रायपुर
स्वास्थ्य संचालक से मिलकर सेटअप मंजूर कर भर्ती की मांग रखी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 अगस्त। छत्तीसगढ़ में स्थापित पीएसए आक्सीजन प्लांट के रखरखाव एवं संचालन के लिए पद सृजन एवं वेतन का फंड जारी करने की मांग को लेकर दिहाड़ी पर कार्यरत कर्मचारियों ने स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ से चर्चा की।
उन्होंने बंसोड़ को बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा करोड़ों की लागत से आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए है।लेकिन इसके संचालन के लिए अभी तक कोई पद स्वीकृत नहीं किए गए। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अनुसार देश भर में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट को रखरखाव एवं संचालन के लिए आईटीआई पास विद्यार्थियों का मेरिट बेस के आधार पर सलेक्शन किया गया। उनकी ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कक्षाएं हुई और उनके जिले में स्थापित प्लांट में उनको 15-18 दिन ट्रेनिंग कराई गई और डीजीटी और आरडीएसडीई के द्वारा उनका एग्जाम का आयोजन किया गया । कोरोना की दूसरी लहर के समय ऑल इंडिया के आधार पर परीक्षा पास लोगों को कुछ राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड) में संविदा के पदों पर नियुक्ति दी गई। उत्तराखंड में परमानेंट पोस्ट निकाला गया है राजस्थान में 401 पोस्ट निकाला गया है लेकिन छत्तीसगढ़ अभी तक किसी भी आधार पर बहाली नहीं कि गई है , विगत वर्षों से सभी लोग बेरोजगार हैं। ऐसे में पूर्ण योग्यताधारी लोगों को ही सेवा में लिया जाए। ताकि ये ऑक्सीजन प्लांट का रखरखाव सही तरीके से हो ।छत्तीसगढ़ में ऐसे ट्रेंड युवकों की संख्या 124 है । इन सभी के पास एनसीवीटी का लेवल - 4 का सर्टिफिकेट है जो पूरे देश में मान्य है । आज इन लोगों के होते भी करोड़ों रुपए से निर्मित ऑक्सीजन प्लांट बिना संचालन एवं रखरखाव के पड़े हुए हैं और कुछ जगहों पर उसे अनट्रेंड लोग ऑपरेट कर रहे हैं जिससे ऑक्सीजन प्रोडक्शन एवं क्वालिटी पर असर पड़ रहा है। और उसका संचालन सही नहीं होने से अस्पतालों में दुर्घटना की संभावना बढ़ रही है। जैसे कि अभी कोरबा में पाइपलाइन की चोरी, धमतरी में ऑक्सीजन प्लांट से जलने की खबरें थीं। इन ऑक्सीजन प्लांट का संचालन ट्रेंड युवाओं द्वारा किया जाए तो इससे ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ा सकते हैं और अस्पतालों में बाहर से आने वाले ऑक्सीजन का खर्चा बचेगा । इसलिए छत्तीसगढ़ में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के रखरखाव एवं संचालन के लिए सेटअप फंड जारी की जाए।