ताजा खबर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 15 सितम्बर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के खिलाफ रायपुर के भाजपा नेता नरेश चंद्र गुप्ता की याचिका खारिज कर दी है।
गुप्ता ने अधिवक्ता विवेक शर्मा और गैरी उपाध्याय के माध्यम से याचिका दायर कर डॉ. शुक्ला की नियुक्ति को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि डॉ. शुक्ला नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले में आरोपी हैं। उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है और वे खुद जमानत पर चल रहे हैं। जमानत पर बाहर अधिकारी को संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। एक साल की जगह पर उन्हें तीन साल की नियुक्ति दी गई है।
सुनवाई के बाद आज जारी आदेश में जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि सरकार ने संविदा भर्ती नियम 17 का उल्लंघन नहीं किया है। ज्ञात हो कि डॉ. शुक्ला को संसदीय मामलों में विभाग का प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल तथा व्यावसायिक शिक्षा मंडल अध्यक्ष व प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग व स्कूल शिक्षा का प्रभार दिया गया है।
रायपुर, 15 सितंबर। रायपुर मेडिकल कॉलेज के 1981 बैच के छात्र डॉ. भागवत प्रसाद बघेल का कल यहां निधन हो गया। शिवरीनारायण निवासी डॉ. बघेल मरीजों का इलाज करते हुए स्वयं कोरोना संक्रमित हो गए थे।
डॉ. बघेल कसडोल (बलौदाबाजार) ब्लॉक में मेडिकल ऑफिसर के रूप में पोस्टेड थे। करीब 30 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र में ही मरीजों की सेवा कर रहे डॉ. बघेल की तबियत खराब होने पर उनकी कोरोना जांच की गई थी, जो पॉजिटिव आई थी। उन्हें इलाज के लिए पहले बिलासपुर लेे जाया गया था। वहां स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें अंबेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती किया गया था।
राजभवन 22, समता कॉलोनी 17, पुलिस एकेडमी 8, ऑफिसर कॉलोनी 6, सीआरपीएफ 4, जिले से 880
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 सितंबर। राजधानी रायपुर-आसपास की बस्तियों-कॉलोनियों से बीती रात में 880 पॉजिटिव मिले। इसमें राजभवन से 22, समता कॉलोनी से 17, चौबे कॉलोनी से 11, पुलिस एकेडमी से 8, ऑफिसर कॉलोनी से 6, सीआरपीएफ के 4, एम्स से 2 मरीज शामिल है। ये सभी मरीज आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराए जा रहे हैं।
क्लिक करें और यह भी पढ़ें : प्रदेश में कोरोना 67 हजार पार
जिन जगहों से कोरोना मरीज मिले हैं, उसकी सूची निम्नानुसार है-अग्रोहा सोसायटी-डीडी नगर, पीएस सिटी-चंगोराभाठा, बिरगांव, फाफाडीह (8 लोग), फोव्वारा चौक, सुंदर नगर (10 लोग), शंकर नगर (39 लोग), संतोषी नगर, बैरनबाजार (7 लोग), देवेंद्र नगर (11 लोग), छोटापारा (3 लोग), तेलीबांधा (8 लोग), डंगनिया, सिविल लाइन (7 लोग), मौदहापारा (3 लोग), मांढर, उरकुरा, तिल्दा-नेवरा, शांति नगर, माना कैंप (5 लोग), मिलिनियम चौक, टैगोर नगर (7 लोग), भाठागांव (9 लोग), गोल बाजार, बजरंग चौक, नारायणा हॉस्पिटल, कंकालीपारा, टिकरापारा (12 लोग), भीम नगर, विधानसभा रोड, मठपुरैना, शादणी दरबार, खमतराई (4 लोग), गुढिय़ारी (13 लोग), राजेंद्र नगर (7 लोग) शिवाजी नगर, श्रीनगर, सड्डू (5 लोग), खम्हारडीह (3 लोग), नहरपारा, बूढ़ापारा, भनपुरी (8 लोग), अश्वनी नगर, अमलीडीह, न्यू राजेंद्र नगर (12 लोग), महावीर नगर (5 लोग), श्याम नगर, पंडरी (3 लोग), परमानंद नगर 2, भवानी नगर-कोटा, दुर्गा मंदिर-तेलीपारा, डीडीयू नगर (8 लोग), सदर बाजार, हीरापुर (4 लोग), कमल विहार, आरबीएस कॉलोनी, गोवर्धन चौक, सत्यम विहार कॉलोनी, तरूण नगर-कुशालपुर, शिवम रेसीडेंसी, एमआईजी-टाटीबंध (3 लोग), कबीर नगर , शिवम विहार, सिंगापुर सिटी, भवानी नगर, सरोरा, सेमरिया-नरदहा, चंदखुरी, पुलिस एकेडमी-चंदखुरी (8 लोग), अनुपम नगर, समता कॉलोनी (17 लोग), रामसागरपारा, मंगलबाजार, देवी लक्ष्मी हॉस्पिटल, नेहरू नगर, लोधीपारा, मंदिरहसौद-आरंग, पचपेड़ी नाका (4 लोग), डब्ल्यूआरएस कॉलोनी-खमतराई, शिवानंद नगर, पंचशील नगर, इंद्रावती भवन, आरंग (9 लोग), समोदा, पेंशन बाड़ा, चौबे कॉलोनी (11 लोग), श्रीजी कॉलोनी-अमलीडीह (10 लोग), दुबे कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी (6 लोग), बजरंग चौक-मठपारा, सरस्वती नगर, मोमिनपारा, बालाजी मार्के ट-आनंद नगर, श्याम टॉकिज-बूढ़ापारा (3 लोग), महादेव नगर, पंचशील नगर (5 लोग), लालपुर, रावाभाठा, सरोरा, प्रिंस कॉलोनी-संतोषी नगर ( 8 लोग), आरडीए कॉलोनी-रायपुरा, दलदल सिवनी, चंगोराभाठा (10 लोग), प्रगति चौक, सरोना (3 लोग), पुलिस लाइन (9 लोग), झंडा चौक-लाभांडी, लोधीपारा, यादव पारा-कुशालपुर, कायस्तपारा-पुरानी बस्ती, मोहबाबाजार, ईदगाहाभाठा, बजरंग नगर-तात्यापारा, पियूष नगर, टिचर कॉलोनी, एकता नगर, अशोक नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, विधायक कॉलोनी, सूर्या नगर-गोगांव, गोंदवारा, नयापारा, पटेवा, गीतांजली नगर, अभनपुर, आदर्श नगर, डंगनिया, अमन नगर, बसंत विहार, सेजबहार, सांई विहार कॉलोनी-सिलतरा, जीवन विहार कॉलोनी, शहीद हमीद नगर, आयोध्याय नगर, श्याम नगर, जगन्नाथ मंदिर, सीआरपीएफ कैंप (4 लोग), कटोरा तालाब, देवपुरी, विनोबा नगर, गायत्री नगर, शैलेंद्र नगर (4 लोग), सांई नाथ कॉलोनी, बंजारी चौक, लाखे नगर, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी-कचना, शास्वत नगर-बोरियाखुर्द, लोधीपारा, ऑफिसर कॉलोनी-देवेंद्र नगर (6 लोग), गोकुल धाम रेसीडेंसी-महादेवघाट, डूंडा, डंगनिया-आमानाका (4 लोग), अवंति विहार (11 लोग), मोवा (9 लोग), बूढ़ापारा, वीरभद्र नगर, तिल्दा, तरूण नगर, बालाजी मंडी, जनता कॉलोनी, दलदल सिवनी, संजय नगर, सुभाष चौक-उरला, मठपुरैना, पुरानी बस्ती थाना, सेजबहार, कृष्णा नगर, दीनदयाल नगर, ब्राम्हणपारा, भोई पारा, बीएसयूपी कॉलोनी, विवेकानंद-रामकुंड, सुभाष नगर, खरोरा, कालीबाड़ी, गुरू नगर चौक, एम्स (2 लोग), काशी राम नगर, जोरापारा, प्रगति विहार, रावतपुरा कॉलोनी, गांधी नगर, दुबे कॉलोनी, लक्ष्मी नगर, हनुमान नगर, वाल्फोड सिटी (4 लोग), वर्धमान स्कूल, जेल कॉलोनी, बोरिया कॉलोनी, बोरियाकला, नवापारा (5 लोग), अविनाश कैपिटल, शिवानंद नगर (6 लोग), हर्ष विहार, उरला, अशोक विहार, सतनाम चौक-रावाभाठा (3 लोग), आनंद नगर, चरोदा, बिरगांव (5 लोग), शक्तिपारा-उरकुरा, धरसींवा, अभनपुर (9 लोग), बेंदरी जीकेसी कंपनी-अभनपुर (13 लोग), तिल्दा (14 लोग), पुलिस स्टेशन-खरोरा (3 लोग), प्रियर्दशनी नगर, नूरानी चौक, सेजबहार, अमीनपारा (6 लोग), जिला हॉस्पिटल-पंडरी, विशाल नगर, राजीव नगर, मारूति लाइफ स्टाईल, राजभवन (22 लोग), इंद्रावती कॉलोनी, रवि शंकर यूनिवर्सिटी, ग्रीन एवेन्यू, चौरसिया कॉलोनी, विवेकानंद नगर।
संदीप पौराणिक
भोपाल, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की राज्य की सियासत में वापसी के आसार बनने लगे हैं। लंबे अरसे बाद उनकी एक बार फि र राज्य में सक्रियता बढ़ी है, साथ में भाजपा के चुनावी मंच पर भी नजर आने लगी हैं।
राज्य में अब 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं और भाजपा की कोशिश है कि इन उप-चुनाव में ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर जीत दर्ज की जाए और इसके लिए वह हर रणनीति पर काम कर रही है। उसी क्रम में भाजपा ने अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की राज्य में सियासी हैसियत का लाभ उठाने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है।
उमा भारती की अगुवाई में भाजपा ने वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और वह मुख्यमंत्री भी बनी थी मगर हुगली विवाद के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफो देना पड़ा था। उसके बाद उमा भारती ने अलग पार्टी बनाई और उनकी प्रदेश की सियासत से दूरी बढ़ती गई। उमा भारती की भाजपा में वापसी हुई मगर राज्य की सियासत से उनका दखल लगातार कम होता गया और उन्हें भाजपा ने उत्तर प्रदेश से विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ाया और उनमें उन्होंने जीत भी दर्ज की।
उमा भारती को भाजपा की ओर से उत्तर प्रदेश का नेता स्थापित करने की कोशिशें हुई मगर वे खुद मध्य प्रदेश की सियासत में सक्रिय रहना चाहती रही है, परंतु उन्हें यह अवसर सुलभ नहीं हो पाया। राज्य के विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा, सभी में उमा भारती की राज्य से दूरी जगजाहिर रही। अब राज्य की सियासत में नए समीकरण बनने लगे हैं और इन स्थितियों ने शिवराज सिंह चौहान की उमा भारती के बीच नजदीकियां भी बढ़ा दी हैं। इस बात के संकेत उपचुनाव के दौरान नजर आने लगे हैं। बीते एक दशक में कम ही ऐसे अवसर आए है जब चौहान और उमा भारती ने एक साथ चुनाव प्रचार के लिए मंच साझा करते नजर आए हों, मगर अब दोनों की नजदीकी बढ़ी और वे मुंगावली व मेहगांव की सभा में दोनों नेताओं ने एक दूसरे की जमकर तारीफ की।
