राष्ट्रीय
संभल (उप्र), 29 दिसंबर संभल जिले में बृहस्पतिवार से 24 घंटे के भीतर तीन सगे भाइयों ने कथित तौर फंदाकर जान देना प्रयास किया, जिससे दो की मौत हो गई, जबकि एक जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, धनारी थाना क्षेत्र के औरंगाबाद गांव के निवासी पान सिंह (19) ने बृहस्पतिवार को पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा है पिता के साथ विवाद के बाद उसने यह कदम उठाया।
पुलिस ने बताया कि परिजन पान सिंह के शव को घर ले आये, घटना से आहत होकर शाम को उसके बड़े भाई बृजेश (22) ने घर के भीतर फंदा लगाने का प्रयास किया। इसके बाद परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार चल रहा है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद चंडीगढ़ में काम करने वाला तीसरा भाई मुनीश (25) शुक्रवार की सुबह गांव आ गया।
पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह गुनावत ने कहा, ‘‘चंडीगढ़ से लौटने के बाद मुनीश (25) ने भी पेड़ से फंदाकर खुदकुशी कर ली।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘परिजनों ने दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। ग्रामीणों ने हमें इस बारे में सूचना दी।’’
इसके बाद वरिष्ठ अधिकारी गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया पारिवारिक विवाद की बात सामने आ रही है।
गुनावत ने कहा, ‘‘मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। इस घटना की रिपोर्ट एसडीएम गुन्नौर को दे दी गई है।’’
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘परिजनों और कुछ ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि इन तीनों भाई एक दूसरे के बेहद करीब थे। इनके पिता चाहते थे कि सबसे छोटा बेटा गांव छोड़कर शहर जाए और कोई काम धंधा करे, जिसको लेकर दोनों में विवाद हो गया।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘फॉलोअर्स’ की संख्या एक करोड़ से अधिक हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों का कहना है कि संसद में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने के बाद उनके ‘फॉलोअर्स’ की संख्या भारी वृद्धि हुई है।
पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार कहे जाने वाले शाह के सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर 3.41 करोड़, ‘इंस्टाग्राम’ पर 1.07 करोड़ और ‘फेसबुक’ पर 1.5 करोड़ फॉलोअर्स हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद अमित शाह ही ऐसे नेता हैं, सोशल मीडिया पर जिनके सबसे अधिक फॉलोअर्स हैं।
वहीं, विपक्षी नेता के रूप में सबसे अधिक दिखाई देने वाले राहुल गांधी के ‘फेसबुक’ पर 68 लाख, ‘इंस्टाग्राम’ पर 51 लाख और ‘एक्स’ पर 2.47 करोड़ फॉलोअर्स हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि 2014 में शाह के भाजपा अध्यक्ष बनने और इसके बाद लोकसभा चुनाव में भारी जीत के बाद उनके फॉलोअर्स की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। उन्होंने कहा कि उनके भाजपा अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने 2019 में भी भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की।
शाह वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री के रूप में शामिल हुए और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित सरकार के कुछ सबसे प्रमुख तथा सैद्धांतिक कदम उठाने में उनका अहम योगदान रहा। (भाषा)
एटा (उप्र), 29 दिसंबर पुलिस ने मुठभेड़ में बृहस्पतिवार की रात पचास हजार रुपये के एक इनामी गो-तस्कर को गिरफ्तार किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बृहस्पतिवार की रात पुलिस द्वारा थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में वाहनों की जांच के दौरान एक कार अमापुर से एटा की तरफ आती हुई दिखाई दी जिसमे दो व्यक्ति सवार थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा वाहन को रुकने का इशारा किया गया तो कार सवार व्यक्तियों ने भागने का प्रयास किया । पुलिस की घेराबंदी के कारण दोनों व्यक्तियों ने पुलिस पर फायरिंग की।
पुलिस की जवाबी फायरिंग में अमरोहा निवासी खालिद दाहिने पैर में गोली लगने से घायल हो गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे उपचार के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने बताया कि खालिद का दूसरा साथी मुरादाबाद निवासी जावेद भागने में सफल रहा। गिरफ्तार 50,000 रुपये के इनामी अपराधी के खिलाफ थाना कोतवाली देहात में आईपीसी की धारा 395 (डकैती), 397 (लूट), 120बी (आपराधिक षंड़यंत्र) और उत्तर प्रदेश गोवध निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत है और वह वांछित चल रहा था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इनामी बदमाश से एक अवैध तमंचा, खोखा कारतूस, 2750 रुपए एवं एक कार बरामद की है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर जनता दल (यूनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शुक्रवार को हुई बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया।
जद(यू) के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी ने कहा कि राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा।
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज होने वाली है जिसमें कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए फैसलों का अनुमोदन किए जाने की संभावना है।
बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ललन सिंह ने कार्यकारिणी की बैठक में बताया कि वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसके मद्देनजर अपनी व्यवस्तता को देखते हुए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
उनके मुताबिक सिंह ने मुख्यमंत्री से अध्यक्ष का पद संभालने का अनुरोध किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
जद (यू) सांसद रामनाथ ठाकुर ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में एक राजनीतिक प्रस्ताव, बिहार में जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद करने का एक प्रस्ताव और संसद से 147 सांसदों को निलंबित किए जाने का एक निंदा प्रस्ताव पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों को चर्चा के बाद पारित किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी के भीतर अधिकांश प्रमुख नेताओं का मानना था कि कुमार को 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण समय में संगठन की कमान संभालनी चाहिए।
पार्टी विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।
सूत्रों ने बताया कि कुमार के साथ हाल में हुई बातचीत में पार्टी के भीतर कई नेताओं ने सिंह की नेतृत्व शैली की आलोचना की थी। (भाषा)
निकोलस योंग
सरकार की ओर से नियुक्त जांचकर्ताओं की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में नेपाल में हुए प्लेन हादसे का कारण शायद पायलट की ग़लती से प्लेन की पावर सप्लाई काट देना था.
इस प्लेन हादसे में कुल 72 लोगों की जान गई थी, जिनमें दो बच्चे भी थे.
रिपोर्ट के अनुसार, पावर सप्लाई कटने से प्लेन को धक्का मिलना बंद हो गया और वो "हवा में एक जगह पर रुक जाने" की स्थिति में पहुंच गया.
नेपाल की राजधानी काठमांडू से पोखरा जा रहे येती एयरलाइन्स का ये विमान पोखरा के पास गिर गया था. यह हादसा 15 जनवरी को हुआ था.
इस हादसे को बीते 30 साल का सबसे दर्दनाक हादसा बताया गया था.
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
हादसे का शिकार हुआ ये विमान एटीआर 72 था. 15 जनवरी के दिन ये उस विमान की तीसरी उड़ान थी. इससे पहले विमान दो बार काठमांडू से पोखरा तक का सफ़र कर चुका था.
ये निजी विमान पोखरा हवाई अड्डे से महज़ डेढ़ किलोमीटर दूर सेती नदी के पास की खाई में जा गिरा था. हादसे के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू किया गया, जिसमें सौ से अधिक नेपाली सेना के जवानों को लगाया गया.
जांच कर रही समिति के एक सदस्य और एरोनॉटिकल इंजीनियर दीपक प्रसाद बसतोला ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "विमान पहले ही गति में था, इसलिए मोमेन्टम के कारण विमान क़रीब 49 सेकंड तक हवा में रहा, फिर ज़मीन पर आ गिरा."
उन्होंने समझाया कि हो सकता है कि पायलट ने फ्लैप लीवर का इस्तेमाल करने की बजाय कंडीशन लीवर का इस्तेमाल किया जो पावर सप्लाई कंट्रोल करता है और उसे फेदरिंग पोज़िशन में रख दिया.
वो कहते हैं, "इससे इंजन अचानक बंद हो गया और विमान चलाने के लिए ज़रूरी धक्का नहीं मिला."
रिपोर्ट के अनुसार, "दोनों इंजन प्रोपेलरों के अनजाने में फेदरिंग पोज़िशन में आने के बाद चालकदल इस समस्या की पहचान नहीं कर पाया और क्रू अर्लटिंग पैनल के चेतावनी देने के बावजूद समस्या नहीं सुधार पाया."
रिपोर्ट में हादसे के अन्य कारणों के बारे में कहा गया है कि इसमें तकनीक और कौशल के मामले में चालकदल को उचित प्रशिक्षण न मिलना, उन पर काम का दबाव और तनाव और स्टैन्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं करना शामिल है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि विमान का रखरखाव सही था और इनमें कोई कमी नहीं थी. कॉकपिट में बैठने वाले चालकदल के सदस्य नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के नीति नियमों के तहत योग्य थे.
हादसे की जांच के काम में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और सिंगापुर के लगभग एक दर्जन जानकारों को शामिल किया गया था.
स्थानीय निवासी दिव्या ढकाल ने जनवरी में बीबीसी को बताया था कि उन्होंने सवेरे 11 बजे (ग्रीनविच मीन टाइम के अनुसार सवेरे 5 बजकर 15 मिनट पर) विमान को नीचे गिरते देखा, जिसके बाद वो हासदे की जगह की तरफ भागीं.
उन्होंने कहा, "जब तक मैं वहाँ पहुँची तो कई और लोग भी पहुँच चुके थे. प्लेन में आग लगी थी, जिसमें से धुंआ निकल रहा था. इसके बाद कुछ ही देर में वहां हेलिकॉप्टर्स आ गए थे. "
यूरोपीय संघ ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बीते एक दशक से नेपाली एयरलाइन्स के अपने हवाई क्षेत्र से गुज़रने पर रोक लगाई हुई है.
नेपाल में विमानों का हादसे का शिकार होना नई बात नहीं है. मुश्किल जगहों पर दूरदराज में मौजूद रनवे और अचानक बदलते मौसम के कारण यहां पहले भी विमान हादसे हुए हैं.
बीते साल मई में येती एयरलाइन्स का तारा एयर फ्लाइट नंबर 197 विमान पहाड़ों से टकरा गया था. हादसे में 22 यात्रियों समेत चालकदल की मौत हो गई थी. (bbc.com)
सल मोहम्मद अली
कांग्रेस ने अपने 139वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को महाराष्ट्र के नागपुर में एक रैली का आयोजन किया. रैली का नाम 'हैं तैयार हम' दिया गया था.
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे स्टेज पर चार बजे के आसपास पहुंचे, तब तक मैदान में लगाई गईं सभी पैंतीस हज़ार कुर्सियां भर चुकी थीं. इसके अलावा भी जगह-जगह पर लोग खड़े थे.
स्टेज के पास तैयार दूसरे मंच से इक़बाल की जानी-मानी नज़्म 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा', 'मेरे देश की धरती सोना उगले' और कवि प्रदीप की मशहूर रचना 'साबरमती के लाल तूने कर दिया कमाल' जैसे गीतों का आनंद लेते रहे. इन गानों को एक लाइव बैंड पेश कर रहा था.
पूरे मैदान में लगे वीडियो स्क्रीन, फर्श पर कार्पेट, 'हैं तैयार हम' के नारे साथ आसमान में तैर रहे गुब्बारे और मुख्य स्टेज के ऊपर कांग्रेस के झंडे के रंग वाले कपड़े, पूरी तैयारियां कांग्रेस के पूर्व के कार्यक्रमों से अलग लगीं.
लाइव बैंड के गीतों के बीच एक व्यक्ति जनसभा को माइक पर कांग्रेस का इतिहास, नागपुर से पार्टी का रिश्ता और भारत के निर्माण में पार्टी के योगदान के बारे में बता रहा था.
इसी क्रम में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, राकेश शर्मा को स्पेस में भेजे जाने, देश भर में आईआईटी जैसी संस्थाओं की स्थापना और सूचना तकनीक क्रांति जैसी बातों का ज़िक्र किया गया.
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौलाना अबुल कलाम आज़ाद तक की जेल यात्राओं और इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी की हत्या देश के नाम पर किए जाने की बात भी की.
इसी क्रम में एक शेर भी पढ़ा उन्होंने, 'हम आतिशे सोज़ां में भी एक बात कहेंगे......
हम ज़िंदा थे, हम ज़िंदा हैं, हम ज़िंदा रहेंगे
क्योंकि हम कांग्रेस हैं
कांग्रेस को क्यों याद करने पड़ रहे हैं काम
मनमोहन सिंह सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बीबीसी से कहा, “ज़रूरत है कि इन सभी बातों को बार-बार दोहराया जाए क्योंकि नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बार-बार यही आरोप तो लगाती रहती है कि पिछले 70 सालों में कुछ हुआ ही नहीं.”
बीबीसी ने उनसे पूछा था कि क्या कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उसने पूर्व में जो कुछ किया है उस भूला दिया गया है? क्या इसलिए उसे ये सारी बातें दोहरानी पड़ रही हैं?
चव्हाण ने कहा कि ये सारे वीडियो और ऐसी सामग्री मुल्क के दूसरे हिस्सों में भी भेजे और दिखाए जाएंगे ताकि आम जन का जुड़ाव पार्टी से बढ़ सके.
पृथ्वीराज चव्हाण का कहना था कि जनता से चंदा इकट्ठा करने का मक़सद भी लोगों ये ‘कनेक्ट’– जोड़ने का है.
क्या पुराने पड़ गए हैं कांग्रेस के हथियार
राजनीतिक विश्लेषक रशीद क़िदवई हालांकि मानते हैं कि कांग्रेस पुराने हथियारों से नई लड़ाइयां लड़ने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस पार्टी पर अपनी किताब '24 अकबर रोड' के लेखक उसी अकबर रोड का हवाला देते हुए कहते हैं कि जनवरी 1978 में उस भवन में गई पार्टी अब उसे ख़ाली कर दूसरे कार्यालय में शिफ़्ट कर रही है.
इन लगभग 45 सालों में दुनिया बदल गई है. लेकिन कांग्रेस उन्हीं पुराने विचारों और तरीक़ों के सहारे जीना चाहती है, मगर अब ज़रूरत है उसे बदलने की.
अब इन बातों को लेकर बहुत उत्साह नहीं दिखता. रशीद कहते हैं, ''कांग्रेस जो कर रही है, उसमें एक बिखराव सा है. उसको लेकर किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं है कि जो वो कर रहे हैं, उसका राजीतिक रिटर्न कितना है.''
राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा का ज़िक्र करते हुए वो कहते हैं कि तेलंगाना की जीत में इसके योगदान की बात हो रही है, मगर ये भी तो पूछा जाना चाहिए कि मिज़ोरम जहाँ राहुल गांधी गए वहाँ इसका असर क्यों नहीं हुआ?
राहुल की 'भारत न्याय यात्रा'
अगले महीने शुरू होने वाली राहुल गांधी की 'भारत न्याय यात्रा' को लेकर रशीद क़िदवई कहते हैं जिस मणिपुर से महाराष्ट्र तक का सफ़र वो कर रहे हैं, वहाँ पार्टी की 15 सीटें हैं. लेकिन इनके बीच कुल सीटों की तादाद 340 से अधिक है, तो क्या किसी को ये आइडिया है कि वहाँ क्या किया जाए, जिसका राजनीतिक लाभ पार्टी को मिल सके!
'भारत जोड़ो यात्रा' को लेकर यही सवाल बीबीसी ने लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी नेता गौरव गोगोई से भी पूछा था, जब उन्होंने कहा था कि उत्तर-पूर्व में माहौल भारतीय जनता पार्टी के इतना ख़िलाफ़ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां के दो राज्यों मणिपुर और मिज़ोरम में जा नहीं सकते.
इसके बावजूद बीजेपी मिज़ोरम में पिछली बार से एक सीट अधिक जीत गई.
किसे विचारधारा की लड़ाई बता रहे हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने नागपुर भाषण में कहा कि जो लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी है, वो राजनीतिक और सत्ता की लड़ाई दिखती है, मगर वो मुख्यत: विचारधारा की लड़ाई है.
कांग्रेस ने जो आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी, वो सिर्फ़ अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ नहीं थी बल्कि उन 500 से अधिक राजे-रजवाड़ों के ख़िलाफ़ भी थी जो अंग्रेज़ों के डर से उनके साथ थे.
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर सालों तक भारतीय झंडा न फहराने को लेकर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आज देश के हर वयस्क को मत देने का अधिकार है, वो कांग्रेस की देन है.
रशीद क़िदवई का कहना था कि विचारधारा की लड़ाई और संविधान बचाओ जैसी बातें आज की पीढ़ी को अपील नहीं कर रही हैं, यह कई बार सामने आ चुका है.
राहुल गांधी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर युवकों के लिए रोज़गार मुहैया करवाने का वादा यह कहते हुए किया कि नरेंद्र मोदी की सरकार ये नहीं कर सकती है.
बेरोज़गारों से कांग्रेस की उम्मीद
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का दावा था कि 30 लाख सरकारी पद ख़ाली हैं और उन पर बहाली नहीं की जा रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी स्पीच में 1920 के नागपुर में हुई कांग्रेस के सेशन का ज़िक्र किया.
कांग्रेस की उस बैठक में महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय और मोहम्मद अली जिन्ना जैसे नेता शामिल हुए थे.
इसमें असहयोग आंदोलन से जुड़े कई अहम फ़ैसले लिए गए थे, जिसे लेकर पट्टाभि सितारमैया ने लिखा है कि “इसने भारतीय इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की थी.”
कांग्रेस ने नागपुर रैली को 'हम तैयार हैं' महारैली का नाम दिया था. इसमें जनता से सस्ती गैस से लेकर, न्याय योजना को लागू करने और रोज़गार जैसे वायदों को दोहराया गया.
मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों का एक वर्ग इसे कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के शंखनाद के तौर पर देख रहा है. (bbc.com)
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने एक ट्वीट के लिए माफ़ी मांगी है. हालांकि उस ट्वीट को उन्होंने अब डिलीट कर दिया है.
डिलीट किए ट्वीट में लिखा था कि ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का स्वाभाविक कर्म है.
मंगलवार सुबह किए गए इस पोस्ट को हटाने के बाद गुरुवार को उन्होंने इसके लिए माफ़ी मांगी.
गुरुवार को उन्होंने इस बारे में सफ़ाई भी दी और कहा कि उनकी टीम के सदस्यों ने हाल में ग़लत अनुवाद वाली एक पोस्ट डाली थी.
हालांकि विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि हिंदुत्व समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी है.
क्या बोले मुख्यमंत्री?
गुरुवार शाम हिमन्त बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट हटा रहे हैं.
उन्होंने लिखा, "हाल ही में मेरी टीम के एक सदस्य ने भगवद्गीता के 18वें अध्याय से 44वां श्लोक ग़लत अनुवाद के साथ पोस्ट किया था."
उन्होंने लिखा, "जैसे ही मुझे ग़लती का पता चला, मैंने पोस्ट को तुरंत हटा लिया. अगर हटाई गई पोस्ट से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं उससे दिल से माफ़ी मांगता हूँ."
"मैं नियमित तौर पर हर सुबह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भगवद्गीता का एक श्लोक अपलोड करता हूँ. अब तक, मैंने 668 श्लोक पोस्ट किए हैं."
उन्होंने लिखा, "महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के नेतृत्व में हुए सुधार आंदोलन की वजह से असम राज्य जातिविहीन समाज की एक आदर्श तस्वीर दिखाता है."
हटाई गई पोस्ट में क्या था?
26 दिसंबर की सुबह हिमन्त बिस्व सरमा ने श्रीमदभगवद्गीता का एक श्लोक अपनो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था.
उन्होंने एक तस्वीर शेयर की थी जिस पर कृष्ण और अर्जुन की तस्वीर बनी थी और गीता का हवाला देकर एक श्लोक लिखा था.
इसमें लिखा था, "खेती गाय पालन और व्यापार- ये वैश्यों के अंतर्निहित और स्वाभाविक कर्म हैं. ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ये तीन वर्णों की सेवा करना शूद्र का भी स्वाभाविक कर्म है."
इसे शेयर करते हुए हिमन्त बिस्व सरमा ने लिखा, "भगवान श्रीकृष्ण स्वयं वैश्यों और शूद्रों के स्वाभाविक कर्मों का वर्णन करते हैं."
हो रही आलोचना
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया पर कहा कि हटाए गए पोस्ट में असम के मुख्यमंत्री ने समाज को लेकर अपने नज़रिए के बारे में लिखा था.
उन्होंने लिखा, "संवैधानिक पद पर रहते हुए आपने शपथ ली है कि सभी नागरिकों के साथ आप समान व्यवहार करेंगे. ये उस दुर्भाग्यपूर्ण क्रूरता में दिखता है, जिसका सामना बीते कुछ सालों से असम में रहने वाले मुसलमान कर रहे हैं. हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी है."
हिमन्त बिस्व सरमा विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. बीते साल दिसंबर में हिमन्त बिस्व सरमा ने कहा था कि वो मुसलमानों के वोट की उम्मीद नहीं करते क्योंकि वो वैसे भी बीजेपी के लिए वोट नहीं करते.
बीते साल असम सरकार ने बाल विवाह के ख़िलाफ़ चलाई अपनी मुहिम में दो हज़ार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए पूछा कि "क्या आम हिमन्त बिस्व सरमा के इस बयान से सहमत हैं?"
उन्होंने लिखा, "और अगर आप उनसे कुछ कहेंगे तो वो आपके पास पुलिस भेज देंगे. लेकिन इस तरह की बेतुकी टिप्पणी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता."
कम्युनिस्ट पार्टी ने हिमन्त बिस्व सरमा की पोस्ट की आलोचना करते हुए लिखा ये बीजेपी की मनुवादी विचारधारा है, जिसे साफ तौर पर देखा जा सकता है.
बहुजन लाइव्स मैटर नाम के एक ट्वीटर हैंडल ने लिखा, "हिमन्त बिस्व सरमा ने शूद्र जाति को अपमानित करने वाला जातिवादी ट्वीट पोस्ट किया. इसमें समाज के मेहनतकश और कारीगर वर्ग के बारे में उन्होंने कहा कि उनका काम ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों की सेवा करना है."
मास्टर वीजेएन नाम के एक हैंडल ने लिखा, "इस जातिवाद भरे और असंवैधानिक ट्वीट को लेकर कोई क़दम नहीं उठाया जाएगा. इसे लेकर बीजेपी के अनुसूचित जाति के वर्गों के वोटर भी नाराज़गी नहीं जताएंगे क्योंकि अब देश के लोगों को इस कदर ब्रेनवॉश कर दिया गया है." (bbc.com)
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों को लेकर उपजे विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के झज्जर जिले के वीरेंद्र अखाड़े के दौरे पर पहलवान बजरंग पूनिया के साथ मार्शल आर्ट का मुकाबला किया और जिउ जित्सु कौशल भी दिखाया ।
राहुल ने बुधवार को तड़के पहलवानों के साथ अभ्यास किया और जापानी मार्शल आर्ट का नमूना भी पेश किया ।
बजरंग ने बृहस्पतिवार को एक्स पर वीडियो अपलोड की जिसमें राहुल को जिउ जित्सु की तकनीकों का नमूना पेश करते देखा जा सकता है । उन्होंने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग को भी चित किया ।
जिउ जित्सु जापानी मार्शल आर्ट की एक विधा है ।
समझा जाता है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘धोबी पछाड़’ और ‘धाक’ जैसे कुश्ती के गुर भी सीखे । बजरंग ने उन्हें मिट्टी और मैट पर कुश्ती का फर्क भी बताया ।
राहुल ने पहलवानों के साथ नाश्ता किया जिसमें दूध, बाजरे की रोटी और साग परोसा गया । वह घर में उगाई गई सब्जियां भी अपने साथ लेकर आये ।
बजरंग ने वीडियो में कहा ,‘‘ आज राहुल जी हमारे अखाड़े आये थे और हमें बहुत अच्छा लगा । वह देखने आये थे कि पहलवान कैसे अभ्यास करते हैं । सभी बहुत खुश थे ।’’
बजरंग ने कहा ,‘‘ उन्होंने बताया कि वह जिउ जित्सु का अभ्यास करते हैं । उन्होंने हमें इसकी तकनीक के बारे में बताया और मैने उन्हें कुश्ती के दाव धोबी पछाड़ और धाक दिखाये ।’’
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन के अगुआ रहे बजरंग ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पद्मश्री सम्मान लौटाया है ।
उन्होंने बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के बाद यह कदम उठाया । सरकार ने पिछले रविवार को नयी समिति निलंबित कर दी । (भाषा)
बरेली (उप्र), 29 दिसंबर स्मैक की तस्करी के आरोप में शौहर के जेल जाने के बाद बीवी ने दूसरी शादी की और दूसरे शौहर के साथ मिलकर स्मैक तस्करी का धंधा जारी रखा। पुलिस ने दंपति को गिरफ्तार कर लिया है।
बरेली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि आरोपी महिला रेशमा पहले अपना कारोबार उत्तराखंड के काशीपुर में करती थी। रेशमा की शादी अजहर से हुई जिसके बाद उसने यहां स्मैक का कारोबार शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि जब अजहर स्मैक तस्करी के आरोप में जेल चला गया तो रेशमा का संबंध फतेहगंज पश्चिमी के शातिर तस्कर रिफाकत से हो गया। रेशमा ने रिफाकत से शादी कर ली और साथ मिलकर तस्करी करने लगे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फतेहगंज पश्चिम की पुलिस ने बृहस्पतिवार को रेशमा और उसके पति रिफाकत को गिरफ्तार किया। अदालत ने आज उन्हें जेल भेज दिया।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बृहस्पतिवार को दबिश देकर मोहल्ला सराय कस्बा से रिफाकत और रेशमा को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 2.67 लाख रुपये मूल्य का 23 ग्राम स्मैक बरामद किया था। रेशमा और रिफाकत के खिलाफ फतेहगज पश्चिमी थाने में नौ, थाना बारादरी में तीन, थाना काशीपुर (उत्तराखण्ड) में छह और थाना बनबसा, जिला चम्पावत (उत्तराखण्ड) में दो मामले दर्ज हैं।
पूछताछ में तस्कर दंपति ने बताया कि वे उत्तराखंड से स्मैक खरीदकर लाते हैं और स्थानीय बाजार में फुटकर में जगह-जगह इसे बेचते हैं। (भाषा)
विशाखापट्टनम, 29 दिसंबर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक ही परिवार के चार सदस्यों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, वहीं एक सदस्य अस्पताल में भर्ती है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि घटना विशाखापट्टनम के अनाकापल्ले जिले की है।
उसने बताया कि मृतकों की पहचान शिव रामकृष्ण (40), उनकी पत्नी माधवी (38) और दो बेटियों के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि उनकी तीसरी बेटी अस्पताल में भर्ती है।
पुलिस को संदेह है कि परिवार ने आर्थिक तंगी की वजह से यह कदम उठाया। शुरुआती जांच से पता चला है कि रामकृष्ण गुंटूर जिले के तेनाली शहर का रहने वाला था और पेशे से सुनार था। वह कुछ साल पहले काम के सिलसिले में अनाकापल्ले शहर आया था और यहीं एक फ्लैट में अपने परिवार के साथ रहने लगा।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित परिवार ने संभवत: बृहस्पतिवार रात को किसी जहरीले पदार्थ का सेवन किया होगा, जिसके बाद उनमें से चार सदस्य मृत मिले।
उसने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है तथा जांच जारी है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 दिसंबर देश में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 797 नए मामले सामने आए तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4,091 दर्ज की गई। देश में इस साल 19 मई के बाद से एक दिन में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के ये सबसे अधिक मामले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से पांच लोगों की मौत हुई है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में कोविड-19 से केरल में दो जबकि महाराष्ट्र, पुडुचेरी और तमिलनाडु में एक-एक मरीज की मौत हुई है।
इससे पहले देश में 19 मई 2023 को संक्रमण के 865 नए मामले दर्ज किए गए थे।
ठंड और कोरोना वायरस के नए उपस्वरूप के कारण हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इससे पहले पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दहाई अंक तक पहुंच गई थी।
वर्ष 2020 की शुरुआत से अब तक लगभग चार वर्षों में देश भर में कोरोना वायरस से लगभग साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए तथा इससे 5.3 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, अब तक संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4.4 करोड़ हो गई है। स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है।
मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। (भाषा)
पाकिस्तान में भारतीय फिल्में, खासकर बॉलीवुड की हिंदी फिल्में बहुत पसंद की जाती हैं. दोनों देशों के बीच राजनीतिक विवादों के बावजूद ऐसा क्या है जो वहां के लोगों को हिंदी फिल्मों की ओर खींचता है?
डॉयचे वैले पर मोहम्मद सलमान की रिपोर्ट-
पाकिस्तान में जब भी कोई भारतीय फिल्म रिलीज होती है तो उसे वहां के सेंसर बोर्ड के सख्त मानकों पर आंका जाता है. सेंसर बोर्ड इस बात पर सख्त निगाह रखता है कि कोई ऐसी फिल्म पाकिस्तान में रिलीज ना हो, जो वहां के सांस्कृतिक या राजनीतिक मानकों पर उचित ना हो.
2019 के बाद से बॉलीवुड की कोई फिल्म पाकिस्तान में रिलीज नहीं हुई है. इस साल जनवरी में जब शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान‘ को कराची के धनी इलाके डीएचए में सार्वजनिक रूप से दिखाया गया तो सेंसर बोर्ड ने उसकी स्क्रीनिंग रोक दी थी.
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कभी दोस्ताना नहीं रहे हैं. रिश्तों में इस तनाव का असर फिल्मों पर सबसे पहले होता है. फिर भी पाकिस्तान के फिल्म दर्शक बॉलीवुड और उसके सितारों के बड़े फैन हैं. शाहरूख खान वहां भी उतने ही बड़े स्टार हैं, जितने भारत में हैं. उनके अलावा आमिर खान, दीपिका पादुकोण और रणवीर कपूर को भी पाकिस्तान में खूब पसंद किया जाता है.
पिछले कुछ सालों में दक्षिण भारतीय फिल्मों को भी पाकिस्तान में खूब पसंद किया गया है. लेकिन उर्दू से समानता के कारण हिंदी फिल्मों की लोकप्रियता का अब भी कोई जवाब नहीं है.
क्यों लोकप्रिय है बॉलीवुड?
इन दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों भारत और पाकिस्तान के लोग अक्सर एक-दूसरे से कहते मिल जाएंगे कि दोनों तरफ के लोग एक जैसे हैं. दोनों की भाषा, संस्कृति और रहन-सहन में बहुत अधिक समानताएं हैं. खासकर सिनेमा और संगीत तो करीब-करीब एक ही जैसा है.
पाकिस्तान एक्टर मोहिब मिर्जा कहते हैं, "पिछले दिनों एक टीवी होस्ट इसी विषय पर बात कर रहा था. उसका कहना था 1947 में बंटवारे से पहले दोनों इलाकों में एक ही जैसी फिल्में बन रही थीं. हमारे हीरो भी पहाड़ों में गीत गाते थे और पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचते थे. लेकिन इसका असर क्या होता है, यह एक अलग सवाल है. बॉलीवुड असल में मौलिक नहीं है. उस पर दूसरे देशों का बहुत प्रभाव है.”
डॉयचे वेले से बातचीत में मिर्जा कहते हैं कि पाकिस्तान में लोगों को बॉलीवुड फिल्में इसलिए इतनी पसंद हैं क्योंकि उनकी मार्किटिंग बहुत जबरदस्त होती है. वह कहते हैं, "कुछ भी हो जाए, भारत में क्या हो रहा है ये खबर हमें मिल ही जाती है.”
लेकिन पत्रकार गाजी सलाहुद्दीन मिर्जा इससे इत्तिफाक नहीं रखते. वह कहते हैं, "पाकिस्तान में बॉलीवुड का इतना असर उसकी क्वॉलिटी के कारण है. उनकी फिल्में हम क्वॉलिटी और कंटेंट के कारण देखते हैं, जो हमारे यहां उतना अच्छा नहीं है. उन्होंने तकनीक में बहुत सुधार किया है. उनके पास बहुत बड़ा इंटरनेशनल मार्किट है इसलिए वे एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं और पैसा खर्च कर सकते हैं. भारत की आर्थिक सफलता की भी इसमें बड़ी भूमिका है.”
सब तो एक जैसा है
इसी महीने अपनी पहली फिल्म ‘गुंजल' रिलीज करने वाले फिल्मकार शोएब सुल्तान कहते हैं कि दोनों फिल्मों में बहुत समानताएं हैं. बॉलीवुड के बारे में वह कहते हैं, "यह एक विशाल उद्योग है. हमारे दर्शक उन फिल्मों को देखते हैं क्योंकि वे मनोरंजक होती हैं और सपने दिखाए जाते हैं.”
पाकिस्तान की अपनी एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री नहीं है. पैसा कमाने के लिए वहां के डिस्ट्रीब्यूटर और सिनेमा मालिक हॉलीवुड फिल्मों पर निर्भर रहते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पाकिस्तानी फिल्में बहुत कम बनती हैं.
फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर नदीम मांडवीवाला कहते हैं, "जब तक हम फिल्में बनाना शुरू नहीं करते, लोग बॉलीवुड फिल्में देखते रहेंगे. दुनिया में यही दोनों देश ऐसे हैं जहां एक जैसी फिल्में बनती हैं. गाने, संगीत, कहानियां, पहनावा, भाषा सब कुछ एक जैसा है. वे इसे हिंदी कहते हैं, हम उर्दू कहते हैं. उनकी हिंदी में 80 फीसदी उर्दू अल्फाज होते हैं.”
पर बात सिर्फ मनोरंजन की नहीं है. मांडवीवाला इस बात की ओर ध्यान दिलाते हैं कि पाकिस्तान में हिंदी फिल्मों की अहमियत उससे कहीं ज्यादा है. वह कहते हैं, "हमारे लोग इंडिया के बारे में उनकी फिल्मों की वजह से ही इतना जानते हैं. पिछले 40 साल से पाकिस्तानी पब्लिक इंडियन कंटेंट देख रही है.”
2019 में जब पाकिस्तान ने भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया तो वहां के फिल्म उद्योग को खासी परेशानी हुई है. मांडवीवाला इसे अच्छा नहीं मानते. वह कहते हैं, "हम सरकार से कहते हैं कि दो ही विकल्प हैं. या भारतीय फिल्मों को इजाजत दें या फिर हर साल 100-150 फिल्में बनाएं, ताकि पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री जिंदा रहे.” (dw.com)
बेंगलुरु, 29 दिसंबर । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के इस बयान पर कि राहुल गांधी देश का नेतृत्व कर रहे हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनेंगे, राज्य कांग्रेस में आंतरिक कलह शुरू होने की संभावना है। सूत्रों ने गुरुवार को यह बात कही।
सिद्दारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु के भारत जोड़ो सभागार में पार्टी के 139वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
सूत्रों ने कहा कि उनके इस बयान से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्दारमैया के बीच दरार पैदा हो सकती है।
गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खड़गे का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित किया था।
सिद्दारमैया ने कहा था, "ममता बनर्जी ने उनका (खड़गे का) नाम सुझाया था... यह देखना होगा कि इंडिया गठबंधन किसे अपना पीएम बनाता है।"
कांग्रेस अध्यक्ष का नाम पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित किए जाने पर टिप्पणी करते हुए कर्नाटक के मंत्री और मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने सवाल किया कि चर्चा हमेशा समुदाय विशेष के इर्द-गिर्द क्यों घूमती है, क्या दलितों की दक्षता पर विचार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने यह बयान उन सवालों के जवाब में दिया, जिसमें पूछा गया था कि क्या खड़गे जैसे वरिष्ठ दलित नेता का नाम आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को फायदा पहुंचाने के लिए आगे बढ़ाया गया है।
प्रियांक खड़गे ने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में चर्चा होती है, तो वे समुदाय पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
उन्होंने पूछा, “क्या आप उन समुदायों में दक्षता नहीं देखेंगे, जिनका आप उल्लेख कर रहे हैं? क्या वे केवल उन समुदायों के नाम पर चुने जाएंगे, जिनसे वे आते हैं।''
सूत्रों ने बताया कि सिद्दारमैया द्वारा पीएम पद के लिए खड़गे की उम्मीदवारी के प्रस्ताव का पूरे दिल से समर्थन नहीं करने पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 29 दिसंबर । दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति को यूरोपीय देश के लिए उड़ान भरने की अनुमति देने का प्रयास करने के आरोप में सीआईएसएफ कर्मियों ने एयर इंडिया के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।
हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने दावा किया कि चार एयरलाइन स्टाफ सदस्यों और एक यात्री को पकड़ा गया है।
सीआईएसएफ ने एक बयान में कहा, "बुधवार दोपहर करीब 1.15 बजे नई दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने प्रस्थान गेट नंबर 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठे एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा। यात्री की पहचान दिलजोत सिंह के रूप में हुई, जो भारतीय नागरिक था। दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने का उसका इरादा हमारेे ध्यान का केंद्र बन गया।''
प्रोफाइलिंग संबंधी चिंताओं के कारण सिंह को जांच चौकी पर गहन जांच से गुजरने का निर्देश दिया गया।
सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "उसके सामान की व्यापक जांच के बावजूद कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सिंह विमान में नहीं चढ़ा, इससे चिंता पैदा हो गई। जब उससे विमान में नहीं चढ़ने के बारे में पूछा गया, तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।"
"संदेह होने पर उसकी पिछली गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज के जरिए ट्रैक किया गया। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और यात्री से पूछताछ से पता चला कि एफ-11 काउंटर पर जांच करने के बाद वह आव्रजन के लिए आगे बढ़ा, जहां अधिकारियों ने उसे संदिग्ध यात्रा दस्तावेज रखने के कारण रोक दिया।"
सीआईएसएफ के अनुसार, संदेह को दूर करने के लिए संबंधित एयरलाइन कर्मचारियों को लाने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी फुटेज की आगे की समीक्षा करने पर पता चला कि सिंह न तो चेक-इन काउंटर पर लौटा और न ही आव्रजन काउंटर पर वापस आया। बाद की पूछताछ से पता चला कि गलत दस्तावेजों के आधार पर ही एयर इंडिया स्टाफ रोहन वर्मा, सीएसए द्वारा क्रू काउंटर एफ-11 पर चेक-इन औपचारिकताएं पूरी की गईं। उसके पास सीमेन लेटर (केवल जहाज पर काम करने के लिए अधिकृत) पर यात्रा कर रहा था, लेकिन एयर इंडिया स्टाफ वर्मा ने मैन्युअल रूप से बीआरपी (बायोमेट्रिक रेजिडेंस परमिट, यूके) के रूप में अपनी चेक-इन औपचारिकताएं पूरी कीं। पूछताछ करने पर वर्मा ने कबूल किया कि उनके सहयोगी मोहम्मद जहांगीर-सीएसए, एआईएसएटीएस के निर्देशानुसार, उन्होंने यात्री की जांच की औपचारिका पूरी की। जाली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले दो और यात्रियों से उसे 80,000 रुपये मिले।"
बयान में कहा गया है, "पूछताछ करने पर जहांगीर ने कबूल किया कि उसने अपने सहयोगी को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके यात्रियों की चेक-इन औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उसे महिपालपुर के निवासी राकेश द्वारा प्रति यात्री 40,000 रुपये की पेशकश की गई थी।"
इसके बाद उस यात्री सहित सभी शामिल कर्मचारियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया।
बाद में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आईएएनएस के पास मौजूद एफआईआर के अनुसार, हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ निगरानी और खुफिया कर्मचारियों ने एक यात्री की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो प्रस्थान द्वार संख्या 5 के पास चेक-इन क्षेत्र में बैठा था।
एफआईआर में कहा गया है, "यात्री की पहचान बाद में श्री दिलजोत सिंह (भारतीय) के रूप में की गई, जो एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली से बर्मिंघम की यात्रा करने वाले थे।"
एफआईआर के अनुसार, तीन एयरलाइन स्टाफ सदस्यों, वर्मा, यश और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज बनाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है।
(आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर । कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से बरामद भारी मात्रा में कैश को लेकर एक बार फिर से भाजपा ने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन में शामिल कांग्रेस के सहयोगी दलों से सवाल पूछा है।
भाजपा ने वर्ष 2018 में धीरज साहू द्वारा चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि उस हलफनामे के अनुसार धीरज साहू की कुल संपत्ति 34 करोड़ रुपये थी और इसके अलावा उस समय कांग्रेस सांसद के पास 26.16 लाख रुपये के हीरे के आभूषण थे। लेकिन 6 दिसंबर को साहू के ठिकानों से आयकर विभाग को 351 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 3 सूटकेस ज्वेलरी मिली है।
भाजपा ने सवाल पूछा है कि अगर साहू के हलफनामे के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 34 करोड रुपए थी तो फिर यह 351 करोड रुपए की नकदी और तीन सूटकेस भरकर ज्वेलरी आए कहां से ? भाजपा ने विपक्षी गठबंधन के खिलाफ अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चलाए जा रहे अभियान के तहत शुक्रवार को 2 मिनट और 37 सेकंड का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, "घमंडिया अलायंस के काले कारनामे सीरीज के एपिसोड 6 में देखिए, कांग्रेस पार्टी के नए और सबसे बड़े कालेधन के कुबेर धीरज साहू की कहानी और इस मामले में घमंडिया अलायंस की चुप्पी का राज।"
भाजपा ने इस वीडियो में धीरज साहू के ठिकानों से अब तक का सबसे बड़ा काले धन का खजाना मिलने की बात कहते हुए उन्हें राहुल गांधी और गांधी परिवार का करीबी बताया है। इस वीडियो में उनके पक्ष में कांग्रेस के नेताओं और उसके सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान का जिक्र करते हुए विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा गया है।
भाजपा ने धीरज साहू के मसले पर चुप्पी साधने वाले दलों पर भी सवाल उठाया है। धीरज साहू को अब तक कांग्रेस पार्टी से निलंबित नहीं करने को लेकर भी भाजपा ने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा है कि आज सारा देश कांग्रेसी सांसद की तिजोरी में बंद करोडों की नकदी को देख भी रहा है और लूट की इस कांग्रेसी संस्कृति को समझ भी रहा है।
इंदौर, 29 दिसंबर । मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में गुरुवार की देर शाम कोचिंग से लौट रही दो छात्राएं ट्रायल ट्रेन की चपेट में आ गई और उनकी मौत हो गई।
यह हादसा इंदौर-देवास रेल ट्रैक के कैलोद हाला में हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार, सैटेलाइट जंक्शन कॉलोनी की कोचिंग से पढ़कर तीन छात्राएं लौट रही थी। वो ट्रैक पार कर पाती इससे पहले ट्रायल ट्रेन आ गई, जिनमें से दो छात्राएं इसकी चपेट में आ गई और उछलकर काफी दूरी पर गिरी।
जमीन पर गिरते ही दोनों छात्राओं की मौत हो गई।
हादसे का शिकार बनी छात्राओं की पहचान कैलोद कांकड़ की राधिका भास्कर और बबली मासरक के तौर पर हुई है, जबकि उनकी तीसरी साथी बाल बाल बच गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेल लाइन के दोहरीकरण का काम चल चल रहा है और इसी दौरान ट्रायल ट्रेन वहां से गुजरी जिसकी रफ्तार काफी तेज थी और इसी की चपेट में ये छात्राएं आ गई। किसी को भी इस ट्रायल ट्रेन के गुजरने की सूचना तक नहीं थी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर । फिलिस्तीन पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फ्रांसेसा अल्बनीज ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में कम से कम 1,000 बच्चों के हाथ बिना एनेस्थीसिया के काट दिए गए हैं, क्योंकि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इजराइल ने आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के प्रवेश को बंद कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने एक्स पर लिखा, "हमारी सदी की राक्षसीता।"
उन्होंने कहा कि इजराइल गाजा के उन इलाकों पर बमबारी कर रहा है जिन्हें उसने "सुरक्षित" बताया है।
उन्होंने लिखा, "यह पूरे परिवारों को खत्म कर रहा है, अनगिनत बच्चों को अनाथ बना रहा है और अनगिनत पुरुषों और महिलाओं को अपनी संतानों को जीवन संघर्ष के लिए मजबूर कर रहा है।"
उन्होंने कहा कि गाजा में प्रत्येक कहानी कष्टदायी है।
यूनिसेफ ने कहा है कि गाजा में कम से कम 9,000 से अधिक बच्चे इजरायली बमबारी में घायल हो गए हैं, इससे उन्हें एक हाथ या पैर खोने की समस्या से जूझना पड़ा है।
7 अक्टूबर को एक अप्रत्याशित हमले में हमास द्वारा इज़राइल पर हमला करने के बाद इज़राइल ने 27 अक्टूबर को गाजा के अंदर एक ज़मीनी आक्रमण शुरू किया।
हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से, कम से कम 21,320 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं, जबकि 55,603 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं।
(आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर । पिछले कुछ दिनों से शहर में, खासकर सुबह के वक्त घना कोहरा छाया हुआ है। शुक्रवार की सुबह भी राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में कोहरे की परत छाई रही और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में मध्यम से घना कोहरा छाया रहा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दिन में दृश्यता में सुधार होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से चार डिग्री अधिक है।
आईएमडी ने कहा,पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली के कई हिस्सों और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गुरुवार रात से शनिवार (30 दिसंबर) सुबह तक और कुछ हिस्सों में रात/सुबह के दौरान घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति जारी रहने की संभावना है।”
आईएमडी कोहरे की तीव्रता को चार प्रकारों में वर्गीकृत करता है - उथला, मध्यम, घना और बहुत घना कोहरा।
दृश्यता क्रमशः 999 मीटर से 500 मीटर, 499 मीटर से 200 मीटर, 199 मीटर से 50 मीटर और 50 मीटर से कम तक होती है।
आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली के पालम स्टेशन पर 150 मीटर और सफदरजंग स्टेशन पर 200 मीटर दृश्यता दर्ज की गई।
जैसे-जैसे दिन चढ़ेगा, कोहरा धीरे-धीरे छंटने का अनुमान है, इससे दोपहर तक वातावरण साफ हो जाएगा।
उड़ान और ट्रेन कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं, कई उड़ानों में देरी हो रही है और कुछ को संभवतः रद्द करना पड़ रहा है।
कम दृश्यता के कारण 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के आगमन और प्रस्थान में देरी का सामना करना पड़ा।
यात्रियों के लिए कोहरे के कारण उत्पन्न चुनौती में, दिल्ली क्षेत्र में आने वाली कई ट्रेनों को भी देरी का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आनंद विहार क्षेत्र में पीएम2.5 का स्तर 473 पर 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है और पीएम10 447 पर पहुंच गया है, और सीओ 107 तक गिर गया है, जिसे 'मध्यम' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे टी3 पर पीएम2.5 का स्तर 425 और पीएम10 का स्तर 405 देखा गया, जो दोनों 'गंभीर' श्रेणी में आते हैं। सीओ का स्तर 'मध्यम' रेटिंग बनाए रखते हुए 104 दर्ज किया गया। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 29 दिसम्बर । केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेलफेयरिज्म मॉडल एक केस स्टडी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम के छात्रों से चर्चा के दौरान यह बात कही।
वह 'विकसित भारत 2047' छात्र समुदाय के साथ बातचीत कर रहे थे।
इस चर्चा का उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत में शैक्षिक और कौशल विकास परिदृश्य को आकार देना है।
छात्रों के साथ चर्चा सरकार के इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण और इसकी कई पहलों के इर्द-गिर्द घूमती रही, जो शैक्षिक परिदृश्य को राष्ट्र के समग्र व्यापक लक्ष्यों को केंद्र में रखते हुए हुई।
इस अवसर पर प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन, समाज के निचले पायदान पर मौजूद लोगों के उत्थान के दृष्टिकोण, सबका साथ-सबका विकास मॉडल, मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने और भारतीयता से गौरव, प्रेरणा और आत्मविश्वास प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री का वेलफेयरिज्म मॉडल एक केस स्टडी है। प्रधान ने संस्थान के छात्रों और संकाय सदस्यों को इसकी सूक्ष्मता से जांच करने और जम्मू और कश्मीर के अद्वितीय प्रस्तावों और संभावनाओं पर दीर्घकालिक केस स्टडी के साथ आने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
उन्होंने अगले 25 वर्षों के महत्व पर भी जोर दिया जब सबका प्रयास (सभी की भागीदारी) के साथ, विकसित भारत @2047 का लक्ष्य साकार होगा।
छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए, उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहल का उल्लेख किया। जिसे सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के एक हिस्से के रूप में शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए योजना बना रही है और लागू कर रही है।
बातचीत के दौरान, प्रधान ने शिक्षा के समग्र विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व का भी उल्लेख किया। अपनी यात्रा के दौरान, धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम जम्मू के जगती परिसर के निर्माण की प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन किया, जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान और भविष्य के नेताओं को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को स्वीकार किया गया।
उन्होंने संस्थान में अत्याधुनिक पुस्तकालय का भी दौरा किया और एक व्यापक शिक्षण ईकोसिस्टम प्रदान करने के लिए वहां उपलब्ध उन्नत सुविधाओं की सराहना की। (आईएएनएस)।
श्रीनगर, 29 दिसंबर । कश्मीर में सुबह घने कोहरे के कारण घाटी में जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और पूरे क्षेत्र में शुक्रवार को जबरदस्त ठंड है।
शुक्रवार की सुबह कश्मीर में दृश्यता घटकर केवल कुछ मीटर रह गई। ठंड ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
मौसम विभाग के एक बयान में कहा गया है कि श्रीनगर शहर में आज न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि गुलमर्ग और पहलगाम में क्रमश: शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे और शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया।
लद्दाख क्षेत्र के लेह शहर में न्यूनतम तापमान माइनस 14.7, कारगिल में माइनस 11.6 और द्रास में माइनस 13.8 रहा।
जम्मू शहर में रात का न्यूनतम तापमान 8.6, कटरा में 7.8, बटोट में 4.4, भद्रवाह में 1 और बनिहाल में माइनस 0.8 रहा।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि जिसे 'चिल्लई कलां' के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर को शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 29 दिसंबर । यूपी की राजधानी लखनऊ के रहमान खेडा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा विकसित की गयी अमरूद की प्रजातियां धूम मचा रहीं हैं। ये प्रजातियां न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक हैं बल्कि किसानों को भी मालामाल करने वाली हैं। इन प्रजातियों में सीआईएसएच नाम से जानी जाने वाली ललित, श्वेता, धवल और लालिमा प्रजातियां प्रमुख हैं।
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुशील शुक्ला के अनुसार, इन प्रजातियों के फल, परंपरागत रूप से प्रचलित प्रजातियों से बड़े होते हैं। स्वाद और मिठास में बेहतर होने के नाते इनका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है। इनके पौधे संस्थान की पौधशाला में विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। अमरूद स्वास्थ्य को ठीक रखता है। इसमें पोषक तत्वों की प्रचुरता है।
कृषि वैज्ञानिक सुशील शुक्ला बताते हैं कि प्रति 100 ग्राम अमरूद में नमी की मात्रा 81.70 प्रतिशत है जबकि 5.2 प्रतिशत फाइबर, 11.2 प्रतिशत कार्बोज, 0.9 प्रतिशत प्रोटीन, 0.3 प्रतिशत वसा के अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, आयरन आदि भी पाए जाते हैं।
ललित -- इस प्रजाति के फल भीतर से गुलाबी एवं बाहर से आकर्षक लाल आभायुक्त केसरिया पीले रंग के होते हैं। फल का गूदा सख्त एवं शर्करा एवं अम्ल के उचित अनुपात के साथ ही गुलाबी रंग का होता है। ताजे उपभोग एवं परिरक्षण दोनों की ही दृष्टि से यह किस्म उत्तम पायी गयी है। इसके गूदे का गुलाबी रंग परिरक्षण के बाद भी एक वर्ष तक बना रहता है। यह किस्म अमरूद की लोकप्रिय किस्म इलाहाबाद सफेदा की अपेक्षा औसतन 24 प्रतिशत अधिक उपज देती है। इन्हीं गुणों के कारण यह प्रजाति व्यावसायिक खेती के लिए मुफीद है।
श्वेता -- यह एप्पल कलर किस्म के बीजू पौधों से चयनित खूब फलत देने वाली किस्म है। वृक्ष मध्यम आकार का होता है। फल थोड़े गोल होते हैं। बीज मुलायम होता है। फलों का औसत आकार करीब 225 ग्राम होता है। बेहतर प्रबंधन से प्रति पेड़ प्रति सीजन करीब 90 किग्रा फल प्राप्त होते हैं।
धवल -- यह प्रजाति इलाहाबाद सफेदा से भी लगभग 20 फीसद से अधिक फलत देती है। फल गोल, चिकने एवं मध्यम आकार (200-250 ग्राम) के होते हैं। पकने पर फलों का रंग हल्का पीला और गूदा सफेद, मृदु सुवासयुक्त मीठा होता है। बीज भी अपेक्षाकृत खाने में मुलायम होता है।
लालिमा -- यह एप्पल ग्वावा से चयनित किस्म है। फलों का रंग लाल होता है। प्रति फल औसत वजन 190 ग्राम होता है। फलत भी अच्छी होती है। अमरूद के बाग किसी भी तरह की भूमि पर लगाए जा सकते हैं। उचित जलनिकास वाली बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए उपयुक्त है।
पौधरोपण करते समय पौध से पौध और लाइन से लाइन की मानक दूरी 5 से 6 मीटर रखें। पौधों के बड़े होने तक चार पांच साल तक इसमें सीजन के अनुसार इंटर क्रॉपिंग भी कर सकते हैं। अगर सघन बागवानी करनी है तो यह दूरी आधी कर दें। इसमें प्रबंधन और फसल संरक्षण पर ध्यान देने से पौधों की संख्या के अनुसार उपज भी अधिक मिलती है।
जाड़े में मिलने वाले अमरूद के फल अपेक्षाकृत बेहतर गुणवत्ता के होते हैं। मांग अच्छी होने से दाम भी अच्छे मिलते हैं। अगर आप जाड़े में अधिक फल चाहते हैं तो मार्च अप्रैल में आने वाले फूल को शाखाओं सहित निकाल दें। इससे जाड़े की फलत और फलों की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी।
रोपण का उचित समय जुलाई अगस्त है। सिंचाई का साधन उपलब्ध होने पर फरवरी में भी पौधे लगा सकते हैं।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन के अनुसार अपने खास स्वाद और सुगंध के अलावा विटामिन सी से भरपूर अमरूद में शर्करा, पेक्टिन भी होता है। साथ ही इसमें खनिज, विटामिंस और रेशा भी मिलता है। इसीलिए इसे अमृत फल और गरीबों का सेव भी कहते हैं।
ताजे फलों के सेवन के अलावा प्रोसेसिंग कर इसकी चटनी, जेली, जेम, जूस और मुरब्बा आदि भी बना सकते हैं।
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुशील शुक्ला के अनुसार, बेहतर आय के लिए आम के साथ अमरूद के भी बाग लगा सकते हैं। इसके लिए आम के पौधों की पौध से पौध और लाइन से लाइन की दूरी 10 मीटर रखें। दो पौधों और लाइन से लाइन के बीच 55 मीटर पर अमरूद के पौधे लगाएं। इससे अमरूद के काफी पौधे लग जाएंगे। इससे बागवानों को बेहतर और अधिक समय तक आय होगी। (आईएएनएस)।
नयी दिल्ली, 28 दिसंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा द्वारा वर्ष 2005-06 में हरियाणा में एक रियल एस्टेट एजेंट से जमीन के तीन भूखंडों की खरीद मामले की जांच की जा रही है। इसके अलावा, ईडी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा किए गए जमीन के सौदे की भी जांच कर रही है।
ईडी ने हाल ही में इससे जुड़े धनशोधन मामले में दायर किए गए एक आरोपपत्र में यह दावा किया है।
ईडी ने इस मामले में नवंबर में संयुक्त अरब अमीरात स्थित अनिवासी भारतीय कारोबारी सी. सी. थम्पी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र (अभियोजन शिकायत) दायर किया था। थम्पी का संबंध कथित तौर पर रॉबर्ट वाद्रा और सुमित चड्ढा से बताया जा रहा है। सुमित चड्ढा कथित बिचौलिये संजय भंडारी का एक रिश्तेदार है।
हालांकि, ईडी ने अपने आरोप-पत्र में रॉबर्ट वाद्रा और प्रियंका गांधी वाद्रा को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया है, लेकिन यह पहली बार है जब किसी अदालत में दायर आरोप-पत्र में प्रियंका गांधी का नाम लिया गया है।
दिल्ली में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने 22 दिसंबर को इस आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया और मामले को अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी, 2024 को सूचीबद्ध किया।
भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया था और ब्रिटिश सरकार ने ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कानूनी अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इस साल जनवरी में भारत में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
दोनों केंद्रीय एजेंसियां विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने के लिए कथित बिचौलिये भंडारी के खिलाफ धनशोधन और कर चोरी के आरोपों की जांच कर रही है।
ईडी ने अपने आरोप-पत्र में कहा कि 2015 में 67-वर्षीय थम्पी के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का मामला दर्ज करने के बाद उसे वाद्रा दंपती द्वारा जमीन की खरीद और बिक्री से संबंधित लेनदेन का पता चला। एजेंसी ने कहा कि रॉबर्ट वाद्रा और थम्पी के बीच 'एक लंबा और गहरा रिश्ता' मौजूद था।
इस मामले में ईडी पहले भी रॉबर्ट वाद्रा से पूछताछ कर चुकी है और उन्होंने जमीन सौदे में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने से इनकार किया था।
ईडी ने कहा कि थम्पी ने 2005-2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर स्थित रियल एस्टेट एजेंट एच. एल. पाहवा के माध्यम से हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अमीरपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन खरीदी थी।
