राष्ट्रीय
लखनऊ, 11 जनवरी अयोध्या में श्री राम के दर्शन-पूजन के इच्छुक श्रद्धालुओं/पर्यटकों को अहमदाबाद-अयोध्या के बीच सीधी हवाई सेवा का विकल्प प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में अहमदाबाद - अयोध्या के लिए इंडिगो एयरलाइंस की सीधी हवाई सेवा को हरी झंडी दिखाई।
अयोध्या-अहमदाबाद के बीच नई हवाई सेवा आरंभ होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उड़ान सेवा से भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या, हवाई सेवा द्वारा, सीधे अहमदाबाद से जुड़ गयी है।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, दिल्ली के बाद अयोध्या से जुड़ने वाला अहमदाबाद दूसरा प्रमुख शहर है। आगामी 15 जनवरी से मुम्बई के लिए उड़ान सेवा आरम्भ हो जाने के पश्चात मुम्बई तीसरा स्थल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, 16 जनवरी, 2024 से दिल्ली के लिए एक और उड़ान आरम्भ हो रही है।
मुख्यमंत्री ने बेहतर हवाई सेवाओं को पर्यटन और व्यापार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाला बताया।
प्रदेश में बेहतर होती हवाई सेवाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश में हवाई यात्रियों की संख्या 59.97 लाख थी, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 96.02 लाख हो गयी। विगत तीन वर्षों में प्रदेश में हवाई यात्रियों की संख्या में 29.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में पांच वर्ष पहले तक एक छोटी सी हवाई पट्टी थी लेकिन आज वहां महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडा संचालित हो रहा है। आज हर व्यक्ति अयोध्या आने का इच्छुक है। इसलिए प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप सरकार ने सड़क, रेल और वायु मार्ग की बेहतर कनेक्टिविटी दी है।
कार्यक्रम में, इंडिगो एयरलाइंस के स्पेशल डायरेक्टर आरके सिंह ने देश के सिविल एविएशन सेक्टर में इंडिगो एयरलाइंस की मजबूत उपस्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में इंडिगो हर दिन उत्तर प्रदेश के सात हवाईअड्डों से 165 उड़ानें भर रहा है। आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी सुनिश्चित है।
अयोध्या-अहमदाबाद के बीच शुरू नई फ्लाइट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दोनों ओर से फ्लाइट सप्ताह में तीन दिन उपलब्ध होगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और फ्लाइट संख्या 6ई112 की अयोध्या से पहली उड़ान के पहले यात्री को बोर्डिंग पास भी प्रदान किया गया।
वर्चुअल माध्यम से हुए इस कार्यक्रम में सांसद लल्लू सिंह और सांसद किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी और इंडिगो के प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही। (भाषा)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है. केंद्र ने कहा एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा नहीं दिया जाए क्योंकि इसका "राष्ट्रीय चरित्र" है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे का विवाद लगभग 57 साल पुराना है और इस पर विभिन्न अदालतों द्वारा कई बार फैसला सुनाया गया है. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सुनवाई जारी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि विश्वविद्यालय के "राष्ट्रीय चरित्र" को देखते हुए इसे किसी खास धर्म का संस्थान नहीं कहा जा सकता.
एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे का मुद्दा कई दशकों से कानूनी विवाद में फंसा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने 12 फरवरी, 2019 को इस मुद्दे को सात जजों की संविधान पीठ को भेज दिया था.
साल 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि एएमयू की स्थापना जरूर अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा की गई थी, लेकिन इसे कभी भी प्रशासित नहीं किया गया या समुदाय द्वारा प्रशासित होने का दावा नहीं किया गया था. इस वजह से इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता. मौजूदा बेंच 2019 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा सात जजों की संविधान बेंच को भेजे विवादास्पद मामले पर सुनवाई कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दलील
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद शर्मा की संविधान पीठ इसी फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
संविधान पीठ के सामने केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लिखित दलील की कि अपने राष्ट्रीय चरित्र को देखते हुए, एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हो सकता.
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा, "विश्वविद्यालय हमेशा राष्ट्रीय महत्व का संस्थान रहा है, यहां तक कि स्वतंत्रता-पूर्व युग में भी." उन्होंने कहा, "संविधान के तहत घोषित कोई भी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय महत्व का होता है, इस परिभाषा के मुताबिक एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हो सकता."
एएमयू की ओर से वकील राजीव धवन ने केंद्र की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सरकार विश्वविद्यालय के इतिहास को नजरअंदाज करना चाहती है. उन्होंने कहा कि यह संस्थान पहले मोहम्डन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज था, जिसे बाद में बदलकर एएमएयू किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि एएमयू को बनाने के लिए मुस्लिम समुदाय ने काफी प्रयास किया.
किसी शैक्षणिक संस्थान का 'अल्पसंख्यक चरित्र' क्या है?
संविधान का अनुच्छेद 30 सभी धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और प्रशासित करने का अधिकार देता है. यह प्रावधान यह गारंटी देकर अल्पसंख्यक समुदायों के विकास को बढ़ावा देने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है कि यह उनके 'अल्पसंख्यक' संस्थान होने के आधार पर सहायता देने में भेदभाव नहीं करेगा.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी अनुच्छेद 30 का जिक्र किया और कहा कि अनुच्छेद 30 को प्रभावी बनाने के लिए किसी अल्पसंख्यक समूह को इस तरह के दर्जे का दावा करने के लिए स्वतंत्र प्रशासन की जरूरत नहीं है.
एमएमयू के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे का विवाद काफी पुराना है. 1961 में अजीज बाशा नाम के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि इसे अल्पसंख्यक संस्थान ना माना जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया और एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से मना कर दिया लेकिन बाद में 1981 में केंद्र सरकार ने फिर से कानून में संशोधन किए और विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल कर दिया.
कैसे हुई थी एएमयू की स्थापना
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में हुई थी. सत्रहवीं शताब्दी के समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा की जरूरत को महसूस करते हुए साल 1875 में एक स्कूल शुरू किया जो बाद में मोहम्डन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज बना.
एक दिसंबर 1920 को यही कॉलेज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गया. उसी साल 17 दिसंबर को एएमयू का औपचारिक रुप से एक यूनिवर्सिटी के रुप में उद्घाटन किया गया था. भारत में तमाम राज्यों के अलावा अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, सार्क और कई अन्य देशों के भी छात्र यहां पढ़ने आते हैं.
सर सैयद ने मुसलमानों के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने और उन्हें सरकारी सेवाओं के लिए तैयार करने में मदद करने के लिए इसकी स्थापना की थी. एमओए ने न केवल पश्चिमी शिक्षा प्रदान की बल्कि इस्लामी धर्मशास्त्र पर भी जोर दिया. सर सैयद ने महिला शिक्षा की भी वकालत की थी. (dw.com)
भारतीय रेलवे ने 90 फीसद से ज्यादा ब्रॉड गेज रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन कर लिया है. 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए रेलवे, इलेक्ट्रिफिकेशन के अलावा भी कई तरह की कोशिशें कर रही है.
डॉयचे वैले पर मनीष चंद्र मिश्रा की रिपोर्ट-
साल 2024 की शुरुआत में भारतीय रेलवे ने ट्रैक के इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर एक आंकड़ा जारी किया. अब भारतीय रेल नेटवर्क के करीब 94 फीसदी, यानी 61,000 से ज्यादा किलोमीटर बड़ी लाइन पर ट्रेनें बिजली से चल सकेंगी. हालांकि, रेलवे ने 2023 के आखिर तक 100 फीसद इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य रखा था.
रेलवे के पास 65,556 किलोमीटर का ब्रॉड गेज, या बड़ी लाइन रूट है. पिछले साल भारतीय रेल ने लगभग छह हजार किलोमीटर ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया है. रेलवे की यह कामयाबी पर्यावरण के अनुकूल है और इससे रेलवे के खर्च में भी कमी आएगी.