चौहान ने उमा भारती की तारीफ करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के साथ हमारा संकल्प है कि हम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनायेंगे। राज्य की संबल योजना पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के 'पंच ज' कार्यक्रम पर आधारित है और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का ग्राफ भी उमा भारती तैयार करेंगी।
इसी तरह उमा भारती ने भी चौहान की सराहना की और कहा कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसा नेतृत्व चाहिए, जो आत्मविश्वास से भरा हो। केंद्र की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक सक्षम हाथ चाहिए। शिवराज िंसंह चौहान में ये सभी खूबियां मौजूद हैं और विकास के काम में कोई कसर बाकी नहीं रखना उनका स्वभाव है। इसलिए प्रदेश को आत्मनिर्भर और मॉडल स्टेट बनाने के लिए आप आने वाले चुनाव में शिवराज को आशीर्वाद दें।
भाजपा के सूत्रों का कहना है की राष्ट्रीय स्तर के कुछ नेताओं के निशाने पर शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती हैं, लिहाजा दोनों नेताओं को एक दूसरे के सहयोग और सहारे की जरूरत है। पार्टी के भीतर उभर रहे नए नेतृत्व ने इन नेताओं की चिंता बढ़ा दी है और यही कारण है कि अब चौहान और उमा भारती की नजदीकियां बढ़ गई हैं। अब तक चौहान ही उमा भारती को राज्य में सक्रिय होने से रोक रहे थे। वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बी.डी. शर्मा की उमा भारती से काफी नजदीकियां है।
राजनीतिक विश्लेषक शिवम राज पटेरिया का कहना है कि भाजपा में सिर्फ दो पुराने ही ऐसे चेहरे हैं जिनकी राज्य के हर हिस्से में स्वीकार्यता है और वो है चौहान व उमा भारती। उन्हें कोई पसंद करे, नापसंद करें मगर नजरअंदाज (ग्इग्नोर) नहीं किया जा सकता। पार्टी के भीतर जो नए विकल्प सामने आ रहे हैं उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय और विष्णु दत्त शर्मा जैसे नाम हैं मगर ये सभी क्षेत्रीय नेताओं के तौर में पहचाने जाते हैं।
राज्य में विधानसभा के उप-चुनाव में पिछड़ा वर्ग मतदाता नतीजों में बड़ी भूमिका निभा सकता है, लिहाजा उमा भारती पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं, पार्टी इसका लाभ लेना चाहती है, यही कारण है कि उन्हें राज्य में सक्रिय किया जा रहा है। सियासी तौर पर चर्चा तो यहां तक है कि उमा भारती बड़ा मलेहरा विधानसभा क्षेत्र से उप-चुनाव भी लड़ सकती हैं, क्योंकि उमा भारती के करीबी प्रद्युम्न सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफो देकर भाजपा का दामन थामा है। प्रद्युम्न को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा चुका है। पार्टी का कोई भी नेता इस मसले पर बात करने को तैयार नहीं है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में निकले बॉलीवुड ड्रग एंगल को लेकर चल रहे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी की सांसद और दिग्गज अभिनेत्री जया बच्चन ने मंगलवार को उन अभिनेताओं को फटकार लगाई, जिन्होंने इस इण्डस्ट्री को 'गटर' कहा है। इस मामले पर सरकार का समर्थन लेने के लिए बच्चन ने सभापति एम. वैंकेया नायडू से कहा, "सर, मैं बात करना चाहती हूं।"
नायडू ने उन्हें रोककर मास्क पहनने के लिए कहा तो वह बोलीं कि इससे उनकी आवाज साफ नहीं आएगी।
इसके बाद उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा, "मेरा नाम जया बच्चन है।" इस पर नायडू ने कहा कि वे मशहूर हैं और उन्हें अपना परिचय देने की जरूरत नहीं है।
इस पर उन्होंने जबाव दिया, "लेकिन उसी उद्योग को कलंकित किया जा रहा है। मनोरंजन उद्योग हर रोज 5 लाख रोजगार देता है और अप्रत्यक्ष तौर पर 50 लाख लोगों को आजीविका देता है।"
उन्होंने आगे कहा, "ऐसे समय में जब स्थिति निराशाजनक है और रोजगार सबसे खराब स्तर पर है। लोगों का ध्यान हटाने के लिए सोशल मीडिया के जरिए हमें कोसा जा रहा है। ऐसा इसीलिए है क्योंकि इण्डस्ट्री को सरकार का समर्थन नहीं मिल रहा है।"
किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने उद्योग के जरिए नाम कमाया है, उन्होंने इसे एक नाली (गटर) कहा है। मैं पूरी तरह से असहमत हूं। मैं इनसे खुद को अलग करती हूं। मुझे उम्मीद है सरकार ऐसा करने वालों को रोकेगी।"
उन्होंने कहा कि उद्योग में ऐसे लोग हैं, जो सबसे ज्यादा टैक्स देने वालों में शामिल हैं और उन्हें परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि सरकार को मनोरंजन उद्योग के साथ खड़े होना चाहिए क्योंकि सरकार जो भी प्रयास करती है इण्डस्ट्री हमेशा मदद के लिए आगे आती है। यदि राष्ट्रीय आपदा आती है तो वे पैसा देते हैं। कुछ लोगों (बुरे काम करने वाले) के कारण आप पूरे उद्योग की छवि को धूमिल नहीं कर सकते।"
दिग्गज अभिनेत्री ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से शादी की है। उन्होंने आगे कहा कि मनोरंजन उद्योग ने देश की अंतरराष्ट्रीय नाम और पहचान बनाई है।
गोरखपुर से भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन का नाम लिए बिना जया बच्चन ने उनके लिए कहा, "मैं वास्तव में शमिर्ंदा हूं कि एक लोकसभा सांसद ने फिल्म उद्योग के खिलाफ बात की। जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।"
बता दें कि बॉलीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर कंगना रनौत समेत कई कलाकारों ने इस पर टिप्पणियां की हैं।
मनोज पाठक
पटना, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| बिहार में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ गई है। इधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी है, लेकिन महागठबंधन के 'थिंकटैंक' गठबंधन के कुनबे को बढ़ाने में जुटे हैं।
कहा जा रहा है इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल तो महागठबंधन के घटक दलों में शामिल होंगे ही, झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी महागठबंधन में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरने वाली है, जिसके संकेत झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दे चुके हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिन पूर्व रांची में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने के बाद कह चुके हैं कि झामुमो बिहार में राजद के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार है। सूत्र बताते हैं कि कई छोटे दलों को बड़े दलों में मर्ज करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि राजद राज्य के सभी 243 सीटों पर घटक दलों के प्रभाव और क्षेत्रों में उम्मीदवारों की लोकप्रियता का भी आकलन कर रही है। कहा जा रहा है कि राजद इस चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही है, यही कारण है कि राजद महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों से इच्छुक सीटों की सूची भी मांग रही है।
राजद नेतृत्व घटक दलों को स्पष्ट संकेत भी भेज चुका है कि इस चुनाव में जिताउ उम्म्ीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारा जाए।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि महागठबंधन का आकार अभी और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कई दलों से अभी बात हो रही है। इधर, सूत्र कहते हैं कि राजद ऐसे दलों को ही महागठबंधन में शामिल करना चाहता है जो राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के उतराधिकारी उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर उंगली नहीं उठा पाए।
राजद प्रवक्ता तिवारी स्पष्ट कहते हैं कि राजद महागठबंधन में सबसे बड़ा दल है। राजद पूर्व में ही घोषणा कर चुकी है कि पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगी और तेजस्वी ही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले विधनसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, राजद और जदयू बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरे थे और राजद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
इस चुनाव में जदयू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल है। ऐसे में कहा जा रहा है कि राजद इस चुनाव में किसी भी हाल में पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटों पर जीतने की योजना बना रही है, जिससे कोई भी तेजस्वी के नेतृत्व पर उंगली नहीं उठा सके।
