धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 24 मई। दो हजार के नोट का सर्कुलेशन बंद करने का फैसला आम जनजीवन में कोई खास असर नहीं डाल पा रहा है। दो हजार का नोट बदलने के लिए बैंक कर्मी तैयार बैठे हैं, लेकिन इक्का-दुक्का लोग ही गुलाबी नोट एक्चेंज कराने आ रहे हैं। दो दिन में नगर की विभिन्न बैंकों में करीब बीस से पच्चीस लाख रुपए ही बदलवाया गया है।
मोदी सरकार के निर्देश पर आरबीआई ने 2000 के नोट का सरकुलेशन बंद कर 23 मई से 30 सितंबर तक नोट बैंक में बदलवाने का समय दिया है। पहली नोटबंदी के समय बैंकों में लगने वाली लंबी कतारें इस बार कहीं नजर नहीं आई। इस वजह से यहां किसी भी बैंक शाखा में अलग से काउंटर नहीं बनाया गया है।
पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी ने बताया कि पहले दिन जमा और एक्चेंज को मिलाकर दो हजार के सौ-दो सौ नोट ही आए हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा की महिला अधिकारी ने बताया कि 23 मई को 2000 के नोट में 12 लाख 45 हजार जमा एवं 13 लाख रुपए का नोट बदला गया है।
कुरुद एसबीआई ब्रांच मैनेजर मनोज वर्मा ने बताया कि आरबीआई की घोषणा के बाद कुछ ग्राहकों ने अपने खाते में 65 लाख से अधिक के दो हजार वाले नोट जमा कराया है, मंगलवार को करीब 5 लाख जमा और 1 लाख का 2 हजार वाला नोट बदलवाया गया है।
गाइडलाइन के अनुसार एक बार में 20 हजार तक 2000 के नोट एक्सचेंज किया जा सकता है। बैंक खाता में जमा करने की कोई लिमिट नहीं है, बशर्ते 50 हजार के ऊपर जमा करने पर पैन कार्ड अनिवार्य होगा। इस बारे में कुछ ग्राहकों से ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि गुलाबी नोट पहले ही आम लोग एवं मिडिल क्लास की पहुंच से दूर हो गये थे, इक्का दुक्का किसी के पास कुछ नोट होंगे तो बदलने के लिए पर्याप्त समय है। कारपोरेट, बड़े नेता, अधिकारी की आलमारी पिंक करैंसी से भरी है, उन्हें बैंक आने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आम लोगों ने पहली नोटबंदी में जितना कुछ झेला है, उसे भूलना मुश्किल है।