रायपुर
चुनावी साल में अपने लोगों को उपकृत करने उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां: भाजपा
रायपुर, 18 अक्टूबर। भाजपा के चार नेताओं ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मो. अकबर पर सहकारिता आंदोलन खत्म करने,पंचायती राज व्यवस्था को बदहाल बनाने,कांग्रेस के लोगों को रेवड़ी बांटने का आरोप लगाया।
मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को खत्म कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, नेताओं को संतुष्ट करने नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। केंद्र सरकार ने सहकारिता क्षेत्र के विकास के लिए सहकारिता मंत्रालय बनाया है और यहां भूपेश बघेल सहकारी समितियों का औचित्य ही समाप्त करने पर आमादा हैं। वे नियमों से खिलवाड़ कर रहे हैं। नियम बदल रहे हैं लेकिन क्या होगा, कैसे होगा, यह तय नहीं है। भूपेश बघेल की मनमर्जी से सहकारिता आंदोलन दम तोड़ चुका है। सहकारी समितियों में नियम विरुद्ध प्रशासक की नियुक्त कर रहे हैं। कौन नियुक्त हो सकता है, इसका कोई मापदंड तय नहीं किया गया है। कांग्रेस के नुमाइंदों को उपकृत करने के लिए कई जिलों के पैक्स में बतौर प्रशासक नियुक्त कर दी गई है। जबकि 4 माह का कार्यकाल बाकी है। किसी भी सोसायटी के कमीशन का पूरा पैसा नहीं मिल रहा, जिसके कारण सोसाइटियां कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही हैं।
भाजपा मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारों में कटौती की गई है। स्थायी समिति में गौठान समिति शामिल की गई है गौठान समिति क्या करेगी, किसी को नहीं मालूम। मनरेगा के सामान का लगभग दो अरब रुपये बकाया है। बकाया भुगतान के लिए लोग सरपंचों के घर पहुंच रहे हैं। परेशान होकर अगर कोई सरपंच कुछ कर लेते हैं तो इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत मंत्री रविन्द्र चौबे होंगे।
विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश बघेल के बारे में नई परिभाषा दे गए हैं। सीएम मतलब कलेक्शन मास्टर हो गए हैं। शर्मा ने कांग्रेस महामंत्री के ऑडियो को मीडिया के सामने सुनाया जिसमें वह सहकारी समिति में मनोनयन के लिए ₹ 1 लाख की रिश्वत की मांग कर रहे थे। श्री शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में यही चल रहा है। हर तरफ कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस के पदाधिकारियों को एजेंट बना रखा जो अवैध वसूली कर रहे है। सहकारिता क्षेत्र के साथ इससे बड़ा मजाक कोई नहीं हो सकता।
श्री शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस कमेटी के महामंत्री ऑडियो का हवाला देते हुए कहा कि ऑडियो में कहा जा रहा है धान खरीदी होते तक का काट पीट के पांच लाख बच जाएगा अब कांग्रेस के लोगों ने धान खरीदी में भी भ्रष्टाचार का एंगल निकाल लिया।
सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार सहकारिता को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है। जुलाई 2019 को पुनर्गठन के नाम पर असंवैधानिक तरीके से पूरे प्रदेश की 1333 सोसायटियों को भंग कर दिया गया था। उच्च न्यायालय के पारित आदेश 22 नवंबर --19 के परिणाम स्वरूप सभी सोसाइटियों के बोर्ड को पुनः बहाल किया गया। इस प्रकार लगभग 4 माह तक अवैधानिक रूप से सोसाइटी के बोर्ड को भंग कर प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई थी जो नियम विरुद्ध गलत निर्णय है। भाजपा मांग करती है कि सोसाइटी के बोर्ड की पुनः बहाली किया जाए एवं पुनर्गठन के बाद 2020 में अस्तित्व में आई 725 नई सोसाइटियों के निर्वाचन कराया जाए।2020-21 की सोसाटियों की कमीशन की 40 प्रतिशत बकाया राशि अभी तक जारी क्यों नहीं की गई।
सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक अशोक बजाज ने कहा कि सहकारी समितियों का कार्यकाल मई-जून में समाप्त हो गया है लेकिन इसका चुनाव के लिए अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार राजनीतिक कार्यकर्ताओं का मनोनयन कर रहे हैं। उसके लिए अवैध रूप से वसूली भी कर रहे हैं। नियम विरुद्ध जाकर सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया है यह सरकार सहकारी समितियों में चुनाव करवाने से भाग रही है। इस वजह से प्रदेश की सोसायटी के सदस्यों में प्रदेश सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है। जिसका परिणाम आने वाले चुनाव में अवश्य दिखेगा।