मनोरंजन
हर जगह है नेपोटिज्म, प्रतिभा को भी मिले सम्मान :अक्षरा सिंह
मुंबई, 25 जून (वार्ता) भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री-गायिका अक्षरा सिंह का कहना है कि नेपोटिज्म (भाईभतीजावाद) हर जगह मौजूद है लेकिन प्रतिभाओं को सम्मान दिया जाना चाहिये।
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद देशभर में बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर आक्रोश है। वहीं, नेपोटिज्म पर अभिनेत्री कंगाना रानौत शुरू से आवाज उठाती रही हैं। इसी बीच भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री अक्षरा सिंह ने भी नेपोटिज्म पर अपनी आवाज मुखर की है। अक्षरा ने माना है कि हर जगह नेपोटिज्म है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि गैर फिल्मी बैकग्राउंड से आने वाले प्रतिभाशाली लोगों की अनदेखी हो।
अक्षरा ने कहा, “जिसके माता–पिता जिस भी क्षेत्र में होते हैं, वे चाहते हैं कि उनका बच्चा उसी क्षेत्र में कदम रखे। इन सबके बावजूद भी कई लोग गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आये और अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ गए। इनमें शत्रुध्न सिन्हा, मनोज वाजपेयी, सुशांत सिंह राजपूत, पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा एव अन्य कलाकार हैं। मेरे ख्याल से हर जगह प्रतिभा को सम्मान मिलना चाहिए और उसे आगे बढ़ने देना चाहिए।”
अक्षरा ने कहा “स्टार किड्स को जिस तरह का मौका और प्लेटफॉर्म आसानी से दिया जाता है, मेरे ख्याल से हम सभी कलाकारों को जो एक्टर बनने के लिए जाते हैं और प्रतिभाशाली हैं, उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। साथ ही उसी प्रक्रिया से स्टार किड्स को गुजरना चाहिए। उन्हें भी ऑडिशन की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए।” अक्षरा ने नेपोटिज्म से ज्यादा ग्रुपिज्म को खतरनाक बताया और कहा कि इसका शिकार हर कलाकार से लेकर छोटे टेक्निशियन तक हैं।
प्रेम सतीश
मुंबई, 25 जून । बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने प्रवासी मजदूरों को एक हजार फुटवियर दान दिए हैं।
कोरोना वायरस संकट के बीच सभी स्टार्स अपने-अपने स्तर पर गरीबों एवं जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। भूमि पेडनेकर विभिन्न राहत प्रयासों के कारण सुर्खियों में बनी हुई हैं। भूमि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सामने आईं है। भूमि जरूरतमंदों के बीच फुटवियर बांटते हुए देखी गईं।
गरीब प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए लॉकडाउन में परिवार संग नंगे पैर ही निकल पड़े हैं। ऐसे में सामने आई उनकी तकलीफ देने वाली तस्वीरों को देखकर, भूमि ने गाजियाबाद के मुराद नगर, गोविंदपुरम और विजय नगर के क्षेत्रों में वालंटियर के ग्रुप्स की मदद से एक हजार से अधिक मजदूरों को उन्हें जूते दिए और उनकी मदद की। इसके अलावा भूमि ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को खाना, आवश्यक सामग्री देकर उनकी मदद भी की है। भूमि ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के इस्तेमाल से अपने फैंस से लोगों की मदद करने की रिक्वेस्ट की है।(वार्ता)
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। उनकी मौत वाले दिन से ही यह बात की जा रही है कि इंडस्ट्री में काबीलियत होने के बावजूद उन्हें दरकिनार किया गया और काम न मिलने या फिर कई फिल्मों के छूटने से वे परेशान चल रहे थे। ऐसे में सोशल मीडिया पर नेपोटिज्म को लेकर कुछ बड़े एक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और फिल्म मेकर्स पर यूजर्स लगातार निशाना साध रहे हैं। इस बीच फेमस लेखक चेतन भगत का एक ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। चेतन भगत के ट्वीट से नेपोटिज़्म का मामला एक बार फिर गरमा गया है।
सुशांत की मौत के बाद से ही कई एक्टर और एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में भेदभाव को लेकर खुलकर बातें की। हाल ही में सिंगर सोनू निगम ने भी इस मामले में एक वीडियो पोस्ट किया था और उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि इंडस्ट्री में इस समय जो हाल है उससे लगता है कि कहीं भविष्य में सिंगर्स के साथ भी ऐसी कोई घटना न हों। चेतन भगत के इस पुराने ट्वीट ने अब एक और सवाल को जन्म दे दिया है और ऐसा लगने लगा है कि क्या सच में सुशांत फिल्मी जगत में होने वाले भेदभाव का शिकार हुए थे।
दरअसल चेतन भगत का जो ट्वीट वायरल हो रहा है उसमें उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि मोहित पुरी की अगली फिल्म हाफ गर्लफ्रेंड में नजर आने वाले हैं। ट्वीट के अनुसार हाफ गर्लफ्रेंड में सुशांत सिंह राजपूत लीड एक्टर को तौर पर काम करने वाले थे। अब यह प्रश्न उठ रहा है कि अगर ऐसा था तो फिर अचानक अर्जुन कपूर को फिल्म में क्यों लिया गया। क्या सुशांत स्टार किड नहीं थे इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही हर तरफ बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर बहस तेज हो गई है। गायक कुमार सानू का कहना है कि फिल्म जगत में भाई-भतीजावाद है, लेकिन एक कलाकार की किस्मत का फैसला सिर्फ दर्शक करते हैं। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद की बहस छिड़ी हुई है। अभिनेताओं, निर्देशकों और गायकों ने बाहरी होने की वजह से बॉलीवुड में बने रहने के लिए सामने आने वाली परेशानियों का उल्लेख किया है।
फेसबुक पर सोमवार को अपलोड की गई एक वीडियो में सानू ने कहा, उनके (राजपूत के) निधन के बाद मैं एक अलग तरह की क्रांति उभरते हुए देख सकता हूं। भाई-भतीजावाद हर जगह है। यह हमारे यहां कुछ ज्यादा है। हम जो हैं वे आप दर्शक हमें बनाते हैं। कौन कामयाब होगा और किसे फिल्म जगत से बाहर किया जाएगा, इसका फैसला आप दर्शक करते हैं।
उन्होंने कहा कि फिल्मकार या फिल्म जगत के शीर्ष लोग यह फैसला नहीं कर सकते हैं। यह आप दर्शकों के हाथ में है। गायक तीन दशक से बॉलीवुड में हैं और उन्होंने कई हिट गाने दिए हैं। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत ने बीते 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद बॉलीवुड के कुछ प्रोड्यूसर्स, फिल्म मेकर्स और एक्टर्स पर सुशांत के फैंस का गुस्सा फूट पड़ा है। जिसका असर सोशल मीडिया पर साफ देखा जा सकता है।
करियर के शुरूआती दौर काफी कठिन : प्रियंका
मुंबई, (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि करियर के शुरूआती दौर उनके लिये काफी कठिन रहे और उन्होंने काफी संघर्ष के बाद अपनी पहचान बनायी।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म (भाई-भतीजावाद) का मुद्दा एक बार फिर गरम गया है। इंडस्ट्री में नपोटिज़्म का मुद्दा वैसे नया नहीं है। इसी बीच प्रियंका चोपड़ा का एक पुराना वीडियो सामने आया है जिसमें प्रियंका बॉलीवुड और नेपोटिज़्म पर खुलकर अपनी राय रख रही हैं। हालांकि, ये वीडियो काफी पुराना है।
प्रियंका चोपड़ा उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जो हर मुद्दे पर बेबाकी से राय रखती हैं। इस पुराने वीडियो में भी प्रियंका नेपोटिज़्म पर अपनी राय रख रही हैं। वीडियो में प्रियंका कह रही हैं, “नेपोटिज्म और बॉलीवुड साथ-साथ चलते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसे कलाकार आए हैं जो इसे तोड़ने में सफल रहे हैं। उन कलाकारों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। जो मैं भी करने की कोशिश कर रही हूं।”
बॉलीवुड में एंट्री करने के बाद अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए प्रियंका ने कहा, “मेरे लिए ये बहुत कठिन था। मैं यहां किसी को नहीं जानती थी। जब मैंने यहां कदम रखा तब हर कोई यहां एक दूसरे को अच्छा दोस्त था। मैं नेटवर्किंग में ज्यादा अच्छी नहीं थी न ही ज्यादा पार्टीज़ में जाती थी। मेरे लिए भी थोड़ा मुश्किल था,लेकिन मैंने इस सच्चाई को स्वीकारा कि मुझे इन सब चीज़ों से डरना नहीं है।”
