रायपुर
भुवनेश्वर, 15 मई। आर्ट ऑफ़ गिविंग (एओजी) मेरे द्वारा प्रतिपादित जीवन का एक दर्शन है जो दुनिया में खुशी और शांति को बढ़ावा देने की इच्छा रखता है। यह इस आधार पर शुरू हुआ है कि, सुख और शांति की तलाश करना एक बुनियादी मानवीय इच्छा और प्रकृति है।
लेकिन भौतिक खोज के क्रम में, कभी-कभी सबसे विकसित चरित्र के रूप में मनुष्य इस आंतरिक आदत को खो देते हैं और स्वार्थ से पीडि़त हो जाते हैं। आशा और सद्भाव सीमाओं, जातियों, पंथों, राष्ट्रीयता को पार करते हुए मानवता के बंधनों से मजबूत हुए हैं।
यह मनुष्यों में एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है, जिसका अगर अभ्यास किया जाए तो एक ऐसे समाज का निर्माण करने में मदद मिल सकती है जहां शांति और करुणा मुख्य हो।
मील का पत्थर की उपलब्धि -हमने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के माध्यम से लगभग दो लाख लोगों के जीवन को सशक्त बनाया है। वास्तव में, मैंने पांच साल की उम्र में देना और त्याग करना शुरू कर दिया था, जब मैं खुद कंगाल था।
17 मई 2013 को दुनिया को देने की खुशी का अनुभव करने के लिए दुनिया को एक दार्शनिक और क्रिया-उन्मुख ढांचा देने के लिए मेरे पूरे जीवन में यह निस्वार्थ दान आर्ट ऑफ गिविंग में परिणत हुआ, और तब से एओजी एक नागरिक आंदोलन बन गया है- एक स्वयंसेवक-आधारित देने की कला के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान सुरू हुआ है। इसीके तहत, इस वर्ष 17 मई को 10वां आर्ट ऑफ गिविंग डे मनाया जा रहा है।
जहां अभाव आदर्शों में बदल जाता है -मेरे बचपन के अभाव के अनुभवों ने मुझे देने की सच्ची परिवर्तनकारी शक्ति सिखाई, और यह इन अनुभवों से था कि आर्ट ऑफ़ गिविंग का जन्म उन लोगों की मदद करने की गहरी इच्छा के साथ हुआ जो कम भाग्यशाली हैं और दुनिया में शांति, आनंद और सद्भाव फैलाते हैं।
एओजी का वास्तविक उद्देश्य केवल उन लोगों को धन या भौतिकवादी सहायता देना नहीं है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है, बल्कि किसी की गरिमा के साथ मदद करना है, दान नहीं और उनके जीवन में खुशी लाना है।
धैर्यपूर्वक सुनने की शक्ति और संकट में सांत्वना देने वाले मधुर वचनों की शक्ति को कोई नकार नहीं सकता।
मुझे लगता है कि, इसका कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है, लेकिन देने की भावना भीतर से अच्छी तरह से उभरनी चाहिए। हमारे इस प्रयास से दुनिया भर में शांति और खुशी का संदेश फैलाने के लिए दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।
पिछले नौ वर्षों से, आर्ट ऑफ़ गिविंग समुदाय, जिसमें शुभचिंतक और इससे प्रेरित लोग शामिल हैं, उन्होंने 17 मई को अंतर्राष्ट्रीय कला दिवस के रूप में मनाते हैं। जिसके तहत, 2014 में देने की कला के माध्यम से समाज, अध्यात्म और मानवता तीनों को एक करने के लिए प्रयास किया गया। 2015 में अनुकंपा : गारमेंट बैंक जरूरतमंदों को पुराने रिसाइकिल योग्य कपड़े और अन्य सामग्री दान किए गए। 2016 में कृतज्ञता के अभ्यास के माध्यम से विश्व और स्वयं के साथ जुडऩे के लिए कई कार्यक्रम किया गए। इसी तरह 2017 में स्वस्थ जीवन और हरित भविष्य का संदेश फैलाने के लिए साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया। वर्ष 2017 के बाद, सामुदायिक भवन के लिए सामुदायिक योगदान की शुरुआत के साथ आर्ट ऑफ गिविंग का परिवार हजारों से बढक़र लाखों हो गया। इसी तरह स्वयंसेवकों की संख्या तेजी से बढ़ी।
2018 में, प्यार भरा पैक एक बड़ी सफलता थी। इस साल 20 मिलियन से अधिक भोजन वितरित किए गए। 2019 में, बैग ऑफ हैप्पीनेस ने छात्रों को हैप्पीनेस किट उपहार में देकर लोगों को एक साथ जोड़ा। महामारी के संघर्ष के दौरान, 2020 में थीम थी एओजी फाइट्स कोरोना ताकि कोविड योद्धाओं को स्वीकार किया जा सके और पीडि़तों की मदद की जा सके।