भारतीय रेलवे साल 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना चाहता है. रेलवे की एक रिपोर्ट 'बिजनेस एज यूजुअल' मोड के मुताबिक, 2029-30 तक कार्बन उत्सर्जन लगभग छह करोड़ टन रहने का अनुमान है. इसे कम करने के लिए रेलवे ऑपरेशन में कई सुधार किए गए हैं.
नेट जीरो का लक्ष्य पाने के लिए रेलवे की कोशिश सिर्फ ट्रैक के इलेक्ट्रिफिकेशन तक सीमित नहीं है. इसके लिए रेलवे ने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के साथ समझौते किए हैं. पिछले साल रेलवे ने जर्मनी की इंजीनियरिंग कंपनी सीमेंस को 1,200 इलेक्ट्रिक ट्रेन इंजन बनाने के लिए तीन अरब यूरो का ठेका दिया था.
उत्सर्जन घटाने में कितनी कामयाबी मिली
ट्रैक पर ट्रेन दौड़ाने के अलावा भारतीय रेल के दूसरे कामों, जैसे रेलवे स्टेशन का कामकाज, रेल फैक्ट्री और वर्कशॉप में भी ऊर्जा की खपत होती है. बीते कई साल से इन चीजों में भी कार्बन उत्सर्जन घटाने की कोशिश हो रही है. इन कोशिशों को रफ्तार देने के लिए पहली बार साल 2016 में रेलवे ने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के साथ एक समझौता किया था.
रेलवे ने 2016 के बाद फैक्ट्री और वर्कशॉप में 210 लाख किलोवॉट घंटा ऊर्जा बचाई. इससे न सिर्फ 16 करोड़ रुपये की बचत हुई, बल्कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी लगभग 18,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी आई. इस दौरान लगभग 40 स्टेशनों ने हरित प्रमाणपत्र हासिल किया है और सालाना दो करोड़ किलोवॉट घंटा से ज्यादा ऊर्जा और तीन अरब लीटर पानी की बचत की गई.
पानी की बचत के लिए रेलवे ने ट्रेन में दिए जाने वाले चादर-तौलियों की धुलाई, ट्रेन की सफाई जैसे कामों में नई तकनीक का इस्तेमाल किया है. रेलवे के पास मौजूद प्राशासनिक भवनों, अस्पतालों, स्कूलों और कॉलोनियों समेत 40 इमारतों को ग्रीन सर्टिफिकेशन मिला है.
ग्रीन रेलवे बनाने का लक्ष्य
रेलवे ने इन कोशिशों में तेजी लाने के लिए तीसरी बार तीन साल के लिए एमओयू साइन किया है. रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जया वर्मा सिन्हा इस एमओयू को लेकर कहती हैं कि भारतीय रेल की 'योजना, डिजाइन, विकास और संचालन' में ग्रीन शब्द को मौलिक रूप से शामिल किया गया है.
सीआईआई की उप महानिदेशक सीमा अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि इस करार के तहत रेलवे में अत्याधुनिक समाधानों को लागू करने की कोशिश होगी, जिससे पर्यावरण की दृष्टि से अधिक जिम्मेदार रेलवे नेटवर्क बनाया जा सके.
भारतीय रेल, यूएसएआईडी की मदद से डीजल, कोयला जैसे आयातित ईंधनों पर निर्भरता कम करने की भी कोशिश करेगी. नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों को लगाने से देश में अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी के प्रोत्साहन में मदद मिलेगी. इससे स्थानीय ईकोसिस्टम के विकास में मदद मिलेगी और स्थानीय उत्पाद विकास को बढ़ावा मिलेगा. इस समझौते के तहत सेवाओं के लिए यूएसएआईडी, एसएआरईपी पहल के तहत तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.
बिजली बनाने से लेकर बचाने तक की कोशिशें
2019-20 में बिजली की मांग 2,100 करोड़ यूनिट थी. 100 प्रतिशत ट्रैक पर इलेक्ट्रिफिकेशन होने से 2029-30 तक बिजली की मांग बढ़कर सात करोड़ यूनिट से ज्यादा हो जाएगी. इसे हासिल करने के लिए रेलवे, बिजली उत्पादन के साथ बिजली बचाने की भी कोशिश कर रहा है. रेलवे स्टेशनों और भवनों की छतों पर सौर पैनल लगाए गए हैं. बीते कुछ वर्षों में रेलवे ने ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन को अपनाया है और ग्रीन रेलवे स्टेशन रेटिंग प्रणाली शुरू की है. सभी लाइटों को एलईडी लाइटों से बदला गया है और ज्यादा ऊर्जा खपत वाले दूसरे उपकरणों को भी बदला गया है.
2029-30 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापना की अपेक्षित आवश्यकता लगभग 30 गीगावॉट होगी. भारतीय रेलवे ने अगस्त 2022 तक 142 मेगावॉट सौर क्षमता और 103.4 मेगावाट पवन ऊर्जा स्थापित की है. भारतीय रेल देश भर में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) स्थापित कर रही है. इस परियोजना के पहले चरण में 30 साल की अवधि के दौरान उत्सर्जन में लगभग 45.7 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी आने का अनुमान है. (dw.com)
बिजनौर 11 जनवरी । उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक तेज रफ्तार कार ने बाइक को टक्कर मारी दी। हादसे में बाइक सवार 21 वर्षीय एक युवक और उसके 22 वर्षीय साथी की मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, बुधवार रात करीब 8 बजे कोतवाली शहर पुलिस स्टेशन में दुर्घटना की सूचना मिली, इसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर अधिकारियों को एक बाइक मिली, जिसे पीछे से एक कार ने टक्कर मार दी थी। हादसे के वक्त बाइक पर दो लोग सवार थे। टक्कर से एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पुलिस उपाधीक्षक संग्राम सिंह ने कहा, "घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां आरिफ (21) और उसके साथी दीपक (22) को मृत घोषित कर दिया गया। सर्किल ऑफिसर ने कहा, एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने क्षतिग्रस्त बाइक और कार को कब्जे मे लिया है।कार चालक घटना के बाद से फरार है। घटना की जांच जारी है। (आईएएनएस)।
धरती पर विचरने वाले सबसे बड़े बंदरों का खात्मा एक गलती के कारण हुआ था. बुधवार को प्रकाशित एक शोध पत्र में वैज्ञानिकों ने कहा है कि 10 फुट लंबे इन बंदरों के विलुप्त होने की वजह पता चल गई है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि दो लाख साल पहले धरती पर विचरने वाले सबसे बड़े बंदरों के विलुप्त हो जाने के बारे में नई जानकारी हासिल हुई है. ‘जाइगेंटोपिथेकस ब्लैकी' नाम की इस प्रजाति के बंदरों को धरती के सबसे बड़े बंदर माना जाता है. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि ये बंदर धरती के बदलते वातावरण के अनुसार खुद को ढाल नहीं सके, इसलिए विलुप्त हो गए.
जाइगेंटोपिथेकस ब्लैकी दो लाख साल पहले धरती पर मौजूद थे. इनकी लंबाई दस फुट और वजन 300 किलोग्राम तक होता था. ये दक्षिण एशिया के जंगलों में पाए जाते थे और हजारों साल तक पनपते रहे. 1930 के दशक में एक जर्मन वैज्ञानिक को हॉन्ग कॉन्ग की एक पुरानी दुकान पर उन बंदरों का एक दांत मिला था, जिससे इनके अस्तित्व का पता चला.
कैसे हुआ शोध
ऑस्ट्रेलिया की सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक रेनॉद जोआनेस-बोया कहते हैं कि यह एक विशाल दांत था और इसे ड्रैगन का दांत बताकर बेचा जा रहा था. उन्होंने कहा, "यह दांत किसी सामान्य बंदर के दांत से तीन से चार गुना ज्यादा बड़ा था.”
इस दांत को देखकर ही जोआनेस बोया को ब्लैकी में दिलचस्पी पैदा हुई और उन्होंने उस पर शोध करना शुरू किया. अब उनका और उनके सहयोगियों का यह शोध पत्र प्रतिष्ठित साइंस पत्रिका नेचर में प्रकाशित हुआ है.
