धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 30 जुलाई। कांकेर सांसद मोहन मण्डावी ने 28 जुलाई को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अविलम्बीय लोक महत्व का मामला को अनुमति उपरांत छत्तीसगढ़ के अधिकांश शासकीय विद्यालयों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी तथा हिन्दी माध्यम के विद्यालय के रूप में प्रबंधन समिति को संचालन हेतु सौंपते हुए उन शालाओं के प्राचार्यों एवं शिक्षकों की पदस्थापना प्रतिनियुक्ति पर किये जाने की स्वीकृति एवं आदेश छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दी जा रही है, इस मसले को सदन में उठाया।
सांसद मोहन मण्डावी ने कहा कि कई वर्षों से शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों को स्वामी आत्मानंद विद्यालय के रूप में संचालन समिति को सौंपते हुए विभागीय शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति फार्म भरवाया जा रहा है, जिससे विभागीय कर्मचारियों में अत्यधिक असंतोष व्याप्त है।
प्रतिनियुक्ति में जाने से उस विद्यालय में पूर्व से कार्यरत् शिक्षकों की सेवाएँ प्रतिनियुक्ति पर लेकर समिति के हवाले करने, वेतन आबंटन माध्यम से भुगतान करने एवं प्रतिनियुक्ति की अन्य सेवा शर्तों को लेकर शिक्षकों में गहरी नराजगी है। वेतन विसंगति, पदोन्नति, जी.पी.एफ. कटौती, बजट तथा बैंक ऋण से संबंधित अनेक ज्वलंत समस्याएँ उत्पन्न होने से उन्होंने अवगत कराया।
सांसद मोहन मण्डावी ने कहा कि पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के द्वारा यदि प्रतिनियुक्ति फार्म भरे जाते हैं, तो उक्त समस्याएँ शिक्षकों के साथ आएगी और अगर प्रतिनियुक्ति फार्म भरने से असहमत होते हैं, तो कार्यरत् प्राचार्य एवं शिक्षकों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाएगा। इस स्थिति में पूर्व से कार्यरत् प्राचार्य एवं शिक्षकों के साथ एक विकट परिस्थिति निर्मित होगी।