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नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा)। इस सप्ताह चंडीगढ़ में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया जा सकता है, जबकि 215 से अधिक वस्तुओं की दरों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए फिटमेंट समिति की सिफारिशों को मान लिया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की जीएसटी परिषद की 47 वीं बैठक 28-29 जून को होने वाली है। परिषद की बैठक छह महीने बाद हो रही है।
बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्य राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान पर गर्मागर्म चर्चा कर सकते हैं।
कर दरों पर आधिकारियों की समिति या फिटमेंट कमेटी द्वारा प्रस्तावित दरों पर विचार किया जाएगा। समिति ने कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी दर लागू करने की सिफारिश की है। समिति ने रोपवे यात्रा पर जीएसटी दर को वर्तमान में 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की भी सिफारिश की है।
इसके अलावा ओस्टोमी उपकरणों पर जीएसटी दर को वर्तमान में 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जीएसटी दरों पर एक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, जिसके मुताबिक ईवी, चाहे बैटरी से लैस हों या नहीं, पर पांच प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा।
जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की दो रिपोर्टें भी पेश की जाएंगी।
जीएसटी परिषद की बैठक में विपक्ष शासित राज्य राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति को जारी रखने की पुरजोर वकालत करेंगे। दूसरी ओर केंद्र ऐसे किसी कदम को तंग राजकोषीय स्थितियों का हवाला देते हुए रोकना चाहेगा।
जीएसटी (माल एवं सेवा कर) क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और राज्यों को जारी किया। उपकर संग्रह में कमी की वजह से ऐसा किया गया।
लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि राज्यों को राजस्व की कमी के लिए मुआवजे का भुगतान करने की व्यवस्था अगले साल जून में समाप्त हो जाएगी।
देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक जुलाई 2017 से लागू किया गया था और राज्यों को जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के एवज में पांच साल की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया गया था।
नयी दिल्ली, 27 जून। पांच राज्यों और एक केंद्र-शासित प्रदेश की तीन लोकसभा और सात विधानसभा सीटों पर 23 जून को हुए उपचुनाव के लिए रविवार को मतगणना जारी है। निर्वाचन अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सुबह आठ बजे बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में मतगणना शुरू हुई। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी और फिर इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों की गणना की जाएगी।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा उन प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिनके भाग्य का फैसला होगा। त्रिपुरा में सबसे ज्यादा चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमे अगरतला, जुबराजनगर, सुरमा और टाउन बारदोवाली शामिल है।
टाउन बारदोवाली से भाग्य आजमा रहे साहा को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए यह चुनाव जीतना होगा। वह राज्यसभा सदस्य हैं, जिन्होंने पिछले महीने तत्कालीन मुख्यमंत्री बिप्लब देब के अचानक इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। त्रिपुरा में बृहस्पतिवार को सबसे ज्यादा 76.62 फीसदी मतदान हुआ था।
जिन अन्य सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए, उनमें दिल्ली की राजेंद्र नगर, झारखंड के रांची जिले की मांडर और आंध्र प्रदेश की आत्मकुरु सीट शामिल है।
वहीं, लोकसभा उपचुनाव उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ तथा पंजाब के संगरूर निर्वाचन क्षेत्र में हुए।
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी नेता आजम खान के क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर सीटों से इस्तीफा देने के कारण कराए गए। दोनों नेताओं ने इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में विधायक चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
रामपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए घनश्याम सिंह लोधी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, आजम खान द्वारा चुने गए असीम राजा सपा के उम्मीदवार हैं। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) रामपुर से चुनाव नहीं लड़ रही है।
आजमगढ़ सीट पर भाजपा उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेता-गायक दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, सपा के धर्मेंद्र यादव और बसपा के शाह आलम, जिन्हें गुड्डू जमाली के नाम से भी जाना जाता है, के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया।
वहीं, पंजाब विधानसभा चुनावों में भगवंत मान के विधायक के रूप में चुने जाने के बाद संगरूर लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के कारण यहां उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी। मान ने 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में संगरूर सीट से भारी अंतर से जीत दर्ज की थी।
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधानसभा चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन करने के बाद राज्य में उसकी लोकप्रियता की यह पहली परीक्षा है। उपचुनाव ऐसे समय में हुए हैं, जब ‘आप’ राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर विपक्ष के हमलों का सामना कर रही है।
‘आप’ ने पार्टी के संगरूर जिला प्रभारी गुरमेल सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने धूरी के पूर्व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी पर भरोसा जताया है, जबकि भाजपा ने बरनाला के पूर्व विधायक केवल ढिल्लों को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो चार जून को पार्टी में शामिल हुए थे।
शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर को टिकट दिया है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान भी चुनाव मैदान में हैं।
झारखंड में रांची के मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण विधायक के रूप में बंधु तिर्की को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद आवश्यक हो गया। झारखंड में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 28 मार्च को तिर्की को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।
कांग्रेस ने तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर को टिकट दिया है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के दो अन्य घटक हैं। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार देव कुमार धन भी चुनाव लड़ रहे हैं।
दिल्ली के राजेंद्र नगर में ‘आप’ के दुर्गेश पाठक का भाजपा के राजेश भाटिया के साथ करीबी मुकाबला होने की संभावना है, जो क्षेत्र से पार्षद भी रह चुके हैं। कांग्रेस की उम्मीदवार प्रेम लता हैं। हाल ही में राज्यसभा के लिए चुने गए ‘आप’ नेता राघव चड्ढा के राजेंद्र नगर विधानसभा सीट छोड़ने के बाद वहां उपचुनाव कराया गया।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमने मतगणनना के लिए सभी जरूरी तैयारियां की हैं। मतगणना कक्ष में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आईटीआई पूसा में मतगणना केंद्र स्थापित किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डाक मतपत्रों की गिनती पहले की जाएगी और 26 जून को सुबह आठ बजे तक सैनिकों से प्राप्त मतपत्रों को ही मतगणना में शामिल किया जाएगा। इसके बाद ईवीएम (इलेक्ट्रनिक वोटिंग मशीन) में दर्ज मतों की गिनती की जाएगी।’’
फरवरी में आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी के निधन के कारण रिक्त हुई आत्मकुरु विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए हैं। रेड्डी के छोटे भाई विक्रम रेड्डी यहां से सत्तारूढ़ युवाजना श्रमिक रैतु (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला भाजपा के जी भरत कुमार यादव से है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जून। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ‘ध्यान भटकाने की कला’ में ‘महारत’ हासिल है लेकिन इससे सर्वकालिक उच्च बेरोजगारी दर, 30 साल के उच्च थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के 17 अरब डॉलर के अवमूल्यन जैसी विपदाओं पर पर्दा नहीं डाला जा सकता।
उन्होंने कहा कि जब भारतीय संघर्ष कर रहे हैं, तब मोदी ध्यान भटकाने की अगली योजना बनाने में व्यस्त हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री को ‘ध्यान भटाने की कला’ में हासिल महारत इन विपदाओं को छिपा नहीं सकता-डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 78 पर; एलआईसी का 17 अरब डॉलर का अवमूल्यन; डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 30 वर्ष के उच्चतम स्तर पर; बेरोजगारी दर सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर; डीएचएफएल द्वारा अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी।”
राहुल अर्थव्यवस्था को संभालने के मोदी सरकार के तौर-तरीकों की अक्सर आलोचना करते आए हैं। उन्होंने केंद्र से युवाओं को रोजगार देने का आह्वान भी किया है।(भाषा)
वाराणसी, 26 जून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर रविवार को वाराणसी से उड़ान भरने के बाद किसी पक्षी से टकरा गया जिससे उसे यहां आपात स्थिति में उतारना पड़ा।
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर के यहां से उड़ान भरते ही कोई पक्षी उससे टकरा गया, जिससे हेलीकॉप्टर को उतारना पड़ा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अब राजकीय विमान से लखनऊ रवाना होंगे।
योगी शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे और शाम को उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ विकास कार्यों को लेकर बैठक भी की। (भाषा)
म्यूनिख, 26 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी के दो दिवसीय दौरे पर रविवार को म्यूनिख पहुंचे। इस दौरान वह जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और शक्तिशाली समूह एवं उसके सहयोगी देशों के नेताओं के साथ ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, पर्यावरण और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 26 और 27 जून को होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के समूह जी-7 के अध्यक्ष के रूप में जर्मनी शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह म्यूनिख पहुंचे... प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। बाद में शाम में वह म्यूनिख में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।’’
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए जर्मनी पहुंचे। प्रधानमंत्री जलवायु, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और अन्य मुद्दों पर जी-7 देशों के नेताओं के साथ चर्चा में भाग लेने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।’’
जी-7 नेताओं के यूक्रेन संकट पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है जिसने वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट को बढ़ावा देने के अलावा भू-राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया है।
मोदी ने अपनी यात्रा से पहले एक बयान में कहा, ‘‘शिखर सम्मेलन के सत्रों के दौरान मैं पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, आतंकवाद का मुकाबला, लैंगिक समानता और लोकतंत्र जैसे सामयिक मुद्दों पर जी-7 काउंटी, जी-7 भागीदार देशों और अतिथि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करूंगा।’’
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा कि मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर जी-7 के नेताओं और अतिथि देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें और चर्चा करेंगे।
जी-7 शिखर सम्मेलन के मेजबान जर्मनी ने भारत के अलावा, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को शिखर सम्मेलन के लिए अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
मोदी ने कहा कि वह पूरे यूरोप से भारतवंशी समुदाय के सदस्यों से मिलने के लिए भी उत्सुक हैं, जो अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ यूरोपीय देशों से भारत के संबंधों को समृद्ध करने में बहुत योगदान दे रहे हैं।
जर्मनी से मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात जाएंगे और खाड़ी देश के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक व्यक्त करेंगे। पिछले कई सालों से बीमारी से जूझने के बाद 13 मई को शेख खलीफा का निधन हो गया था। (भाषा)
लखनऊ (उप्र), 26 जून। उत्तर प्रदेश में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में मतदान के बाद रविवार सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो गई और शुरुआती रुझान में आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और रामपुर में समाजवादी पार्टी (सपा) आगे चल रही हैं।
निर्वाचन आयोग के अनुसार रामपुर में सपा उम्मीदवार मोहम्मद असीम राजा 767 मतों से आगे चल रहे हैं, जबकि आजमगढ़ में भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली से 2117 मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं। आजमगढ़ में शुरुआती रुझान में तीसरे नंबर पर सपा के धर्मेंद्र यादव हैं।(भाषा)
ठाणे, 26 जून। महाराष्ट्र के ठाणे में स्थित एक मॉल में मल्टीप्लेक्स के कैफेटेरिया में आग बुझाने के अभियान के दौरान सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद चार दमकलकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। नगर निगम के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात की है।
ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख अविनाश सावंत ने बताया कि शनिवार रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर इमारत की तीसरी मंजिल पर स्थित मल्टीप्लेक्स के कैफेटेरिया में आग लग गई।
उन्होंने बताया, 'आग के आसपास के इलाके में फैलने से मल्टीप्लेक्स में दहशत का माहौल बन गया और लोग जान बचाने के लिए यहां-वहां दौड़ने लगे। दमकल की दो गाड़ियों और आरडीएमसी के दलों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने के लिए अभियान शुरू किया। लगभग पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।'
उन्होंने कहा, पास की कुछ दुकानों को भारी नुकसान हुआ है।
सावंत ने कहा कि अभियान के दौरान तीन दमकलकर्मियों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, जबकि एक अन्य को घटनास्थल पर कांच के टूटे हुए टुकड़ों के कारण चोटें आईं।
अधिकारी ने बताया कि उन सभी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। (भाषा)
बर्मिंघम, 26 जून । भारतीय कप्तान रोहित शर्मा रेपिड एंटीजेन परीक्षण (आरएटी) में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं और इंग्लैंड के खिलाफ ‘पांचवें’ टेस्ट से पूर्व उन्हें पृथकवास पर रखा गया है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने रविवार को यह जानकारी दी।
टेस्ट मैच एक जुलाई से बर्मिंघम में शुरू होगा और रोहित अगर छह दिन पृथकवास में रहते हैं तो तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह या विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को टीम की अगुआई करने को कहा जा सकता है।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा शनिवार को हुए रेपिड एंटीजेन परीक्षण (आरएटी) में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। ’’
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘वह अभी टीम होटल में पृथकवास में हैं और बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनका ध्यान रख रही है। सीटी वेल्यु का आकलन करने के लिए रविवार को आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जाएगा।’’
रोहित ने लीसेस्टर के खिलाफ अभ्यास मैच के पहले दिन बल्लेबाजी की थी लेकिन दूसरे दिन मैदान पर नहीं उतरे। उन्होंने भारत की दूसरी पारी में भी बल्लेबाजी नहीं की।
पैंतीस साल के भारतीय कप्तान रोहित के शुभमन गिल के साथ टेस्ट मैच में पारी का आगाज करने की उम्मीद थी और अब इस मुकाबले में उनका प्रतिनिधित्व आरटी-पीसीआर परीक्षण के नतीजे और उनके उबरने पर निर्भर करेगा।
आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी इंग्लैंड में टीम से देर से जुड़े क्योंकि वह टीम के ब्रिटेन दौरे पर रवाना होने से पहले कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे।
इन मुकाबलों के लिए इंग्लैंड में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल तैयार नहीं किया गया है। भारत ने भी हाल में दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी के लिए जैविक रूप से सुरक्षित माहौल तैयार नहीं किया था।(भाषा)
छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर, 25 जून। रविवार को सुबह से राजधानी को बादलों ने घेर रखा है। ये बादल रायपुर जिले और आसपास के शहरों, कस्बों में भी घिरे हैं।शहर में कहीं कहीं बारिश भी हो रही है।दोपहर बाद तेज़ बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग से जारी अधिकृत बयान के अनुसार एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका पश्चिम राजस्थान से गंगेटिक पश्चिम बंगाल तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर अंदरूनी उड़ीसा और उसके आसपास 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।प्रदेश में कल रविवार को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा भारी वर्षा होने की भी संभावना है। एक विंडशियर जोन 18 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से चरम दक्षिण छत्तीसगढ़ में अधिकांश स्थानों पर वर्षा होने की प्रबल संभावना है।
लखनऊ, 26 जून। उत्तर प्रदेश की रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में पड़े वोटों की गिनती रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो गई। यहां निर्वाचन आयोग कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
दोनों सीटों पर 23 जून को मतदान को हुआ था। इस दौरान आजमगढ़ में 49.43 फीसदी, जबकि रामपुर में 41.39 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
समाजवादी पार्टी (नेताओं) के दो नेताओं-अखिलेश यादव और आजम खां के क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के कारण वहां उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी है।
फरवरी में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में विधायक चुने जाने के बाद दोनों नेताओं ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में 63.19 प्रतिशत और आजमगढ़ में 57.56 मतदान दर्ज किया गया था।
दोनों सीटों पर हाल ही में हुए उपचुनाव में 19 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए 35 लाख से अधिक मतदाता मतदान के पात्र थे।
रामपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए घनश्याम सिंह लोधी को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, सपा ने आजम खां की पसंद असीम राजा पर भरोसा जताया है। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) रामपुर से चुनाव नहीं लड़ रही है।
उधर, आजमगढ़ में भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, सपा के धर्मेंद्र यादव और बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। (भाषा)
मंगलुरु, 26 जून। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के अधिकारी तेल रिसाव की आशंका के चलते यहां से नजदीक उल्लाल तट के पास डूबे मालवाहक पोत ‘एमवी प्रिंसेस मिरल’ के आसपास की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
आईसीजी की एक विज्ञप्ति में शनिवार को कहा गया कि जिला प्रशासन और अन्य हितधारकों के साथ किसी भी तेल रिसाव की स्थिति में तटरेखा की सफाई के लिए समन्वय किया जा रहा है।
21 जून को पोत के डूबने के बाद से तटरक्षक बल के विमानों और जहाजों द्वारा पोत में और इसके आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण के मद्देनजर लगातार निगरानी की जा रही है।
पोरबंदर से प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘आईसीजीएस समुद्र पावक’ शनिवार सुबह न्यू मैंगलोर तट पर पहुंचा और आईसीजी के अन्य पोत और विमानों के साथ समुद्र में जारी प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियान में हिस्सा लिया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जून। कांग्रेस ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने को लेकर शनिवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने सिर्फ एसआईटी की रिपोर्ट को बरकार रखा है तथा उसने ‘तुस्सी ग्रेट हो’ नहीं कहा है।
मुख्य विपक्षी ने दल यह भी कहा कि शीर्ष अदालत के निर्णय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्णयों का कभी राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, मगर भक्तों के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने मोदी/गुजरात सरकार के बारे में कहा है- "तुस्सी ग्रेट हो"! न्यायालय ने सिर्फ एसआईटी की रिपोर्ट को बरकरार रखा, जिसके मुताबिक कोई साजिश नहीं हुई और हिंसा सहज प्रतिक्रिया थी।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘गुजरात दंगों में हत्या के कई दोषियों को नहीं भूलना चाहिए जिन पर दोष सिद्ध हुआ। उच्चतम न्यायालय ने केवल प्रधानमंत्री द्वारा साजिश या बयान की बात को खारिज किया है। इसका सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के रूप में सम्मान किया जाना चाहिए।’’
वहीं, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘क्या मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और राज्य सरकार को कभी भी जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा, भले ही राज्य को पूर्व नियोजित हिंसा और दंगों में झोंक दिया जाए?’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या जिम्मेदारी केवल जिलाधिकारी और पुलिस उपायुक्त की है और राजनेताओं की कोई जिम्मेदारी नहीं है? तो फिर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारी क्या है?’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ क्या उच्चतम न्यायालय उस समय सही था, जब उसने कहा था - जब रोम जल रहा था, नीरो बंसी बजा रहा था- या यह अब सही है? क्या विफलता या निष्क्रियता अब कानून में कार्रवाई योग्य नहीं है? देश को सोचने दीजिये।’’
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसी मामले पर गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले का राजनीतिकरण करना और गलत तरीके से राजनीतिक लाभ लेना ठीक नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने गुजरात की सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री को कोई क्लीन चिट नहीं दी है। उन्होंने एसआईटी की जांच को बरकरार रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह सवाल नहीं उठेगा कि एसआईटी के समक्ष कितने गवाह नहीं पहुंचे, कितने गवाह लापता हुए? क्या अटल जी ने राजधर्म की याद नहीं दिलाई थी? क्या अटल जी उस वक्त गलत थे या फिर ये लोग सही हैं? अमित शाह जी को इसका जवाब देना चाहिए।’’
दरअसल, गृह मंत्री ने एक साक्षात्कार में न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा है, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्णय से ये फिर एक बार सिद्ध हुआ है कि नरेंद्र मोदी जी पर लगाए गये आरोप एक राजनीतिक षड्यंत्र था। मोदी जी बिना एक शब्द बोले, सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह 18-19 साल तक सहन करके लड़ते रहे। अब सत्य सोने की तरह चमकता हुआ बाहर आया है, यह गर्व की बात है।’’
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायालय ने इसके साथ ही कहा कि इन आरोपों के समर्थन में ठोस तथ्य उपलब्ध नहीं हैं कि 2002 के गोधरा दंगों को गुजरात में सर्वोच्च स्तर पर रची गई आपराधिक साजिश के कारण पूर्व-नियोजित घटना कहा जाए।
यह याचिका गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने दायर की थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 26 जून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती की अग्निपथ योजना की सरकार सालाना समीक्षा करेगी और कोई खामी या चुनौती आने पर उसका उचित समाधान करेगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना को मुख्य हितधारकों से दो साल तक मंथन के बाद अंतिम रूप दिया गया है। उन्होंने इस योजना को ‘परिवर्तनकारी’ करार दिया।
गौरतलब है कि 14 जून को सरकार ने सेना में भर्ती के लिए इस योजना की घोषणा की जिसमें साढ़े 17 से 21 साल के उम्र के युवकों की चार साल के लिए भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत भर्ती 25 प्रतिशत युवकों को सेना में 15 साल और काम करने का मौका मिलेगा। वर्ष 2022 के लिए भर्ती की ऊपरी आयुसीमा को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल किया गया है।
इस योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे क्योंकि योजना के तहत भर्ती 75 प्रतिशत युवकों के लिए रोजगार गांरटी नहीं है।
राजनाथ सिंह ने जी न्यूज के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘योजना को लागू करने दीजिए। हम हर साल इसकी समीक्षा करेंगे और अगर कोई खामी या चुनौती आएगी तो हम उन्हें दूर करने की कोशिश करेंगे। यह हमारी सरकार का वादा है।’’
उन्होंने कहा कि यह सशस्त्र बलों में भर्ती की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव होगा।
‘अग्निवीर’ के तौर पर भर्ती 75 प्रतिशत युवकों की सेवा चार साल में समाप्त होने का संदर्भ देते हुए सिंह ने कहा कि सरकार ने उनके लिए कुछ योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी कोई योजना आती है तो लोगों के दिमाग में उनके प्रति कुछ आशंकाएं होती हैं।’’
सिंह ने कहा, ‘‘मैं नहीं कह रहा कि कोई आशंका नहीं होनी चाहिए...लेकिन हम इन सभी आशंकाओं पर चर्चा करने को तैयार हैं और अगर कोई चुनौती आती है तो हम उसका समाधान करेंगे।’’ (भाषा)
मुंबई, 26 जून। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार देर शाम कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि वह पार्टी को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के चंगुल से बाहर निकालने के लिए संघर्ष रहे हैं।
शिंदे ने यह अपील पार्टी अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा उनके नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने, उनके बैनरों को हटाने, कुछ जगहों पर पथराव करने और पुणे में एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के बाद की है।
शिंदे ने ट्वीट कर कहा, “मेरे प्रिय शिवसेना के कार्यकर्ताओं, एमवीए की साजिश को समझने की कोशिश करें। मैं शिवसेना और शिवसेना कार्यकर्ताओं को एमवीए के चंगुल से बाहर निकालने के लिए लड़ रहा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस लड़ाई को शिवसेना कार्यकर्ताओं के हित में समर्पित करता हूं।’’ (भाषा)
जयपुर, 26 जून। जयपुर के मानसरोवर इलाके में शनिवार को 28 वर्षीय महिला ने द्रव्यवती नदी में छलांग लगा दी। पुलिस के अनुसार महिला का पति भी उसे बचाने के लिए कूद पड़ा और इस घटना में दोनों की मौत हो गई।
शिप्रापथ थाने के उपनिरीक्षक अमर सिंह ने बताया कि पति-पत्नी नदी किनारे बने लैंडस्केप पार्क में गए थे और अचानक महिला मधुबाला ने नदी में छलांग लगा दी। उसे बचाने के लिए पति भी कूद पड़ा।
अमर सिंह ने कहा कि इस घटना में दोनों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि नदी में पानी ज्यादा गहरा नहीं था लेकिन जिस जगह महिला कूदी वहां नीचे कीचड़ था और दंपती उसमें फंस गए।
उन्होंने कहा, ‘‘सूचना मिलने पर हम पर मौके पर पहुंचे और एक कांस्टेबल नदी में कूदा। उन्हें रस्सी की मदद से बाहर निकाला गया और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’’
महिला बिजली विभाग में इंजीनियर थी और उसका पति भी बिहार में तैनात सरकारी कर्मचारी था। उनका घर द्रव्यवती नदी परियोजना के पास स्थित है।
प्राथमिक जांच से पता चला है कि महिला अवसाद में थी और दवा ले रही थी। दंपती की एक साल की बच्ची है। (भाषा)
फर्रुखाबाद, 26 जून। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में अवैध शराब बनाने के आरोपी के घर पर पुलिस की छापेमारी की कार्रवाई के कुछ घंटों बाद व्यक्ति की मृत्यु हो गई। मृतक के परिजनों ने आरोपी की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके बाद 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने कहा कि यह घटना उस समय घटी जब मीरापुर थाने की टीम ने शुक्रवार रात ब्रह्मपुरी गांव में कथित तौर पर जहरीली शराब की बिक्री करने वाले लोगों के घरों पर छापेमारी की।
उन्होंने कहा कि पुलिस की टीम ने कुछ घरों से जहरीली शराब बरामद की जिसे नष्ट कर दिया गया और टीम लौट आई। मीणा ने कहा कि रात करीब डेढ़ बजे गांव के युवक गौतम उर्फ सेना (30) की मौत की सूचना मिली और आरोप लगाया गया है कि पुलिस के पीटने से उस व्यक्ति की मृत्यु हई।
मृतक के परिजनों ने पूरी रात पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी तथा मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार सुबह मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप ने बताया कि मृतक की पत्नी की शिकायत पर 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें से चार पुलिसकर्मी नामजद हैं, जबकि अन्य अज्ञात हैं।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस की उपस्थिति में शनिवार शाम परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। (भाषा)
जयपुर, 26 जुलाई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2020 के राजनीतिक संकट के संदर्भ में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर की गई टिप्पणी के लिए शनिवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि शेखावत ने अपने इस बयान से साबित कर दिया है कि वह 2020 में उनकी सरकार गिराने (के प्रयास) में मुख्य किरदार थे और पायलट के साथ मिले हुए थे।
शेखावत ने हाल ही में चौमूं में एक सभा में कहा था कि 2020 में पायलट से चूक हो गई। उन्होंने कहा,‘‘ अगर वह मध्य प्रदेश (के विधायकों) जैसा फैसला करते, तो राजस्थान के 13 जिलों के लोग प्यासे नहीं होते। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर काम चालू हो चुका होता।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार 13 जिलों में पेयजल के लिए महत्वपूर्ण ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर रही है।
गहलोत ने शेखावत के इस बयान की ओर इशारा करते हुए सीकर लक्ष्मणगढ़ सीकर में संवाददाताओं से कहा,‘‘आप (शेखावत) सरकार गिराने (के प्रयास) में मुख्य किरदार थे और सबको मालूम है कि आप बेनकाब हो गए हैं। दुनिया जानती है कि आडियो टेप में आवाज आपकी है, आपने खुद ने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब आप सचिन पायलट जी का नाम लेकर जो कह रहे हैं कि उन्होंने चूक कर दी, तो आपने स्वयं ही साबित कर दिया दिया कि आप उनके साथ मिले हुए थे।’’
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री पायलट एवं सत्ताधारी दल के 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व को लेकर बागी तेवर अपना लिए थे जिससे राजनीतिक संकट पैदा हो गया। हालांकि कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था। इस दौरान एक ऑडियो टेप सामने आई थी जिसमें कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उसमें कथित तौर पर शेखावत की आवाज है और इसमें सरकार को अस्थिर करने की बात की जा रही है।
गहलोत ने शनिवार को कोठ्यारी, लक्ष्मणगढ़ (सीकर) में पूर्व विधायक सांवरमल मोर की मूर्ति का अनावरण तथा श्री श्रद्धा शिक्षा भवन (बालिका महाविद्यालय) लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। इस सभा में भी शेखावत के एक बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,' वह (शेखावत) धमकी दे रहे हैं कि अगर राजस्थान में सरकार बदलने में कामयाब हो जाता और सचिन पायलट चूकता नहीं तो राज्य में पानी आ जाता । कोई केंद्रीय मंत्री ऐसी भाषा बोल सकता है? इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है कि सरकार बदलो तो पानी मैं भेज दूंगा?’’
उल्लेखनीय है कि गहलोत लगातार ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना को दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। परियोजना 37000 करोड़ रुपये से अधिक की है इससे राज्य के 13 जिलों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की पुनरीक्षण याचिका पर एक स्थानीय अदालत द्वारा शेखावत को नोटिस जारी किया गया है। इस बारे में गहलोत ने कहा,'कानून अपना काम करे, यह तो देरी से तामील हुआ है। वह (शेखावत) बचते रहे, आखिर में अदालत से नोटिस तामिल हो गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें आवाज का नमूना देने देने में तकलीफ क्या है? दिल्ली की अदालत में वह तो स्वीकार भी कर चुके हैं कि यह उनकी आवाज है। दिल्ली पुलिस भी शपथ पत्र में यह स्वीकार कर चुकी है।’’
गहलोत ने कहा कि देश में तनाव एवं हिंसा का माहौल है और तनाव की राजनीति देश एवं प्रदेश के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा,‘‘हम बार-बार कहते हैं कि देश-प्रदेश में तनाव की राजनीति उचित नहीं है क्योंकि जिस परिवार में भी तनाव होता है कि वह आगे नहीं बढ़ता बल्कि बर्बाद हो जाता है। यही बात गांव, देश एवं प्रदेश पर भी लागू होती है।’’
गहलोत ने कहा,‘‘ आज देश में तनाव , अविश्वास एवं हिंसा का माहौल है...कुछ लोग खुश हो सकते हैं कि बुलडोजर चल रहे हैं। वह बुलडोजर कभी आपके यहां भी आ सकता है।’’
उन्होंने कहा कि बिना कानून के आप किसी को अपराधी नहीं ठहरा सकते, जब तक दोष सिद्ध न हो तब तक आप दोषी को भी दोषी नहीं कह सकते है यह तो पुरानी कहावत है।'(भाषा)
मुंबई, 26 जून। एकनाथ शिंदे की बगावत को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं के बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने शहर स्थित विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं के कार्यालयों और उनके आवास पर पुलिस बल तैनात कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के कार्यालयों और आवास पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडेय की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सतर्कता बरतने और सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था), अतिरिक्त आयुक्त और क्षेत्रीय उप पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
शहर की पुलिस द्वारा राज्यसभा चुनाव से पहले जून के प्रथम सप्ताह में मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 37 के तहत जारी निषेधाज्ञा को 10 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। यह धारा एक स्थान पर पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाती है।
एक पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि उसने गलती से पहले दिन में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 का उल्लेख किया था, लेकिन बाद में स्पष्ट किया कि मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 37 के अनुसार निषेधाज्ञा लागू है।
शिवसेना के अधिकतर विधायक मंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। इससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार पर संकट मंडरा रहा है। राज्य के कुछ हिस्सों में बागी विधायकों के कार्यालयों पर हमले की कुछ घटनाएं हुई हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘शहर के पुलिसकर्मियों को सतर्क रहने और शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया है। उन्हें राजनीतिक दलों के स्थानीय नेताओं के साथ समन्वय करने और उनके कार्यक्रमों, आंदोलन और बंदोबस्त से संबंधित जानकारी अग्रिम रूप से प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है।’’ पुलिस ने कहा कि विशेष शाखा के अधिकारियों को सोशल मीडिया मंच पर नजर रखने और आपत्तिजनक सामग्री, संदेश, वीडियो पोस्ट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता कानून को हाथ में न लें, हिंसा में शामिल न हों या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचा सकें। अधिकारियों को कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि कहीं भी कोई आपत्तिजनक बैनर और होर्डिंग नहीं लगने दें।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मुंबई पुलिस पहले से ही हाई अलर्ट पर है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।
धारा 37 के तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, जुलूस निकालने, लाउड स्पीकर, संगीत बैंड और पटाखे फोड़ने पर पाबंदी रहती है। (भाषा)
चंडीगढ़, 25 जून । भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी संजय पोपली के 27 वर्षीय बेटे की यहां शनिवार को गोली लगने से मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि उसने आत्महत्या की है, जबकि परिवार ने साजिश का अंदेशा जताया है।
एक पड़ोसी ने संवाददाताओं को बताया कि सतर्कता विभाग का एक दल अधिकारी के खिलाफ मामले की जांच के सिलसिले में उसके घर आया था और घटना के वक्त वे वहां मौजूद था ।
हालांकि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि घटना होने से पहले वे लोग घर से निकल चुके थे। पंजाब पुलिस के सतर्कता विभाग ने नवांशहर में सीवेज पाइपलाइन बिछाने के लिए निविदा को मंजूरी देने के एवज में कथित रूप से रिश्वत मांगने के मामले में आईएएस अधिकारी संजय पोपली को गिरफ्तार किया था।
चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह चाहल ने कहा कि जांच में सामने आया है कि 27 साल के युवक ने खुद को गोली मार ली। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच जारी है। उन्होंने कहा कि घटना में लाइसेंसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था।
पोपली की पत्नी ने संवाददाताओं को बताया, “सतर्कता विभाग के अधिकारी हम पर दबाव डाल रहे थे और उन्होंने जो मामला दर्ज किया था उसके संबंध में गलत बयान देने के लिए मेरे घरेलू सहायक तक को परेशान कर रहे थे। मेरा 27 साल का बेटा चला गया। वह एक अच्छा वकील था। उन्होंने उसे मुझसे छीन लिया।”
अपने बेटे के रक्त के धब्बे हाथ पर दिखाते हुए पोपली की पत्नी ने कहा, “गलत मामला बनाने के लिए, उन्होंने मेरा बेटा छीन लिया, कार्तिक पोपली चला गया।”
उन्होंने रोते हुये कहा, “मैं अपने इन हाथों को तब तक नहीं धोऊंगी जब तक मुझे न्याय नहीं मिल जाता है। मुझे न्याय चाहिये । मैं अदालत जाऊंगी।’’
वह रोते-चिल्लाते बार- बार दोहरा रही थी, ‘‘मेरा बेटा मारा गया ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘(पंजाब के मुख्यमंत्री) भगवंत मान को इसका जवाब देना होगा।”
उन्होंने कहा कि उनके पति संजय को अदालत में पेश होना था कि सतर्कता विभाग का दल उनके घर आ धमका।
उन्होंने कहा, “सतर्कता विभाग के लोग कार्तिक को ऊपर के कमरे में ले गए और जब मैं ऊपर गई तो वे मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। हमारे मोबाइल फोन भी ले लिए गए थे।”
पोपली परिवार की पड़ोसी 51 वर्षीय एक महिला ने कहा, “संजय पोपली पर आरोपों को स्वीकार करने के लिये सतर्कता आयोग का दबाव था।”
महिला ने कहा, “कार्तिक पोपली को घंटों तक हिरासत में रखा गया।”
दूसरी तरफ, सतर्कता विभाग के उपाधीक्षक अजय कुमार ने बताया, ‘‘हम उनके घर से कुछ बरामदगी करने के बाद वहां से लौट आये थे । हम आरोपी के साथ लौटे थे ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम में कौन-कौन थे, इसका ब्योरा यहां के सेक्टर 11 थाने में दिया गया है ।’’
यह पूछने पर कि परिवार साजिश का आरोप लगा रहा है उन्होंने इन आरोपों को आधारहीन करार दिया । उन्होंने कहा कि हमारी टीम का कोई भी सदस्य घर के अंदर गया ही नही था ।
उन्होंने परिवार के सदस्य के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि टीम के कुछ सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की थी ।
सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पोपली के घर से 12 किलो सोना, तीन किलो चांदी, पांच मोबाइल फोन, दो स्मार्ट वाच बरामद किया है ।
प्रवक्ता ने बरामद किये गये सामान में एक-एक किलो वजन वाले सोने की नौ ईंट, सोने के 49 बिस्किट, सोने के 12 सिक्के और एक-एक किलो वजन वाले चांदी की तीन ईंट शामिल हैं।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पोपली के बेटे की मौत पर आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोला और पूछा कि अब कार्तिक को कौन वापस लायेगा ।
कार्तिक के निधन पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि हमें संजय पोपली के बेटे की मौत का गहरा दुख है।(भाषा)
अहमदाबाद, 26 जून। उच्चतम न्यायालय के 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किये जाने के एक दिन बाद शनिवार को गुजरात पुलिस ने निर्दोष व्यक्तियों को झूठा फंसाने की साजिश रचने के आरोप में पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. बी. श्रीकुमार को गिरफ्तार किया और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में ले लिया।
