राष्ट्रीय
श्रीनगर, 23 दिसंबर । शनिवार को आंशिक बादल छाए रहने के कारण श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान फ्रीजिंग प्वाइंट से ऊपर पहुंच गया।
मौसम विभाग के एक बयान में कहा गया है, ''श्रीनगर शहर में आज न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में यह क्रमशः शून्य से 1.5 और 0.2 डिग्री सेल्सियस नीचे था।''
''लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में न्यूनतम तापमान माइनस 8.8, कारगिल में माइनस 7.4 और द्रास में माइनस 6.9 डिग्री सेल्सियस था।''
"जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 10.2, कटरा में 11.2, बटोटे में 8.5, भद्रवाह में 7.4 और बनिहाल में 6.6 डिग्री सेल्सियस रहा।"
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे स्थानीय रूप से 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर । उत्तरी भारत के व्यापक क्षेत्र गिरते तापमान के प्रभाव से जूझ रहे हैं, वहीं शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में घना कोहरा छाया रहा, जिससे कम विजिबिलिटी के कारण उड़ानें प्रभावित हुईं।
विजिबिलिटी कम होने के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर फ्लाइट शेड्यूल में गड़बड़ी हुई, जहां फ्लाइट इंफॉर्मेशन डिसप्ले सिस्टम ने शनिवार को 11 अंतरराष्ट्रीय और पांच घरेलू उड़ानों में देरी की सूचना दी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि न्यूनतम तापमान गिरकर 9.6 डिग्री सेल्सियस हो गया, जो मौसमी औसत से दो डिग्री कम है।
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि शनिवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता पीएम 2.5 और पीएम 10 के 500 के साथ 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई, जबकि एनओ2 का स्तर 118 यानी मध्यम स्तर पर पहुंच गया, सीओ 65 यानी 'संतोषजनक स्तर' पर था।
बवाना स्टेशन ने पीएम 2.5 और पीएम 10 को 500 पर दर्ज किया, दोनों 'गंभीर' श्रेणी में, जबकि सीओ 104 यानी 'मध्यम' स्तर पर पहुंच गया।
द्वारका सेक्टर 8 में एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन ने पीएम 2.5 को 500 पर और पीएम 10 को 467 पर दर्ज किया, दोनों 'गंभीर' श्रेणी में थे, जबकि सीओ 105 पर, 'मध्यम' स्तर पर था।
आईटीओ स्टेशन पर एक्यूआई पीएम 2.5 का स्तर 500 और पीएम 10 का स्तर 463 के साथ 'गंभीर' श्रेणी में था, एनओ2 गिरकर 142 पर और सीओ 104 पर था, दोनों 'मध्यम' स्तर पर थे।
ओखला फेज-2 में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 500 दर्ज किया गया, दोनों गंभीर श्रेणी में हैं। एनओ2 का स्तर 146 पर था और सीओ 107 पर था, दोनों 'मध्यम' स्तर पर थे।
आईजीआई हवाई अड्डे के गुणवत्ता निगरानी स्टेशन पर, पीएम 2.5 का स्तर 481 पर दर्ज किया गया और पीएम 10 का स्तर 445 पर पहुंच गया, दोनों 'गंभीर' श्रेणी में, जबकि सीओ 115 पर पहुंच गया, जो 'मध्यम' श्रेणी में था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर । कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी की पार्टी मुख्यालय में एक बैठक हो रही है, जिसमें भारत जोड़ो यात्रा 2.0 पर निर्णय लिया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता पार्टी मल्लिकार्जुन खड़गे कर रहे हैं, और इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, के.सी. वेणुगोपाल, अजय माकन, अधीर रंजन चौधरी जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि बैठक में भारत जोड़ो यात्रा 2.0 को मंजूरी मिल सकती है। सूत्र ने कहा कि यात्रा जनवरी के दूसरे सप्ताह से पूर्वोत्तर से शुरू हो सकती है और पदयात्रा और बस यात्रा सहित हाइब्रिड मोड में अगले 50 दिनों में गुजरात तक जाएगी।
भारत जोड़ो यात्रा 2.0 के अलावा बैठक में दूसरे फैसले भी लिए जा सकते हैं (आईएएनएस)।
मुंबई, 21 दिसंबर पूजा वस्त्रकर (4-53) और स्नेह राणा (3-56) की शानदार गेंदबाजी से भारत की महिलाओं ने बहु-प्रारूप श्रृंखला के एकमात्र टेस्ट के शुरुआती दिन गुरुवार को यहां वानखेड़े स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को उसकी पहली पारी में 219 रन पर समेट दिया।
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी, जो 77.4 ओवर और 305 मिनट तक चली, ताहलिया मैकग्रा (56 गेंदों में 50 रन) के शानदार जवाबी आक्रामक अर्धशतक से आगे बढ़ी, जिन्होंने 52 गेंदों में महिला क्रिकेट में किसी ऑस्ट्रेलियाई द्वारा सबसे तेज टेस्ट अर्धशतक बनाया।
अन्य ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों में से, बेथ मूनी ने 40 और कप्तान एलिसा हीली ने 38 रन बनाए, जबकि किम गर्थ ने निचले क्रम में 71 गेंदों में नाबाद 28 रनों का योगदान दिया, जिससे जेस जोनासन (61 गेंदों में 19 रन) और लॉरेन चीटल (6) के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां हुईं, जिससे ऑस्ट्रेलिया 200 रन का आंकड़ा पार कर गया ।
गेंद को बार-बार गुड लेंथ स्पॉट के आसपास लैंड करते हुए, वस्त्रकर, जिन्होंने पिछले हफ्ते डीवाई पाटिल स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ पिछले टेस्ट की दूसरी पारी में 3/23 का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, ने गेंद को दोनों तरफ घुमाया और शुरुआती नमी का इस्तेमाल किया।
चार स्पैल में गेंदबाजी करते हुए, उनमें से तीन गरवारे छोर से, वस्त्रकर ने अपने पहले स्पैल में टाटा एंड से एक विकेट लिया और फिर लंच के समय अपने दूसरे स्पैल में गरवारे छोर से बेथ मूनी का सबसे महत्वपूर्ण विकेट लिया।
मध्य प्रदेश की 24 वर्षीय तेज गेंदबाज को उस दिन भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के रूप में देखा जा रहा था, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उनका विवेकपूर्ण उपयोग किया, और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की लय को तोड़ने के लिए लाया।
स्नेह ने ताहलिया मैकग्रा का महत्वपूर्ण विकेट लिया, उन्हें मिडविकेट पर ऊपर की ओर फ्लिक करने के लिए मजबूर किया, उन्होंने अलाना किंग (5) और लॉरेन चीटल (6) के विकेट भी लिए।
पिछले हफ्ते डीवाई पाटिल स्टेडियम में 9/39 के साथ इंग्लैंड के खिलाफ भारत की 347 रन की जीत की स्टार पूजा शर्मा ने 45 रन देकर दो विकेट लिए, जिसमें एलिसा हीली का महत्वपूर्ण विकेट भी शामिल था।
हालाँकि भारतीयों ने शानदार गेंदबाज़ी की और विकेट से मिली सहायता का अच्छा उपयोग किया, लेकिन अगर उन्होंने मैदान में चार कैच नहीं छोड़े होते तो वे ऑस्ट्रेलिया को कम रनों पर रोक सकते थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर । राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के साथ गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
तीनों नेताओं ने संसद भवन परिसर में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर प्रदेश में सरकार चलाने को लेकर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया और उन्हें प्रदेश के हालात से भी अवगत कराया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को गुलदस्ते भेंटकर उनका आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को शुभकामनाएं दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक एक्स अकाउंट से मुलाकात की तस्वीर को शेयर करते हुए पोस्ट कर कहा गया, "राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपमुख्यमंत्रियों दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।"
इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शर्मा की प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से यह पहली शिष्टाचार भेंट हैं।
हालांकि, इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन आपको बता दें कि राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार करने के लिए पार्टी के आला नेताओं का मार्गदर्शन प्राप्त करने और उनसे विचार-विमर्श करने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे पर है और इस लिहाज से इन दोनों मुलाकातों को काफी अहम माना जा रहा है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर । दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र सरकार से चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को आधार से जोड़ने की मांग वाली याचिका पर अभ्यावेदन के रूप में विचार करने को कहा।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की खंडपीठ ने कहा कि ये नीतिगत फैसले हैं और अदालतें सरकार से ऐसा करने के लिए नहीं कह सकतीं।
हालांकि, इसमें कहा गया कि प्रतिनिधित्व पर सरकार तीन महीने के भीतर फैसला करेगी।
याचिका 2019 में भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गई थी। उनका कहना है कि चल-अचल संपत्तियों को मालिक के आधार नंबर से जोड़ने से भ्रष्टाचार, काले धन और बेनामी लेनदेन पर अंकुश लगेगा।
अदालत ने कहा,“ये नीतिगत निर्णय हैं, अदालतें उन्हें ऐसा करने के लिए कैसे कह सकती हैं। प्रथमदृष्टया, जो बात मुझे समझ में नहीं आ रही है वह यह है कि ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिनके बारे में हमारे पास पूरी तस्वीर या डेटा नहीं है, कौन से विभिन्न पहलू सामने आ सकते हैं।''
पीठ ने कहा कि सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि उन्हें इसे एक प्रतिनिधित्व के रूप में माना जाए और उन्हें निर्णय लेने दिया जाए।
इससे पहले अदालत ने याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र और आप सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था।
पीठ ने वित्त मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए), ग्रामीण विकास मंत्रालय और कानून मंत्रालय, दिल्ली सरकार और यूआईडीएआई को याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय दिया था।
अप्रैल में, केंद्र के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने कहा था कि यह मामला एक महत्वपूर्ण मुद्दा सामने लाता है।
उपाध्याय ने कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के आलोक में, सरकार भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाने और बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए बाध्य है।
“काला धन धारकों को अपनी गैर-लेखापरीक्षित चल और अचल संपत्तियों की घोषणा करने के लिए मजबूर किया जाएगा और इतनी बेनामी संपत्ति फिर से उत्पन्न करने में कई साल लगेंगे। इस प्रकार, लंबे समय तक यह काले धन के सृजन को समाप्त करने में मदद करेगा।
वार्षिक वृद्धि के बारे में बात करते हुए, उपाध्याय ने दावा किया है कि अगर सरकार ने संपत्ति दस्तावेजों को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया, तो इससे दो प्रतिशत की वृद्धि होगी। (आईएएनएस)
पटना, 21 दिसंबर । बिहार के नवादा और औरंगाबाद जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में सड़क हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। जबकि, दो अन्य लोग घायल हो गए। नवादा जिले में जहां एक स्कॉर्पियो के पेड़ से टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गई, औरंगाबाद में ट्रैक्टर और बाइक की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई।
नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र में गुरुवार को तड़के एक अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने सड़क किनारे एक पेड़ में टक्कर मार दी। इस घटना में एक बर्थडे पार्टी से लौट रहे तीन दोस्तों की मौत हो गई, जबकि, दो अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक, घटना सिरदला - रजौली पथ के धर्मपुर मोड़ की है।
बताया जाता है कि बुधवार को कुछ दोस्त देर रात अपने एक अन्य दोस्त की बर्थडे पार्टी में रजौली गए थे। सभी स्कॉर्पियो से बर्थडे पार्टी से लौट रहे थे। इसी दौरान धर्मपुर मोड़ के पास चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया और वाहन सड़क के किनारे एक पेड़ से जा टकराई। रजौली के थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि इस घटना में तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि, दो अन्य घायल हो गए। मृतकों की पहचान नरहट थाना क्षेत्र के खनवां गांव निवासी विवेक कुमार (26), रोशन कुमार (27) और नरौली गांव के चंदन कुमार (27) के रूप में की गई है।
उन्होंने बताया कि घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शवों को पुलिस ने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। मामले की छानबीन की जा रही है।
औरंगाबाद में नबीनगर-बारून मुख्य पथ पर जोगाबांध गांव के पास एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। इस घटना में एक ही गांव के तीन युवकों की मौत हो गई। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक वाहन को मौके पर छोड़कर फरार हो गया। पुलिस के मुताबिक, दुर्घटना में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो ने अस्पताल ले जाने के क्रम में दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान नबीनगर थाना क्षेत्र के महुअरी गांव निवासी चंदन चौहान (15), अजित चौहान (16) एवं आदित्य चौहान (17) के रूप में की गई है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 21 दिसंबर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को ऑप्टिकल मार्क मान्यता शीट (ओएमआर) में हेरफेर के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं की जांच की प्रगति पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ को एक रिपोर्ट सौंपी।
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच में सीबीआई के वकील ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी. इसी बेंच में मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी।
इससे पहले इसी साल अगस्त में सीबीआई ने जस्टिस गंगोपाध्याय की बेंच को एक रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन वह उस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने पाया कि मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए लिखित परीक्षाओं में उपयोग की जाने वाली ओएमआर शीट के डिजिटलीकृत डेटा में बहुत सारी अनियमितताएं थीं।
निष्कर्षों के अनुसार, ओएमआर शीट से छेड़छाड़ कथित स्कूल नौकरी मामले में लागू किए गए पांच तरीकों में से एक था, अन्य चार में सिफारिश पत्रों के बिना नियुक्ति, समाप्त-पैनल से नियुक्तियां, खोई हुई योग्यता में नाम के बिना लोगों की नियुक्ति और अंत में रैंक-कूदनियुक्तियां शामिल थीं।