ब्लैकी से जुड़ी बहुत सारी सामग्री उपलब्ध नहीं है. अब तक जो कुछ मिला है उसमें जबड़े के चार टुकड़े और लगभग 2,000 दांत शामिल हैं जिनमें से अधिकतर दक्षिणी चीन के ग्वांजी प्रांत में गुफाओं में मिले थे. चीन के इंस्टिट्यूट ऑफ वर्टबरेट पेलिएंथोलॉजी एंड पेलिएंथ्रोपोलॉजी में काम करने वाले यिंगी जांग कहते हैं कि उस खुदाई के बावजूद यह बात अब तक रहस्य बनी रही कि ब्लैकी खत्म कैसे हुए.
कब विलुप्त हुआ ब्लैकी
यिंगी जांगी ने जाओनेस बोया और अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध किया है. दोनों ने ब्लैकी की विलुप्ति का टाइमलाइन बनाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने 22 गुफाओं से मिले दांतों को जमा किया.
इन दांतों का छह अलग-अलग तकनीकों से परीक्षण किया गया ताकि पता लगाया जा सके कि वे कितने पुराने हैं. इसमें एक नई तकनीक लुमिनेसेंस डेटिंग का भी इस्तेमाल किया गया. यह एक नई तकनीक है जिससे पता चल जाता है कि किसी जीवाश्म पर आखिरी बार सूर्य का प्रकाश कब पड़ा था.
जांग बताते हैं, "अब शोधकर्ता जाइगेंटोपिथेकस के विलुप्त होने की पूरी कहानी बता सकते हैं.” अपने शोध में इन शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लैकी 2,15,000 से 2,95,000 साल के बीच खत्म हुए, यानी अब तक के अनुमानों से कहीं पहले.
एक भारी भूल
यह वही समय था जब धरती का वातावरण और मौसम बदल रहा था. जिन घने जंगलों में ब्लैकी रहा करते थे, वे कम हो रहे थे और घास के मैदानों में बदल रहे थे. इस कारण ब्लैकी का पसंदीदा खाना, फल कम हो गए।
यह विशाल जीव धरती पर रहता था और फल तोड़ने के लिए पेड़ों पर नहीं चढ़ सकता था. ऑस्ट्रेलिया की मैक्वायरी यूनिवर्सिटी में जियोक्रोनोलॉजिस्टन कीरा वेस्टवे भी इस शोध का हिस्सा रही है हैं. वह कहती हैं कि अपने अंतिम दिनों में फलों के बजाय ब्लैकी "कम पोषक भोजन जैसे टहनियों और छाल खाने लगे.”
जांग कहते हैं कि यह एक ‘भारी भूल' थी जो अंततः उनकी विलुप्ति का कारण बनी. असल में इन बंदरों का आकार इतना बड़ा था कि वे खाने की खोज में बहुत दूर आ-जा भी नहीं सकते थे जबकि उन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में खाने की जरूरत थी.
वैसे इस शोध के दौरान एक दिलचस्प बात यह पता चली कि जब ब्लैकी खत्म हो रहे थे, उस दौरान उनका आकार पहले से ज्यादा बड़ा हो गया था. उसके दांतों की जांच से वैज्ञानिकों ने पाया कि अपनी विलुप्ति के दौर में ब्लैकी बहुत तनाव में था.
वीके/सीके (एएफपी)
बिजनौर 11 जनवरी । उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में 7 साल की एक बच्ची से रेप कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने कहा कि अपराध के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, पीड़िता सोमवार को अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी वह लापता हो गई। उसके परिवार के सदस्यों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तलाश की और बाद में उसका शव मंगलवार शाम को एक नाले में मिला। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया और बच्ची की पहचान की पुष्टि की गई।
बिजनौर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने कहा कि मामले की फोरेंसिक जांच पूरी होने के बाद बलात्कार की पुष्टि हुई है। हत्या की सनसनीखेज प्रकृति को देखते हुए चार पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने तकनीकी विश्लेषण के बाद संदिग्ध की पहचान शादाब रूप में की।
हिरासत में लिए जाने पर पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने लड़की को घर के बाहर घूमते हुए देखा था, जहां से वह अपने साथ बच्ची को मोहल्ला छापेग्रान में स्थित डंपिग ग्राउंड में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि बाद में उसने बच्ची की हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 11 जनवरी । भाजपा के वरिष्ठ नेता, देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में आंदोलन करने वाले लालकृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। आडवाणी के कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए संघ नेताओं के साथ गए विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने की है।
आईएएनएस के साथ खास बातचीत करते हुए विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि जब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और रामलाल के साथ लालकृष्ण आडवाणी को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण देने गए थे तो उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चा हुई, लॉजिस्टिक्स की चर्चा हुई कि उन्हें अयोध्या आने के लिए क्या-क्या व्यवस्था की जरूरत होगी, वो कार्यक्रम में कितनी देर बैठ सकेंगे,क्या उनके लिए कोई डॉक्टर उपलब्ध रह सकता है, क्या पूरे समय के लिए उनके साथ कोई व्यक्ति रह सकता है।
विहिप नेता ने आईएएनएस को बताया कि इस चर्चा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने लालकृष्ण आडवाणी के कार्यक्रम में शामिल होने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनका कार्यक्रम में शामिल होना जरूरी है, महत्वपूर्ण है और सब चाहते हैं कि वो अयोध्या आएं।
कृष्ण गोपाल ने लालकृष्ण आडवाणी के परिवार को आश्वासन दिया कि लालकृष्ण आडवाणी के अयोध्या आगमन के लिए जिस-जिस व्यवस्था की आवश्यकता होगी और जो भी व्यवस्था वो चाहेंगे, वो सारी व्यवस्था की जाएगी।
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष ने आडवाणी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि अपने स्वास्थ्य के ठीक न होने के बावजूद 96 वर्ष की आयु में उन्होंने कार्यक्रम में आना ( अयोध्या ) स्वीकार किया है। (आईएएनएस) ।
बिजनौर 11 जनवरी । उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की थाना नूरपुर पुलिस ने 28 वर्षीय एक व्यक्ति को शादी का झांसा देकर 26 साल की एक महिला से कथित तौर पर बलात्कार करने, अश्लील वीडियो बनाने और गर्भपात कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान बिजनौर के रेहपुनपुर गांव निवासी कासिम के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि करीब पांच वर्ष पूर्व वह कासिम के संपर्क में आई और दिसंबर 2023 तक उसके संपर्क में रही।
नूरपुर थाना प्रभारी (एसएचओ) रविन्द्र कुमार वशिष्ठ ने कहा, महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।आरोपी ने अपने भाई नासिर के साथ मिलकर उसका अश्लील वीडियो बना लिया। बाद में उसकी इच्छा के विरुद्ध उसका गर्भपात भी कराया। विरोध पर जान से मारने और अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी।
एसएचओ ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) , 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराना) , 506 (अपराधिक धमकी) , 67 आईटी एक्ट के तहत नूरपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच की जा रही है।
(आईएएनएस)।
अयोध्या, 11 जनवरी । 22 जनवरी को श्रीरामलला की होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के वक्त पूरी अयोध्या पुलकित होगी। राम का आदर्श जीवन मंच पर जीवन्त होगा। देश विदेश की अनेक रामलीला मंडलियां अपने अपने तरीके से प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दिव्यता प्रदान करेंगी।
सांस्कृतिक विभाग के मुताबिक 22 जनवरी से यहां सिंगापुर, कंबोडिया, श्रीलंका, थाईलैंड और इंडोनेशिया आदि देशों के कलाकार, श्रीराम के जीवन आदर्श को मंचित करेंगे। इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है। इनके द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र को जीवन्त करने का प्रयास होगा।
22 जनवरी से ही मध्य प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ के रामदल भी अयोध्या में श्रीराम के जीवन चरित्र को मंचित करना शुरू कर देंगे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी यह जारी रहेगा। राम की व्यापकता और स्वीकार्यता की वजह से भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में भी राम, अलग-अलग स्वरूप में देखे और पूजे जाते हैं।
उत्तराखंड की रामलीला मंडली ने मंगलवार से इसे शुरू कर दिया है। सबके राम का यह स्वरूप अयोध्या में जीवंत होने लगा है। 3500 कलाकारों का संगम इस बाबत देश और दुनिया के अनेक देशों के 3500 कलाकारों का संगम, अयोध्या में होगा। यह प्रतिदिन देखने को मिलेगा। अलग अलग रामदलों के लगभग 500 कलाकार मंच पर रामकथा का मंचन करेंगे और हरि अनंत हरि कथा अनंता, कहहिं, सुनहिं बहुिविधि सब संता को मूर्त रूप देंगे।
धर्म विशेषज्ञों की मानें तो राम का चरित्र एक आदर्श है। कोई समाज इसकी अनदेखी नहीं कर सकता। यही वजह है कि भाषा और मजहब की सारी दीवारों को लांघते हुए आज देश और दुनिया के अनेक देशों में रामलीलाओं का मंचन हो रहा है। आलम यह है कि 86 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया और अंग्रेजी भाषी त्रिनिडाड में भी रामलीला का मंचन होता है। बौद्धिस्ट देश श्रीलंका, थाइलैंड और रूस भी इसके अपवाद नहीं हैं।
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित माउंट मेडोना स्कूल में 40 वर्षों से जून के पहले हफ्ते में रामलीला का मंचन होता है। आजादी के पहले पाकिस्तान स्थित करांची के रामबाग की रामलीला मशहूर रही। अब इसका नाम आरामबाग है और मैदान की जगह कंक्रीट के जंगल हैं। मान्यता है कि सीता के साथ शक्तिपीठ हिंगलाज जाते समय भगवान श्रीराम ने इसी जगह विश्राम किया था।
भारत में वाराणसी की रामनगर, इटावा के जसवंतनगर, प्रयागराज और अल्मोड़ा की रामलीलाएं मशहूर हैं। इनका स्वरूप अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सबके केंद्र में राम ही हैं। मसलन भुवनेश्वर में ये साही जातरा हो जाती है, तो चमाेली में रम्मण। कुछ जगहों पर तो रामायण के अन्य प्रसंगों जैसे धनुष यज्ञ, भरत मिलाप को भी केंद्र बनाकर आयोजन होते हैं।
सांस्कृतिक जानकर गिरीश पांडेय कहते हैं कि भारत में रामलीला का इतिहास 500 साल से भी अधिक पुराना है। हर दो-चार गांव के अंतराल पर अमूमन क्वार के एकम से लेकर एकादशी के दौरान रामलीलाओं का दौर चलता है। यहां के लोगों के लिए राम आस हैं और लोग रामभरोसे। सबके दाता भी राम है। वह जो चाहेंगे वही होगा। होइहि वही, सोई जो राम रचि राखा।
लिहाजा वर्षों पहले कठिन हालातों में गिरिमिटिया के रूप में जो लोग मॉरीशस, टोबैगो, ट्रीनीडाड, सूरीनाम आदि देशों में गये, वह अपने साथ भरोसे के रूप में राम को ले गये। उनकी पहल से राममंदिर भी बने और रामलीलाएं भी शुरू हुईं। फीजी जैसे छोटे से देश में 50 से अधिक रामलीला मंडलियां हैं। ट्रीनीडॉड की रामलीला मंडली लगभग 100 साल पुरानी है। उसी राम का जो हमारे लिए मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। (आईएएनएस)।
पणजी, 10 जनवरी गोवा पुलिस को उस कमरे से खांसी की दवाई की दो खाली बोतलें मिली हैं जहां एक स्टार्टअप सीईओ ने अपने चार वर्षीय बेटे की कथित तौर पर हत्या की थी।
दवा की बोतलें मिलने से ऐसे संकेत मिलते हैं कि आरोपी ने अपराध से पहले बच्चे को दवा की भारी खुराक दी होगी और यह सुनियोजित हत्या का मामला है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार पोस्टमॉर्टम से सामने आया है कि दम घुटने से बच्चे की मौत हुई। ये काम तकिए या किसी कपड़े से किया गया।
आरोपी सूचना सेठ ने अपने चार वर्षीय बेटे की कथित तौर पर गोवा में हत्या कर दी और फिर उसके शव को बैग में भरकर टैक्सी से पड़ोसी राज्य कर्नाटक चली गई।
सेठ को सोमवार रात कर्नाटक के चित्रदुर्ग से गिरफ्तार किया गया और मंगलवार को उन्हें गोवा लाया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि जिस सर्विस अपार्टमेंट के कमरे में महिला रुकी थी उसकी जांच के दौरान उन्हें खांसी की दवाई की दो खाली बोतलें (एक बड़ी और दूसरी छोटी) मिली।
उन्होंने कहा,'शव के पोस्टमार्टम से यह संभावना जताई गई है कि बच्चे की गला घोंटकर हत्या की गई है और शव पर संघर्ष के कोई निशान नहीं है।'
अधिकारी ने कहा,' हम इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि क्या महिला ने बच्चे की हत्या करने से पहले उसे खांसी की दवाई की भारी खुराक दी थी।'
उन्होंने कहा कि सर्विस अपार्टमेंट के कर्मचारियों से पूछताछ में सामने आया है कि महिला ने उनसे खांसी होने का दावा कर दवाई की एक छोटी बोतल खरीदने के लिए कहा था। वहीं, ऐसा हो सकता है कि उसके पास दवाई की बड़ी बोतल पहले से ही हो।
अधिकारी ने कहा,'यह सुनियोजित हत्या का मामला लगता है।'
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपराध में शामिल होने से इंकार किया है और दावा किया कि जब वह सोकर उठी तो बच्चा मर चुका था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,'हमें उसकी बातों में विश्वास नहीं है। जांच से बच्चे की हत्या के कारण का पता चलेगा। फिलहाल हमें पता है कि उसके और उसके पति के बीच अनबन चल रही थी जिसकी वजह से उसने यह किया होगा।'
महिला छह जनवरी को सर्विस अपार्टमेंट में आई थी और दो दिनों तक वहां रहने के बाद सोमवार को टैक्सी से बेंगलुरु चली गई।
सीईओ की गिरफ्तारी के बाद गोवा के मापुसा शहर की एक अदालत ने मंगलवार को उसे छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
बच्चे के पिता वेंकट रमन इन दिनों इंडोनेशिया के जर्काता में रह रहे हैं और मंगलवार रात वह चित्रदुर्ग के हिरियुर पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।
हिरियूर तालुक अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. कुमार नाइक ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘बच्चे की मौत गला दबाकर की गई। ऐसा लग रहा है कि तकिया या किसी अन्य चीज का इस्तेमाल किया गया है। ऐसा नहीं लगता कि हाथों से गला घोंटा गया....।’’
नाइक ने बताया कि बच्चे के शरीर से खून निकलने या फिर संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं।
सेठ ‘द माइंडफुल एआई लैब’ की सीईओ है और ‘लिंक्डइन’ पर उनके पेज के अनुसार वह कृत्रिम मेधा (एआई) एथिक्स विशेषज्ञ और डेटा वैज्ञानिक हैं। (भाषा)
गांधीनगर, 10 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया आज भारत को स्थिरता के एक ‘महत्वपूर्ण स्तंभ’ के रूप में देख रही है और वह एक ऐसे मित्र के रूप में उभरा है, जिसपर भरोसा किया जा सकता है।
‘वाइब्रेंट गुजरात’ वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे समय में जब विश्व अनेक अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है, तब भारत दुनिया में विश्वास की एक ‘नयी किरण’ बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भारत को स्थिरता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ और वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के इंजन के रूप में देखती है। भारत एक ऐसा मित्र है, जिस पर भरोसा किया जा सकता है, एक ऐसा साझेदार है, जो जन-केंद्रित विकास में विश्वास करता है और एक ऐसी आवाज है, जो वैश्विक भलाई में विश्वास करता है और वह ग्लोबल साउथ की भी एक आवाज है।’’
उन्होंने कहा कि 10 साल पहले भारत दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था, जबकि आज वह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया की हर प्रमुख रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज तेजी से बदलते हुए ‘वर्ल्ड ऑर्डर’ (विश्व व्यवस्था) में भारत ‘विश्वमित्र’ की भूमिका में आगे बढ़ रहा है। आज भारत ने विश्व को ये भरोसा दिया है कि हम साझा लक्ष्य तय कर सकते हैं, अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता, निष्ठा, प्रयास और भारत का परिश्रम आज की दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और समृद्ध बना रहा है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं और दुनिया भर के निवेशकों को बताया कि अब भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, तब तक हमने भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। इसलिए ये 25 साल का कार्यकाल भारत का अमृतकाल है।’’ (भाषा)
गांधीनगर, 10 जनवरी टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा समूह गुजरात के धोलेरा में एक विशाल ‘सेमीकंडक्टर फैब’ बनाने की योजना बना रहा है और इसका परिचालन 2024 में शुरू हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।
वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) के यहां आयोजित 10वें संस्करण में चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘ टाटा समूह ने एक संकल्प किया था जो पूरा होने की कगार पर है। हम धोलेरा में विशाल ‘सेमीकंडक्टर फैब’ की घोषणा करते हैं। ’’
चेयरमैन ने कहा कि समूह दो महीने में राज्य के साणंद में लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए 20 गीगावॉट की गीगाफैक्टरी भी शुरू करने वाला है।
चन्द्रशेखरन ने कहा कि हाल के दिनों में समूह ने साणंद में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। साणंद समूह की सभी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्रौद्योगिकी के लिए एक गंतव्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि ईवी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए साणंद में विस्तार किया गया।