अहमदाबाद अपराध शाखा के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट का भी नाम है, जो पहले से ही एक अन्य मामले में जेल में है।
सीतलवाड़ ने अपनी ओर से मुंबई के सांताक्रूज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि ‘‘गिरफ्तारी’’ अवैध है और उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि अहमदाबाद लाए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हिरासत में मौत के मामले में भट्ट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
गुजरात एटीएस के एक सूत्र ने बताया, ‘‘सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में मुंबई में हिरासत में लिया है।’’
मुंबई में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद पुलिस ने सीतलवाड़ को सांताक्रूज स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें अपने साथ ले गई।
सीतलवाड़ के वकील विजय हिरेमथ ने आरोप लगाया, ‘‘उन्हें गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ता अपने साथ ले गया है....हमें मामले के बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था। वे जबरदस्ती घर में घुस गए और अपने साथ ले जाने से पहले उनके साथ मारपीट की।’’
लेकिन एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि सीतलवाड़ से मारपीट की गई थी।
अहमदाबाद अपराध शाखा के निरीक्षक डी. बी. बराड द्वारा दायर की गई शिकायत, जिस पर प्राथमिकी आधारित है, ने सीतलवाड़, भट्ट और श्रीकुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने कई लोगों को एक अपराध में दोषी ठहराने के लिए झूठे सबूत गढ़कर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की साजिश रची है।’’
शिकायत के अनुसार, उन्होंने ‘‘कई लोगों को ठेस पहुंचाने के इरादे से निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठी और दुर्भावनापूर्ण आपराधिक कार्रवाई शुरू की, और झूठे रिकॉर्ड तैयार किए ताकि कई लोगों को नुकसान और ठेस पहुंचाई जा सके।’’
शिकायत 2002 के गुजरात दंगों के मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष की गई विभिन्न प्रस्तुतियों और न्यायमूर्ति नानावती-शाह जांच आयोग के समक्ष अभियुक्तों द्वारा प्रस्तुत की गई दलीलों पर आधारित है।
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 468, 471, 194, 211,218, 120 (बी) के तहत दर्ज की गई है।
उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी और अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी थी।
सीतलवाड़ के एनजीओ ने जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई के दौरान उनका समर्थन किया था। जाफरी के पति अहसान जाफरी दंगों के दौरान मारे गए थे।
सीतलवाड़ पर गवाहों को प्रभावित करने और उन्हें पहले से टाइप किए गए हलफनामों पर हस्ताक्षर करने का भी आरोप लगाया गया था। शिकायत में कहा गया है कि जकिया जाफरी को भी सीतलवाड़ ने बरगलाया था, जैसा कि 22 अगस्त 2003 को नानावती आयोग के समक्ष उनके बयान से स्पष्ट है।
शिकायत में कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और आर. बी श्रीकुमार ने नानावटी जांच आयोग के समक्ष कई बयान दिए थे जो गुजरात सरकार के खिलाफ थे।
इसमें कहा गया है कि भट्ट ने एसआईटी को भेजे गए विभिन्न दस्तावेजों में कथित तौर पर फर्जीवाड़ा किया और यह भी झूठा दावा किया कि वह 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई बैठक में शामिल हुए थे। (भाषा)
लखनऊ, 26 जून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का दृष्टिकोण और चिंतन प्रक्रिया वैज्ञानिक है और इसी आधार पर यह राष्ट्रहित में कार्य कर रहा है।
विज्ञान भारती के पांचवें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय दृष्टि का विश्वास है कि नया ज्ञान, विज्ञान है। इस विज्ञान भारती को आरएसएस का संरक्षण प्राप्त है। आरएसएस का यह दृष्टिकोण और चिंतन प्रक्रिया वैज्ञानिक है और इसी दृष्टिकोण के साथ यह राष्ट्र के हित में कार्य कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार एक चिकित्सक और वैज्ञानिक थे। उन्होंने कहा कि पूर्व आरएसएस प्रमुख गुरुजी (माधव सदाशिव गोलवलकर) भी एक वैज्ञानिक थे और अन्य आरएसएस प्रमुखों का भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण था।
आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय दृष्टि कहती है कि किसी भी चीज को नष्ट नहीं किया जा सकता। लेकिन यह अपना स्वरूप बदल लेती है और यह एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण है।
विक्रम संवत कैलेंडर के उपयोग को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम आमतौर पर विभिन्न शुभ और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए विक्रम संवत पर आधारित पंचांग का संदर्भ लेते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर और विक्रम संवत पंचांग के बीच एक अंतर है। अंग्रेजी तिथियों में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है, जबकि विक्रम संवत में वैज्ञानिकता है।’’
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी तिथियों में कोई मुहूर्त नहीं होता और अंग्रेजी के कैलेंडर में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की तिथियां हर साल बदलती हैं, लेकिन भारतीय पंचांग के मुताबिक चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को होता है और सूर्य ग्रहण अमावस्या को होता है।
योगी ने कहा, ‘‘हमारे ऋषियों ने बहुत पहले यह कह दिया था।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पशु, पेड़-पौधे संवेदनशील होते हैं और दुनिया को यह विचार भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि महर्षि कनद ने अणु के बारे में बोला था और आज ‘गॉड पार्टिकल’ के बारे में बात की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में इसलिए पिछड़ गए क्योंकि हमने हमारे ज्ञान को धार्मिक दृष्टिकोण से अपनाया, लेकिन इसकी व्यवहारिक प्रकृति को अपनाने का प्रयास नहीं किया।’’ (भाषा)
कोलकाता, 26 जून । कोलकाता के मलिकबाज़ार में स्थित एक निजी अस्पताल में सातवीं मंजिल से गिरकर एक मरीज की मौत हो गयी।
पुलिस ने बताया कि 33 वर्षीय मरीज अपने कमरे से बाहर निकला था और दो घंटे तक इमारत की सातवीं मंजिल पर दीवार के एक किनारे बैठा रहा।
सुजीत अधिकारी नामक मरीज़ का इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस में इलाज चल रहा था। वह अपने वार्ड से निकलकर सातवीं मंजिल पर दीवार के एक किनारे दो घंटे से अधिक समय तक बैठा रहा। दमकलकर्मियों, पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों ने उसे नीचे उतारने की कोशिश की।
पुलिस के अधिकारी ने बताया कि वह अपराह्न करीब एक बजकर 10 मिनट पर इमारत की सातवीं मंजिल से नीचे गिर गया।
राज्य सरकार ने इस संबंध में अस्पताल प्राधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि मरीज़ 'बहुत गंभीर रूप से घायल' हो गया और उसकी खोपड़ी, पसली और बायां हाथ में गंभीर चोट आई थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि आपदा प्रबंधन कर्मियों को ज़मीन पर जाल बिछाते देख मरीज़ दीवार पर खड़ा हो गया था और वहां से नीचे उतरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन फिसलकर नीचे गिर गया।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि अधिकारी को अस्पताल के आईटीयू में भर्ती कराया गया , जहां शाम करीब छह बजकर 25 मिनट पर उसकी मौत हो गयी।
अस्पताल प्राधिकारियों के अनुसार, मरीज पूरी तरह ‘‘ठीक’’ था और अस्पताल कर्मियों से बात कर रहा था तथा उसने ‘‘तनाव’’ में होने का कोई संकेत नहीं दिया था।
इससे पहले, मरीज़ ने अस्पताल के कर्मचारियों और दमकल कर्मियों की वार्ड में लौटने की गुजारिश को नजरअंदाज कर दिया था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस व्यक्ति को देखने के लिए अस्पताल के सामने भीड़ जमा हो गई थी। नीचे खड़े लोगों ने उससे वहां से पीछे हटने का आग्रह किया। भीड़ के कारण व्यस्त ए जे सी बोस मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ।
अधिकारी के कहा कि परिजनों ने भी उसे समझाने की कोशिश की थी।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मरीज का बीमा हो रखा था और उसका ज्यादा बिल नहीं बनाया गया था जैसा कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया है।’’
दमकल सेवा मंत्री सुजित बोस ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस व्यक्ति ने 22 दिन पहले अपनी पत्नी को खोया था और शायद इसी की वजह से वह तनाव में था।’’(भाषा)
-सुजेन नाइनन
रूस-यूक्रेन की जंग लंबी खिंचती जा रही है. यूक्रेन पिछले चार महीने से रूस के खिलाफ डटा हुआ है. लेकिन इस मोर्चे से अलग एक और जंग के मैदान में दोनों ओर के महारथी टकराने जा रहे हैं.
