खेल
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | भारत ने मंगलवार को यहां के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा उसे 32 साल में पहली बार इस मैदान पर हार का मुंह देखने को मजबूर किया।
आस्ट्रेलिया बीते 32 साल से गाबा पर अजेय थी। उसे आखिरी बार 1988 में वेस्टइंडीज ने हराया था। तब के बाद अब भारत ने मेजबान टीम को इस मैदान पर मात दी।
यह पहला मौका नहीं है कि जब भारत ने आस्ट्रेलिया के विजयी रथ को रोका है। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अलग-अलग तरह से अलग-अलग समय पर आस्ट्रेलिया के विजयी रथ को रोका है।
ऐसा पहला मौका आया था 2001 में। आस्ट्रेलिया लगातार 16 टेस्ट जीत हासिल कर चुकी थी और वह अपने अजेय क्रम को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और काबिल थी। लेकिन कोलकाता का ईडन गार्डन्स स्टेडियम फिर एक ऐसे मैच का गवाह बना जब न सिर्फ आस्ट्रेलिया की जीत का सिलसिला टूटा बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार जीत भी मिली।
राहुल द्रविड़ और वीवीएस. लक्ष्मण ने आस्ट्रेलियाई हार की कहानी लिखी और फॉलोऑन खेलने के बाद भी भारत ने आस्ट्रेलिया को पटका।
इसके बाद 2008 में भारत ने वाका में आस्ट्रेलिया के एशियाई टीमों के खिलाफ चले आ रहे जीत के क्रम को रोका। अनिल कुंबले की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2008 में वाका के मैदान पर खेले गए टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया को 72 रनों से हराया था और इसी के साथ वह इस मैदान पर आस्ट्रेलिया को हराने वाली एशिया की पहली टीम बनी थी।
वाका के मैदान था सिडनी। 2016 में भारत ने यहां खेले गए वनडे मैच में आस्ट्रेलिया को छह विकेट से मात दी थी और उसके घर में लगातार 19 जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगा दिया था।
इसके बाद गाबा का मैदान जहां 32 साल तक आस्ट्रेलिया ने हार नहीं देखी थी लेकिन एक बार फिर भारतीय टीम ने उसके एक और अजेय सिलसिले को रोक दिया।
--आईएएनएस
भारत ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में इतिहास रच दिया है. टीम इंडिया ने स्टार कप्तान विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, रविंद्र जडेजा, आर. अश्विन और शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों की ग़ैर-मौजूदगी में बेहद रोमांचक मैच में जीत हासिल कर सिरीज़ 2-1 से अपने नाम कर ली है.
यूं तो इस जीत का श्रेय सभी 11 खिलाड़ियों को जाता है लेकिन इस सिरीज़ में ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा, शुभमन गिल, शार्दुल ठाकुर, वॉशिंगटन सुंदर, मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों ने बेहद निर्णायक भूमिका निभाई और वो कर दिखाया जो कुछ दिनों पहले तक लगभग असंभव सा लग रहा था
भारत की इस ऐतिहासिक जीत में इन पांच घटनाओं ने टर्निंग प्वाइंट की भूमिका निभाई
टेस्ट मैच के तीसरे दिन पहली पारी में ऋषभ पंत जब 23 रन बनाकर आउट हुए तो टीम का स्कोर 186 रन था और भारतीय टीम मुश्किल में नज़र आ रही थी.
लेकिन अपना पहला मैच खेल रहे शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने कमाल कर दिया. दोनों ने ना केवल विकेटों का पतझड़ रोका बल्कि संभलकर रन भी बटोरे. इस जोड़ी ने 123 रनों की मैच बचाऊ साझेदारी की. इस जोड़ी के दम पर ही ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 369 रनों के सामने भारत भी 336 रन बना पाया और मैच में वापसी कर ली.
ब्रिस्बेन के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले जा रहे चौथे मैच में इंडिया को जीत के लिए 328 रन की चुनौती मिली और इसकी वजह थी चौथे दिन आस्ट्रेलिया की तरफ़ से बटोरे गए 294 रन. लेकिन ये रन इससे कहीं ज़्यादा भी हो सकते थे.
भारत की तरफ़ से सिराज ने 73 रन देकर पांच विकेट झटके और शार्दुल ठाकुर ने 61 रन देकर 4 विकेट लिए. सिराज पहली बार टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में पांच विकेट लेने में कामयाब हुए.
इस मेच के बाद सिराज ने अपने पिता को याद किया, उन्होंने कहा, "आज वो ज़िंदा होते तो गर्व करते. उनकी दुआओं की कारण ही आज मैं अपना बेस्ट परफ़ॉर्मेंस दे पाया हूं."
अपने चौके के साथ सिरीज़ को 2-1 से भारत की झोली में डालने वाले ऋषभ पंत को चौथे टेस्ट मैच का वो हीरो माना जा रहा है, जिसने मैच को ड्रॉ की तरफ़ से जीत में मोड़ दिया.
तीसरे टेस्ट में भी पंत ने टीम को जिताने की कोशिश की थी लेकिन 97 रनों पर आउट हो गए थे. लेकिन इस बार वो टीम को जिताकर ही माने. विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ने नाबाद 89 रनों की पारी खेली. उन्होंने नौ चौके और एक छक्का लगाया.
पुजारा का क्रीज़ पर टिके रहना
दूसरी पारी में जब ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ अपनी तेज़ गेंदों से वार कर रहे थे, तो पुजारा ने बल्ले और शरीर, दोनों से उन्हें झेला.
उन्होंने दूसरी पारी में कुल 211 बॉल खेली और 56 रन बनाए. इस पारी ने तय किया कि टीम इंडिया बिखर ना जाए. क्रीज़ पर टिककर खेलना उस वक्त भारत के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी था और ऐसे समय में पुजारा पिच पर दीवार की तरह डटे रहे.
दूसरी तरफ़ खड़े शुभमन गिल ने रन बटोरना जारी रखा.
