रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 मई। राज्य में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत सात जिलों ने केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री स्टेटस प्राप्त किया है। कबीरधाम यह स्टेटस हासिल करने वाला देश का पहला जिला है। रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायगढ़, धमतरी, राजनांदगांव और बालोद ने भी यह स्टेटस प्राप्त कर लिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह ने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में राज्य में नेत्र सेवाओं के क्षेत्र में सफलतापूर्वक सेवा प्रदायगी व शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने पर राज्य नोडल अधिकारी एवं सभी जिलों के नोडल अधिकारियों की सराहना करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में और अधिक आपरेशन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री सिंह ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2025 तक कार्नियल ओपेसिटी फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, महामारी नियंत्रण के संचालक एवं अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित विभिन्न जिलों से आए विशेषज्ञ डाक्टर भी बैठक में शामिल हुए।
राज्य में सबसे अधिक संख्या में नेत्र आपरेशन करने वालीं जगदलपुर जिला चिकित्सालय की डॉ. सरिता निर्मल, द्वितीय स्थान पर रहने वालीं रायगढ़ जिला चिकित्सालय की डॉ. मीना पटेल एवं तृतीय स्थान पर रहे धमतरी जिला चिकित्सालय के डॉ. जे.एस. खालसा को भी बैठक में सम्मानित किया गया। ज्यादा संख्या में नेत्र आपरेशन करने वाले सर्जनों डॉ. रोजश सूर्यवंशी, जिला चिकित्सालय धमतरी, डॉ. आर.एस. सेंगर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया, डॉ. तेरस कंवर, जिला चिकित्सालय सूरजपुर, डॉ आर. मेश्राम, जिला चिकित्सालय रायगढ़, डॉ. आर.के. अवस्थी, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा, डॉ. प्रभा सोनवानी, सिम्स मेडिकल कालेज बिलासपुर और डॉ. तरूण कनवर, जिला चिकित्सालय बीजापुर को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
प्रदेश में अब तक नेत्रदान के 400 लक्ष्य के विरूद्ध 244 नेत्रदान प्राप्त किये गये हैं। राज्य में 6 नेत्र बैंक तथा 4 कॉर्निया प्रत्यारोपण केन्द्र पंजीकृत हैं, जिनको जिला आबंटित कर दिया गया है।