाशेंगे नई दुनिया, चाहे कितनी भी कठिनाई आए, पर झूठे आडम्बर, अन्याय और शोषण पर आधारित दुनिया और उसकी उपलब्धियां हमें नहीं चाहिए।
इस मूल संदेश को लेकर ही तमाम कठिनाईयों के बीच संघर्ष करने वाले शायर विजय की कहानी ‘प्यासा’ में कई क्रूर विडंबनाओं के बीच आगे बढ़ती है। कदम-दर-कदम कई तरह के आडंबर, झूठ, अन्याय पर्दाफाश होते जाते हैं और उन पर आधारित उपलब्धियों के खोखलेपन को दर्शक गहराई से अनुभव करते हैं। यह जो खोखली, अन्यायपूर्ण उपलब्धियां है, उनके कारण ही विजय जैसी अनेक सुविधाओं का रास्ता रुका हुआ है, अनेक जरूरतमंदों के अवसर अवरुद्ध हो रहे हैं।
खैर, सब दिन एक से नहीं होते, सदा अन्याय की ही जीत नहीं होती है। एक दिन ऐसा भी आता है कि अनेक विडंबनाओं के बीच विजय की प्रतिभा को दूर-दूर सराहा जाने लगता है, उसकी ख्याति सर चढ़कर बोलने लगती है। अब विजय इतनी मजबूत स्थिति में है कि जिन शिखर पर बैठे व्यक्तियों ने उसका शोषण किया, उससे अन्याय किया, उनका भी वह पर्दाफाश कर सकता है। प्रायः इस स्थिति में आकर सामान्य हिंदी फिल्मों का नायक भरपूर बदला लेकर अपने को धन्य समझता है।
यदि विजय भी यही करता तो भी जिस तरह यह फिल्म अभी तक चली है उसके आधार पर इसे श्रेष्ठ फिल्म ही माना जाता। पर इस नाजुक मोड़ पर आकर ‘प्यासा’ और विजय जो नई राह तलाशते हैं, वह प्यासा को हिंदी की महानतम फिल्मों की श्रेणी में ले जाती है।
जो फिल्मकार सतही मनोरंजन से हटकर सिनेमा उद्योग के प्रतिकूल माहौल में गहरी मानवीय संवेदनाओं के संप्रेषण और बेहतर दुनिया बनाने की प्रतिबद्धता का रास्ता चुनते हैं वे भी प्रायः कुछ मिथकों से ऊपर नहीं उठ सकते हैं। सभी मिथक बुरे नहीं होते हैं। विशेष परिस्थितियों में कुछ मिथकों को मजबूत करने की कुछ अल्प-कालीन सार्थक भूमिका भी हो सकती है।
अतः विजय अनेक विडंबनाओं के बीच अचानक उत्पन्न हुई अपनी मजबूत स्थिति का उपयोग बदला लेने के लिए करता और फिर नई ख्याति से प्राप्त सुख में अपनी जिंदगी की सार्थकता तलाश लेता और फिल्म का ऐसा अंत हो जाता तो मौजूदा मिथकों का तुष्टीकरण करते हुए भी अनेक सामाजिक पाखंडों और अन्यायों को पर्दाफाश करने की वजह से यह एक अच्छी फिल्म मानी जा सकती थी।
पर किसी से व्यक्तिगत स्तर पर प्रतिशोध की इच्छा तो क्या रखना, विजय किसी की शिकायत भी नहीं करता है। हर कदम पर उसका शोषण हुआ है। पर तरह-तरह के अन्याय, मार-पीट झेलते हुए भी बहुत गहराई की संवेदनाओं से, स्वर ऊंचा किए बिना वह कहता है - मुझे किसी भी व्यक्ति से कोई शिकायत नहीं है। मुझे विरोध है तो उस सामाजिक व्यवस्था से है जिसमें इतना स्वार्थ, इतना अन्याय, इतनी विषमता, इतनी बेहयाई पनपते हैं, फलते-फूलते हैं, हावी होते हैं।
विजय के लिए किसी व्यक्ति से बदला लेने का कोई अर्थ नहीं है। इस अन्याय व बेशर्मी भरी व्यवस्था के शिखर पर जा बैठने की उसकी चाह भी नहीं है। उसे तो ऐसे विकल्प की तलाश है, ऐसी जगह, माहौल या व्यवस्था खोजने की तलाश है जहां से फिर कहीं जाना न पड़े। अपनी पूरी ईमानदारी को तमाम क्रूरताओं के बीच भी वह बचा रखता है और इस ईमानदारी से अपनी तलाश को जारी रखना ही विजय के लिए सबसे बड़ी सार्थकता है। इस सार्थक तलाश को निभाने वाली निस्वार्थ सच्ची हमसफर उसके साथ है तो फिर क्या कहने। तमाम दुखों के बीच यही तो सबसे बड़ी और सच्ची उपलब्धि है।
जहां प्यासा अपनी व्यापक सोच में बहुत समग्र फिल्म है, इसमें कोई त्रुटि वही निकाल पाएगा जिसका काम केवल त्रुटि निकालना है, वहां कागज के फूल की उपलब्धि इतनी समग्र नहीं है। इसमें गुरुदत्त और मूर्ति की महान कलात्मक उपलब्धियां हैं, पर इसे त्रुटिहीन फिल्म नहीं कह सकते हैं। मिथक तोड़ने पर भी प्यासा अधिक दर्शकों द्वारा सराही गई, जबकि कागज के फूल को अपेक्षाकृत कहीं कम दर्शक मिले।