शुभमन की आक्रामक बल्लेबाज़ी
चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में शुभमन ने 146 गेंदों पर 91 रनों की धमाकेदार पारी खेली और रन जुटाते रहे. इसके साथ ही गिल इस सिरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. इस सिरीज़ के हर मैच में शुभमन गिल ने अच्छे रन बनाए. (bbc.com)
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | आस्ट्रेलिया द्वारा रखे गए 328 रनों के लक्ष्य के बाद भारत की जीत की उम्मीद नहीं थी लेकिन युवा कंधों ने टीम की जीत की जिम्मेदारी ली और भारत के खाते में ऐतिहासिक जीत डाली। इसी के साथ भारत ने चार मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास ही रखी है। भारत की इस जीत की इबारत शुभमन गिल (91) और ऋषभ पंत (नाबाद 89) ने लिखी।
टीम की इस जीत से कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा है कि इस जीत को बयां करना मुश्किल है।
रहाणे ने मैच के बाद कहा, "यह जीत काफी मायने रखती है। मुझे नहीं पता कि इस जीत को कैसे बयां करूं। मुझे अपनी टीम के खिलाड़ियों पर गर्व है, हर किसी पर। हम सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते थे परिणाम के बारे में नहीं सोच रहे थे।"
उन्होंने कहा, "जब मैं बल्लेबाजी करने गया था तो मेरे और चेतेश्वर पुजारा के बीच यही बात हो रही थी कि पुजारा को सामान्य बल्लेबाजी करनी हैं और मुझे अपने शॉट्स खेलने हैं क्योंकि हम जानते थे कि आगे पंत और मयंक हैं। पुजारा को श्रेय देना होगा। उन्होंने जिस तरह से दबाव का सामना किया वो शानदार है। अंत में पंत ने भी बेहतरीन काम किया।"
पंत ने 89 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाई और मैन ऑफ द मैच भी बने।
रहाणे ने टीम के बारे में कहा, "20 विकेट लेना अहम था। इसलिए हमने पांच गेंदबाज चुने। वॉशिंगटन सुंदर टीम में संतुलन लेकर आए। सिराज ने दो टेस्ट मैच खेले थे, सैनी ने एक मैच खेला था। ठाकुर ने भी एक मैच खेला था। नटारजन भी पदार्पण किया था। ऐसी टीम के साथ मैच और सीरीज जीतना कितना अहम है, यह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।"
भारत के लिए यह सीरीज आसान नहीं थी। एडिलेड में पहले टेस्ट मैच में मिली शर्मनाक हार के बाद भारत के नियमित कप्तान विराट कोहली भी अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट गए थे। ऐसे में सभी ने भारत को नकार दिया था। लेकिन रहाणे की कप्तानी में टीम ने बेहद दमदार वापसी की और मुख्य खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद भी ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
रहाणे ने कहा, "एडिलेड में मिली हार के बाद हमने इस बात पर चर्चा ही नहीं की थी कि क्या हुआ था। हम सिर्फ अपना खेल खेलना चाहते थे, अच्छी सोच, मैदान पर अच्छी प्रतिद्वंदिता दिखाना चाहते थे। यह टीम प्रयास की बात है।"
आस्ट्रेलिया के नाथन लॉयन का यह करियर का 100वां टेस्ट मैच था। रहाणे ने बताया कि भारतीय टीम लॉयन को जर्सी भेंट करेगी।
रहाणे ने कहा, "भारतीय टीम लॉयन को 100वें टेस्ट मैच के लिए जर्सी तोहफे में देना चाहती है। मैं पूरी टीम की ओर से उन्हें 100वें टेस्ट की बधाई देता हूं।" (आईएएनएस)
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | भारत की युवा क्रिकेट टीम ने अपने जबरदस्त जुझारूपन और बहादुरी के दम पर चौथे और आखिरी टेस्ट मैच के पांचवें दिन मंगलवार को आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा बॉर्डर-गावस्कार ट्रॉफी अपने पास ही रखी है। यह भारत की सर्वकालिक महान टेस्ट सीरीज जीत मानी जा रही है। चौथे और आखिरी टेस्ट मैच को जीतने के लिए भारत को 328 रन बनाने थे, जो उसने शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत की बेहतरीन पारियों के दम पर सात विकेट खोकर बना लिए।
मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर की गेंदबाजी का भी योगदान इस जीत में काफी अहम रहा।
आस्ट्रेलिया को 32 साल बाद गाबा में हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 1988 में आस्ट्रेलिया को इस मैदान पर हार मिली थी। उस मैच में वेस्टइंडीज ने आस्ट्रेलिया को हराया था।
भारत को ए़िडलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में जिस तरह से हार का सामना करना पड़ा था उसके बाद कई दिग्गजों ने भारत को नकार दिया था। विराट कोहली के स्वदेश लौटने के बाद टीम की स्थिति भी कमजोर लग रही थी लेकिन कार्यवाहक कप्तान अंजिक्य रहाणे की कप्तानी में टीम ने बाकी के बचे तीन टेस्ट मैचों में जिस तरह का दृढ़संकल्प, प्रतिस्पर्धा, प्रतिद्वंदिता दिखाई उसका परिणाम रहा कि भारत ने आस्ट्रेलियाई जमीन पर अपना परचम लहराया।
गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट मैच से पहले भी भारत चोटों से परेशान थी। जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी भी चोटिल हो गए थे। भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण इस मैच में बेहद अनुभवहीन और युवा था बावजूद इसके भारत ने आस्ट्रेलिया को पटक चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में मार्नस लाबुशैन के 108, टिम पेन के 50 रनों के दम पर 369 रन बनाए थे। भारतीय बल्लेबाजों ने किसी तरह अपनी पहली पारी में 336 रन बनाए थे। पहली पारी के आधार पर आस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 33 रनों की बढ़त के साथ ही उतरी थी। दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज के पांच और शार्दूल ठाकुर के चार विकेट के दम पर भारत ने आस्ट्रेलिया को 294 रनों पर समेट दिया था। फिर भी भारत को 328 रनों का मुश्किल लक्ष्य मिला था।
भारत ने हालांकि इस लक्ष्य को आसान बना दिया और एक बेहतरीन जीत हासिल कर इतिहास रचा। चौथे दिन भारत ने 1.5 ओवर ही खेले थे और चार रन बनाए थे। बारिश के कारण दिन का खेल खत्म हो गया था।
पांचवें और आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 324 रन बनाने थे। रोहित शर्मा के दिन के सातवें ओवर में सात के निजी स्कोर पर आउट होने के बाद यह चुनौती और मुश्किल हो गई थी। लेकिन गिल, पंत जैसे युवा कंधों ने पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ी के साथ मिलकर टीम की जीत की इबारत लिखी।
रोहित के जाने के बाद गिल और पुजारा ने 114 रनों की साझेदारी कर भारत की जीत की उम्मीदों को जगा दिया। भारत ने पहले सत्र में रोहित का विकेट ही खोया था।
युवा बल्लेबाज गिल अपने तीसरे टेस्ट मैच में ही शतक की ओर बढ़ रहा था लेकिन नौ रन पहले ही नाथन लॉयन ने गिल को स्टीव स्मिथ को आउट कर भारत को 132 के कुल स्कोर पर दूसरा झटका दिया। गिल ने 146 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके और दो छक्कों की मदद से 91 रन बनाए।
कप्तान अजिंक्य रहाणे 24 रन ही बना सके और 167 के कुल स्कोर पर पैट कमिंस की गेंद पर आउट हो गए। वह हालांकि भारत को जीत दिलाने की मानसिकता से मैदान पर आए थे। यह अलग बात है कि वह अपने प्रयास में सफल नहीं हो सके।
कप्तान के जाने के बाद पंत ने मैदान पर कदम रखा। चायकाल तक भारत ने तीन विकेट खोकर 183 रन बना लिए थे। आखिरी सत्र में भारत को जीत के लिए 145 रनों की दरकार थी।
चायकाल के बाद पुजारा के आउट होने के बाद भारत को एक और बड़ा झटका लग गया। अर्धशतक पूरा करने के बाद पुजारा 228 के कुल स्कोर पर कमिंस का शिकार बन गए। पुजारा और पंत ने चौथे विकेट के लिए 61 रन जोड़े। पुजारा ने 211 गेंदों पर 56 रन बनाए और सात चौके मारे।
पुजारा के जाने के बाद पंत ने थोड़ी आक्रामकता दिखानी शुरू की। इसी बीच मयंक अग्रवाल (9) लूज शॉट खेल कर कमिंस की गेंद पर मैथ्यू वेड को शॉर्ट एक्सट्रा कवर पर कैच दे बैठे।
पंत हालांकि बिल्कुल भी घबराए नहीं। शांत रहते हुए उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर (22) के साथ एक और 53 रनों की अहम साझेदारी कर भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। यही वो साझेदारी थी, जिसने भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाया।
भारत को जीत के लिए जब 10 रन चाहिए थे तब सुंदर भी आउट हो गए। शार्दूल ठाकुर भी दो रन बनाकर आउट हो गए। पंत ने चौका मार भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। पंत 89 रनों पर नाबाद रहे। उन्होंने 138 गेंदों का सामना करते हुए नौ चौके और एक छक्का मारा। पंत को उनकी मैच जिताऊ पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
आस्ट्रेलिया के लिए कमिंस ने चार। उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। अपना 100वां टेस्ट खेल रहे लॉयन ने दो और हेजलवुड ने एक विकेट लिया। (आईएएनएस)
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | भारत ने यहां गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे और एवं आखिरी टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 328 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए टेस्ट क्रिकेट में अपना तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया है। भारत ने यहां गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे और एवं आखिरी टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा दिया। भारत को जीतने के लिए 328 रनों का मुश्किल लक्ष्य मिला था जो उसने मैच के आखिरी दिन मंगलवार को सात विकेट खोकर आखिरी सत्र में हासिल कर लिया।
भारत का टेस्ट क्रिकेट में यह तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य है, जिसे उसने हासिल किया है। वहीं, आस्ट्रेलिया में किसी भी टीम द्वारा हासिल किया गया यह तीसरा बड़ा स्कोर है।
इसी के साथ भारत ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास ही रखी है। भारत ने पिछले आस्ट्रेलिया दौरे पर 2018-19 में यह ट्रॉफी आस्ट्रेलिया में ही जीती थी।
टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का भारत का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के खिलाफ है। भारत ने 1975-76 में पोर्ट आफ स्पेन में खेले गए टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज द्वारा दिए गए 406 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया था, जोकि टेस्ट क्रिकेट में उसका सबसे बड़ा हासिल किया गया लक्ष्य है।
भारत ने अपना दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य 2008-09 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ हासिल किया था, जब उसने इंग्लैंड से मिले 387 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया था।
भारत ने चौथा सबसे बड़ा लक्ष्य वेस्टइंडीज के खिलाफ नई दिल्ली में 2011-12 में हासिल किया था, जब उसने 276 रनों का टारगेट अचीव किया था। इसके अलावा भारतीय टीम 2001 में कैंडी में श्रीलंका के खिलाफ भी 264 रनों के लक्ष्य को हासिल कर चुका है।
टेस्ट में आस्ट्रेलिया में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के नाम है, जिन्होंने 2008-09 में 414 रनों के विशाल लक्ष्य को हासिल किया था।
इसके बाद इंग्लैंड का नंबर आता है, जिन्होंने 1928-29 में मेलबर्न में 332 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया था। (आईएएनएस)
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | भारतीय क्रिकेट टीम मंगलवार को आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में पहले स्थान पर पहुंच गई है। भारत ने आस्ट्रेलिया को चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से मात दे पहला स्थान हासिल किया। इसी के साथ भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास ही रखी है।
आस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में जीत हासिल की थी। इस टेस्ट में भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रनों पर ही ढेर हो गई थी। इसके बाद अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में टीम ने मेलबर्न में टेस्ट मैच जीता और सिडनी जबरदस्त खेल दिखाते हुए मैच ड्रॉ कराया। इसके बाद ब्रिस्बेन में निर्णायक टेस्ट मैच में तीन विकेट से जीत हासिल करते हुए सीरीज भी अपने नाम की।
भारत के अब 71.7 प्रतिशत अंक हैं और इतने अंकों के साथ वह पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर न्यूजीलैंड हैं जिसके 70 प्रतिशत अंक हैं। आस्ट्रेलिया 69.2 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है।
आईसीसी ने ट्वीट किया, "भारत शीर्ष पर है। गाबा में मिली शानदार जीत के बाद भारत आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप रैंकिंग में पहले स्थान पर आ गया है। आस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर खिसक गई है।"
भारत का पहले स्थान पर आने का कारण ब्रिस्बेन में मिली शानदार जीत है। भारत को अब इंग्लैंड के साथ होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-0 से जीतना होगा और वह जून में लॉर्डस में होने वाले टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर लेगी।
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत पांच फरवरी से चेन्नई से हो रही है। (आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
लखनपुर, 19 जनवरी। विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बगदरी में इंदिरा गांधी स्मृति फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। फाइनल मैच के मुख्य अतिथि कांग्रेस प्रदेश सदस्य विक्रमादित्य सिंहदेव रहे। प्रतियोगिता में विकासखंड स्तर की 24 टीमों ने भाग लिया था। बगदरी एवं आमगांव की टीम फाइनल में पहुंची, जिसमें करमपुर की टीम ने बगदरी टीम को 6-2 गोल से पराजित कर विजयश्री का खिताब जीता।
विक्रमादित्य सिंह देव ने कहा कि जीवन में अच्छी तालीम के साथ खेलकूद भी जरूरी है। विजेता एवं उपविजेता टीम को बेहतर खेल के प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए कहा कि आप इसी तरह निरंतर खेलते रहें और अपने ग्राम ब्लाक जिला राज्य का नाम रोशन करें और शोहरत के बुलंदी को छुये।
ग्राम बगदरी के ग्रामवासियों ने मैदान में बाउंड्री वॉल निर्माण कराये जाने की मांग रखी। ग्रामीणों के मांग को सहर्ष स्वीकार करते हुए सिंह देव ने जल्द से जल्द ग्राउंड में बांडरीवाल निर्माण कराये जाने के लिए आश्वासन दिया। मुख्य अतिथि के करकमलों से विजेता टीम आमगांव को 10000 एवं शील्ड एवं उपविजेता टीम बगदर्री को 7000 शील्ड का पुरस्कार का वितरण किया गया।
इस दौरान नगर पंचायत नेता प्रतिपक्ष रमेश जायसवाल वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नरेंद्र पांडे, इरशाद खान पूर्व जनपद सदस्य धर्मेंद्र झारिया रमजान खान, अमितबारी पार्षद ग्राम सरपंच सूरज सिंह, सिंगल सिंह कुन्जल सिह, अनीता सिह दर्शक ग्रामवासी काफी संख्या में मौजूद रहे ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 19 जनवरी। जिले के चिकपाल गांव में क्रिकेट स्पर्धा हुई। फाइनल मैच में चिकपाल और जीरमपाल की टीम पहुंची और विजयी चिकपाल की टीम हुई। प्रथम व द्वितीय पुरस्कार के इनाम जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी की तरफ से दिया गया। फाइनल मैच के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश महासचिव दुर्गेश राय और नगर कांग्रेस के महामंत्री राजेश पहुंचे। उन्होंने खिलाडिय़ों को संबोधित किया। इसके बाद अपने कर कमलों से इनाम वितरण किया। इस अवसर पर पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष पोटला बोजैया, कांग्रेसी कार्यकर्ता सहित जनप्रतिनिधि व ग्रामीण उपस्थित रहे।
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में नाबाद 89 रनों की पारी खेल भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि यह उनके 'जीवन का सबसे बड़ा पल है।' आस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 328 रनों की चुनौती रखी थी, जिसे भारत ने मैच के अंतिम दिन मंगलवार को सात विकेट खोकर हासिल कर लिया।
पंत को उनकी बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ दे मैच चुना गया।
पंत ने कहा, "यह मेरे जीवन का अभी तक सबसे बड़ा पल है। मैं इस बात से खुश हूं कि सपोर्ट स्टाफ और मेरी टीम के सभी साथियों ने तब मेरा साथ दिया जब मैं खेल नहीं रहा था। यह सपने जैसी सीरीज रही है।"
उन्होंने कहा, "टीम प्रबंधन ने हमेशा मेरा साथ दिया और हमेशा कहा कि आप मैच विजेता खिलाड़ी हो और आपको टीम के लिए मैच जीतने हैं। मैं हर दिन सोचता रहता था कि मुझे भारत के लिए मैच जीतने हैं और यह मैंने आज किया।"
भारत ने इस जीत के साथ चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास ही रखी है। (आईएएनएस)
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | आस्ट्रेलिया को यहां ब्रिस्बेन के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में 32 साल बाद पहली बार किसी टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा है। साथ ही गाबा पर भारत की यह अब तक की पहली जीत है। इससे पहले 2003 में भारत ने आस्ट्रेलिया को इस मैदान पर बराबरी पर रोका था। भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को यहांोौथे टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा दिया। इसके साथ भारत ने चार मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। साथ ही भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी अपने पास बरकरार रखा है।
आस्ट्रेलियाा को इस मैदान को पिछली हार नवंबर 1988 में मिली थी, जब वेस्टइंडीज ने उसे नौ विकेटों से करारी शिकस्त दी थी। उस हार के बाद आस्ट्रेलिया को 32 साल बाद गाबा के मैदान पर एक बार फिर से हार मिली है और इस बार उसे भारत ने धूल चटाई है।
आस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर अब तक 56 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से उसने 33 जीते हैं, 13 ड्रॉ रहे हैं जबकि केवल नौ में ही उसे हार का सामना करना पड़ा। वहीं, एक मैच टाई रहा है।
आस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर अपना पहला टेस्ट मैच दिसंबर 1931 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था, जब उसने पारी और 163 रनों से बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद उसे इंग्लैंड के हाथों यहां लगातार दो हार झेलनी पड़ी थी।
हालांकि इसके बाद कंगारूओं ने वापसी की थी 1958 तक लगातार आठ टेस्ट मैच जीते थे। भारत ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर आस्ट्रेलिया के साथ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था, जहां उसे 39 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत को गाबा मैदान पर इससे पहले अब तक एक भी जीत नहीं मिली थी अब मंगलवार को तीन विकेटों से मिली जीत, उसकी इस मैदान पर अब तक की पहली जीत है।
इस मैच से पहले आस्ट्रेलिया अपने घरेलू मैदान गाबा में 1989 से 2019 तक लगातार 31 मैचों से अजेय चल रही थी, जोकि विश्व टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड था।
इस मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है, जो अपने अपने घरेलू मैदान पर सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों में अजेय रहा है। पाकिस्तान 1955 से 2000 तक कराची के नेशनल स्टेडियम में सबसे ज्यादा लगातार 34 मैचों में अजेय रहा है।
वहीं, वेस्टइंडीज किंगस्टन के ओवल में 1948 से 1993 तक लगातार 27 मैचों में अजेय रहा है जबकि इंग्लैंड 1905 से 1954 तक ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर लगातार 25 मैचों में अजेय रहा है। (आईएएनएस)
-सोनाली विष्णु शिंगेट
भारतीय कबड्डी खिलाड़ी सोनाली विष्णु शिंगेट ने जब अपनी ट्रेनिंग शुरू की थी तब उनके पास जूते तक नहीं थे. उनके परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो उनके लिए जूते खरीद कर दे सके.
यह अकेली ऐसी चुनौती नहीं थी जिसका सामना उन्हें करना पड़ा था. उन्हें सिर्फ़ 100 मीटर तक दौड़ने में भी बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी. उन्हें इसके लिए अपने पैरों और पेट की मांसपेशियों को और मज़बूत करने की जरूरत थी. इसके लिए वो अपने पैरों में वजन बांधकर दौड़ती और कसरत करती थी.
सुबह में कड़ी मेहनत और शाम में मैच खेलने के बाद उन्हें देर रात पढ़ाई करने के लिए उठना पड़ता था. अगली सुबह उन्हें परीक्षा देने के लिए जाना होता था.
उनके परिवार ने साफ तौर पर उन्हें कह रखा था कि पढ़ाई की क़ीमत पर स्पोर्ट्स मंजूर नहीं है.
लेकिन पढ़ाई पर ज़ोर देने के बावजूद उनका परिवार अपने सीमित संसाधनों के साथ उनके साथ खड़ा था.
सोनाली के पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे और उनकी शारीरिक रूप से अक्षम मां खाने-पीने की छोटी-सी एक दुकान चलाती थी.
आख़िरकार सारी बाधाओं को पार करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई प्रतिस्पर्धाओं में जीत भी हासिल की.
आसान नहीं थी राह
सोनाली विष्णु शिंगेट का जन्म 27 मई 1995 को मुंबई के लोअर परेल में हुआ था. उन्होंने महर्षि दयानंद कॉलेज से पढ़ाई की है.
वो बचपन से क्रिकेट खेलना पसंद करती थीं लेकिन उनका परिवार आर्थिक तंगी की वजह से उनके इस शौक को पूरा नहीं कर सकता था.
बाद में कॉलेज के दिनों में उन्होंने कबड्डी में दिलचस्पी लेना शुरू किया. तब उन्होंने इसे लेकर कोई गंभीर योजना नहीं बना रखी थी.
कॉलेज के दिनों में उन्होंने राजेश पाडावे से ट्रेनिंग लेना शुरू किया. राजेश स्थानीय शिव शक्ति महिला संघ क्लब के कोच हैं.
उन्होंने सोनाली को अपना जूता और किट दिया. सोनाली ने ट्रेनिंग में खूब पसीना बहाया और कभी भी कोई कोताही नहीं बरती.
अपनी सफलता के पीछे सोनामी अपने परिवार के साथ-साथ, अपने कोचों और गौरी वाडेकर और सुवर्णा बारटक्के जैसे सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका गिनवाना नहीं भूलती.
कुछ सालों के अंदर सोनाली ने वेस्टर्न रेलवे ज्वाइन कर लिया था जहाँ कोच गौतमी अरोस्कर ने उन्हें उनका खेल निखारने में मदद की.
अहम पड़ाव
साल 2018 में हुआ फेडरेशन कप टूर्नामेंट सोनाली शिंगेट की ज़िंदगी का एक अहम पड़ाव साबित हुआ. वो इस टूर्नामेंट में जीतने वाली इंडियन रेलवे टीम का हिस्सा थीं. इंडियन रेलवे की टीम ने हिमाचल प्रदेश की टीम को हराया था.
इससे पहले 65वें राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप में हिमाचल प्रदेश की टीम ने इंडियन रेलवे की टीम को हराया था.
सोनाली के लिए यह जीत उनके करियर में एक अहम मोड़ लेकर आया. उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कोचिंग कैम्प के लिए चुन लिया गया. इसके बाद फिर जकार्ता में होने वाले 18वें एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम में उनका चयन हुआ.
जकार्ता में जिस भारतीय टीम ने रजत पदक जीता वो उस टीम का हिस्सा थीं. इसके अलावा 2019 में काठमांडु में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम की भी वो सदस्य थीं. इसने सोनाली की उपलब्धियों को एक नई पहचान दी.
महाराष्ट्र सरकार ने 2019 में उन्हें राज्य का सबसे बड़ा खेल सम्मान शिव छत्रपति देकर सम्मानित किया.
इसके अगले साल 2020 में उन्हें 67वीं राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया.
सोनाली कड़ी मेहनत कर राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेना चाहती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं.
वो कहती हैं कि जैसे पुरुषों के लिए प्रो कबड्डी लीग आयोजित किया जाता है, वैसे ही भारत में महिला कबड्डी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोफ़ेशनल लीग के आयोजन की ज़रूरत है.
(यह लेख बीबीसी को ईमेल के ज़रिए सोनाली विष्णु शिंगेट के भेजे जवाबों पर आधारित है.) (bbc.com)
सुमित्रा नायक
यह साल 2008 की बात है जब आठ साल की एक लड़की ओडिशा में एक खेल के मैदान के बाहर खड़ी थी और खिलाड़ियों का एक समूह अंडे के आकार की एक गेंद के पीछे भाग रहा था.
वो लड़की रग्बी उस समय पहली बार देख रही थी और वो थीं सुमित्रा नायक जो आज भारत की राष्ट्रीय महिला रग्बी टीम की महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं.
हालांकि, सुमित्रा ने भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ के मैदान में जब यह खेल खेलना शुरू किया तब उनकी उम्र बहुत कम थी और वो अपने जीवन के शुरुआत में ही काफ़ी कठिन दिन देख चुकी थीं.
शुरुआती चुनौतियां
सुमित्रा का जन्म 8 मार्च 2000 को ओडिशा के जजपुर ज़िले के डुबुरी गांव में हुआ था लेकिन उनकी मां ने अपने तीन बच्चों के साथ गांव छोड़ दिया था क्योंकि उनके पति उनके साथ मार-पीट करते थे.
उनके पिता ने उनके परिवार को एक बार ज़िंदा जलाने की कोशिश की थी लेकिन वे सभी लोग बच गए.
इन सब हालात से बेचैन उनकी मां अपने बच्चों को इस माहौल से अलग रखकर उनकी परवरिश करना चाहती थीं. इसके बाद सुमित्रा का दाख़िला कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ में चौथी कक्षा में कराया गया.
इस संस्थान में आदिवासी समुदाय के बच्चों को पढ़ाई और खेल की ट्रेनिंग मुफ़्त दी जाती है.
सुमित्रा की मां एक ब्यूटी पार्लर चलाती हैं. वो रग्बी के बारे में कुछ नहीं जानती थीं और उन्होंने जब एक बार सभी खिलाड़ियों को एक-दूसरे पर गिरते देखा तो उन्हें अपनी बेटी की चिंता हुई.
लेकिन सुमित्रा ने अपनी मां को मनाया और कहा कि उन्हें ख़ुद का ध्यान रखने के लिए अलग-अलग तरह की तकनीक सिखाई जाती है.
सुमित्रा कहती हैं कि उन्होंने अपना खेल जारी रखा और वो यहां तक इसलिए पहुंची क्योंकि उनकी मां ने उस समय हिम्मत दिखाई थी.
जब मैदान में उतरीं
सुमित्रा ने मैदान पर उतरते ही रग्बी में नाम कमाना शुरू कर दिया और मेडल के ढेर लगे दिए.
यह वह समय था जब हर खेल कुछ नया सीखने का अनुभव दे रहा था और इसने उन्हें अपना खेल सुधारने का अवसर भी दिया.
2016 में उनका चयन देश की राष्ट्रीय टीम में हुआ और दुबई एशियन चैंपियनशिप (अंडर-18) में कांस्य पदक जीता.
ओडिशा की रहने वालीं सुमित्रा का कहना है कि उन्हें विदेशी धरती पर खेलने में अच्छा लगता है क्योंकि वहां पर बहुत सारे लोगों से मिलने और उनसे सीखने को मिलता है.
2019 में हुई एशिया वुमंस रग्बी चैंपियनशिप उनके और भारतीय टीम के लिए बेहद ख़ास टूर्नामेंट था क्योंकि टीम में आमतौर पर होने वाले सात की जगह 15 खिलाड़ियों को शामिल किया गया था.
टीम ने चुनौतियों का बड़ा अच्छे से सामना किया और टीम ने कांस्य पदक जीतने में सफलता पाई.
क्या है लक्ष्य
सुमित्रा चाहती हैं कि भारतीय टीम एशिया में अपनी रैंकिंग सुधारते हुए 9/10 से पांच पर आए और ओलंपिक खेलों में भाग ले.
यह युवा खिलाड़ी सोचती हैं कि लड़कियों को अपने फ़ैसले लेने की आज़ादी होनी चाहिए क्योंकि आज भी लड़कियों के फ़ैसले उनके परिजन लेते हैं.
वो कहती हैं कि लड़कियों को लड़कों से कमतर नहीं देखा जाना चाहिए और समाज के बदलने से पहले परिजनों को इस सोच को बदलना होगा.
हालांकि, सुमित्रा के लिए शिक्षा और ट्रेनिंग की कोई समस्या नहीं रही है लेकिन उनका मानना है कि रग्बी को अभी भी करियर बनाना कठिन है क्योंकि यह नौकरी नहीं दे सकता और न ही इसमें कोई बड़ा पुरस्कार होता है.
वो कहती हैं कि भारत सरकार ने अभी तक इस खेल को मान्यता भी नहीं दी है.
(यह लेख बीबीसी को ईमेल के ज़रिए सुमित्रा नायक के भेजे जवाबों पर आधारित है.) (bbc.com)
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत ने मंगलवार को टेस्ट क्रिकेट में अपने 1000 रन पूरे कर लिए हैं। वह सबसे तेजी से 1000 रन पूरा करने वाले विकेटकीपर बन गए हैं। पंत ने यहां गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की। पंत न पैट कमिंस की गेंद पर चौका मार अपने 1000 रनों का आंकड़ा पूरा किया।
23 साल के पंत ने यहां तक पहुंचने में 27 पारियां लीं। उनसे पहले यह रिकार्ड भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम था जिन्होंने 32 टेस्ट पारियों में 1000 रन पूरे किए थे।
पंत ने भारत के लिए 16 वनडे और और 28 टी-20 मैच खेले हैं जिनमें क्रमश: 374 और 210 रन बनाए हैं। (आईएएनएस)
फातोर्दा (गोवा), 19 जनवरी | फातोर्दा के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में मंगलवार को अंक तालिका में चौथे स्थान पर काबिज हैदराबाद एफसी का सामना फिसड्डी ओडिशा एफसी से होगा। दोनों टीमों में हर लिहाज से काफी अंतर है और इसी का फायदा उठाते हुए निजाम्स नाम से मशहूर हैदराबाद की टीम शीर्ष-4 में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी।
मुम्बई सिटी एफसी के खिलाफ अपने पिछले मैच में हैदराबाद ने ड्रॉ खेला था और इस मैच में इस टीम का मनोबल ऊंचा किया था क्योंकि निजाम्स सीजन के अपने सबसे कठिन मैच में शानदार खेल दिखाते हुए टेबल टॉपर को अंक बांटने पर मजबूर करने में सफल रहे थे।
सीजन का तीसरा क्लीन शीट हासिल करने वाली यह टीम यह मुकाबला जीत भी सकती थी लेकिन वह अपने सामने आए मौकों को भुना नहीं सकी। अब हालांकि उसके पास पूरे तीन अंक हासिल करने का शानदार मौका है क्योंकि उसका सामना सबसे कमजोर नजर आ रही ओडिशा से है जो अब तक 11 मैचों में सिर्फ एक जीत हासिल कर सकी है।
ओडिशा को हराने के साथ हैदराबाद एफसी के 19 अंक हो जाएंगे और वह तीसरे क्रम पर विराजमान एफसी गोवा की बराबरी पर आ जाएगी।
इस सीजन में जब इससे पहले ओडिशा और हैदराबाद का सामना हुआ था तो हैदराबाद ने जीत हासिल की थी। उस मैच में कप्तान एरिडेन सांटाना ने पेनाल्टी पर गोल किया था।
ओडिशा की टीम को अपने पिछले मैच में चेन्नइयन एफसी के खिलाफ हार मिली थी। यह इस सीजन की उसकी सातवीं हार थी, जो कि एक रिकार्ड है। इस टीम के खाते में सिफ छह अंक हैं और अब उसे हर हाल में अपने बाकी के मैच जीतने होंगे।
ओडिशा के कोच स्टुअर्ट बॉक्सटर को आशा है कि उनकी टीम हैदराबाद के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी, जिसे कि इस सीजन की सबसे अच्छी टीमों में से एक माना जा रहा है।
--आईएएनएस
बैंकॉक, 19 जनवरी | विश्व चैम्पियन महिला बैडमिंटन खिलाड़ी भारत की पीवी सिंधु ने मंगलवार को टोयोटा थाईलैंड ओपन के दूसरे दौर में जगह बना ली है। उन्होंने पहले दौर में स्थानीय खिलाड़ी बुसानन ओनगबामुरानफान को मात दी। सिंधु ने बुसानन को 21-17, 21-13 से हराया। यह मैच 43 मिनट तक चला।
कोविड-19 के कारण लगे ब्रेक के बाद सिंधु की यह पहली जीत है। बुसानन ने योनेक्स थाईलैंड ओपन में सायना नेहवाल को मात दी थी।
पहले गेम में बुसानन ने 13-8 से बढ़त ले ली थी। सिंधु ने हालांकि यहां से दमदार वापसी की और गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में बुसानन ने सिंधु को मात देने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने यह गेम 21-17 से अपने नाम करते हुए दूसरे दौर में जगह बनाई।
दूसरे दौर में सिंधु का सामना दोहा हैनी और किसोना सेलावडुरे के बीच होने वाली मैच की विजेता से होगा।
--आईएएनएस
ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | शुभमन गिल (नाबाद 64) के शानदार अर्धशतक और चेतेश्वर पुजारा की जुझारू पारी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे टेस्ट मैच के पांचवें दिन मंगलवार को 328 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए लंच टाइम तक एक विकेट के नुकसान पर 83 रन बना लिए हैं। भारत ने पहले सत्र में रोहित शर्मा (7) का विकेट गंवाया। भारतीय टीम हालांकि लक्ष्य से अभी भी 245 रन दूर है। मैच जीतने या फिर ड्रॉ कराने के लिए भारत के पास 62 ओवर हैं। पहले सत्र में भारत ने 36.1 ओवर का सामना करते हुए 79 रन बनाए।
गिल ने अपने 117 गेंदों की पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया है। दूसरी ओर, पुजारा 90 गेंदों पर आठ रन बनाकर उनका साथ दे रहे हैं। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 178 गेंदों पर 65 रनों की साझेदारी हुई है।
