राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को मिजोरम के आइजोल में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि नरेंद्र मोदी सरकार क्षेत्र में रणनीतिक रूप से प्रमुख लंबित कनेक्टिविटी परियोजनाओं को पूरा करने पर विशेष जोर दे रही है।
पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित करते हुए, एस जयशंकर ने बताया कि कैसे सरकार मिजोरम से सड़क के माध्यम से म्यांमार के सिटवे बंदरगाह तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
विदेश मंत्री ने कहा,"अभी इसमें कुछ समस्याएं आ रही हैं। लेकिन इस सड़क का निर्माण पूरा करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम बांग्लादेश और म्यांमार के साथ और अधिक निकटता चाहते हैं।”
सितवे बंदरगाह का निर्माण कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (केएमटीटीपी) के हिस्से के रूप में भारत सरकार की सहायता के तहत किया गया है। इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत से म्यांमार तक पूर्वी बंदरगाहों से कार्गो के शिपमेंट के लिए एक मल्टी-मॉडल समुद्र, नदी और सड़क परिवहन गलियारा बनाना है।
सड़क परियोजना के पूरा होने से भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
जयशंकर ने कहा,"जब 'एक्ट ईस्ट' नीति की बात आती है, तो इसका एक हिस्सा म्यांमार है। हम म्यांमार तक पहुंच के दो रास्ते विकसित कर रहे हैं, एक मिजोरम से सितवे तक और दूसरा मणिपुर से त्रिपक्षीय राजमार्ग तक। मौजूदा स्थिति में म्यांमार के साथ काम बहुत कठिन रहा है, लेकिन हम विभिन्न समूहों के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं। जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि 'एक्ट ईस्ट' को आगे बढ़ाने का दूसरा रास्ता बांग्लादेश के माध्यम से है।
कलादान नदी पर मल्टीमॉडल पारगमन परिवहन केंद्र सिटवे बंदरगाह को म्यांमार में पलेतवा से जोड़ता है।
एक बार पूरी तरह से चालू होने के बाद, केएमटीटीपी न केवल निवेश और व्यापार को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि चारों ओर से जमीन से घिरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए कनेक्टिविटी के लिए वैकल्पिक मार्ग भी खोलेगा।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ये महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजना भारत के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए प्रवेश द्वार खोलती है और पड़ोसी क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी।
जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार का 10 साल का कार्यकाल शानदार रहा, इसलिए मुझे उम्मीद है कि मिजोरम के लोग लोकसभा में ऐसा प्रतिनिधि भेजेंगे, जो पीएम मोदी के हाथों को मजबूत करेगा।
(आईएएनएस)
बनासकांठा (गुजरात), 11 अप्रैल । गुजरात में बनासकांठा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जेनीबेन ठाकोर ने पुलिस पर दुर्व्यवहार करने व राजनीतिक हेरफेर का आरोप लगाया।
जेनीबेन ठाकोर ने दो साल पहले हुई एक घटना में हाल ही में हुई गिरफ्तारी पर प्रकाश डाला। इसमें बनासकांठा के सनाविया गांव का एक स्थानीय निवासी शामिल था।
उन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक एक सप्ताह पहले उस शख्स की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया।
जेनीबेन ठाकोर ने कहा, "गिरफ्तारी में दो साल क्यों लग गए? मामला दो साल पहले हुआ था, तो अब इस मामले में उस शख्स को हिरासत में क्यों लिया गया है? ऐसा लगता है कि यह चुनाव के दौरान ठाकोर समुदाय को डराने की कोशिश है।" उन्होंने पुलिस की मंशा पर संदेह व्यक्त किया।
ठाकोर ने पुलिस पर अनुचित प्रभाव डालने और भय का माहौल बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के उद्देश्य से एक व्यापक पैटर्न की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने और हमें दबाने की कोशिश कर रही है।
जेनीबेन ठाकोर ने "गुलाब और ठाकरसी जैसे अन्य समुदाय के नेताओं को निशाना बनाने की आशंका जताई और इस बारे में चेताया।"
(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 11 अप्रैल। कर्नाटक में बीजेपी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस उसके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है। साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस पर बेंगलुरु रूरल सीट पर आतंक फैलाने का भी आरोप लगाया, जहां से डिप्टी सीएम के भाई चुनावी मैदान में हैं।
बीजेपी ने इस सीट से डॉ. सी.एन. मंजूनाथ को चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका सीधा मुकाबला सांसद डी.के. सुरेश से होगा।
स्टेट बीजेपी प्रेसिडेंट बी.बाय. विजयेंद्र ने कहा कि शिवकुमार ने बेंगलुरु रूरल सीट पर आतंक मचा रखा है। अहंकार की वजह से वो भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं और वोटर्स को धमका रहे हैं।
विजयेंद्र ने कहा, "बेंगलुरु ग्रामीण संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस नेता यह जानने के बाद हताश हैं कि उनका किला भाजपा के कब्जे में आ जाएगा। वे भाजपा-जद(एस) कार्यकर्ताओं पर क्रूर हमले कर रहे हैं और निर्वाचन क्षेत्र में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
विजयेंद्र ने कहा, "कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक 'गुंडे' के खिलाफ पुलिस की निष्क्रियता, जिसने एक किसान और भाजपा कार्यकर्ता नवीन पर बेरहमी से हमला किया, कई संदेह पैदा कर रहा है।"
विजयेंद्र ने कहा, “मैं मांग करता हूं कि चुनाव आयोग और पुलिस को कांग्रेस पार्टी के गुंडों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिए और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय शुरू करने चाहिए। उन्हें बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के बचाव में आना चाहिए।”
(आईएएनएस)
कोलकाता, 11 अप्रैल । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को ईद के मौके पर अपने संबोधन के दौरान केंद्र पर हमला बोला।
मुख्यमंत्री ने मध्य कोलकाता के रेड रोड पर ईद की सामूहिक नमाज के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा,“इस साल का चुनाव इस मायने में अनोखा है कि चुनाव से पहले केंद्र सरकार ईडी, सीबीआई और अब एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों को तैनात कर रही है। ऐसा करने से बेहतर होता कि केंद्र सरकार एक बड़ी जेल बनवाती, जहां सभी को रखा जा सके। क्या केंद्र सरकार 23 करोड़ लोगों को सलाखों के पीछे भेज सकती है? उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो, हमें रॉयल बंगाल टाइगर्स की तरह हर बाधा का सामना करेंगे।''
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, हम एनआरसी, सीएए और यूसीसी के नाम पर नफरत और लोगों का विभाजन नहीं चाहते हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य सभी धर्मों की एकता है।
उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुधवार को बालुरघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'ममता बनर्जी चाहे कितना भी विरोध करें, सीएए किसी भी कीमत पर देश में लागू किया जाएगा।'
ममता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंदी है, इसलिए वोटों के विभाजन से बचें।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । राजद की राज्यसभा सांसद मीसा भारती की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि मीसा भारती का बयान हास्यापद और कुंठा से भरा है। अपनी हार को देखते हुए वो इस तरह के बयान दे रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इंडी गठबंधन बुरी तरह इस चुनाव में हारने वाला है। इंडी गठबंधन कितना भी भ्रम फैला ले, कुछ नहीं होगा। देश की जनता पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए तैयार है।
दरअसल, मीसा भारती ने गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो पीएम मोदी को जेल में डाल देंगे।
ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोलते हुए तरुण चुघ ने कहा कि ममता बनर्जी सिर्फ पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना के आरोपी को बचाने में व्यस्त हैं। वो भ्रम और डर पैदा कर रही हैं। वो केवल और केवल वोटबैंक की राजनीति करने में व्यस्त हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एनआईए की टीम जाती है तो उसके ऊपर पथराव किया जाता है। महिलाओं पर बंगाल में अत्याचार हो रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आती है, उस पर ममता बनर्जी ने चुप्पी साध रखी है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की बेटी और पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी मीसा भारती के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए विवादित बयान को लेकर सियासी तापमान गर्मा गया है। मीसा भारती के बयान पर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जवाब दिया है।
भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मीसा भारती कहती हैं कि पीएम मोदी को जेल में डालेंगे। लेकिन, देश की जनता सुनना चाहती है कि आप भ्रष्टाचारियों को जेल में डालेंगे या नहीं।
भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा, "विपक्ष के प्रचार का स्तर इतना गिरता जा रहा है कि बस्तर लोकसभा में चुनाव प्रचार करते हुए मुद्दों पर प्रधानमंत्री या एनडीए पर प्रहार ना करते हुए 'मोदी जी मरेगा' की बात कर रहे हैं, विपक्ष इस पर उतर आया है। देश चाहता है कि आतंकवादी मरे, देश चाहता है, इस देश पर हमला करने वाले मरे। लेकिन, लालू यादव की बेटी और राजद की प्रत्याशी मीसा भारती ने कहा है कि पीएम मोदी को जेल में डालेंगे। देश की जनता सुनना चाहती है कि आप भ्रष्टाचारियों को जेल में डालेंगे या नहीं। विपक्ष का प्रचार इस स्तर पर है कि कोई मरने की बात कर रहा है, कोई नेताओं को जेल भेजने की बात कर रहा है।"
गौरतलब है कि राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने कहा है कि इंडी गठबंधन 30 लाख रोजगार दे रहा है, उसमें उनको तुष्टिकरण दिखाई दे रहा है। हम लोग किसानों की आय दोगुनी और एमएसपी लागू करने की बात कर रहे हैं, उनको यह तुष्टिकरण लग रहा है। इलेक्टोरल बॉन्ड पर कौन जवाब देगा? जब वह बिहार आते हैं तो हमारे परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं। अगर जनता ने इंडिया गठबंधन को मौका दे दिया। सरकार बनी तो प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के नेता जेल के अंदर बंद होंगे।
(आईएएनएस)
डिब्रूगढ़, 11 अप्रैल । असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा डिब्रूगढ़ में विजय संकल्प सभा को संबोधित करने पहुंचे, जहां उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र कर लोगों से एक बार फिर बीजेपी को विजयी बनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि अगर आप एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को सेवा का मौका देते हैं, तो इस बात में कोई संशय नहीं है कि भारत विश्व के शीर्ष राष्ट्रों की सूची में शुमार हो जाएगा।
मुख्यमंत्री सरमा का कार्यकर्ताओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने पूर्व और वर्तमान सरकार की कार्यशैली के बीच आए अंतर पर जोर देते हुए कहा, “राज्य में भाजपा सरकार आने से पहले, तिनसुकिया सुरक्षित नहीं था, लेकिन अब देखिए कि मैं रात 9 बजे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो के दौरान उनके साथ गया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।”
बीजेपी में हिमंता बिस्वा सरमा की पहचान एक बेबाक नेता के रूप में होती है जो खुलकर हर मसले पर अपनी बात रखते हैं। अब जब लोकसभा चुनाव सिर पर है, तो बीजेपी ने चुनाव प्रचार के मामले में हिमंता बिस्वा सरमा को फ्रंटफुट पर खड़ा किया हुआ है, ताकि पार्टी के लिए आगे की सियासी राह आसान हो सके।
(आईएएनएस)
मुंबई, 11 अप्रैल। आईपीएल 2024 में आलोचना का सामना करने के बीच, मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या ने आध्यात्मिक समर्थन के माध्यम से अपने दिमाग को मजबूत करने का एक तरीका ढूंढ लिया है।
हार्दिक पांड्या लगातार ट्रोलिंग और खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं, इसी बीच हार्दिक ने इन सभी चीजों को दरकिनार कर सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
हार्दिक जिस आध्यात्मिक समर्थन की तलाश में थे, उसका लाभ उन्हें सीजन की पहली जीत के रूप में मिला।
यह पहली बार है जब फैंस ने हार्दिक पांड्या को इस रूप में देखा है। उल्लेखनीय है कि, विराट कोहली और केएल राहुल ने भी हाल ही में अपने करियर में कठिन समय का सामना करने पर आध्यात्मिक सहारा लिया था। वे उज्जैन महाकाल मंदिर गए थे, जिसकी तस्वीरें काफी वायरल हुईं।
खैर, चलिए हार्दिक पर वापस आते हैं। पिछले हफ्ते, ऑलराउंडर ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर में प्रार्थना की। उन्हें पारंपरिक पोशाक पहने, पूजा करते और भगवान शिव को दूध चढ़ाते देखा गया।
हार्दिक दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मुंबई के मैच से पहले मंदिर गए, जिससे अंततः उनकी टीम को रविवार को सीजन की पहली जीत हासिल हुई।
एमआई कैंप से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के बावजूद, हार्दिक को पिछले कुछ हफ्तों में प्रशंसकों, खासकर रोहित शर्मा के प्रति वफादार लोगों की आलोचना और ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा। यह नकारात्मकता स्टेडियमों तक भी फैल गई, हार्दिक को मुंबई के मैचों के दौरान भीड़ के उलाहनों का सामना करना पड़ा।
हार्दिक के खिलाफ नफरत की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर को टॉस के दौरान ऑलराउंडर के समर्थन में आगे आना पड़ा और फैंस से "सही व्यवहार" करने के लिए कहना पड़ा।
इन घटनाओं के बाद, दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहन जेटली से आईएएनएस ने भीड़ के व्यवहार और डीडीसीए द्वारा विचार किए जाने वाले उपायों पर उनके विचारों के बारे में पूछा।
हालांकि, हार्दिक के सोमनाथ मंदिर के दौरे के बाद माहौल उनके पक्ष में जाता दिख रहा है। दिल्ली मैच के दौरान प्रशंसकों द्वारा उनकी आलोचना नहीं की गई, जो एमआई कप्तान के लिए एक सकारात्मक बदलाव है, जिन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाई।
इस हफ्ते हार्दिक अपने परिवार और भाई क्रुणाल पांड्या के साथ अपने यहां आयोजित कीर्तन में हिस्सा लेते नजर आए। हार्दिक को अपने परिवार के साथ "हरे राम हरे कृष्णा" का जाप करते देखा गया।
हार्दिक का यह आध्यात्मिक पक्ष पहली बार सामने आया है और इससे इस ऑलराउंडर को फायदा होता दिख रहा है। प्रशंसक हार्दिक पांड्या से भी प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, हार्दिक, क्रुणाल पंड्या ने ईशान किशन और पीयूष चावला के साथ मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की।
कुछ चुनौतीपूर्ण समय का सामना करने के बाद, हार्दिक अब जीत की लय बनाए रखने का लक्ष्य रखेंगे क्योंकि गुरुवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस का सामना आरसीबी से होगा।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को गुजरात और जम्मू-कश्मीर में बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कांग्रेस आईटी सेल के पूर्व प्रमुख और हाल ही में कांग्रेस का लोकसभा टिकट लौटाने वाले रोहन गुप्ता और पार्टी के जम्मू-कश्मीर के नेता जहांजेब सिरवाल ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
पूर्व आईएएस अधिकारी एवं अकाली दल के दिग्गज नेता की बहू परमपाल कौर ने भी अपने पति के साथ गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने अन्य नेताओं की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में इन नेताओं को भाजपा में शामिल कराया।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कांग्रेस में रहने के दौरान विभिन्न पदों पर रहकर रोहन गुप्ता द्वारा निभाई गई भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा उनकी क्षमता का सदुपयोग करेगी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जहांजेब सिरवाल के आने से पार्टी जम्मू-कश्मीर में मजबूत होगी और परमपाल कौर के अपने पति के साथ आने से भाजपा को पंजाब में बड़ी ताकत मिलेगी।
तावड़े ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन में शामिल नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जिस तरह से अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे एनडीए गठबंधन का 400 पार जाना तय नजर आ रहा है।
उन्होंने पूछा कि विपक्षी दल ये बताएं कि आतंकवादियों को मरना चाहिए या नहीं और भ्रष्टाचारियों को जेल जाना चाहिए या नहीं।
भाजपा में शामिल होने के बाद रोहन गुप्ता ने खासकर कांग्रेस के एक नेता पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नवरात्रि में वह भाजपा में शामिल होकर अपने आपको गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। वह बिना किसी अपेक्षा के भाजपा में शामिल हो रहे हैं और जो भी भूमिका उन्हें दी जाएगी, उसे ईमानदारी से निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि 40 साल उनके पिता ने और 15 साल उन्होंने कांग्रेस में सेवा की, लेकिन कई बार लालच नहीं आत्मसम्मान के कारण भी नई शुरुआत करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लेफ्ट विचारधारा के प्रभाव में सनातन और राष्ट्रवाद के खिलाफ चली गई है। कांग्रेस में हर मुद्दे पर विरोधाभास है और जिन नेता के नाम में राम लगा है, जो कभी कोई चुनाव नहीं लड़े, वो आज कांग्रेस का एजेंडा तय कर रहे हैं।
कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर के युवा नेता जहांजेब सिरवाल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर को देश का मुकुट कहा जाता है। लेकिन, 70 वर्षों तक देश के इस मुकुट को सिर पर बिठाने की बजाय हवा में लटकाने का काम किया गया। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस मुकुट को सही सिर पर बिठाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर की छवि को देश और दुनिया में बदलने का काम किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने चारों नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि परमपाल कौर कल तक आईएएस अधिकारी थीं और कल ही उनका इस्तीफा स्वीकार हुआ है और आज वह भाजपा में शामिल हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और यहां कोई भी कार्यकर्ता यह सोच सकता है कि पार्टी आने वाले कल में उन्हें कोई भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । दक्षिण दिल्ली के खानपुर एक्सटेंशन इलाके में गुरुवार को चार मंजिला एक व्यावसायिक इमारत में आग लग गई। पुलिस ने यह जानकारी दी है।
पुलिस ने कहा कि तिगरी पुलिस स्टेशन में सुबह 11:20 बजे आग लगने की सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष को मिली, जिसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “मौके पर पहुंचने पर वहां चार मंजिला इमारत में आग लगी हुई पाई गई। इमारत में विभिन्न मंजिलों पर हीरो शोरूम, एक जिम और कार्यालय है।”
अधिकारी ने आगे बताया कि दमकल की चार गाड़ियां मौके पर हैं और आग पर काबू पा लिया गया है।
अभी तक किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है।
(आईएएनएस)
पटना, 11 अप्रैल । लोकसभा चुनाव में एनडीए बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय कर चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है। भाजपा ने चुनाव से पहले ही इस लक्ष्य को तय कर धरातल पर कार्य शुरू कर दिया था। अब अन्य सहयोगियों के जरिए इसी लक्ष्य को साधने के लिए भाजपा सहित एनडीए के नेता चुनावी मैदान में कूद गए हैं।
भाजपा के नेता इसके पीछे मजबूत तर्क भी देते हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि बिहार ने पिछले चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीटें दी थी, इस बार प्रदेश के मतदाता पिछले चुनाव की एक सीट की जो कसर रह गई थी, वह भी पूरा कर देंगे।
बिहार भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल दावे के साथ कहते हैं कि 40 सीट जीतने का मात्र नारा नहीं, हम एनडीए कार्यकर्ताओं का संकल्प है। आज विरोधी तुष्टिकरण के जरिए एक खास संप्रदाय के लोगों को आकर्षित करने के प्रयास में हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के कार्यों को मजहब से न केवल ऊपर रखा, बल्कि इसे लेकर विचार-विमर्श तक शुरू करने का रिवाज लोगों को उपलब्ध कराया। भाजपा चार बातों को लेकर मतदाताओं के बीच जा रही है। पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार के कार्यों को भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर तक पहुंचा रहे हैं।
दानिश इकबाल के मुताबिक, हमारे पास नेतृत्व है, देश के विकास करने की नियत है और राष्ट्रवाद की नीति है। जबकि, विरोधियों के पास कुछ नहीं है। भाजपा की अपनी अलग विचारधारा है, जो देश को सशक्त और मजबूत बनाने की है। भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता बूथ तक मजबूती से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के लाभार्थियों की देश में बड़ी संख्या है, जो भाजपा को छोड़कर दूसरी ओर नहीं जा सकते हैं। राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया, इसके अलावा कई कार्य हैं, जिनका समाधान जनता चाहती थी। ऐसी स्थिति में तय है कि प्रदेश में एनडीए न केवल 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, बल्कि देश में भी 400 सीटें पार करेगी।
भाजपा इस चुनाव में जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ चुनावी मैदान में है।
(आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 11 अप्रैल । दिग्गज कांग्रेस नेता और सीडब्ल्यूसी सदस्य ए.के. एंटनी ने कहा है कि गांधी परिवार से एक ही व्यक्ति उत्तर प्रदेश में रायबरेली या अमेठी से चुनाव लड़ेगा।
एंटनी ने गुरुवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए ये बात कही।
यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी परिवार का कोई सदस्य पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ेगा, एंटनी ने कहा, "हां, एक होगा"। जब आगे पूछा गया कि क्या वह रॉबर्ट वाड्रा होंगे, तो उन्होंने कहा, "या तो राहुल या प्रियंका।"
एंटनी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक का आत्मविश्वास बढ़ रहा है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का आत्मविश्वास घट रहा है।
एंटनी ने कहा, "प्रधानमंत्री की भाषा को देखिए, क्या कहानी बयां कर रही है...।"
देश के सबसे लंबे समय तक सेवारत रक्षा मंत्री और तीन बार केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एंटोनी अब राजनीति से रिटायर हो गए हैं। फिर भी वो तिरुवनंतपुरम में राज्य पार्टी मुख्यालय रोज जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य के कारण अभी तय नहीं किया है कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे या नहीं। उनके बेटे अनिल एंटनी पथानामथिट्टा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 11 अप्रैल । पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के अगुवा के रूप में सीपीआई (एम) ने कांग्रेस और कनिष्ठ सहयोगियों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए और अधिक लचीला रुख अपनाने का फैसला किया है।
समझौता फार्मूले के तहत सीपीआई (एम) नेतृत्व ने पूर्वी मिदनापुर जिले की कांथी लोकसभा सीट पर अपना दावा छोड़ने का फैसला किया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, इसकी जगह कांग्रेस से निकटवर्ती पश्चिम मिदनापुर जिले में घाटल निर्वाचन क्षेत्र पर दावा छोड़ने का अनुरोध किया गया है, जहां वाम मोर्चा सहयोगी सीपीआई ने पहले ही उम्मीदवार खड़ा कर रखा है।
”सीपीआई (एम) की एक केंद्रीय समिति के सदस्य ने कहा,“ बातचीत के बाद कांग्रेस नेतृत्व सैद्धांतिक रूप से हमारे प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। इसका मतलब यह है कि पश्चिम बंगाल में एक भी निर्वाचन क्षेत्र ऐसा नहीं होगा, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार सीपीआई (एम) के खिलाफ या दो अन्य वाम मोर्चा सहयोगियों सीपीआई और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
अब कांग्रेस-वाम मोर्चा सीट-बंटवारे में एकमात्र बाधा वाम मोर्चे की एक अन्य सहयोगी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक है। फॉरवर्ड ब्लॉक ने राज्य की उन तीन लोकसभा सीटों में से किसी पर भी समझौता करने से इनकार कर दिया है, जहां वह पहले चुनाव लड़ती थी।
राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता नेपाल महतो के समर्थन में पुरुलिया लोकसभा क्षेत्र से हटने की सीपीएम नेतृत्व की बार-बार अपील के बावजूद, फॉरवर्ड ब्लॉक ने वहां से अपना उम्मीदवार खड़ा कर रखा है।
दिलचस्प बात यह है कि अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के मामले में, वाम मोर्चा के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस द्वारा संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में किया गया था। इसमें मोर्चे के सभी सहयोगियों के नेता शामिल थे।
लेकिन पुरुलिया के मामले में, उम्मीदवार के नाम की घोषणा फॉरवर्ड ब्लॉक द्वारा स्वतंत्र रूप से की गई। इससे अन्य सहयोगी दल, विशेष रूप से सीपीआई (एम) नाराज है। उसने इस कदम को बोस जैसे वरिष्ठ नेता की उपेक्षा करार दिया है।
अब तक की स्थिति के अनुसार, फॉरवर्ड ब्लॉक कूच बिहार और पुरुलिया में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के अलावा कांग्रेस के खिलाफ भी मैदान में है।
(आईएएनएस)
रीवा, 11 अप्रैल । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल रहा है। मध्य प्रदेश के रीवा संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जनार्दन मिश्रा के समर्थन में देवतालाब में आयोजित जनसभा में रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि दुनिया में भारत के प्रति धारणा बदल गई है, आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की महाशक्ति बन जाएगा।
उन्होंने राम मंदिर को लेकर कहा कि भाजपा अपने घोषणापत्र में इसके बारे में लगातार कहती आई है और आज भगवान राम का मंदिर अयोध्या में बन गया है। यह राम राज्य आने का संकेत है। राम राज्य का अर्थ है जब लोगों में अधिकार नहीं, बल्कि कर्तव्य बोध हो। हम लोगों ने धारा 370 खत्म करने की बात की थी, खत्म हो गई। तीन तलाक खत्म करने की बात कही थी, उस पर अमल किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि केंद्र सरकार किसानों के संदर्भ में बड़े फैसले करने जा रही है। सवा सौ करोड़ की लागत से देश में लगभग 700 गोदाम बनाए जाएंगे। किसान इसमें अपनी उपज को रख सकेंगे और दाम बढ़ने पर बेच भी सकेंगे। जब वे अपनी उपज को गोदाम में रखेंगे तो उन्हें कुछ राशि भी मिल जाएगी।
देश में गरीबों की स्थिति में आए बदलाव का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि बीते 10 साल में देश के लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। केंद्र सरकार गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है, वह 2029 तक मिलता रहेगा।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मंच पर डमरू भी बजाया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत गढ़वाली भाषा से की।
पीएम मोदी ने कहा, "कल मैं भारत के दक्षिणी छोर पर, सागर तट पर बसे तमिलनाडु में था और वहां पर भी लोग कह रहे हैं- फिर एक बार मोदी सरकार। आज हिमालय की गोद में बाबा केदार और बद्री विशाल की चरणों में हूं और यहां भी वही गूंज है- फिर एक बार मोदी सरकार।"
पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राम मंदिर का ज्रिक कर कहा कि कांग्रेस विकास और विरासत दोनों की विरोधी है। कांग्रेस ने प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं। ये कांग्रेस ही है, जिसने पहले राम मंदिर का विरोध किया। राम मंदिर के निर्माण से पहले अड़ंगे डालने की कोशिश की। अदालत में रुकावट डालने की कोशिश की। लेकिन, राम मंदिर बनाने वालों ने कांग्रेस के सारे गुनाह माफ करके उन्हें निमंत्रण (प्राण प्रतिष्ठा का) दिया। मगर, उन्होंने घर पर निमंत्रण पाने के बाद भी प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आने से इनकार कर दिया। कांग्रेस के नेताओं ने इस आयोजन का भी बहिष्कार किया।
पीएम मोदी ने आगे कहा, "अब तो कांग्रेस ने प्रण लिया है, सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि हिंदू धर्म में जो शक्ति है, उसका विनाश करेंगे। ये कांग्रेस शक्ति स्वरूपा मां धारी देवी, मां चंद्रबदनी, मां ज्वाल्पा देवी को खत्म करना चाहती है। उत्तराखंड की आस्था को तबाह करने की जो साजिशें चल रही हैं, उसमें कांग्रेस की ये बातें आग में घी का काम करेंगी। उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा करना, हम सभी का दायित्व है।"
पीएम मोदी ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, "जब कांग्रेस की सरकार थी, तब लोगों के हक का पैसा बिचौलिए खा जाते थे। अब लोगों के हक का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है। ये लूट मोदी ने बंद की है, इसलिए मोदी पर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है। कांग्रेस के नेताओं के लिए तो पहले दिल्ली का शाही परिवार और फिर अपना परिवार ही सब कुछ है। लेकिन, मोदी के लिए तो मेरा भारत ही मेरा परिवार है।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में तो जवानों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट तक की कमी थी। दुश्मन की गोली से बचने के लिए जवानों के पास पुख्ता इंतजाम तक नहीं थे। ये भाजपा है, जिसने भारत में बनी बुलेटप्रूफ जैकेट अपने सैनिकों को दी, उनके जीवन की रक्षा की। आज आधुनिक रायफल से लेकर लड़ाकू विमान और विमानवाहक पोत तक देश में ही बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज देश में मोदी की मजबूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है। भारत का तिरंगा युद्ध क्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बन जाता है। सात दशक बाद जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 निरस्त किया गया। तीन तलाक के खिलाफ काननू बना। महिलाओं को लोकसभा, विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण मिला। सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिला। आज देश में ऐसी सरकार है, जिसने बीते 10 वर्ष में भारत को पहले की तुलना में कई गुना मजबूत कर दिया है। जब-जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब-तब दुश्मनों ने फायदा उठाया और आतंकवाद ने पैर पसारे।
(आईएएनएस)
श्रीनगर, 11 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने कहा कि उमर अब्दुल्ला श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी मोहम्मद रमजान उत्तरी कश्मीर बारामूला सीट से चुनाव लड़ेंगे।
एनसी ने पहले ही अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से अपने उम्मीदवार, वरिष्ठ गुज्जर/बकरवाल नेता, मियां अल्ताफ अहमद की घोषणा कर दी है।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की है।
पीडीपी ने अपनी युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा को श्रीनगर से और पूर्व राज्यसभा सदस्य फैयाज अहमद मीर को बारामूला सीट से मैदान में उतारा है।
बीजेपी ने अभी तक कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। पार्टी ने कठुआ-उधमपुर से राज्य मंत्री (पीएमओ) डॉ. जितेंद्र सिंह और जम्मू-रियासी सीट से जुगल किशोर शर्मा को मैदान में उतारा है।
एनसी और कांग्रेस ने चुनाव के लिए गठबंधन किया है, जिसमें एनसी जम्मू-रियासी और कठुआ-उधमपुर सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, जबकि कांग्रेस कश्मीर में तीन सीटों पर एनसी के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के सज्जाद गनी लोन बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
कठुआ-उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र में 19 अप्रैल, जम्मू-रियासी में 26 अप्रैल, अनंतनाग-राजौरी में 7 मई, श्रीनगर में 13 मई और बारामूला में 20 मई को मतदान होगा।
(आईएएनएस)
भोपाल, 11 अप्रैल । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित जनसभा में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंच गए हैं। जबलपुर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनकी अगवानी की।
केंद्रीय गृह मंत्री मध्य प्रदेश की मंडला और खजुराहो लोकसभा सीट के कटनी में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं।
अमित शाह विशेष विमान से जबलपुर पहुंचे, जहां हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री यादव ने उनकी अगवानी की।
इस मौके पर राज्य सरकार के मंत्री राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। अमित शाह यहां से मंडला के लिए रवाना हो गए।
तय कार्यक्रम के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री की मंडला संसदीय क्षेत्र और खजुराहो संसदीय क्षेत्र के कटनी में गुरुवार को जनसभा है। वे मंडला के रपटा घाट पर मां नर्मदा के दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे। जिसके बाद सर्किट हाउस के सामने स्थित रानी दुर्गावती प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे एवं पुलिस ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे।
मंडला में आम सभा करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कटनी पहुंचेंगे। वे विजयनाथ धाम मंदिर में दर्शन करेंगे और पूजा अर्चना करेंगे। उसके बाद उनकी मेला ग्राउंड में बहुजन सभा होगी।
(आईएएनएस)
देहरादून, 11 अप्रैल । उत्तराखंड में 5 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अब कांग्रेस भी चुनाव प्रचार को धार देने में जुट गई है। पार्टी अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार रही है।
13 अप्रैल को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी जनसभा करने उत्तराखंड के एक दिवसीय दौरे पर रामनगर और रुड़की आ रही हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की चुनावी जनसभा में एक लाख से अधिक लोगो की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है।
प्रदेश कांग्रेस संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने बताया कि प्रियंका गांधी 13 अप्रैल को पहले रामनगर, फिर रुड़की में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगी।
इसके लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है, विभिन्न नेताओं को रैली के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है।
संबंधित संसदीय क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों से लोग यहां पहुंचेंगे।
इन रैलियों के जरिए पार्टी प्रदेश भर में संदेश देने का प्रयास करेगी। इसमें प्रदेश के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । लोकसभा चुनाव से पहले मायावती को बड़ा झटका देते हुए बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और गुरुवार को राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मलूक नागर को गुरुवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी में शामिल किया।
मलूक नागर के आरएलडी में शामिल होने से माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी को अच्छा खासा फायदा होगा। मलूक नागर की बिजनौर और उसके आसपास के इलाके में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। उनकी गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती थी।
2009 और 2014 में मेरठ और बिजनौर सीट से चुनाव हारने के बाद भी बीएसपी सुप्रीमो ने उन पर भरोसा जताया था और 2019 में फिर बिजनौर से प्रत्याशी बनाया। सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिलने की वजह से उन्हें जीत मिली और वो संसद पहुंचे।
इसके अलावा मलूक नागर की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में भी होती है। मलूक नागर यूपी के बड़े कारोबारी हैं।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, नागर की कुल संपत्ति करीब 250 करोड़ रुपए है। उनके पास 115 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। इसमें प्रॉपर्टी और कृषि की जमीन आती है। मलूक पर बैंकों का काफी कर्ज भी है। उन पर बैंकों का 101.61 करोड़ रुपये बकाया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मलूक नागर और उनके भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपये की वसूली का भी नोटिस जारी किया था। इसके बाद उनके कुछ ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की रेड भी हुई थी।
मालूक नागर के आरएलडी में शामिल होने के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि आज एक जमीनी नेता पार्टी में शामिल हो रहा है। वे पहले भी लोक दल के अध्यक्ष रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वो आरएलडी में शामिल होना चाहते थे। उनके साथ लखीराम नागर और सुधा नागर भी आरएलडी में शामिल हो रहे हैं।
बता दें कि बीएसपी ने इस बार बिजनौर सीट से सांसद मलूक नागर का टिकट काट दिया था। उनकी जगह मायावती ने चौधरी ब्रजेंद्र सिंह को बीएसपी का उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मलूक नागर के बीएसपी छोड़ने की खबर सामने आई थी। लेकिन बिजनौर से टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
(आईएएनएस)
मुंबई, 11 अप्रैल । राकांपा (सपा) ने गुरुवार को महाराष्ट्र में भाजपा के संबंध में शरद पवार के रुख पर राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल के दावों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया।
प्रफुल्ल पटेल ने एक निजी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि जुलाई 2023 में अजीत पवार द्वारा सत्तारूढ़ महायुति सरकार में शामिल होने के लिए पार्टी को विभाजित करने के बाद, एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने भाजपा को "50 प्रतिशत" समर्थन देने का मन बना लिया था।
पटेल ने कहा, आखिरी समय में शरद पवार ने अपना मन बदल लिया और ऐसा नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि अजित पवार के दो जुलाई, 2023 को डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने एक पखवाड़े बाद अलग हुए गुट के नेताओं ने मुंबई और पुणे में शरद पवार से मुलाकात की, लेकिन आखिरी समय में शरद पवार अपने रुख से विचलित हो गए।
उधर, पटेल के बयानों को "सरासर झूठ" बताकर खारिज करते हुए राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि राकांपा नेता द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के मन में भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
तापसे ने बताया,“शरद पवार कई बार भाजपा को समर्थन देने से इनकार कर चुके हैं। यह राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
तापसे ने कहा कि शरद पवार ने उनके कथित प्रस्ताव को अस्वीकार कर अजीत पवार, पटेल और राकांपा के अन्य नेताओं को निराश कर दिया। अब वे महाराष्ट्र की राजनीति में प्रासंगिक बने रहने के लिए शरद पवार का नाम ले रहे हैं।
तपासे ने तंज करते हुए बताया कि हाल ही में अजीत पवार के खिलाफ कुछ गंभीर मामलों को बंद करने से उनके समूह की भाजपा के प्रति निष्ठा का कारण सामने आ गया है।
राकांपा (सपा) के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि अजित पवार के पास राकांपा नाम और 'घड़ी' चुनाव चिह्न पर नियंत्रण का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
तापसे ने कहा कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही लोगों का राकांपा (सपा) के शरद पवार साहब के नेतृत्व में विश्चास बढ़ता जा रहा है।
(आईएएनएस)
छोटे-से पर्वतीय राज्य सिक्किम में चुनाव की तस्वीर देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले अनूठी है. यहां विधानसभा की एक ऐसी सीट भी है जो भौगोलिक नक्शे पर ही नहीं है. ऐसा देश में और कहीं नहीं है.
आजादी के 27 साल बाद भारत का हिस्सा बने सिक्किम में लोकसभा की महज एक और विधानसभा की 32 सीटें हैं. जाहिर है कि इस राज्य के चुनाव का राष्ट्र की मुख्यधारा की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ता. बावजूद इसके यहां कई खासियतें हैं. यहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही होते रहे हैं. इस साल भी पहले चरण में 19 अप्रैल को राज्य में मतदान होना है. देश में सात चरणों में मतदान पूरा होने के बाद भले वोटों की गिनती चार जून को होगी. लेकिन अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में दो जून को ही वोटों की गिनती होगी. इसकी वजह यह है कि राज्य विधानसभा का कार्यकाल दो जून तक ही है.
राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों का असर नहीं
पश्चिम बंगाल के अलावा भूटान, चीन और नेपाल की सीमा से सटे सामरिक रूप से बेहद अहम सिक्किम के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव मैदान में उतरती तो हैं लेकिन उनको कभी कोई कामयाबी नहीं मिली है. वर्ष 1975 में भारत में विलय के बाद से ही यहां क्षेत्रीय दलों का बोलबाला रहा है.
सिक्किम की आबादी बढ़ाने के लिए अनूठी पहल
पहले मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी लंबे समय तक इस पद पर बने रहे. उसके बाद उनके सहयोगी रहे पवन चामलिंग ने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) नाम से नई पार्टी बना कर यहां अपनी सत्ता बनाए रखी. हालांकि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एसडीएफ के दबदबे को चुनौती देते हुए उसे ना सर्फ राज्य की सत्ता से बेदखल किया बल्कि इस इकलौती लोकसभा सीट पर भी कब्जा जमा लिया.
वर्ष1996 से लगातार इस सीट पर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का दबदबा रहा था. इसके साथ ही सिक्किम गोरखा प्रजातांत्रिक पार्टी, सिक्किम हिमाली राज्य परिषद और सिक्किम जन एकता पार्टी जैसे राजनीतिक दलों का भी यहां पर असर देखने को मिलता है. पिछले लोकसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने बड़ा उलटफेर करते हुए जीत हासिल की थी. इस सीट से इंद्रा हांग सुब्बा सांसद हैं.
इस बार इस सीट पर 14 उम्मीदवार हैं. इनमें एसकेएम के इंद्र हांग सुब्बा के अलावा भाजपा के डी.सी.नेपाल और कांग्रेस के गोपाल छेत्री शामिल हैं. एसडीएफ के पी.डी.राई के अलावा बाकी उम्मीदवार स्थानीय दलों के हैं. इस सीट पर एकमात्र महिला उम्मीदवार बीना राय निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी की पत्नी दिल कुमारी भंडारी लोकसभा (1991-96) में सिक्किम का प्रतिनिधित्व करने वाली अंतिम महिला थीं.
विकास और भ्रष्टाचार का मुद्दा
सत्तारूढ़ एसकेएम ने यहां विकास को अपना सबसे प्रमुख मुद्दा बनाया है. उधर, विपक्षी दलों ने संसद में लिंबू और तामंग समुदाय के लिए सीटों के आरक्षण और राज्य सरकार के कथित भ्रष्टाचार को अपना सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है.
वर्ष 1975 में भारत में विलय के बाद यहां पहली बार 1979 में विधानसभा चुनाव कराए गए थे. भारत में विलय के बाद काजी लेंदुप दोरजी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद नर बहादुर भंडारी की अगुवाई वाली सिक्किम संग्राम परिषद ने कोई 15 वर्षों तक यहां राज किया. भंडारी बाद में कई बार दल बदलते रहे. पहले चुनाव से ही स्थानीय लोग क्षेत्रीय दलों और नेताओं पर ही भरोसा जताते रहे हैं.
संविधान की धारा 371 (एफ) के तहत इस राज्य और यहां के लोगों को कई विशेषाधिकार हासिल हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस धारा की रक्षा के लिए राष्ट्रीय दलों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. 1975 से पहले पहले यहां चोग्याल शासकों का राज था.
वर्ष 2019 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने 17 सीटें जीत कर सरकार का गठन किया था. बाद में एसडीएफ के दो विधायक भी उसके साथ आ गए. तब एसकेएम ने भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार वह अकेले मैदान में है. इस बार भी उसका मुकाबला एसडीएफ से ही है.
विधान सभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 12 सीटें आरक्षित हैं. राज्य के 4.66 लाख वोटरों में करीब आधी यानी 2.31 लाख महिलाएं हैं. बावजूद इसके उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम रहा है. पिछली बार 15 महिलाएं चुनाव मैदान में थी और उनमें से तीन को जीत हासिल हुई थी. लेकिन इस बार 12 उम्मीदवारों को ही टिकट मिला है.
भौगोलिक नक्शे पर नहीं है एक सीट
सिक्किम विधानसभा चुनाव का जिक्र होने पर उसकी एकमात्र सीट की ही सबसे ज्यादा चर्चा होती है. राज्य विधानसभा की 32वीं सीट किसी भौगोलिक नक्शे पर नहीं है. संघ नाम की इस सीट पर मतदान राज्यभर में फैले पंजीकृत बौद्ध मठों में रहने वाले लामा या बौद्ध भिक्षु ही करते हैं. इस सीट के लिए उम्मीदवार का चयन भी उन पंजीकृत वोटरों में से ही किया जाता है. संघ विधानसभा क्षेत्र देश में अकेली ऐसी सीट है जो बौद्ध भिक्षुओं के लिए आरक्षित है. राज्य के 111 मठों में पंजीकृत बौद्ध लामा ही इस चुनाव में उम्मीदवार बन सकते हैं और वही मतदान कर सकते हैं.
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी डी. आनंदन बताते हैं कि संघ सीट के मतदाता भी आम मतदाताओं की तरह ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं. फर्क यही है कि उनके लिए मतदान केंद्रों में अलग ईवीएम की व्यवस्था रहेगी. ऐसे मतदान केंद्रों में तीन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें रखी जाएंगी. उनमें से एक-एक लोकसभा व विधानसभा चुनावों के लिए होंगी और तीसरी संघ की सीट पर मतदान के लिए.
वह बताते हैं कि राज्य के 51 मतदान केंद्रों में यह व्यवस्था की गई है. इस सीट के लिए 111 बौद्ध मठों में करीब तीन हजार मतदाता है.
पिछली बार विपक्षी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार के तौर पर वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दो बार संघ की सीट जीतने वाले सोनम लामा बताते हैं कि इस सीट का इतिहास सदियों पुराना है. भारत में विलय से पहले यहां आम लोगों और बौद्ध लामाओं में से ही मंत्री चुने जाते थे. इस बार विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे शेरिंग लामा कहते हैं कि मंत्रिमंडल में लामाओं के प्रतिनिधित्व की परंपरा वर्ष 1640 में चोग्याल राजाओं के शासनकाल से ही चली आ रही थी.
सोनम इस बार भी मैदान में हैं. लेकिन इस बार उनकी पार्टी एसकेएम सत्ता में है. दिलचस्प बात यह है कि पहली बार भाजपा ने भी इस सीट पर पूर्व विधायक सेतेन ताशी भूटिया को अपना उम्मीदवार बनाया जबकि विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की ओर से शेरिंग लामा दोबारा यहां अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वर्ष 2019 के चुनाव में सोनम लामा को 1488 वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एसडीएफ के शेरिंग लामा को 630 वोटों से पराजित किया था.
इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार तेसेन ताशी भूटिया कहते हैं कि संघ महज एक धार्मिक संस्थान नहीं है. यह भारत में विलय के बहुत पहले से और 333 साल लंबे नामग्याल वंश के शासन के दौरान ऐतिहासिक रूप से सिक्किम का एक राजनीतिक औऱ सामाजिक संस्थान रहा है.
लोकतंत्र की स्थिति पर एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि कई देशों में मतदाता लोकतंत्र नहीं बल्कि चुनाव और संसद के बंधन से मुक्त एक ‘मजबूत’ नेता चाहते हैं.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
दुनिया के कई देशों में मतदाता लोकतांत्रिक संस्थानों में विश्वास के संकट से गुजर रहे हैं. 2024 में अमेरिका, भारत, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ समेत दुनिया में लगभग एक चौथाई आबादी नई सरकार चुनने वाली है.
लेकिन इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्ट्रोल असिस्टेंस (IDEA) ने एक सर्वेक्षण के बाद कहा है कि अधिकतर मतदाता लोकतांत्रिक संस्थानों की स्थिति से नाखुश हैं.
गुरुवार को प्रकाशित आईडीईए की रिपोर्ट कहती है कि कई देशों में लोकतंत्र की हालत अच्छी नहीं है. रिपोर्ट के लिए 19 देशों के मतदाताओं के बीच सर्वे किया गया. इनमें से भारत और अमेरिका समेत 11 देशों में आधे से भी कम लोग मानते हैं कि हालिया चुनाव निष्पक्ष थे.
सिर्फ डेनमार्क ऐसा देश है जहां के मतादाता मानते हैं कि अदालतें हमेशा निष्पक्ष होती हैं. 19 में से 18 देशों में आधे से अधिक लोग अदालतों की निष्पक्षता को संदिग्ध मानते हैं. न्याय व्यवस्था में इराकियों का भरोसा अमेरिकियों के मुकाबले ज्यादा है.
19 में से आठ देशों में अधिकतर मतदाताओं ने कहा कि वे एक ऐसा मजबूत नेता चाहते हैं जो चुनाव या संसद के बंधनों में ना बंधा हो. एक ‘मजबूत नेता' के सबसे ज्यादा समर्थक भारत और तंजानिया में थे.
अमेरिका में चुनावों पर भरोसा कम
आईडीईए महासाचिव केविन कसासा-जमोरा ने एक बयान में कहा, "जनता में पैदा हुई भ्रम की स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए और चुनावों की विश्वसनीयता को संदेह के घेरे में लाने वाली फर्जी सूचनाओं के प्रसार की पूरी व्यवस्था के खिलाफ लड़ना चाहिए.”
अमेरिका में इस बार डॉनल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के एक बार फिर आमने-सामने होने की संभावना है. 2020 में भी दोनों के बीच मुकाबला था और जो बाइडेन की जीत के बाद ट्रंप समर्थकों ने चुनावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था. डॉनल्ड ट्रंप ने भी चुनावों में धांधली के दावे किए थे.
आईडीईए के सर्वे के मुताबिक अमेरिका में 47 फीसदी मतदाता मानते हैं कि देश की चुनाव प्रक्रिया विश्वसनीय है. इसी तरह जून में यूरोपीय संघ के चुनाव होने हैं और इस बार अति दक्षिणपंथी पार्टियां बेहद मजबूत स्थिति में हैं.
अगर यूरोपीय संसद में उनकी ताकत बढ़ती है तो वे जलवायु परिवर्तन व माइग्रेशन से जुड़ी नीतियों से लेकर रूस के खिलाफ यूक्रेन के युद्ध में मदद जैसे फैसलों को प्रभावित करने में सक्षम होंगी.
सरकारों से असंतुष्ट
यह सर्वेक्षण जुलाई 2023 से जनवरी 2024 के बीच हुआ था. 19 देशों में से हरेक में 1,500 लोगों से बातचीत की गई. सर्वे में शामिल देशों में सबसे बड़े लोकतंत्रों भारत और अमेरिका के अलावा ब्राजील, चिली, कोलंबिया, गांबिया, इराक, इटली, लेबनान, लिथुआनिया, पाकिस्तान, रोमानिया, सेनेगल, सिएरा लियोन, दक्षिण कोरिया और तंजानिया शामिल हैं.
‘द परेस्पशन ऑफ डेमोक्रेसी' नाम की रिपोर्ट के मुताबिक 17 देशों में आधे से कम लोग ही अपनी सरकारों से संतुष्ट हैं. सिर्फ चार देश ऐसे हैं जिनमें अधिकतर लोग महसूस करते हैं कि वे आर्थिक रूप से अपने माता-पिता से बेहतर स्थिति में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर देशों में अल्पसंख्यक लोगों में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह बहुसंख्यक समुदाय से ज्यादा है.
रिपोर्ट कहती है कि ब्राजील, कोलंबिया, रोमानिया और सिएरा लियोन में गरीबों के बीच सरकार का समर्थन अन्य वर्गों की अपेक्षा ज्यादा है. (dw.com)
अटकलें लग रही हैं कि इलॉन मस्क जल्द ही भारत में निवेश की बड़ी योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं. भारत सरकार ने पिछले महीने ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों की नीति में एक बड़ा बदलाव किया था, जिससे मस्क की कंपनी टेस्ला को फायदा हो सकता है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
मस्क ने बुधवार को एक्स पर एक ट्वीट के जरिए घोषणा की कि वो भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं. मस्क ने तो अपनी भारत यात्रा के बारे में इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि वो 22 अप्रैल के आस पास भारत आ सकते हैं.
मस्क भारत कब आएंगे और उनकी कंपनी टेस्ला की गाड़ियां भारत में कब बिकनी शुरू होंगी, इसे लेकर लंबे समय से अटकलें लग रही हैं. 2021 में मस्क ने एक्स पर एक यूजर के सवाल के जवाब में लिखा था कि भारत में ऊंचे आयात शुल्क की वजह से टेस्ला की गाड़ियां अभी तक वहां उपलब्ध नहीं हो पाई हैं.
आयात शुल्क में कटौती
लेकिन भारत सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए नीति में एक बड़ा बदलाव किया था. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस बदलाव का फायदा टेस्ला को मिल सकता है. पिछले महीने भारत ने विदेशी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर आयात शुल्क को घटा दिया था.
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक भारत में करीब 4,100 करोड़ रुपये निवेश का वादा करने वाली और तीन साल में देश के अंदर उत्पादन शुरू करने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सिर्फ 15 प्रतिशत शुल्क लागू होगा.
यह टैक्स दर करीब 29 लाख रुपयों से ज्यादा दाम की हर इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक गाड़ी पर पांच सालों के लिए लागू होगी. माना जाता है कि इस कदम में टेस्ला की जीत थी. पिछले सप्ताह फाइनेंशियल टाइम्स पत्रिका ने दावा किया था कि टेस्ला इलेक्ट्रिक गाड़ियों की एक प्रस्तावित फैक्ट्री की लोकेशन की तलाश करने के लिए अप्रैल में एक टीम भारत भेजने की योजना बना रही है.
क्या टेस्ला करेगी भारत में निवेश?
पत्रिका के मुताबिक कंपनी इस फैक्ट्री में कम से कम 165 अरब रुपयों का निवेश कर सकती है. हालांकि यह देखना होगा की क्या वाकई मस्क भारत में लोकसभा चुनावों के बीच के आना चाहेंगे या वो चुनावों के खत्म होने का इंतजार करेंगे.
वह मोदी से जून, 2023 में न्यूयॉर्क में मिले थे और उस समय उन्होंने कहा था कि मोदी "हमें जोर दे कर कह रहे हैं कि हम भारत में महत्वपूर्ण निवेश करें, जो कि हम करना भी चाहते हैं." मोदी ने न्यूयॉर्क यात्रा के बाद कहा था उन्हें मस्क से मिल कर बहुत अच्छा लगा और दोनों के बीच "ऊर्जा से लेकर अध्यात्म तक जैसे विषयों पर बातचीत हुई." (dw.com)
ठाणे, 11 अप्रैल नवी मुंबई पुलिस ने 35 वर्षीय एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ कई बार दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 40 वर्षीय आरोपी नितिन गावंद रायगढ़ जिले के उरण के अव्रे गांव का रहने वाला है, जबकि पीड़िता नवी मुंबई के वाशी के कोपरी में रहती है।
वाशी पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा, " वर्ष 2018 में आरोपी ने पीड़िता से दोस्ती की और उसके बेटे की देखभाल करने का आश्वासन दिया। उसने अलग-अलग स्थानों पर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और वह गर्भवती हो गई। आरोपी ने पीड़िता पर गर्भपात कराने के लिए भी दबाव डाला।"
उन्होंने कहा, "इसके अलावा उसने पीड़िता से 50,000 रुपये की हर्बल दवाएं खरीदीं, लेकिन बदले में केवल 31,500 रुपये का भुगतान किया।"
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी -पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रदर्शन ‘‘अच्छा’’ है और इसे बरकरार रखने के लिए अब कुछ प्रयासों की जरूरत होगी, क्योंकि बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं हैं जो पूरी तरह दूर नहीं हुई हैं।
सान्याल ने कहा कि यदि मौसम की स्थिति और मानसून अनुकूल रहा तो उम्मीद है कि खाद्य कीमतों में भी नरमी आएगी। यह ऐसी स्थितियां तैयार करेगा जो सात प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि गति के लिए काफी अनुकूल होंगी, जिससे कुछ हद तक अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भी आगे बढ़ा जा सकेगा।
सान्याल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘‘ हमारा वर्तमान आर्थिक वृद्धि प्रदर्शन काफी अच्छा है। अब यहां से काम इसे बनाए रखने का होगा।’’
वर्ष 2023 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत बढ़ी जो डेढ़ साल में सबसे तेज गति है।
अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में 7.6 प्रतिशत से अधिक रही और इससे पिछले वित्त वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक ले जाने में मदद मिली।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ...हालांकि हम अपनी अर्थव्यवस्था में घरेलू वृद्धि की गति को लेकर बहुत आश्वस्त हैं, लेकिन निश्चित रूप से बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं हैं जो पूरी तरह से दूर नहीं हुई हैं।’’
सान्याल ने बताया कि निर्यात काफी कमजोर बना हुआ है और वैश्विक निर्यात में अभी कोई गति नहीं दिख रही है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) -पीएम) सदस्य ने कहा, ‘‘ .... पश्चिम एशिया में तनाव, यूक्रेनी हमलों में रूसी तेल सुविधाओं का नष्ट होना तथा कई अन्य कारणों से हाल ही में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और यह 91 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंची...’’
ऊंच खाद्य कीमतों के दीर्घकालिक समाधान के बारे में पूछे जाने पर सान्याल ने कहा कि ऊंची खाद्य कीमतें...काफी हद तक उत्पादन संबंधी समस्या नहीं है, बल्कि वास्तव में भंडारण की समस्या है।
भारत में बेरोजगारी संबंधी सवाल पर सान्याल ने कहा कि नौकरियों का सृजन करने की जरूरत है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वृद्धि अंततः बेरोजगारी का सबसे महत्वपूर्ण समाधान है।
सान्याल ने कहा कि इसलिए अगले कई वर्षों में इस वृद्धि को बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के बेरोजगार वर्ग में 80 प्रतिशत से अधिक युवा हैं। (भाषा)