-प्रेम सतीश
स्टार किड्स में कोई हुआ सुपरहिट तो कोई मिसफिट
मुंबई, 24 जून (वार्ता) बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) के कारण स्टार किड्स को इंडस्ट्री में आसानी से इंट्री ने कई को स्टारडम की बुलंदियों पर पहुंचाया लेकिन बावजूद इसके कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें शुरूआती दौर में सफलता तो जरूर मिली लेकिन वे इसे बरकरार रखने में असफल रहे।
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में जहां एक तरफ स्ट्रगलर्स अपने दम पर कुछ बनने की कोशिश करते हैं। वहीं, मशूहर सितारों के बच्चे भी यहां भाग्य आजमाते हैं। कुछ स्टार्स का इतिहास यह भी रहा है कि जो अपने माता-पिता के स्टारडम के दम पर बॉलीवुड में आए ,लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए। स्टारकिड होना न अपने आप मे खूबी है न खामी लेकिन यह सच है कि किसी आम इंसान की तुलना में स्टारकिड को फिल्मो में आसानी से ब्रेक मिल जाता है। स्टॉरकिड को सामने आम नायक की तुलना में अधिक कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि दर्शको को उनसे ज्यादा उम्मीद होती है और उसकी तुलना दर्शक उसके पिता या मां से करने लगते है।
बॉलीवुड में स्टारकिड्स का सिलसिला काफी पहले से ही चल रहा है। स्टारकिड के फिल्म इंडस्ट्री में आगमन का सिलसिला सबसे पहले अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पुत्र राजकपूर के आने से शुरू हुआ था। पृथ्वीराज कूपर यदि चाहते तो वह राजकपूर को फिल्म इंडस्ट्री से आसानी से ब्रेक दे सकते थे लेकिन उन्होंने संघर्ष को अधिक महत्व देते हुये राजकपूर को सलाह दी कि वह खुद अपने पैरो पर खड़ा हो इसलिये उन्होंने राजकपूर को निर्माता केदार शर्मा के क्लैपर ब्वॉय के रूप में काम करने की सलाह दी। बाद में राजकपूर अपनी मेहनत के बदौलत फिल्म इंडस्ट्री के शो मैन कहलाये ।इसी तरह पृथ्वी राज कपूर के दो अन्य पुत्र शम्मी कपूर और शशि कपूर ने भी अपने प्रयास से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। बॉलीवुड अभिनेत्री और फिल्मकार शोभना समर्थ ने फिल्म हमारी बेटी से अपनी बेटी नूतन और फिल्म छबीली से तनुजा को लांच किया और दोनों ही अभिनेत्रियों ने सफलता का परहचम लहराया।
सत्तर के दशक में राजकपूर ने अपने पुत्र रणधीर कपूर को वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म ..कल आज और कल .. के जरिये लांच किया। रणधीर कपूर ने न सिर्फ बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश किया बल्कि फिल्म का निर्देशन भी किया। रणधीर ने कुछ सफल फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध भी किया लेकिन उन्हें अपने भाई ऋषि कपूर जैसी सफलता नहीं मिली।
फिल्म कल आज और कल के बाद रणधीर कपूर ने धरम करम, हिना,का निर्देशन किया साथ ही फिल्म प्रेमग्रंथ और आ अब लौट चले जैसी फिल्मों का निर्माण किया लेकिन इनमें हिना को छोड़कर कोई भी फिल्म कामयाब नही हो सकी इसको देखते हुये रणधीर कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वहीं, राजकपूर ने पुत्र ऋषि कपूर को वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म ..बॉबी ..के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक दिया ।युवा प्रेम कथा पर बनी फिल्म बॉबी ने न सिर्फ सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये साथ ही बतौर अभिनेता ऋषि कपूर को भी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया। ऋषि ने अपने दमदार अभिनय से चार दशक से अधिक समय तक दर्शकों के बीच अमिट पहचान बनायी।
राजकपूर के तीसरे पुत्र राजीव कपूर ने भी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने का प्रयास किया। अपने पुत्र को इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिये राजकपूर ने वर्ष 1985 में फिल्म ..राम तेरी गंगा मैली ..का निर्माण किया। फिल्म ..राम तेरी गंगा मैली..बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट भी हुयी और राजीव के अभिनय को भी दर्शको द्वारा सराहा गया लेकिन इसके बाद राजीव ने जितनी भी फिल्मों में काम किया वह सफल नही रही ।इससे निराश होकर राजीव कपूर ने भी बतौर अभिनेता काम करने से तौबा कर ली।
फिल्मो मे स्टारसन्स का दौर पुन: अस्सी के दशक मे सबसे अधिक प्रचलित हुआ ।इस दौर में जुबली कुमार राजेन्द्र कुमार के साहेबजादे कुमार गौरव, सुनील दत्त के पुत्र संजय दत्त और धमेन्द्र के सुपुत्र सन्नी देओल फिल्मी पर्दे पर नायक के तौर पर अवतरित हुये। राजेन्द्र कुमार ने अपने पुत्र कुमार गौरव को स्थापित करने के लिये फिल्म ..लव स्टोरी ..का निर्माण किया। रोमांटिक फिल्म लव स्टोरी की कामयाबी के बाद कुमार गौरव फिल्म इंडस्ट्री में चॉकलेटी हीरो के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे लेकिन कुछ अरसे बाद वह फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कामयाबी को बरकरार नहीं रख सके।
वर्ष 1986 में अपने पुत्र को फिल्म इंडस्ट्री में दुबारा स्थापित करने के उद्देश्य से उन्होंने फिल्म ..नाम ..का निर्माण किया। फिल्म नाम ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता दर्ज की लेकिन फिल्म की सफलता का सारा श्रेय अभिनेता संजय दत्त ले गये और कुमार गौरव को कुछ खास फायदा नही हुआ ।इस बीच कुमार गौरव फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे।अपने पुत्र को कामयाब बनाने के लिये राजेन्द्र कुमार ने वर्ष 1993 में फिल्म ..फूल ..का निर्माण किया लेकिन इस बार भी सफलता उनसे कोसो दूर रही ।
अस्सी के दशक में ही संजय दत्त और सन्नी देओल ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाने के लिये रूख किया ।धमेन्द्र ने अपने पुत्र सन्नी को स्थापित करने के लिये फिल्म ..बेताब ..का निर्माण किया ।फिल्म की सफलता के बाद सन्नी ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली वही सुनील दत्त के पुत्र संजय दत्त भी वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म ..रॉकी ...की सफलता के बाद से आज भी अपने सदाबहार अभिनय से दर्शकों के दिलो पर राज कर रहे है।
इसी दशक में शशि कपूर के दो बेटे कुणाल कपूर और करण कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री मे बतौर अभिनेता अपनी किस्मत आजमानी चाही लेकिन वे फिल्म इंडस्ट्री में कब आये और कब चले गये यह पता ही नही चला। यही हाल देवानंद के बेटे सुनील आनंद ,मनोज कुमार के सुपुत्र कुणाल गोस्वामी का भी रहा। अस्सी के दशक के अंतिम वर्षो में सलीम खान के पुत्र सलमान खान और फिल्मकार ताहिर हुसैन के पुत्र आमिर खान ने बॉलीवुड में कदम रखा और सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये।
नब्बे के दशक में धमेन्द्र के ही सुपुत्र बॉबी देओल, शर्मिला टैगोर के सुपुत्र सैफ अली खान ने फिल्म इंडस्ट्री मे कदम रखा। बॉबी देवोल को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिये वर्ष 1995 में धमेन्द्र ने अपने बैनर तले फिल्म ..बरसात ..का निर्माण किया ।हालांकि फिल्म सफल नहीं रही बावजूद इसके बॉबी दर्शको के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे।
नब्बे के दशक में ही फाइट मास्टर वीरू देवगन के पुत्र अजय देवगन ,तनुजा की पुत्री काजोल ,रणधीर कपूर-बबीता की पुत्री करिश्मा कपूर ,फिल्मकार रवि टंडन की पुत्री रवीना टंडन ने बॉलीवुड में अपनी-अपनी पारी की शुरूआत की और सफलता का परचम लहराया। वहीं, इसी दशक में राजकुमार के पुत्र पुरू राजकुमार, कबीर बेदी की पुत्री पूजा बेदी, राजेश खन्ना और डिंपल कपाडि़या की बिटिया टिंवकल खन्ना और रिंकी खन्ना, अमजद खान के साहबजादे शादाब खान, अजित के पुत्र अरबाज अली खान ने भी अपनी पारी की शुरूआत की लेकिन सफल नहीं रहे।
2000 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में स्टार सन के आगमन की बाढ़ सी आ गयी। इस दशक में सबसे ज्यादा स्टार सन ने फिल्म इंडस्ट्री में रूख किया। इनमें अमिताभ बच्चन के पुत्र अभिषेक बच्चन, राकेश रौशन के पुत्र ऋतिक रौशन, जीतेन्द्र के पुत्र तुषार कपूर ,सुरेश ओबेराय के पुत्र विवेक ओबेराय, फिरोज खान के पुत्र फरदीन खान, संजय खान के पुत्र जायेद खान, विनोद खन्ना के दो पुत्र अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना, राजबब्बर के पुत्र आर्यन बब्बर और प्रतीक बब्बर , मिथुन चक्रवर्ती के सुपुत्र मिमोह चक्रवर्ती भी नायक के तौर पर फिल्मो में आये। इसके अलावा रणधीर कपूर की पुत्री करीना कपूर ,माला सिन्हा की सुपुत्री प्रतिभा सिन्हा तथा शर्मिला टैगोरी की पुत्री सोहा अली खानने भी इंडस्ट्री में कदम रखा। इन कई स्टारकिड्स में कई ऐसे रहे जो शुरूआती सफलता के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपना सिक्का जमाने में कामयाब नहीं हो सके।
वर्ष 2000 में अपने पुत्र को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिये निर्माता-निर्देशक राकेश रौशन ने फिल्म ..कहो ना प्यार है ..का निर्माण किया। फिल्म कहो ना प्यार है की सफलता के बाद ऋतिक रौशन दर्शको के दिल की धड़कन बन गये। इसके बाद उन्होंने अपने अभिनय के जादू से दर्शको का मन मोहे रखा। 2000 के दशक में ही ऋतिक रौशन की तरह ही फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन का फिल्म इंडस्ट्री में आगमन हुआ ।सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के पुत्र होने के कारण फिल्म जगत और दर्शको को उनसे काफी उम्मीदे थी लेकिन अपने करियर के शुरूआती दौर में अभिषेक बच्चन की फिल्में एक के बाद एक फ्लाप होती गयी। वर्ष 2004 में प्रदर्शित फिल्म युवा के जरिये अभिषेक ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली। इसके बाद अभिषेक ने बंटी और बबली ,धूम, धूम 2, धूम 3 ,गुरू जैसी कई कामयाब फिल्मों में काम किया लेकिन वह अपने पिता अमिताभ की तरह सफल नहीं हो सके।
इसी दौर में अन्य स्टार सन्स अभिनेताओं में फरदीन खान, अक्षय खन्ना ,विवेक ओबेराय, और तुषार कपूर शुरूआती दौर की सफलता को बरकरार नहीं रख सके वहीं अरबाज अली खान,राहुल खन्ना ,पुरू राजकुमार, शादाब खान, आर्यन बब्बर, मिमोह चक्रवर्ती जैसे स्टार सन कब आये और कब गये यह पता ही नही चला।
इसी दशक में धर्मेन्द्र .हेमा की बिटिया इशा देओल. शुत्रुध्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा और पुत्री सोनाक्षी सिन्हा ,ऋषि कपूर के पुत्र रणबीर कपूर, अनिल कपूर की पुत्री सोनम कपूर, तनुजा की पुत्री तनीषा मुखर्जी ,दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार कमल हसन की साहबजादी श्रुति हसन, शेखर सुमन के पुत्र अध्यमान सुमन, मुकेश के पौत्र नील नितिन मुकेश, अनुपम खेर के पुत्र सिकन्दर खेर, राज बब्बर की पुत्री जूही बब्बर, नसीरउद्दीन साह के पुत्र विवन शाह और इमाद शाह, शक्ति कपूर की सुपुत्री श्रद्धा कपूर ने भी बालीवुड में अपना पर्दापण किया।
हाल के वर्षो में जैकी श्राफ के पुत्र टाइगर श्राफ ,सुनील शेट्टी की पुत्री अथिया शेट्टी, आदित्य पंचोली के पुत्र सूरज पंचोली, कमल हसन की पुत्री अक्षरा हसन ,गोविन्दा की पुत्री नर्मदा, अनिल कपूर के पुत्र हर्षवर्धन कपूर, विनोद मेहरा के पुत्र रोहन मेहरा ,सनी देओल के पुत्र करण देओल ,श्रीदेवी और फिल्मकार बोनी कपूर की बड़ी बेटी जाह्नवी कपूर ,सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान ,पूजा बेदी की बेटी आलिया फर्नीचरवाला, चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे ,पदमिनी कोल्हापुरी के पुत्र प्रियांक शर्मा ,रवि किशन की बेटी रीवा किशन समेत कई स्टार किड्स ने कदम रखा जो इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
प्रेम सतीश
सलमान के बचाव में उतरे अरबाज
मुंबई, (वार्ता). बॉलीवुड अभिनेता-फिल्मकार अरबाज खान सोशल मीडिया पर अपने भाई सलमान खान को ट्रोल किये जाने को लेकर उनके बचाव के लिये आगे आये हैं।
सिने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) पर बहस छिड़ी हुई है। सुशांत के चाहने वाले कई सेलेब्स को उनकी मौत का जिम्मेदार मान रहे हैं जिसमें सलमान का भी नाम है। सोशल मीडिया पर कई फैंस सलमान समेत अन्य को खरी खोटी सुना है और इस कारण कई बार भाषा की मर्यादा भी टूट रही है। हाल ही में सलमान ने एक ट्वीट कर फैन्स से गुजारिश की कि वह गलत भाषा का इस्तेमाल न करें।
सलमान ने लिखा, “मैं अपने सभी फैन्स से गुजारिश करता हूं कि वे सुशांत के फैन्स के साथ खड़े रहें और गलत भाषा का इस्तेमाल न करें। आप उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। इस संकट की घड़ी में सुशांत के परिवार का सहारा बनें क्योंकि किसी अपने के चले जाने का दर्द बहुत ज्यादा होता है।”
अरबाज अपने भाई सलमान का सपोर्ट करते हुए इस लड़ाई में आगे आ गये हैं।अरबाज खान ने भाई सलमान का बचाव किया है। उन्होंने लिखा है, “खाली दिमाग शैतान का घर होता है। एक अंग्रेजी कहावत हमने स्कूल में पढ़ी थी। मैं तब इसका ठीक-ठीक अर्थ समझने के लिए बहुत छोटा था, लेकिन अब हमारे चारों तरफ जो कुछ भी हो रहा है उसे देखते हुए, पुरानी कहावत अब पूरी तरह से समझ में आ रही है।”
गौरतलब है कि सलमान पर पिछले कुछ दिनों में कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। फिल्म ‘दबंग’ के निर्देशक अभिनव कश्यप ने सलमान के साथ उनके परिवार पर भी कई तरह के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सलमान को उनका करियर बर्बाद करने का जिम्मेदार माना है।
टीवी की दुनिया से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखने वाले एक्टर इंदर कुमार का साल 2017 में कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था। इन्होंने फिल्म 'मासूम' (1990) से बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। लेकिन इन्हें 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल के मिहीर के नाम से ज्यादा जाना-पहचाना गया था। बिना किसी सपोर्ट के इन्होंने कई शानदार फिल्में की और फैन्स को साबित किया कि वह एक अच्छे परफॉर्मर हैं। हाल ही में इंदर की पत्नी ने एक किस्सा साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि इंदर किस तरह फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म का शिकार हुए थे।
पोस्ट में पल्लवी लिखती हैं, 'आजकल हर कोई नेपोटिज्म पर बात कर रहा है। नेपोटिज्म, सुशांत सिंह राजपूत की तरह ही मेरे पति दिवंगत इंदर कुमार ने भी बिना सपोर्ट के इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई थी। 90 के दशक में वह अपने करियर के पीक पर थे। दम तोडऩे से पहले मुझे याद है वह इंडस्ट्री के दो बड़े लोगों से मिलने के लिए गए थे, क्योंकि वह काम की तलाश कर रहे थे।
पल्लवी आगे लिखती हैं कि इंदर, करण जौहर के पास गए, मैं भी उनके साथ थी। सभी चीजें मेरे सामने हुईं। करण जौहर ने पहले तो हमें दो घंटे बाहर इंतजार कराया इसके बाद उनकी मैनेजर गरीमा बाहर आईं और कहा कि करण बिजी हैं। हमने फिर भी उनका इंतजार किया और जब वह बाहर आए तो उन्होंने कहा कि इंदर तुम गरीमा के टच में रहना, अभी तुम्हारे लिए कोई काम नहीं है। और इंदर ने उनकी बात सुनी। इसके 15 दिन बाद इंदर ने फोन करके गरीमा से पूछा तो फिर से वही जवाब मिला कि काम नहीं है। इसके बाद इंदर को ब्लॉक कर दिया गया।
पल्लवी शाहरुख खान के बारे में भी सेम यही चीज बताती हैं और कहती हैं कि जब इंदर 'जीरो' फिल्म के सेट पर शाहरुख से मिलने गए तो उन्होंने भी इंदर को वही जवाब दिया जो करण ने दिया था। उन्होंने भी अपनी मैनेजर से कॉन्टैक्ट करने के लिए कहा। शाहरुख की मैनेजर पूजा से फोन कर पूछा तो उन्होंने भी इंदर को यही कहा कि काम नहीं है।
