राजनांदगांव

विजय गुप्ता नक्सलियों से बचने पुलिस से मिली सुरक्षा को लेकर बनाई गैंग, महाराष्ट्र में ड़ेढ लाख की लूट
01-Sep-2023 12:35 PM
विजय गुप्ता नक्सलियों से बचने पुलिस से मिली सुरक्षा को लेकर बनाई गैंग, महाराष्ट्र में ड़ेढ लाख की लूट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 सितंबर।
नक्सलियों का डर बताकर पुलिस से सुरक्षा हासिल करने वाले एक विवादित युवक ने गैंग बनाकर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में लूटपाट की वारदात की है। आरोपी युवक पर नक्सलियों का खतरा रहा है। पुलिस ने आरोपी को सुरक्षा मुहैया कराई। जिसका गलत फायदा उठाते हुए युवक ने न सिर्फ गैंग तैयार कर ली, बल्कि लूटपाट जैसे संगीन जुर्म को अंजाम दिया। 

मिली जानकारी के मुताबिक विजय उर्फ पप्पू गुप्ता नामक युवक ने अपने साथियों संग गढ़चिरौली के कोरची इलाके में 28 अगस्त को कुरखेड़ा क्षेत्र के रहने वाले मारोति लक्ष्मण गोतमारे 26 साल और विलास मंजारे 43 वर्ष को उस समय घेर लिया, जब दोनों बालोद से 50 नग सूअर बेचकर ड़ेढ़ लाख रुपए लेकर लौट रहे थे। सूअर की बिक्री से मिले रकम में से कुरखेड़ा लौट रहे मारोति और विलास ने अपनी गाड़ी में 2 हजार रुपए का डीजल डलवाया। जैसे ही उनकी गाड़ी पुलिस मदद केंद्र बेडग़ांव क्षेत्र के अंतर्गत बोरीगांव के पास पहुंची, तभी गाड़ी के सामने 8-10 लोगों ने धावा बोल दिया। गाड़ी को घेरकर पहले विजय गुप्ता ने साथियों के साथ उनका मोबाइल और चाबी छीन ली और दोनों को जमीन में गिराकर बेदम पीटा। इस बीच एक आरोपी ने गाड़ी में रखे एक लाख 48 हजार रुपए को निकाल लिया। 

इस घटना के बीच अचानक एक चार पहिया वाहन के पहुंचने से आरोपियों का ध्यान बंट गया जिसका फायदा उठाकर मारोति लक्ष्मण और विलास मंजारे जंगल में भागकर छुप गए। लूटपाट के शिकार दोनों पीडि़तों ने आरोपियों में से विजय गुप्ता को पहचान लिया। गढ़चिरौली पुलिस ने मामला पंजीबद्ध करते हुए विजय गुप्ता और नागपुर के गणेश्वर सीताराम सिन्हा को गिरफ्तार किया है।

वहीं पुलिस वारदात में शामिल आधा दर्जन से अधिक आरोपियों की तलाश कर रही है। यहां यह बताना लाजमी है कि विजय गुप्ता उस समय सुर्खियों में आया, जब साल 2014 में गोंदिया जिले के देवरी इलाके के बेदकाठी  में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ का मुख्य मुखबीर रहा। इस वारदात में 7  नक्सली मारे गए थे। गुप्ता का दावा रहा है कि उसकी सूचना पर ही नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था। नक्सलियों को अपनी नई स्कार्पियो में गुप्ता ने ले जाने की सूचना दी थी। फायरिंग के दौरान गुप्ता भी कथित तौर पर बाल-बाल बच गया। इसके बाद उसे महाराष्ट्र पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराते  वाहन के नुकसान की भरपाई करते लाखों रुपए मुआवजे के तौर पर दिए थे। गुप्ता ने नक्सल पीडि़तों का एक संगठन भी तैयार लिया था। कई बार उसने पीडि़तों की मांग को पूरा करने सार्वजनिक रूप से विरोध भी किया था।  

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