ताजा खबर
नयी दिल्ली, 23 जनवरी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक और जुमला करार देते हुए मंगलवार को कहा कि मौजूदा सरकार 10 वर्षों में 10 लाख घरों की छतों पर भी सोलर पैनल स्थापित नहीं कर पाई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ आरंभ करेगी जिसके तहत एक करोड़ घरों की छतों (रूफटॉप) पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी के जुमलों का सूर्य तक पहुंचना! कल प्रधानमंत्री ने एक करोड़ घरों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित करने के नए लक्ष्य की घोषणा की। जमीनी हकीकत यह है कि भाजपा शासन के पिछले 10 वर्षों में 10 लाख घरों में भी छत पर सौर ऊर्जा पैनल नहीं लगा है।’’ उन्होंने दावा किया कि इससे पहले मोदी सरकार ने 2022 तक 40 गीगावॉट के पैनल की सौर क्षमता स्थापित करने का झूठा वादा किया था।
खरगे ने कहा, ‘‘मोदी सरकार की बड़ी घोषणाओं की स्थिति इस प्रकार है: 40 गीगावाट के लक्ष्य का 70 प्रतिशत हिस्सा अधूरा है। उसमें से केवल 2.2 गीगावॉट के पैनल घरों पर स्थापित हैं। आवासों से उत्पन्न ऊर्जा स्थापित क्षमता का केवल 5वां हिस्सा रही है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अपनी बड़ी विफलता के बाद, मोदी सरकार ने योजना में कोई नया वित्तपोषण किए बिना, इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया। चुनावी मौसम = भाजपा का जुमला सीजन!’’
नयी दिल्ली, 23 जनवरी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल तथा अविविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है जिन्होंने सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू होने के बाद से सरोगेसी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है। कानून के कामकाज का आकलन करने के लिए केंद्र ने यह कदम उठाया है।
सरोगेसी से आशय किसी दंपति या महिला के बच्चे का किसी अन्य महिला की कोख में पलने से है। सरोगेसी को आम बोलचाल में ‘किराये की कोख’ की भी कहा जाता है।
पिछले महीने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य)/ सचिव (स्वास्थ्य) को भेजे गए एक पत्र में मंत्रालय ने उन दंपतियों और एकल महिलाओं (तलाकशुदा/विधवाओं) की कुल संख्या पर श्रेणी-वार आंकड़ा मांगा था, जिन्होंने एआरटी अधिनियम, 2021 के अस्तित्व में आने के बाद सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का सफलतापूर्वक लाभ उठाया।
पत्र में कहा गया है कि सरोगेसी अधिनियम, 2021 और एआरटी अधिनियम 2021 के उचित कामकाज के संबंध में निष्कर्ष निकालने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा उपर्युक्त आंकड़ों का भेजा जाना अनिवार्य है।
भारत में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) क्लीनिकों को विनियमित करने और वाणिज्यिक सरोगेसी पर रोक लगाने के लिए सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 दो साल पहले पारित किए गए थे।
केवल संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपत्ति और महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) को ही एआरटी और सरोगेसी का लाभ उठाने की अनुमति है। सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम के तहत सरोगेसी को केवल परोपकारी कारणों से अनुमति दी गई है। देश में वर्ष 2015 से वाणिज्यिक सरोगेसी पर प्रतिबंध है। (भाषा)
(मुहम्मद मजहर सलीम)
अयोध्या (उप्र), 23 जनवरी। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का मानना है कि भाजपा ने अयोध्या के मुद्दे को खत्म कर दिया है और अब सभी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की 'सारी कलह' को खत्म करने की नसीहत पर अमल करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा गरमाये गये राम मंदिर मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खत्म कर दिया है।
अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा, 'हमारे वालिद साहब (हाशिम अंसारी) जब जिंदा थे तो वह सबसे कहते रहे कि कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद के अंदर मूर्ति रखवायी, कांग्रेस ने मस्जिद तुड़वायी, कांग्रेस ने दंगा करवाया, कांग्रेस ने ही मंदिर का शिलान्यास कराया। हम तो कहते हैं कि इस हुकूमत (भाजपा सरकार) में तो कम हो रहा है। इस सरकार ने तो केवल इमारत ही बनवायी है, और कुछ नहीं हुआ। भाजपा ने तो राम मंदिर मुद्दे को खत्म किया है।' काशी और मथुरा का मुद्दा भी गरमाने के मुद्दे पर अंसारी ने कहा, 'मुल्क में जब तक राजनीति जिंदा रहेगी, तब तक यह सब होता रहेगा। कांग्रेस ने क्या किया? जो आज हो रहा है, वही कांग्रेस भी करती रही।' प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के भाषण की तारीफ करते हुए अंसारी ने कहा, 'भागवत जी ने बहुत अच्छी बात कही। उन्होंने जो कहा है वह होना भी चाहिये। जरूरी यह है कि उस पर अमल भी हो।' भागवत ने समारोह में नागरिकों को प्रेरित करते हुए कहा था, 'हमें सभी मतभेद त्याग कर, कलह खत्म कर छोटे छोटे मुद्दों पर लड़ना झगड़ना बंद करना होगा। हमें अपना अहंकार त्यागना होगा और एकजुट रहना होगा।' संघ प्रमुख ने कहा था कि 'सब घट में राम हैं, हमको यह जानकर आपस में समन्वय से चलना होगा। सब हमारे हैं, इसीलिए चल पाते हैं। आपस में मिलकर व्यवहार करना, यह धर्म का पहला सत्य आचरण है।' अंसारी ने कहा, 'देश के मुसलमानों को अमन-चैन चाहिये। यह तबका ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। उसे सरकारी नौकरी नहीं चाहिये। वह अपना छोटा-मोटा रोजगार करता है। जब दंगा-फसाद नहीं होगा तो वह सुकून से जियेगा।' एक सवाल का जवाब देते हुए अंसारी ने कहा कि अयोध्या में राम कल नहीं आये हैं, वह तो दिसंबर 1949 से वहीं पर हैं।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में नये विग्रह की बहुप्रतीक्षित प्राण-प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था। वहीं, मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिये अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने को कहा था। राम मंदिर निर्माण के लिये श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था। (भाषा)