विजय ने ‘प्यासा’ के अंत में जिस शिखर को ठुकरा दिया, पर ‘कागज के फूल’ के सुरेश सिन्हा को वह शिखर अपने जीवन के अपेक्षाकृत आरंभिक दौर में ही मिल गया था। पर इस शिखर पर पहुंचकर और उसे अपना कर भी मौजूदा अवसरवादी, मूलतः स्वार्थी व्यवस्था में संवेदनशील है व्यक्ति के लिए अनेक कठिनाईयां और विडंबनाएं हैं। एक तो यह है कि उपलब्धि से विफलता, ख्याति से तिरस्कार के दौर में जाने में देर नहीं लगती है और तब संकीर्ण स्वार्थ में क्रूर हो गई दुनिया संभलने का मौका भी नहीं देती है। दूसरी बड़ी विसंगति यह है कि शिखर पर रहते हुए, स्वार्थी दुनिया की बाहरी चमक-दमक का उपयोग करते हुए भी संवेदनशील व्यक्ति के लिए इस विषमता और स्वार्थ आधारित व्यवस्था के संबंधों को निभा पाना बहुत कठिन हो सकता है। अतः चमक-दमक के बीच भी संतोष नहीं है, तृप्ति नहीं है, फूल हैं तो बस कागज के। यदि अतृप्ति केवल भौतिक हो तो उसे दूर करना कोई बड़ी समस्या नहीं थी, पर यह अतृप्ति तो आत्मिक है, बहुत गहरी है।
प्यासा के विजय के लिए तमाम ठोकरों के बावजूद यह संभव बना रहा कि वह अपनी सार्थकता की अपनी तलाश को ईमानदारी से जारी रख सके और इस अन्वेषण के अनुकूल हमसफर भी पा सके। पर शिखर को छू लेने वाले सुरेश सिन्हा के लिए यह भी संभव नहीं है, और शिखर के जीवन की विसंगतियां उन्हें हमसफर मिलने पर भी उससे दूर कर देती हैं। इस स्थिति में शिखर पर रहते हुए भी संवेदनशील सुरेश की स्थिति निरंतर ठोकर खाने वाले विजय से भी अधिक त्रासद है और उसका अंत भी अति त्रासद है।(NAVJIVAN)
मुंबई, 10 अक्तूबर (वार्ता)। बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली रेखा आज 66 वर्ष की हो गयी।
10 अक्तूबर 1954 को मद्रास में जन्मीं रेखा। मूल नाम भानुरेखा गणेशन को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता जैमिनी गणेशन अभिनेता और मां पुष्पावली जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थी। रेखा ने अपने करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रूप में वर्ष 1966 में प्रदर्शित तेलुगु फिल्म ..रंगुला रतनम ..से की।
दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनेत्री के रूप में रेखा ने अपने करियर की शुरूआत कन्नड़ फिल्म गोदाली सी.आई.डी 999 से की। फिल्म में उनके नायक की भूमिका सुपरस्टार डा.राजकुमार ने निभाई थी। बतौर अभिनेत्री हिंदी फिल्मों में उनके सिने करियर की शुरूआत 1970 में प्रदर्शित फिल्म सावन भादो से हुई। फिल्म में उनके नायक की भूमिका नवीन निश्चल ने निभायी।
वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म दो अनजाने रेखा के करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में पहली बार उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म घर रेखा के सिने करियर के लिये अहम फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी। वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म खूबसूरत रेखा की एक और सुपरहिट फिल्म रही। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
मुंबई, 10 अक्टूबर (वार्ता)। बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू सिंह ने अपने पुत्र रणबीर कपूर पर फिल्माये गाने ‘घाघरा’ पर डांस किया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर की पत्नी और रणबीर कपूर की मां नीतू सिंह (नीतू कपूर) सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहती हैं। नीतू सिंह सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ पेस्ट कर फैन्स को जानकारी देती रहती हैं। इस बीच नीतू सिंह का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। वीडियो में नीतू अपने बेटे रणबीर कपूर की फिल्म‘ये जवानी है दीवानी’ के गाने ‘घाघरा’ पर जमकर डांस कर रही हैं।
मशहूर कोरियोग्राफर राजेंद्र सिंह ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस वीडियो शेयर किया है। वीडियो में कोरियोग्राफर राजेंद्र सिंह नीतू सिंह को डांस के स्टेप्स सिखा रहे हैं। ‘घाघरा’ गाना रणबीर कपूर और माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया था।
