रायपुर
इधर बुढ़ापारा धरना स्थल पर प्रदर्शन पर बैठे वन विभाग के दैवेभो कर्मचारी
स्वच्छ मिशन के कर्मी से अफसर की बातचीत का ऑडियो वायरल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 सितंबर। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने कल से पुन: आंदोलन पर जाने की घोषणा की है। इसके तहत राजधानी के तेलीबांधा तालाब के पास आमरण अनशन के लिए पहुंचे इन कर्मचारियों को पुलिस ने बस में बिठाकर बुढ़ापारा धरना स्थल छोड़ा। कुछ देर प्रदर्शन के बाद इन कर्मियों ने नायब तहसीलदार उमंग जैन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। 21 तारीख को कर्मचारी तेलीबांधा से सीएम हाउस तक कैंडल मार्च करेंगे। महासंघके अध्यक्ष रवि गड़पाल, सौरभ मिश्रा, सजल तिवारी ने कहा कि 1 सितंबर से शुरू किए गए बेमुद्दत आंदोलन को 7 सितंबर को स्थगित किया गया था उस वक्त प्रशासन ने तीन बिंदुओं पर सहमति जताई थी।
इसके तहत बिना सहमति के स्वच्छ भारत मिशन योजना के अनियमित कर्मियों की छंटनी कर दी गई। इनमें सौरभ मिश्रा बेरला-बेमेतरा, आरती यादव अड़भार-सक्ती शामिल हैं। अब इनकी नौकरी बचाने संबंधित अधिकारी पांच लाख रूपए की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ है जिसमें साफ-साफ लेन देन की बातचीत सुनी जा सकती है। हालांकि ‘छत्तीसगढ़’ इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन यह वीडियो हमारे पास भी उपलब्ध है। इस संबंध में अनियमित महासंघ के अध्यक्ष रवि गड़पाले, और तृतीय वर्ग संघ के संरक्षक विजय झा ने जांच की मांग की है।
जिला समन्वयक से गाली-गलौज किया। एवं दो जिला समन्वयकों को बिना किसी सूचना के छटनी कर दी गई। जबकि शासन के द्वारा हड़ताल खत्म करने आश्वासन दिया गया था। किसी की भी छटनी नहीं की जायेगी। शासन के वादा का उल्लंघन उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि ओडीएफ प्लस नगर निगम धमतरी एवं राजनांदगाँव,सुकमा की रिजल्ट हमारे ऑफिशियल ग्रुप में 10 अगस्त को शेयर की गई थी। इसमें तीनों जगह में इंस्पेक्षन की डेट सेम है। रिजल्ट फेल डिक्लेसर होने के बाद सात दिवस में ही सेम इंस्पेक्षन डेट को वापस घोषित कराया गया। जो कि ओडीएफ नियमानुसार संदिग्ध है। दसके अलावा ओडीएफ में पास करने पर पैसे की डिमांड भी की जाती है। जो जांच का विषय है। इस पर संबंधित विभाग प्रमुखों के पास शिकायत की गई है। जिसका अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके कारण वे धरना प्रदर्शन कर रहे है।
मिश्रा ने कहा कि पैसे लेकर नौकरी को बचाने की धमकी दी जाती है। एक महिला जिला समन्वयक से नौकरी बचाने की एवज में 5लाख रूपए की मांग नितेश शर्मा द्वारा किया गया है। जिसकी रिकार्डिंग टीम लीडर नितेश शर्मा द्वारा मीटींग के माध्यम से सभी जिला समन्वयकों को खास तौर पर महिला जिला समन्वयक से अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाता है। जिसकी शिकायत महिला आयोग में की गई।