(अरुणव सिन्हा, गुंजन शर्मा और कुणाल दत्त)
अयोध्या, 23 जनवरी। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा की गयी रामलला की मूर्ति को 'बालक राम' के नाम से जाना जाएगा। इस विग्रह का नाम ‘बालक राम’ इसलिए रखा गया है क्योंकि भगवान पांच वर्ष के बच्चे के रूप में खड़ी मुद्रा में स्थापित किए गए हैं।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक पुजारी अरुण दीक्षित ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि ‘‘भगवान राम की मूर्ति, जिसका अभिषेक 22 जनवरी को किया गया था, का नाम 'बालक राम' रखा गया है। भगवान राम की मूर्ति का नाम 'बालक राम' रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है।'
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मैं रोमांचित हो गया और मेरे आंखों से आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं बयां नहीं कर सकता।’’
लगभग 50-60 प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान करा चुके काशी के पुजारी दीक्षित ने कहा, ‘‘अब तक किए गए सभी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठानों में से, यह मेरे लिए सबसे 'अलौकिक ' और 'सर्वोच्च' है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी।
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक भव्य समारोह में की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक नए युग के आगमन का प्रतीक है।
रामलला की पुरानी मूर्ति, जो पहले एक अस्थायी मंदिर में रखी गई थी, को नयी मूर्ति के सामने रखा गया है। लाखों लोगों ने अपने घरों और पड़ोस के मंदिरों में टेलीविजन पर 'प्राण प्रतिष्ठा (अभिषेक)' समारोह को देखा और लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आयोजित ‘ऐतिहासिक’ कार्यक्रम का हिस्सा बने।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, विग्रह के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं। रामलला ने बनारसी वस्त्र धारण किए हैं जिसमें एक पीली धोती और एक लाल 'अंगवस्त्रम' है। 'अंगवस्त्रम' को शुद्ध सोने की 'जरी' और धागों से तैयार किया गया है जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक 'शंख', 'पद्म', 'चक्र' और 'मयूर' शामिल हैं।
ट्रस्ट के मुताबिक आभूषण अंकुर आनंद के लखनऊ स्थित हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स द्वारा तैयार किए गए हैं, वहीं परिधान दिल्ली स्थित कपड़ा डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा तैयार किए गए हैं।
ट्रस्ट ने बताया कि मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की इस मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की कृष्णा शिल (काली शिस्ट) की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी।
ट्रस्ट के मुताबिक यह एक महीन से मध्यम दाने वाली, आसमानी-नीली मेटामर्फिक चट्टान है, जिसे आम तौर पर इसकी चिकनी सतह की बनावट के कारण सोपस्टोन कहा जाता है और यह मूर्तिकारों के लिए मूर्तियां बनाने के लिए आदर्श है।
कृष्ण शिला रामदास (78) की कृषि भूमि को समतल करते समय शिला मिली थी और एक स्थानीय ठेकेदार, जिसने पत्थर की गुणवत्ता का आकलन किया था, ने अपने संपर्कों के माध्यम से अयोध्या में मंदिर के ट्रस्टियों का ध्यान आकर्षित किया।
अपने काम के लिए भरपूर प्रशंसा पाने वाले योगीराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने हमेशा महसूस किया है कि भगवान राम मुझे और मेरे परिवार को सभी बुरे समय से बचा रहे हैं और मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह वही थे जिन्होंने मुझे शुभ कार्य के लिए चुना था।’’
उन्होंने कहा,‘‘मैंने मूर्ति पर सटीकता से काम करते हुए रातों की नींद की भी परवाह नहीं की, लेकिन मुझे लगता है कि मैं पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं और आज मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन है।’’
अरुण योगीराज ने बताया,‘‘मैंने मूर्तिकला की कला अपने पिता से सीखी।' भव्य मंदिर के लिए राम लला की मूर्तियां तीन मूर्तिकारों - गणेश भट्ट, योगीराज और सत्यनारायण पांडे द्वारा बनाई गई थीं। मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि बाकी दो मूर्तियों को भी मंदिर के अन्य हिस्सों में रखा जाएगा। (भाषा)
रायपुर, 23 जनवरी। छत्तीसगढ़ के शहरों को स्वच्छ बनाने में लगीं 16 स्वच्छता दीदियां 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर अपने परिजन के साथ गणतंत्र दिवस परेड देखेंगी। भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इन महिलाओं को गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। ये स्वच्छता दीदियां अपने परिजन के साथ 24 जनवरी को रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगी। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव सवेरे साढ़े 11 बजे हरी झंडी दिखाकर माना विमानतल से इन महिलाओं, उनके परिजनों और नगरीय प्रशासन विभाग की टीम को रवाना करेंगे।
केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के विशेष आमंत्रण पर स्वच्छता दीदी के रूप में काम कर रही बिलासपुर नगर निगम की श्रीमती किरण सिंह, श्रीमती पुष्पा कटरे और श्रीमती लक्ष्मी अय्यर, दुर्ग नगर निगम की श्रीमती किरण साहू और श्रीमती लक्ष्मी जांगड़े, अंबिकापुर नगर निगम की सुश्री शशि सिन्हा और श्रीमती कुसुम मिंज, कोरबा नगर निगम की श्रीमती गीता तोमर और श्रीमती विजय लक्ष्मी तिवारी, राजनांदगांव नगर निगम की श्रीमती अनिता फ्रांसिस और श्रीमती वीणा टंडन नई दिल्ली जा रही हैं। गंडई नगर पंचायत की श्रीमती गायत्री देवांगन और श्रीमती राखी खान, कुम्हारी नगर पालिका की श्रीमती शोभा चक्रधारी और श्रीमती बिमला साहू तथा खैरागढ़ नगर पालिका की श्रीमती जयश्री ताम्रकर को भी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।
प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक सहित विभिन्न कार्यक्रम होंगे आयोजित
रायपुर, 23 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय रायपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव का शुभारंभ कल मेडिकल कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में करेंगे। इस अवसर पर सड़क सुरक्षा प्रदर्शनी और नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाएंगे।
महोत्सव के प्रथम सत्र में देश के विभिन्य राज्यों से प्राप्त अनेक भाषाओं की 460 प्रविष्टियों में से श्रेष्ठ चिन्हित 44 लघु फिल्मों का प्रदर्शन सुबह 10 बजे से किया जाएगा। प्रातः 11ः30 बजे सड़क सुरक्षा पर आधारित ’’स्टे फिट विथ मी ग्रुप‘‘ द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन किया जायेगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे सड़क सुरक्षा प्रदर्शनी, यातायात संदर्शिका का विमोचन और फिल्म महोत्सव के विजेताओं को पारितोषिक वितरण और उत्कृष्ट एवं पुरस्कृत फिल्मों का प्रदर्शन का कार्यक्रम होगा।
24 जनवरी के द्वितीय सत्र में शाम 4 बजे से सड़क सुरक्षा से संबंधित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। अगले दिन 25 जनवरी को तृतीय सत्र में सुबह 10 बजे से चयनित विशिस्ट लघु फिल्मों का प्रदर्शन जनसामान्य के लिए किया जाएगा।
रायपुर, 23 जनवरी। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कैबिनेट मंत्री राम विचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल के साथ बैठक कर उनके विभागीय बजट प्रस्तावों को मंजूरी दी ।
श्री चौधरी एवं श्री नेताम ने बैठक में कृषक उन्नति , पीएम फसल बीमा , चिराग योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास , विद्यार्थियों के लिए कोचिंग की व्यवस्था के बजट एवं अनुदान को लेकर विस्तृत चर्चा की। बृजमोहन अग्रवाल की उपस्थिति में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग के बजट सत्र को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।
रायपुर, 23 जनवरी। शहर में विशेष सफाई अभियान के तहत गंदगी पाये जाने पर, निर्धारित संख्या से कम कर्मचारी पाये जाने पर सफाई ठेकेदार पर जुर्माने की कार्यवाही आज भी जारी रही । कटोरा तालाब के गार्डन में गंदगी पाये जाने पर पिरामिड बिल्डकाॅन पवन कलवानी पर 5000 रू. , वार्ड- 40 में ठेकेदार रमेश शुक्ला पर 50 निर्धारित कर्मियों में 12 अनुपस्थित मिलने पर 10000 रू. वार्ड -24 में श्री आदित्य इंटरप्राइजेस पर निर्धारित 36 कर्मियो में 6 कर्मचारी अनुपस्थित मिलने पर 5000 रू., वार्ड-29 में यूनिवर्सल आटो इले. एवं मोटर रिपेरिंग वर्कषाॅप शानु पर 25000 रू., वार्ड-34 में सफाई ठेकेदार पर 10000 रू. का जुर्माना किया गया ।
रायपुर, 23 जनवरी। कवर्धा और राजधानी में बारिश के बीच इस पूरे अंचल में दिनभर ठंड और बदली भरा मौसम रहा। वैसे प्रदेश में दिन का औसत तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया । सर्वाधिक 27 डिग्री बस्तर जिले का रहा। राजधानी में बारिश के बीच 22 डिग्री तापमान रहा। यह मौसम अगले तीन दिन और बने रहने की जानकारी दी गई है।
एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण मध्य महाराष्ट्र और उससे लगे विदर्भ तथा तेलंगाना के ऊपर 0.9 km ऊंचाई तक विस्तारित है।
प्रदेश में उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाएं आ रही हैं, जबकि दक्षिण से नमी युक्त अपेक्षाकृत गर्म हवाओं का आगमन लगातार जारी है, जिसके कारण प्रदेश के मध्य भाग में बादल छाए हुए हैं तथा हल्की वर्षा की स्थिति बनी है।
प्रदेश में कल 24 जनवरी को स्थिति में परिवर्तन होते हुए दक्षिण से आने वाली हवा का प्रभाव मध्य छत्तीसगढ में कम होने के कारण मध्य छत्तीसगढ़ में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। आकाश आंशिक मेघमय रहने की संभावना बनी हुई है । न्यूनतम तापमान में गिरावट संभावित है तथा अधिकतम तापमान में वृद्धि संभावित है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर स्थानों पर हल्की वर्षा होने की सम्भावना है।
वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः बस्तर संभाग और उससे लगे रायपुर और दुर्ग संभाग के जिले संभावित है।
26- 27 जनवरी को प्रदेश के उत्तरी भाग में न्युनतम तापमान में हल्की वृद्धि होने तथा आंशिक रूप से बादल छाने की सम्भावना है।
रायपुर, 23 जनवरी। मंगलवार दोपहर आधे घंटे के लिए बंद घर से आलमारी साफ कर चोर एक खुले घर के आंगन से एक्टिवा बाइक पार कर गए।
मिली जानकारी के अनुसार टैगोर नगर डीईओ आफिस के पीछे निवासी जयंती सुजय(41)आज दोपहर करीब एक बजे घर बंद कर किसी काम से गई थी । आधे घंटे बाद लौटकर आई तो घर का ताला टूटा और भीतर आलमारी में रखी 50 हजार नगद,जेवरात और रियल मी का मोबाइल फोन गायब था। जयंती ने कोतवाली में इस नकबजनी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इससे पहले महेश किराना दुकान गली निवासी प्रभजीत सिंह खनुजा ने आज दोपहर सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई । पुलिस ने बताया कि तीन दिन पूर्व शनिवार रात घर के आंगन से बाइक सीजी23-एम 5002 चोर ले भागे। ।उस वक्त प्रभजीत घर के भीतर थे। और गेट खुला था। बाइक की कीमत 30हजार आंका है। गुढ़ियारी निवासी दूजलाल साहू की एक्टिवा नंबर सीजी 04, सीक्यू 4139 मेकाहारा में अंबेडकर प्रतिमा के बाजू नीम पेड़ के नीचे से पार हो गई।
