दुर्ग

आंगनबाड़ी भर्ती में फर्जीवाड़ा का आरोप, एक साल से लड़ रही महिला
22-Jul-2023 4:23 PM
आंगनबाड़ी भर्ती में फर्जीवाड़ा का आरोप, एक साल से लड़ रही महिला

संयुक्त कलेक्टर ने नियुक्ति कैंसल कर पात्र महिला के पक्ष में दी रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास विभाग ने नकारा और कहा-नियुक्ति सही है....

अब पीएमओ पहुंचा भिलाई का यह मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 22 जुलाई।
आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता नियुक्ति को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है। साल भर से हक के लिए महिला लड़ रही है।  संयुक्त कलेक्टर ने नियुक्ति कैंसल कर पात्र महिला के पक्ष में रिपोर्ट दी, पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने नकारा और कहा-नियुक्ति सही है। अब  भिलाई का यह मामला पीएमओ पहुंचा।

शीतला पारा हथखोज भिलाई तीन निवासी करुणा बंछोर ने बताया कि उन्होंने वार्ड 2 हथखोज के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए वर्ष 2019 में निकली भर्ती में वार्ड के लिए आवेदन किया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के इस पद पर स्थानीय निवासियों के लिए आवेदन मांगा गया था। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद के लिए दानेश्वरी वर्मा समेत अन्य लोगों ने भी फार्म जमा किए थे, मगर पता चला कि इस आंगनबाड़ी भर्ती मामले में पात्र उम्मीदवार को नियम अनुसार दरकिनार कर दूसरे को पदस्थ करने का आदेश जारी कर दिया गया। तब पीडि़ता करुणा बंछोर ने आरटीआई के तहत विभाग से जानकारी मांगी तो चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ और मिले दस्तावेज से स्पष्ट हो गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में फर्जीवाड़ा किया गया है। 

पीडि़ता का आरोप है कि जिस कार्यकर्ता की 30 जून 2022 को नियुक्ति हुई उसका नाम दानेश्वरी वर्मा जामुल निवासी है जबकि दानेश्वरी को पद की पात्रता नहीं, लेकिन महिला बाल विकास के अधिकारियों की सेंटिग के चलते सभी नियम को दरकिनार कर उसकी भर्ती की गई। 

पीडि़ता सहायक कार्यकर्ता करुणा बंछोर ने बताया कि दानेश्वरी पात्रता सिद्ध करने हथखोज में किराए के मकान में निवास कर रही है और दानेश्वरी ने पार्षद का हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र बनवाया जिसमें उसे संबंधित क्षेत्र में आठ वर्ष का निवासी बताया गया जबकि वास्तविकता यह है कि वह सात माह से यहां रह रही हैं। करूणा ने  कलेक्टर के जनचौपाल में तमाम दस्तावेजों के साथ जब शिकायत की तो जांच अधिकारी संयुक्त कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी योगिता देवांगन को बनाया गया। 

अपर कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच कर दोनों पक्षों का बयान लेकर जांच में फर्जीवाड़ा सही पाया और दानेश्वरी की नियुक्ति को निरस्त करने का आदेश भी जारी किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि परियोजना अधिकारी भिलाई 2 द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं दस्तावेज, दानेश्वरी वर्मा एवं शिकायतकर्ता करूणा बंछोर के कथन का अवलोकन किया गया। 

चूंकि परियोजना अधिकारी, भिलाई 2 के आदेश के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र हथखोज अ के संचालन हेतु संपूर्ण प्रभार  दानेश्वरी वर्मा (फे्रश कार्यकर्ता) शिवपुरी-1 जामुल को सौंपा गया एवं आंगनबाड़ी केन्द्र हथखोज में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती हेतु विज्ञापन नवंबर 2019 में जारी किया। दानेश्वरी वर्मा द्वारा स्वयं कथन किया गया है कि आंगनबाड़ी केन्द्र हथखोज का प्रभार दिए जाने के बाद से वह वर्ष 2019 से हथखोज में निवासरत हैं तथा उनके द्वारा वर्ष 2019 में हथखोज के मतदाता सूची में नाम जुड़वाया गया है। 

दानेश्वरी वर्मा द्वारा हथखोज में निवास के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, इससे स्पष्ट होता है कि दानेश्वरी वर्मा हथखोज की स्थानीय निवासी नहीं है। चूंकि आंगनबाड़ी केन्द्र शिवपुरी-1, वार्ड क्र. 16 शिवपुरी जामुल एवं आंगनबाड़ी केन्द्र हथखोज एक ही परियोजना भिलाई-2 अंतर्गत है। इसके अतिरिक्त कार्यालय परियोजना अधिकारी भिलाई-2 द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र में दानेश्वरी वर्मा को क्रेश कार्यकर्ता वार्ड-16 शिवपुरी जामुल आंगनबाड़ी केन्द्र शिवपुरी-1 में 3 नवम्बर 2017 से अब तक कार्यरत हैं, अंकित है। 

इससे स्पष्ट होता है कि दानेश्वरी वर्मा के निवास से संबंधित तथ्य परियोजना अधिकारी भिलाई-2 के जानकारी में होने के बावजूद उनके द्वारा मूल्यांकन समिति के संज्ञान में नहीं लाया गया, जिसके कारण मूल्यांकन समिति द्वारा दानेश्वरी वर्मा के निवास संबंधी प्रस्तुत दस्तावेज (मतदाता परिचय पत्र, पार्षद द्वारा विगत 8 वर्षों से निवास के संबंध में जारी प्रमाण पत्र) के आधार पर हथखोज की स्थानीय निवास मानते हुए नियुक्ति की कार्यवाही की गई।

रिपोर्ट में परियोजना अधिकारी भिलाई-2 की इस गलती पर उनके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग को निर्देशित किये जाने कहा गया था, चूंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति से संबंधित छ.ग. शासन महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर के निर्देशों के तहत कृत नियुक्तियों के विरुद्ध अपील का प्रावधान है अतएव शिकायतकर्ता करूणा बंछोर को अपील की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दिए जाने हेतु भी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग को निर्देशित किया गया था। 

इस जांच के ठीक उलट कार्रवाई करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास दुर्ग विपिन जैन ने 29 मई 2023 को कलेक्टर को भेजे पत्र में दानेश्वरी वर्मा की नियुक्ति को सही बताते हुए कहा गया कि ज्ञानेश्वरी द्वारा नगरीय क्षेत्र की अद्यतन मतदाता सूची में नाम दर्ज होने संबंधी प्रतिलिपि व वार्ड पार्षद द्वारा हथखोज वार्ड-2 में 8 वर्ष से तहसील दुर्ग में स्थाई निवासी होने का दस्तावेज नियुक्ति निर्देश की कंडिका 15 (क) एवं (ख) के अनुसार दिया गया है, इससे स्पष्ट है कि श्रीमती दानेश्वरी वर्मा का हथखोज की स्थानीय निवासी होने का प्रमाण प्रस्तुत है।

उपरोक्तानुसार शासन द्वारा जारी नियुक्ति निर्देश के परिप्रेक्ष्य में दानेश्वरी वर्मा व अन्य 33 आवेदिकाओं द्वारा संबंधित वार्ड पार्षद द्वारा जारी निवासी प्रमाण-पत्र आवेदन के साथ संलग्न कर प्रस्तुत किया गया है जिसके आधार पर मूल्यांकन समिति द्वारा आवेदन में संलग्न वांछित दस्तावेजों के आधार पर मूल्यांकन पत्रक परिशिष्ट-4 तैयार कर अनंतिम मूल्याकन पत्रक तैयार किया गया जो कि नियमानुसार कार्यवाही है। करूणा बंछोर द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति निरस्त कर दूसरी वरीयता प्राप्त उम्मीदवार को नियुक्ति करने विषयक मांग उचित प्रतीत नहीं होता है। 

कुल मिलाकर संयुक्त कलेक्टर की जांच और अभिमत के बाद भी एक वर्ष तक मामला अटका रहा और फिर जिस विभाग द्वारा भर्ती की गई, उसी विभाग में परियोजना अधिकारी को बचाते हुए नियुक्ति को दोषपूर्ण बता दिया गया है। इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत जारी दस्तावेज विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका को मजबूत करते हैं जिसका सीधा नुकसान पात्र और पीडि़त करूणा बंछोर को हुआ है। जिला प्रशासन के एक वर्ष तक चक्कर काटने के बाद करूणा ने 14 जुलाई को इन तमाम दस्तावेजों को आरटीआई के तहत प्राप्त कर पीएमओ में शिकायत की है।

करूणा बंछोर ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि वार्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए स्थानीय निवासियों से आवेदन मांगा गया था। नियमानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति में प्रमाणित निवासी प्रमाण पत्र की प्रति आवश्यक दस्तावेज के तौर पे संलग्न करना था, दानेश्वरी वर्मा का निवास जामुल होने के बाद भी अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिए वर्तमान में वह हथखोज में पिछले सात महीनों से रह रही है और स्वयं को स्थानीय निवासी बताकर पार्षद द्वारा हस्ताक्षरित पंचायत निवासी प्रमाणपत्र जारी करवाया गया जिसमें उन्हें 8 वर्ष पूर्व से निवासरत होना बताया गया है। जांच अधिकारी संयुक्त कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने शिकायत बाद मेरा और ज्ञानेश्वरी दोनों के लिखित बयान दर्ज कर नियुक्ति में गड़बड़ी होने की पुष्टि भी की लेकिन अनैतिक तरीके से जामुल निवासी दानेश्वरी वर्मा को अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ रखा गया है जबकि दस्तावेज के अनुचित संलग्नता के आधार पर उनकी नियूक्ति आदेश को निरस्त होना था परंतु परियोजना अधिकारी से साठगांठ और अनैतिक राजनैतिक संरक्षण के चलते उनकी नियुक्ति निरस्त नहीं हो पाई है और मैं, जो कि हथखोज की स्थाई निवासी हूं, को नियुक्ति के लिए अपात्र बता दिया गया।
 

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