महासमुन्द
शासन स्तर का मामला कब तक सुलझेगा नहीं पता-जिला शिक्षा अधिकारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 जनवरी। महासमुंद जिले के स्कूलों में मिड डे मील बंद हो जाने की वजह से बच्चों को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सूखा आहार व्यवस्था जैसे मुर्रा, मिक्चर, बिस्कुट ही दिया जा रहा है। जिला शिक्षा विभाग से भी यही निर्देश दिया गया है। वहीं दूसरी ओर स्कूल के शिक्षकों ने भी बच्चों को अपने घरों से टिफि न लाने को कहा है। ऐसे में कुछ बच्चे अपने घर से टिफिन लेकर भी आ रहे हैं। लेकिन जो बच्चे अपने घरों से टिफिन नहीं ला सकते उनके लिए ये व्यवस्था किसी मुसीबत से कम नहीं है।
इस तरह महासमुंद जिले में नए साल के साथ ही नौनिहालों को भूखे पेट पढ़ाई करने की नौबत आ गई है। यहां पहली ही तारीख से स्कूलों में मिड डे मील बंद हो गया है। अब बीते 4 महीनों से रसोइयों को भुगतान ना मिलने की वजह से यहां के करीब 8 हजार रसोइये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। बच्चों को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सूखा आहार दिया जा रहा है। इस समस्या पर जिला शिक्षा अधिकारी मीता मुखर्जी ने कहा कि ये मामला शासन स्तर का है। यह कब तक सुलझ पाएगा, कि कह पाना मुश्किल है। लेकिन जैसे ही फंड आएगा, हम इनका मानदेय वितरित कर देंगे।
इस बारे में वहीं जिला रसोई संघ की अध्यक्ष राधा साहू ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक हमारे खाते में हमारे मानदेय का पैसा नहीं आएगा, हम हड़ताल पर डटे रहेंगे। पहली ही तारीख से स्कूलों में मिड डे मील बंद हो गया है। शिक्षकों ने घर से टिफिन लाने को कहा है।