रायपुर, 23 जनवरी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन कोलकाता से आए पूर्व व पूर्वोत्तर भारत के ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर डॉ. एंड्रयू फ्लेमिंग ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय को डॉ फ्लेमिंग ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री से उन्होंने छत्तीसगढ़ और यूनाइटेड किंगडम के मध्य आपसी सहयोग सुदृढ़ करने से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने डॉ फ्लेमिंग को छत्तीसगढ़ के विकास के लिए नवीन सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताया। मुख्यमंत्री और डॉ फ्लेमिंग ने जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती से निपटने के तरीकों और अन्य मुद्दों के संबंध में भी विचारों का आदान-प्रदान किया। चर्चा के दौरान डॉ फ्लेमिंग ने मुख्यमंत्री श्री साय से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और उनके गृहनगर जशपुर के विषय मे जानकारी ली। डिप्टी हाई कमिश्नर ने मुख्यमंत्री से कहा कि छत्तीसगढ़ में गठित नवीन सरकार की शुरुआत में यह मुलाकात बहुत सुखद है। छत्तीसगढ़ और यूनाईटेड किंगडम के बीच रिश्ते भविष्य में और मजबूत होंगे। मुख्यमंत्री ने डॉ एंड्रयू को बस्तर आर्ट का प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
हर बुधवार करे वसूली-राजू
रायपुर, 23 जनवरी। उप मुख्यमंत्री साव ने सीएमओ को विकास कार्यों में आ रही समस्याओं का निराकरण तत्परता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन से रुकावटों को दूर कर कार्यों को तेजी से पूर्ण करने को कहा। उन्होंने भवन और सीसी रोड में निर्माण और सामग्री की गुणवत्ता जांचकर अच्छी गुणवत्ता का कार्य सुनिश्चित करने को कहा।
श्री साव ने निर्माण और सफाई कार्यों का मौके पर नियमित निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने प्रत्येक वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामांकित कर हर सप्ताह तीन दिन निकाय के अधिकारियों की टीम और जनप्रतिनिधियों के साथ सफाई और निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
श्री साव ने संपत्ति कर के साथ ही अन्य करों की वसूली की नियमित समीक्षा करने को कहा। उन्होंने आगामी अप्रैल से विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों में अवैध कॉलोनियों के निर्माण करने वालों पर कानूनी कार्यवाही करने को कहा। उप मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों को अप्रैल से पहले तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री साव ने प्रधानमंत्री आवास योजना में अच्छे कार्य के लिए गोबरा-नवापारा के सीएमओ संतोष कुमार विश्वकर्मा की पीठ थपथपाई और अन्य नगरीय निकायों को उनका अनुसरण करने को कहा। वहां योजना के तहत स्वीकृत 1435 आवासों में से 1270 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है जो कि स्वीकृत आवासों का 89 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को काम सौंपकर भूलना नहीं है। उन कार्यों की प्रगति पर लगातार नजर रखकर उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण कराना है। उन्होंने उद्यानों और तालाबों के सौंदर्यीकरण के साथ ही इन्हें आमोद-प्रमोद स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
पुराने कार्य पूरा होने पर ही नए के प्रस्ताव दें- राजू
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजू एस. ने कहा कि निर्माण कार्यों में खराब गुणवत्ता की शिकायत नहीं आना चाहिए। मैदानी स्तर पर पूरी तैयारी होने के बाद ही नए कार्यों के प्रस्ताव विभाग को भेजें ताकि स्वीकृति मिलते ही तत्काल कार्यारंभ किया जा सके। उन्होंने संपत्ति कर के बड़े बकायादारों को चिन्हित कर हर बुधवार को इसकी वसूली के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी नगरीय निकायों में सड़कों, नालियों और चौक-चौराहों में अच्छी सफाई रखने से आने वाले लोगों में शहर की अच्छी छबि बनती है। उन्होंने सड़कों पर इधर-उधर घूमने वाले मवेशियों को पकड़कर कांजीहाउस में रखने को कहा। उन्होंने सूखा एवं गीला कचरा को घर पर ही अलग-अलग एकत्र करने के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
रायपुर, 23 जनवरी। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा की।नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में
विभाग के सचिव डॉ. बसवराजू एस., संचालक कुंदन कुमार तथा नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के अधिकारी मौजूद रहे। उप मुख्यमंत्री साव ने नगर पालिकाओं ने विभिन्न योजनाओं के तहत निर्माणाधीन कार्यों में तेजी लाएं और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।
भवन निर्माण और सीसी रोड में निर्माण और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।निर्माण और सफाई कार्यों का मौके पर निरीक्षण करें। नालियों और सड़कों की साफ-सफाई अच्छे से हो, इसकी लगातार मॉनिटरिंग करें। सभी वार्डों में अच्छी स्वच्छता सुनिश्चित करें।
काम में विलंब और लापरवाही करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना लगाएं, नियमानुसार ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही करें।
नेताजी जयंती पर कार्यक्रम आयोजक नदारद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 जनवरी। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बाद भी राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के नाम पर स्कूली बच्चों को जुटाने की प्रवृत्ति थम नहीं रही। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सेदारी के लिए सुबह-सुबह स्कूली बच्चों को जयस्तंभ चौक पर एकत्रित करा लिया गया और न तो कार्यक्रम का अता-पता न आयोजकों का। कोहरे भरी सुबह बच्चे ठिठुरते रहे।
