महासमुन्द
5 से लेकर 100 रुपए तक की हैं राखियां
मुख्यमंत्री की कलाई पर भी सज चुकी है राखी
महासमुंद, 29 अगस्त। रक्षाबंधन पर्व को लेकर बाजार में तरह-तरह की राखियां बेची जा रही है लेकिन कुछ ऐसी भी राखियां हैं, जो लोगों के लिए खास बनी हुई हैं। दरअसल कम कीमत पर खूबसूरत दिखने वाली यह राखियां इसलिए खास है, क्योंकि दिव्यांगों द्वारा बनाए जा रहे राखी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कलाई में भी सज चुकी है। इन्हें समाज कल्याण विभाग महासमुंद की आशा मनु विकास केंद्र घरौंदा के दिव्यांग बना रहे हैं।
महासमुंद के नयापारा स्थित घरौंदा केंद्र में लगभग 20 मानसिक दिव्यांग आकर्षक राखियां बना रहे हैं। जो कम कीमत की होने के साथ लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। 27 अगस्त से बाजार में इन राखियों को स्टॉल लगाकर बेची जा रही है। अब तक यहां बच्चों के द्वारा 1500 से ज्यादा राखियां बनाई जा चुकी हैं और 10 हजार रुपए से ज्यादा की राखियां बेची जा चुकी है। ये राखियां इसलिए खास है क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विगत 20 अगस्त को जब महासमुंद के दौरे पर आए थे, तब दिव्यांग रानी साहू ने मुख्यमंत्री को अपने हाथों से ये राखियां पहनाई थी।
मुख्यमंत्री ने उनके कौशल की सराहना करते हुए सहर्ष अपनी कलाई में राखी पहने थे। इसी तरह कलेक्टर प्रभात मलिक ने भी गत दिवस स्टॉल पहुंचकर राखी बंधवाई थी और खरीदी भी थी।
मालूम हो कि महासमुंद में घरौंदा नामक एक शेल्टर होम है जहां मानसिक एवं शारीरिक रूप से अशक्त बच्चे रहते हैं। इस होम में करीब 20 दिव्यांग हैं। संस्थान इन दिव्यांगों को छोटी.छोटी ट्रेनिंग देकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा रहा है। संस्था ने रक्षा बंधन के त्योहार में सामाजिक रिश्तों में और अधिक प्रगाढ़ता लाने और दिव्यांगों में आत्मविश्वास जगाने के लिए अनूठा प्रयास कर रहे हैं।
इस बार इस संस्थान के दिव्यांग राखियां बना रहे है। संस्थान द्वारा सिखाई गई छोटी एक्टिविटी राखी बनाने में काम आ रही है जैसे रंगों को पहचानना, गठान बांधना, धागा पिरोना आदि। वहीं पूजन सामग्री, चूडिय़ां, बाती आदि ये बना रहे हैं।
घरौंदा की अधीक्षक उषा साहू का कहना है कि इस प्रयास से जो भी थोड़ी बहुत आमदनी होगी, इससे इन दिव्यांगों का हौसला बढ़ेगा और इनको भी लगेगा कि हम भी कुछ कमा सकते हैं।