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री रवीना टंडन कोरोना महामारी के बीच एक वेब सीरीज की शूटिंग फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में इसकी शूटिंग होगी। फिलहाल इस वेब सीरीज के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है। रवीना ने कहा, मैं शूटिंग को फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हूं, लेकिन हमारे लिए सावधानी बरतना जरूरी है। हमने सभी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए यात्रा की। व्यक्तिगत रूप से मैं कोविड महामारी के समय में सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर सतर्क हूं और यूनिट की पूरी टीम और कलाकार सख्त सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करेंगे। रवीना की अगली फिल्म केजीएफ : चैप्टर 2 है, जो कन्नड़ स्टार यश द्वारा अभिनीत ब्लॉकबस्टर फिल्म केजीएफ : चैप्टर 1 का फॉलोअप है। अभिनेता संजय दत्त दूसरे भाग में एक महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगे।
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| अभिनेता विवेक ओबेराय द्वारा निभाई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका वाली फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' एक बार फिर से सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। 7 महीने बाद 15 अक्टूबर को फिर से खुलने जा रहे सिनेमाघरों में यह फिल्म फिर से बड़े पर्दे पर नजर आएगी। ओमंग कुमार द्वारा निर्देशित यह फिल्म 2019 में रिलीज हुई थी। इसमें मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से लेकर 2014 के लोकसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने तक के सफर को दिखाया गया है।
ओमंग कुमार ने कहा, "मैं खुश और संतुष्ट हूं कि सिनेमाघर फिर से खुलने जा रहे हैं और हम अपनी फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' को फिर से रिलीज कर रहे हैं। हमने इस फिल्म को बनाने में बहुत मेहनत की है और जो लोग इसे देखने से चूक गए थे, उन्हें अब इसे देखने का मौका मिल जाएगा। हम चाहते हैं कि हमारी कड़ी मेहनत से बनाई गई फिल्म को हर एक व्यक्ति देखे।"
इस फिल्म में बोमन ईरानी, दर्शन कुमार, मनोज जोशी, प्रशांत नारायणन, जरीना वहाब, बरखा बिष्ट सेनगुप्ता, अंजन श्रीवास्तव, यतीन कारेकर, राजेश गुप्ता और अक्षत आर.सलूजा भी हैं।
फिल्म के सह-निर्माता संदीप सिंह ने कहा, "सिनेमाघरों के फिर से खुलते ही आज के दौर के सबसे अधिक प्रेरणादायी नेता की कहानी को देखने से बेहतर क्या हो सकता है। चूंकि रिलीज के समय कुछ राजनैतिक एजेंडों के चलते कई लोग इस फिल्म को नहीं देख पाए थे, वो अब इसे देख सकेंगे।"
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस) अभिनेता शक्ति कपूर ने खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने अपने दोस्त, अभिनेता जैकी श्रॉफ को अपना पहला घर खरीदने के लिए मनाया था। यादों के गलियारों में गोते लगाते शक्ति कपूर ने कहा, "जैकी को हमेशा कारों के प्रति आकर्षण था और जब वह शहर में एक छोटे से घर में रहता था, तो उसने हमेशा सुनिश्चित किया कि वह एक नई कार खरीदेगा। यहां तक कि गोविंदा और सलमान खान भी इस ट्रेंड का हिस्सा थे।"
लेकिन जैकी की मां चिंतित थी और उन्होंने शक्ति से जैकी को घर खरीदने के लिए मनाने के लिए कहा।
शक्ति ने कहा, "उनकी मां जानती थीं कि जैकी मुझे बहुत अच्छा दोस्त मानते हैं और मेरी बात सुनेंगे। हालांकि, वह जरूरतमंद लोगों को पैसे दान करते थे, खासकर सड़कों पर रहने वाले लोगों को। ऐसे में उन्हें अपने धर्मार्थ कार्य को रोकने के लिए उन्हें आश्वस्त करना एक चुनौती थी।"
