धमतरी

सीएम क्षेत्र को कोई बड़ी सौगात नहीं दे पाए, लोगों में निराशा-पिंकी शाह
13-Jan-2023 6:09 PM
सीएम क्षेत्र को कोई बड़ी सौगात नहीं दे पाए, लोगों में निराशा-पिंकी शाह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नगरी, 13 जनवरी। राष्ट्रीय मंत्री भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा एवं पूर्व विधायक सिहावा पिंकी शिवराज शाह ने विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम को एक ढकोसला बताया।

श्रीमती शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां भी भेंट मुलाकात कार्यक्रम आयोजित करते हैं। वहां पर पूरा कार्यक्रम प्रायोजित होता है।वहां पर अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के सामने कौन बोलेगा कौन प्रश्न करेगा यह पूर्व में निर्धारित होता है। मुख्यमंत्री नौटंकी कर रहे हैं। सीएम बघेल ने पूरा 4 साल का कार्यकाल को नौटंकी करते हुए गुजार दिया है। क्षेत्र की विकास की बात है तो क्षेत्र में आज तक कोई भी बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, सिहावा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर के लोगों को काफी उत्साह था। कुछ बड़ी सौगात इस क्षेत्र को मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ लोगों में उनके आगमन को लेकर काफी निराशा देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा शासनकाल में मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के आगमन पर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के घोषणाओं की झड़ी लगती थी। मुख्यमंत्री रमन सिंह जहां भी जाते थे एक सादा सिंपल तरीके से पेड़ के नीचे बैठकर जनता से रूबरू होते थे। अनेकों बार ऐसा होता था मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी कहां उतरेंगे किसी को पता भी नहीं होता था। वहां पर कोई प्रायोजित कार्यक्रम या जनता को बोलने के लिए चयनित व्यक्ति नहीं होते थे।आम जनता को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार होता था। उन्होंने कहा, डॉ. रमन सिंह सहज दिल से लोगों की मांगों को पूरा करते थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में क्षेत्र की जनता उन्हें 4 साल के उनके योजनाओं और विकास कार्यों के बारे में प्रश्न करना चाहते थे।

लेकिन आम जनता को बोलने का मौका नहीं दिया गया।बल्कि अधिकारियों द्वारा पूर्व से निर्धारित लोगों को ही माइक पर बोलने की अनुमति दी जाती है। क्षेत्र की जनता अच्छी तरह से समझ गई है कि भूपेश बघेल की सरकार पूरा नौटंकी कर रही है। इस क्षेत्र के लोगों को जिस तरह से उम्मीदें थी- जैसे गट्टासिल्ली,दुगली एवं सांकरा के लोगों को उप तहसील नगर पंचायत मगरलोड में अनुविभाग का दर्जा, सिहावा विधानसभा क्षेत्र की अनेक सडक़ें जो भाजपा शासनकाल में बनाई गई है जोकि बहुत अच्छा सडक़ था 4 साल में उन सडक़ों पर गड्ढे हो गए हैं उन सडक़ों का निर्माण अन्य विकास कार्यों का सौगात मिलेगा ऐसी उम्मीद थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

जितनी घोषणा मुख्यमंत्री ने किया है भाजपा शासनकाल में हमारे प्रभारी मंत्री किसी गांव में पहुंचते थे तो उससे अधिक विकास कार्यों की घोषणा भी करते थे और उस कार्य को पूरा करते थे भूपेश बघेल इसके पूर्व में भी बोराई, कोटेश्वर धाम एवं दुगली में जब आए थे उस दौरान जो उन्होंने घोषणा किया है अधिकांश घोषणाएं आज भी अधूरी है, उसे पूरा नहीं किया गया है।

डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के घोषणाओं की हमेशा समीक्षा होती थी और उसे पूरा किया जाता था ऐसे ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने पूर्व में किए गए घोषणा की समीक्षा किया जाना चाहिए। सीएम बघेल पूरे प्रदेश में कोई विकास कार्य नहीं किए हैं। भाजपा शासनकाल में एक ओर जहां पंचायतों में करोड़ों रुपया का विकास कार्य होते थे वहीं आज कांग्रेस की सरकार रहते ग्राम पंचायतों में आज एक पैसे का काम नहीं है। पंचायतों का अधिकार छीन लिया गया है पंचायतों में जो मूलभूत एवं 15 वें वित्त की राशि आती है उस राशि को भी खर्च करने का अधिकार पंचायतों को नहीं है। इस तरह से भूपेश सरकार में पंचायती राज व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही है।

उन्होंने कहा, त्रिस्तरीय पंचायती राज का जब गठन किया गया था और पंचायतों को जो अधिकार दिया गया था वह अधिकार आज पूरी तरह से छीन गया है जिन ग्राम पंचायतों में 10 साल 15 साल सरपंच रहे हैं। ऐसे सरपंचों से जब बात होती है तो उनका कहना है कि इस सरकार के चलते पंचायत को कोई अधिकार नहीं है वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पंचायतों को मिलने वाले मूलभूत एवं 14वें एवं 15वें वित्त की राशि को खर्च करने का अधिकार होता था, लेकिन आज ऐसा नहीं है भूपेश बघेल जी एक और कहते हैं कि हम पंचायतों को 30 लाख तक के विकास कार्यों का अधिकार दिए हैं लेकिन विकास कार्य स्वीकृत ही नहीं होते तो अधिकार का पंचायत में क्या काम?

सीएम भूपेश बघेल अपने आपको आदिवासी हितैषी बताते नहीं थकते हैं। वहीं वर्तमान में धर्म परिवर्तन को लेकर पूरे बस्तर एवं प्रदेश में जो माहौल बना हुआ है। आदिवासी वर्ग अपने समाज को बचाने में लगा हुआ है वहीं भूपेश बघेल ने इस आंदोलन को रोकने के लिए आदिवासियों के अधिकार को कुचलने के लिए रासुका जैसे कानून का दुरुपयोग कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय जो आपातकाल लाया गया था वैसे ही यह सरकार आपात काल घोषित कर चुकी है। इस सरकार के चलते समाज और धर्म को बचाना भी मुश्किल हो गया है। एक ओर यह सरकार धर्म और संस्कृति की बात करती है। वहीं दूसरी ओर पूरे प्रदेश में धर्म परिवर्तन हो रहा है जिसके चलते हम आदिवासियों को अपनी धर्म और संस्कृति की रक्षा करना बहुत मुश्किल हो चुका है।

पूरे प्रदेश में ईसाई करण का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है हम आदिवासी वर्ग के लोगों की मांग है जो लोग ईसाई बन चुके हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इस तरह का कानून बनाने के बजाय भूपेश बघेल आदिवासियों को अपने धर्म एवं समाज को बचाने के लिए रोक रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी समाज ही इस सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने वाली है।

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