रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मई। राज्य सरकार ने ऑल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी (आईसेक्ट) को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। इसने 19 वर्ष पहले इंदिरा सूचना शक्ति योजना में गड़बड़ी की थी। जोगी शासनकाल से भाजपा शासन तक यह योजना चली।
यह संस्था, स्कूल शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा विभाग कि भी कुछ योजनाओं के लिए सूचीबध्द है और उच्च शिक्षा विभाग में काम भी कर रही। वर्ष 2001 से 2004 के बीच इंदिरा सूचना शक्ति योजना के अंतर्गत स्कूलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण का काम इस संस्था को दिया गया था। इसमें 1.82 करोड़ के भुगतान पर विधानसभा की लोक लेखा समिति ने आपत्ति की थी।आईसेक्ट ने लोक लेखा समिति के सर्वे को ही अविश्वसनीय माना। समिति की अनुशंसा के आधार पर फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। बता दें कि बिलासपुर कोटा स्थित डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी भी आईसेक्ट द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी है।
इसके कुलपति , रजिस्ट्रार , उप रजिस्ट्रार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज हो चुका है। यूनिवर्सिटी पर मोटी रकम लेकर फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं, मान्यता नहीं होने के कारण कई युवाओं की डिग्रियों को नौकरी के समय अमान्य भी किया जाता रहा है।। स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य के आदेश के मुताबिक आईसेक्ट को स्कूल विभाग ने स्कूलों में इंदिरा सूचना शक्ति योजना के तहत कंप्युटर ट्रेनिंग का काम दिया था। लेकिन फर्म ने नियम और शर्तों के मुताबिक काम नहीं किया। ये मामला विधानसभा में भी उठा था, जिसके बाद जांच लोक लेखा समिति को सौेंपा गया था। लोक लेखा समिति ने अपने 36वें प्रतिवेदन में योजना में काफी सारी कमियों को उजागर करते हुए योजना की 1.82 करोड़ की राशि के अनियमित भुगतान को प्रतिवेदित किया था।