जशपुर
पीडि़त परिवार से मिलने पहुँची डॉ. मेनका देवी सिंह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुर, 26 अप्रैल। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले में बगीचा के रूपसेरा गांव में एक दलित परिवार का मकान तोडऩे प्रशासन का पूरा अमला खड़ा था। उक्त घटना के दौरान मकान में आठ महीने की गर्भवती महिला भी थी, लेकिन महिला तहसीलदार अधिकारी ने भी चुप्पी साध ली।
यह ताजा मामला जशपुर जिले के बगीचा जनपद के रूपसेरा ग्राम का है, जहां रूपसेरा में सूखे राम पिता टुनिया बांस के छोटे मोटे टोकरी वगैरह बनाकर जीविका उपार्जन करता था।
24 अप्रैल की दोपहर को तहसीलदार नोटिस लेकर पहुंची, और गरीब के परिवार के महिलाओ और बच्चों के घर के अंदर आराम करते रहते ही जेसीबी चलवा दिया। सबसे दुखद तो यह है कि सूखे राम की पत्नी जो आठ माह की गर्भवती थी, जो अपने बच्चों के साथ मकान के अंदर ही थी, और तभी तहसीलदार ने घर को भेजा कब्जा कहकर जेसीबी चलवा दिया।
इस दलित गरीब परिवार का कहना है कि उसका इस जमीन पर पीढिय़ों से कब्जा है, जिसके परदादा को इसका पट्टा भी मिला हुआ था, पर किसी दबंग के द्वारा फर्जी रजिस्ट्री बताकर इस जमीन को कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी, जब आबंटन की जमीन विक्रय और रजिस्ट्री नहीं हो सकती तो कैसे विक्रय हुआ। और उस बेस पर पट्टा कैसे निरस्त कर दिया गया, और वर्षों से काबिज हमारी भूमि को बेजा कब्जा बताया जा रहा है।
परिवार वालों का कहना यह भी है कि पांच दिन पूर्व जो अब जमीन को अपना बता रहा है, 5 लाख रुपया लेकर आया था कि कब्जा छोड़ दो, जब हम नही माने तो तहसीलदार द्वारा सरकारी जमीन बताकर हमारे परिवार के घर मे अंदर रहते ही जेसीबी चलवा दिया।
मामले की जानकारी मिलने पर रायगढ़ लोकसभा प्रत्याशी डॉ मेनका देवी सिंह पीडि़त परिवार से मिलने बगीचा पहुँची और उन्हें सांत्वना दिया। साथ ही यह आश्वासन दिया कि वो पीडि़त परिवार की हर संभव मदद करेंगी।