प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि ओएमआर शीट में इस छेड़छाड़ से लाभार्थियों की संख्या अन्य चार तरीकों को लागू करके की गई नियुक्तियों से कहीं अधिक है। यह प्रवृत्ति सिर्फ प्राथमिक शिक्षकों के मामले में ही नहीं बल्कि माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के मामले में भी है।
प्रारंभिक जांच में विभिन्न राज्य संचालित स्कूलों में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणियों में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में ओएमआर हेरफेर की कई घटनाएं भी सामने आई हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर । सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित करने, सदन में प्ले कार्ड लेकर आने, लगातार नारेबाजी करने और कागज फाड़-फाड़कर स्टाफ पर फेंकने के मामले में गुरुवार को कांग्रेस के तीन और सांसदों डीके सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
लोकसभा में 'प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक-2023' पर चर्चा के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने तीनों सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव सदन में रखा। पीठासीन सभापति रमा देवी ने सदन द्वारा प्रस्ताव पर रजामंदी देने के बाद इसके पारित होने की घोषणा कर दी।
इससे पहले गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल के समापन के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस के तीन सांसदों डीके सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज का नाम लेते हुए कहा था कि ये तीनों सांसद बार-बार सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं, प्ले कार्ड लेकर आ रहे हैं, नारेबाजी कर रहे हैं और कागज फाड़-फाड़कर स्टाफ पर फेंक रहे हैं, यह सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है, यह तरीका ठीक नहीं है।
उन्होंने विपक्षी सांसदों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी सांसद का निलंबन बिना किसी कारण के नहीं किया है, वह किसी भी सांसद का निलंबन नहीं करना चाहते हैं। सांसद उनके पास आते हैं और कहते हैं कि उन्हें निलंबित कर दो, क्या यह तरीका ठीक है।
उन्होंने कहा कि सांसद उनसे निलंबन करने का अनुरोध लेकर आते हैं और बाहर जाकर आरोप लगाते हैं कि उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
बता दें कि संसद में लगातार जारी हंगामे पर कड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को भी लोकसभा के 2 और मंगलवार को लोकसभा के 49 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले सोमवार को भी राज्यसभा के 45 और लोकसभा के 33 सांसदों सहित कुल 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। पिछले सप्ताह लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद को भी निलंबित किया गया था। दोनों सदनों में अब तक कुल मिलाकर 146 सांसद निलंबित हो चुके हैं। (आईएएनएस)।
कोलकाता, 21 दिसंबर कटुता और अविश्वास के अतीत को देखते हुए पश्चिम बंगाल में संभावित कांग्रेस-तृणमूल कांग्रेस गठबंधन के लिए बातचीत को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों की साझा प्रतिद्वंद्वी है, लेकिन कांग्रेस की राज्य इकाई चुनावी समझौते में शामिल होने के प्रति इच्छुक नहीं दिखाई पड़ रही है।
कांग्रेस और तृणमूल दोनों ही विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रमुख सहयोगी हैं और अनौपचारिक खबरों से दोनों दलों के बीच सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत शुरू होने का संकेत मिलता है।
राजनीतिक परिदृश्य में उस समय अहम बदलाव आया जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने तृणमूल, कांग्रेस और वाम दलों को शामिल करते हुए गठबंधन का जिक्र किया। लेकिन इस पर राज्य में माकपा और कांग्रेस की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आयी।
तृणमूल सूत्रों के मुताबिक, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी कुल 42 लोकसभा सीटों में से चार सीट कांग्रेस को देने की इच्छुक है। अभी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की दो सीटें हैं और दोनों सीटें अल्पसंख्यक बहुल जिलों मालदा और मुर्शिदाबाद में हैं।
तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने पुष्टि की, "हमारी पार्टी की सुप्रीमो ने कहा है कि तीनों दलों का गठबंधन संभव है। इससे अगले आम चुनाव में भाजपा से लड़ने और उसे हराने के लिए हमारी प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।’’
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा कि कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन राज्य की 42 में से 36-37 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है और भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती दे सकता है। भाजपा को 2019 में राज्य की 18 लोकसभा सीटों पर कामयाबी मिली थीं।
बुधवार को बंगाल कांग्रेस नेतृत्व ने तृणमूल के साथ गठबंधन की संभावना पर विचार करने के लिए नयी दिल्ली में पार्टी आलाकमान से मुलाकात की। अभी राज्य में कांग्रेस का माकपा के साथ गठबंधन है और कांग्रेस नेतृत्व तृणमूल के साथ गठबंधन को लेकर सतर्क रहता है।
दोनों दलों ने 2001 और 2011 का विधानसभा चुनाव और 2009 का लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा है। 2011 में, कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन ने पश्चिम बंगाल में 34 साल पुराने वाम मोर्चा शासन को हरा दिया था।
दोनों दलों के गठबंधन का इतिहास असंतोष से भरा रहा है और कांग्रेस ने तृणमूल पर पिछले चुनावों में उन्हें पर्याप्त सीटें नहीं देने का आरोप लगाया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने जोर दिया, "अगर पार्टी हमें तृणमूल के साथ गठबंधन के लिए कहती है, जिसने राज्य में कांग्रेस को बर्बाद कर दिया है, तो हम उनके निर्देशों का पालन करेंगे।"
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने अविश्वास की बात को स्वीकार किया, लेकिन साझा प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "यह विधानसभा चुनाव नहीं है, यह संसदीय चुनाव है जहां हमें किसी भी कीमत पर भाजपा को हराना होगा।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने तृणमूल के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना से इनकार किया है। पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल के साथ कोई गठबंधन नहीं हो सकता क्योंकि वह भरोसेमंद नहीं है। और जहां तक कांग्रेस की बात है तो यह उन्हें स्पष्ट करना है कि वह किसके साथ गठबंधन चाहती है।" (भाषा)
श्रीनगर, 21 दिसंबर कश्मीर में अगले 40 दिनों तक हाड़ कंपाने वाली सर्दी का दौर ‘चिल्लई कलां' बृहस्पतिवार को शुरू हो गया, जिससे घाटी में कई स्थानों पर पारा जमाव बिंदु से कई डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में मंगलवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे तथा बारामुला जिले के प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया कि काजीगुंद में न्यूनतम तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे, कोकेरनाग में शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे और कुपवाड़ा में शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