सूत्रों का कहना है कि राजद नेतृत्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी महागठबंधन में लाने को लेकर प्रयासरत है।
बहरहाल, महागठबंधन का नेतृत्व भले ही अपना कुनबा बढ़ाकर खुद को और मजबूत करने में जुटी है, लेकिल कुनबा बढ़ने के बाद सभी की सहमति से सीट बंटवारा हो जाए, यह आसान नहीं होगा।
मौतें-573, एक्टिव-33645, डिस्चार्ज-29149
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 सितंबर। प्रदेश में कोरोना मरीज 67 हजार पार पहुंच गए हैं। बीती रात मिले 33 सौ 36 नए पॉजिटिव के साथ इनकी संख्या बढक़र 67 हजार 327 हो गई है। इसमें से 573 मरीजों की मौत हो चुकी है। 33 हजार 645 एक्टिव हैं और इनका एम्स समेत अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 29 हजार 149 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। सैंपलों की जांच जारी है।
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में कोरोना मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बुलेटिन के मुताबिक बीती रात 10 बजे 3336 नए पॉजिटिव सामने आए। इसमें रायपुर जिले से सबसे अधिक 756 मरीज रहे। दुर्ग जिले से 424, राजनांदगांव से 327, बिलासपुर से 308, रायगढ़ से 213, जांजगीर-चांपा से 189, कबीरधाम से 164, बीजापुर से 89, सरगुजा से 86, धमतरी से 81, महासमुंद से 79, बालोद से 72, सूरजपुर से 69, दंतेवाड़ा से 55, कोरिया से 53, मुंगेली से 50, बस्तर से 47, बलौदाबाजार से 43, कोंडागांव से 37, बेमेतरा से 35, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से 33, कोरबा से 26, नारायणपुर से 24, कांकेर से 22, गरियाबंद से 19, जशपुर से 17, बलरामपुर से 8, सुकमा से 4 एवं अन्य राज्य से 6 मरीज शामिल रहे।
दूसरी तरफ कल 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत दर्ज की गई। इसमें सात की मौत कोरोना से हुई है। इन सभी के संपर्क वालों की जांच-पहचान चल रही है। 954 मरीज ठीक होने पर डिस्चार्ज किए गए। स्वास्थ्य अफसरों का कहना है कि प्रदेश में सैंपलों की जांच बढ़ा दी गई है और बीती रात तक 8 लाख से अधिक सैंपलों की जांच पूरी कर ली गई है। होम आइसोलेशन की अवधि पूरी करने वाले मरीज भी डिस्चार्ज किए जा रहे हैं। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में और भी मरीज जल्द ठीक होने पर डिस्चार्ज किए जाएंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर,15 सितम्बर। हाईकोर्ट ने एनआईए की याचिका पर सुनवाई करते हुए झीरम घाटी हमले में मारे गये कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के बेटे जितेन्द्र मुदलियार द्वारा दरभा थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
25 मई 2013 की झीरम घाटी में नक्सलियों ने 31 कांग्रेस नेताओं तथा अन्य लोगों को घात लगाकर मार डाला धा। घटना की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है साथ ही एक जांच आयोग की रिपोर्ट आना बाकी है। इस बीच बीते 26 मई 2020 को उदय मुदलियार के बेटे जितेन्द्र ने इस हमले के पीछे पडय़ंत्र की आशंका जताते हुए दरभा थाने में धारा 320 व 120 ब के तहत एफआईआर दर्ज कराई। इसे लेकर एनआईए ने एनआईए कोर्ट में अर्जी लगाई और कहा कि इस मामले की वह पहले से ही जांच कर रही है।
एनआईए की अपील को बिलासपुर एनआईए कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद एनआईए की ओर से हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की गई जिसकी सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डबल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद दरभा थाने में जितेन्द्र मुदलियार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर आगामी आदेश तक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है।
24 घंटे में 83 हजार से ज्यादा नए केस
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आकंड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 83,809 नए मामले सामने आए हैं और 1,054 लोगों की मौत हो गई है।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 49 लाख के पार पहुंच गई है। देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 49,30,237 हो गई है। इसमें 9,90,061 मामले सक्रिय हैं। वहीं, 38,59,400 लोगों को अब तक इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं, कोरोना की चपेट में आकर अब तक 80,776 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
देश के अलग-अलग राज्यों से कोरोना के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह बेहद चिंताजनक हैं। महाराष्ट्र में अब तक कोरोना के 10,77,374 केस सामने आ चुके हैं। कोरोना प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। राज्य में कोरोना के 2,91,256 मामले सक्रिय हैं। अब तक 7,55,850 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है और 29,894 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना प्रभावित राज्यों में आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर है। आंध्र प्रदेश में कोरोना के अब तक 5,75,079 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य में 93,204 सक्रिय केस हैं और 4,76,903 लोगों को अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। अब तक 4,972 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं, तमिलनाडु कोरोना प्रभावित राज्यों में तीसर ने नंबर पर है। राज्य में अब तक कोरोना के 5,08,511 केस सामने आ चुके हैं। इनमें 46,912 मामले सक्रिय हैं और 4,53,165 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। राज्य में अब तक कोरोना से 8,434 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
कोरोना प्रभावित राज्यों में कर्नाटक चौथे नंबर पर पहुंच गया है। कर्नाटक में अब तक कोरोना के 4,67,689 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 98,463 केस सक्रिय हैं और 3,61,823 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। राज्य में कोरोना से अब तक 7,384 लोगों की जान जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश कोरोना प्रभावित राज्यों में पाचंवें नंबर पर है। यूपी में कोरोना के अब तक 3,17,195 मामले सामने आए हैं। प्रदेश में कोरोना के 67,287 सक्रिय मामले हैं। अब तक 2,45,417 लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। कोरोना की चपेट में आकर अब तक 4,491 लोगों की मौत हो चुकी है।(navjivan)
श्रीनगर, 15 सितंबर (आईएएनएस)| केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 21 सितंबर से फिर से स्कूल खुलेंगे। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति स्वैच्छिक रहेगी। एक अधिकारी ने बताया कि 21 सितंबर को 50 फीसदी कर्मचारियों और छात्रों के साथ स्कूल फिर से खुलेंगे। छात्रों की उपस्थिति को लेकर अभिभावकों से लिखित में सहमति ली जाएगी।
इस दौरान स्कूलों में सभी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन किया जाएगा।
अधिकारी ने आगे कहा, "कक्षा 8वीं तक के 50 फीसदी कर्मचारी हर दिन स्कूल आएंगे, जबकि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 50 फीसदी छात्र स्वैच्छा से उपस्थित हो सकते हैं। यह अभिभावकों को तय करना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति देते हैं या नहीं। इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं और डिजिटल एजुकेशन जारी रहेगी।"
बता दें कि कोविड -19 महामारी के कारण प्रदेश में मार्च से स्कूल बंद हैं। वहीं पिछले साल 5 अगस्त को धारा 370 और 35ए को समाप्त करने के बाद भी स्कूलों को बंद रखा गया था।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)| दिवंगत स्टार सुशांत सिंह राजपूत के करीबी मित्र और अभिनेता-निर्माता युवराज एस. सिंह ने कहा है कि बॉलीवुड में ड्रग कल्चर न केवल प्रचलित है, बल्कि यह तो इस इण्डस्ट्री में कदम रखने का एक तरीका भी है। उन्होंने दावा किया है कि अधिकांश ए-लिस्टेड अभिनेता कोकीन के आदी हैं।
युवराज ने आईएएनएस को बताया, "1970 के दशक से ही ड्रग्स चलन में हैं। उस समय इतना ज्यादा एक्सपोजर या सोशल मीडिया नहीं था। लेकिन अब है इसीलिए यह उजागर हो रहा है। फिल्म उद्योग में कई लोग हैं जो कोकीन लेते हैं। कई अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं जो ड्रग्स के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।"