चौथे दिन बारिश ने दो बार व्यवधान डाला था। बारिश् के कारण दिन का खेल जल्दी खत्म कर दिया गया था। खेल रोके जाने तक भारतीय टीम ने बिना किसी नुकसान के चार रन बनाए थे। रोहित चार और गिल खाता खोले बगैर नाबाद लौटे थे।
इससे पहले, आस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में सभी विकेट खोते हुए 294 रन बनाए और भारत को जीत के लिए 328 रनों का लक्ष्य दिया।
आस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 369 रन बनाए थे और भारत को पहली पारी में 336 रनों पर ऑल आउट कर दूसरी पारी में 33 रनों की बढ़त के साथ उतरी थी। दूसरी पारी में आस्ट्रेलिया के लिए स्टीव स्मिथ ने सबसे ज्यादा 55 रन बनाए।
चार मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। आस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में 8 विकेट से जीत हासिल की थी। जवाब में भारत ने मेलबर्न टेस्ट में शानदार वापसी करते हुए 8 विकेट की शानदार जीत हासिल कर 1-1 की बराबरी कर ली थी।
लगा था कि सिडनी टेस्ट जीतकर कोई टीम लीड ले लेगी। पांच दिनों तक चले इस मुकाबले में मेजबान टीम जीत की स्थिति में दिख रही थी लेकिन भारत ने कई खिलाड़ियों की चोट के बावजूद शानदार खेल दिखाते हुई मैच ड्रॉ करा लिया था।
--आईएनएस
नई दिल्ली, 19 जनवरी | अपने छोटे से टेस्ट करियर में शुभमन गिल लगातार कई रिकार्ड अपने नाम करते जा रहे हैं। गिल के नाम जुड़ने वाला सबसे ताजातरीन रिकार्ड है कि वह चौथी बारी में अर्धशतक लगाने वाले सबसे युवा सलामी बल्लेबाज बन गए हैं।
गिल ने ब्रिस्बेन के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में आस्ट्रेलिया के साथ खेले गए चौथे टेस्ट मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार अर्धशतक लगाया।
मैच के पांचवें दिन मंगलवार को जब गिल ने जोस हेजलवुड की गेंद पर वाईड कवर में शॉट लगाकर दो रन चुराकर अर्धशतक पूरा किया तब उनकी उम्र 21 साल 133 दिन थी।
गिल से पहले यह रिकार्ड भारत के महानतम सलामी बल्लेबाज माने जाने वाले सुनील गावस्कर के नाम था, जिन्होंने 1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट आफ स्पेन में अपने डेब्यू मैच में नाबाद 67 रन बनाए थे।
गिल ने मेलबर्न टेस्ट के साथ डेब्यू किया था और वह अब तक 45, 25, 50, 31, 7 और 57 ( यह पारी खबर लिखे जाने तक जारी थी) रनों की पारियां खेल चुके हैं।
--आईएएनएस
वडोदरा, 18 जनवरी | छत्तीसगढ़ ने सोमवार को यहां रिलायंस स्टेडियम में खेले गए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 टूर्नामेंट के एलीट ग्रुप-सी मैच में सुपर ओवर में उत्तराखंड को हरा दिया। छत्तीसगढ़ की पांच मैचों में यह पहली जीत है और टीम चार अंकों के साथ छठे नंबर पर है। उत्तराखंड को पांच मैचों में चौथी हार का सामना करना पड़ा है।
उत्तराखंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट पर 167 रन का स्कोर बनाया और इसके जवाब में छत्तीसगढ़ की टीम भी नौ विकेट पर इतने ही स्कोर बना सकी। इसके बाद मुकाबला सुपर ओवर में चला गया।
सुपर ओवर में छत्तीसगढ़ ने एक विकेट पर 15 रन का स्कोर बनाया और उसने उत्तराखंड को तीन रनों पर ही रोक दिया।
इससे पहले, उत्तराखंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट पर 167 रन का स्कोर बनाया। टीम के लिए बिष्ट ने 60 गेंदों पर नौ चौकों और चार छक्कों की मदद से सर्वाधिक 92 रनों की पारी खेली।
छत्तीसगढ़ की ओर से सौरभ मजूमदार ने सर्वाधिक तीन विकेट लिए।
छत्तीसगढ़ की टीम इसके जवाब में नौ विकेट पर 167 रन ही बना सकी। टीम के लिए विशाल कुशवाह ने 37, अजय जादव मंडल ने 29, शशांक ने 27 और कप्तान हरप्रीत सिंह ने 26 रन बनाए।
उत्तराखंड की ओर से अग्रिम तिवारी, ए मधवाल और मयंक मिश्रा ने दो-दो विकेट लिए। (आईएएनएस)
खुर्रम हबीब
नई दिल्ली, 18 जनवरी | आठ साल पहले जब शार्दूल ठाकुर ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था तब मुम्बई की टीम में सचिन तेंदुलकर, अजीत अगरकर और जहीर खान जैसे दिग्गज भी थे।
ये तीनों दिग्गज हालांकि राजस्थान के साथ हुए उस मैच के लिए जयपुर का दौरा नहीं किया था। वे हालांकि रेलवे के खिलाफ मुम्बई के लिए सीजन के पहले मुकाबले में खेले थे।
सचिन और जहीर को इंग्लैंड के साथ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम से जुड़ना था। जयपुर के मैच में शार्दूल के स्कूली दोस्त रोहित शर्मा कप्तान थे लेकिन शार्दूल उस मौके को दोनों हाथों से लपक नहीं सके थे।
वह सिर्फ एक विकेट ले सके थे और बाद में वह टीम से निकाल दिए गए। मुम्बई ने हालांकि उन्हें उसी सीजन में टीम में वापस बुलाया। सेमीफाइनल में शार्दूल ने सर्विसेज के खिलाफ तीन विकेट लिए।
मुम्बई ने उन पर अगले सीजन में भी भरोसा कायम रखा और उन्होंने 27 विकेट लेते हुए सफलता की नई कहानी लिखी। उसके बाद से शार्दूल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फर्स्ट क्लास में आठ साल तपने के बाद शार्दूल ने अपना पहला टेस्ट मैच 2018 अक्टूबर में खेला और वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए उस मैच में वह 10 गेंद की गेंदबाजी के बाद ही लंगड़ाते नजर आए।
ठाकुर ने हालांकि अब अपनी असली प्रतिभा दिखा दी है। सोमवार को वह आस्ट्रेलिया में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सात या उससे अधिक विकेट लेने और अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
दिनेश लाड जो कि रोहित और शार्दूल को स्कूल के समय में ट्रेनिंग दे चुके हैं, ने आईएएनएस से कहा, "कुछ साल पहले वह काफी बल्की हुआ करते थे और दिशाहीन गेंदबाजी करते थे। मैंने उनसे बालू पर दौड़ने के लिए कहा। शार्दूल ने इसके बाद अपनी फिटनेस पर काम करना शुरू किया। किंग्स इलेवन पंजाब ने आईपीएल में उन्हें नहीं मौका दिया इससे वह निराश थे। मैंने उनसे कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है। अपने मजबूत पक्ष पर काम करो। आप टॉप लेबल पर अभ्यास कर रहे हो।"
लाड मानते हैं कि आज की शार्दूल की सफलता घरेलू क्रिकेट में उनकी मेहनत का नतीजा है। घरेलू क्रिकेट एक खिलाड़ी का टेम्परामेंट बनाने में मदद करती है। शीर्ष स्तर पर खेलने के लिए संयम की जरूरत होती है और शार्दूल को यह संयम घरेलू क्रिकेट से मिला है।
शार्दूल ने ब्रिस्बेन टेस्ट में भारत के लिए अहम मुकाम पर 67 रनों की पारी खेलने के अलावा आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में चार अहम विकेट हासिल किए। शार्दूल ने मार्नस लाबुशैन, कैमरन ग्रीन, टिम पेन और नेथन लॉयन के विकेट हासिल किए। (आईएएनएस)
ब्रिस्बेन, 18 जनवरी | मोहम्मद सिराज ने सोमवार को पहली बार टेस्ट मैच की एक पारी में पांच विकेट लिए। वह गाबा में एक पारी में पांच विकेट लेने वाले भारत के पांचवें गेंदबाज बन गए हैं। सिराज ने आस्ट्रेलिया के साथ खेली जा रही चार मैचों की टेस्ट सीरीज में कुल 134.1 ओवर फेंके हैं जो भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा हैं। वह इस सीरीज में अभी तक भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। इसके अलावा मैदान पर उनकी फील्डिंग भी काफी चुस्त दिखी है।
