महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 सितंबर। निलंबन बर्खास्तगी की कार्रवाई के बीच ही कल महासमुंद जिले के 600 स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
सौंपे ज्ञापन में फेडरेशन ने कहा कि आंदोलन में शामिल स्वास्थ्य चिकित्सक, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक एएनएम, एमपी डब्ल्यू एवं नर्सिंग संवर्ग से जुड़े समस्त कर्मचारी संगठन लगातार शासन को अनेक बार आवेदन, निवेदन व उच्च पदस्थ अधिकारियों से समक्ष भेंटकर निराकरण करने हेतु अनुरोध करते आ रहे हैं। लेकिन विभाग द्वारा किसी भी तरह की सुनवाई नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है।
मालूम हो कि इन संगठनों ने पूर्व में किये गये आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को भी सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि उनके इस्तीफे को लेकर शासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया है। उनकी हड़ताल की वजह से प्रदेश के लगभग सभी जिलों में स्वास्थ्य कर्मियों पर निलंबन व बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है। तीन दिनों पूर्व ही महासमुंद जिले की 72 नर्सों के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है। महामसुंद जिले की बात करें तो पिछले एक माह से चल रही हड़ताल के चलते स्वास्थ्य विभाग के कामकाज बुरी तरह से ठप तो है ही, इसके चलते मरीजों को अनेक परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि जिले के अनेक प्राथमिक चिकित्सालयों, वेलनेस सेंटर, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ताला लटक रहा है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम बंद है। मजबूरी वश गर्भवतियों के उपचार हेतु परिजनों को निजी अस्पतालों की शरण लेना पड़ रहा है।