दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 26 जुलाई। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इतवारी त्यौहार। निकटवर्ती ग्राम उरला में भी विगत कई वर्षों से चली आ रही है यही परम्परा। जैसे ही श्रवण मास का पहला रविवार होता है उसी दिन से प्रारंभ हो जाता है इतवारी त्यौहार। इस दिन ग्राम के बैगा के द्वारा प्रात: से ग्राम देवी देवता का पूजा अर्चना किया जाता हैं ।
इस दिन ग्राम उरला के सेवा भजन मंडलिया जय माता दी सेवा मंडली, जय शीतला सेवा समिति, महावीर सेवा मंडली जय मां शारदा महिला मानस मंडली, सरस्वती मानस मंडली के द्वारा इतवारी तिहार में विशेष सेवा प्रदान किया गया।
दोपहर से अपने अपने टोली से साथ ग्राम उरला के संस्कृति भवन बाजार चौक में एकत्रित हो कर गांव के सुख समृद्धि के लिए गांव के देवी देवता को याद कर भजनों के माध्यम से प्रस्तुति दी। गौरतलब है कि ग्राम उरला में विगत कई वर्षो से यह परंपरा चली आ रही है जिसके अनुसार रविवार के दिन खेती किसानी के कार्य नहीं किये जाते साथ ही इस दिन गाँव का कोई भी कृषक खेत में कृषि कार्य नहीं करते है।
यहां इतवारी त्योहार निरंतर पांच रविवार तक मनाया जाता है तथा अंतिम रविवार को ग्राम के कृषक अपने अपने खेतों में जाकर पूजा अर्चना कर मां अन्नपूर्णा से अच्छी फसल की कामना करते है।