जशपुर
लापरवाही का आरोप, सडक़ पर शव रख चक्काजाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 23 अप्रैल। सोमवार को सिविल अस्पताल में बिजली की आंख मिचौली और अस्पताल में इमरजेंसी बिजली की अनुपलब्धता से 40 वर्षीय युवा की डायलिसिस नहीं होने के कारण असमय मौत हो गई और परिजनों ने बिजली विभाग और सिविल अस्पताल के ऊपर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही विधायक गोमती साय सिविल अस्पताल पहुंची। और अस्पताल प्रबंधन के ऊपर नाराज हुई। तथा बीएमओ को कहा पहले से ही जनरेटर क्यों ठीक नहीं किया गया। इस तरह की व्यवस्था से काम नहीं चलेगा अस्पताल में लोगों को को पूरी सेवा, समय रहते क्यों नहीं मिल रहा है। आखिर शासन इतना खर्चा कर रहा है। आम लोगों को बेहतर सुविधा क्यों नहीं दी जा रही इस तरह की लापरवाही नहीं चलने वाली।
डायलिसिस में बिजली की इमरजेंसी उपलब्धता नहीं होने से ऋषिकेश की मौत पर कलेक्टर रवि मित्तल से तत्काल फोन कर अस्पताल की व्यवस्था को तुरंत ठीक करने कहा। उन्होंने कहा कि अस्पताल की हालत देख कर मुझे अस्पताल में घुसने का मन नहीं करता है। अस्पताल में लोगों को सभी सुविधा समय से क्यों नहीं मिल रहा है। साथ ही कलेक्टर से डायलिसिस में हुई ऋषिकेश बारीक की मौत पे विभागीय जांच कर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने कहा।
उन्होंने कलेक्टर से सिविल अस्पताल जाकर व्यवस्था बेहतर बनाने को कहा। अस्पताल में मौजूद परिजनों से ऋषिकेश की मौत पर अफसोस जताया कहा हम इसकी पूरी जांच करवाएंगे और कार्रवाई भी करेंगे। सोमवार की सुबह बिजली की हर दस मिनट में गोल होने के कारण और अस्पताल में बिजली की अतिरिक्त उपलब्धता नहीं होने के कारण 40 वर्षीय युवा ऋषिकेश बारीक की हो गई।
डॉक्टर शेखर ने बताया कि मुझे पेशेंट को देखने बुलाया गया था पर मेरे आने से पहले धडक़न और सांस रुक चुकी थी जिसके बाद सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की गई पर उन्हें नहीं बचाया जा सका।
डायलिसिस टेक्नीशियन मनोज कुमार ने बताया कि सुबह पेशेंट को 9 बजे असपताल डायलिसिस के लिए लाया गया था पर बिजली के लगातार गोल होने के कारण डायलिसिस नहीं कर पाए हर 10 से 15 मिनट में बिजली गोल हो रही था, जिसके कारण डायलिसिस नहीं हो सका।
डायलिसिस में कार्य करने वाले कर्मचारी के द्वारा बताया गया कि जनरेटर पहले से ही खराब था जिसकी बात ऋषिकेश के घर वालों को बता दिया गया था। डॉ मिंज ने बताया कि अस्पताल का जनरेटर चालू करने की कोशिश की गई पर चालू नहीं हो पाया।
महाकुल समाज के पदाधिकारि रवि यादव ने बताया कि सिविल अस्पताल पत्थलगांव में डायलिसिस समय पर नहीं होने से एक 40 वर्षीय युवा को असमय मौत हो गई, जिसमें पत्थलगांव के बिजली विभाग के 22 अप्रैल को सुबह से लगातार बिजली के गोल होते रहने एवं पत्थलगांव सिविल अस्पताल में बिजली की कोई इमरजेंसी उपलब्धता नहीं है। जो गम्भीर लापरवाही का मामला है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन यादव ने बताया कि बिजली विभाग के द्वारा लगातार बिजली गोल होने एवं सिविल अस्पताल में लाइट की कोई अतिरिक्त ब्यवस्था नहीं होने से एक युवा की मौत हो गई जबकि जशपूर जिले से मुख्यमंत्री है। और फिर भी सरकारी विभागों के द्वारा इस तरह की लापरवाही होना समझ से परे है बिजली विभाग और सिविल अस्पताल में जिम्मेदारी नाम की कोई बात नहीं दिख रहा है।
एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी से बिजली के लगातार गोल होने एवं अस्पताल में इमरजेंसी में जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऋषिकेश बारीक की मौत हो गई, जो गम्भीर लापरवाही है। एसडीएम ने बताया कि अस्पताल में इमरजेंसी बिजली की व्यवस्था होनी ही चाहिए। बिजली विभाग द्वारा लगातार बिजली गोल होने एवं अस्पताल में जनरेटर खराब होने की जांच की जाएगी जिसकी भी लापरवाही सामने आती है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी।
मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही व लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर एफआईआर की मांग को लेकर एन एच 43 पर चक्का जाम कर दिया मौके पर प्रशासन के तहसीलदार व पत्थलगांव एसडीओपी ने पहुंच कर समझाइए दी व चक्का जाम खुलवाया।