अगस्त में भारत के तमिलनाडु राज्य के महाबलीपुरम में शंतरज के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठन फिडे (FIDE) के प्रमुख चुने जाएंगे.
फिडे के सर्वोच्च पद की दौड़ में इसके मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व रूसी उप प्रधाननंत्री अरकादी दवोरकोविच और यूक्रेनी ग्रैंड मास्टर एंद्रेई बारिशोपोलेत के बीच मुकाबला हो सकता है.
शतरंज संघ के अध्यक्ष बनने का मुकाबला
रूस के पूर्व उप प्रधानमंत्री दवोरकोविच दूसरी बार इस पद को हासिल करना चाहते हैं. उनका मुकाबला यूक्रेनी ग्रैंड मास्टर बेरिशपोलेत्स के अलावा फ्रांस के बशार कोतले और बेल्जियम के इनालबेक शेरिपोव से है.
चार महीने पहले रूस ने यूक्रेन पर हमला कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था. इसके बाद से रूस को कई ग्लोबल फोरम से दरकिनार किया जा रहा है लेकिन दवोरोकोविच कैंप दो वजहों से अपनी जीत की उम्मीद लगाए हुए है.
महामारी के दौरान शतरंज खूब लोकप्रिय हुआ. इस मुश्किल दौर में फिडे की कोशिश से टूर्नामेंट का कैलेंडर काफी अच्छे तरीके से चलता रहा है.
दवोरोकोविच कैंप का मानना है कि यह उनकी मेहनत का नतीजा है. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वियों का मानना है कि रूस काफी लंबे समय तक शतरंज प्रशासन को नियंत्रित करता रहा है.
इस मोर्चे पर रूस और यूक्रेन की जंग का एक और दिलचस्प पहलू है. दवोरोकोविच अगर अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं तो वह भारत के विश्वनाथन आनंद को उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाएंगे.
पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद वर्ल्ड चेस में काफी सम्मानित नाम हैं. वहीं यूक्रेनी ग्रैंड मास्टर एंद्रेई बेरिशोपोलेत्स जीतते हैं तो वो उपाध्यक्ष पद के लिए पिटर हिन नीलसन को खड़ा करेंगे. वह विश्वनाथन आनंद के कोच रह चुके हैं.
नीलसन इस वक्त दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी मैगनस कार्लसन के कोच हैं. आनंद 2007 से 2012 के बीच पांच वर्ल्ड टाइटिल जीत चुके हैं. इसमें से चार के दौरान नीलसन उनके कोर ट्रेनर ग्रुप में शामिल रहे हैं.
नीलसन फिडे के सबसे कटु आलोचकों में शामिल रहे हैं. वह इसकी फंडिंग में पारदर्शिता और इसमें रूसी शतरंज फे़डरेशन के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अधिकारियों के शामिल रहने को लेकर सवाल उठा चुके हैं.
नीलसन ने बीबीसी से कहा, "हमारी लड़ाई दवोरोकोविच से नहीं है. हमारी लड़ाई फिडे पर रूस के कब्जे के ख़िलाफ़ है. पिछले चार साल में शतरंज के 20 बड़े आयोजनों में से 11 की मेजबानी रूस ने की है."
वह कहते हैं, "अंतरराष्ट्रीय शतरंज से जुड़े समुदाय में लोगों की यह बड़ी इच्छा है कि वह रूस से दूरी बनाना शुरू करे. यह समुदाय रूस के प्रभाव से मुक्त एक स्वतंत्र अस्तित्व बनाना चाहता है. ये चुनाव आमूलचूल बदलाव ला सकता है. इस चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें हैं."
दवोरोकोविच के फिडे का अध्यक्ष बनने से पहले रूसी कारोबारी और राजनीतिक नेता करसन इलमझिनोव दो दशक तक इसके अध्यक्ष बने रहे थे. उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का समर्थन हासिल था.
लेकिन उनका कार्यकाल का शतरंज के इस अंतरराष्ट्रीय संगठन की छवि पर काफी असर पड़ा. हालांकि आनंद मानते हैं कि दवोरोकोविच के कार्यकाल में फिडे में काफी अच्छे बदलाव दिखे हैं.
आनंद क्यों कूदे मैदान में?
अपने तीस साल से अधिक के करियर में आनंद शतरंज की राजनीति से दूर रहे थे. यहां तक कि 1990 के दशक में जब गैरी कास्परोव और नाइजल शॉर्ट ने फिडे से बगावत कर प्रतिद्वंद्वी संगठन बनाया था तब भी वह तटस्थ ही थे.
आनंद का मानना है कि वह राजनीति के लिए फिट नहीं हैं. इसके अलावा उन्हें इस बात का भी डर था इससे उनका खेल न बिगड़ जाए.
उन्हें इस बात की चिंता थी कि राजनीति में पड़ने पर वो अपनी रैंकिंग ऊंची कर अपनी काबिलियत साबित नहीं कर पाएंगे.
उस दौरान ये एक तरह की विसंगति थी. आनंद ऐसे बड़े गैर रूसी खिलाड़ी थी, जिसके पास कोई बड़ा संस्थागत समर्थन नहीं था.
आनंद अब 52 साल के हो रहे हैं. लेकिन अभी भी शतरंज में सक्रिय हैं. इतने साल के बाद अब जाकर शतरंज के संगठन में वो किसी एक पक्ष में खड़े दिख रहे हैं.
यहां तक कि दवोरोकोविच के आलोचक भी इस बात पर सहमत होंगे कि अपने सहयोगी के तौर पर आनंद का चुनाव करना एक बेहतर सूझबूझ वाला फैसला है.
आनंद शतरंज के महान खिलाड़ियों में से एक है. उन्हें काफी पसंद किया जाता है. उनका राजनीति से संबंध नहीं रहा है और सार्वजनिक जीवन में उनकी छवि बेदाग है.
