रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 दिसंबर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम पद पर रहेंगे या नहीं, इस पर फैसला जल्द होने के संकेत हैं। कहा जा रहा है कि यदि मरकाम को हटाया जाता है, तो उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा जा सकता है।
बिहार, और अन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदले जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ में संगठन चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अध्यक्ष पर फैसला नहीं हो पाया है। बताया गया कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव की वजह से देरी हुई है। मोहन मरकाम को रिपीट करने के मसले पर प्रदेश के दिग्गज नेता एकमत नहीं है।
कहा जा रहा है कि मरकाम विरोधी खेमा उनकी जगह नए अध्यक्ष की नियुक्ति चाह रहा है। इसके लिए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह के नाम सुझाए गए हैं। जबकि कांग्रेस का एक खेमा उन्हें पद पर बरकरार रखने के पक्ष में हैं।
सूत्र बताते हैं कि दोनों खेमे ने पार्टी हाईकमान को अपनी-अपनी राय से अवगत करा दिया है। मरकाम के पक्ष में यह कहा जा रहा है कि उनके अध्यक्ष बनने के बाद सारे चुनाव में पार्टी को सफलता मिली है। हालांकि विरोधी इसके लिए सीएम भूपेश बघेल को श्रेय दे रहे हैं।
पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक मरकाम को पद पर बनाए रखने पर फैसला जल्द होने के संकेत हैं। कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि मरकाम को पद से हटाया भी जाता है, तो भी उनका महत्व कम नहीं होगा। वजह यह है कि मरकाम आदिवासी वर्ग से हैं, और यथा संभव सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है। विकल्प के तौर पर उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा जा सकता है। बहरहाल,पार्टी हाईकमान के फैसले पर निगाह टिकी हुई है।