'बेईमान लव' फिल्म के अभिनेता ने इण्डस्ट्री में प्रचलित ड्रग्स को लेकर कहा, "वीड सिगरेट की तरह है। कैमरापर्सन से लेकर तकनीशियन तक सेट पर सभी लोग सामान्य रूप से वीड का सेवन करते हैं। बॉलीवुड पार्टियों की मुख्य ड्रग कोकीन है। इसके अलावा एमडीएमए है, जिसे एलएसडी या एसिड भी कहा जाता है। केटामाइन भी होती है। ये बहुत हार्ड ड्रग्स हैं, इनका असर 15 से 20 घंटे तक रहता है। मैं तो कहूंगा कि इण्डस्ट्री में 5 से 8 एक्टर्स ऐसे हैं जिनके लिए ड्रग्स छोड़ना बहुत जरूरी है, नहीं तो ये लोग मर जाएंगे ।"
अभिनेता को खुद ही कई बार ड्रग्स की पेशकश की गई।
उन्होंने कहा, "मुझे कई बार ड्रग्स की पेशकश की गई है। यह बहुत सामान्य है। बहुत लोग ड्रग्स लेते हैं, पार्टियों में जाते हैं। वास्तव में इससे लोगों को काम मिल रहा है। यदि आप सही लोगों, सही अभिनेता-अभिनेत्री और निर्देशक के साथ ड्रग्स लेते हैं तो आप एक लॉबी और एक कनेक्शन बनाते हैं। इण्डस्ट्री में ऐसी ही मानसिकता काम करती है। वे लोग एक वातावरण बनाते हैं और उसी में काम करना पसंद करते हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या वह ड्रग्स लेने वाले नामों का खुलासा कर सकते हैं, इस पर अभिनेता ने कहा, "ज्यादातर लोग ऐसा करते हैं। मैंने सचमुच सभी को ऐसा करते हुए देखा है। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है। वह एक ड्रग पार्टी थी।"
युवराज ने यह बात पिछले साल करण जौहर के घर पर हुई पार्टी के वीडियो के संदर्भ में कही। इसमें दीपिका पादुकोण, रणबीर कपूर, मलाइका अरोड़ा, विक्की कौशल, वरुण धवन, शाहिद कपूर, अर्जुन कपूर थे।
युवराज ने आगे कहा, "आप कह सकते हैं कि शीर्ष 10 या 15 ए-लिस्टर्स कोकीन के बहुत अधिक आदी हैं।"
वे नाम क्यों नहीं बता रहे? इसे लेकर युवराज ने कहा, "मैं जानता हूं कि ये लोग (ड्रग्स) का सेवन करते हैं, लेकिन मेरे पास इसे साबित करने के लिए सबूत या तस्वीरें नहीं हैं। वे मुझ पर एक काउंटर केस दर्ज कर सकते हैं। मैं अपना नाम इसमें नहीं लाना चाहता और फिर वे प्रतिशोध लेने के लिए कई तरीके आजमाएंगे। वे वितरकों से कहेंगे कि मेरी फिल्में रिलीज न करें।"
युवराज ने संकेत दिया कि शीर्ष 10 से 15 एक्टर्स में अक्षय कुमार को छोड़कर सभी ड्रग्स लेते हैं।
वाशिंगटन, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 2 करोड़ 91 लाख के पार पहुंच गई है जबकि 927,000 से अधिक लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने यह जानकारी दी। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि मंगलवार सुबह तक, कुल मामलों की संख्या 29,182,198 रही और मरने वालों की संख्या बढ़कर 927,015 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, 6,553,303 मामलों और 194,489 मौतों के साथ अमेरिका दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में शीर्ष पर है।
वहीं, 4,846,427 मामलों के साथ भारत वर्तमान में दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में 79,722 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।
सीएसएसई के आंकड़ों ने दर्शाया कि कोरोना मामलों में ब्राजील तीसरे (4,345,610) स्थान पर है और उसके बाद रूस (1,064,438), पेरू (729,619), कोलंबिया (716,319), मेक्सिको (671,716), दक्षिण अफ्रीका (650,749), स्पेन (593,730), अर्जेटीना (565,446), चिली (436,433), फ्रांस (425,870), ईरान (404,648), ब्रिटेन (373,553), बांग्लादेश (339,332), सऊदी अरब (326,258), पाकिस्तान (302,020), इराक (294,478), तुर्की (292,878), इटली (288,761), फिलीपींस (265,888), जर्मनी (263,222), इंडोनेशिया (221,523), यूक्रेन (160,679), इजरायल (160,368), कनाडा (140,072), बोलीविया (127,619), कतर (121,975), इक्वाडोर (118,911), कजाकिस्तान (106,920), रोमानिया (104,187), डोमिनिकन रिपब्लिक (104,110), पनामा (102,204) और मिस्र (101,177) हैं।
10,000 से अधिक मौतों वाले अन्य देश ब्राजील (132,006), मेक्सिको (71,049), ब्रिटेन (41,726), इटली (35,624), फ्रांस (30,958), पेरू (30,710), स्पेन (29,848), ईरान (23,313) कोलंबिया (22,924), रूस (18,573), दक्षिण अफ्रीका (15,499), चिली (12,013), अर्जेटीना (11,667) और इक्वाडोर (10,922) हैं।
टिक टॉक ने अमेरिका में अपने कारोबार को बेचने को लेकर ओरेकल की बोली को मंजूर कर लिया है. अमेरिकी मीडिया में आई कई रिपोर्ट्स के मुताबिक टिक टॉक ने सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की बोली को ठुकरा दिया है.
टिक टॉक की मालिक कंपनी बाइट डांस ने अमेरिका में अपने वीडियो शेयरिंग ऐप के कारोबार को मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी ओरेकल को बेचने का फैसला किया है. कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट के प्रस्ताव के ठुकरा दिया था जिसके बाद ओरेकल अकेली कंपनी इस दौड़ में बची थी. इस डील से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि टिक टॉक की मालिक कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट की बोली को खारिज करते हुए प्रतिद्वंद्वी कंपनी ओरेकल को चुना, जिससे उसका अमेरिका में परिचालन जारी रह सके.
रविवार को ही माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था टिक टॉक के अमेरिका ऑपरेशंस को खरीदने की बोली को नामंजूर कर दिया गया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने टिक टॉक की मालिक कंपनी को देश में जासूसी की चिंताओं के मद्देनजर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी. ट्रंप ने वादा किया था कि अगर अमेरिका में बाइट डांस अपना कारोबार नहीं बेचती है तो टिक टॉक पर 20 सितंबर तक प्रतिबंध लग जाएगा. ट्रंप ने बाइट डांस को 15 सितंबर तक की मोहलत टिक टॉक को किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए दी थी. टिक टॉक अमेरिका में जासूसी के आरोपों से इनकार करता आया है साथ ही उसका कहना है कि वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है.
टिक टॉक और व्हाइट हाउस ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं जाहिर की है. ओरेकल ने भी टिप्पणी से इनकार किया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रस्तावित बिक्री पूर्ण बिक्री नहीं होगी, लेकिन अमेरिका में इसके ऑपरेशन का पुनर्गठन होगा, जिसमें ओरेकल बाइट डांस के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में काम करेगा और अमेरिका में यूजर्स डाटा को देखेगा. अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ट्रंप इस सौदे को मंजूरी देंगे या नहीं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसमें टिक टॉक को अमेरिकी कारोबार को किसी अन्य अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए मोहलत दी गई थी. ट्रंप ने अपने आदेश में था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो उसे अपने कारोबार को अमेरिका में बंद करना पड़ेगा.
एए/सीके (एपी, एफपी, रॉयटर्स)
नई दिल्ली, 15 सितंबर (वार्ता) कांग्रेस की फूलो देवी नेताम ने राज्य सभा में सोमवार को छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का मामला उठाया।
सदन में शून्यकाल के दौरान श्रीमती नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा का समृद्ध साहित्य है और लगभग नौ करोड़ लोग इसे बोलते-लिखते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से भाषा का विकास होगा। उन्होंने रामायण का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके बहुत सारे अध्यायों में छत्तीसगढ़ी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल हुआ है।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी. विल्सन ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-नीट का मामला उठाया। कांग्रेस के पी एल पुनिया ने श्रम कानूनों में बदलाव करने का मुद्दा उठाया और इन्हें वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मजदूर तबका पहले ही भारी दबाव में है। कुछ राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों में ढील दी है जिससे मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संकट की घड़ी में मजदूरों का साथ देना चाहिए और उन्हें मजबूत बनाना चाहिए। श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को कमजोर किया जा रहा है।
नई दिल्ली 15 सितंबर (वार्ता) सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्याज का निर्यात पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने सोमवार को यहां जारी एक अधिसूचना में बताया कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिये इसका निर्यात रोकने का फैसला किया गया है। यह अधिसूचना प्याज की सभी किस्मों पर लागू होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज के टुकड़े और पाउडर का निर्यात जारी रहेगा.
मनरेगा में मजदूरी करने के बाद भी आधार या बैंक खाते की जानकारी सही न होने के कारण भुगतान रद्द हो जाता है
- Raju Sajwan
कोरोना आपदा के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा पर सरकार ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों का भरोसा बढ़ा। अपना पेट भरने के लिए गांवों में पहुंचें प्रवासियों और ग्रामीणों ने मनरेगा का काम भी किया, लेकिन काम करने के बाद भी मजदूरी न मिले तो क्या होगा? आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 यानी कोरोना काल में मनरेगा का 123 करोड़ रुपया (लगभग 73 लाख ट्रांजेक्शन) का भुगतान रद्द कर दिया गया है। स्वयंसेवी संगठन पीपुल्स एक्शन फॉर इम्प्लायमेंट जनरेशन गारंटी (पीएइजी) की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले पांच साल के दौरान मजदूरों का लगभग 1,200 करोड़ रुपया फंसा हुआ है। जिसके बारे में किसी की जवाबदेही नहीं है।
दरअसल, मनरेगा के तहत प्रावधान किया गया है कि मजदूरों को भुगतान मिलने में 15 दिन से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। इसलिए व्यवस्था की गई है कि ग्रामीण विकास विभाग के स्थानीय अधिकारी हर सप्ताह जितना काम होता है, उसका एक फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) जनरेट करते हैं। यह एक तरह का डिजीटल चेक या पेऑर्डर होता है। यह एफटीओ ऑनलाइन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से सीधे पब्लिक फंड मेनजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) तक पहुंच जाता है। लेकिन यदि भुगतान की प्रक्रिया “आधार” पर आधारित होती है (जो कि अब लगभग सभी राज्यों में है) तो मजदूरी का भुगतान नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से मजदूर के बैंक खाते में पहुंच जाता है।
पीएइजी से जुड़े राजेंद्रन बताते हैं कि इस प्रक्रिया के बावजूद मजदूर तक उसकी मजदूरी नहीं पहुंच रही है। जैसे ही, स्थानीय अधिकारी एफटीओ जनरेट किया जाता है, उससे यह मान लिया जाता है कि मजदूर को भुगतान मिलने में देरी नहीं हुई है, लेकिन हकीमत में मजदूर के खाते तक पैसे नहीं पहुंचते हैं। इसकी चार प्रमुख वजह सामने आई हैं। एक, मजदूर के बैंक खाते का नंबर सही नहीं है तो उस भुगतान का एफटीओ जनरेट होने के बावजूद रिजेक्ट कर दिया जाता है। दूसरा, किन्ही कारणों से बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है तो पेमेंट रिजेक्ट कर दी जाती है। तीसरा, बैंक ने खाता बंद कर दिया है तो भी पेमेंट रिजेक्ट कर दी जाती है, लेकिन चौथा सबसे बड़ा कारण यह है कि मजदूर ने जो खाता अपने जॉब कार्ड में दर्शाया है और उस खाते को अपने आधार नंबर से लिंक नहीं किया है तो भी मजदूरों का भुगतान रद्द कर दिया जाता है।
मनरेगा की वेबसाइट पर अपलोड एमआईएस रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2020-21 में 14 सितंबर 2020 तक 3.04 करोड़ ट्रांजेक्शन जनरेट हुए। इसमें से 73,04,712 ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हुए हैं। जो लगभग 123 करोड़ रुपया बनता है।
राजेंद्रन बताते हैं कि उनकी संस्था ने पिछले पांच साल और इस साल के जुलाई माह तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो पाया कि हर 23 वें भुगतान (ट्रांजेक्शन) में से एक भुगतान रिजेक्ट हो रहा है और इस अवधि के दौरान लगभग 5 करोड़ ट्रांजेक्शन रिजेक्ट किए गए, जो लगभग 4,800 करोड़ रुपए बनता है। इन ट्रांजेक्शन को रिजनरेट तो किया गया, लेकिन अभी भी लगभग 1,200 करोड़ रुपया मजदूरों का नहीं मिला है। वह कहते हैं कि हालांकि यह कहना भी पूरी तरह सही नहीं है कि ट्रांजेक्शन रिजनरेट होने के बावजूद मजदूरों को पैसा मिल ही गया होगा। क्योंकि मनरेगा की वेबसाइट पर जो जानकारी दी गई है, उसमें यह तो बताया गया है कि ट्रांजेक्शन रिजेक्ट होने के बाद रिजनरेट कर दी गई है, लेकिन पेमेंट प्रोसेस्ड हो गई है, यह जानकारी उपलब्ध नहीं है।
डाउन टू अर्थ ने भी मनरेगा की एमआईएस रिपोर्ट की जांच की तो पाया कि बार-बार रिजनरेट होने के बाद भी पेमेंट प्रोसेस नहीं हो रही है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के गांव बिजोपुर में गुलिस्ता नामक एक मजदूर ने तालाब खोदने का काम किया। 16 जुलाई 2020 को पहली बार पेमेंट रिजेक्ट हो गई। कारण बताया गया कि जो बैंक खाता दर्शाया गया है, वह खाता है ही नहीं। लेकिन इस खाते का सही कराने की बजाय एक बार फिर से 24 जुलाई 2020 को ट्रांजेक्शन रिजनरेट कर दी गई। जो फिर रिजेक्ट हो गई। एक बार फिर से नौ सितंबर 2020 को ट्रांजेक्शन प्रोसेस की गई और फिर रिजेक्ट कर दी गई। इस बार कारण साफ-साफ लिखा गया कि जो बैंक खाता बताया जा रहा है, वह मैच नहीं कर रहा है। इस तरह 14 सितंबर 2020 तक गुलिस्ता को पैसा नहीं मिला है। जबकि मनरेगा एक्ट के तहत उसे 15 दिन के भीतर मजदूरी मिल जानी चाहिए। (देखें, मनरेगा वेबसाइट का स्क्रीन शॉट)
राजेंद्रन बताते हैं कि ऐसे बहुत से केस हैं। मजदूरों को उनकी मजदूरी का पैसा कई-कई साल से नहीं मिला। दिलचस्प बात यह है कि यह पैसा क्यों नहीं मिल रहा है, इसकी जिम्मेवारी लेने वाला भी कोई नहीं है। मजदूर जब अपनी मजदूरी के लिए सरपंच या स्थानीय अधिकारी के पास जाता है तो उसे बताया जाता है कि उन्होंने तो उसी सप्ताह एफटीओ जनरेट कर दिया था। बैंक में जाता है तो बताया जाता है कि बैंक के पास पैसा आया ही नहीं है। एनपीसीआई, जिसके पास पूरे देश के आधार लिंक्ड बैंक खातों की जानकारी है, उससे कोई सवाल कर नहीं सकता। यानी कि मजदूरों को उनकी मजदूरी मिलेगी या नहीं, इसकी जिम्मेवारी भी तय नहीं है।
24 से 28 अगस्त 2020 के बीच केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित परफॉरमेंस रिव्यू कमेटी की वर्चुअल मीटिंग में भी यह मुद्दा उठ चुका है। बैठक में वर्ष 2020-21 में 17 अगस्त 2020 तक रिजेक्ट हुई ट्रांजेक्शन के बारे में बताया गया कि सात राज्यों में 60 फीसदी से अधिक बकाया भुगतान रिजनरेट नहीं हुआ है। इनमें सबसे अधिक मणिपुर में 92 फीसदी, बिहार में 72 फीसदी, ओडिशा में 70 फीसदी, झारखंड में 69 फीसदी और मिजोरम में 66 फीसदी मजदूरी का भुगतान रद्द होने के बाद रिजनरेशन के लिए भेजा गया है।
राजेंद्रन कहते हैं कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब कहीं रोजगार नहीं मिल रहा था तो मनरेगा अकेली ऐसी योजना थी, जिसमें लोगों ने यह सोच कर काम किया कि कुछ तो पैसा हाथ में आएगा, लेकिन ऐसे बुरे वक्त में जब पूरा काम करने के बाद भी मजदूरी न मिले तो इन मजदूरों पर क्या बीती होगी? कई बार ऐसा भी होता है कि बैंक खाते का नंबर गलत लिखने के कारण एक सप्ताह की मजदूरी का भुगतान रिजेक्ट कर दिया जाता है, लेकिन अगले सप्ताह फिर उसी गलत खाते का एफटीओ जनरेट कर दिया जाता है, इस तरह अगर वह मजदूर 100 दिन भी काम कर ले तो उसे पूरा पैसा नहीं मिलता। इतना ही नहीं, अगर 15 दिन में भुगतान न मिले तो मनरेगा के तहत मुआवजा देने का प्रावधान है, लेकिन ऐसे मजदूरों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता। वह कहते है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले और मजदूरों को उनकी मजदूरी हर हाल में 15 दिन के भीतर मिले, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।(downtoearth)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा में माना कि संक्रमण तेजी से फैला। हालांकि उन्होंने सामुदयिक प्रसार शब्द के इस्तेमाल से परहेज किया
- DTE Staff
केंद्र सरकार भविष्य में महामारियों से निपटने के लिए 65,560.98 करोड़ रुपए के विशेष व्यय वित्त मेमोरेंडम पर विचार कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने 14 सितंबर 2020 को लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत होने वाले आवंटन से शोध, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर निवेश सुनिश्चित होगा। खासकर महामारी के प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि देश अब यात्रा संबंधी मामलों को प्रबंधित करने में कामयाब हो गया है। अब मामले क्लस्टर स्तर पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सामने आ रहे मामले स्थानीय ट्रांसमिशन के कारण हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर ट्रांसमिशन की बात स्वीकार की लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन शब्द से परहेज किया।
उन्होंने कहा कि संक्रमण शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत तेजी से फैला है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात में सबसे अधिक मामले और मृत्यु दर्ज की गई है। मंत्री ने बताया कि इन सभी राज्यों ने 1,00,000 से अधिक सामने आए हैं।
मंत्री ने बताया कि भारत में सामने आए मामलों में कम से कम 92 प्रतिशत हल्के लक्षण वाले हैं। उन्होंने कहा कि केवल 5.8 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत होती है। यह बीमारी मात्र 1.7 प्रतिशत मामलों में गंभीर हो सकती है जिन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता होती है।
वैश्विक स्तर पर किए गए दो दर्जन से अधिक अध्ययनों से पता चला है कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 रोगियों पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन भारत सरकार ने दवा के उपयोग को जारी रखा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन को कई गुणा बढ़ा दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 सितंबर, 2020 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 10.84 करोड़ गोलियां जारी की थीं।”
केंद्रीय आयुष मंत्रालय कोविड-19 की रोकथाम और पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोटोकॉल के लिए कई आयुर्वेदिक दवाओं को शामिल कर चुका है। विशेषज्ञों ने कई बार पूछा कि क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है।
वर्धन के अनुसार, आयुष मंत्रालय ने आयुष-संजीवनी ऐप शुरू किया है। इसके माध्यम से कोविड-19 की रोकथाम में दवाओं की प्रभावशीलता, स्वीकार्यता और उसके उपयोग का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसके परिणामों पर कुछ नहीं कहा। मंत्री ने मंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा की है लेकिन उनके संबंध में कोई घोषणा नहीं की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंत्री को दो बार टोका और उनसे अपना वक्तव्य टेबल करने को कहा क्योंकि पूरा वक्तव्य पढ़ने पर बहुत समय लगेगा। उन्होंने वर्धन को पहली बार तब टोका जब उन्होंने मुश्किल से चार मिनट बोला था। करीब 13 मिनट बाद अध्यक्ष ने फिर उन्हें टोका और अपना भाषण टेबल करने को कहा। हर्षवर्धन के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी बात रखने को कहा गया।(downtoearth)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विशेषज्ञ की देखरेख में आयुष मंत्रालय की दवाओं को खाने की सलाह दी है
- Bhagirath Srivas
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आखिरकार 13 सितंबर 2020 को कोविड-19 से रिकवर हुए मरीजों के लिए फॉलोअप प्रोटोकॉल जारी कर दिए। प्रोटोकॉल दस्तावेज का कहना है कि कोविड-19 की बीमारी के बाद रिकवर मरीज थकान, शरीर में दर्द, खांसी, गले में खराश, सांस में लेने में परेशानी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों का फॉलोअप जरूरी है। डाउन टू अर्थ ने पिछले महीने कई ऐसे मरीजों से बात की थी जिन्हें रिकवरी के बाद इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिस बड़ी संख्या में लोग कोरोनावायरस संक्रमण से रिकवर हो रहे हैं, उसे देखते हुए रिकवरी के बाद प्रोटोकॉल की जरूरत महसूस की जा रही थी।
प्रोटोकॉल में रिकवर हुए मरीजों को कई तरह की सलाह दी गई हैं। इनमें से कुछ सलाह व्यक्तिगत स्तर की, कुछ सामुदाय स्तर की और कुछ स्वास्थ्य सेवा स्तर की हैं। व्यक्तिगत स्तर की सलाह में मरीजों को रिकवरी के उचित व्यवहार अमल में लाने जैसे, मास्क का इस्तेमाल, साफ सफाई और सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। साथ ही बड़ी मात्रा में गर्म पानी पीने को कहा गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयुष मंत्रालय की कुछ दवाओं को आयुष एक्सपर्ट की सलाह पर लेने को कहा गया है। जैसे आयुष क्वाथ रोज एक कप, 500 एमजी की समसावटी दिन में दो बार या गर्म पानी में एक से तीन ग्राम गिलोय पाउडर लेने को कहा गया है। इसके अलावा 500 एमजी की अश्वगंधा 15 दिन तक दिन में दो बार, दिन में एक आंवला फल या एक से तीन ग्राम पाउडर दिन में एक बार लेने को गया है। आयुष मंत्रालय ने सलाह दी है कि एक चम्मच च्यवनप्रास रोज सुबह गर्म पानी या दूध में लेना चाहिए।
व्यक्तिगत स्तर की अन्य सलाह में कहा गया है अगर स्वास्थ्य इजाजत दे तो घर का काम करना चाहिए और धीरे-धीरे पेशेवर काम शुरू किए जा सकते हैं। लोगों को हल्का व्यायाम और योगाभ्यास भी करना चाहिए।
सामुदायिक स्तर के सुझाव
फॉलोअप प्रोटोकॉल का दस्तावेज कहता है कि रिकवर मरीजों को अपने सकारात्मक अनुभव सोशल मीडिया के माध्मय से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों आदि से साझा करने चाहिए जिससे जागरुकता आए और बीमारी से जुड़े स्टिग्मा व भ्रांतियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा रिकवरी के बाद स्वयं सहायता समूहों, नागरिक संगठन और प्रशिक्षित पेशेवरों की मदद से अपना जीवन फिर से पटरी पर लाने की सलाह दी गई है। जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सकों की मदद लेने को भी कहा गया है। इसके अलावा सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए समूह में योग, ध्यान आदि करने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य सेवा स्तर की सलाह
स्वास्थ्य सेवा स्तर की सलाह में कहा गया है कि डिस्चार्ज होने के 7 दिन बाद डॉक्टर के पास पहली फॉलोअप विजिट करनी चाहिए। यह विजिट उसी अस्पताल में हो जहां से डिस्चार्ज हुए हों। आगे के इलाज के लिए नजदीकी डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है। मरीजों को पॉली थेरेपी से बचने की सलाह दी गई है। जो मरीज होम आइसोलन में रहे हैं, अगर उनमें कोई लक्षण उभरते हैं तो नजदीकी अस्पताल जाने की सलाह दी गई है। (downtoearth)
रेलवे में इंटर्न से लेकर बड़ी कंपनियों के सीईओ तक लिस्ट में
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच खुलासा हुआ है कि चीन अपनी एक कंपनी के जरिए भारत के करीब 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी कर रहा है। इतना ही नहीं, वह दुनियाभर अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनियाभर के 24 लाख लोगों की जासूसी कर रहा था। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सोमवार को खुलासा किया था कि चीन की जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीजेआई बोबडे जैसी हस्तियां शामिल हैं। अखबार ने मंगलवार को अपने खुलासे की दूसरी कड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था के भीतर चीन के गहरे जमे जासूसी त्रंत्र के बारे में बताया है। ड्रैगन भारतीय अर्थव्यवस्था की किस कदर जासूसी कर रहा है, इसका अंदाजा इसी ले लगा सकते हैं कि उसकी निगरानी लिस्ट में इंडियन रेलवे में इंटर्नशिप कर रहे इंजीनियरिंग स्टूडेंट से लेकर अजीम प्रेमजी की वेंचर कंपनी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर तक शामिल हैं।
चीन की सेना और खुफिया एजेंसी से जुड़ी कंपनी झेन्हुआ डेटा इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनी लिमिटेड ने जो ओवरसीज की इंडिविजुअल डेटाबेस (OKIDB) तैयार किया है, उसमें भारत के अर्थ जगत से कम से कम 1,400 लोग, संगठन या कंपनियां शामिल हैं। जिन लोगों की चीन निगरानी कर रहा है उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट्स, एंजेल इन्वेस्टर्स, देश के जाने-माने स्टार्टअप और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर्स तक शामिल हैं। इसके अलावा इंडिया में बेस्ड फॉरेन इन्वेस्टर्स की भी चीन जासूसी कर रहा है।
OKIDB के जरिए भारत के अर्थ जगत की जिन हस्तियों की जासूसी की जा रही है, उनमें महिंद्रा ग्रुप के ग्रुप सीएफओ अनीश शाह, रिलायंस ब्रैंड्स के सीटीओ पीके थॉमस, अजीम प्रेमजी की बनाई हुई वेंचर कैपिटल कंपनी प्रेमजी इन्वेस्ट के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर टी. के. कुरियन, रिलायंस रिटेल के चीफ एग्जिक्यूटिव ब्रायन बेड और मॉर्गन स्टैनली के कंट्री हेड विनीत सेखसारिया जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं।
ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट, ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जौमैटो और स्विगी के शीर्ष अधिकारियों की भी चीन निगरानी कर रहा है। फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल, ऊबर इंडिया के ड्राइवर ऑपरेशंस के हेड पवन वैश, पेयू के बिजनस हेड नमीत पोटनीस, नाइका की को-फाउंडर और सीईओ फाल्गुनी नायर, जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपींदर गोयल और स्विगी के को-फाउंडर और सीईओ नंदन रेड्डी की भी जासूसी हो रही है।