नीलसन कहते हैं, "विशी (आनंद) अगर शतरंज की राजनीति से जुड़ते हैं तो ये इस समुदाय के लिए बड़ी खुशी का बात होगी. इस खेल को उनकी ओर से बढ़ावा मिलना काफी शानदार साबित होगा लेकिन दुख की बात ये है कि उन्होंने रूस के साथ जाने का फैसला किया है."
हालांकि आनंद का मानना है कि वह ऐसे पाले में हैं जिसने अपनी साख बनाई है.
दवोरोकोविच की काबिलियत
दवोरोकोविच की प्रतिष्ठा एक मॉडर्न टेक्नोक्रेट और एक योग्य प्रशासक की है. उनकी ट्रेनिंग एक अर्थशास्त्री के तौर पर हुई है. साल 2018 में जब रूस में फीफा वर्ल्ड कप हुआ था तो वह आयोजन समिति के अध्यक्ष थे.
लेकिन दवोरोकोविच की योग्यताओं के बावजूद शतरंज पर रूस का नियंत्रण का मुद्दा विवाद का विषय बना हुआ है. खास कर रूस और यूक्रेन के युद्ध की पृष्ठभूमि में.
चेस24 को हाल में दिए गए एक इंटरव्यू में दवोरोकोविच ने कहा कि युद्ध की वजह से उन पर 'रूस के हितों का बचाव' करने का दबाव है.
उन्हें कुछ कड़े फैसले लेने पड़े है. इनमें रूसी कंपनियों के साथ स्पॉन्सरशिप के करार खत्म करने जैसा फैसला भी शामिल है. वह जटिल स्थिति में फंसे हुए हैं.
आनंद कहते हैं, "आप देख सकते हैं कि दवोरोकोविच ने खास कर इस साल ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिनसे लगता है कि वह रूस के प्रभाव से अलग होकर काम कर रहे हैं. उन्होंने रूस के बजाय फिडे के अध्यक्ष के तौर पर काम किया है. ''
वर्ल्ड चेस में पांचवें नंबर के खिलाड़ी लेवन एरोनियन मानते हैं दवोरोकोविच का कार्यकाल प्रभावी रहा है.
वह कहते हैं, "पहले फिडे को चलाने वाले लोग उदासीन थे. वो खिलाड़ियों की ज्यादा परवाह नहीं करते थे. लेकिन मौजूदा प्रशासन अच्छा काम कर रहा है. ज्यादातर खिलाड़ी इस बात पर सहमत होंगे. कोविड के बावजूद पिछले दो साल में कई बड़े टूर्नामेंट हुए हैं."
हालांकि वो मानते हैं कि वित्तीय मामलों में मैनेजमेंट को ज्यादा पारदर्शी होना होगा.
कैसे मिली भारत को शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी?
पहले रूस को शतरंज ओलंपियाड और फिडे सम्मेलन की मेजबानी करनी थी लेकिन यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस से यह अधिकार छीन लिया गया.
अब मेजबानी भारत को मिली है. भारत इस ओलंपियाड को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दवोरोकोविच की मौजूदगी में शतरंज ओलंपिक की मशाल रैली का उद्घाटन किया. यह मशाल देश के 75 शहरों में घूमेगी और फिर महाबलीपुरम पहुंचेगी.
शतरंज ओलिंपियाड तीन दशक बाद एशिया लौटा है. भारत पहली बार शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को अपने पाले में कर दवोरोकोविच ने काफी सूझबूझ भरा कदम उठाया है. (bbc.com)
'छत्तीसगढ' संवादददाता
कबीरधाम (कवर्धा), 26 जून। उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर से मजदूरों को लेकर बिलासपुर आ रही एक तेज रफ्तार बस अनियंत्रित होकर कुकदुर से 10 किलोमीटर पहले पोलमी के पास एक खाई में गिर गई। घटना में दो बच्चियों की मौत हो गई है और 20 यात्री घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घायलों के त्वरित उपचार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है।
घटना शनिवार की शाम लगभग 5.30 बजे की है। जानकारी के अनुसार जांजगीर, मुंगेली और बिलासपुर के करीब 60 मजदूरों को लेकर नंदिनी ट्रैवल्स की बस पोलमी ग्राम के समीप आगरपानी मोड़ पर बेकाबू हो गई। यहां पर ढलान होने के बावजूद बस की स्पीड तेज थी, जिसके चलते वह 25 फीट नीचे खाई में जा गिरी और पलट गई। बस के भीतर फंसे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने पुलिस को फोन करने की कोशिश की लेकिन वहां से टेलीफोन का नेटवर्क नहीं मिल रहा था। पुलिस को पहुंचने में करीब एक घंटे लग गए। इस बीच कई यात्री अपने ही प्रयासों से बाहर निकल आए। कुछ फंसे यात्रियों को पुलिस और राहगीरों ने खींचकर बाहर निकाला। इस बीच बस के नीचे दो बच्चियों के दबे होने की जानकारी मिली। उनकी मौत हो जाने की जानकारी मिली है। देर रात तक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका था। घायल यात्रियों को कुकदुर और पंडरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। जानकारी मिली है कि ये प्रवासी मजदूर हैं, जो बारिश में खेती का काम शुरू होने के कारण वापस लौट रहे थे।
रायपुर, 25 जून। पहली बारिश होने के साथ ही जल जनित बिमारियां फैलने लगी है। राजधानी से लगे खरोरा विकासखंड क्षेत्र माठ गांव में लगे हेडपंप का दूषित पानी पीने से 30 से ज्यादा लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। ये बात तब सामने आई जब मरीजों को बार-बार उल्टी, दस्त की शिकायतें आने लगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम मेडिकल कैंप लगाकर चेकअप कर रही है। गंभीर रूप से बीमार 11 मरीजों का अस्पताल में और 19 मरीजों का इलाज घर में ही किया जा रहा है।
माठ के वार्ड न. 11 बस्ती पारा में लगे हेडपंप का दूषित पानी पीने से ग्रामीण डायरिया का शिकार हुए। यहां डायरिया का पहला मामला 22 जून को सामने आया था। जिसके बाद लगातार मरीजों का आंकड़ा बढ़ता गया। बीमार मरीज उल्टी, दस्त, चक्कर आना जैसे गंभीर लक्षणों से जूझ रहे है। अब तक करीब 30 मरीज डायरिया की चपेट में आt चुके है और बाकियों में भी इसके लक्षण दिखने लगे हैं। इनमें से इलाज के लिए खरोरा के महामाया प्राइवेट अस्पताल में 4 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 मरीजों को भर्ती कराया गया है, तो 19 मरीजों का घर में ही मितानिन और स्वस्थ्य विभाग द्वारा ओआरएस और दवाई देकर उपचार किया जा रहा है। वहीं गंभीर रूप से घायल 3 मरीज को मेकाहारा अस्पताल रेफर किया गया है।
इनका चल रहा इलाज
अब तक विजय पटेल (30), कुनार वर्मा (53), दुलारी वर्मा (50), रामेश्वरी (40), रामनाथ वर्मा (45), गोवर्धन (16), राजेश्वरी (45), निर्मला धीवर (40), सवीता यादव (40) समेत (30) मरीजों के बीमार होनेे की पुष्टि हुई है।