बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 26 सितंबर। क्या राज्य में शासन पर प्रशासन भारी है या नौकरशाह बेलगाम है जो मंत्री-मुख्यमंत्री के आदेश को दरकिनार कर जांच की आंच में अपनी खिचड़ी पका रहे हैं। बेमेतरा जिले में पूर्व राज्य सरकार द्वारा स्कूल जतन योजना के तहत लगभग एक अरब की राशि जर्जर स्कूल भवनों के मरमत, अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए जारी की गई।
फर्जीवाड़ा की शुरुआत स्टीमेट से हुई और निर्माण में अनियमितता का पूरा रंग चढ़ गया। सत्ता परिवर्तन के बाद 8 जनवरी 2024 को राज्य में इस गंभीर मुद्दे पर मंत्री दयालदास बघेल मुखर हुए और जिला मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में नवागढ़ विधानसभा में स्कूल जतन योजना एवं खनिज न्यास से जारी राशि से हुए कार्यों के जांच के निर्देश दिए।
कलेक्टर बेमेतरा ने 13 जनवरी को तहसीलदार नवागढ़ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल बनाकर जांच का आदेश दिया। 25 जून को 42 स्कूल भवनों की जांच कर नवागढ़ तहसीलदार विनोद बंजारे, पीडब्ल्यूडी साजा के एसडीओ रमेश शर्मा एवं प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के ईई आनंद शर्मा ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय में जमा कर दी। इस बीच एक जुलाई को विभागीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्कूल जतन योजना के कार्यों के जांच के निर्देश दिए। आठ जुलाई को सचिव स्कूल शिक्षा सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने राज्य के सभी कलेक्टर को पत्र भेजकर पन्द्रह दिन में जांच रिपोर्ट तलब की। यदि मंत्री दयालदास बघेल के निर्देश तिथि को देखे तो पूरे नौ माह हो चुके हैं। मुख्यमंत्री साय के निर्देश को तीन महीने होने में नौ दिन बाकी है। नवागढ़ से एक जांच रिपोर्ट एसडीएम ने भी दिया है। पूरे जिले में जिस स्कूल में जांच अधिकारी चाहे उस स्कूल में अनियमितता मिलेगी पर फर्जीवाड़ा करने वालों को बचाने पूरा जिला प्रशासन जुटा है जिसका नतीजा यह की आज तक एक इंजीनियर का निलंबन तक नहीं हुआ। नवागढ़ मुख्यालय में तिलका पारा स्कूल में आधी राशि का भी उपयोग नहीं हुआ यदि कलेक्टर साहब नगर पंचायत क्षेत्र को देख लेते तो आज तस्वीर कुछ और होता।
निर्माणाधीन भवन की नहीं की जा रही तराई
जिस स्थान पर मानवता मौन हो उस स्थान पर पत्थर बोलने लगते हैं। ग्राम देवरी में स्कूल की सजावट के फूल सुख भी नहीं पाए थे प्लास्टर भर भराकर गिरने लगे।
लोर पर लगे टाइल्स सुरसा की तरह मुंह खोल कर व्यवस्था को आइना दिखा रहे हैं तो ग्राम बेलटुकरी में स्कूल भवन निर्माण में तराई भगवान भरोसे है। यदि सच्चाई देखना है तो खिडक़ी दरवाजे का वजन स्टीमेट भुगतान, बिजली कार्य, पुट्टी रंग के साथ आठ लाख के भवन में पच्चीस लाख की मरमत की राशि देखी जा सकती है। नगर पंचायत दाढ़ी एवं मारो में गुणवत्ता का दीदार किया जा सकता है। नवागढ़ ब्लाक से अब तक 50 स्कूल की जांच हुई है। फर्जीवाड़ा साफ नजर आ रहा है।