ईडी ने अपने आरोप-पत्र में कहा, ‘‘यह उल्लेख करना जरूरी है कि रॉबर्ट वाद्रा ने 2005-2006 तक एच. एल. पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन भूखंड खरीदे और दिसंबर 2010 में उसी जमीन को एच. एल. पाहवा को बेच दिया। इसके अलावा रॉबर्ट वाद्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाद्रा ने अप्रैल 2006 में एच एल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीरपुर गांव में 40 कनाल (पांच एकड़) की कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में वही जमीन एच. एल. पाहवा को वापस बेच दी।’’
ईडी ने कहा, ‘‘पाहवा को भूमि अधिग्रहण के लिए बही-खातों से नकदी मिल रही थी। यह भी देखा गया कि रॉबर्ट वाद्रा ने पाहवा को पूरी धनराशि नहीं दी। इस संबंध में जांच अब भी जारी है।’’
इस मामले में थम्पी को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था और ईडी ने एक हालिया बयान में आरोप लगाया था कि वह रॉबर्ट वाद्रा का करीबी सहयोगी है। थम्पी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है।
ईडी ने आरोप-पत्र में यह भी कहा कि थम्पी ने जनवरी 2020 में एक बयान में कहा था कि उसने 10 साल से अधिक समय पहले रॉबर्ट वाद्रा से एक लैंड क्रूजर कार खरीदी थी, जिसके लिए उसने भारत में अपने एनआरई (अनिवासी बाहरी) खातों से चेक के माध्यम से रॉबर्ट वाद्रा को भुगतान किया था।
ईडी के मुताबिक, थम्पी ने 2007 में रॉबर्ट वाद्रा के साथ 10 लाख रुपये के बैंक लेनदेन की व्याख्या के लिए कोई दस्तावेज या विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। ईडी ने कहा, ‘‘इस प्रकार, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि रॉबर्ट वाद्रा का सी. सी. थम्पी के साथ घनिष्ठ संबंध है।’’
थम्पी ने जून 2019 में ईडी को बताया था कि वह रॉबर्ट वाद्रा को 10 साल से अधिक समय से जानता है और सोनिया गांधी के निजी सहायक माधवन ने शुरुआत में उनसे मिलवाया था।
थम्पी ने ईडी को बताया कि वह रॉबर्ट वाद्रा से होटल ताज मान सिंह के लाउंज और दिल्ली के कुछ अन्य रेस्तरां और दुबई में कई बार मिला था। थम्पी ने प्रवर्तन निदेशालय को यह भी बताया कि रॉबर्ट वाद्रा लंदन के 12 ब्रयानस्टन स्क्वायर स्थित संपत्ति में तीन-चार बार रुके थे।
ईडी ने इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक प्रेस बयान में कहा था कि रॉबर्ट वाद्रा ने लंदन के इस घर में पुनर्निर्माण कराया और ठहरे भी, जो भंडारी के खिलाफ चल रहे धनशोधन मामले में 'अपराध से अर्जित आय से हासिल किया गया' है।
ईडी ने 2015 के काला धन निरोधक कानून के तहत भंडारी के खिलाफ दायर आयकर विभाग के आरोप-पत्र का संज्ञान लेते हुए फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।(भाषा)
नई दिल्ली, 28 दिसंबर। भाजपा जोर-शोर से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पार्टी की चुनावी तैयारियों और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सांसदों के कामकाज को लेकर सीधे जनता से फीडबैक ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 'नमो ऐप' के जरिए जनता से सांसदों के कामकाज को लेकर फीडबैक ले रहे हैं। इसे सांसदों के कामकाज और भावी उम्मीदवारों को लेकर एक सर्वेक्षण के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसकी निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री और पार्टी आलाकमान कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी 'नमो ऐप' के जरिए सीधे लोगों से जिस तरह के सवाल पूछ रहे हैं, उससे लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उनके विजन का अंदाजा हो जाता है।
प्रधानमंत्री लोगों से पूछ रहे हैं कि, क्या आप अपने सांसद के कामकाज से संतुष्ट हैं?, क्या आपके सांसद क्षेत्र में दिखते हैं और आपके लिए उपलब्ध हैं?, क्या आप अपने सांसद की पहल (कामकाज) से अवगत हैं?, क्या आपके सांसद आपके क्षेत्र में लोकप्रिय हैं?
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी ऐप के जरिए कराए जा रहे 'जन मन सर्वे' में सीधे लोगों से यह भी पूछ रहे हैं कि वो अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में भाजपा के तीन सबसे लोकप्रिय नेताओं के नाम बताएं। मकसद बिल्कुल साफ है कि अगर जनता वर्तमान स्थानीय सांसद के कामकाज से संतुष्ट नहीं है तो पार्टी के पास लोकप्रिय नेताओं के नामों का एक पैनल भी तैयार रहे।
हाल ही में राजधानी दिल्ली में हुई पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में एक बार फिर से सभी नेताओं को यह निर्देश भी दिया गया है कि वो अपने-अपने राज्यों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से ज्यादा से ज्यादा पैमाने पर उनके मोबाइल में नमो ऐप डाउनलोड करवाएं।
दरअसल, इस सर्वे में तेजी लाने के लिए और सर्वेक्षण का एक बड़ा सैंपल साइज बनाने के लिए यह सारी कवायद की जा रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं को युद्धस्तर पर नमो ऐप डाउनलोड करने और करवाने को कहा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान सांसदों को फिर से टिकट मिलने या टिकट कटने में इस 'जन मन सर्वे' के नतीजों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।
वैसे तो पार्टी कई स्तरों पर उम्मीदवारों को लेकर सर्वेक्षण करवाती रही है, लेकिन शीर्ष स्तर पर सीधे देश की आम जनता से इतने बड़े पैमाने पर इस तरह का फीडबैक पहली बार लिया जा रहा है और इसलिए टिकट बंटवारे में इसके नतीजों की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।
बता दें कि इस बार पार्टी लोकसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा होने से पहले ही अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करना शुरू कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। अयोध्या के इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आ सकती है। (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 28 दिसंबर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ऐसे भारत के निर्माण की दिशा में काम किया है जो संसदीय लोकतंत्र और समानता पर आधारित हो।
कांग्रेस का आज 139वां स्थापना दिवस है और इसी के साथ पार्टी अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार का प्रारंभ नागपुर में विशाल रैली के साथ कर रही है।
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘ इंडियन नेशनल कांग्रेस का उद्देश्य जन कल्याण और भारत के लोगों की प्रगति है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विश्वास ऐसे भारत में है जो संसदीय लोकतंत्र पर आधारित हो, जहां समानता हो और भेदभाव के बिना सभी के लिए अवसर हों और जहां संविधान में दर्ज राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक अधिकारों का पालन हो।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हमें गर्व है कि पिछले 138 वर्ष से हम इस प्रकार के भारत के निर्माण के लिए पूरी ईमानदारी से संघर्ष करते आ रहे हैं। कांग्रेस के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रत्येक भारतीय को दिल से शुभकामनाएं।’’
कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर खरगे ने यहां पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में पार्टी के कार्यकार्ताओं को बधाई दी और कहा कि कांग्रेस जैसे संगठन का हिस्सा होने पर वह गौरवान्वित हैं जिसका आधार सत्य और अहिंसा है और प्रेम, बंधुत्व, सम्मान तथा समानता जिसके स्तंभ हैं और देशभक्ति जिसकी छत है।
कांग्रेस अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार का प्रारंभ महाराष्ट्र के नागपुर शहर में ‘हैं तैयार हम’ रैली के साथ करेगी।
पार्टी के नेताओं के अनुसार पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी रैली को संबोधित करेंगे। (भाषा)
कोलकाता, 28 दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कोलकाता में नौ अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापे मारे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों की नौ टीमों ने शहर के बड़ाबाजार इलाके, काकुरगाछी और ईएम बाईपास में विभिन्न लोगों के कार्यालयों और आवासों पर छापे मारे।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह छापेमारी प्राथमिक विद्यालय रोजगार घोटाले से संबंधित हमारी जांच का हिस्सा है। ये लोग धन की हेराफेरी में कथित तौर पर शामिल थे। हम कागजात और अन्य बैंक दस्तावेजों की तलाश कर रहे हैं।’’
गो तस्करी घोटाले में ईडी की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति से मिली सूचना के बाद बृहस्पतिवार सुबह तलाशी अभियान शुरू किया गया। (भाषा)