धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 14 मार्च। नगरी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय नगरी में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर खुशहाल महिला खुशहाल परिवार विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य रूप से आदरणीया ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी जिला धमतरी, अनीता दुबे (कवित्री), शैल चंद्रा (प्राचार्य एवं लेखिका) संध्या मानिकपुरी, महमूदा खान (प्राचार्य), चेलेश्वरी साहू (प्रदेश सोशल मीडिया सह प्रभारी महिला मोर्चा छ.ग.) सीमा जैन तथा ब्रम्हाकुमारी सरस बहन, ब्रम्हाकुमारी भावना बहन, ब्रम्हाकुमारी स्वाति बहन, ब्रम्हाकुमारी साधना बहन, ब्रह्माकुमारी मुलेश्वरी, ब्रम्हाकुमारी चंद्रमुखी बहन, सहित नगरी अंचल के लगभग 150 माताएं एवं बहने शामिल हुई।
सर्वप्रथम सभी ने कुर्सी दौड़ एवं पासिँग गेम के साथ मनोरंजन खेल का आनंद उठाया तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर परमात्मा को याद करके किया गया। ब्रम्हाकुमारी बहनों द्वारा सभी अतिथियों सहित अंचल से आई हुई सभी माताओं और बहनों को बैच लगाकर अभिवादन किया गया। फिर संस्था की बहनों द्वारा नारी तू शक्ति है गीत पर मनमोहक नृत्य किया गया।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी जी ने अपने दिव्य उद्बोधन में महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि नारी के बिना संसार की कल्पना असंभव है। नारी इस संसार की आधारशिला है, नारी जननी है, संपूर्ण संसार की वह धुरी है। इस धरा पर जीवन की उन्होंने कहा कि नारी एक चिन्ह है त्याग, तपस्या, दया, करुणा, क्षमा, ममता व सम्मान की नारी ईश्वर की बनाई हुई अनुपम कृति है आगे कहा परिवार समाज व देश को सशक्त बनाने में नारी का अहम भूमिका होती है।
नारियां अपने भीतर निहित गुणों को पहचान कर श्रेष्ठ संस्कारों का बीज डालकर परिवार को सुखमय और श्रेष्ठ बनाने तथा सब के प्रति देने की शुभ भावना रखते हुए प्रेम खुशी व सहयोग देने का कार्य करती है। उनकी मन की दशा घर परिवार तथा वातावरण को सबसे अधिक प्रभावित करती है।
सरिता दीदी जी ने आगे कहा नारी अपना आध्यात्मिक व नैतिक शाब्दीकरण करें अपने कल्याणमयी तथा शक्ति स्वरूप को पहचान कर अच्छे परिवार समाज व विश्व नव निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें। साथ ही नियमित मैडिटेशन के अभ्यास से एकाग्रता मनोबल विश्वास को बढ़ाएं इसी क्रम में ब्रम्हाकुमारी सरस बहन ने कहा नारी आदिकाल से एक वाणी है, जिसका गायन दुर्गा, लक्ष्मी, सीता तथा सरस्वती के रूप में होती है उन्होंने कहा जहां नारियों के सम्मान होती है। वहां देवता निवास करते हैं।
शैल चंद्रा ने कहा नारियों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना है नारी कमजोर नहीं अपितु उसके अंदर अपार शक्तियां निहित है। अनीता दुबे ने महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम खुश रहेंगे तो औरों को भी खुशी दे सकेंगे, तत्पश्चात समाज में सम्मानित महिलाओं का उत्कृष्ट सम्मान किया गया जिसमें डॉ. शैल चंद्रा (ओजस्विनी पुरस्कार 2023), अमिता दुबे (राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्य व नारी शक्ति सम्मान), संध्या मानिकपुरी (महिला मैट व साहित्य सम्मान), बोधिनी यदु (अंतरराष्ट्रीय विशिष्ट शिक्षक सम्मान), भारती ठाकुर (गृह वाटिका के माध्यम से प्रकृति सेवा सम्मान), दुर्गेश नंदिनी साहू (गोबर प्रोडक्ट के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सम्मान), खेमिन यादव (पंडवानी गायिका) सभी को मेमेंटो साल, श्रीफल एवं पौधों से सम्मानित किया गया साथ ही अंचल से आई हुई सभी माताओं बहनों को श्रीफल तथा पौधों से सम्मानित कर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया।