रायपुर
![गाइडलाइन दर से कम में रजिस्ट्री, स्टाम्प शुल्क का नुकसान रोकने निर्देश गाइडलाइन दर से कम में रजिस्ट्री, स्टाम्प शुल्क का नुकसान रोकने निर्देश](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1715954631GLOGO.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 मई। अचल संपत्ति के कम मूल्यांकन के फलस्वरूप होने वाले राजस्व हानि रोकने सभी जिला पंजीयकों को निर्देश दिए गए हैं। एसीएस मनोज पिंगुवा ने अपने पत्र में कहा है कि
भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 31. धारा 33 व धारा 47 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर लिखत पर बाजार मूल्य एवं प्रभार्य स्टांप शुल्क का निर्धारण किया जाता है। इन विधिक प्रावधानों के अंतर्गत बाजार मूल्य या प्रभार्य स्टांप शुल्क के अवधारण के अधिकार इसलिए दिए गए है. ताकि लिखत पर संपत्ति के सही मूल्य नहीं लिखे जाने के फलस्वरूप शासन को हो रही राजस्व हानि का निवारण किया जा सके। भारतीय स्टाम्प अधिनियम एक महत्वपूर्ण कर विधि है, तथा स्टाम्प अधिनियम के तहत कर निर्धारण अधिकारी के रूप में कलेक्ट कर प्रशासन करौधान विधि में योगदान होता है।इस हानि को रोकने नए निर्देश दिए हैं।
इनमेंनछत्तीसगढ़ बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम 2000 के तहत निर्धारित उपबंध एवं गाइडलाइन कीमतों से कम कीमत पर संपत्ति का मूल्यांकन नहीं किया जाए। यदि किसी प्रकरण विशेष में ऐसा प्रतीत होता है कि संपत्ति की कीमत गाइडलाइन दर से भी कम हो सकता है, तो छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम 2000 के नियम 11 के तहत साक्ष्यों सहित विभाग अध्यक्ष को प्रस्ताव भेजा जाए एवं अनुमोदन उपरांत आगे की कार्यवाही किया जाए। कोई नई आवासीय, व्यावसायिक या औद्योगिक परियोजना के लिए मूल्य निर्धारण करते समय छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम 2000 के नियम 9 के अनुसार कार्रवाई किया जाए। यादृच्छिक आधार पर दर अवधारित नहीं किए जाए। कलेक्टर आफ स्टाम्प के समक्ष दर्ज प्रकरणों का निराकरण एक माह में किया जाना सुनिश्चित करें। निराकृत प्रकरणों की सूची 15 दिवस में एक बार, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक छत्तीसगढ़ को निर्धारित प्रारूप में अनिवार्य रूप से भेजा जाए।
ई-ट्रांजिट पास
इधर छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से ई-ट्रांजिट पास सेवा फिर से शुरू कर दी गई है। यह पास मालवाहकों के लिए जारी किया जाता है।