उन्होंने अपनी फिटनेस का श्रेय लॉकडाउन में घर में की गई फिटनेस को दिया।
चौथे दिन सोमवार का खेल खत्म होने के बाद सिराज ने आईएएनएस द्वारा पूछे गए सवाल पर कहा, "मैं इसके लिए सोहम भाई (सोहम देसाई, स्ट्रैंग्थ एंड कंडीशनिंग कोच) का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे लिए एक कार्यक्रम डिजाइन किया और मेरी ट्रेनिंग पर काम किया। फिटनेस काफी अहम है। मैंने लॉकडाउन से अपने आप पर काम किया है। मुझे उनसे नियमित कार्यक्रम मिल रहे हैं जो मैं लॉकडाउन में फॉलो कर रहा था। मुझे अब पता चला कि फिटनेस कितनी जरूरी है, खासकर टेस्ट क्रिकेट में।"
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर सिराज ने टेस्ट पदार्पण किया था। उनका यह दौरा काफी भावुक रहा। आस्ट्रेलिया में आने के कुछ दिन बाद ही उनका पिता का निधन हो गया था, लेकिन वह क्वारंटीन में रहने के कारण पिता के अंतिम संस्कार में नहीं जा सके।
उन्होंने नस्लीय टिप्पणी का भी सामना किया।
उनसे जब पूछा गया कि इतने भावुक दौरे पर सफलता हासिल कर कैसा महूसस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैं भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि मुझे खेलने का मौका मिला। यह मेरे पिता की इच्छा थी कि उनका बेटे खेले और पूरा विश्व उसको देखे। काश के वह होते और देख पाते तो वह काफी खुश होते। यह उनका आशीर्वाद है कि मैं पांच विकेट ले पाया। मेरे पास इसे बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं काफी भाग्यशाली हूं कि मैं पांच विकेट ले सका। यह काफी मुश्किल स्थिति है। मेरे पिता नहीं हैं। मैंने अपने घर पर बात की, अपनी मां से बात की। उन्होंने मुझे प्रेरित किया। मुझे मजबूत किया। उनके समर्थन से मुझे मानसिक तौर पर काफी मजबूत की। मुझे लगता है कि पिता की इच्छा थी वो मुझे पूरी करनी हैं।"
--आईएएनएस
फातोर्दा (गोवा), 18 जनवरी| हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में मंगलवार को फातोर्दा के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में अंक तालिका में चौथे स्थान पर काबिज हैदराबाद एफसी का सामना फिसड्डी ओडिशा एफसी से होगा। दोनों टीमों में हर लिहाज से काफी अंतर है और इसी का फायदा उठाते हुए निजाम्स नाम से मशहूर हैदराबाद की टीम शीर्ष-4 में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी। मुम्बई सिटी एफसी के खिलाफ अपने पिछले मैच में हैदराबाद ने ड्रॉ खेला था और इस मैच में इस टीम का मनोबल ऊंचा किया था क्योंकि निजाम्स सीजन के अपने सबसे कठिन मैच में शानदार खेल दिखाते हुए टेबल टॉपर को अंक बांटने पर मजबूर करने में सफल रहे थे।
सीजन का तीसरा क्लीन शीट हासिल करने वाली यह टीम यह मुकाबला जीत भी सकती थी लेकिन वह अपने सामने आए मौकों को भुना नहीं सकी। अब हालांकि उसके पास पूरे तीन अंक हासिल करने का शानदार मौका है क्योंकि उसका सामना सबसे कमजोर नजर आ रही ओडिशा से है जो अब तक 11 मैचों में सिर्फ एक जीत हासिल कर सकी है।
ओडिशा को हराने के साथ हैदराबाद एफसी के 19 अंक हो जाएंगे और वह तीसरे क्रम पर विराजमान एफसी गोवा की बराबरी पर आ जाएगी। इस मैच को लेकर कोच मैनुएल मारक्वेज ने कहा, "हमारा आत्मविश्वास निश्चित तौर पर ऊंचा है। हम मुम्बई के खिलाफ जीतना चाहते थे लेकिन ड्रॉ भी एक अच्छा परिणाम है और ऐसे मैच के बाद आत्मबल का ऊंचा होना आम बात है। हम उस मैच में शारीरिक, रणनीतिक और तकनीकी तौर पर काफी अच्छा खेले थे।"
इस सीजन में जब इससे पहले ओडिशा और हैदराबाद का सामना हुआ था तो हैदराबाद ने जीत हासिल की थी। उस मैच में कप्तान एरिडेन सांटाना ने पेनाल्टी पर गोल किया था।
मारक्वेज ने कहा, "ओडिशा की टीम पिछले कुछ मैचों से अच्छा खेल रही है। इसलिए हमें सावधान रहना होगा।"
ओडिशा की टीम को अपने पिछले मैच में चेन्नइयन एफसी के खिलाफ हार मिली थी। यह इस सीजन की उसकी सातवीं हार थी, जो कि एक रिकार्ड है। इस टीम के खाते में सिफ छह अंक हैं और अब उसे हर हाल में अपने बाकी के मैच जीतने होंगे।
ओडिशा के कोच स्टुअर्ट बॉक्सटर को आशा है कि उनकी टीम हैदराबाद के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी, जिसे कि इस सीजन की सबसे अच्छी टीमों में से एक माना जा रहा है।
बॉक्सटर ने कहा, "हैदराबाद के खिलाफ पहले मैच में हम अच्छा खेले थे। मैच का फैसला हालांकि पेनाल्टी पर हुआ था। हम हारे थे क्योंकि हमने बड़ी गलती की थी। अब मैं इस टीम के खिलाफ सुधरे हुए प्रदर्शन की आशा कर रहा हूं।" (आईएएनएस)
ब्रिस्बेन,18 जनवरी | भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में जारी चौथे और निर्णायक टेस्ट मैच के चौथे दिन के दौरान सोमवार को विकेट के पीछे हॉलीवुड का 'स्पाइडरमैन-स्पाइडरमैन' गाना गाते हुए देखे गए। पंत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वाक्य दरअसल तब का है जब ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन और निचले क्रम के बल्लेबाज कैमरून ग्रीन क्रीज पर मौजूद थे। ट्वीटर पर एक यूजर ने पंत का 'स्पाइडरमैन-स्पाइडरमैन' गाना गाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया जिसके बाद उनका यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पंत की इसी वीडियो को लेकर एक यूजर ने ट्वीट कर कहा, "स्पाइडरमैन भूल जाओ। तूने चुराया मेरे दिल का चैन। सिर्फ पंत ही ऐसा कर सकते हैं।"
वही एक अन्य यूजर ने लिखा, "स्लेज गेम में टिम पेन कहते है कि कम से कम मेरे टीम के खिलाड़ी मुझे पसंद करते है और वहीं ऋषभ पंत कहते है कि 'स्पाइडरमैन-स्पाइडरमैन' तूने चुराया मेरे दिल का चेन।"
एक और यूजर ने लिखा, "ऋषभ पंत का विकेट के पीछे बड़े आराम से स्पाइडरमैन-स्पाइडरमैन गाना गाना इस सीजन के दर्शनीय पलों में से एक है। गोल्ड।"
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी दूसरी पारी में 294 रन पर ऑलआउट कर दिया और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतने के लिए मेहमान टीम को अब 328 रन का लक्ष्य मिला है।
ऑस्ट्रेलिया के मजबूत लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने बारिश बाधित चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक बिना कोई विकेट खोए चार रन बना लिए है। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा चार ने चार और युवा बल्लेबाजी शुभमन गिल शून्य रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।
इससे पहले आस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 369 रन बनाया, जिसके जवाब में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 336 रन के स्कोर पर आउट हो गई थी जिससे ऑस्ट्रेलिया को इस निर्णायक मुकाबले में 33 रनों की ही बढ़त मिल पाई। (आईएएनएस)