क्लिक करें और यह भी पढ़ें : किसी कार्यक्रम की भीड़ बढ़ाने स्कूली बच्चों को झोंकना गलत
कार्यक्रम और उसके आयोजकों के हवाले से जिला शिक्षा अधिकारी डीईओ ने दो दिन पहले 20 जनवरी को सात स्कूलों के छात्र छात्राओं को सुबह जयस्तंभ चौक एकत्रित करने का आदेश प्राचार्यों को लिखित भेजा था। अब डीईओ का आदेश न मानन का प्रश्न ही नहीं था। प्राचार्यों ने क्लास टीचर को निर्देशित कर दिया। और आज ठंड, बारिश और कोहरे से भरी सुबह में छात्र छात्राएं जयस्तंभ चौक पहुंच गए । लेकिन वहां क्या करना है, कहां जाना है? यह बताने या व्यवस्था करने वाले कोई मौजूद नहीं है।
बच्चों और शिक्षकों ने बताया कि डीईओ के आदेश में किसी छत्तीसगढ़ युवा संगठन के द्वारा नेताजी जयंती के आयोजन की बात कही गई है। इनमें गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल स्टेडियम चौक, रविग्राम हाईस्कूल तेलीबांधा, हिंदू हाईस्कूल बैरनबाजार, कन्या शाला कटोरा तालाब, दानी कन्या शाला, आरडी तिवारी और सप्रे स्कूल प्रत्येक से 100-100 बच्चे ले जाने कहा था। यह आयोजन शासकीय न होकर एक निजी युवा संगठन का था। जिसका मुख्यालय भवन गांधी चौक छोटापारा बताया गया है ।
सुबह एक घंटा बीतने के बाद भी कोई आयोजक, न विभाग के जिम्मेदार अधिकारी वहां पहुंचे। और बच्चे ठंड इंतजार कर रहे।
बताया जा रहा है कि मुख्य कार्यक्रम स्टेशन चौक स्थित नेताजी प्रतिमा स्थल पर आयोजित है। बच्चों के जयस्तंभ चौक पर एकत्रित कर प्रभात फेरी के रूप में वहां ले जाने का कार्यक्रम तय किया गया था। लेकिन आयोजक ही नदारद रहे। इस सिलसिले में आयोजक से संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया।
गैरकोयला ब्लॉकों की नीलामी के लिए द्वितीय बेस्ट परफॉर्मेंस अवार्ड
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 जनवरी। छत्तीसगढ़ राज्य को गैर कोयला मुख्य खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए एक और राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज भोपाल में आयोजित राज्य खनन मंत्री सम्मेलन मे छत्तीसगढ़ को देशभर में द्वितीय बेस्ट परफॉर्मेंस अवार्ड दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए खनिज विभाग के सभी अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
केन्द्रीय मंत्री श्री जोशी से छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से अनुराग दीवान, संयुक्त संचालक (खनिज प्रशासन) एवं इंचार्ज ऑक्शन तथा संजय कनकने संयुक्त संचालक (भौमिकी) ने यह अवार्ड प्राप्त किया।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2015 उपरांत राज्य में ईऑक्शन के माध्यम से कुल 35 आबंटित गैर कोयला मुख्य खनिज ब्लॉकों में से 20 खनिज ब्लॉकों का आबंटन वर्ष 2022-23 में किया गया है। इनमें 02 चूनापत्थर, 09 लौह अयस्क, 05 बाक्साइट ब्लॉक्स एवं 02 निकल-क्रोमियम-प्लेटिनम-गु्रप ऑफ एलीमेंट एवं 02 ग्रेफाइट खनिज सहित कुल 20 ब्लॉक्स का ई-ऑक्शन के माध्यम से खनिज पट्टा-कांपोजिट लायसेंस आबंटन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य निकल-क्रोमियम-प्लेटिनम-गु्रप ऑफ एलीमेंट खनिज ब्लॉक का आंबटन करने वाला देश का पहला राज्य है। इसी प्रकार राज्य में प्रथम बार लौह अयस्क, बॉक्साइड एवं ग्रेफाईट ब्लॉक्स का आबंटन भी सफलतापूर्वक किया गया है। उन्होंने बताया कि 20 खनिज ब्लॉकों के सफल आबंटन से रायल्टी, डीएमएफ, एनएमईटी, पर्यावरण एवं अधोसंरचना उपकर के अतिरिक्त लगभग 43,700 करोड़ रूपए की आय बतौर प्रीमियम राज्य को होगी।
कोर ग्रुप की बैठक में तैयारियों पर चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 जनवरी। भाजपा में लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी के नामों पर मंथन चल रहा है। कहा जा रहा है कि इस सिलसिले में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने संगठन के प्रमुख नेताओं से चर्चा की है। साथ ही साथ कोर ग्रुप की बैठक में भी बात हुई है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया चल रही है। सोमवार को कोर ग्रुप की बैठक में चुनाव तैयारियों पर चर्चा हुई है। सभी प्रभारियों, और संयोजकों को संबंधित लोकसभा क्षेत्र का दौरा कर कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के लिए कहा गया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक चार सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा फरवरी के पहले पखवाड़े तक हो सकती है। जिन सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं उनमें बस्तर, कांकेर, जांजगीर-चांपा और कोरबा सीट है।
बस्तर, और कोरबा की सीट कांग्रेस के पास है। जबकि जांजगीर-चांपा की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। इसी तरह कांकेर में गत लोकसभा चुनाव में बहुत कम वोट से भाजपा जीत पाई थी। विधानसभा चुनाव में चार सीट में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि दोनों सीटों पर भाजपा के सांसद हैं, लेकिन इन सीटों को पार्टी कमजोर आंक रही है। यही वजह है कि इन सीटों पर पार्टी प्रत्याशी बदलने पर विचार कर रही है।
विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जल्द प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति बनाई थी। 21 कमजोर सीटों पर प्रत्याशी दो महीना पहले घोषित किए थे। इसका अच्छा नतीजा रहा है। ये सीटें पार्टी लगातार हारती रही है, लेकिन जल्द प्रत्याशी घोषित करने से 10 सीटें भाजपा जीत गई। कुछ इसी तरह की रणनीति लोकसभा में भी अपना रही है। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि कई और राज्यों में कुछ सीटों पर प्रत्याशी जल्द घोषित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज शहर के बीच जयस्तंभ चौक पर सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को सुबह 8 बजे पहुंचने का आदेश दिया गया था, और वहां पहुंचे सैकड़ों ऐसे बच्चों को बताया गया था कि नेताजी सुभाष जयंती का आयोजन होने जा रहा है। लेकिन आज की भीगी हुई सुबह में ठंड में जब बच्चे यहां पहुंचे, तो आयोजक संस्था छत्तीसगढ़ युवा संगठन, और नगर निगम के कोई लोग वहां नहीं थे। बच्चे चौराहे पर खड़े हुए थे, और उनके साथ के शिक्षकों ने घंटे भर बाद जब आयोजकों को फोन लगाया तो उन्होंने कुछ देर में आने की बात कही। अब यहां आए हुए बच्चे कई किलोमीटर दूर से पहुंचे थे, और जिला शिक्षा अधिकारी के लिखित आदेश की वजह से स्कूलों के प्राचार्य ने गंभीरता से समय पर बच्चों के वहां पहुंचने की ड्यूटी शिक्षक-शिक्षिकाओं की लगाई थी। घंटे भर बाद जब यह कार्यक्रम शुरू हुआ तो बच्चों को रेलवे स्टेशन की सुभाष प्रतिमा पर ले जाया गया।
पहले स्कूली बच्चों को मंत्रियों के स्वागत में कतार बनाकर खड़ा कर दिया जाता था, और देश भर से खबरें आती थीं कि धूप में या खड़े-खड़े थकान में बच्चे चक्कर खाकर गिर जाते थे। बाद में बड़ी अदालतों के हुक्म से यह सिलसिला तकरीबन थम गया है, लेकिन अभी भी कहीं-कहीं घोषित और अघोषित रूप से बच्चों का ऐसा इस्तेमाल कर लिया जाता है। एक तरफ स्कूलों के शिक्षकों से जनगणना से लेकर चुनावी काम तक, दर्जनों किस्म के सरकारी काम करवाए जाते हैं, और सरकार के आयोजनों में चाहे मंत्री के स्वागत के लिए न सही, लेकिन इस किस्म की किसी रैली के लिए, किसी आयोजन के लिए स्कूली बच्चों की भीड़ इसी तरह की चिट्ठी से भेज दी जाती है कि हर स्कूल से सौ बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, फिर चाहे आयोजक खुद ही गायब रहें।
यह मामला बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन राज्य शासन और नगर निगम दोनों को अपने संबंधित विभागों के कामकाज को परखने का एक मौका इससे मिल रहा है। कैसे किसी सामाजिक संगठन के साथ मिलकर नगर निगम ऐसा कार्यक्रम कर रहा है जिसमें सैकड़ों बच्चों को सुबह-सुबह जुटा लिया गया है, और आयोजक ही नदारद हैं। राज्य शासन के शिक्षा विभाग को भी देखना चाहिए कि उसके अफसरों ने ऐसे गैरजिम्मेदार आयोजकों के कार्यक्रम में बच्चों को क्यों भेजा? अगर नेताजी सुभाष जयंती ही मनानी थी, तो स्कूली बच्चे अपने स्कूल में मना सकते थे, सडक़ों पर उन्हें रैली में भेजना, घंटों इंतजार करवाना, कई किलोमीटर पैदल चलवाना, और घर से आने-जाने का निजी इंतजाम करना, यह सब मध्यमवर्गीय या गरीब छात्र-छात्राओं पर भारी पडऩे वाला काम है। हमारा ख्याल है कि स्कूली बच्चों को सिर्फ ऐसे आयोजन में शामिल करना चाहिए जो कि किसी सुरक्षित और सुविधाजनक मैदान में पर्याप्त इंतजाम के साथ हो रहे हों, या किसी सभागृह या स्कूल के अहाते में। इस बात की कल्पना आसान है कि कई घंटों के इस इंतजार और कार्यक्रम में, और कई किलोमीटर आने-जाने, और पैदल चलने में स्कूली छात्राओं को अगर किसी शौचालय की जरूरत पड़ेगी, तो उसका तो कोई इंतजाम इस शहर में नहीं है। अभी दो दिन पहले ही एक अखबार ने यह रिपोर्ट छापी है कि किस तरह शहर के सार्वजनिक शौचालय बंद या खराब पड़े हैं, या बहुत बुरी तरह गंदे पड़े हैं। ऐसे में छात्राओं को चौराहे पर जुटाना, और सडक़ों पर घुमाना ठीक बात नहीं है।
प्रदेश के शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अभी-अभी इन्हीं स्कूलों में से एक स्कूल की छात्राओं के आने-जाने का बंद किया हुआ एक रास्ता खुलवाया है, और वे खुद इसी शहर की आम स्कूलों में पढ़े हुए हैं। उन्हें व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर बच्चों का ऐसा इस्तेमाल बंद करना चाहिए जो कि किसी प्रतिमा पर होने वाले समारोह में भीड़ बढ़ाने की नीयत से किया गया है। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के बारे में किसी भी स्कूल के शिक्षक और बच्चे अपने स्कूल में ही आधे-एक घंटे में पर्याप्त बोल-सुन सकते थे, उन्हें अगर महापुरूषों की प्रतिमाओं पर इस तरह ले जाना चलते रहा, तो साल में उनके दस-बीस दिन इसी में निकल जाएंगे। किसी महान व्यक्ति के सम्मान का यह तरीका ठीक नहीं है कि भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों के घंटों बर्बाद किए जाएं, और उनकी असुविधा के बारे में सोचा भी नहीं जाए। दिखने में छोटी लगने वाली यह बात अफसरों का बच्चों के प्रति रूख बताती है, और यह बात तो सार्वजनिक रूप से दिखने पर हमारे ध्यान में आई है, लेकिन अफसरों की सोच अगर ऐसी ही है, तो वह बच्चों से जुड़े हुए दूसरे मामलों में भी सामने आती होगी। स्कूल शिक्षा मंत्री को पूरे प्रदेश के स्कूलों, खासकर कन्या विद्यालयों की जांच करवानी चाहिए कि वहां लड़कियों के लिए शौचालय का पर्याप्त और ठीक-ठाक इंतजाम है या नहीं, लड़कियों की खास जरूरतों के लिए पानी का इंतजाम है या नहीं।
राजधानी के नगर निगम को भी अपने अफसरों के फैसले और कामकाज को जांचना चाहिए कि जब स्कूली बच्चों को कई किलोमीटर दूर से सुबह-सुबह बुला लिया गया, तो उस वक्त के पहले वहां पर म्युनिसिपल के अफसर, और आयोजक संस्था के लोग मौजूद क्यों नहीं थे, और खासकर छात्राओं के लिए जरूरत के क्या इंतजाम इन लोगों ने किए थे? स्कूली बच्चों को किसी भी कार्यक्रम में झोंकने के पहले यह देखने की जरूरत है कि इससे उनके पढ़ाई के कितने घंटे खराब होने जा रहे हैं, और ऐसे आयोजन में शामिल होना उन बच्चों के हित में है, या महज आयोजकों को भीड़ बढ़ाकर दी जा रही है? राज्य में बच्चों के कल्याण के लिए प्रदेश स्तर की एक परिषद बनी हुई है, और उसे भी न सिर्फ इस घटना को लेकर, बल्कि ऐसे तमाम कार्यक्रमों को लेकर एक अध्ययन करना चाहिए कि कौन से आयोजन स्कूली बच्चों के हित में हैं, और बाकी तमाम किस्म के कार्यक्रमों का विरोध करना चाहिए। वैसे भी इस प्रदेश में छुट्टियां बहुत हैं, पढ़ाई कम होती है, पूरे देश में ही स्कूल शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब है, अभी चार-छह दिन पहले की इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बतलाती है कि किस तरह बड़े-बड़े हो चुके स्कूली बच्चे भी बुनियादी बातें भी नहीं पढ़ पा रहे हैं। स्कूली बच्चों को सिर्फ संख्या की तरह गिनना और इस्तेमाल करना ठीक नहीं है, और देश-प्रदेश की सरकारों को इन बच्चों के समय का इस्तेमाल करते हुए बहुत ही सावधान रहना चाहिए, और विशेषज्ञों से सलाह-मशविरे के बिना बच्चों पर कुछ भी नहीं लादना चाहिए। एक अफसर जिस तरह चिट्ठी लिखकर सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों से सौ-सौ बच्चों को तय समय पर किसी जगह भेजने को सुनिश्चित करने को कह रहा है, वह अपने आपमें फिक्र की बात है। यह सिलसिला खत्म होना चाहिए।