मौसम कार्यालय ने कश्मीर में अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहने अनुमान जताया है।
कश्मीर के कई इलाकों में बिजली की समस्या होने की वजह से लोगों को ‘कांगड़ी’ का इस्तेमाल करते देखा गया। ठंड के दिनों में जम्मू और कश्मीर के लोग ख़ुद को कांगड़ी से गर्म रखते हैं। कांगडी लकड़ी की टोकरी के अंदर रखा एक मिट्टी का बर्तन होता है, जिसमें चारकोल जलाया जाता है। कड़कड़ाती ठंड में यह एक पोर्टेबल और मूवेवल हीटर की तरह होता है, जिसे ठंड से बचने के लिए कश्मीरी ऊनी कपड़ों के अंदर रखते हैं। ख़ुद को गर्म रखने का कश्मीरियों का यह एक पुराना तरीका है।
तापमान में गिरावट के कारण धीमी गति के बहाव वाले कई जलस्रोत जम गए हैं तथा बच्चों और बुजुर्गों में श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं।
'चिल्लई-कलां' 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है जब इस क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं। घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं।
इस अवधि में ज्यादातर हिस्सों में, विशेषकर ऊंचे इलाकों में बार बार और बहुत बर्फबारी होती है।
'चिल्लई-कलां' की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा। इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का 'चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) और 10 दिनों का 'चिल्लई-बच्चा' (हल्की ठंड) का दौर रहता है। इस दौरान शीत लहर जारी रहती है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर भारत में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 594 नए मामले दर्ज किए गए जिससे उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 2,669 हो गई जो इससे एक दिन पहले 2,331 थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 4.50 करोड़ (4,50,06,572) हो गई। वहीं छह मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 5,33,327 हो गई जिसमें केरल में तीन, कर्नाटक में दो और पंजाब में एक मरीज की जान चली गई।
आंकड़ों के अनुसार, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,44,70,576 हो गयी है और स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है। संक्रमण से जान गंवाने की दर 1.19 फीसदी है।
मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत 220.67 करोड़ खुराक दी गयी हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने से जुड़े विवाद का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि धनखड़ यह मुद्दा उठाकर संसद में जातिवाद ले आए।
खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संसद से जुड़े विषयों पर सदन के बाहर बोल रहे हैं जिससे उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में उनकी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में बुधवार को कहा था कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है।
विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों से 140 सदस्यों के निलंबन पर विरोध जताते हुए आज संसद भवन से एक मार्च निकाला जो विजय चौक पर संपन्न हुआ। खरगे की अगुवाई में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इसके बाद खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह निलंबन के खिलाफ हमारा प्रदर्शन है। सरकार और मोदी जी यह नहीं चाहते कि सदन चले।’’
खरगे ने कहा, ‘‘मैं माफी चाहता हूं कि सभापति जी एक मुद्दा उठाकर संसद में एक तरीके से जातिवाद ले आए। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावना को बताना हमारा कर्तव्य हैं, हम वही कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकसभा में, संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना से जुड़ा विषय उठाना चाहते थे कि यह क्यों हुआ, कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। हम चाहते थे कि सरकार सदन को इस बारे में बताए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों सदन में नहीं आए। वे, सदन में जिन बातों को कहना है, उन्हें बाहर बोल रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि निलंबन के मुद्दे को लेकर विपक्षी नेता शुक्रवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे तथा आगे देश भर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के तीन सदस्यों के आसन के पास आकर तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि सदस्य नियोजित तरीके से आकर आसन से कह रहे हैं कि उन्हें निलंबित कर दिया जाए, यह तरीका सही नहीं है।
अध्यक्ष ने सदन में प्रश्नकाल समाप्त होते ही कांग्रेस के डीके सुरेश, दीपक बैज और नकुल नाथ का नाम लेते हुए कहा ‘‘आप बार-बार सदन की कार्रवाई बाधित कर रहे हैं, तख्तियां दिखा रहे हैं, नारेबाजी कर रहे हैं और कागज फाड़कर लोकसभा कर्मियों पर फेंक रहे हैं। यह सदन की मर्यादा के विरुद्ध है।’’
उन्होंने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘मैं कभी बिना कारण के किसी सदस्य को निलंबित नहीं करना चाहता। आपको जनता ने चुना है। आपको अधिकार है यहां चर्चा करने का और अपनी बात रखने का। आप लोग अपनी सीट पर जाइए, मैं आपको शून्यकाल में आपकी बात रखने का अवसर दूंगा।’’
बिरला ने कहा, ‘‘विपक्षी सदस्य अपनी सीट से उठकर आते हैं और कहते हैं कि (हमें) निलंबित कर दीजिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह तरीका सही है क्या? सदन की यही मर्यादा है क्या? (सदस्य) नियोजित तरीके से निलंबित करने की बात कर रहे हैं, यह सही नहीं है।’’
संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सदन में तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना करने के मामले में शीतकालीन सत्र में अब तक 97 लोकसभा सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया जा चुका है।
संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम कार्यदिवस शुक्रवार को है। (भाषा)
वाशिंगटन टाउनशिप, 21 दिसंबर अमेरिका के न्यू जर्सी पाइनलैंड्स में एक समाचार चैनल का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे उसके पायलट और फोटोग्राफर की मौत हो गई। जांचकर्ता बुधवार को हुई दुर्घटना का कारण जानने के लिए सबूत तलाश रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि फिलाडेल्फिया में डब्ल्यूपीवीआई-टीवी का 'हेलीकॉप्टर 6' जर्सी के तट से काम खत्म करने के बाद लौट रहा था और यह मंगलवार रात बर्लिंगटन काउंटी में वाशिंगटन टाउनशिप के व्हार्टन स्टेट फॉरेस्ट के एक हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
टीवी चैनल ने बताया कि यह हादसा रात करीब आठ बजे हुआ। न्यू जर्सी स्टेट पार्क पुलिस ने बताया कि उन्हें रात करीब 11 बजे एक हेलीकॉप्टर के लापता होने की सूचना मिली थी।
चैनल ने पायलट की पहचान पेंसिल्वेनिया के 67 वर्षीय मोनरो स्मिथ के रूप में की है जबकि फोटोग्राफर की पहचान पेंसिल्वेनिया के 45 वर्षीय क्रिस्टोफर डफर्टी के रूप में की गई। (भाषा)
लखनऊ, 21 दिसंबर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) से दूरी बनाने वाले दलों के बारे में अनावश्यक टीका—टिप्पणी नहीं करने की सलाह देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भविष्य में कब, किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, यह कहा नहीं जा सकता।
