दुर्ग
एनीकट की ऊंचाई बढ़ाने की खबर
दुर्ग, 7 जुलाई । एनीकट की ऊंचाई बढ़ाने की खबर से ग्राम चंगोरी एवं भरदा के ग्रामीण शिवनाथ-तांदुला संगम में स्थापित प्राचीन शिवलिंग के इसके डूबान में डूब जाने की आशंका से चिंतित है। उन्हें इस बात की डर है कि इससे कहीं चंगोरी-भरदा मेला का अस्तित्व भी खतरे में न पड़ जाए। ग्रामीणों ने विकास के साथ उक्त शिवलिंग को संरक्षित करने शासन प्रशासन से मांग की है।
शिवनाथेश्वर मंदिर समिति भरदा चंगोरी के तुलसीराम देशमुख ने बताया कि 60 के दशक में तीन तरफ से शिवनाथ नदी से घिरे चंगोरी गांव के निवासी स्व. भीषम लाल देशमुख के नेतृत्व में समीपस्थ गांव भरदा के दाऊ उदेराम भारदीय सहित आलबरस, खाड़ा आदि गांवों के अन्य मित्रों के साथ प्रसिद्ध शिवनाथ तांदुला संगम तट पर शिवलिंग की स्थापना की थी। स्थापना के तुरंत बाद आई भीषण बाढ़ से मंदिर के बगल से सैलाब ने नई धारा बना ली और यह मंदिर नदी के बीच टापू में आ गया। जल्द शिवलिंग वाला चबूतरा बीच नदी में समा गया, लेकिन कभी भी यह पूर्णतया न तो डूबा और न ही अपने स्थान से इंच भर भी सरका। उसी समय इसे नदी से उठाकर किनारे लाने की कई कोशिशें हुईं पर किसी अज्ञात कारण से संभव ही नहीं हुआ।
हर शिवरात्रि पर स्थापना के दिन से भरने वाले वाले यहां मेले ने तभी से बड़ा रूप ले लिया। इसकी भारी प्रसिद्धि के कारण महाशिवरात्रि के दिन भरने वाले ऐतिहासिक और बड़े मेले में चंगोरी भरदा मेला की भी गिनती होती है। सत्तर साल बाद भी यहां भीड़ हर साल बढ़ते जाती है। भरदा बगीचा में मन्दिर समिति ने उसी चबूतरे का जीर्णोधार करा कर मेले का अस्तित्व और शिवलिंग दर्शन को और भी सुलभ बनावाने की भरसक कोशिशें की है, लेकिन मूल मंदिर आज भी उसी जगह बीच नदी में विद्यमान है।
श्री देशमुख का कहना है कि पहले से कम ऊंचाई पर बने समीप के चंदखुरी एनीकट की ऊंचाई बढ़ाने की खबर से चंगोरी, भरदा सहित आसपास के ग्रामीण चिंतित हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से मंदिर के अस्तित्व और पहचान इस ऐतिहासिक शिवनाथेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग के चबूतरे को बचाने की पहल करने की अपील की है। उनका कहना है कि महाशिवरात्रि के समय पानी कम होने से दर्शनार्थी नाव से जाकर या तैरकर इस प्रसिद्ध शिवलिंग की पूजा करते हैं। वहीं भरदा बगीचा में पूजा अर्चना दर्शन की अभिलाषा लेकर अपनी धार्मिक भावना से साल भर लोग यहां पहुंचते हैं। स्व. भीषम देशमुख से जुड़े पारिवारिक समूह और स्थानीय जागरूक नागरिकों ने पिछले दिनों, मेला स्थल भरदा बगीचा पर इक_ा होकर, बच्चों महिलाओं ने कमर तक पानी पार कर बीच नदी में स्थित शिवलिंग की पूजा की। इसमें मंदिर निर्माण से जुड़े और बाद में स्थानीय नागरिकों के प्रयासों को याद किया और संकल्प भी लिया कि शासन-प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराकर इसे संरक्षित करेंगे।
इस दौरान लाखेश्वर देशमुख, प्रशांत, संतोष एवं मनहरण देशमुख, दानेश्वर प्रसाद, टेसू राम, कोमल प्रसाद आदि मौजूद थे।