रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 मई। आईएमए ने डाक्टरों और अस्पतालों पर होने वाले हिंसा के खिलाफ एक मजबूत केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है। एसोसिएशन ने अपने सुझाव को साझा करते हुए कहा है कि अस्पताल एवं स्वास्थ देखभाल संस्थानों को हिंसा मुक्त सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने की अनुशंसा करता है। चिकित्सा की सभी विधाओं की अपनी स्वयं की विशेषता एवं विशेषज्ञता है। सभी चिकित्सा पद्धतियों का आपस में घालमेल , मरीजों के साथ खिलवाड़ होगा, इसलिए ढ्ढ रू्र मरीजो के स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु विभिन्न पद्धतियों के मिश्रण को रोकने की मांग करता हैं।
आज एक पत्रकारवार्ता में आईएएम अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी और सचिव डॉ. नितिन जुनेजा ने कहा 50 बिस्तरों तक के छोटे और मध्यम अस्पतालों और क्लीनिकों को क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट अधिनियम, से छूट देने की मांग करता है। स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सम्बंधित सेवाओं में जीएसटी लगाना मरीजों पर कर अधिरोपित करने के बराबर है। जीवन रक्षक उपकरणों जैसे की वेंटिलेटर मोनिटर अनिथिस्या उपकरणों में जो की 12प्रतिशत का जीएसटी लगता है वो भी गैरवाजिब है सभी जीवन उपकरणों की बट्री में 28त्न त्रस्ञ्ज लगता है जो की गैरवाजिब है। मशीन अल्ट्रासाउंड मशीन एवं सुगर स्ट्रिप जाच जैसी अति महत्वपूण चीजो ये भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है जो की अनुचित है चिकित्सा उपकरणों की देखभाल रखरखाव मरम्मत में भी त्रस्ञ्ज 18-28प्रतिशत लगता है। दवाओं आक्सीजन एवं डिस्पोजेबल्स में भी 12त्न त्रस्ञ्ज लगता है जो की अनुचित है।