सुकमा

कॉलेज में कई विषय के शिक्षक नहीं, पढ़ाई प्रभावित
27-Sep-2024 10:13 PM
कॉलेज में कई विषय के शिक्षक नहीं, पढ़ाई प्रभावित

बाउंड्रीवाल नहीं, रोज शराब की खाली बोतलें पड़ी रहती हैं...

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोंटा, 27 सितंबर। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड में बुनियादी शिक्षा का हाल पहले से ही बुरा है, वहीं उच्च शिक्षा की स्थिति भी कुछ ऐसे ही है। प्राथमिक स्तर से लेकर कॉलेज तक क्षेत्र के छात्र—छात्राओं को शिक्षकों की कमी से जूझना पड़ रहा है। कॉलेजों में विषयवार शिक्षक नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

कोंटा ब्लॉक के छात्र—छात्राओं को 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने साल 2011 में नए डिग्री कॉलेज की सौगात दी थी। जिसमें आट्र्स, साइंस और कॉमर्स फैकल्टी की सुविधा दी गई। ब्लॉक मुख्यालय में ही नवीन महाविद्यालय की स्थापना करते हुए दावा किया गया कि इलाके के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। साथ ही स्थानीय कॉलेज में पढक़र बच्चे काबिल बनकर क्षेत्र के विकास में सहभागी बनेंगे। लेकिन बीते 13 साल से कॉलेज में मंजूर सेटअप के अनुसार टीचिंग स्टाफ ही नहीं हैं और बिना शिक्षकों के ही कॉलेज संचालित किया जा रहा है।

कॉलेज सेटअप के अनुसार टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ की संख्या करीब 23 की है। जबकि कोंटा डिग्री कॉलेज में 11 ही पदस्थ हैं, जिसमें 3 रेगुलर प्रोफेसर हैं। वहीं प्राचार्य समेत 8 पद रिक्त पड़े हैं। प्रभारी प्राचार्य के भरोसे कॉलेज संचालित किया जा रहा है। कॉलेज में कार्यालयीन कार्य को सम्पन्न कराने 12 पद स्वीकृत हैं। इसके एवज में केवल 3 लोग ही काम कर रहे हैं। शेष पद रिक्त पड़े हैं।

विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा प्रैक्टिकल नॉलेज

कोंटा डिग्री कॉलेज में बनी प्रयोगशालाएं महज औपचारिकता पूर्ण कर रही हैं। इन लैब में विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान नहीं मिल रहा है। विद्यार्थी केवल थ्यौरी ज्ञान ही हासिल कर पा रहे हैं। साइंस फैकल्टी में सीट फूल हैं। इसमें 50 छात्र—छात्राओंं ने एडमिशन लिया है। साइंस के लिए केमेस्ट्री, जूलॉजी और बॉटनी के लैब जरूर हैं लेकिन इनमें प्रयोग करने के लिए न पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही लैब टेक्नीशियन हैं। वहीं भूगोल लैब की भी यही स्थिति है। कॉलेज में कुल 3 लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल एक मात्र लैब टेक्नीशियन कार्यरत हैं।

कॉमर्स मेंं एक भी रेगुलर टीचर नहीं

कॉलेज में कॉमर्स फैकल्टी की टीचिंग व्यवस्था बेहद कमजोर है। इस फैकल्टी में एक भी रेगुलर टीचर नहीं है। कॉलेज की स्थापना के बाद से लगातार कॉमर्स के प्रोफेसर की मांग की जा रही है, लेकिन शासन स्तर पर सुनवाई नहीं होने की वजह से आज पर्यंत कॉलेज में टीचर की व्यवस्था ही नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से कॉमर्स के प्रति बच्चों को इंटरेस्ट कम हो रहा है। इस साल कॉमर्स में महज 12 बच्चों ने ही एडमिशन लिया है।

कॉलेज परिसर, शाम होते ही बन जाता है मयखाना

कोंटा डिग्री कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है। बेपरवाही का आलम यह है कि अब तक बाउंड्री भी नहीं कराई गई है। जिसके चलते शाम होते ही कॉलेज भवन मयखाने में तब्दील हो जाता है। आस—पास के असामाजिक तत्व यहां शराबखोरी करते और पीने के बाद बोतल को वहीं छोड़ कर चले जाते हैं।

प्रतिदिन कॉलेज स्टाफ को अध्यापन कार्य प्रारंभ करने से पहले परिसर में पड़े टूटे बोतल और उसके अवशेषों की साफ—सफाई करनी पड़ती है। बाउंड्री नहीं होने के कारण ऐसे हालात रोज बनते हैं। वहीं कॉलेज के शौचालय में फैल गंदगी से उपयोगिताहीन हैं। छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। 

प्रभारी प्राचार्य सुरेश बाबू का कहना है कि महाविद्यालय में कई विषय के शिक्षक नहीं हैं। शासन स्तर पर कई बार टीचर्स की कमी को पूरा करने के लिए अवगत कराया गया है। सेटअप अनुरूप टीचिंग स्टाफ नहीं होने से शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए शासन की ओर से निर्धारित मानदेय पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई। डिग्री कॉलेज में अध्ययनरत बीए फाइनल ईयर की छात्रा अनामिका  ने कहा कि कॉलेज में टीचरों की कमी हैं  जिससे अध्ययन कार्य काफी प्रभावित हैं। बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण देवालय जैसे जगह पर प्रतिदिन शराब की सेवन किया जाता हैं । इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं ।

 फस्र्ट ईयर के छात्र  राजकुमार ने कहा कि प्रतिदिन हम सभी छात्र-छात्राएं सुबह शराब के खाली बोतल व टूटे  शीशे के टुकड़ों को साफ करने के बाद ही कॉलेज में प्रवेश करते हैं और शौचालय भी खराब है। बिजली कनेक्शन ग्रामीण फीडर से होने के कारण बिजली का आना-जाना लगा रहता हैं, जिससे ऑनलाइन क्लासेस काफी प्रभावित हैं।

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