जशपुर

जिला को स्वस्थ देश और सिकल सेल मुक्त बनाने की दिशा में मिशन मोड में कार्य
05-Feb-2024 3:44 PM
जिला को स्वस्थ देश और सिकल सेल मुक्त बनाने की दिशा में मिशन मोड में कार्य

प्रतिदिन 20 हजार का लक्ष्य, शत-प्रतिशत सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जशपुरनगर, 5 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन के शुभारंभ के बाद से ही देश को सिकल सेल एनीमिया मुक्त बनाने की दिशा में कार्य लिया जा रहा है। मिशन का लक्ष्य वर्ष 2047 तक लाल रुधिर कोशिका रक्तहीनता को खत्म करना है। ऐसे में इस मुहीम में जशपुर जिला भी बेहतर योगदान दे रहा है।

 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में जिले में लक्ष्य के अनुरूप सिकलिंग की 100 फीसदी स्क्रीनिंग  की जा चुकी है। जिला में प्रतिदिन 20 हजार का लक्ष्य रखा गया। जशपुर जिला प्रशासान और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयासों और जिले की जनता के जागरुकता और सहयोग से सिकल सेल  की स्क्रीनिंग का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। इसके लिए स्क्रीनिंग पूर्व कार्ययोजना बना कर मानव संसाधनों द्वारा यह कार्य को बेहतर ढंग से अंजाम दिया गया ।

सिकल सेल एनीमिया ब्लड की कमी से जुड़ी एक बीमारी है। ये एक जेनेटिक डिसॉर्डर है जिसमें रेड ब्लड सेल्स प्रभावित होते हैं। रेड ब्लड सेल्स का साइज और शेप बदलने लगता है, जिससे ब्लड वेसेल्स ब्लॉक होने लगती हैं। आनुवंशिक रोग होने के चलते शरीर में खून भी सही तरह से नहीं बनता। खून की कमी के चलते यह बीमारी किडनी, स्पिलीन और लिवर जैसे शरीर के दूसरे अंगों को भी डैमेज करने लगती है। जशपुर जिले में निर्धारित तिथि के आधार पर विभिन्न गांवों  में उक्त शिविर का आयोजन करते हुए 0 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की सिकल सेल एनीमिया की जांच की गई।

 जांच में पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को डॉक्टर्स के द्वारा उचित दवा एवं काउंसलिंग की गई। उल्लेखनीय है कि जिले में सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन तहत शत-प्रतिशत परीक्षण किया जा चुका है।

इस मिशन का लक्ष्य न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी को सिकल सेल एनीमिया से बचाना है बल्कि आने वाले भविष्य को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और इस तरह की बिमारियों से दूर रखना है। जिसके चले  बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल टीम यह सुनिश्चित कर रहा  है  कि बच्चे को बचपन में सभी अनुशंसित टीकाकरण मिले। इनमें निमोनिया, मेनिनजाइटिस, हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीके और एक वार्षिक फ्लू शॉट शामिल हैं। सिकल सेल एनीमिया वाले वयस्कों के लिए भी टीके महत्वपूर्ण हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए कार्य किया जा रहा है।

सिकल सेल एनीमिया से पीडि़त बच्चों को लगभग 2 महीने से लेकर 5 साल या उससे अधिक उम्र तक पेनिसिलिन मिल सकता है। यह दवा निमोनिया जैसे संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है, जो सिकल सेल एनीमिया वाले बच्चों के लिए जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

जिन वयस्कों को सिकल सेल एनीमिया है, उन्हें जीवन भर पेनिसिलिन लेने की आवश्यकता हो सकती है यदि उन्हें निमोनिया हुआ हो या प्लीहा को हटाने के लिए सर्जरी हुई हो। सभी बच्चों में बीमारी की रोकथाम के लिए बचपन में टीकाकरण महत्वपूर्ण है। सिकल सेल एनीमिया से पीडि़त बच्चों के लिए टीकाकरण और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका संक्रमण गंभीर हो सकता है। जशपुर जिले में संचालित अभियान के दौरान आमजनों को उचित दवाई  और जानकारियां दी गई। मुहीम का एक ही उदेश्य है कि जशपुर स्वस्थ और सिकल सेल मुक्त बने।

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