महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 जनवरी। कम जमीन को कूटरचना कर अधिक बताकर बेचने के एक मामले में कल पुलिस ने परिवादी विशाल चंद्राकर ग्राम खरोरा की रिपोर्ट पर अभियुक्त ललीत कुमार माहेश्वरी एवं अन्य निवासी तुमगांव मार्ग के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया है। न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को अपराध दर्ज करने के आदेश दिये थे। पुलिस एफआईआर के मुताबिक कुछ माह पूर्व ही परिवादी विशाल चंद्राकर (76 वर्ष) ने ललीत कुमार माहेश्वरी पिता जीवन लाल के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत किया था।
पुलिस के अनुसार परिवादी के नाम पर ग्राम खरोरा पटवारी ह.न. 36 रा नि म बरोंडाबाजार में खसरा नंबर 1319(तेरह सौ उन्नीस) रकबा 0.01 हेक्टेयर भूमि स्थित है जो कि परिवादी की पैतृक संपत्ति है तथा परिवादी के पिता फिरतु के नाम पर 1992 के राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। उक्त भूमि पुराना खसरा नंबर 328 बटे 1 का भाग है।
ग्राम खरोरा पटवारी हल्का नंबर 36 राजस्व निरीक्षक मंडल तहसील व जिला महासमुंद में खसरा नंबर 1320 रकबा 0.03 हैक्टेयर भूमि भी स्थित है जो कि पूर्व में 328बटे 1 का टुकड़ा था जिसे खसरा नंबर 1320 के रूप में परिवर्तित किया गया, जो खसरा नंबर 1320 के सपूर्ण रकबा 0.03 हेक्टयर नाम गोरेलाल वल्द चन्दूलाल चन्द्राकर के नाम पर दर्ज रही। पंजीकृत विक्रय विलेख के माध्यम से दिनांक 31 अक्टूबर 2002 को भंवर लाल चन्द्राकर वल्द चन्दू लाल चन्द्राकर एवं नत्थु लाल साहू वल्द राम खिलावन साहू के द्वारा इसे क्रय किया गया था।
उक्त भूमि के एक क्रेता भंवर लाल चन्द्राकर की मृत्यु हो जाने के बाद उनके वारिसानों का नाम संयुक्त रूप से सह. स्वामी नत्थु लाल साहू के साथ राजस्व अभिलेखों में खसरा नंबर 1320 रकबा 0.03 हैक्टेयर भूमि के लिये दर्ज किया गया। जिसके बाद उक्त भूमि संयुक्त रूप से सुधीर कुमार चन्द्राकर, सन्दीप कुमार चन्द्राकर, भारती चन्द्राकर एवं रेखा चन्द्राकर के तथा नत्थु लाल साहू के नाम पर दर्ज हुई। जिसे कि उपरोक्त सभी द्वारा खसरा नंबर 1320 के संपूर्ण रकबा 0.03 हैक्टेयर को अभियुक्त ललित कुमार माहेश्वरी के नाम पर बेचा गया।
इसके बाद खसरा नंबर 1320 रकबा 0.03 हेक्टेयर भूमि को ललित कुमार माहेश्वरी के नाम पर दर्ज किया गया। खसरा नंबर 1320 की भूमि का कुल क्षेत्रफल 0.03 हैक्टेयर होता है जो कि वर्गफिट में 3229 वर्गफीट होती है। किन्तु अभियुक्त ललित कुमार माहेश्वरी ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर 21 दिसंबर को राजस्व मामला क्रमांक 17 अ 2 वर्ष 2004-05 में खसरा नंबर 1320 का क्षेत्रफल अवैधानिक तरीके से बगैर किसी आधार अथवा दस्तावेज के खसरा नंबर 1320 की भूमि का क्षेत्रफल 5720 वर्गफीट बताकर उसका डायवर्सन करा लिया।
जबकि अभियुक्त के खाते में खसरा नंबर 1320 की भूमि का क्षेत्रफल कभी भी 5720 वर्गफीट नहीं रहा है। उसके द्वारा खसरा नंबर 1320 की भूमि खरीदे जाते समय उसका रकबा 0.03 अ हैक्टेयर था जो कि वर्गफीट में 3229 होती आ है। इस प्रकार अभियुक्त के द्वारा षडय़ंत्र से करते हुये कुल रकबा 5720-3229, 2491 वर्गफीट भूमि बढ़ाकर अपने नाम दर्ज करा ली। जबकि मौके पर उक्त भूमि स्थित ही नहीं है।
राजस्व अभिलेखों में तत्कालीन तहसीलदार द्वारा उक्त भूमि मोना चावला के नाम पर दर्ज कर दिया गया है तथा परिवादी की भूमि खसरा नंबर 1319 के संपूर्ण क्षेत्रफल 0.01 हेक्टेयर को कब्जा कर उसे अपनी अन्य भूमि के साथ बाउंड्रीवाल में घेर लिया गया है। उक्त जानकारी परिवादी को दिसंबर 2021 में होने के बाद उसके द्वारा व्यवहार न्यायालय महासमुंद में मोना चावला एवं सुरिन्दर सिंह चावला के विरूद्ध खसरा नंबर 1319 की भूमि रकबा 0.01 पर अपना स्वत्व घोषित किये जाने तथा स्थायी निशेधाज्ञा एवं कब्जा का दावा प्रस्तुत किया गया है,जो अभी लंबित है।