उन्होंने याद करते हुए कहा, "मैंने उन्हें अपने सिर के ऊपर अपनी छत होने के महत्व को समझाया। मैंने उन्हें अपना घर खरीदने के बाद अपना नेक और धर्मार्थ काम करने के लिए मनाया। अगली बात जो मुझे याद है वह कि जैकी का मुझे फोन आया, उन्होंने बताया कि उन्होंने एक बहुत बड़ा घर खरीदा है।"
शक्ति ने 'सा रे गा मा पा ली'ल चैंप्स" के सेट पर जैकी के साथ अपनी दोस्ती के बारे में बात की।
पेशेवर रूप से जैकी श्रॉफ और शक्ति कपूर ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया है। इसमें 'हीरो', 'हलचल', और 'बंधन' जैसी फिल्में शामिल हैं।
मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| अभिनेत्री रवीना टंडन कोरोना महामारी के बीच एक वेब सीरीज की शूटिंग फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में इसकी शूटिंग होगी।
फिलहाल इस वेब सीरीज के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है।
रवीना ने कहा, "मैं शूटिंग को फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हूं, लेकिन हमारे लिए सावधानी बरतना जरूरी है। हमने सभी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करते हुए यात्रा की। व्यक्तिगत रूप से मैं कोविड महामारी के समय में सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर सतर्क हूं और यूनिट की पूरी टीम और कलाकार सख्त सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करेंगे।"
रवीना की अगली फिल्म 'केजीएफ : चैप्टर 2' है, जो कन्नड़ स्टार यश द्वारा अभिनीत ब्लॉकबस्टर फिल्म 'केजीएफ : चैप्टर 1' का फॉलोअप है। अभिनेता संजय दत्त दूसरे भाग में एक महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगे।
सुगंधा रावल
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस) अभिनेत्री लारा दत्ता वर्तमान में एक परियोजना की शूटिंग कर रही हैं और प्रकृति के करीब होने के कारण उन्हें जीवन के बारे में विचार करने और नई वास्तविकता के बारे में सोचने का मौका मिला है। नई वास्तविकता के अनुकूल होने और नए सामान्य में शूटिंग के बारे में पूछे जाने पर लारा ने आईएएनएस को बताया, आप हर दिन कुछ नया सीखते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "मैं भारत के बीच में एक सेट पर हूं। यह काफी देहाती इलाका है। यह यहां से काफी दूर जंगल है, लेकिन यह शानदार है। मैं महेश भूपति(पति) से कह रही थी कि मेरी आंखों पर किसी चीज ने काट लिया है, जिसे मैं पहचान भी नहीं सकती। मैंने जीवन में कभी भी इतने कीटों की प्रजातियां नहीं देखीं।"
लारा दत्ता ने आगे कहा, "इसलिए हर रोज सीखने को मिलता है। यह आपको नजरिया देता है। एक कलाकार के ²ष्टिकोण से कहूं तो हमारी जिंदगी का दायरा काफी छोटा है, हमारे काम और उन लोगों के साथ जो हम जानते हैं, और उन प्रशंसकों के पास जो हमारे हैं। कभी-कभी नजरिया खोना आसान होता है। मैं पिछले महीने को लोकेशन पर समय बिता रही हूं, सचमुच सितारों से भरे आसमान के नीचे बैठना अच्छा लगता है, जिसे हम मुंबई में नहीं देखते हैं। यह शानदार है।"
महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद अभिनेत्री ने अक्षय कुमार, हुमा कुरैशी और वाणी कपूर के साथ ब्रिटेन में जासूस थ्रिलर 'बेलबॉटम' की शूटिंग पूरी की। वह इस समय एक अज्ञात प्रोजेक्ट की शूटिंग कर रही है।
वहीं उनसे नए सामान्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह एक ऑनगॉइंग प्रक्रिया है। हर कोई वास्तव में नए सामान्य के लिए अनुकूल है। मैंने एक पूरी फिल्म पूरी की और मैं एक सीरीज पर काम कर रही हूं। तो, जीवन आगे बढ़ता है। आपको उस कार्य को सीखना है जिसे अब 'नया सामान्य' कहा जाता है। बच्चों को वास्तव में अनुकूल किया गया है। महामारी ने जीवन में आपकी प्राथमिकताओं को लेकर सवाल पैदा किया है और जो चीजें आपके लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हैं वो मालूम हुआ है।"