मायावती ने यहां एक बयान में किसी का नाम लिये बगैर कहा, 'विपक्ष के गठबंधन में बसपा सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी का भी फिजूल की टीका—टिप्पणी करना उचित नहीं है। मेरी उन्हें सलाह है कि वह इससे बचें, क्योंकि भविष्य में, देश में, जनहित में कब किसको, किस की जरूरत पड़ जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता।' बसपा प्रमुख ने कहा, 'टीका—टिप्पणी करने वाले ऐसे लोगों और पार्टियों को बाद में काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े यह ठीक नहीं है। इस मामले में समाजवादी पार्टी खासतौर पर इस बात का जीता जागता उदाहरण है।' मायावती की अगुवाई वाली बसपा विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल होने से साफ इंकार करते हुए अपने बलबूते अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।
मायावती ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का संसद परिसर में निलंबित विपक्षी सांसदों द्वारा मजाक उड़ाए जाने का वीडियो बनाने को 'अशोभनीय' करार देते हुए कहा कि सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त मतभेद, तनाव और टकराव वाली घटनाओं से देश के लोकतंत्र एवं संसदीय परंपराओं को शर्मसार होने से बचाना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी किसी एक की नहीं बल्कि सभी की है।
उन्होंने हाल ही में लोकसभा की सुरक्षा में चूक को भी गंभीर चिंता का विषय बताते हुए कहा कि इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और आरोप—प्रत्यारोप के बजाय सभी को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
मायावती ने कहा कि इस मामले के जो भी दोषी और षड्यंत्रकारी हैं उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई भी होना बेहद जरूरी है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष दल है और उसे अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के अगले महीने होने जा रहे उद्घाटन पर कोई भी ऐतराज नहीं है ।
उन्होंने साथ ही कहा कि बसपा को अयोध्या में अदालत के आदेश पर सरकार द्वारा निर्धारित की गई जमीन पर निर्मित होने वाली मस्जिद के उद्घाटन पर भी कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, 'लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसकी आड़ में जो घिनौनी राजनीति की जा रही है वह अत्यंत दुखद और चिंतनीय भी है।’’
मायावती ने कहा कि ऐसी चीजों से देश कमजोर ही होगा और इससे लोगों में आपसी नफरत पैदा होती है जो कतई उचित नहीं है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 21 दिसंबर निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं से भाषणों में दिव्यांग व्यक्तियों के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक दल के सदस्यों और उनके उम्मीदवारों को अपने भाषण में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल उनके अपमान के रूप में समझा जा सकता है।
बुधवार को राजनीतिक दलों को जारी एक परामर्श में निर्वाचन आयोग ने कहा कि लोकतंत्र की नींव चुनावी प्रक्रिया में सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व में निहित है।
परामर्श में कहा गया है, ‘‘विशेष रूप से दिव्यांगजनों की समान भागीदारी सुनिश्चित करना भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लिए अहम प्राथमिकता रही है, जिससे समझौता नहीं किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग नए सिरे से एक बार फिर सख्ती से चुनावों में पहुंच और समावेशिता के सिद्धांत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।’’ (भाषा)
कोलकाता, 21 दिसंबर आयकर विभाग ने कथित कर चोरी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक बायरन बिस्वास के आवास पर तलाशी के दौरान करीब 70 लाख रुपये नकद बरामद किये हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज स्थित विधायक के आवास पर बुधवार को सुबह शुरू हुई तलाशी करीब 19 घंटे बाद देर रात खत्म हुई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने बायरन बिस्वास के आवास पर छापेमारी के दौरान 70 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि इतनी बड़ी रकम वहां क्यों रखी गई थी।’’
पीटीआई-भाषा ने जब विधायक से इस मामले पर संपर्क किया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बिस्वास ने कांग्रेस के टिकट पर सागरदिघी निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव जीता था, लेकिन बाद में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। (भाषा)
भुवनेश्वर, 21 दिसंबर ओडिशा में शीतलहर का कहर जारी है तथा राज्य में 16 स्थानों पर न्यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
विभाग ने कहा कि कंधमाल जिले के जी. उदयगिरी में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है।
उन्होंने बताया कि सिमिलीगुड़ा में न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस, फुलबनी में 6.5 डिग्री सेल्सियस, किरेई में 6.6 डिग्री सेल्सियस, कोरापुट में 7.6 डिग्री सेल्सियस, अंगुल और दरिंगबाड़ी में आठ डिग्री सेल्सियस, राउरकेला में 8.3 डिग्री सेल्सियस, क्योंझर में 8.4 डिग्री सेल्सियस और सुंदरगढ़ में 8.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
विभाग के मुताबिक, भुवनेश्वर में न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस और कटक में न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों में ओडिशा के कुछ स्थानों पर रात के तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट होने की संभावना है। (भाषा)
नई दिल्ली, 21 दिसंबर । दिल दहला देने वाली एक घटना में, एयर इंडिया की दिल्ली-मुंबई उड़ान ने अपनी निर्धारित लैंडिंग से ठीक पहले आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी।
एयरबस ए320नियो को शक्ति देने वाले दो सीएफएम इंजनों में से एक में दमकल की खराबी के कारण मंगलवार को उड़ान में चालक दल और यात्रियों के लिए तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई।
सूत्रों के अनुसार, गंभीर स्थिति का सामना करने पर पायलटों ने तुरंत मेे डे घोषित कर दिया, जिससे मुंबई हवाई यातायात नियंत्रण को आपातकाल की चेतावनी मिल गई। यात्री उत्सुकता से विमान के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे की ओर उतरने का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह सुरक्षित उतर गया।
हालांकि, एयरलाइन ने कहा कि निरीक्षण करने पर आग या धुएं का कोई संकेत नहीं मिला।
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, "19 दिसंबर 2023 को दिल्ली से मुंबई तक उड़ान भरने वाले एआई814 ने अपने एक इंजन पर आग की चेतावनी का संकेत महसूस किया। एहतियात के तौर पर, आपातकाल घोषित किया गया, और हवाई यातायात नियंत्रण को सूचित किया गया। उड़ान असमान रूप से उतरी, और निरीक्षण करने पर आग या धुएं का कोई संकेत नहीं मिला।''
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भी घटना की व्यापक जांच शुरू की है, जिसने आमतौर पर विभिन्न वाणिज्यिक विमानों में उपयोग किए जाने वाले सीएफएम इंजनों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर । फ्रांसीसी सरकार ने 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए भारत की निविदा पर औपचारिक प्रतिक्रिया पेश की है, जिसमें भारतीय नौसेना के विमान वाहक - आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए सौदे की नियम-शर्तें और मूल्य निर्धारण शामिल हैं। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने दी।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह डील करीब 50,000 करोड़ रुपये की हो सकती है। भारत के स्वीकृति पत्र (एलओए) के जवाब में फ्रांस ने अब नई दिल्ली में अपनी बोली जमा कर दी है।
अन्य देशों में सैन्य बिक्री से जुड़े फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों की एक टीम भारतीय निविदा पर बोली लगाने के लिए पेरिस से आई है।
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-समुद्री लड़ाकू जेट खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने फ्रांसीसी सरकार से भारतीय नौसेना के लिए संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर, दस्तावेज, चालक दल प्रशिक्षण और रसद समर्थन के साथ 26 राफेल-समुद्री लड़ाकू जेट की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) के जरिए स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है।
मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों द्वारा समान विमान की तुलनात्मक खरीद कीमत सहित सभी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखने के बाद कीमत और खरीद की अन्य शर्तों पर फ्रांसीसी सरकार के साथ बातचीत की जाएगी।
भारतीय डिज़ाइन किए गए उपकरणों के एकीकरण और विभिन्न प्रणालियों के लिए रखरखाव, मरम्मत और संचालन (एमआरओ) हब की स्थापना को उचित बातचीत में अनुबंध दस्तावेजों में शामिल किया जाएगा।
प्रस्तावित सौदे के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा फ्रांसीसी आयुध महानिदेशालय को एक विस्तृत अनुरोध पत्र (एलओआर) भी जारी किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि इसमें 22 सिंगल-सीट जेट और चार ट्विन-सीट ट्रेनर के साथ-साथ हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर, क्रू ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट शामिल थे।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, फ्रांस ने अब अपनी पेशकश, कीमत और अन्य विवरण के साथ जवाब दिया है।
लागत पर बातचीत और सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की अंतिम मंजूरी के बाद एक बार अनुबंध पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद डिलीवरी तीन साल में शुरू हो जाएगी।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, विमान और पनडुब्बियों की फौरन जरूरत है, क्योंकि भारतीय नौसेना कमी का सामना कर रही है और विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की जरूरत है।
विमान वाहक - आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत - मिग -29 का संचालन कर रहे हैं और दोनों वाहकों पर संचालन के लिए राफेल की जरूरत है।
एक सूत्र ने बताया कि इन सौदों की कीमत हजारों करोड़ रुपये होने का अनुमान है, लेकिन अंतिम लागत अनुबंध पर बातचीत पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगी।
एक अधिकारी ने कहा, भारत कीमत में कुछ रियायत मांग सकता है और इसमें 'मेक इन इंडिया' सामग्री पर अधिक ध्यान देने पर भी जोर दे सकता है। (आईएएनएस)।
विपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन की ताजा बैठक में सिर्फ एक नया विचार सामने आया. कुछ पार्टियों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने का सुझाव दिया, लेकिन इस पर खुद कांग्रेस क्या सोचती है?
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने मंगलवार को हुई 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में प्रस्ताव दिया कि गठबंधन को एक चेहरा चाहिए. बनर्जी ने कहा कि खरगे को या तो गठबंधन का संयोजक या प्रधानमंत्री पद का दावेदार बना देना चाहिए.
'आप' के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. और किसी पार्टी के नेता के मुखर रूप से इस प्रस्ताव के समर्थन या विरोध की खबर नहीं है. जानकारों का मानना है कि इस प्रस्ताव के तीन महत्वपूर्ण मायने हैं.
खरगे को आगे करने के मायने
पहला, कम से कम गठबंधन के कुछ नेताओं को यह अहसास हो चुका है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्ष की रणनीति की गति बढ़ाने का समय आ गया है. शायद इसलिए एक चेहरे को जनता के सामने रखने की जरूरत महसूस हो रही है.
दूसरा, अपने अलावा किसी तीसरे नेता का नाम आगे बढ़ा कर बनर्जी और केजरीवाल ने संदेश दिया है कि वो इस रेस से बाहर हैं. इससे पहले तक गठबंधन के अंदर समझौता इस बात पर हुआ था कि चुनाव से पहले किसी भी एक नेता को चेहरा बना कर आगे नहीं किया जाएगा.
इस वजह से माना जा रहा था कि लोकसभा चुनावों में अपनी अपनी पार्टियों के प्रदर्शन के आधार पर बनर्जी, केजरीवाल, एनसीपी मुखिया शरद पवार, जेडीयू मुखिया नीतीश कुमार जैसे कई नेता प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी आगे रख सकते हैं.
नए प्रस्ताव का तीसरा महत्वपूर्ण निहितार्थ यह है कि इसके जरिए बनर्जी और केजरीवाल ने कांग्रेस को संदेश दिया है कि अगर पार्टी अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम आगे करने के बारे में सोच रही हो तो यह कम से कम इन दोनों नेताओं को मंजूर नहीं है.
कांग्रेस कैसे देखती है खरगे को
कांग्रेस की तरफ से चेहरे के सवाल पर कोई स्पष्ट बयान अभी तक नहीं आया है. गठबंधन की बैठक में भी बनर्जी और केजरीवाल ने खरगे के नाम का प्रस्ताव पार्टी के पूर्व अध्यक्षों राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मौजूदगी में दिया, लेकिन दोनों कांग्रेस नेताओं ने प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
बल्कि पार्टी की तरफ से सिर्फ खरगे बोले. उन्होंने खुले शब्दों में प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया और कहा कि पहले सबको मिलकर चुनाव जीतना जरूरी है, क्योंकि "अगर एमपी ही नहीं होंगे तो पीएम की बात करके क्या फायदा."
उन्होंने पुराने समझौते को ही आगे रखा और कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार गठबंधन के नेता का फैसला चुनाव बाद गठबंधन के चुने हुए सांसद ही लेंगे. हालांकि सोनिया गांधी ने कुछ दिनों पहले खरगे के नाम पर अपनी मुहर लगाने का संकेत दिया था.
29 नवंबर, 2023 को नई दिल्ली में खरगे के जीवन पर लिखी गई एक किताब के विमोचन के कार्यक्रम में गांधी ने खरगे की सराहना में एक लंबा भाषण दिया. भाषण के अंत में उन्होंने कहा, "हमारे विश्वासपात्र और एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में मल्लिकार्जुन खरगे भारत की आत्मा के लिए इस ऐतिहासिक लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने में सबसे उपयुक्त हैं."
सीटों का सवाल
गठबंधन में शायद प्रधानमंत्री पद के दावेदार से भी ज्यादा बड़ा सवाल सीटों के बंटवारे का है, लेकिन इस मोर्चे पर 'इंडिया' की बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया. खरगे ने पत्रकारों को बताया कि तय यही हुआ कि पहले राज्य स्तर पर पार्टियों के नेता मिल बैठ कर समझौता करेंगे.
जहां राज्य स्तर पर फैसला नहीं हो पाएगा वहां गठबंधन के केंद्रीय नेता हस्तक्षेप करेंगे. इसके अलावा खरगे ने संकेत दिया कि जिन राज्यों में एक पार्टी का वर्चस्व है वहां उसी पार्टी को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने इन राज्यों में तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और बिहार का उदाहरण दिया.
इनमें से दो राज्यों में कांग्रेस के पास बहुमत है और दो में वो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब के बारे में खरगे ने कहा, "वो समस्या को भी किस ढंग से सुलझाना, ये भी बात बाद में तय हो जाएगी."
हालांकि इस मोर्चे पर अपनी गंभीरता का संकेत देते हुए कांग्रेस ने बैठक के पहले एक विशेष समिति का गठन किया. इसे "राष्ट्रीय गठबंधन समिति" का नाम दिया गया है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश को इसका सदस्य बनाया गया है.
लेकिन नेतृत्व और सीटों के बंटवारे के अलावा कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के आगे बड़ी चुनौती उन मुद्दों को पहचानने की है जिन्हें लेकर वे जनता के सामने वोट मांगने जाएंगे. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश चुनावों में बीजेपी की जीत ने दिखाया है कि विपक्ष के सामने चुनौती काफी बड़ी है.
ऐसे में जानकारों का मानना है कि विपक्ष अभी भी इस सवाल से जूझ ही रहा है कि किन विचारों को आगे रख कर चुनाव लड़ा जाए, जिन पर जनता चिंतिति हो और विपक्ष की तरफ रूचि से देख सके.
फिलहाल 'इंडिया" गठबंधन ने तय किया है कि आने वाले दिनों में और भी बैठकें और रैलियां आयोजित की जाएंगे. देखना होगा कि इनमें विपक्ष की कोई मुकम्मल नीति की रूपरेखा उभरती है या नहीं. (dw.com)
पटना, 21 दिसंबर । बिहार की राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में मनचले द्वारा एक महिला कांस्टेबल को गोली मारने का मामला सामने आया है। इस घटना में महिला कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी है, जिन्हें पीएमसीएच में भर्ती करा दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, घटना पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र अंतर्गत जेपी गंगा पथ की है। महिला कांस्टेबल पम्मी खातून अपनी सहेली प्रशिक्षु दारोगा शबाना आजमी के साथ बुधवार की रात करीब 10 बजे जेपी गंगा पथ पर मोबाइल से रील्स बना रही थी। इसी दौरान किसी ने फायरिंग कर दी। इससे महिला कांस्टेबल पम्मी खातून को बायें हाथ में गोली लग गयी। आनन फानन में इन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया जा रहा है। चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है।
डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि ये दोनों एलसीटी घाट पर थी। इस दौरान पम्मी खातून वीडियो बना रही थीं और किसी ने गोली मार दी। उन्होंने बताया कि फिलहाल घटना के कारणों की जानकारी नहीं मिल पायी है, पुलिस जांच कर रही है। घायल कांस्टेबल पटना पुलिस लाइन में तैनात है जबकि उनकी सहेली पूर्णिया में पदस्थापित है। (आईएएनएस)।
जातिवार गणना के बाद बिहार में अब शराबबंदी पर सर्वे की तैयारी है. इसके जरिए नीतीश सरकार यह जानना चाहती है कि कहीं शराबबंदी को लेकर किसी तबके में नाराजगी तो नहीं है.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को अपनी बड़ी उपलब्धि गिनाते आए हैं. उनका कहना है कि वो इसे कभी वापस नहीं लेंगे. बावजूद इसके सरकार शराबबंदी पर सर्वे कराने की तैयारी कर रही है.
कई जानकार इस सर्वे में चुनावी डर का संकेत देखते हैं. उनका मानना है कि शायद नीतीश सरकार को डर है कि 2024 के लोकसभा चुनाव या अगले विधानसभा चुनाव में कहीं यह शराबबंदी का मुद्दा भारी न पड़ जाए.
सर्वे का मकसद
अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से इसके प्रावधानों और लागू करने के तरीके पर बार-बार सवाल उठाए गए. इसी वजह से इस कानून में कई बार संशोधन किए गए. पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस के मौके पर जातिगत गणना की तरह ही घर-घर जाकर शराबबंदी पर सर्वेक्षण किए जाने की घोषणा की.
सर्वे से यह पता चल सकेगा कि कितने लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और कितने नहीं. मद्य निषेध विभाग ने इसके लिए एक प्रश्नावली तैयार की है. कहा जा रहा है कि इस सर्वे में परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के संबंध में भी जानकारी मांगी जाएगी. बिहार के सभी जिलों में कम-से-कम 2,500 घरों में सर्वे की योजना है. यह काम 12 हफ्ते में पूरा किया जाएगा. राज्य सरकार यह कवायद अपने खर्च पर करा रही है.
पहले के सर्वे में क्या पता चला
इससे पहले 2018 में भी एक सर्वेक्षण किया गया था. उसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों के शराब छोड़ने की जानकारी सामने आई थी. सर्वे के मुताबिक, इन प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने शराब से बचाए पैसे को सब्जी, कपड़े व दूध जैसी जरूरी चीजें खरीदने पर खर्च किया.
इसके बाद दूसरा सर्वे फरवरी 2023 में हुआ, जिसमें राज्य के सभी 38 जिलों के तीन हजार से ज्यादा गांव शामिल किए गए थे. यह सर्वे चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी और जीविका (बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना) ने किया था.
इसका सैंपल साइज 10 लाख से ज्यादा था. सर्वे से पता चला कि प्रतिभागियों में 99 प्रतिशत महिलाएं और 92 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं. इसमें भी दो करोड़ से ज्यादा लोगों द्वारा शराब छोड़ देने की बात सामने आई थी. रिपोर्ट के अनुसार, 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग शराबबंदी जारी रखने के समर्थन में थे.
शराबबंदी पर शुरू से ही सियासत
इस कानून के लागू होने के बाद से ही विपक्षी दलों ने सीधे-सीधे इसका विरोध नहीं किया. जानकार इसके पीछे राजनीतिक मजबूरी को कारण बताते हैं. हालांकि विपक्ष कानून को लागू करने के तरीके पर सवाल उठाता रहा है.
तब विपक्ष में रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने आरोप लगाया था कि इस कानून के जरिए केवल गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है. लालू प्रसाद यादव ने तो शराबबंदी कानून को तुरंत खत्म करने की मांग की थी. तेजस्वी यादव ने भी इसके कारण हो रहे राजस्व के नुकसान का मामला उठाया था.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी तो नीतीश कुमार के साथ रहते हुए भी शराबबंदी का विरोध करते रहे. मांझी कई बार कह चुके हैं कि इससे गरीबों का बड़ा नुकसान हुआ है.
