रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 सितंबर। प्रशासन अकादमी में प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे सहायक प्रोफेसर डा. अभिषेक दुबे की ठाकरे पत्रकारिता एवं विश्वविद्यालय में वापसी बड़ी पेचिदा है। कुलसचिव आनंद शंकर ने भले ही वापसी के लिए संचालक को पत्र भेजा है लेकिन डॉ. दुबे की वापसी संभव नहीं है।
सूत्रों के अनुसार डा. दुबे की प्रतिनियुक्ति एसीएस और अकादमी की महानिदेशक रेणु जी पिल्लै ने करवाया है। इस संबंध में श्रीमती पिल्लै ने ही सरकार से चर्चा और जीएडी से सारी नस्तियां स्वयं आपरेट करते हुए कराया था। जानकारों का दावा है कि डा. दुबे की वापसी तभी संभव है जब श्रीमती पिल्लै अकादमी से मुक्त होंगी। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि कुलसचिव ने भी एक प्रक्रिया का पालन करते हुए वापसी के लिए पत्र भेजा है। कहीं ऐसा न हो कि डा. दुबे की वापसी से पहले कुलसचिव का ही तबादला हो जाए। क्योंकि कुलाधिपति अनुसुइया उईके पिछले कुछ महीनों में कुलसचिव के तबादले के लिए सीएम बघेल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को पत्र लिख चुकीं हैं। बता दें कि विवि कार्यपरिषद के सदस्य राजकुमार सोनी के द्वारा कुलपति को लिखे गए। पत्र के बाद विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा में प्रतिनियुक्ति पर गए सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिषेक दुबे की सेवाओं को वापस लौटाने के लिए प्रशासन अकादमी के संचालक को खत लिखा है.कुलसचिव ने यह माना है कि अभिषेक दुबे वर्ष 2017 में मात्र तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए थे, लेकिन बाद के वर्षों में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बगैर बढ़ाई जाती रही है।