रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 सितंबर। विधायक धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा जोगी कांग्रेस छोडक़र कांग्रेस या भाजपा में शामिल होते हैं तो उन पर दलबदल कानून (एंटी डिफेक्शन लॉ) लागू नहीं होगा। वैसे चर्चा है कि प्रमोद शर्मा जल्द, स्पीकर डॉ. महंत को पत्र देने जा रहे हैं जिससे वे स्वयं को असंबंध सदस्य के रूप में मान्यता देने का आग्रह करेंगे।
दो दिन पहले जोगी कांग्रेस (सीजेजेसी) की अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी ने स्पीकर डॉ. महंत को पत्र सौंपकर, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई श्री सिंह की राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए की गई है। जोगी परिवार का कहना है कि धर्मजीत सिंह पार्टी छोडक़र, प्रमोद शर्मा के साथ भाजपा के बाद श्री सिंह के पास अब खुला विकल्प है।
पार्टी से निष्कासित होने के बाद सिंह के लिए कोई रोक-टोक नहीं है, वे अब किसी भी दिन भाजपा या अन्य किसी दल में शामिल हो सकते हैं वैसे उनकी, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से निकटता है। जबकि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व धर्मजीत सिंह के बीच गहरा मनभेद है। राजनीकित प्रेक्षक अब केवल उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब तीसरी बार के विधायक सिंह, भाजपा में शामिल होंगे।
दूसरी ओर बलौदाबाजार से पहली बार चुने गए विधायक प्रमोद शर्मा के लिए दलबदल थोड़ा मुश्किलों भरा हो सकता है। इसे देखते हुए शर्मा बीच का रास्ता अपना सकते हैं। और वह यह कि शर्मा, स्वयं को जोगी कांग्रेस से अलग करते हुए असंबंध सदस्य के रूप में मान्यता देने, स्पीकर डॉ. महंत से आग्रह करें। शर्मा ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है वे जल्द यह पत्र स्पीकर को पत्र सौंपने वाले हैं। और उसके बाद, चुनावों से पहले किसी दल में शामिल हो जाए। वैसे प्रमोद शर्मा के कांग्रेस के बड़े नेताओं से अच्छे संबंध हैं।
छत्तीसगढ़ में भी ऑपरेशन लोटस की तैयारी थी-रेणु
सीजेसीजे अध्यक्ष रेणु जोगी ने आज प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि वह जीते जी भाजपा में नहीं जाएंगी। धर्मजीत को अपना छोटा भाई बताते हुए कहा कि मुझे दुख है कि मेरी ही कलम से उनका निष्कासन हुआ । इससे पहले सोमवार को अमित जोगी ने सिंह को चाचा कहा था। रेणु ने कहा कि अजित जोगी के सपनो को पार्टी को खत्म करने की साजिश थी।भाजपा के ऑपरेशन लोटस के जरिये खत्म करने की साजिश थी।क्षेत्रीय दलों को भाजपा खत्म करना चाहती है ।भाजपा एक दलीय व्यवस्था चाहती है इस लिए जनता दल यू और शिव सेना के साथ जो किया हो हमारे साथ करने की तैयारी थी ।इसकी पटकथा दिल्ली से रायपुर में लिखी गई । भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से हमारे दो विधायकों ने मुलाकात की थी। दोनों विधायक दिल्ली भी गए तो मैं दिल्ली में बीमार थी तो मिलना तक मुनासिब नहीं समझा। इस दौरान उनकी भाजपा प्रभारी डी पुरन्देश्वरी से मिलते रहे। अजित जोगी की विचारधारा के विरुद्ध जा कर पार्टी का जबरन विलय का षडयंत्र था। यह कदम अजित जोगी के सपने और छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर हमला था।