इतना ही नहीं, आईआईटी जैसे शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के डायरेक्टरों तक की चीन जासूसी कर रहा है। इनमें आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रफेसर अभय करांडिकर और आईआईटी बॉम्बे के प्रफेसर दीपक बी. पाठक भी शामिल हैं। भारतीय अर्थ जगत में जिन्हें सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है, उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट्स और एंजेल इन्वेस्टर्स शामिल हैं। इसके अलावा कंपनियों/स्टार्टअप्स के संस्थापकों, सीईओ, सीएफओ, सीटीओ और सीओओ को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया गया है।
भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल हेल्थ सेक्टर और डिजिटल एजुकेशन सेक्टर की चीन निगरानी और जासूसी कर रहा है। भारत के प्रमुख डिजिटल पेमेंट ऐप्स भी OKIDB के डेटा बेस में शामिल हैं।
सिप्ला के सहयोग से चल रही डिजिटल थेरेपी चलाने वाला स्टार्टअप वेल्थी थेरप्यूटिक्स. बेंगलुरु बेस्ड हेल्थकेयर स्टार्टअप स्ट्रैंड लाइफ साइंस, ग्रामीण भारत में हेल्थकेयर सर्विस उपलब्ध कराने वाले ग्रामीण हेल्थकेयर चीनी जासूसी का निशाना बने हैं। इसी तरह मैट्रिक्स पार्टनर इंडिया, कलारी कैपिटल, सीड फंड, फायरसाइड वेंचर्स जैसे एंजेल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स की भी जासूसी की जा रही है। मैट्रिक्स पार्टनर का ओला, प्रैक्टो और रेजर पे में ठीक-ठाक शेयर है। इसी तरह कलारी केपिटन के पोर्टफोलियो में स्नैपडील, माइंत्रा और अर्बन लैडर जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां शामिल हैं।
पेटीएम, रेजरपे और फोन पे जैसी भारत की शीर्ष डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी चीनी जासूसी के जाल से अछूती नहीं है। इसके अलावा पाइन लैब्स, एवेन्यूज पेमेंट्स, एफएसएस जैसी पेमेंट्स कंपनियों की भी चीन जासूसी कर रहा है। एफएसएस पेमेंट्स का आईआरसीटीसी जैसे दिग्गजों के साथ पार्टनरशिप है। इसी तरह बायजु, अड्डा247, ओलाइवबोर्ड जैसे टॉप लर्निंग ऐप्स की भी जासूसी हो रही है।(navbharattimes)
कोरोना वायरस के प्रकोप ने पूरी दुनिया को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले रखा है और लोगों को बड़ी बेसब्री से इस बीमारी के वैक्सीन का इंतजार है। दुनिया के सभी प्रमुख देशों की दवा कंपनियां वैक्सीन के निर्माण में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं और इनमें से कई तीसरी फेज के ट्रायल में भी पहुंच चुकी हैं। अभी तक सारे वैक्सीन ट्रायल फेज में ही हैं और आम आदमी इसके उपलब्ध होने का इंतजार कर रहा है। मीडिया में इसके उपलब्ध होने की संभावित महीने की खबरें आती रहती हैं। पहले अगस्त महीना बताया गया था। फिर सितंबर और अब दिसंबर बताया जा रहा है। वहीं कुछ रिपोटर््स में जनवरी तो कुछ में आगामी मई-जून का जिक्र है। ऐसे में यह वैक्सीन कब आएगी, इसका रहस्य गहराता जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने गत रविवार को कहा था कि वैक्सीन अगले साल के शुरू में आ जाएगी। वहीं अमेरिकी वायरस विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा कि अगले साल के आखिर तक वायरस के साथ ही जिंदगी बितानी पड़ेगी। ऐसे में लोगों का कन्फ्यूज होना स्वाभाविक है। अब दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि २०२४ तक भी इतनी वैक्सीन तैयार नहीं हो पाएगी कि संसार के सभी लोगों को खुराक मिल जाए। दुनिया की आबादी इस समय करीब ७५० करोड़ है। उन्होंने हिंदुस्थान के सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचने को लेकर भी चिंता जताई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदार पूनावाला का कहना है कि दवा कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता इतनी अधिक नहीं कर पाई हैं, जिससे कम समय में पूरी दुनिया को वैक्सीन दी जा सके।
कोरोना वायरस की वैक्सीन के अगले साल तक आने की पूरी उम्मीद है। मगर २०२४ तक दुनिया की पूरी आबादी को यह वैक्सीन नहीं मिल पाएगी। क्योंकि आबादी ज्यादा है और निर्माता कंपनियों की उतनी क्षमता नहीं है कि वे एक साथ इतनी वैक्सीन तैयार कर लें। इसलिए दुनिया की पूरी आबादी के लिए वैक्सीन उत्पादन करने में २०२४ से आगे तक का वक्त लग जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि धरती पर मौजूद सभी लोगों को वैक्सीन देने में ४ से ५ साल का वक्त लगेगा।’ उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति के लिए कोरोना वैक्सीन की दो खुराक की जरूरत होती है तो पूरी दुनिया के लिए १५ अरब खुराक की जरूरत पड़ेगी।
अदार पूनावाला ने हिंदुस्थान के १.४ अरब लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने को लेकर चिंता भी जताई क्योंकि यहां वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट के लिए कोल्ड चेन सिस्टम नहीं है। बता दें कि वैक्सीन को तैयार होने के बाद प्रâीजर में रखना होता है और एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए कोल्ड चेन सिस्टम की जरूरत होती है। अदार पूनावाला ने कहा, ‘मैं अब भी ऐसी कोई ठोस योजना नहीं देख पा रहा हूं जिससे कि ४० करोड़ (हिंदुस्थान के) से अधिक लोगों को वैक्सीन मिल पाएगी। आप ऐसी कोई स्थिति नहीं चाहते कि आपके पास अपने देश के लिए वैक्सीन उत्पादन की क्षमता हो, लेकिन आप इसे कंज्यूम नहीं कर सकते।’ पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिए पांच अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौता किया है। इनमें एस्ट्रेजेनेका व नोवावैक्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। सीरम इंस्टीट्यूट का लक्ष्य एक अरब वैक्सीन की खुराक का उत्पादन करना है, जिनमें से आधी वैक्सीन हिंदुस्थान को मिलेगी। अदार पूनावाला ने कहा कि वह वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सऊदी अरब के पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड, अबु धाबी इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी और अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म से ६०० मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।(hindisaamana)
अमरीका ने सीमा पर तैनात अधिकारियों को आदेश दिया है कि चीन के शिनजियांग प्रांत की कुछ चुनिंदा जगहों पर बनने वाले कपड़ों, कंप्यूटर के पुर्ज़ों और दूसरे सामानों के आने से रोक दिया जाए.
शिनजियांग के वीगर मुसलमानों के साथ कथित सलूक को लेकर चीन पर दबाव बनाने के क्रम में ट्रंप प्रशासन का ये ताज़ा कदम है.
अमरीका का कहना है कि इन जगहों पर मज़दूरों से जबरन काम कराया जाता है.
माना जाता है कि चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर शिनजियांग में दस लाख से ज़्यादा लोगों को हिरासत में रखा हुआ है.
लेकिन चीन का कहना है कि अपने इस कार्यक्रम के तहत वो हिरासत में लिए गए लोगों को मैन्युफेक्चरिंग साइट्स पर भेजता है, जहां उन्हें काम करना सिखाया जाता है और पढ़ाया जाता है.
ट्रंप प्रशासन
चीन का कहना है कि चरमपंथ और अलगाववाद के ख़तरों से निपटने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है.
इस मसले पर अमरीका और चीन बार-बार आमने-सामने आते रहे हैं. अमरीका चीन पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाता है.
सोमवार को दिए आदेश में कहा गया, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साफ संदेश दीजिए कि हम अमरीका की सप्लाई चेन में जबरन मज़दूरी कराने के ग़ैर-कानूनी, अमानवीय और शोषणकारी व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे."
"ट्रंप प्रशासन खड़ा देखता नहीं रहेगा और उन विदेशी कंपनियों को अपने यहां आने की अनुमति देगा जो सताए हुए कामगारों से जबरन काम कराती हैं और साथ ही उन अमरीकी कारोबारों को भी नुक़सान पहुंचाती हैं जो मानवाधिकारों और क़ानून के राज का सम्मान करते हैं."
कपास का उत्पादन
अमरीका पूरे प्रांत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा था, लेकिन सोमवार को जारी किए आदेश में अमरीका ने सिर्फ कुछ हिस्सों की बात की. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वो उस संभावना पर भी क़ानूनी रूप से विचार कर रहे हैं.
चीन दुनिया के लगभग 20 प्रतिशत कपास का उत्पादन करता है, जो ज़्यादातर शिनजियांग से आता है. ये क्षेत्र पेट्रोकेमिकल और चीनी फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होने वाले दूसरे सामानों का भी बड़ा स्त्रोत है.
इसी महीने, अमरीका की दिग्गज मनोरंजन कंपनी डिज़्नी ने भी अपनी एक नई फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग शिनजियांग में करने को लेकर आलोचना का सामना किया था.
