धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 17 सितंबर। शैक्षिक गुणवत्ता पर जब भी चर्चा होती है तो हर तरफ यही चर्चा होती है कि विभाग में तालमेल एवम टीम भावना का अभाव है। यह देखने में भी आता है। इस मिथक को संकुल सिंगपुर मगरलोड के संकुल प्राचार्य डॉ. व्ही पी चन्द्रा,बी आर सी धीरज देवांगन तथा खड़मा के संकुल समन्वयक दानी राम देवांगन ने तोड़ा है। तीनों ने यह निर्णय लिया कि संकुल स्तर की मॉनिटरिंग टीम भावना के साथ की जाए तथा मॉनिटरिंग किये जाने वाले विद्यालय में कम से कम तीन चार घण्टे का समय बच्चे तथा शिक्षकों से अकादमिक चर्चा,अकादमिक गतिविधि एवम अकादमिक सहयोग में व्यतीत किया जाए। इसी बात को ध्यान में रखकर माध्यमिक शाला मुडक़ेरा संकुल खड़मा की मॉनिटरिंग की गई।
मॉनिटरिंग में जहां एक तरफ शासन की शैक्षिक योजनाओं की जानकारी लेकर समीक्षा कर आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया वहीं मिशन अव्वल के परिप्रेक्ष्य में पाठ्यक्रम पूर्णता की स्थिति पर भी चर्चा की गई। प्रत्येक बच्चों के सीखने के स्तर से सम्बंधित पंजी, अभ्यास पुस्तिका का भी अवलोकन किया गया। बच्चों से सवाल कर उनके सीखने के स्तर की भी जांच की गई। इस दौरान कुछ पालकों से भी अध्ययन अध्यापन सम्बन्धी चर्चा की गई।
स्कूल में चल रही समस्त गतिविधियों की समीक्षा उपरांत तीनों ने विद्यालय के लिए न्यूनतम कार्यक्रम को अनिवार्य कर अकादमिक सुझाव दिया जिसमें प्रथम कालखंड को रचनात्मक और रुचिकर बनाना, सक्रिय लाइब्रेरी की स्थापना, टी एल एम एवम गतिविधि के साथ समझ आधारित कक्षा शिक्षण,समूह शिक्षण, प्रत्येक दिन आंकलन , माह के अंत में विद्यार्थी विकास सूचकांक पंजी का संधारण कर कमजोर बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षण पर विशेष जोर देने का निर्देश सह सुझाव दिया गया।
खुशनुमा माहौल में किये गए इस सन्युक्त मॉनिटरिंग की चर्चा शिक्षकों के बीच सकारात्मक ढंग से हो रही है। आने वाले दिनों में भी इस तरह की मॉनिटरिंग खड़मा तथा सिंगपुर संकुल के विद्यालयों में की जाएगी जिसका परिणाम प्रेरणादायी होगा।