मांझी कहते हैं, ‘‘वर्तमान शराब नीति बहुत ही दोषपूर्ण है. आज चार लाख से ज्यादा लोग शराब पीने और बेचने के आरोप में जेल में बंद हैं. इनमें 80 प्रतिशत दलित और गरीब तबके के हैं. 2025 में अगर मेरी सरकार बनी, तो या तो गुजरात मॉडल लागू कर देंगे या शराबबंदी हटा देंगे. पहले भी लोग पीते थे, अब भी पी रहे हैं. शराबबंदी में तो लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं."
लोगों के मन की बात जानने की कोशिश क्यों
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में देसी और विदेशी शराब का अवैध धंधा फल-फूल रहा है. शराबबंदी लागू होने के तीन महीने बाद ही गोपालगंज के खजूर बन्नी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से अब तक इससे 250 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
राज्य के विभिन्न थानों में इस कानून के उल्लंघन से संबंधित करीब साढ़े पांच लाख मामले दर्ज हैं. इनके अलावा करीब आठ लाख लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. अदालतों में शराबबंदी से जुड़े मुकदमों का अंबार लगा है. यही वजह रही कि दिसंबर 2021 में सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन चीफ जस्टिस एन.वी. रमन्ना ने इसे दूरदर्शिता की कमी के साथ लागू किया गया कानून बताया था.
शराबबंदी लागू करने में लापरवाही बरतने या इससे संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप में सैकड़ों पुलिसकर्मियों व सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है. ड्रोन के जरिए शराब बनाने के अड्डों की खोज की जा रही है. बरामदगी के आंकड़े और दूसरे राज्यों में माफिया की गिरफ्तारी से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड जैसे राज्यों से अवैध शराब बिहार में लाई जा रही है.
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से इसमें अब तक कई महत्वपूर्ण संशोधन किए जा चुके हैं. अब तो पहली बार पीते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान हो गया है. पत्रकार संजय सिंह कहते हैं, ‘‘जहरीली शराब से होने वाली मौतों, अदालतों में मुकदमों के अंबार और अधिक संख्या में गरीबों-दलितों की गिरफ्तारी को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं. चुनाव नजदीक आ गया है, तो जाहिर है कि सरकार पर राजनीतिक दबाव तो होगा ही. सर्वेक्षण से इस मुद्दे पर आम लोगों के मूड का पता तो चल ही जाएगा.''
क्या शराबबंदी का मकसद हासिल हुआ
बिहार में शराबबंदी लागू करने में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा की गई मांग ने इस कानून की राह बनाई. नीतीश कुमार ने 2015 के चुनाव में जीत कर आने पर इसे लागू करने का वादा किया था. इस वादे से उन्हें महिला मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिला. महिलाओं का वोट प्रतिशत 59.92 हो गया. सत्ता में लौटते ही नीतीश ने शराबबंदी की घोषणा कर दी.
पत्रकार शिवानी सिंह कहती हैं, ‘‘यह सच है कि शराबबंदी लागू होने से उन महिलाओं को नई जिंदगी मिली, जिनके पारिवारिक जीवन को शराब ने नरक बना दिया था. उनके साथ घरेलू हिंसा में कमी आई. यह नारी सशक्तीकरण और महिला सुरक्षा की दिशा में वाकई एक ऐतिहासिक कदम था.''
महिलाओं का नजरिया
जानकार मानते हैं कि इस कानून के कारण महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक दशा में सुधार भी हुआ है. हालांकि अब इसमें भी संशय नहीं कि अवैध शराब की बिक्री और जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों के कारण इस तबके में नाराजगी भी उभर रही है.
पटना की श्यामा देवी कहती हैं, ‘‘शराबबंदी बहुत अच्छी चीज है, लेकिन अवैध शराब हर जगह मिल रही है. यह बुरी बात है. यह पुलिस-प्रशासन की विफलता है. केवल नियम बना देने से कुछ नहीं होता है, उसका कड़ाई से पालन भी जरूरी है.''
इसी तरह किशोरी चौधरी का कहना है, ‘‘अब फिर से सड़कों पर शराब पीकर लड़खड़ाते लोग दिखने लगे हैं. जहरीली शराब पीने से लोग मर रहे हैं और इसका खामियाजा परिवार वाले भुगतते हैं. अगर पूरी तरह रोक लगी होती, तो उन्हें जहरीली शराब नहीं मिलती और उनकी जान नहीं जाती. नहीं तो लोग पहले भी पी रहे थे, क्या फर्क पड़ रहा था.''
और कड़ाई या ज्यादा ढील
अवैध शराब की भारी मात्रा में बरामदगी यह बताने के लिए काफी है कि सरकार और प्रशासन, शराब व्यापारियों के सिंडिकेट को तोड़ नहीं पा रही है. इनका नेटवर्क भी पूरी तरह काम कर रहा है. हालांकि इसके लिए पुलिस-प्रशासन से लेकर नेताओं तक पर संलिप्तता के आरोप लगते हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी कहते हैं, ‘‘सरकार यह बताए कि जब्त की गई दो करोड़, 16 लाख लीटर शराब राज्य में आई कहां से? हर साल राज्य को दस हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. अभी तक इसकी क्षति-पूर्ति का विकल्प तक सरकार नहीं खोज पाई है, तो अब सर्वे पर अरबों खर्च करने का औचित्य क्या है. कौन कहेगा कि शराबबंदी गलत है.''
नीतीश कुमार ने यह कहा था कि जब तक वह सत्ता में हैं, तब तक शराबबंदी जारी रहेगी. लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि सर्वे के आधार पर नए उपाय लागू किए जाएंगे. ये उपाय शराबबंदी को और कड़ाई से लागू करने वाले होंगे या ढील देने वाले होंगे, ये तो आने वाले महीनों में पता चलेगा. (dw.com)
कलबुर्गी (कर्नाटक), 21 दिसंबर । कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में एक ट्रक और जीप के बीच आमने-सामने की टक्कर में पांच वर्षीय लड़के सहित चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसा बुधवार देर रात अफजलपुर कस्बे के बाहरी इलाके में तालुक कार्यालय के पास हुआ। मृतकों की पहचान 40 वर्षीय संतोष, 55 वर्षीय शंकर, 50 वर्षीय सिद्दम्मा और पांच वर्षीय हुचप्पा के रूप में की गई। सभी अफजलपुर कस्बे के पास मडयाला गांव के रहने वाले थे।
30 वर्षीय पूजा डोड्डामणि को दुर्घटना में गंभीर चोटें आईं और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक, जीप अफजलपुर से मल्लाबाद की ओर जा रही थी और कलबुर्गी से आ रहे एक ट्रक से टकरा गई।
टक्कर में जीप चकनाचूर में तब्दील हो गई। अफजलपुर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। (आईएएनएस)।