इस प्रांत से किसी ना किसी तरह से जुड़ी दूसरी कंपनियों को भी ग्राहकों ने बहिष्कार करने की बात कही थी.
सोमवार को जारी हुआ आदेश इनपर लागू होगा:
लोप काउंटी नंबर 4 व्यावसायिक कौशल शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र में बनाए गए उत्पादों पर.
लोप काउंडी हेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्रियल पार्क में बने उत्पादों पर.
यिली झुओवान गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड और बाओटिंग एलवाईएसज़ेडडी ट्रेड और बिज़नेस कंपनी के बनाए कपड़ों पर.
शिनजियांग जुंगर कॉटन एंड लिनन कंपनी लिमिटेड की ओर से उत्पादित और प्रोसेस्ड कपास पर.
चीन के एन्हुई में हेफ़ेई बिटलैंड सूचना प्रौद्योगिकी कं. लिमिटेड के बने कंप्यूटर भागों पर.(bbc)
संसद में आज चीन के साथ जारी तनाव और पूर्वी लद्दाख के हालात का मामला उठेगा। एलएसी के हालात को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बनाए हुए है कि सरकार इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान दे। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्री आज दोपहर लोकसभा की कार्यवाही के दौरान 3 बजे 'लद्दाख में सीमा पर हालात' के बारे में संसद को जानकारी देंगे।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में कई महीने से चीन के साथ तनाव बना हुआ है। और हालात इस हद तक बिगड़े हैं कि दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ चुकी हैं। तनाव कम करने की तमाम कोशिशें और कई दौर की बातचीत होने के बावजूद हालात में कोई बदलाव नहिं आया है।
हाल ही में मॉस्को में हुई एससीओ बैठक के बीच ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष के बीच तकरीबन 2 घंटे बैठक चली थी। इस बैठक में तय हुआ था कि दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का मुद्दा सुलझाएंगे, लेकिन इस पर फैसला नहीं हो सका कि दोनों देशों की सेनाएं कब पीछे हटेंगी। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच भी बैठक हुई थी। इस बैठक में भारत ने साफ कहा था कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। इस बैठक में भी तय हुआ था कि दोनों देश बातचीत जारी रखेंगे और विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने पर जोर देंगे। लेकिन बाद में चीन की तरफ से बयान आया था कि मुद्दा सुलझाने की पूरी जिम्मेदारी भारत पर है। इसके बाद भारत ने भी साफ कर दिया कि चीन जब तक सीमा पर यथास्थिति बहाल नहीं करता, तब तक उसके साथ व्यापारिक रिश्ते सामान्य नहीं होंगे।(navjivan)
नई दिल्ली, 15 सितंबर आईएएनएस। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सभी 48 हजार झुग्गी वासियों को आश्वासन दिया कि झुग्गी को नहीं हटाया जाएगा। जब भी झुुग्गी हटाई जाएगी, उससे पहले पक्का मकान मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "जब तक आपका यह भाई, जब तक आपका यह बेटा जिंदा है, आपको हम किसी भी हालत में उजड़ने नहीं देंगे। केंद्र सरकार के स्पेशल प्रोविजन एक्ट, ड्यूसीब एक्टी, ड्यूसीब पॉलिसी और ड्यूसीब प्रोटोकाल चार कानून हैं, जो कहते हैं कि किसी भी झुग्गीवाले को हटाया जाएगा, तो पहले उसको पक्का मकान दिया जाएगा। पिछले 70 वर्षों में विभिन्न पार्टियों की सरकारों ने दिल्ली की प्लानिंग ठीक से नहीं की, उन्होंने गरीबों के लिए घर नहीं बनाए। साथ ही, जब तक कोरोना ठीक नहीं हो जाता, तब तक झुग्गी हटाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, कहीं ऐसा न हो यह इलाके कोरोना के हॉट स्पॉट न बन जाएं।"
सीएम ने कहा, "मुझे खुशी है कि केंद्र सरकार ने कोर्ट में पॉजिटिव एफिडेविट दिया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार, रेलवे और अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री, तीनों मिलकर अगले 4 हफ्ते में इसका समाधान निकालेंगे। यह भी एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर हमें राजनीति करने की बजाय, सबको मिल कर काम करना चाहिए।"
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में कहा, "यह आदेश हुआ है कि 48 हजार झुग्गियों को 3 महीने के अंदर तोड़ा जाए। मेरा अपना यह मानना है कि यह महामारी का दौर चल रहा है और इस महामारी के दौर में 48000 झुग्गियों को तोड़ना सही नहीं होगा, जब तक कोरोना ठीक नहीं हो जाता, तब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, नहीं तो कहीं ऐसा ना हो कि यही इलाके कोरोना के हॉटस्पॉट बन जाएं और केवल वही, नहीं वहां से कोरोना दिल्ली के बाकी हिस्सों में न फैलने लगे।"
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "अगर एक दिन के लिए दिल्ली के सभी नेता काम करना बंद कर दें, तो दिल्ली चल जाएगी। अगर एक दिन के लिए दिल्ली के सारे अफसर काम करना बंद कर दें, तो दिल्ली चल जाएगी, लेकिन अगर एक दिन के लिए दिल्ली के सारे झुग्गीवाले काम करना बंद कर दें, तो दिल्ली बंद हो जाएगी। इसलिए हमें उनकी, जो भूमिका है, उसको गौर करना चाहिए।"
मुंबई, 15 सितंबर (आईएएनएस)| अभिनेत्री कंगना रनौत ने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मूल समस्या यह है कि मैंने फिल्म माफिया, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के हत्यारों और ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे ऐसे लोगों के साथ घूमते-फिरते (हैंगआउट) हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अपने बेटे को बचाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को ट्वीट किया, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की मूल समस्या यह है कि मैंने फिल्म माफिया, एसएसआर (सुशांत सिंह राजपूत) के हत्यारों और उनके ड्रग रैकेट का पदार्फाश किया, जिसके साथ उनके प्यारे बेटे आदित्य ठाकरे हैंगआउट किया करते थे। यह मेरा बड़ा अपराध है, इसलिए अब वे मुझे ठीक करना चाहते हैं। ठीक है, देखते हैं कौन किसको ठीक करता है।"
इससे पहले दिन में कंगना अपने गृहनगर मनाली लौट आईं, क्योंकि शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार के साथ उनके रिश्ते बेहद खराब हो चले हैं।
अभिनेत्री ने इससे पहले सोमवार सुबह ट्वीट किया, "भारी मन के साथ मुंबई से जा रही हूं। जिस तरह से मुझे इन दिनों लगातार हमलों से आतंकित किया गया, गालियां दी गईं, मेरे ऑफिस के बाद घर को तोड़ने की कोशिश की गई, मेरे चारों ओर घातक हथियारों के साथ सतर्क सुरक्षा। कहना होगा कि पीओके वाली मेरी बात सही थी।"
मालूम हो कि कंगना के एक ट्वीट के बाद शिवसेना के साथ उनकी जुबानी बहस शुरू हो गई थी। उन्होंने मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से कर दी थी। साथ ही उनके ऑफिस में बुलडोजर चलाने पर बीएमसी को उन्होंने बाबर की सेना कह दिया था। इसके बाद शिवसेना पार्टी के साथ कंगना की तीखी बहस शुरू हो गई थी, जो कि अभी तक जारी है।
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के 9 विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों ने कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया है। सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र बुलाया गया। हालांकि इस मानसून सत्र में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शिरकत नहीं कर सके। सिसोदिया ने बुखार की शिकायत के बाद स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। कोरोना टेस्ट करवाने पर सिसोदिया की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "हल्का बुखार होने के बाद आज मैंने कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट पोजि़टिव आई है। मैंने खुद को एकांतवास में रख लिया है।
"फिलहाल बुखार या अन्य कोई परेशानी नहीं है, मैं पूरी तरह ठीक हूँ। आप सब की दुआओं से जल्द ही पूर्ण स्वस्थ होकर काम पर लौटूंगा।"
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आठ अन्य विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें प्रमिला टोकस, गिरीश सोनी, राजेश गुप्ता, ऋतुराज, वीरेंद्र सिंह कादयान, अजय महावर, सुरेंद्र कुमार और विशेष रवि शामिल हैं।
दरअसल विधानसभा की कार्यवाही से पहले सभी विधायकों की कोरोना जांच की गई। इस कोरोना जांच में प्रमिला टोकस, गिरीश सोनी और विशेष रवि कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं राजेश गुप्ता, ऋतुराज, वीरेंद्र सिंह कादयान, अजय महावर और सुरेंद्र कुमार ने अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी विधानसभा को दी है।
दिल्ली के वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास है। सोमवार को बुलाए गए एक दिवसीय मानसून सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली माल और सेवा कर संशोधन विधेयक सदन में रखने वाले थे, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वह विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए।
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बुखार और गले में खराश की शिकायत के उपरांत स्वयं को आइसोलेट किया था। कोरोना जांच के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को बुखार की शिकायत के उपरांत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
बाद में सत्येंद्र जैन को प्लाजमा थेरेपी भी दी गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के लगभग एक महीने बाद सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्य दोबारा संभाला था। जैन की अनुपस्थिति में उस समय मनीष सिसोदिया दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे थे।