धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 10 मई। अक्ती पर्व में जिला गोंड़ समाज महिला प्रभाग संरक्षक व नगरी जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम एवं अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष व सरपंच मुनईकेरा महेन्द्र नेताम ने अपने पुरखों व देवशक्तियों को जल अर्पण कर क्षेत्र में सुख, शांति, समृद्धि व अच्छी बारिश की कामना की।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में आदिम संस्कृति और परंपरा के तहत बैसाख शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन अक्ती पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय के पूर्व अपने खेतों में बीज बोने की परंपरा है। अक्ती के दिन परसा पान, बांस की टोकरी व मिट्टी का कलश में जल का विशेष महत्व है। साथ ही प्रकृति से प्राप्त नई फसल आम, महुआ, चार, तेन्दू, गेहूँ, चना व उड़द के साथ-साथ पुरी-बरा पुरखों व देवशक्तयों को चढ़ाया जाता है ।
मूलवासियों का हर तीज-त्यौहार प्रकृति के जुड़ा होता है।प्रकृति में होते बदलाव के साथ, धरती में बीज बोने से लेकर फसल पक जाने तक, प्रकृति से प्राप्त की गई चीजों को सबसे पहले प्रकृति (पेड़-पौधे, जीव-जंतु) को चढ़ाना और सेवा देना ये मूलवासियों का नियम ही नहीं प्रकृति के प्रति एक सम्मान भी प्रदर्शित करता है।