पल्लवी कहती हैं कि बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना इसलिए मुश्किल होता है क्योंकि टैलेंटेड एक्टर्स को काम मिलता ही नहीं है। बड़े एक्टर्स उनसे डरते हैं कि कहीं वे उनकी जगह न ले लें। नेपोटिज्म पर रोक लगनी चाहिए और सरकार को इसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने चाहिए।
बॉलीवुड की काली दुनिया का सच सामने लायेगी ‘सुशांत’
पटना 23 जून (वार्ता) बॉलीवुड निर्देशक सनोज मिश्रा बॉलीवुड की चमकती दुनिया का सच बताने के लिये फिल्म ‘सुशांत’ बनाने जा रहे हैं।
गांधीगिरी, राम की जन्मभूमि, लफंगे नवाब और श्रीनगर जैसी संवेदनशील फिल्में बना चुके निर्देशक सनोज मिश्रा निर्माता मारूत सिंह के साथ मिलकर बॉलीवुड की काली दुनिया का सच सामने लाने के लिए फ़िल्म 'सुशांत' बनाने जा रहे हैं। हालांकि, फ़िल्म सुशांत सिंह राजपूत की बायोपिक नहीं होगी। यह फ़िल्म उन तमाम लोगों की कहानी होगी जिन्हें बॉलीवुड में उत्पीड़न का शिकार होकर अनावश्यक कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है। रोड़ प्रोडक्शन और सनोज मिश्रा फिल्म्स के बैनर तले फिल्म का निर्माण होगा। फिल्म की शूटिंग मुंबई और बिहार में होगी।
इस फिल्म की घोषणा मंगलवार को सनोज मिश्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान की। इससे पहले सनोज सोमवार को खास तौर पर सुशांत के परिजनों से मिलने मुम्बई से पटना आये थे, जहां उनके आवास पर जाकर उन्होंने सुशांत के पिता का दर्द साझा किया और उन्हें सांत्वना दी।
फ़िल्म को लेकर सनोज मिश्रा ने कहा, “कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का यूं चले जाना पूरे देश के लिए दुख देने वाली खबर है। बॉलीवुड में भाई-भतीजा वाद और पर्दे के आगे की चमकती दुनिया के पीछे के काले अंधेरे में न जाने कितने लोग हत्या या आत्महत्या के शिकार होते हैं, क्योंकि वे बड़े स्टार या सेलिब्रिटी नहीं होते, इसलिए लोग उनकी कहानियां नहीं जान पाते।”
सनोज ने कहा, “ सुशांत सिंह बहुत तेजी से बॉलीवुड सितारों के अग्रिम पंक्ति में खड़े होने के पास थे लेकिन अचानक उनकी मौत होना बहुत ही दुखद है। बॉलीवुड में सदियों का जो पुराना सिस्टम है। जिसे माफिया बाहरी देशों से ऑपरेट करते हैं। ऐसे लोगों के संगठन और गिरोह को बेनकाब करने के लिए हम अपनी अगली फिल्म ‘सुशांत’ की घोषणा कर रहे हैं।”
फिल्म के निर्माता मारूत सिंह ने कहा कि इस फिल्म में वे सुशांत सिंह राजपूत के साथ बॉलीवुड के दिग्गजों की सच्चाई बेबाक ढ़ंग से पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि हम यह फिल्म इसलिए बनाना चाहते हैं, ताकि लोगों के चेहरे बेनकाब हों। जो अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं। वे अपने एकाधिकार के लिए उत्पीड़न करते हैं। फिल्म के कलाकारों का चयन किया जा रहा है।
-प्रेम सतीश
रवीना ने शेयर किया डांस वीडियो
मुंबई 23 जून (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने सोशल मीडिया पर अपना डांस वीडियो शेयर किया है।
रवीना टंडन सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव है। कभी अपने फिटनेस वीडियो शेयर करती हैं तो कभी वह अपनी बिटिया के साथ फनी वीडियो बनाती हैं। रवीना के एक लेटेस्ट वीडियो ने सोशल मीडिया पर धूम मचा रखी है। इस वीडियो में रवीना टंडन कोट-पैंट पहनकर धांसू अंदाज में डांस कर रही हैं। रवीना टंडन फिल्म 'अक्स' के सॉन्ग 'ये रात' पर स्टेज पर धूम मचाए हुए हैं।
रवीना ने इस डांस वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर कर लिखा, “कॉन्सर्ट में लाइव परफॉर्म करना मुझे बेहद पसंद है। पूरा माहौल ऊर्जा को बढ़ा देता है और पूरा माहौल इलेक्ट्रिफाइंग बन जाता है। शानदार दर्शकों के आगे परफॉर्म करने से ज्यादा रोमांचक कुछ और नहीं हो सकता है।”
प्रेम सूरज
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से जैसे बॉलीवुड में भूचाल सा आ गया है। एक के बाद एक बॉलीवुड इंडस्ट्री में न्यूकमर और आउसाइडर के साथ भेदभाव की दबी हुई आवाजें उठ रही हैं। कंगना रनौत, रवीना टंडन के बाद अब मशहूर सिंगर सोनू निगम ने एक वीडियो के जरिए अभिनय जगत ही नहीं म्यूजिक इंडस्ट्री में इस तरह के व्यवहार का आरोप लगाया है। सोनू निगम ने टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार पर निशाना साधते हुए अपना एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वहीं सोनू निगम के फैंस उनके समर्थन में लगातार ट्वीट कर रहे हैं।
सोनू निगम ने हाल ही में जो वीडियो शेयर किया है उनमें उन्होंने भूषण कुमार को सतर्क रहने की सलाह देते हुए उनसे पंगा ना लेने की बात कही है। सोनू निगम के सपोर्ट में उतरे फैंस ट्विटर पर फिल्म इंडस्ट्री ंमें चल रहे परिवारवाद, मनमानी और भेदभाव पर जमकर कमेंट कर रहे हैं। इतना ही नहीं सोनू निगम के इस वीडियो के बाद उनके फैंस ने टी-सीरीज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उसे अनसब्सक्राइब करने की अपील कर रहे हैं। ट्विटर पर सोनू निगम के साथ भूषण कुमार और टी-सीरीज भी ट्रेंड कर रहा है।
गौरतलब है कि 14 जून को सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली थी। पिछले 6 महीने से सुशांत डिप्रेशन का इलाज करा रहे थे। सुशांत के डिप्रेशन का कारण बॉलीवुड इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को बताया जा रहा है जिसके बाद से उनके फैंस और बॉलीवुड के कुछ लोग इस मुद्दे पर जमकर अपनी आवाज उठा रहे हैं। कंगना रनौत के बाद सोनू निगम ने नेपोटिज्म के मुद्दे पर अपना वीडियो शेयर कर अपनी आवाज मुखर की है। सुशांत के फैंस उन्हें इंसाफ दिलाने की लगातार मांग कर रहे हैं।
करण जौहर, सलमान खान के बाद अब टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार के खिलाफ ट्विटर पर यूजर्स ने मोर्चा खोल दिया है। अब देखना होगा नेपोटिज्म को लेकर ये लड़ाई कितनी लंबी जाती है, क्या ये हंगामा अब बॉलीवुड इंडस्ट्री को बदलने में कामयाब हो पाएगा या नहीं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपने गांव बुढ़ानाा, उत्तर प्रदेश में समय बिता रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान नवाजुद्दीन बाय रोड अपने घर पहुंचे थे और अब यहां खेतों में गुजर रहा है इनका दिन। नवाजुद्दीन ने अपना एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह अपने खेत में काम करते नजर आ रहे हैं।
नवाज ने अपना यह वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, जिसमें वह खेल में काम कर रहे हैं। इसके बाद वह वहीं खेत में जमा हुए पानी से अपना हाथ और पैर साफ करते दिख रहे हैं। उन्होंने किसानों की तरह ही सिर पर कपड़ा भी बांध रखा है। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है, आज का काम हो गया।
नवाजुद्दीन पिछले दिनों अपनी तलाक की खबरों को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। हाल ही में नवाज़ुद्दीन को उनकी वाइफ आलिया ने तलाक और मेंटेनेंस अमाउंट मांगते हुए लीगल नोटिस भेजा है।
आलिया के वकील अभय सहाय का कहना है, मेरी क्लाइंट आलिया ने 7 मई को एक लीगल नोटिस अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को भेजा है, जिसमें तलाक और मेंटेनेंस की मांग की है। उन्होंने बताया था कि नोटिस में लिखी गई बहुत सी बातें बेहद कॉन्फिडेंशल और सेंसटिव हैं और यह नोटिस 7 मई को ईमेल और व्हाट्सअप के जरिए भेजा गया है। (नवभारत टाईम्स)