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस) ध्वनि भानुशाली ने साल 2018 में लॉन्च होने के बाद दो साल के कम समय में एक गायिका के रूप में बहुत लोकप्रियता हासिल कर ली है। वहीं अगले साल वह एक संगीत कलाकार के रूप में अपनी क्रिएटिविटी का अलग पक्ष दिखाने का वादा करती है। चाहे वह बॉलीवुड के गाने हों या 'दिलबर' या 'वास्ते' जैसे पॉप सिंगल्स हों, उन्होंने कई हिट गाने दिए हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन ने उन्हें एक संपूर्ण कलाकार के रूप में अपने कौशल को चमकाने का मौका दिया है।
ध्वनि ने आईएएनएस से कहा, "हम घर पर थे और परिवार के साथ समय बिता रहे थे। मैं 'रियाज' और संगीत सीखने पर ध्यान केंद्रित कर रही थी। मैंने देर से संगीत सीखना शुरू किया। इसलिए, मेरे लिए सीखने के हिस्से पर ध्यान केंद्रित करने का एक अच्छा समय था और मैं गाने बनाने की कोशिश कर रही थी। उम्मीद है, अगले साल हमारे पास कुछ होगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अपने गाने लिखने का भी मौका मिला है, उन्होंने कहा, "मैं इस पर काम कर रही थी। यह मेरा एक पक्ष है, जिसे मैंने अभी तक नहीं प्रदर्शित किया है। उन्हें 2021 तक तैयार हो जाना चाहिए।"
इससे पहले वह नवंबर में एक नया सिंगल लाने वाली हैं।
उन्होंने कहा, "यह साल एक धमाके के साथ समाप्त होगा और फिर दूसरे धमाके के साथ शुरू होगा।"
ध्वनि ने हाल ही में एक नया गाना 'बेबी गर्ल' रिलीज किया, जिसमें गायक गुरु रंधावा भी हैं। इसकी शूटिंग पिछले महीने गोवा में हुई थी।
उन्होंने कहा, "मैं सचमुच डरी हुई थी। आप समझ सकते हैं कि इतने लोगों से मिलना (महामारी के बीच) एक पूरी तरह से अनजान शहर में जाना कैसा लगता है। जोखिम था, लेकिन आपको काम करना होगा। यह बहुत ही मजेदार था और सभी सावधानियों के साथ किया गया था। हम लगातार सैनिटाइजेशन कर रहे थे।"
ध्वनि ने आगे कहा, "मेरा जीवन संगीत वीडियो के बारे में रहा है, लेकिन हालांकि यह रेमो (डिसूजा) सर के साथ था, तो यह एक बड़ा अवसर था। मैं वास्तव में उत्साहित थी। यहां तक कि गुरु भी थे। मुझे उनसे मैच करना था।"
संगीत वीडियो में उन्हें मजा आता है, लेकिन फिल्म में अभिनय करने के बारे में अभी वह सपना नहीं देख रही है।
गायिका ने कहा, "अभी के लिए मैं अपने संगीत करियर पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं, पहले पॉप स्टार बनना चाहती हूं और फिर अगर मैं अच्छी रही तो अन्य चीजों में भी हाथ आजमाऊंगी। तीन घंटे की फिल्म करना आसान नहीं है। विभिन्न ²श्यों को करना एक अलग बॉल गेम है। आपको प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इसलिए मुझे कुछ समय चाहिए।"
मुंबई, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| बॉलीवुड की मशहूर गायिका नेहा कक्कड़ ने आखिरकार एक बड़े राज से पर्दा उठा दिया है। गायिका ने आज अपने सोशल मीडिया के माध्यम से 'राइजिंग स्टार' फेम रोहनप्रीत के साथ प्रेम संबंध होने की पुष्टि की। नेहा ने अपने इंस्टाग्राम पर खुद के साथ रोहनप्रीत की तस्वीर पोस्ट कीं।
उन्होंने तस्वीर को कैप्शन देते हुए लिखा, "तुम मेरे हो। हैशटैग निहू प्रीत।"
इस तस्वीर पर उनके प्रेमी रोहनप्रीत ने रिएक्शन देते हुए लिखा, "बाबू आई लव यू सो मच, मेरा पूत मेरी जान। हां मैं सिर्फ तुम्हारा हूं मेरी जिंदगी।"
रोहनप्रीत ने भी उसी तरह की एक तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पर साझा की।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, "मीलिए मेरी जिंदगी नेहा कक्कड़ से।"
बता दें, नेहा और रोहनप्रीत का रोका कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं थी। अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों की शादी 24 अक्टूबर को होनी तय है। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।