धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 2 मई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने एक भाषण में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को गैर संवैधानिक शब्द से संबोधित किया है। समाज के लोगों ने इसे अपना अपमान बताते हुए इसकी निंदा की है।
धमतरी जिला सतनामी समाज के पदाधिकारी परमानंद कुर्रे, राजा बंजारे, शंकर रात्रे, तेजेश्वर कुर्रे. डॉ. रोहित कुर्रे, रमेश भतपहरी , रूपेश बघेल, तोरण अनीश्वरी, विष्णु टंडन आदि ने संबंधित वीडियो क्लिप के साथ लिखित बयान जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में अनुसूचित जाति वर्ग को अपमानित करने कोर्ट ने जिस शब्द के बोलने लिखने और कहने पर प्रतिबंध लगा चुका है जिसे असंवैधानिक घोषित किया है का प्रयोग किया है।
मुख्यमंत्री के मुंह से प्रतिबंधित शब्द कहे जाने पर सतनामी समाज के लोगों ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संविधान नहीं पढ़ते बल्कि धर्म ग्रंथों का अध्ययन करते हैं। उनके द्वारा उपयोग में लिए गए शब्द कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित है। संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री को इस बात का ज्ञान होना चाहिए।
सतनामी समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री संसद भवन के अंदर कह चुके हैं कि उन्हें आरक्षण कतई पसंद नहीं है, तो मुख्यमंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं? बयान में आगे कहा गया है कि देश में कई जगह दलितों को मंदिर के प्रवेश करने पर फांसी पर लटका दिया जा रहा है, घड़े से पानी लेने पर मासूम की हत्या कर दी गई, मूंछ रखने पर एक दलित युवक को जान से मार डाला, युवक के मुंह में जबरन पेशाब करना, बलात्कार करके आधी रात को मनीषा वाल्मीकि की लाश जला दी गई, घोड़ी से दूल्हा को खींचकर उतार दिया जा रहा है, नई दुल्हन का शारीरिक शोषण करने खींचकर घर से ले जाया जा रहा है, इस तरह से देश में हर रोज दलितों पर कितने ही अत्याचार हो रहे हैं, इस पर सत्ता पक्ष के नेता बात क्यों नहीं करते। सतनामी समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के कथन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसके लिए माफी मांगने की मांग की है।