धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 30 जुलाई। मंगलवार को राज्यसभा में छत्तीसगढ़ के 12 प्रमुख जातियों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर लिया गया है। ज्ञात हो कि इसमें प्रदेश की भारिया भूमिया के समानार्थी भूईया, भूईयां, भूयां, धनवार के समानार्थी धनुहार धनुवार, नगेसिया, नागासिया के समानार्थी किसान, सावर, सवरा के समानार्थी सौंरा, संवरा, धांगड़ के साथ प्रतिस्थापित करते हुए सुधार, बिंझिया, कोडाकू के साथ साथ कोडक़ू, कोंध के साथ-साथ कोंद, भरिया, भारिया, पंडो, पण्डो, पन्डो को जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है।
इस पर सिहावा के पूर्व विधायक व दिग्गज आदिवासी भाजपा नेता श्रवण मरकाम ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय से छत्तीसगढ़ के 10 लाख आदिवासियों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी। भाजपा सरकार का निर्णय आदिवासी समाज को पीढिय़ों तक लाभ देगा। 12 जनजाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार व लाभ प्रदान करने के लिए कानून बनने पर समूचे समाज में प्रसन्नता है। पूर्व विधायक श्रवण मरकाम ने कहा कि आजादी के बाद से महज लिपिकीय त्रुटि के कारण पिछले 70 वर्ष से अपने संवैधानिक अधिकारों और आरक्षण के लाभ से वंचित 12 जनजाति समुदायों के लोग अब अपना स्वर्णिम भविष्य गढ़ पाएंगे। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को जाता है। पूर्व विधायक श्रवण मरकाम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया।