धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 10 जनवरी। कुरुद में आयोजित जया किशोरी के श्रीमद्भागवत में तीसरे दिन कथावाचिका ने बतलाया कि हमारे दु:ख का कारण हमारी इच्छाएं और उम्मीदें है। संतुष्टि का भाव हीं ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग है।
बोल बम सेवा समिति के इस आयोजन में सोमवार को जया किशोरी ने कथा सुनाते कहा कि संसारी लोगों से उम्मीदें मत करो, क्योंकि यहां लोग आपको धोखा दे जाते हैं, उम्मीद की डोर सीधे परमात्मा से जोड़ो। जड़ भरत, गयासुर का दान एवं उद्धार, भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए जया ने कहा कि हम अपने बच्चों को उपहार नहीं देंगे तो वह कुछ समय के लिए रोएंगे और संस्कार नहीं देंगे तो जिंदगी भर रोएंगे। इसलिए उन्हें शिक्षा के साथ संस्कार भी देना जरूरी है, ताकि वो अच्छा इंसान बन सके। दान का महत्व बताते हुए उन्होंने ने कहा कि दान सिर्फ धन का ही नहीं होता है, बल्कि शरीर से सेवा करने का भी उतना ही फल है। तन, मन, धन तीनों का दान होता है। जीवन में दान जरूर करें, क्योंकि सिर्फ कर्म साथ जाते हैं। धन दौलत प्रतिष्ठा सब यहीं रखी रह जाती है।
कथा के बीच बीच में सुमधुर भजन सुन जया किशोरी ने श्रोताओं को भक्ति में नाचने पर विवश कर दिया। अंत में विधायक अजय चंद्राकर सहित दर्जनों लोगों ने मंच पर भगवान की आरती की ।।