धमतरी
कई गांवों के सरपंचों ने लगाया आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 16 मई। छत्तीसगढ़ में भले ही गांवों की दशा सुधारने के लिए पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा लगातार पंचायतों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत मुनईकेरा के सरपंच महेन्द्र नेताम,बेलरगांव सरपंच उमेन्द्र मरकाम, बांसपानी सरपंच रामसिंह मरकाम, गेदरा सरपंच प्रेमसिंह सलाम, कुम्हड़ा सरपंच ईश्वरी नेताम, मेचका सरपंच विमला धुर्वा एवं अन्य सरपंचों ने आरोप लगाया कि अन्य विभाग शासन प्रशासन की शह पर ग्राम पंचायत के कार्यों को अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिये दे रहे हैं।
ऐसे में ग्राम पंचायत का हक छीना जा रहा है। इस मामले में स्थानीय विधायक का पंचायतों को सहयोग नहीं मिलना पंचायती राज व्यवस्था को नहीं समझना व धता बताना है।
उन्होंने मांग किया है कि शाला भवन निर्माण, शाला मरम्मत के कार्य, सामुदायिक भवन एवं अन्य निर्माण कार्य 50लाख से कम के कार्य पंचायतों को दिया जाय। यदि ऐसा नहीं किया जा सके तो मनरेगा के कार्यों को भी ठेका पद्धति से कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने स्वयं घोषणा किया है कि पंचायत को 50 लाख तक कार्य कराया जाना है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत को 50 लाख तक के काम कराने का अधिकार की बात करने वाले पंचायत का निवाला छीनने का काम कर रहे हैं। पंचायत के कार्यकाल लगभग 3 साल हो गया है विगत दो साल से कोरोना के कारण व शासन से कोई फण्ड नहीं मिलने से पंचायतों में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है।