चंद्रशेखरन ने कहा कि इसके अलावा समूह अभी वडोदरा में सी-295 रक्षा विमान भी बना रहा है और बाद में धोलेरा में इसका निर्माण शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में बनाए जा रहे भारतीय कौशल संस्थान का पहला चरण मार्च 2024 तक राज्य में पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम गुजरात को एक बहुत ही महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में देखते हैं, न केवल व्यापार वृद्धि के लिए बल्कि भविष्य के उन्नत प्रौद्योगिकी उद्योगों के लिए जिनमें भारत वृद्धि करना चाहता है। ’’
चेयरमैन ने कहा कि वर्तमान में समूह की 21 कंपनियां राज्य में मौजूद हैं और 50,000 से अधिक लोगों को उससे रोजगार मिलता है। समूह अपने संस्थापक का गृहनगर नवसारी होने की वजह से राज्य से निकटता से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में ‘‘स्थिर और शानदार’’ प्रगति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दर्शाती है, जिन्होंने दो दशक पहले इस कार्यक्रम (वीजीजीएस) की शुरुआत की थी।
चन्द्रशेखरन ने कहा कि राज्य को जो आर्थिक लाभ हुआ है और उसका सामाजिक विकास पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने गुजरात को उसकी खूबियों के कारण ‘‘भविष्य का प्रवेश द्वार’’ बताया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें हत्या के एक मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बरी किये जाने के खिलाफ 2004 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया गया था।
मामला वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में प्रभात गुप्ता की हत्या से संबंधित है।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ और निचली अदालत के निष्कर्षों में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।
पीठ ने आठ जनवरी को सुनाए गए अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को विस्तार से सुनने और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री पर गौर करने के बाद हम दोनों अदालतों के निष्कर्षों में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। इसलिए विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं।’’
निचली अदालत ने 2004 में मिश्रा को मामले में बरी कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता राजीव गुप्ता द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मई 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि निचली अदालत के फैसले में कोई त्रुटि नहीं थी।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ने अपील को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से प्रयागराज की मुख्य पीठ में स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।
गुप्ता (24) की हत्या के सिलसिले में लखीमपुर में दर्ज प्राथमिकी में मिश्रा और अन्य का नाम शामिल था। गुप्ता की जिले के तिकुनिया इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
लखीमपुर खीरी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 2004 में पर्याप्त सबूत के अभाव में मिश्रा और अन्य को मामले में बरी कर दिया था।
बरी किए जाने के फैसले से असंतुष्ट राज्य सरकार ने अपील दायर की थी, जबकि मृतक के परिवार ने फैसले को चुनौती देते हुए एक अलग पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। (भाषा)
कोच्चि, 10 जनवरी । केरल के कुख्यात हाथ काटने के मामले में मुख्य आरोपी सवाद को एनआईए ने बुधवार को कन्नूर से हिरासत में लिया। एनआईए ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
सवाद पिछले 13 सालों से फरार था।
सवाद को आज एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।
सवाद एर्नाकुलम जिले का रहने वाला है और उसने ही जुलाई 2010 में अपने साथियों के साथ मिलकर प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ का दाहिना हाथ काटा था। ये सभी प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं से संबंधित थे।
यह घटना तब हुई जब जोसेफ अपनी मां और बहन के साथ चर्च से घर लौट रहे थे।
मामले की जांच एनआईए ने की और 2015 में विशेष एनआईए अदालत ने पीएफआई के संबंध रखने वाले 13 लोगों को दोषी ठहराया था।
पिछले साल पूरक आरोप पत्र के हिस्से के रूप में, एनआईए अदालत ने पांच को छोड़ दिया और छह को आरोपी पाया गया।
सवाद की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जोसेफ ने कहा: "एक व्यक्ति के रूप में जिसने इसे झेला है, मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन एक नागरिक के रूप में, यह अच्छा है कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने मुख्य अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है।" (आईएएनएस)।
ग्रेटर नोएडा, 10 जनवरी । ग्रेटर नोएडा में एक महिला ने हाई राइज सोसाइटी की 16वीं मंजिल से अपनी छह महीने की मासूम बच्ची के साथ कूदकर आत्महत्या कर ली।
घटना ग्रेटर नोएडा की लॉ रेजिडेंसिया सोसाइटी की है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।
परिजनों ने बताया कि सारिका (33) बीमार थी और काफी दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रही थी। फिलहाल पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है।
सारिका और उसकी मासूम बेटी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बिसरख पुलिस ने बताया कि देर रात पुलिस को सूचना मिली कि लॉ रेजिडेंसिया सोसाइटी में एक महिला ने अपने अपनी बच्ची के साथ में 16वीं मंजिल से छलांग लगा दी है। वह परिवार के साथ टावर-2 में रह रही थी।
सारिका के भाई ने बताया कि मृतका बीमारी से पीड़ित थी व डिप्रेशन में थी। (आईएएनएस)।
भागलपुर, 10 जनवरी । बिहार के भागलपुर जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र में मंगलवार देर शाम ऑनर किलिंग का एक मामला सामने आया है, जहां अपनी बहन के प्रेम विवाह से नाराज एक युवक ने बहन, बहनोई और भांजी की गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस के मुताबिक, यह पूरा मामला नवटोलिया का है। बताया जाता है कि प्रेम प्रसंग में शादी से नाराज लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
मृतकों की पहचान चंदन कुमार, उसकी पत्नी चंदा कुमारी और बेटी रोशनी कुमारी के रूप में हुई है। चंदा ने ढाई साल पहले गांव के ही चंदन कुमार से प्रेम विवाह किया था, जिससे उसके परिवार के लोग नाराज थे।
मंगलवार देर शाम चंदन अपनी पत्नी और बच्ची के साथ कहीं जा रहा था, तभी रास्ते में चंदा के पिता पप्पू सिंह ने लोहे की रॉड से अपनी बेटी के सिर पर वार कर दिया। इसके बाद उसने अपने बेटे धीरज सिंह को घटनास्थल बुलाया। आरोप है कि उसने चंदा, चंदन और रोशनी की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया।
भागलपुर के पुलिस अधीक्षक सुशांत कुमार सरोज ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है। यह प्रथम दृष्ट्या ऑनर किलिंग का मामला है। पूरे मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो टीम गठित कर दी गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 10 जनवरी । लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने लोक सभा चुनाव को लेकर विभिन्न समितियों का गठन कर दिया है और पार्टी महासचिवों को इन समितियों का जिम्मा भी सौंप दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, नड्डा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल को पार्टी का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) बनाने का काम सौंपा है।
एक अन्य राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को जॉइनिंग कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनके पास दूसरे दलों के ऐसे नेताओं को पार्टी में लाने की जिम्मेदारी होगी जो चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं। पार्टी दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को पूरी जांच-पड़ताल करने के बाद ही भाजपा में शामिल करना चाहती है ताकि गलती की कोई गुंजाइश न रहे और कोई विवाद पैदा न हो।
पार्टी ने इसी तरह से चुनाव प्रचार अभियान, चुनाव की तैयारियों, रैलियों और बड़े नेताओं के दौरे, देश भर में कराए जाने वाले विभिन्न वर्गों के सम्मेलनों सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी भी सुनील बंसल, दुष्यंत गौतम और तरुग चुग सहित पार्टी के अन्य महासचिवों को अलग-अलग सौंपी है। (आईएएनएस)।
एसबीआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में हाल के सालों में आर्थिक असमानता घटी है. असमानता के अनुमान को मापने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आयकर डाटा का इस्तेमाल किया गया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आय असमानता पिछले एक दशक में घटी है. एसबीआई के रिसर्च विभाग ने इस अध्ययन के लिए इनकम टैक्स के डाटा का विश्लेषण किया है.
रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2014-21 के दौरान देश में व्यक्तिगत आय असमानता में काफी गिरावट आई है, जिसमें 36.3 प्रतिशत करदाता कम आय से उच्च आयकर श्रेणी की ओर बढ़ रहे हैं, इसके नतीजतन वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 21 तक 21.3 फीसदी अतिरिक्त आय हुई है.
टैक्स देने वाले बढ़े
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसी अवधि के दौरान 3.5 लाख रुपये से कम आय वालों के बीच आय असमानता 31.8 फीसदी से घटकर 15.8 फीसदी हो गई है, जिससे पता चलता है कि कुल आय में इस समूह की हिस्सेदारी उनकी आबादी की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़ गई है.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने वालों के आंकड़े पर गौर करें तो 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच सालाना आमदनी वाले लोगों की संख्या 295 फीसदी बढ़ी है. ये बढ़ोतरी असेसमेंट ईयर (एआई) 2013-14 से लेकर 2021-22 के बीच के हैं. जो इस बात का सबूत है कि कुल आमदनी वालों की संख्या बढ़ी है.
दूसरी ओर 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों द्वारा दाखिल आईटीआर की संख्या में 291 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आयकर दाखिल करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या असेसमेंट ईयर 22 में सात करोड़ से बढ़कर असेसमेंट ईयर 23 में 7.4 करोड़ हो गई है. वहीं असेसमेंट ईयर 2023-24 में 8.2 करोड़ आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं.
रिपोर्ट: खरीदने की क्षमता बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक 19.5 फीसदी छोटी कंपनियां एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) ब्रांड चेन के माध्यम से बड़ी कंपनियां में बदल गईं हैं. साथ ही में इसमें यह भी दावा किया गया है कि महामारी के बाद निचली 90 प्रतिशत आबादी की खपत में 8.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा है कि ऑनलाइन फूड ऑर्डर का ट्रेंड बढ़ा रहा है, और दावा किया गया कि उपभोग के रुझान जैसे कि जोमैटो जैसे फूड ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म से ऑर्डर करने की बढ़ती प्रवृत्ति "लुप्त हो रही असमानता" का संकेत है.
रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि लोग ग्रामीण इलाकों में दोपहिया वाहनों को छोड़कर कार खरीद रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में दोपहिया वाहनों की बिक्री में आई गिरावट को जानकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दबाव से जोड़ कर देख रहे थे.
लेकिन आर्थिक मामलों के जानकार एसबीआई की इस रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं. जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर अरुण कुमार कहते हैं कि असमानता को तीन तरह से मापा जाता है, पहला-उपभोग में असमानता, दूसरा-आय में असमानता और तीसरा-संपत्ति में असमानता. उनके मुताबिक संपत्ति में असमानता सबसे ज्यादा होती है उसके बाद आय में असमानता होती है और फिर उपभोग में असमानता होती है.
"आय सर्वे से सही तस्वीर निकलेगी"
प्रोफेसर अरुण कुमार रिसर्च रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, "देश में केवल आठ करोड़ लोग रिटर्न फाइल कर रहे हैं. आठ करोड़ में से भी चार करोड़ शून्य रिटर्न फाइल करते हैं, बहुत कम ही लोग हैं जो वास्तव में टैक्स दे रहे हैं. सिर्फ शीर्ष के दो फीसदी लोगों के आधार पर आर्थिक असमानता के घटने की बात की जा रही है."
प्रोफेसर अरुण कुमार डीडब्ल्यू से कहते हैं कि रिपोर्ट में इनकम टैक्स का डाटा है उसके आधार पर देश की आर्थिक समानता के बारे में नहीं कहा जा सकता है. वो कहते हैं, "एक तो डाटा बहुत सीमित है. असली अमीर उसमें नहीं आ रहे हैं, जो ब्लैक इकोनॉमी वाले हैं वो लोग उसमें नहीं आ रहे हैं. इसके आधार पर हम यह कह नहीं सकते कि आर्थिक असमानता कम हुई या ज्यादा हुई."
साथ ही प्रोफेसर कुमार कहते हैं अगर आर्थिक असमानता को जानना है तो अलग से आय सर्वे कराना चाहिए. कुमार कहते हैं, "हम 140 करोड़ के डाटा में से सिर्फ आठ करोड़ डाटा का विश्लेषण कर रहे हैं. ब्लैक इनकम वाले इस डाटा में शामिल नहीं होते हैं." (dw.com)
नई दिल्ली, 10 जनवरी । भारत की अग्रणी भुगतान एवं वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम की प्रवर्तक वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) ने 'वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024' से पहले बुधवार को वैश्विक वित्तीय इकोसिस्टम बनाने के लिए गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में 100 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।
कंपनी एक निश्चित अवधि में किस्तों में निवेश करेगी और इसके लिए अपेक्षित मंजूरी मांगेगी। सीमा पार गतिविधि के लिए एक आदर्श इनोवेशन हब के रूप में गिफ्ट सिटी के साथ, पेटीएम भारत में निवेश करने के इच्छुक दुनिया भर के यूजरों के लिए नई तकनीक का आविष्कार और निर्माण करने की अपनी सिद्ध क्षमता का उपयोग करेगा।
भारत में रियल टाइम भुगतान और निपटान में अग्रणी कंपनी ने कहा कि वह अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित तेज और लागत प्रभावी समाधानों के साथ सीमा पार प्रेषण में बाधाओं को कम करने की अपनी सफलता को दोहराएगी।
एक टेक इनोवेटर के रूप में अपने नेतृत्व का लाभ उठाते हुए, पेटीएम इस तरह का समाधान बनाने और एक प्रौद्योगिकी आधार प्रदान करने के लिए गिफ्ट सिटी में एक विकास केंद्र भी स्थापित करेगा। यह केंद्र विश्व स्तरीय वित्तीय उत्पादों और सेवाओं का एक समूह विकसित करने के लिए नौकरियाँ पैदा करेगा और इंजीनियरों की नियुक्ति करेगा।
पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा, "गिफ्ट सिटी एक वैश्विक वित्तीय केंद्र बनने के लिए तैयार है, जो भारत को नवाचार के लिए विश्व मानचित्र पर लाएगा। गिफ्ट सिटी में रणनीतिक निवेश एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित सीमा-पार प्रेषण और भुगतान प्रौद्योगिकी परिदृश्य के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है, जो वैश्विक अवसर प्रस्तुत करता है।“
उन्होंने कहा, "यह हमें वैश्विक स्तर पर बाधाओं को कम करते हुए तेज़, विश्वसनीय और लागत प्रभावी प्रेषण समाधान प्रदान करने में सक्षम करेगा। हम गिफ्ट सिटी को लेकर उत्साहित हैं जो सीमा पार गतिविधियों के लिए एक अनुकरणीय नवाचार केंद्र के रूप में काम कर रहा है, जिससे विदेशी निवेशकों को विदेशी मुद्रा खाते रखने में लचीलापन मिल सके।" शर्मा ने कहा कि इसके अलावा, पेटीएम एक समर्पित विकास केंद्र स्थापित करने के लिए इस निवेश का लाभ उठाने का इरादा रखता है। (आईएएनएस)।
इस साल की वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैकड़ों निवेशकों को लुभाने की कोशिश करेंगे. इसे लोकसभा चुनावों से पहले देश में निवेश आकर्षित करने की उनकी आखीरी बड़ी कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है.
10 से 12 जनवरी तक चलने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में 1,00,000 लोगों के आने की उम्मीद की जा रही है, जिनमें कई सीईओ, मंत्री और 133 देशों से राजनयिक शामिल हो सकते हैं.
हर दूसरे साल आयोजित किए जाने वाले इस सम्मेलन का यह 10वां अध्याय है और आयोजकों का कहना है कि इतना बड़ा जमावड़ा इससे पहले किसी भी साल नहीं हुआ.
संरक्षणवादी नीति का आरोप
इस बार सम्मेलन में हिस्सा लेने वाली विदेशी कंपनियों में माइक्रोसॉफ्ट, नैस्डैक, गूगल, सुजुकी और टोयोटा शामिल हैं. एशिया के दोनों सबसे धनी व्यक्ति गौतम अदाणी और मुकेश अंबानी और टाटा समूह के अध्यक्ष समेत भारतीय उद्योग के कई चोटी के नेता भी मौजूद रहेंगे.
2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से विदेशी निवेशकों ने भारत ओर बड़े दांव लगाए हैं ऐपल, सैमसंग, किया और एयरबस जैसी कंपनियों ने देश में अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है.
हालांकि विदेशी उद्योग जगत के कई नेताओं का यह भी कहना है कि डिजिटल लेन देन, मैन्युफैक्चरिंग और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में मोदी ने संरक्षणवादी नीतियां अपनाई हैं, जिनकी वजह से लोकल कंपनियों को प्रोत्साहन मिलता और विदेशी कंपनियों का नुकसान होता है.
मोदी और गुजरात के अधिकारियों के लिए सम्मलेन उन क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने का मौका देगा जिनमें भारत पीछे है, जैसे चिप बनाना और बिजली से चलने वाली गाड़ियां बनाना.
राज्य के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री कई लोगों के साथ बंद दरवाजों के पीछे बैठक करेंगे. यह मोदी के लिए लोकसभा चुनावों से पहले एक आकर्षक निवेश स्थान के रूप में भारत की साख को मजबूत करने और निवेशकों को उनकी बिजनेस फ्रेंडली नीतियों के बारे में विश्वास दिलाने के आखिरी मौकों में से है.
चीन का विकल्प बनने का लक्ष्य
व्यापारिक समूह यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम सम्मेलन में 50 से भी ज्यादा कंपनियों का अपना सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल ले कर आ रहा है.
समूह के अध्यक्ष मुकेश अघी का मानना है कि अमेरिकी कंपनियां "यह मान कर चल रही हैं कि मौजूदा सरकार दोबारा सत्ता में आएगी." उन्होंने आगे कहा, "वो चुपचाप चीन से जुड़े रहने के जोखिम को कम कर रही हैं और ऐसे में अपनी तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की वजह से भारत महत्वपूर्ण हो जाता है."
सम्मेलन गुजरात की राजधानी गांधीनगर में एक विशाल कन्वेंशन सेंटर में होगा, जिसे भारतीय लग्जरी होटलों का समूह लीला पैलेस चलाता है. समूह की मालिकाना कंपनी ब्रूकफील्ड है.
सेंटर तक जाने वाली सड़कों की सफाई और मरम्मत का काम चल रहा है. गुजरात को एक इन्वेस्टमेंट हॉटस्पॉट के रूप में बढ़ावा देने के लिए मोदी के होर्डिंग चारों ओर लगाए गए हैं.
गुजरात का फायदा
2019 से 2023 के बीच में गुजरात ने करीब 34 अरब डॉलर विदेशी निवेश आकर्षित किया है. इस लिहाज से राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद तीसरे स्थान पर है. पिछले वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलनों की ही तरह होटल के कमरों की कमी है और वो अब महंगे होते जा रहे हैं.
सम्मेलन में आने वाले कई लोग गांधीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर अहमदाबाद में मैरियट इंटरनैशनल द्वारा चलाए जाने वाले एक होटल में रुकेंगे. होटल के जनरल मैनेजर दीपप्रीत बिंद्रा ने बताया कि उनके कमरों का किराया करीब 12,500 रुपए प्रतिदिन से बढ़ कर करीब 35,000 प्रतिदिन तक चला गया है.
सम्मेलन से पहले गुजरात ने 200 से भी ज्यादा कंपनियों के साथ 120 अरब डॉलर मूल्य की शुरुआती निवेश संधियों पर हस्ताक्षर किए. इनमें आर्सेलरमित्तल का स्थानीय जॉइंट वेंचर भी शामिल है.
राज्य की एजेंसी गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में काम करने वाले राहुल गुप्ता ने कहा, "हमने अभी तक मुख्य रूप से पारंपरिक उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन अब हम ईवी, इलेक्ट्रॉनिक सामान और सेमीकंडक्टर जैसे उभरते हुए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं."
सीके/एए (रॉयटर्स)
केंद्र सरकार महिला किसानों का सालाना भुगतान दोगुना करने पर विचार कर रही है. रॉयटर्स ने तीन सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार उन महिला किसानों का सालाना भुगतान दोगुना करने पर विचार कर रही है जिनके पास जमीन है. रिपोर्ट के मुताबिक यह कदम लोकसभा चुनाव के पहले महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश हो सकती है. इसी साल लोकसभा के चुनाव होने हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों को हर साल छह हजार रुपये सालाना मिलते हैं. रॉयटर्स ने दो सूत्रों के हवाले से कहा इस योजना का ऐलान 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में किया जा सकता है. ये दोनों सूत्र बजट प्रस्ताव पर चर्चा के बारे में जानकारी रखते हैं. अगर सरकार इसको लागू करती है तो इससे अतिरिक्त 12 हजार करोड़ रुपये की लागत आ सकती है.
क्या है पीएम किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार देशभर के पुरुष और महिला किसानों को हर साल छह हजार रुपये कैश ट्रांसफर करती है. यह प्रस्ताव 2019 के आम चुनाव से पहले मोदी द्वारा पेश किए गए वर्तमान कार्यक्रम का विस्तार करेगा.
सरकार के अनुमान के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि योजना से फिलहाल देश के 11 करोड़ किसानों को फायदा हो रहा है. अब तक इस योजना के जरिए नवंबर, 2023 तक 15 किस्तों में 2.81 लाख करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं.
बार्कलेज इनवेस्टमेंट बैंक में अर्थशास्त्री राहुल बाजौरिया के मुताबिक, "मौजूदा योजना का विस्तार करने से महिलाओं का अधिक समर्थन मिलेगा, जो कि एक एक प्रमुख जनसांख्यिकीय है."
नकद सहायता को दोगुना करने और इसे महिलाओं पर लक्षित करने की योजना पहले रिपोर्ट नहीं की गई है. एक सूत्रों ने बताया कि इसे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के कदम के रूप में पेश किया जाएगा.
इस मामले पर रॉयटर्स ने कृषि मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और वित्त मंत्रालय ने बयान के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया.