टीवी पर यूं तो कई तरह के शोज देखने को मिल जाते हैं लेकिन बात जब छोटे पर्दे पर कॉमेडी शोज की आती है तो कपिल शर्मा के शो का नाम सबसे टॉप पर आता है। कपिल ने इस शो के जरिए न सिर्फ लोगों को हंसाया है बल्कि सभी के दिल में अपने लिए अलग जगह भी बना ली है। यही कारण है कि बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सब उनके फैन हैं। हाल ही में कपिल की एक 82 साल की दादी फैन सामने आई हैं। जिनकी फोटो खुद कपिल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर करके आभार व्यक्त किया है। इस फोटो को शेयर करते हुए कपिल शर्मा को एक यूजर ने बताया है कि क्यों वो उनकी इतनी बड़ी फैन हैं।
दरअसल, हाल ही में कपिल शर्मा को ट्विटर पर टैग करते हुए एक यूजर ने ट्वीट किया इस पोस्ट में उन्होंने अपनी 82 साल की दादी की एक फोटो शेयर की थी। जिसमें वो बिस्तर पर लेटे हुए लैपटॉप में कुछ देख रही हैं। मालूम होता है कि उनकी सेहत पूरी तरह से ठीक नहीं है और इसी कारण वो बिस्तर पर लेटी हैं। उनके लिए लॉपटैप स्टैंड पर लगाकर कुछ वीडियो चलाया गया है। इस फोटो के कैप्शन में कपिल शर्मा के बारे लिखा गया है।
इस शख्स ने अपनी दादी की तस्वीर शेयर कर ट्विटर पर लिखा- मेरी 82 साल की दादी अभी-अभी अस्पताल से वापस आई हैं और सबसे पहले उन्होंने कपिल शर्मा का शो देखने के लिए कहा। इस तरह का आशीर्वाद पैसों से नहीं खरीदा जा सकता है। धन्यवाद सर। इस ट्वीट को देखकर कपिल शर्मा ने तुरंत शेयर किया और जवाब में लिखा- प्लीज अपनी दादी को हाथ जोड़ कर मेरे प्रणाम कहना। भगवान उन्हें अच्छी सेहत और खुशियां दें। आभार। इस ट्वीट के साथ कपिल शर्मा द्वारा शेयर किए गए इमोजी देखकर लगता है कि वो इस तारीफ से फूले नहीं समा रहे हैं।
फिलहाल, मौजूदा हालातों के कारण कपिल शर्मा के शो की शूटिंग बंद है। हालांकि, टीवी शोज की शूटिंग कुछ शर्तों के साथ शुरू करने की इजाजत मिल गई है। जल्द ही कपिल शर्मा शो के शुरू होने की भी उम्मीद है, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कपिल शर्मा अपने शो के नए एपिसोड की शूटिंग 24 जून से शुरू कर सकते हैं।
बॉलीवुड स्टार्स अक्सर सोशल मीडिया के सहारे अपने फैंस से मुखातिब होते रहे हैं। सोशल मीडिया पर आस्क मी एनिथिंग(्ररू्र) सेशन के सहारे कई बार सेलेब्स फैंस के सवालों का जवाब देते हैं और उनसे डायरेक्ट कनेक्ट होते हैं। हाल ही में एक्ट्रेस काजोल ने इंस्टाग्राम पर अपने फैंस के साथ एक ऐसा ही सेशन किया। इस सेशन में काजोल ने फैंस के कई सवालों का जवाब दिए।
काजोल से पूछा गया कि क्या आपको रानी मुखर्जी एक एक्टर के तौर पर पसंद हैं? इस पर जवाब देते हुए काजोल ने कहा कि मुझे लगता है कि वे एक बेहद शानदार एक्ट्रेस हैं। काजोल ने इसके अलावा अपनी फैमिली से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए जिसमें उन्होंने सबसे ज्यादा जवाब बेटी न्यासा को लेकर दिए।
काजोल और रानी मुखर्जी सेकेंड कजिन हैं। काजोल, तनुजा और शोमू मुखर्जी की बेटी हैं वही रानी, राम मुखर्जी और कृष्णा मुखर्जी की बेटी हैं। राम मुखर्जी और शोमू मुखर्जी कजिन हैं। एक्टिंग करियर की बात करें तो काजोल ने साल 1992 में फिल्म बेखुदी के साथ अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी वही रानी ने साल 1997 में फिल्म राजा की आएगी बारात से अपने फिल्मी करियर को शुरू किया था।
रानी मुखर्जी और काजोल ने फिल्म 'कुछ कुछ होता है' में साथ काम किया था। इस फिल्म में शाहरुख खान भी नजर आए थे और करण जौहर द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई की थी। ये फिल्म काजोल और शाहरुख की चौथी फिल्म थी वही करण ने इस फिल्म के साथ अपने डायरेक्शन की शुरुआत की थी और वे इस फिल्म के बाद से ही रातों-रात सुर्खियां पाने में कामयाब रहे थे। (आजतक)
बाला जी फिल्म की निदेशक एकता कपूर द्वारा निर्देशित वेब सीरीज ट्रिपल एक्स सीजन टू पर रोक लगाने की मांग में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। भारतीय सेना के एक जवान के रिश्तेदार अनिरुद्ध सिंह की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वेब सीरीज भारतीय सेना के अफसरों और जवानों की पत्नियों की अशोभनीय छवि प्रस्तुत कर रही है इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।
याची के अधिवक्ता अंकुर वर्मा, अभिनव गौर और धनंजय राय के अनुसार याचिका में कहा गया है कि सब्सक्रिप्शन पर आधारित एएलटी बालाजी द्वारा प्रदर्शित यह वेब सीरीज भारतीय सेना के अधिकारियों की पत्नियों की सामाजिक छवि को धूमिल और सेना की वर्दी को अपमानित कर रही है। यह भी कहा गया है कि वेब सीरीज में सैन्य अधिकारियों के पत्नियों की आपत्तिजनक छवि प्रस्तुत की जा रही है।
इससे सेना के जवानों और अधिकारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं। इसके अलावा यह सीरीज सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाली है। सीरीज में सेना की वर्दी का उपयोग भी अशिष्ट तरीके से किया गया है। याचिका में वेब सीरीज पर प्रतिबंध लगाने और इसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आदेश देने की मांग की गई है। (लाइव हिन्दुस्तान)
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर एक बायोपिक बनाई जा रही है। इस फिल्म को हिंदी, तेलुगू और तमिल भाषाओं में बनाई जाएगी और निर्माताओं ने इसे 2022 में रिलीज करने की योजना बनाई है। कथित तौर पर फिल्म को आम जनता की फंडिंग द्वारा वित्तपोषित किया जाएग और इसके लिए एक आधिकारिक सोशल मीडिया पेज होगा। इस बेनाम परियोजना का निर्देशन निखिल आनंद करेंगे।
इस बारे में आनंद ने कहा, इस तथ्य को स्वीकार करना दर्दनाक है कि सुशांत शारीरिक रूप से हमारे साथ नहीं हैं। वह हर आम आदमी के लिए एक प्रेरणा थे जो बड़ा बनाना चाहते थे। वह न केवल एक उत्कृष्ट कलाकार थे, बल्कि एक बुद्धिमान इंसान होने के साथ-साथ एक महान इंसान भी थे। मुझे उम्मीद है कि वह जहां भी हैं खुश हैं। उस पर मेरी फिल्म उनके लिए एक श्रद्धांजलि होगी और सिनेमाई दुनिया में उन्हें अमर बनाने के लिए यह अब मेरा सपना है। मुझे यह भी उम्मीद है कि यह अधिक लोगों को उद्योग का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करेगा और एक बदलाव लेकर आएगा। मुझे उम्मीद है कि नकारात्मकता कम होगी और बॉलीवुड भाई-भतीजावाद पर प्रतिभा को अधिक तरजीह देगा।
आपको बता दें कि बीते दिन यानी शुक्रवार को सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर फिल्म की घोषणा करके फिल्म निर्माता विजय शेखर गुप्ता ने सबको हैरत में डाल दिया था। उन्होंने एक फिल्म का पोस्टर शेयर किया है जिसका नाम सुसाइड और मर्डर है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद से ही लोग इस फिल्म को लेकर उत्सुक नजर आ रहे हैं। (आईएएनएस)
सुशांत सिंह राजपूत के निधन ने सभी को झकझोर कर रख दिया। उनके निधन के बाद से ही फैंस सोशल मीडिया पर लगातार बॉलीवुड में परिवारवाद के खिलाफ जमकर आवाज उठा रहे हैं। अब सलमान खान ने इस संबंध में एक ट्वीट किया है और फैन्स से गुहार लगाई है कि वो सुशांत सिंह राजपूत के फैन्स के साथ खड़े रहें। सलमान खान का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब पढ़ा जा रहा है। यूजर्स इस पर जमकर रिएक्शन भी दे रहे हैं।
सलमान खान ने अपने ट्वीट में लिखा मैं अपने सभी फैन्स से गुजारिश करता हूं कि वो सुशांत के फैन्स के साथ खड़े रहे और गलत भाषा का इस्तेमाल ना करें। भावनाओं को समझने की कोशिश करें। इस संकट की घड़ी में सुशांत के परिवार का सहारा बने। किसी अपने का चले जाना बहुत दुख देने वाला होता है। सलमान खान ने इस तरह अपने फैन्स से यह गुहार लगाई है।
मुंबई, 21 जून । बॉलीवुड में अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों पर अमिट पहचान बनाने वाले सुशांत सिंह राजपूत फिल्म वंदे मातरम से निर्माता बनने वाले थे।
फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने इंस्टाग्राम पर फिल्म वंदे मातरम का जिक्र करते हुए फिल्म का पोस्टर भी शेयर किया जिसमें सुशांत नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा, आपने मुझे एक वचन दिया है। हम बिहारी भाई एक दिन इस इंडस्ट्री पर शासन करेंगे। आपके और मेरे जैसे सभी युवा सपने देखने वालों के लिए प्रेरणा और सपोर्ट सिस्टम बनेंगे। आपने मुझसे वादा किया था कि मेरी पहली फिल्म का निर्देशक बनना, आपके साथ होगा। राज शांडिल्य इसका लेखन कर रहे थे और हम इसे एक साथ प्रोड्यूस करने वाले थे। मुझे आपके विश्वास की आवश्यकता थीं, जो विश्वास आपने दिखाया था, वह मेरी ताकत थी। अब, आप चले गए...मैं खो गया हूं ..अब बताओ, मैं इस सपने को कैसे पूरा करुं? अब मेरे जैसे का हाथ कौन थामेगा। कौन मुझे एसएसआर की ताकत देगा, मेरे भाई।(वार्ता)
संदीप सिंह ने लिखा, मैं आपसे यह वादा करता हूं... मैं यह फिल्म बनाऊंगा और यह एसएसआर की प्रेममयी स्मृति को श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने लाखों लोगों को प्रेरित किया और उन्हें आशा दी कि कुछ भी संभव है। बस सपना देखें और इसपर विश्वास करें इस फिल्म पर चर्चा हम एक साथ करने का सपना देखते थे... फिल्म वन्दे भारतम । अब मैं सिर्फ आपकी यादों के साथ रह गया हूं और यह पोस्टर जो सच होने लगा था, यह फिल्म मेरे भाई, आपकी आत्मा की अखंड ज्योति का प्रतीक बन गया है।
बेटा-बेटीवाद की जड़ें गहरी
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) कोई नई बात नहीं है, जब से फिल्में बननी शुरू हुई तब से इंडस्ट्री में भी भाई-भतीजावाद ने धीरे-धीरे जड़े जमानी शुरू की और आज इसकी जड़ें गहरी होकर वटवृक्षों का रूप ले लिया है।
छोटे पर्दे से सिल्वर स्क्रीन का सफर छोटे समय में तय करने वाले स्मॉल टाउन एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद बॉलीवुड में ‘नेपॉटिज्म’फिर से सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर उस बहस ने जन्म ले ही लिया जिसकी जड़ता पूरी फिल्म इंडस्ट्री को जकड़ती जा रही है। वह जड़ता है भाई भतीजावाद या फिर कहें तो परिवारवाद।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देश के युवाओं ‘नेपोटिज्म’नाम की मुहिम छेड़ दी है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म युवाओं ने नेपोटिज्म के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। युवाओं का आरोप है कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म का शिकार होने से उभरते सितारे सुशांत ने आत्महत्या की है। युवाओं ने सुशांत की मौत की सीबीआई से जांच की मांग की है।
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से इंडस्ट्री के अंदर और बाहर हर ओर से भाई-भतीजावाद, बाहरी और फिल्म इंडस्ट्री का, फिल्म इंडस्ट्री के बड़े परिवार या किसी गॉडफादर से जुड़ा होने और बिना गॉडफादर के संघर्ष करने वाली लॉबी में बंटे होने जैसे सवाल उठाए जा रहे हैं।
कंगना रनौत, कोएना मित्रा, अभिनव कश्यप ,गीता फोगाट ,पायल रोहतगी ,रवीना टंडन, शेखर कपूर, और साहिल खान समेत कई हस्तियां इंडस्ट्री में भाई-भतीजवाद को लेकर अपनी राय रखी है। फिल्म इंडस्ट्री के ही कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि बॉलीवुड में बाहरी कहकर सुशांत को इग्नोर किया जाता था। यह भी आरोप हैं कि सुशांत को विभिन्न समारोहों, शादियों एवं पार्टियों में नहीं बुलाया जाता था। ‘छिछोरे’ हिट होने के बाद सुशांत सिंह राजपूत ने सात फिल्में साइन की थी, लेकिन छह महीने में उसके हाथ से सारी फिल्में निकल गई।
बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद कोई नई बात नहीं है। बॉलीवुड के पहले शो मैन राज कपूर का परिवार सबसे मजबूत माना जाता है। लगभग चार पीढ़ियों से इस परिवार के लोग बॉलीवुड में हैं। इनकी पूरी फैमिली फिल्मों का ही काम करती है जिसमें फिल्म निर्माण, डायरेक्शन, एक्टिंग और अन्य काम शामिल है। सबसे पहले भाई-भतीजावाद के आरोप राज कपूर पर लगे। उन पर आरोप था कि वे अपने परिवार और खास लोगों को ही फिल्मों में काम देते हैं, राज कपूर ने ज्यादातर फिल्में अपने परिवार के लोगों के साथ ही बनाईं थीं।
कपूर खानदान में पृथ्वी राजकपूर से शुरू होकर यह सिलसिला चौथी पीढ़ी तक चला आया है। इसी तरह महेश भट्ट, फिरोज खान ,राकेश रोशन, बोनी कपूर ,सलमान खान, फरहान अख्तर ,करण जौहर और आदित्य चोपड़ा जैसे लोगों के खानदान की दो-तीन पीढ़ियों से लोग इंडस्ट्री में काम करते आ रहे हैं। इन खानदानों के लोग वर्षों से एक दूसरे से अच्छे ताल्लुक रहने पर एक दूसरे को काम देने दिलाने में मदद करते रहते हैं।
बॉलीवुड में ही नहीं किसी भी फील्ड में भाई-भतीजावाद अघोषित रूप से चलता है। इन एक्टर्स के पापा, दादा यदि फिल्मों से ताल्लुक रखते रहे हों तो इन्हें अपनी लाइन क्लियर दिखती है। इनके लिए रास्ता आसान हो जाता है। किसी भी फील्ड में जुगाड़ की गाड़ी चलाने के लिए ज्यादातार लोग एक 'गॉडफादर' का होना जरूरी समझते हैं।
सुशांत की आत्महत्या के बाद जिन लोगों पर परिवारवाद का आरोप लग रहा है वो बड़े नाम हैं। करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियादवाला, संजय लीला भंसाली, दिनेश विजयन, टी सीरीज के भूषण कुमार, एकता कपूर और सलमान खान पर सुपरस्टार सुशांत को प्रताड़ित करने के आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि सुशांत ने यह आत्महत्या इन्हीं लोगों से तंग आकर की। यह भी कहा जा रहा है बड़े बैनर ने सुशांत को अपनी फिल्मों में लेने से मना कर दिया और देखते-देखते सात फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया, क्योंकि इन प्रोडक्शन हाउस की टीम ने मिल कर एक टैलेंटेड युवा सुशांत का बहिष्कार किया। छिछोरे जैसी सुपरहिट फिल्म के बाद भी उनके पास कोई फिल्म नहीं थी जिस सच को सुशांत अपना नहीं पा रहे थे।
सुशांत की आत्महत्या की खबर जब से सामने आई है, तब से उनके प्रशंसकों में आक्रोश भरा हुआ है। सुशांत के लिए न्याय की मांग ने एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। मामले में सबसे अधिक करण जौहर और सलमान खान लोगों के निशाने पर हैं। ज्यादातर यूजर्स बॉलीवुड में मौजूद भाई-भतीजावाद के लिए करण जौहर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। करण ने इस मामले पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है हालांकि उन्होंने अपने ट्विटर से स्टार किड्स और बाकी स्टार को अनफॉलो कर दिया हैं। उन्होंने ट्विटर पर हजारों लोगों को अनफॉलो कर लिया है।
वर्ष 1913 में फिल्म राजा हरिश्चंद्र के साथ जब भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की शुरुआत हुयी तब यह कलात्मक शुरुआत थी। करीब पांच दशक तक इसका कलात्मक पक्ष इसके व्यावसायिक पक्ष पर हावी रहा। फिल्मकारों ने जो फिल्में बनायी उनमें चमक-दमक से ज्यादा यथार्थ को पेश किया। सत्तर के दशक तक फिल्मों का कथानक वर्तमान के जीवन से जुड़ा हुआ होता था। कहीं मध्यम वर्ग की समस्याएं, कहीं निम्नवर्ग की परेशानियां तो कहीं उच्च वर्ग के द्वारा शोषण के खिलाफ खड़े मजदूर दिखाई पड़ते थे। पहले के समय में जितने भी सुपरस्टार बनें सभी छोटे जगह और गांव से आकर एक मुकाम हासिल किया। लेकिन अब तकनीक और समय के साथ इंडस्ट्री भी बदल चुकी है।
अस्सी के दशक के बाद फिल्मों का कथानक बदलने लगे। फिल्में अब यथार्थ से ज्यादा कल्पना लोक की कहानियों पर बनने लगी। नाच, गाना, आइटम सांग, देश-विदेश के खूबसूरत लोकेशन फिल्मों में मुख्य हो गये। इसी दौर में पंजाबी कलाकारों, परिवारों, निर्माता एवं निर्देशकों का प्रभुत्व भी बढ़ा। जौहर परिवार, कपूर परिवार, चोपड़ा परिवार और खान परिवार का दबदबा बढ़ा।
सुशांत की आत्महत्या के बाद जिन लोगों पर परिवारवाद का आरोप लग रहा है वो बड़े नाम हैं। करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियादवाला, संजय लीला भंसाली, दिनेश विजयन, टी सीरीज के भूषण कुमार, एकता कपूर और सलमान खान पर सुपरस्टार सुशांत को प्रताड़ित करने के आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि सुशांत ने यह आत्महत्या इन्हीं लोगों से तंग आकर की। यह भी कहा जा रहा है बड़े बैनर ने सुशांत को अपनी फिल्मों में लेने से मना कर दिया और देखते-देखते सात फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया, क्योंकि इन प्रोडक्शन हाउस की टीम ने मिल कर एक टैलेंटेड युवा सुशांत का बहिष्कार किया। छिछोरे जैसी सुपरहिट फिल्म के बाद भी उनके पास कोई फिल्म नहीं थी जिस सच को सुशांत अपना नहीं पा रहे थे।
सुशांत की आत्महत्या की खबर जब से सामने आई है, तब से उनके प्रशंसकों में आक्रोश भरा हुआ है। सुशांत के लिए न्याय की मांग ने एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। मामले में सबसे अधिक करण जौहर और सलमान खान लोगों के निशाने पर हैं। ज्यादातर यूजर्स बॉलीवुड में मौजूद भाई-भतीजावाद के लिए करण जौहर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। करण ने इस मामले पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है हालांकि उन्होंने अपने ट्विटर से स्टार किड्स और बाकी स्टार को अनफॉलो कर दिया हैं। उन्होंने ट्विटर पर हजारों लोगों को अनफॉलो कर लिया है।
वर्ष 1913 में फिल्म राजा हरिश्चंद्र के साथ जब भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की शुरुआत हुयी तब यह कलात्मक शुरुआत थी। करीब पांच दशक तक इसका कलात्मक पक्ष इसके व्यावसायिक पक्ष पर हावी रहा। फिल्मकारों ने जो फिल्में बनायी उनमें चमक-दमक से ज्यादा यथार्थ को पेश किया। सत्तर के दशक तक फिल्मों का कथानक वर्तमान के जीवन से जुड़ा हुआ होता था। कहीं मध्यम वर्ग की समस्याएं, कहीं निम्नवर्ग की परेशानियां तो कहीं उच्च वर्ग के द्वारा शोषण के खिलाफ खड़े मजदूर दिखाई पड़ते थे। पहले के समय में जितने भी सुपरस्टार बनें सभी छोटे जगह और गांव से आकर एक मुकाम हासिल किया। लेकिन अब तकनीक और समय के साथ इंडस्ट्री भी बदल चुकी है।
अस्सी के दशक के बाद फिल्मों का कथानक बदलने लगे। फिल्में अब यथार्थ से ज्यादा कल्पना लोक की कहानियों पर बनने लगी। नाच, गाना, आइटम सांग, देश-विदेश के खूबसूरत लोकेशन फिल्मों में मुख्य हो गये। इसी दौर में पंजाबी कलाकारों, परिवारों, निर्माता एवं निर्देशकों का प्रभुत्व भी बढ़ा। जौहर परिवार, कपूर परिवार, चोपड़ा परिवार और खान परिवार का दबदबा बढ़ा।
सुशांत की आत्महत्या के बाद जिन लोगों पर परिवारवाद का आरोप लग रहा है वो बड़े नाम हैं। करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियादवाला, संजय लीला भंसाली, दिनेश विजयन, टी सीरीज के भूषण कुमार, एकता कपूर और सलमान खान पर सुपरस्टार सुशांत को प्रताड़ित करने के आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि सुशांत ने यह आत्महत्या इन्हीं लोगों से तंग आकर की। यह भी कहा जा रहा है बड़े बैनर ने सुशांत को अपनी फिल्मों में लेने से मना कर दिया और देखते-देखते सात फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया, क्योंकि इन प्रोडक्शन हाउस की टीम ने मिल कर एक टैलेंटेड युवा सुशांत का बहिष्कार किया। छिछोरे जैसी सुपरहिट फिल्म के बाद भी उनके पास कोई फिल्म नहीं थी जिस सच को सुशांत अपना नहीं पा रहे थे।
सुशांत की आत्महत्या की खबर जब से सामने आई है, तब से उनके प्रशंसकों में आक्रोश भरा हुआ है। सुशांत के लिए न्याय की मांग ने एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। मामले में सबसे अधिक करण जौहर और सलमान खान लोगों के निशाने पर हैं। ज्यादातर यूजर्स बॉलीवुड में मौजूद भाई-भतीजावाद के लिए करण जौहर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। करण ने इस मामले पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है हालांकि उन्होंने अपने ट्विटर से स्टार किड्स और बाकी स्टार को अनफॉलो कर दिया हैं। उन्होंने ट्विटर पर हजारों लोगों को अनफॉलो कर लिया है।
वर्ष 1913 में फिल्म राजा हरिश्चंद्र के साथ जब भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की शुरुआत हुयी तब यह कलात्मक शुरुआत थी। करीब पांच दशक तक इसका कलात्मक पक्ष इसके व्यावसायिक पक्ष पर हावी रहा। फिल्मकारों ने जो फिल्में बनायी उनमें चमक-दमक से ज्यादा यथार्थ को पेश किया। सत्तर के दशक तक फिल्मों का कथानक वर्तमान के जीवन से जुड़ा हुआ होता था। कहीं मध्यम वर्ग की समस्याएं, कहीं निम्नवर्ग की परेशानियां तो कहीं उच्च वर्ग के द्वारा शोषण के खिलाफ खड़े मजदूर दिखाई पड़ते थे। पहले के समय में जितने भी सुपरस्टार बनें सभी छोटे जगह और गांव से आकर एक मुकाम हासिल किया। लेकिन अब तकनीक और समय के साथ इंडस्ट्री भी बदल चुकी है।
अस्सी के दशक के बाद फिल्मों का कथानक बदलने लगे। फिल्में अब यथार्थ से ज्यादा कल्पना लोक की कहानियों पर बनने लगी। नाच, गाना, आइटम सांग, देश-विदेश के खूबसूरत लोकेशन फिल्मों में मुख्य हो गये। इसी दौर में पंजाबी कलाकारों, परिवारों, निर्माता एवं निर्देशकों का प्रभुत्व भी बढ़ा। जौहर परिवार, कपूर परिवार, चोपड़ा परिवार और खान परिवार का दबदबा बढ़ा।
फिल्म इंडस्ट्रीं में अक्सर देखने को मिलता है कि फिल्मकार किसी बेहतरीन अभिनेता के पुत्र या पुत्री को लॉन्च करते रहते हैं, भले ही उन्हें अभिनय के बारे में जानकारी हो ना हो, उनका चेहरा भाव विहीन हो, फिल्मकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता इससे उसे बस उस अभिनेता की लोकप्रियता को भुनाना है और पैसा कमाना है। मौजूदा समय में फिल्मों मे जो नये चेहरे नजर आ रहे हैं उनमें से अधिकांश फिल्म जगत से जु़ड़े परिवारों से ही हैं।
श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी कपूर हो या फिर डेविड धवन के पुत्र वरुण धवन, सैफ अली खान-अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान हो या फिर जैकी श्राफ के बेटे टाइगर श्राफ ,अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन कपूर हो या फिर चंकी पांडे की बेटी अन्न्या पांडे। शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा कपूर हो या फिर सन्नी देओल के पुत्र करण देओल।
हाल के वर्षो में करण जौहर, सलमान खान, यशराज फिल्मस, संजय लीला भंसाली ने कई स्टार किड को लॉन्च किया है। भंसाली ने जहां अपनी फिल्म सांवरिया से दो स्टार किड रणबीर कपूर और सोनम कपूर को लॉन्च किया वहीं, सलमान खान ने अपने जीजा आयुष शर्मा, महेश मांजरेकर की पुत्री साई मांजेरकर, मोहनीश बहल की पुत्री प्रनूतन बहल ,आदित्य पंचालेी के पुत्र सूरज पंचोली ,सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी जैसे कई स्टार को लॉन्च किया। यशराज फिल्म ने बोनी कपूर के पुत्र अर्जुन कपूर, प्रियंका चोपड़ा की चचेरी बहन परिणीति चोपड़ा, अनिल कपूर के रिश्तेदार रणवीर सिंह जैसे कलाकारों को लॉन्च किया।
करण जौहर ने आलिया भट्ट, वरुण धवन, अनन्या पांडे, ईशान खट्टर, जाह्नवी कपूर जैसे एक्टर को लॉन्च किया। फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ कुछ परिवारों का उद्योग बनता जा रहा है। ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत जैसे अभिनेताओं को यदि एक साथ कई फिल्मों से साइन करने के बाद भी निकाल दिया जाता है तो उनमें निराशा आना स्वाभाविक है। (वार्ता)
- प्रेम सतीश
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस भी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और उनके करीबी लोगों के बयान दर्ज कर रही है। पुलिस ने उनकी दोस्त रिया चक्रवर्ती का बयान भी दर्ज किया है और अब पुलिस ने उनके मनोचिकित्सक डॉक्टर केरसी चावला का भी बयान दर्ज किया है। डॉक्टर ने कई अहम जानकारियां पुलिस को दी हैं।
डॉक्टर केरसी चावला ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत लगभग 6 महीने पहले मुझसे मिले थे। वो करीब 1 साल से डिप्रेशन से जूझ रहे थे। उन्होंने मुझे बताया था कि रात भर उन्हें नींद नहीं आती है और मन में अजीब से ख्याल आते हैं। वो रिया चक्रवर्ती के बर्ताव से खुश नहीं थे परेशान थे। सुशांत अंकित लोखंडे को बहुत मिस करते थे। उन्हें ये महसूस होता था कि उन्होंने उनसे ब्रेकअप कर बड़ी गलती की है। वो उन्हें कभी भूल ही नहीं पाए। वो एक ही चीज के कई तरीकों से सोचते थे। वो अपने रिलेशनशिप को लेकर खुश नहीं थे। (एनडीटीवी)
सुशांत सिंह राजपूत की यादों से उनके चाहने वाले इंस्टाग्राम पर जुड़े रह सकेंगे क्योंकि इस प्लेटफॉर्म ने उनके खाते को यादगार श्रेणी में डाल कर उसके साथ दी गई जानकारी में रिमेम्बरिंग लिखा गया है। काई पो चे, एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी, छिछोरे जैसी फिल्मों के अभिनेता राजपूत (34) रविवार को बांद्र स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। इस घटना की जानकारी मिलते ही फिल्म उद्योग एवं उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके असामयिक निधन के कुछ दिन बाद ही इंस्टाग्राम ने उनके खाते पर दी गई जानकारी में रिमेम्बरिंग जोड़ उसे यादगार श्रेणी में डाल दिया। यादगार श्रेणी का आशय किसी के जाने के बाद उसकी यादों को इस खाते में संजो कर रखना है।
फोटो-वीडियो साझा करने संबंधी इस वेबसाइट के मुताबिक यादगार खाते में कोई भी लॉगइन नहीं कर सकता। मृत्यु से पूर्व खाते के संचालक ने जो वीडियो, तस्वीरें यहां पोस्ट की होंगी वो उन यूजर्स को नजर आएंगी जिनके साथ इन्हें साझा किया गया होगा। इसके साथ ही अकाउंट के यादगार होने के बाद कोई भी मौजूदा पोस्ट या जानकारी में किसी तरह का बदलाव नहीं पाएगा। अभिनेता ने इस मंच से आखिरी बार तीन जून को अपनी दिवंगत मां को श्रद्धांजलि देते हुए एक पोस्ट डाली थी।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच कर रही मुंबई पुलिस इस मामले में अब तक 13 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है जिनमें अभिनेता के परिवार के सदस्य, रिया चक्रवर्ती और कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा जैसे करीबी मित्र शामिल हैं। पुलिस ने यशराज फिल्म्स से भी उस अनुबंध का विवरण जानने के लिये उसे एक पत्र भेजा है जो उसने अभिनेता के साथ किया था। (भाषा)
मुंबई, 20 जून। बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन अपनी आने वाली फिल्म 'भुज द प्राइड ऑफ इंडियाÓ के लिए एक्शन डायरेक्टर बन गए हैं।
अभिषेक दुधाइया के निर्देशन में बन रही फिल्म 'भुज द प्राइड ऑफ इंडियाÓ में अजय इंडियन एयरफोर्स के स्क्वॉड्रन लीडर विजय कार्णिक के किरदार में नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि अजय देवगन ने न केवल इस फिल्म में एक्टिंग की है, बल्कि उन्होंने इसमें एक्शन डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है। अजय ने फिल्म के दो जरूरी एक्शन सीन्स को कोरियोग्राफ किया है।
बताया जा रहा है कि लॉकडाउन से पहले टीम को संजय दत्त और अजय देवगन पर दो जरूरी एक्शन सीन फिल्माने थे। इन सीन्स के लिए पवई स्टूडियो बुक किए जा चुके थे, लेकिन साउथ के एक्शन डायरेक्टर पीटर हेन नहीं आ पाए थे। तो फिल्म के निर्माताओं ने अजय से इन एक्शन सीन को कोरियोग्राफ करने का अनुरोध किया।
अजय ने वास्तव में फाइट सीच्ेंस कोरियोग्राफ किए हैं। अभी फिल्म की एक हफ्ते की शूटिंग बची है, जिसमें से दो दिन की शूटिंग अजय देवगन के साथ होनी है। फिल्म में अजय देवगन के साथ संजय दत्त और सोनाक्षी सिन्हा की अहम भूमिकायें है। (वार्ता)
मलयालम फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर-राइट केआर सच्चिदानंदन उर्फ सैची का त्रिशूर में 48 साल की उम्र में निधन हो गया। सैची को मंगलवार को कार्डिएक अरेस्ट हुआ था और गुरुवार को उनका निधन हो गया। साची का इलाज त्रिशूर के ही जुबिली मिशन हॉस्पिटल में चल रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्डिएक अरेस्ट के बाद सैची के दिमाग में खून की सप्लाई बंद हो गई थी।
डायरेक्टर के तौर पर सैची ने साल 2015 में अपनी पहली मलयालम फिल्म अनारकली बनाई थी। उनकी पिछली फिल्म अय्यप्पम कोशियम थी जिसमें पृथ्वीराज और बिजू मेनन मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म सुपरहिट थी। इस फिल्म को तमिल, तेलुगू और हिंदी में रीमेक भी किया गया।
सैची के निधन पर साउथ के कई स्टार्स ने दुख जताया है। ऐक्टर दुलकर सलमान ने सोशल मीडिया पर सैची के निधन पर शोक जताते हुए उनके काम की तारीफ की और अपनी एक मुलाकात के बारे में बताया है। सैची को मलयालम फिल्मों का एक बेहतरीन डायरेक्टर माना जाता था। (नवभारत टाईम्स)
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड करने के बाद से बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। कभी कोई एक्टर, तो कभी कोई डायरेक्टर खुलकर अपनी बातें सोशल मीडिया पर रख रहे हैं। अब बॉलीवुड डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने सुशांत सिंह राजपूत को लेकर एक बड़ा खुलासा किया और बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड पर एक आरोप भी लगाया है।
ट्विटर पर विवेक अग्निहोत्री से एक यूजर ने सुशांत को लेकर एक सवाल किया कि जब वह जिंदा था तब कुछ मूवीज ऑफर कर सकते थे आप। इसी सवाल का जवाब देते हुए विवेक ने बताया है कि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत को उनके करियर की पहली फिल्म हेट स्टोरी के लिए साइन किया था, लेकिन बालाजी ने उन्हें रिलीज नहीं किया था। उस वक्त सुशांत बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड के लिए टीवी सीरियल में काम कर रहे थे।
अब विवेक अग्निहोत्री का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बता दें, अपने चैट शो द फ्यूचर ऑफ लाइफ और सक्सेस प्लस के लिए तारीफ प्राप्त करने के बाद, विवेक अग्निहोत्री लॉकडाउन अवधि में अब एक नया तथ्य-आधारित शो शुरू करने के लिए कमर कस रहे हैं। शो का उद्देश्य लोगों को सोशल मीडिया, समाचार चैनलों पर उपलब्ध जानकारी का जीवन में बढऩे और सीखने के लिए रचनात्मक रूप से उपयोग करने में मदद करना है। विवेक अग्निहोत्री कहते हैं, यह जरूरी है कि हमारे पास फैक्टर आधारित शो हो जो कोई भ्रामक या फर्जी खबर न दे।
बॉलीवुड के दिग्गज प्लेबैक सिंगर सोनू निगम ने अपने नए व्लॉग में कई सनसनीखेज बातें बताई हैं जिसके बात हर तरफ इसको लेकर चर्चा हो रही है। सोनू निगम में अपने व्लॉग में साफ कहा कि आज आप सुशांत सिंह राजपूत का नाम सुन रहे हैं लेकिन कल को हो सकता है कि कोई म्यूजिशियन या म्यूजिक कंपोजर अपनी जान दे दे।
सोनू ने साफ बताया कि म्यूजिक में बहुत बड़े माफिया बैठे हुए हैं और गिनी चुनी दो बड़ी कंपनियां हैं जो ये तय करती हैं कि ये सिंगर गाएगा और ये नहीं गाएगा। खुलासों के क्रम में सोनू ने बिना सलमान खान का नाम लिए उनके बारे में भी बहुत कुछ कहा। सोनू ने कहा, मेरे साथ में ऐसा हो सकता है कि मेरे गाने जो मैं गा रहा हूं और कोई बोले कि वही एक्टर जिसके ऊपर आजकल बहुत उंगलियां उठ रही हैं। वो एक्टर बोल रहा है कि इसको मत गवाओ।
सोनू निगम ने साफ कहा कि उसने ये अरिजीत सिंह के साथ भी कर रखा है। सोनू ने पूछा, ये क्या है? आप अपनी पावर का इस तरह से इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? मेरे कितने गाने मैंने गा रखे हैं जो डब हो चुके हैं। ये बहुत शर्मिंदगी पैदा करता है। मैं किसी से काम नहीं मांगता। पर वो मुझे बुला कर मुझसे गाना गवा कर फिर उसे डब कर देते हैं।
सोनू निगम और सलमान खान के झगड़े का किस्सा पूरे बॉलीवुड में मशहूर है। सलमान खान की नाराजगी के बाद से अरिजीत को उनकी किसी भी फिल्म में गाने का मौका नहीं मिला है। कई बार तो ऐसी बातें भी सामने आई हैं जब अरिजीत को सलमान की फिल्म में गाने का मौका मिला लेकिन फिर सलमान ने खुद ही उनका नाम हटवा कर किसी दूसरे सिंगर को अपनी फिल्म में गाने का मौका दे दिया। (आजतक)