गर्भगृह जाने वाले यहां से अकेले
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में छत्तीसगढ़ से 140 विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया गया था। मगर शदाणी दरबार के प्रमुख संत युधिष्ठिर लाल अकेले ऐसे थे जिन्हें देशभर के चुनिंदा 5 सौ विशिष्ट जनों के साथ मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन का सौभाग्य मिला।
शदाणी दरबार के प्रमुख ने योग गुरु रामदेव, और फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित अन्य हस्तियों से मुलाकात भी की। वैसे तो बड़ी संख्या में यहां से लोग अयोध्या जाकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से बाहर से लोगों को आने की अनुमति नहीं थी। केवल वो ही जा सकते थे, जिन्हें निमंत्रण पत्र भेजा गया था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने अब प्रदेश के लोगों को रामलला दर्शन के लिए ले जाने की योजना तैयार की है। हर साल 20 हजार लोगों को मुफ्त में दर्शन कराने के लिए यात्रा पर ले जाया जाएगा। कैबिनेट योजना को मंजूरी दे चुकी है, और 7 फरवरी को दुर्ग से पहली ट्रेन अयोध्या के लिए चलेगी।
राम लला के नाम पर ठगी
किसी दुकान की शटर हमेशा खुली रखनी हो तो हमेशा अपडेट रहना चाहिए। पूरे देश में ऑनलाइन ठगी के रोजाना हजारों मामले हो रहे हैं और लोगों की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये लुट रहे हैं। ठगबाज हर समय शोध करते हैं कि कौन सा मार्केट गरम है। उन्होंने ताजा -ताजा ट्रैक श्रीराम के नाम पर पकड़ा है। अमेजॉन और कुछ दूसरे वेबसाइट पर पिछले एक पखवाड़े से संदेश आ रहे हैं कि अयोध्या में श्रीराम को भोग लगाए गए प्रसाद की होम डिलीवरी की जाएगी। मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया जा चुका है कि अभी तो राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा ही नहीं हुई है, उनको भोग लगाने का काम तो बाद में शुरू होगा। इसके अलावा किसी को ऑनलाइन डिलीवरी के लिए अधिकृत किया भी नहीं गया है।
अब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद फिर प्रसाद डिलीवरी के लिंक मोबाइल फोन पर आ रहे हैं। दर्शन के लिए वीवीआईपी पास दिलाने, शुभ अवसर होने की खुशी में मोबाइल पर फ्री रिचार्ज अमाउंट डालने का झांसा दिया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में भी यह ठगी जोरों पर हो रही है। विभिन्न जिलों की पुलिस लोगों को सतर्क कर रही है कि ऐसे मेसैजेस से सतर्क रहें, किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, डाउनलोड नहीं करें। आप भी सतर्क रहें।
सफाई और हो जाए
रामलला की प्रतिमा के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को सचमुच ही दीवाली की तरह मनाया गया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तो आधी रात तक फटाके दीवाली की तरह ही फूटते रहे, और जगह-जगह सडक़ किनारे आयोजन चलते रहे, लोगों ने खूब दीये जलाए, और चारों तरफ ढोल-नगाड़े भी बजते रहे। कुल मिलाकर यह कि पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की दखल से जो रोक लाउडस्पीकरों पर चल रही थी, वह पूरी तरह बेअसर हो गई, और साउंड सर्विस वालों को भी फटाके वालों, और दीये बनाने वाले कुम्हारों के साथ काम मिल गया। अब चारों तरफ फटाकों और भंडारों की वजह से जो गंदगी फैली है, उसे भी साफ करने का आव्हान, मंदिरों को साफ करने की तरह दिया जाना चाहिए, क्योंकि कण-कण में भगवान माने जाते हैं, और धरती का कोई भी कण इस हिसाब से गंदा नहीं छोडऩा चाहिए।
सभी 11 का लक्ष्य
विधानसभा का बजट सत्र निपटने के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव का बिगुल बज सकता है। इसके लिए चुनाव आचार संहिता मार्च के पहले पखवाड़े में लग सकती है। भाजपा संगठन के नेताओं ने इस सिलसिले में मंत्रियों को हिदायत दे रखी है। रामलला के माहौल के बीच में पार्टी ने सभी 11 सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर खुद कमजोर माने जाने वाली सीटों पर ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं, और वो प्रमुख नेताओं से लगातार बैठक कर रहे हैं। तीन क्लस्टर प्रभारियों अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल व राजेश मूणत के हिस्से काफी कुछ जिम्मेदारी है। संकेत साफ है कि सत्र के बीच में प्रचार तेज किया जाएगा।
तेरहवीं के बाद ?
विधानसभा चुनाव में बुरी हार से कांग्रेस में निराशा है। कांग्रेस के नेता अब तक इससे उबर नहीं पाए हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में प्रमुख नेताओं के सक्रिय नहीं होने से माहौल नहीं बन पा रहा है। विधानसभा चुनाव में बुरी हार झेल चुके एक नेता ने तो हास परिहास के बीच अपने कुछ लोगों से कह दिया कि वो तेरहवीं के बाद ही सक्रिय होंगे। नेताजी के परिवार में किसी का निधन तो हुआ नहीं है। ऐसे में तेरहवीं का आशय लोकसभा चुनाव के संभावित नतीजों से लगा रहे हैं।
पुलिस को वीकली ऑफ कैसे?