किसानों पर मोदी सरकार की नजर
देशभर में 26 करोड़ किसान और उनके परिवार हैं, जो उन्हें 140 करोड़ की आबादी वाले देश में एक मजबूत मतदाता समूह बनाते हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सभी किसानों में 60 फीसदी महिला किसान होने के बावजूद 13 फीसदी से भी कम महिला किसान ऐसी हैं जिनके पास ऐसी जमीन है जिनपर वह काम करती हैं.
एक सूत्र के मुताबिक महिला किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने से सरकारी वित्त पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि 550 अरब डॉलर के अनुमानित बजट में यह राशि अपेक्षाकृत कम है.
ओपिनिय पोल्स के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी के लिए महिलाएं अहम सपोर्ट बेस रही हैं, जिससे अगले चुनाव जीतने की संभावना है. पिछले साल चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन राज्यों में आसानी से जीत दर्ज की थी.
मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी की सरकार ने विवाहित महिलाओं के लिए नकद ट्रांसफर कार्यक्रम लागू किया, पोलस्टर सी-वोटर के मुताबिक पार्टी ने लगभग 51 फीसदी महिला वोट हासिल किए, जबकि 46.2 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने पार्टी को वोट दिया.
लेकिन विपक्षी कांग्रेस पार्टी की डेटा एनालिटिक्स इकाई के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि चुनाव से पहले घोषित कार्यक्रमों से राजनीतिक लाभ मिलता है. उन्होंने कहा, "मतदाता जानता है कि ये राजनीतिक हथकंडे हैं."
एए/वीके (रॉयटर्स)
नई दिल्ली, 10 जनवरी । दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में तीन किशोरों समेत पांच लोगों ने एक 22 वर्षीय युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने विवरण साझा करते हुए कहा कि मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि को घटना के संबंध में बदरपुर थाने में एक सूचना प्राप्त हुई।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) राजेश देव ने कहा, "पुलिस की एक टीम मीत चौक के पास गौतमपुरी इलाके में गश्त कर रही थी। तभी उन्होंने देखा कि तीन-चार लोग एक आदमी को घसीट रहे थे जो बेहोश था और बुरी तरह घायल था।"
बाद में उस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया।
मृतक की पहचान गौतमपुरी, फेज-2 निवासी गौरव उर्फ लंबू (22) के रूप में हुई।
डीसीपी ने कहा, "दोनों पुलिस कर्मचारियों ने अन्य उपलब्ध कर्मचारियों के साथ आरोपियों का बीआईडब्ल्यू कॉलोनी की ओर पीछा किया और एनटीपीसी गेट नंबर 1 के पास पहुंचे, जहां स्टाफ के साथ एसएचओ भी पहुंचे और उन्हें पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान अरमान उर्फ कुर्रू और दो किशोरों के रूप में की गई।" .
उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि उनका गौरव से निजी हिसाब-किताब तय करने को लेकर झगड़ा हुआ था।
डीसीपी ने कहा, "लड़ाई के दौरान, उन्होंने उस पर कई बार चाकू से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में, उनके दो सहयोगियों, साहिद और एक किशोर को भी पकड़ लिया गया।"
डीसीपी ने कहा, "अपराध में इस्तेमाल किया गया खून से सना हथियार भी बरामद कर लिया गया है। शव को एम्स शवगृह में भेज दिया गया है।" (आईएएनएस)।
मुजफ्फरपुर, 10 जनवरी । बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मिठनपुरा थाना क्षेत्र के एक होटल में एक युवक ने एक लड़की के मुंह में गोली मार दी, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई। युवक ने लड़की को अपनी पत्नी बताकर होटल का कमरा बुक कराया था। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।
युवक ने लड़की को अपनी पत्नी बताकर होटल का कमरा बुक कराया था। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, यह पूरी घटना कल्याणी-हरिसभा रोड स्थित मिठनपुरा थाना इलाके के एक होटल के कमरा नंबर 215 में मंगलवार रात को हुई। दोनों ने खुद को पति-पत्नी बताकर होटल में कमरा बुक किया था। होटल के रजिस्टर में युवती का पता मालीघाट, जबकि युवक का केवल नाम इमरान अली, मुजफ्फरपुर लिखा गया है।
गोली मारने के बाद आरोपी युवती को कमरे में ही छोड़कर फरार हो गया। होटल के कमरे से पिस्तौल बेड पर पड़ी मिली, जिसके मैग्जीन में तीन गोलियां लोड थीं। एक खोखा फर्श पर पड़ा मिला।
सहायक पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बुधवार को बताया कि गंभीर रूप से घायल लड़की को इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लड़की के जबड़े में गोली लगी है। बताया जाता है कि दोनों ने चिकन लॉलीपॉप, रोटी भी खाई थी। उसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि युवती सिलीगुड़ी की रहने वाली है। अब तक युवती का कोई परिजन सामने नहीं आया है। जबड़े में गोली लगने के कारण वह कुछ बोल नहीं पा रही है। पुलिस ने एफएसएल जांच के लिए कमरा लॉक करवा दिया। युवती का मोबाइल जब्त कर कॉल एवं लोकेशन जांच की जा रही है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 10 जनवरी । हैदराबाद के नामपल्ली रेलवे स्टेशन पर बुधवार को चेन्नई-हैदराबाद चारमीनार एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने से कम से कम पांच यात्री घायल हो गए।
घायलों को रेलवे कर्मचारियों द्वारा अस्पताल ले जाने के लिए स्टेशन से बाहर ले जाते देखा गया।
हादसा उस समय हुआ जब प्लेटफार्म नंबर पांच पर आ रही ट्रेन अनियंत्रित होकर बगल की दीवार से जा टकराई। इससे तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। आपदा प्रतिक्रिया बल (डीआरएफ) की टीमें रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रेन धीमी गति से चल रही थी, इसलिए बड़ा हादसा टल गया।
नामपल्ली चारमीनार एक्सप्रेस का अंतिम पड़ाव है।
तेलंगाना के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान किया जाए। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 10 जनवरी । भारत के विभिन्न हिस्सों और 16 देशों से पतंग उड़ाने वालों के 13 जनवरी से हैदराबाद में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय पतंग और मिठाई उत्सव में भाग लेने की उम्मीद है।
परेड ग्राउंड सिकंदराबाद में तीन दिवसीय कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज विभिन्न आकृतियों और रंगों की पतंगें उड़ाते नजर आएंगे।
तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों और विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी इस कार्यक्रम में 400 प्रकार की घर पर बनी मिठाइयां भी लाएंगे। यह कार्यक्रम तेलंगाना की समृद्ध संस्कृति का भी प्रदर्शन करेगा।
तेलंगाना के पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि हैदराबाद की ब्रांड इमेज को और बेहतर बनाने के लिए महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
उन्हें कहा कि महोत्सव में 15 लाख दर्शकों के आने की उम्मीद है। इसमें प्रवेश नि:शुल्क होगा। उन्होंने महोत्सव को बेहद सफल बनाने का आह्वान किया।
मंत्री ने महोत्सव की तैयारियों पर चर्चा के लिए पर्यटन विभाग के शीर्ष अधिकारियों और विभिन्न राज्यों और देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
कृष्णा राव ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि विभिन्न राज्यों और देशों से कार्यक्रम में आने वाले प्रतिभागियों को उनके प्रवास के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
उन्होंने प्रतिनिधियों से भविष्य में वार्षिक उत्सव को और भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए अपने सुझाव देने को कहा।
हैदराबाद को 'मिनी इंडिया' करार देते हुए, मंत्री ने कहा कि यह शहर वास्तव में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लोगों के साथ महानगरीय है, लोग यहां सद्भाव से रहते हैं। उन्होंने कहा कि हैदराबाद सभी धर्मों के लोगों का घर है।
कृष्णा राव ने कहा कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय पतंग और मिठाई महोत्सव का विस्तार अन्य शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने तेलंगाना की संस्कृति, कला और परंपराओं के गौरव को बहाल करने का संकल्प लिया। (आईएएनएस)।