रायपुर

कोटवार बेच रहे जमीन, अवैध प्लाटिंग भी
14-Feb-2024 6:48 PM
कोटवार बेच रहे जमीन, अवैध प्लाटिंग भी

ग्रीन लैंड के आवासीय प्रयोजन की 19 शिकायतें, पर कार्रवाई की जाएगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 14 फरवरी। प्रदेश में कोटवारों को दी जाने वाली सेवा भूमि  बेचे जाने का मामला सामने आया है। विधायक द्वारिकाधीश यादव के एक प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने स्वीकार किया कि कोटवारों ने सेवा भूमि बेची है।

विधायक यादव ने पूछा था कि छतीसगढ़ में कोटवारों को प्रदत्त भूमि को किस वर्ग में रखा गया है ? उन्हें किस भूमि का भूस्वामित्व प्रदान किया गया है? क्या कोटवारों को प्राप्त भूमि का विक्रय हस्तान्तरण का नियम है? यदि हां तो किस वर्ग/प्रकार की भूमि का ? क्या खल्लारी विधान सभाक्षेत्रान्तर्गत कोटवारों द्वारा शासन से प्राप्त भूमि का विक्रय-हस्तान्तरण किया गया है ? यदि हां, तो संख्या व रकबा बतायें?इस पर राजस्व मंत्री ने वर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोटवारों को प्रदत्त भूमि को सेवा भूमि (शासकीय भूमि) वर्ग में रखा गया है। कोटवारों को सेंवा भूमि का भूमिस्वामित्व प्रदान नहीं किया गया है। खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील बागबाहरा में कुल खसरा 123 कुल रकबा 48.26 हेक्टेयर एवं तहसील कोमाखान में कुल खसरा 33 कुल रकबा 19.93 हेक्टेयर इस प्रकार कुल खसरा 156 कुल रकबा 68.19 हेक्टेयर का विक्रय हस्तांतरण किया गया है। शासन से प्राप्त भूमि का अनियमित रूप से कोटवारों द्वारा विक्रय किये जाने पर छ.ग. शासन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के 10 मार्च 2014 एवं  27.02.2021 के पत्र के द्वारा समस्त कलेक्टरों को कोटवारों द्वारा विक्रय की गई भूमि संबंधी प्रकरणों का परीक्षण किया जाकर कोटवारों को प्रदान की गई भूमि के अभिलेखों में च्च्अहस्तांतरणीयज्ज् शब्द लिखे जाने तथा कोटवारों द्वारा अवैधानिक रूप से विक्रय की गई भूमि के विक्रय विलेख को भी व्यवहार न्यायालय में वाद दायर कर निरस्त कराये जाने का निर्देश प्रसारित किया गया है।इस पर यादव ने कहा कि सरकार स्वीकार कर रही है कि सेवा भूमि बेची गई है।

उन्होंने पूछा कि यह काम पटवार आरआई और तहसीलदार की जानकारी के नहीं हो सकता,तो इन लोगों पर क्या कार्यवाही होगी। मंत्री ने बताया किभूमि वापसी के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि क्रेता-विक्रेता दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसमें अधिकारी- कर्मचारी पर जांच का कोई विषय नहीं रहता है।यादव ने कहा कि यदि ऐसे ही सरकार दोषियों को बचाएगी।तो आगे भी ऐसा होता रहेगा। इस पर मंत्री ने कहा कि जोग भी जिम्मेदार होगा उस पर कार्यवाही करेंगे।

धरसींवा इलाके में कृषि भूमि के बिना परिवर्तन के कॉलोनियां बनाने और उस पर राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई न करने का मामला उठा। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे निर्माण, पूर्ववर्ती शासनकाल में 5 डिसमिल भूमि को लेकर दी गई छूट के दुरूपयोग का उदाहरण है ।

भाजपा के अनुज शर्मा ने प्रश्न काल में कहा कि वर्ष 2021-23 तक धरसींवा में बड़े पैमाने पर कृषि भूमि को बिना परिवर्तित कर अवैध प्लाटिंग कर  कॉलोनियां बनाई गई। ऐसे अवैध निर्माण रोकने क्या कार्रवाई की गई। मंत्री वर्मा ने कहा कि धरसींवा के रायपुर अनुभाग में 14, तिल्दा में 5 मामले हैं। 6 फरवरी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। इस पर अनुज ने कहा कि  मेरे पास तीन शिकायतें मिली हैं। और आप एक भी न मिलने की बात कह रहे हैं। इनमें ग्रीन लैंड को आवासीय प्रयोजन के लिए दिया गया। क्या जांच कराएंगे। मंत्री वर्मा ने कहा कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है। ग्राम पंचायत, एस डी एम,कलेक्टर और नगरीय क्षेत्र में आयुक्त जिम्मेदार अधिकारी होते हैं। शिकायते हैं तो कार्रवाई कर विधायक को अवगत करा दिया जाएगा।

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