डिप्टी सीएम ने बैठक में बोल दिया कि पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ दिया जाए। अब अफसर परेशान हैं कि वीकली ऑफ कैसे शुरू करें। देने की स्थिति रहती तो पिछली सरकार में ही दे देते। तब कांग्रेस की सरकार की प्राथमिकता में वीकली ऑफ देना भी था। कांग्रेस सरकार का फोकस भी ऐसी कोशिशों में था जिसमें पैसे खर्च न हों। पर जब थानों के स्टाफ को हर हफ्ते एक दिन छुट्टी देने की बात आई, तब यह संभव नहीं हुआ, क्योंकि इतने स्टाफ ही नहीं हैं कि वीकली ऑफ दिया जा सके। अब नए सिरे से मंथन शुरू हो चुका है कि किस तरह इसे पूरा किया जा सके।
दलबदल महा अभियान
लोकसभा चुनावों से पहले फिर से दलबदल महाअभियान शुरू हो रहा है। इस बार तो उस पार्टी के नेता पाला बदल रहे हैं, जो भाजपा का विरोध करके ही बनी और दो राज्यों में सरकार चला रही है। आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत छह प्रमुख शीर्ष पदाधिकारी आज दोपहर मफलर छोड़ भगवा दुपट्टा पहनने जा रहे। जाने से पहले उन्होंने इस्तीफा दिया और अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को भला बुरा कहा। प्रदेश अध्यक्ष की राष्ट्रीय कोर कमेटी में भी रहे हैं।
बस्तर के आंदोलनों पर नीति क्या?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ खासकर बस्तर की माओवादी हिंसा में कमी आने को लेकर सशस्त्र बलों की सराहना की। दावा किया गया कि हिंसक घटनाओं में 80 प्रतिशत कमी आई है, और उग्रवादियों का भौगोलिक क्षेत्र भी सिमट गया है। नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन चलाने और उनकी फंडिग का रास्ता पहचान कर उसे बंद करने का निर्देश भी दिया है।
नक्सल हिंसा में बीते पांच साल के दौरान कमी देखी गई है। सुरक्षा बल ऐसे अनेक स्थानों पर भी कैंप बनाने में सफल रहे जो कभी पूरी तरह नक्सलियों के नियंत्रण में होते थे। विधानसभा चुनाव के पहले गृह मंत्री ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे में कई बार कहा कि सन् 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ से उखाड़ फेकेंगे। इस बार की बैठक में उन्होंने तीन साल का लक्ष्य दिया है।
शाह की बैठक की जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक उन्होंने फोर्स की भूमिका पर चर्चा को केंद्रित रखा है। इससे जुड़े कई दूसरे पहलुओं पर बैठक में कोई बात हुई हो तो वह बाहर नहीं आई है। जैसे जेलों में बिना मुकदमों के वर्षों से आदिसायियों का बंद रहना। कांग्रेस सरकार के समय इसकी थोड़ी कोशिश हुई थी। बाद में आंकड़े आए तो पता चला कि जुआ, शराब, मारपीट के मामलों में ही बंद लोगों को रिहा किया गया। जिन पर माओवादी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है, उनके मुकदमों की सुनवाई और रिहाई में कोई तेजी नहीं आई। दंतेवाड़ा जिला जेल अब भी प्रदेश के सर्वाधिक ओवरक्राउडेड जेलों में से एक बना हुआ है। दूसरी तरफ बस्तर में अनेक ऐसे मुठभेड़ हुए हैं, जिनको लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। ताजा उदाहरण 6 माह की बच्ची की फायरिंग में हुई मौत है। ऐसी घटनाओं पर कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू हुए आंदोलन अभी तक खत्म नहीं हुए हैं।
नक्सल समस्या के जानकार लोगों का कहना है कि यदि यह संघर्ष माओवादियों के बहकावे में आकर भी किये जा रहे हों, जैसा सरकारें और पुलिस दावा करती है- तब भी बस्तर में शांति कायम करने के लिए उनको भरोसे में लेना जरूरी है। भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय व राज्य के गृह मंत्री दोनों ने ही नक्सलियों से वार्ता की इच्छा दिखाई थी, लेकिन इन मुद्दों पर उनका क्या रुख है, बाहर निकलकर नहीं आया।
बंद रहा दंतेवाड़ा, कोंडागांव में मिला-जुला, बीजापुर में बेअसर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर/दंतेवाड़ा, 23 जनवरी। बीजापुर में 6 माह की मासूम की गोली लगने से मौत और हसदेव के जंगल की कटाई के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने मंगलवार को बस्तर बंद का ऐलान किया है। दंतेवाड़ा जिला पूर्णतया बंद रहा। कोंडागांव में मिलाजुला असर रहा,वहीं बीजापुर में बंद बेअसर रहा।
ज्ञात हो कि सर्व आदिवासी समाज द्वारा बीजापुर में 6 माह की बच्ची की हत्या के विरोध में बंद आयोजित किया गया था। इसी कड़ी में हसदेव में पेड़ों की कटाई के खिलाफ भी बंद आहुत किया गया था। इस दौरान सभी दुकानों में ताले लटके रहे। वही अत्यावशक सेवाओं की दुकानों का संचालन पूर्ववत रहा। इनमें मेडिकल स्टोर्स और पेट्रोल पंप प्रमुख रूप से शामिल हंै। इस दौरान यातायात के साधनों पर असर सिफर रहा। बसों का परिचालन सामान्य रहा।
अप्रिय वारदात नहीं- एएसपी
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि बंद के दौरान दंतेवाड़ा और गीदम मुख्यालय की दुकानें बंद रहीं, वहीं बसों का आवागमन सामान्य रहा। पुलिस के जवान सुरक्षा हेतु तैनात थे। किसी प्रकार की अप्रिय वारदात नहीं हुई।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जनवरी। अवैध शराब बेचने के मामले में पकड़े गए एक युवक की जेल भेजे जाने के तीसरे दिन संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने पैसे वसूलने के लिए उसके साथ मारपीट की, जिसके चलते मौत हुई।
सीपत थाना के मोहरा ग्राम का 34 वर्षीय श्रवण तांबे किराना दुकान चलाता था। पुलिस के मुताबिक गुरुवार को छापेमारी के दौरान उसके पास से 6 लीटर कच्ची शराब जब्त की गई थी। कार्रवाई करते हुए उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से वह जेल भेज दिया गया। परिजनों के मुताबिक रविवार की रात जेल से उनको सूचना मिली कि श्रवण की हालत खराब है, उसे सिम्स हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो उन्हें श्रवण से मिलने नहीं दिया गया। रात 3 बजे उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता ने कहा कि इस दौरान श्रवण को देखने के लिए सिम्स के डॉक्टर भी नहीं पहुंचे। पुलिस ने रुपए वसूल करने के लिए उसके साथ मारपीट की, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। परिजनों की मांग पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव परीक्षण कराया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जनवरी। प्रदेश भर की नदियों और अवैध खदानों में रेत, गिट्टी, मुरूम का खनन और उससे होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है।
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने अपने जवाब में बताया है कि अवैध खनन को लेकर वह गंभीर है। सरगुजा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर सहित अन्य जिलों में हो रहे मिट्टी, मुरूम, रेत आदि के अवैध खनन को रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है। जवाब के साथ अवैध खुदाई, भंडारण और परिवहन के विरुद्ध की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी दिया गया है। कोर्ट के संज्ञान में सरगुजा स्थित एक पहाड़ी से 30 हजार मीट्रिक टन से अधिक मुरूम खनन के मामले में भी सरगुजा के कलेक्टर ने जवाब दाखिल किया है और बताया है कि वहां खनन रोक दी गई है। भविष्य में अवैध खनन न हो इसके लिए खनिज विभाग के अधिकारी कार्य कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि बिलासपुर की अरपा नदी में अवैध खनन से बने गहरे गड्ढे में डूबने से तीन बालिकाओं की पिछले साल मौत हो गई थी। इसे हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया था। इसकी अतिरिक्त अरपा अर्पण महा अभियान समिति ने अवैध उत्खनन के कारण नदी को हो रही क्षति को रोकने के लिए भी जनहित याचिका दायर की है। इन सभी पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है। बिलासपुर के खनिज उपसंचालक की ओर से भी जवाब दाखिल कर बताया गया है कि अरपा पर अवैध खनन को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की गई है।