ब्यूनस आयर्स, 18 जनवरी । भारतीय महिला हॉकी टीम ने कोरोना महामारी के कारण एक साल के लंबे अंतराल के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वापसी करते हुए अर्जेटीना की राष्ट्रीय जूनियर टीम के खिलाफ सोमवार को यहां 2-2 से ड्रा खेला। भारत की तरफ से युवा फॉरवर्ड खिलाड़ी शर्मीला देवी ने 22वें और अनुभवी दीप ग्रेस एक्का ने 31वें मिनट में गोल किया। भारतीय टीम ने मैच के शुरू होते ही पहले क्वार्टर में जोरदार अटैक किए, जिसका फल टीम को आठवें और नौवें मिनट में पेनाल्टी कार्नर के रूप में मिला। टीम हालांकि अर्जेंटीना के मजबूत डिफेंस के कारण इन दोनों मौकों को भुना नहीं सकी।
अर्जेंटीना को भी इसके कुछ ही देर बाद 11वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन भारत की गोलकीपर सविता ने इस हमले को नाकाम कर दिया।
मैच के दूसरे क्वार्टर में भारत ने एक बार फिर आक्रामक खेल दिखाया और इस बार टीम ने 22वें मिनट में गोल दाग कर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। हालांकि, भारतीय टीम ज्यादा देर बढ़त को बनाए नहीं रख सकी और अर्जेंटीना की पौला सैंटामरीना ने 28वें मिनट में गोल कर मैच को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
अर्जेंटीना की तरफ से इस गोल के बाद भारत ने जवाबी हमला किया और 31वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर टीम को एक बार फिर 2-1 की बढ़त में पंहुचा दिया। टीम की तरफ यह गोल अनुभवी खिलाड़ी ग्रेस एक्का ने किया।
भारतीय टीम ने इसके बाद तीसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना को एक भी गोल नहीं करने दिया।
अंतिम क्वार्टर में 48वें मिनट में अर्जेंटीना की ब्रिसा ब्रगासर ने गोल कर मैच को एक बार फिर बराबरी पर पंहुचा दिया। भारत ने इस गोल के बाद हालांकि वापसी करने का प्रयास किया लेकिन अर्जेंटीना की रक्षापंक्ति को भेदने में कामयाब नहीं हो सकी। भारत को 53वें मिनट में एक और पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन अर्जेंटीना के खिलाड़ियों ने इसे बचा लिया।
इस मैच के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शुअर्ड मरिन ने कहा, "लंबे अंतराल के बाद यह एक कड़ा मुकाबला था। एक साल के लंबे समय के बाद अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में खेलते हुए लय में लौटने में समय लगता है और इसी को ध्यान में रखते हुए हमने मैच में 23 खिलाड़ियों को मौका दिया जिससे वे वापस अपनी लय पा सकें।"
उन्होंने कहा, "हमें हर एक मैच के बाद लय में लौटना होगा। हम इस मुकाबले का बारीकी से अध्ययन करेंगे जिसका उद्देश्य इस मुकाबले में की गलतियों को सीखना होगा ताकि हम अगले मैच के लिए पूरी तरह तैयार रहें।"
भारतीय टीम का अर्जेंटीना की जूनियर महिला टीम से अब अगला मुकाबला बुधवार को होगा। (आईएएएनएस)
लाहौर, 18 जनवरी| तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य कोच मिस्बाह उल हक और उनके मौजूदा सपोर्ट स्टाफ के हटने के बाद ही वह पाकिस्तान के लिए फिर से क्रिकेट खेल सकते हैं। टेस्ट से पहले ही संन्यास ले चुके आमिर ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मैनेजमेंट पर 'मानसिक उत्पीड़न' का आरोप लगाते हुए पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।
उन्होंने कहा था कि वह मौजूदा पीसीबी प्रबंधन की देखरेख में नहीं खेलना चाहते हैं। हालांकि आमिर अब अपने संन्यास लेने वाली बात से यू-टर्न लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
28 वर्षीय आमिर ने सोमवार को ट्विटर पर कहा, " मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं केवल तभी पाकिस्तान के लिए फिर से खेलूंगा जब इस टीम प्रबंधन को हटा दिया जाएगा। इसलिए कृपया अपनी खबरों को बेचने के लिए फेक न्यूज मत फैलाइए।"
आमिर ने पिछले महीने सोशल मीडिया पर कहा था, " मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। मुझे नहीं लगता कि मैं मौजूदा प्रबंधन के रहते खेल सकता हूं। मैं अभी के लिए क्रिकेट छोड़ रहा हूं। मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया है। इसे झेल नहीं सकता।"
आमिर 2009 में टी-20 विश्व कप और 2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके हैं। 2010 में स्पॉट फिक्सिंग के कारण उन पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था और इसके बाद उन्होंने 2015 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी।
(आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 18 दिसंबर। ग्राम चँदाई व कटेली में टेनिस क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । कटेली में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला कमलानगर और कटेली के मध्य खेला गया। जहां कमलानगर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 59 रन बना कर कटेली को 60 की चुनौती दी । जिसका पीछा करते हुए कटेली ने जीत दर्ज किया । वहीं चंदाई में आयोजित टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबला नौरंगपुर और चनामुडा के मध्य खेला गया। जिसमे नौरंगपुर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मात्र 34 रन बना पाई। वही चनामुड़ा की टीम रन का पीछा करते हुए मैच अपने नाम किया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ अजा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष विधायक उत्तरी जांगड़े ,जिला अध्यक्ष कांग्रेस अरुण मालाकार, अनिका बिनोद भारद्वाज जिला पंचायत सभापति रायगढ़, उपाध्यक्ष जपं गनपत जांगड़े,सतनामी समाज अध्यक्ष देवप्रसाद कोशले,पार्षद सम्मेलाल कुर्रे,जनपद सभापति उसत सिदार, राकेश पटेल कोषाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी,बिनोद भारद्वाज ब्लॉक अध्यक्ष अजा कांग्रेस,जनपद सदस्य प्रतिनिधि नोनो पटेल,जनपद सदस्य प्रतिनिधि रामायण सिदार,जनपद सदस्य नरेश चौहान,राजेश खूंटे, भारत भूषण भारद्वाज, सरपंच कटेली गुरबारी ईश्वर साहू, उपसरपंच खिलेश्वरी गनपत जायसवाल,की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ । विजयी टीमों को अतिथियों ने नगद व शील्ड से पुरस्कृत करते हुए बधाई दी। इस अवसर पर बोधराम साहू,शिव टंडन,युवा कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र गुप्ता,चंदाई सरपंच प्रतिनिधि हृदय मनहर, मिलन महन्त,अविनाश जाय सवाल, दूधनाथ पटेल,रमेश खूंटे, फूलसिंह रात्रे, मेघनाथ,सुनील वारे,एकलाल साहू,अमित साहू, दिलीप साहू,तिरिथ राम साहू,साहू तहसील संघ अध्यक्ष बरत साहू, छत्रपाल पटेल,प्रकाश जांगड़े एवं दोनों गांव में सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।